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टैलेंट साबित नहीं करना चाहतीं बल्कि खुद को चुनौती देना चाहती हैं आलिया

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‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’, ‘हाईवे’ और ‘उड़ता पंजाब’ में भूमिका निभा चुकीं अभिनेत्री आलिया भट्ट एक बार फिर अपनी प्रतिभा दिखाने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग तरह की भूमिकाएं निभा कर वह खुद को चुनौती दे रहीं ना कि अपनी प्रतिभा साबित कर रहीं।

उन्होंने कहा,”ऐसा करना एक सजग प्रयास है, लेकिन मैं एक बहुमुखी प्रतिभा के रूप में खुद को दिखाने की कोशिश नहीं कर रही हूं। मैं सिर्फ खुद को चुनौती देना चाहती हूं। मैंने अलग चीजें और अलग तरह के प्रयोग किए हैं।”

आलिया ने कहा,”मेरा मानना है कि स्टारडम आपके काम से आता है। दूसरे शब्दों में यह कड़ी मेहनत से आता है। कलाकार के तौर पर मैं खुश हूं कि मैं विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं निभाने में सक्षम हूं।”

‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ से अपने करियर की शुरुआत कर चुकीं आलिया को ‘हाइवे’, ‘2 स्टेट्स’, ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनियां’ और ‘कपूर एंड सन्स’ जैसी फिल्मों में अभिनय के लिए सराहा गया है।

‘डियर जिंदगी’ में वह सुपरस्टार शाहरुख खान के साथ एक नए अवतार में दिखाई देंगी।

उन्होंने कहा,”प्रत्येक कलाकार उनके साथ काम करने को उत्साहित है। प्रत्येक के लिए यह सपना सच हो जाने जैसा है। मैं बहुत खुश हूं कि हमने अलग तरह की दिलचस्प फिल्म में साथ काम किया है।”

‘आँखें 2’ के निर्माता गौराग दोषी को मिली कानूनी नोटिस

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2002 में बड़े पर्दे पर अपने सस्पेंस से धमाल मचाने वाली फिल्म ‘आँखें’ का सीक्वल अपनी शुरुआत के पहले ही चर्चा में हैं। दरसअसल, फिल्म ‘आंखें 2’ की घोषणा करने के लिए निर्माता ‘गौरांग दोषी’ के खिलाफ अदालत की अवमानना का एक आदेश जारी किया गया है

गौरांग दोषी ने हाल ही में इस फिल्म को बनाने की घोषणा की थी। गौरांग की इस घोषणा के बाद ‘राजतरु स्टूडियोज लिमिटेड’ के ‘तरुण अग्रवाल’ ने उनपर सवाल उठा दिया है। राजतरु का कहना है कि 2002 में फिल्म रिलीज के बाद ही उन्होंने ‘आँखे’ का अधिकार प्राप्त कर लिया था, जिससे इस फिल्म के सीक्वल बनाने का अधिकार सिर्फ उन्हें ही है। फिर दोषी इस फिल्म को कैसे बना सकते हैं।

हालांकि फिल्म गौरांग दोषी के वकील बॉबी मलहोत्रा ने कहा है ‘गौरांग ने इरोज इंटरनेशल मीडिया को अच्छी खासी कीमत देकर फिल्म का अधिकार खरीदा है।’वकील ने कहा, ‘हमने बाकायदा स्टैम्प पेपर पर एक कानूनी दस्तावेज के साथ और अच्छी खासी कीमत देकर इरोज इंटरनेशनल मीडिया से अधिकार खरीदे थे। आज फिल्म की कॉपीराइट, मीडिया राइट, फिल्म का शीर्षक और फिल्म के अन्य सभी अधिकार हमारे पास हैं।’

2002 में आई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अर्जुन रामपाल, परेश रावल, आदित्य पंचोली, सुष्मिता सेन, बिपाशा बासु जैसे बड़े कलाकार थे। फिल्म में अंधों के एक ग्रुप द्वारा बैंक लूटने की कहानी दिखाई गई थी।

यह पूछे जाने पर कि क्या राजतरु स्टूडियोज लिमिटेड को इस बारे में पता है ? मलहोत्रा ने कहा, ‘उन्हें यह मालूम है, क्योंकि हमने हलफनामे में इसका जिक्र किया है। वे दस्तावेज भी देख चुके हैं।’

