प्रमुख सचिव गृह और सीनियर आईएएस अधिकारी उमाकांत पंवार ने लिया वीआरएस

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    प्रमुख सचिव गृह और सीनियर आईएएस अधिकारी उमाकांत पंवार ने सर्विस से वीआरएस ले लिया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने निजी कारणों से यह कदम उठाया है।डाॅ.उमाकांत पंवार को बनाया गया उत्तराखंड नीति आयोग का सीईओ। गौरतलब है कि डा.उमाकांत पंवार प्रमुख सचिव,केंद्रीय पोषित योजनाएं,कार्यक्रम क्रियान्वयन,जलागम खेल एंव परिवहन आयुक्त परिवहन तथा मुख्य परियोजना निदेशक,जलागम के विभाग थे।

    आपको बता दें कि वरिष्ठ आईएएस डॉ. उमाकांत पंवार पहले ऊर्जा के तीनों निगमों के अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं, इसके अलावा वह उत्तराखंड जल विद्युत निगम का अध्यक्ष बनाया गया था। उमाकांत पंवार सचिव ऊर्जा भी रहे हैं और इससे पहले पारेषण निगम और ऊर्जा निगम दोनों के अध्यक्ष भी थे। ऊर्जा निगम व जल विद्युत निगम में अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक की नियुक्ति न होने के बाद ऊर्जा व पारेषण निगम में विभागीय सचिव को अध्यक्ष बना दिया गया और जल विद्युत निगम में मुख्य सचिव को बतौर अध्यक्ष नियुक्त किया जाता रहा है।

    उमाकांत के इस कदम के पीछे निजि कारणों का हवाला दिया जा रहा था। लेकिन गौर करने की बात ये है कि पंवार की सर्विस के अभी तकरीबन 9 साल बचे थे। राज्य में बीजेपी सरकार बनने के बाद से ही उनके विभागों में भारी फेरबदल किया जाता रहा। पंवार के इस कदम को इससे जोड़कर भी देखा जा रहा हैं।

    प्रदेश में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमी से जूझ रही सरकार को एक और झटका। अचानक वीआरएस के लिए आवेदन से नौकरशाही से लेकर सियासत की गलियों तक में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। प्रदेश के तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी के रूप में जाने जाने के साथ ही पंवार विकास योजनाओं की खासी जानकारी रखने वाले अधिकारी माने जाते हैं। उन्हें इन्हीं कारणों से तीनों उर्जा निगमों का अध्यक्ष भी बनाया गया। इससे पहले मुख्य सचिव को जल विद्युत निगम अध्यक्ष बनाया जाता रहा है। वह सचिव उर्जा का दायित्व भी निभा चुके हैं।