कूड़े से तैयार होगा ईको एंजाइम

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प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड सरकार आने के बाद आए दिन नए प्रस्ताव पारित हो रहे हैं। पीएम मोदी की राह पर निकले सेम त्रिवेंद्र ने स्वच्छता के लिए तो पहले से ही मुहिम छेड़ दी थी लेकिन आने वाले समय में बहुत सी ऐसी योजनाएं हैं जिससे राज्य को गंदगी से छुटकारा मिलेगा।

इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए गुरुवार को सीएम त्रिवेंद्र ने ट्रंचिंग ग्राउंड में पहुंच कर गंदगी के खिलाफ एक और मुहिम शुरु कर दी है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रंचिंग ग्राउंड में इकट्ठा कूड़े से ईको एंजाइम तैयार किया जाएगा। 187 देशों में सफल होने के बाद उत्तराखंड राज्य में पहली बार इसका प्रयोग हो रहा है।सीएम रावत ने बताया कि कचड़े में कई ऐसे कण होते हैं जिसकी वजह से तापमान में लगभग 20 डिग्री सेल्सियस की बढ़तरी होती है।ईको एंजाइम के जरिये इस पर रोक लगेगी।

गुरुवार को सीएम त्रिवेंद्र और मेयर विनोद चमोली ने इसकी शुरुआत की और ट्रंचिंग ग्रांउंड में इको एंजाइम का छिड़काव किया। मेयर विनोद चमोली ने बताया की सीएम की स्वीकृति के बाद यह काम एसएसआरडी (रुरल डेवलेपमेंट) को दिया गया है। इसेक साथ ही सब्जी मंडी, स्कुल और कालेजों में बात की जाएगी जिससे वहां कूड़े से खाद बनाई जा सके।

कैसे बनाते हैं इको एंजाइमः

तीन हजार लीटर पानी में पांच लीटर इको एंजाइम का घोल मिलाया जाता है।

कूड़े पर इको एंजाइम के छिड़काव से इसकी बदबू गायब हो जाती है, साथ ही कांच, लोहा, पालीथिन को छोड़कर बाकी कूड़ा अलग हो जाता है। सीएम रावत ने कहा कि इस योजना के तहत रिस्पना और बिंदाल दोनो को ही फिल्टर करने के बारे में सोचा जा रहा है। इस दौरान मेयर विनोद चमोली ने बताया कि तीन महीने में शीशमबाड़ा प्लांट तैयार हो जाएगा, जिससे कूड़े की परेशानी का समाधान हो जाएगा।