फॉक्सवैगन ने भारत में लांच किया Polo का GTI वैरिएंट

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जर्मन की कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन ने पोलो जीटीआई को भारत में लांच कर दिया गया है। आपको बता दें कि यह कार फॉक्सवैगन की 189 बीएचपी पावर जनरेट करने वाली एक परफॉर्मेंस कार है जिसका इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था। फॉक्सवैगन पोलो जीटीआई की कीमत 25.65 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, ठाणे) रखी गई है।

फॉक्सवैगन पोलो जीटीआई के भारतीय मॉडल में 1.8-लीटर TSI इंजन लगा है। जो 189 बीएचपी की पावर और 250Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन को 7-स्पीड DSG से लैस किया गया है। यह कार शुरुआती दौर में टू-डोर वेरिएंट के साथ उपलब्ध होगी, लेकिन डिमांड को देखते हुए कंपनी आने वाले समय में इसके 5-डोर वैरिएंट को भी लांच करेगी। जानकारी के मुताबिक फॉक्सवैगन पोलो जीटीआई 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार महज 7.2 सेकेंड में पकड़ लेती है।

कार की टॉप स्पीड 235 किलोमीटर प्रति घंटे की है। फॉक्सवैगन पोलो जीटीआई में एलईडी हेडलैंप, नया हनीकॉम्ब ग्रिल, नया बंपर, इंटीग्रेटेड स्पवॉयलर, 16-इंच व्हील और डुअल टिप एग्जहॉस्ट सेटअप लगाया गया है। भारत में फॉक्सवैगन पोलो जीटीआई के जरिए एक स्पोर्टी ऑटोमोटिव कार निर्माता कंपनी के तौर पर पहचान बनाने की कोशिश कर रही है।

स्मार्टफोन की बैटरी तो गैस का कुँआ

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स्मार्टफोन का दखल जितनी तेजी से हमारी जिंदगी में बढ़ रहा है उससे भी अधिक तेजी से उनसे जुड़े खतरे बढ़ते जा रहे हैं। एक ताजा अध्ययन के अनुसार, स्मार्टफोन की बैटरी से 100 से अधिक ऐसी खतरनाक गैसें निकलती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। इनसे त्वचा, आंखों और नासिका मार्ग में जलन होने के अलावा पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है

चीन की सिंघुआ यूनिवर्सिटी और अमेरिका के इंस्टीट्यूट ऑफ एनबीसी डिफेंस के शोधकर्ताओं के अनुसार, लीथियम बैटरियों से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड समेत 100 से अधिक खतरनाक गैसों की पहचान की गई है। प्रमुख शोधकर्ता और इंस्टीट्यूट ऑफ एनबीसी डिफेंस की प्रोफेसर जी सन ने कहा कि आजकल दुनियाभर के कई देशों की सरकारें इलेक्ट्रानिक वाहनों से लेकर मोबाइल उपकरणों के लिए लीथियम-आयन बैटरियों को बढ़ावा दे रही हैं। अधिकतर लोग तो यह भी नहीं जानते कि रिचार्ज होने वाले उपकरणों की बैटरी का अधिक गरम होना और घटिया स्तर के चार्जर का उपयोग भी खतरनाक हो सकता है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आम लोगों को ऊर्जा के इस स्त्रोत के पीछे के खतरे के प्रति सचेत किया जाए।

नहीं बच सकते अब सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट करने वाले, आ गई है नई तकनीक?

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अलग अलग फर्जी एकाउंट के जरिये सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणीयों से लोगों को परेशान करने वाले लोगों की अब पहचान हो सकेगी। अमेरिका के सैन एंटोनियो युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास (यूटीएसए) के शोधकर्त्ताओं की ओर से तैयार की गई सांख्यिकीय विधि लेखनी के विभिन्न नमूनों की जांच कर सकती है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोई भी लेखक चाहे जितना अपनी लेखनी के अंदाज को छिपा लें। ये नई विधि इसे पहचान ही लेगी। फर्जी टिप्पणी करने वालों के शब्द चयन, विराम चिह्न और संदर्भों के जरिये उसकी पहचान की जा सकती है। यही नहीं चाहे कोई भी टिप्पणी एक व्यक्ति या उससे ज्यादा ने भी लिखी हो।

लिखने वाले की पहचान करने में ये विधि सक्षम होगी। शोधकर्त्ताओं ने ऑनलाइन पर ऐसे लोगों की लेखनी का पता लगाया जो सबसे ज्यादा टिप्पणी करते हैं।

