अल्मोड़ा के डा. शैलेश उप्रेती ने अमेरिका में किया उत्तराखंड का नाम रोशन

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अमेरिका में हुई 76 वेस्ट एनर्जी प्रतियोगिता में अल्मोड़ा जिले के निवासी वैज्ञानिक-उद्यमी डॉ. शैलेश उप्रेती की कंपनी चार्ज सीसीसीवी (सी4वी) ने 5 लाख डॉलर (करीब 34.2 करोड़ रुपए) का पुरस्कार जीता है।

न्यूयॉर्क राज्य ऊर्जा अनुसंधान और विकास प्राधिकरण की ओर से न्यूयार्क की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण सुधार के विकल्प पर कार्य करने के मिशन को बढ़ावा देने के लिए दुनियाभर की कंपनियों में प्रतिस्पर्धा कराई गई थी। जनवरी में शुरू हुई प्रतियोगिता 8 चरणों में हुई और 6 अक्तूबर को पुरस्कार की घोषणा हुई थी। 30 नवंबर को न्यूयॉर्क में लेफ्टिनेंट गवर्नर कैथलीन होचूल ने डॉ. शैलेश को यह पुरस्कार दिया। इस प्रतियोगिता में विश्व की 175 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। शैलेश की कंपनी चार्ज सीसीसीवी, न्यूयार्क को यह पुरस्कार 20 से 22 घंटे का बैकअप देने वाली बैटरी बनाने पर दिया गया है।

यह तकनीक अगली पीढ़ी के लिए ऐसी बैटरी तैयार करती है, जिससे सौर ऊर्जा को स्टोर करने के साथ ही बिजली से चलने वाली कारों, ट्रकों और बसों को चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसी बैटरी के निर्माण के लिए न्यूयार्क और विश्व स्तर पर कई कंपनियों को इस तकनीक का लाइसेंस दिया गया है। कंपनी ने एक ऐसी तकनीक को पेटेंट कराया है, जो न केवल लिथियम ऑयन बैटरी के जीवनकाल को 20 साल के लिए बढ़ाता है, बल्कि उसकी भंडारण क्षमता और शक्ति में सुधार के साथ ही आग या शॉर्ट सर्किट की स्थिति में उसका तापमान कम कर देता है।

डॉ. शैलेश उप्रेती भारत में भी उन्नत लिथियम ऑयन बैटरी के निर्माण की योजना पर काम कर रहे हैं। स्वच्छ भारत के बाद अगला मकसद हरित भारत हो सकता है, जिसमें देश की बिजली और परिवहन आवश्यकताओं को हरित ऊर्जा के विकल्पों में बदला जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि भविष्य में बैटरी डीजल और पेट्रोल की जगह लेकर रहेंगे। 

डॉ. उप्रेती को पहाड़ से काफी लगाव है और उन्होंने बेड़ूपाको डॉट काम नाम से वेबसाइट भी बनाई है, जो उनके पहाड़ के प्रति प्रेम को दर्शाता है।