अगर आपका स्मार्टफोन ज्यादा गर्म रहा तो इसको हल्के में नहीं ले

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आजकल स्मार्टफोन की बैटरी के गर्म होने और और फिर आग लगने की खबरें आ रही हैं। अगर स्मार्टफोन का तापमान बहुत बढ़ जाता है तो ऐसा हो सकता है। अगर बहुत ज्यादा ग्राफिक वाले गेम और एक साथ कई ऐप चलाएंगे तो स्मार्टफोन गर्म हो जाता है। ऐसी स्थिति में उसके प्रोसेसर को बहुत ज्यादा काम करना पड़ता है। इससे उसका तापमान बढ़ जाता है जिसे स्मार्टफोन के अंदर लगा कूलिंग सिस्टम तुरंत ठंडा नहीं कर पाता है। इसलिए उस पर ध्यान रखना बहुत जरूरी है

वन प्लस टू में ऐसी परेशानी हुई थी। क्वालकॉम के स्नैपड्रैगन प्रोसेसर में भी कुछ परेशानी हुई थी। प्रोसेसर की परेशानी के कारण भी ये दिक्कत हो सकती है। कभी कभी बैकग्राउंड में डेटा का इस्तेमाल कर रहे ऐप के कारण स्मार्टफोन का तापमान कम होने में भी समय लग सकता है।

स्मार्टफोन के गर्म हो जाने से उसके काम करने की क्षमता घट जाती है। उसके बाद वो धीरे काम करने लगता है और कभी कभी बैटरी भी गर्म होने लगती है जिसके बारे में आप कुछ नहीं कर सकते हैं।

महज 9 मिनट का वक्त देकर मोदी ने इस इंजीनियर से 2 घंटे तक जाना था बड़े नोट बंद करने का प्रपोजल

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मोदी सरकार ने मौजूदा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि कुछ हद तक ये कदम अर्थक्रांति संस्थान के प्रपोजल पर विचार से प्रेरित हो सकता है। दरअसल, ऑर्गेनाइजेशन के मेंबर अनिल बोकिल ने कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग की थी। पहले बोकिल को पीएम से मुलाकात के लिए सिर्फ 9 मिनट का वक्त दिया गया था, लेकिन प्रपोजल जानने के बाद पीएम ने इसमें इंटरेस्ट दिखाया और पूरे 2 घंटे तक चर्चा की। रोचक ये कि बोकिल की टीम डेढ़ साल पहले राहुल गांधी से भी मिलने गई थी। राहुल ने टीम को सिर्फ 10 से 15 सेकंड का वक्त दिया था। प्रपोजल में क्या थे सुझाव…
– इंपोर्ट ड्यूटी छोड़कर 56 तरह के टैक्स वापस लिए जाएं। बड़ी करेंसी 1000, 500 और 100 रुपए के नोट वापस लिए जाएं।
– सभी तरह के बड़े ट्रांजेक्शन सिर्फ बैंक से जरिए चेक, डीडी और ऑनलाइन हों।
– कैश ट्रांजेक्शन के लिए लिमिट फिक्स की जाए। इन पर कोई टैक्स न लगाया जाए।
– सरकार के रेवेन्यू जमा करने का एक ही बैंक सिस्टम हो। क्रेडिट अमाउंट पर बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स (2 से 0.7%) लगाया जाए।
प्रपोजल के खास प्वाइंट
– फिलहाल देश में 2.7 लाख करोड़ का बैंकिंग ट्रांजेक्शन रोज होता है। सालाना 800 लाख करोड़।
– सिर्फ 20% ट्रांजेक्शन बैंक के जरिए होता है। बाकी 80% कैश होता है, जिसे ट्रेस नहीं किया जा सकता।
– देश की 78% आबादी रोज सिर्फ 20 रुपए खर्च करती है। ऐसे में उन्हें 1000 रुपए के नोट की क्या जरूरत।
500 और 1000 के नोट वापस लेने से क्या होगा?
– कैश ट्रांजेक्शन से होने वाला भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म होगा। ब्लैकमनी व्हाइट हो जाएगी या फिर बेकार। 1000 और 500 के नोट कागजी टुकड़े बन जाएंगे।
– प्रॉपर्टी, जमीन, ज्वेलरी और घर खरीदने में ब्लैकमनी के इस्तेमाल से कीमत बढ़ जाती है। मेहनत से कमाई रकम की वैल्यू घट रही है। इस पर फौरन लगाम लगेगी।
– कुछ क्राइम जैसे किडनैपिंग, रिश्वतखोरी, सुपारी लेकर मर्डर पर रोक लगेगी। कैश ट्रांजेक्शन के जरिए आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगेगी।
– कोई भी मंहगी प्रॉपर्टी कैश में खरीदते वक्त रजिस्ट्री में घालमेल नहीं कर पाएगा। जाली नोटों के लेनदेन पर रोक लगेगी।
56 तरह के टैक्स खत्म करने से क्या होगा?
–  नौकरीपेशा लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा होगा और परिवारों की खरीदारी कैपिसिटी बढ़ेगी।
– पेट्रोल, डीजल, एफएमसीजी के साथ सभी कमोडिटीज 35 से 52 फीसदी तक सस्सी होंगी।
– टैक्स भरने का कोई सवाल नहीं होगा तो लोग ब्लैकमनी जमा नहीं कर पाएंगे।
– बिजनेस सेक्टर में उछाल आएगा और लोगों के पास खुद के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इसे लागू करने से क्या फायदा होगा?
– सभी चीजों की कीमत घटेगी, नौकरीपेशा लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा होेगा।
– सोसाइटी की खरीदारी की कैपिसिटी बढ़ेगी। मांग और प्रोडक्शन बढ़ेगा तो कंपनियों में रोजगार बढ़ेगा।
– बैंकों से आसान और सस्ता लोन मिलेगा। इंटरेस्ट रेट घटेगा।
– राजनिती में ब्लैकमनी का इस्तेमाल भी बंद होगा। जमीन और प्रॉपर्टी की कीमत कम होगी।
– व्यापार घाटे को पूरा करने के लिए बीफ एक्पोर्ट की जरूरत नहीं होेगी।
– रिसर्च और डेव्लपमेंट के लिए पर्याप्त धन मौजूद होगा। आसामाजिक तत्वों पर लगाम कसेगी।
राहुल ने दिए सिर्फ 15 सेकंड
– करीब डेढ़ साल पहले मेकेनिकल इंजीनियर बोकिल अपने डेलिगेशन के साथ प्रपोजल लेकर राहुल गांधी से मिलने गए थे। लेकिन घंटों सिक्युरिटी चेक के बाद राहुल ने उन्हें सिर्फ 10-15 सेकेंड का वक्त दिया था।
– ब्लैक कैट कमांडो ने उन्हें प्रपोजल वाली सीडी साथ लेकर जाने की भी इजाजत नहीं दी थी। उन्हें सीडी में ऐसा कोई प्रपोजल नहीं होने का भी शक था। तब राहुल ने सिर्फ इतना कहा था कि प्लीज आप डॉ. मोहन गोपाल से मिल लें, हम पहले इसे देखेंगे। गोपाल राजीव गांधी फाउंडेशन के डायरेक्टर थे।
क्या है अर्थक्रांति?
– यह पुणे की इकोनॉमिक एडवाइजरी संस्था है। जिसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और इंजीनियर शामिल हैं। अर्थक्रांति प्रपोजल को संस्थान ने पेटेंट कराया है।
– संस्थान का दावा है कि यह प्रपोजल ब्लैकमनी, मंहगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, रिश्वतखोरी, आतंकियों की फंडिंग रोकने में पूरी तरह कारगर होगा।

स्कोडा का नया लांच भारत में, जानिए बेहतरीन फीचर्स

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स्कोडा इंडिया ने 2016 रैपिड फेसलिफ्ट भारत में लांच कर दिया है। नई रैपिड 3 वेरिएंट में उपलब्ध होगी एक्टिव, एंबीशन आैर स्टाइल। दिल्ली में इसके पैट्रोल वर्जन की एक्सशोरूम कीमत 8.27 लाख रुपए से शुरू होकर 11.36 लाख रुपए तक होगी। डीजल वर्जन की कीमत 9.48 रुपए से लेकर 12.67 लाख रुपए तक होगी।

कार कंपनी का दावा है कि कार एक्‍स्‍ट्रा कंफोर्ट के साथ पेश किया गया है। बैठने के लिए सीट काफी आरामदायक हैं और उनके आगे पर्याप्‍त स्‍पेस दिया गया है। कार के इंटेरियर में काफी सुधार किया गया है। इंटेरियर को डयूल टोन इंडोनी सैण्‍ड नाम दिया गया है। काले और क्रीम कलर में कार का इंटेरियर काफी लुभावना दिख रहा है। इस कार में ऑटोमेटिक और मैनुअल दोनों गियर हैं। इंबिल्‍ड म्‍यूजिक सिस्‍टम स्‍मार्टफोन से भी कंट्रोल होता है। साथ ही सभी दरवाजों पर पानी की बोतल रखने की सुविधा और ग्‍लास रखने का जगह भी बनाया गया है।

डिजाइनर लुक
कार का बाहरी लुक भी काफी डिजाइनर है। कार की हेडलाइट और टेल लाइट को काफी आकर्षक बनाया गया है। दरवाजा खोलने का हैंडल बॉडी कलर से मैच रखा गया है। पूरी कार काफी सुंदर दिखती है।
बड़ी डिकी
गाड़ी की डिक्की को काफी स्‍पेशियस बनाया गया है। इसमें दो बड़े-बड़े ट्रॉली बैग आसानी से रखे जा सकते हैं।
सेफ्टी फीचर
कार में बैठने वाले दोनों आगे के सवारियों के लिए एयरबैग है। सामने से टक्‍कर होने पर ये एयरबैग ड्राइवर और आगे सवार व्‍यक्ति को गंभीर चोटों से बचाने में सक्षम है।

उत्‍तराखंड: पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट भाजपा में शामिल

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उत्तराखण्ड आन्दोलन के वरिष्ठ नेता व राज्य सरकार में मन्त्री रहे दिवाकर भट्ट भाजपा में शामिल हो गए। वह उत्तराखंड क्रांति दल में भी अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने देहरादून में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के सामने सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा प्रदेश कार्यालय पर आयोजित समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड सहित पूरे देश में भाजपा के प्रति विश्वास की लहर है। उत्तराखण्ड में सभी लोग भाजपा की ओर विश्वास की दृष्टि से देख रहे हैं।
उन्होंने कहा राज्य की जनता कांग्रेस के भ्रष्टाचार से त्रस्त आ चुकी है और वह परिवर्तन का मन बना चुकी है। भट्ट ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग भाजपा में आ रहे हैं और आने के इच्छुक है। हम किसी को न तो टिकट का आश्वासन दे रहे हैं और न ही कोई वायदा कर रहे हैं।
भट्ट ने दिवाकर भट्ट का पार्टी मे स्वागत करते हुए कहा कि इससे पार्टी को और ताकत मिलेगी। दिवाकर भट्ट ने कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय दल से राजनीति शुरू की। उस समय हमें लगता था कि इस प्रकार हम प्रदेश का हित कर सकेंगे।
किंतु क्षेत्रीय दल का विचार भटक गया। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्वतीय राज्यों के प्रति सोच से प्रभावित होकर वह भाजपा में आए हैं

शपथपत्र भराकर निर्दलीय को समर्थन देगा उत्तराखंड विकल्प: लखेड़ा

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मिजोरम के पूर्व राज्यपाल एवं लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एमएम लखेड़ा ने आने वाले विधानसभा चुनाव में ‘उत्तराखंड विकल्प’ के बैनर के साथ मैदान में उतरने की बात कही। कहा कि जनता भाजपा व कांग्रेस से परेशान हो चुकी है। ऐसे में केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा तो शपथ-पत्र देंगे कि विजयी होने पर किसी पार्टी का दामन नहीं थामेंगे। प्रेस क्लब में पूर्व राज्यपाल ने कहा कि गंभीर राजनीतिक हालात के दृष्टिगत हर नागरिक को जिम्मेदारी समझनी होगी। इसी के तहत बीती 23 जुलाई को प्रदेश हित में 22 प्रमुख राजनीतिक दलों व संगठनों को एक छत के नीचे आने को आमंत्रित किया गया था, ताकि बड़े दलों से टक्कर ली जा सके।
लखेड़ा ने कहा कि इसलिए उन्होंने इसकी चिंता छोड़ आगे प्रयास शुरू कर दिए कि अब जनता के हितों की रक्षा कैसे की जा सकती है। इसके तहत उत्तराखंड विकल्प संगठन खड़ा किया गया। यह विस चुनाव में उन निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन देगा जो किसी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो और ईमानदार, चरित्रवान व कर्मठ