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आशा की एक किरण,उत्तराखण्ड में फिर गूँजेगी ढोल की आवाज़

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श्रीनगर-गढ़वाल में बीच बज़ार खड़े हो कर किसी भी व्यस्त बाज़ार में होने के चलते मैं कुछ भी नहीं सुन पाती, बस बाजार की चहल-पहल और गाड़ियों का शोर। इस सब के बीच कुछ दूरी से शोर से अलग कानों में ढोल का संगीत पड़ता है। 35 वर्षीय सोहन लाल संगीत की मदहोशी में है। हो भी क्यों न, वो इस विलुप्त होने की कगार पर खड़ी कला के अाखिरी बचे 50 वादकों में  से हैं। मैं उन्हें लय और संगीत की दुनिया में खोए हुए देख सकती हूँ। वे उत्सुक छात्रों से घिरे हुए हैं जो उनके ढोल की ज़बरदस्त आवाज में खोये रहते हैं।

सर्दिंयों की दोपहर में युनिर्वसिटी के लान में सोहन वहां बैठे सभी छात्रों को अपनी कला से परिचित करा रहे थे। जब समय की हवा चलती है तो सिर्फ यही है जो बचा रह जाता है । यह एक ऐसी कला है जो एक युग से दूसरे युग में आगे बढ़ते जाती है। लेकिन उनके अपने बच्चों ने निराशा में इस कला का दामन छोड़ दिया है। उन्होंने नौकरी और बेहतर ज़िंदगी के सपने के लिये दशकों पुराने इस ढोल को छोड़ दिया है।

दिल धड़काने वाले आधे घंटे के जबरदस्त धुन के बाद सोहन की सांस फूल जाती है और वह थोड़ा आराम करने के लिए पीपल के पेड़ के नीचे बैठने जाते हैं। ढोल और उसकी स्टिक ढोल के किनारे साथ में रखे हुए है। मैं अपनी कलम और कागज उठाती हूँ जो मेरे हथियार हैं। वो समझ गए और उन्होंने कहा कि हम सब अनाड़ी, खफाअस्थिर और अव्यवस्थित हैं लेकिन समर्पण और अभ्यास से मैंने कुछ चीजें सीखी हैं। वो उन ढोल बजाने वालों में से एक हैं जिन्होंनें इस कला को जिंदा रखा है। ये अलग बात है कि गढ़वाल के हर गांव में एक ढोलकिये का परिवार रहता है, जिनमें से अधिकतर लोगों ने हार मान कर इस पेशे को छोड़ दिया कयोंकि ना तो इस पेशे में ज्यादा आमदनी हैं ना ही इज्ज़त।

इस दौरान वो अधीर हो उठे और फिर उन बच्चों के पास वापस जाते हैं अपने ढोल को गले में लटकाएं हुए और ड्रमस्टिक हाथ में लिए हुए। दो तेज स्वर, घाटी पर ध्वनि प्रतिध्वनि का माहौल बना देती है और एक साफ दोहरी आवाज जैसे कि कोई बेचैन होकर दरवाजा खटखटा रहा हो उनके धुन और ताल को पूरा करती है।

कुछ समय से डिपार्टमेंट आफ फोल्क परर्फामिंग आर्ट एंड कल्चर, श्रीनगर गढ़वाल युनिवर्सिटी ने कोशिश की है कि इस कला का प्रचार करे।युनिवर्सिटी की कोशिश है कि गढ़वाल की समृद्ध परंपरा से संबंध रखने वाले कोर्स जैसे कि थियेटर, फोल्क म्यूजिक और फोल्क फार्म आदि छात्रों को सीखने को मिले और उन्हें सोहन लाल जैसे लोग सिखाएं जो इन क्षेत्रों में उस्ताद हैं। प्रो. डी.आर पुरोहित पिछले दो दशक से लगातार इस कला को लोगों के सामने उजागर कर रहें। वो अब ढोल और ढोल बजाने वालों का संरक्षण कर रहें हैं।वो बताते हैं कि ” हम ईमानदारी और अपनी पूरी जान लगाकर ये प्रयास कर रहें हैं कि इस कला को आने वाली जेनरेशन तक पहुचांए। हम अपनें छात्रों को ट्रेनिंग दिलवाते हैं वो भी पारंपरिक फोल्क आर्ट फार्म के गुरुओं से जिन्हें इसके बदलें में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका तो मिलता ही है, साथ में उन्हें आर्थिक मदद भी मिल जाती है एक गेस्ट फैकल्टी की तरह काम करने पर।”

लेकिन क्या इतना काफी हैकुछ साल पहले उत्तराखण्ड टूरिज्म काउंसिल, मसूरी की एक मीटिंग में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस परंपरागत ढोल वादन प्रक्रिया को निरंतर बनाएं रखने के लिए पाँच करोड़ रुपये की घोषणा की थी।  यह सोहन लाल जैसे लोक कलाकारों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है, यह एक तरह से उस उपेक्षा का भुगतान है जो उन्होंने इतने वर्षों तक झेली है। अभी भी एक आशा की किरण है कि उत्तराखण्ड के पहाड़ों में एक बार फिर ढोल की आवाज सुनाई देगी। लेकिन सही मायनों में ढोल और ऐसी ही कई अन्य परंपराऐं तब ही सही मायनों में बच सकेंगी जब सरकार अपनी घोषणाओं को अमली जामा पहना कर उनसे होने वाले फायदे को सीधे सोहनलाल जैसै उस्तादों तक पहुंचा सके।

ड्रग्स और करप्शन के खिलाफ जमकर दौड़ा उत्तराखंड

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“रन एगेंस्ट करप्शन, रन एगेंस्ट ड्रग्स” नाम की टैग लाइन से आयोजित मैराथान में उत्तराखंड के तमाम इलाकों से लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौड़ का आयोजन उत्तराखंड पुलिस ने किया था। रविवार को पुलिस लाइन स्टेडियम से मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हरी झंडी दिखाकर धावकों को रवाना किया। इससे पहले ओलम्पियन मनीष रावत और एडीजी अशोक कुमार ने प्रतिभागियों को नशे और भ्रष्टाचार से दूर रहने की शपथ दिलाई।  मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पुलिस अधिकारियो से कहा कि हर साल इसी दिन इस दौड़ का आयोजन सुनिश्चित किया जाये। नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ यह दौड़ एक जंग में बदलनी चाहिये। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से नशे से दूर रहने की अपील की। उन्होंने 2 किमी दौड़ में खुद भी दौड़कर प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया।

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उत्तराखंड पुलिस की ओर से आयोजित देहरादून मैराथन की 21 किमी के पुरुष वर्ग में गोरखा ट्रेनिंग सेंटर हैदराबाद के शंकरभान थापा और महिला वर्ग में लखनऊ की मोनिक चौधरी विजेता बने। इन दोनों विजेताओं को एक एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया गया। भ्रष्टाचार और नशे के खिलाफ इस दौड़ में देशभर से करीब 20,000 प्रतिभागियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। ये आयोजकों के हौंसले बढ़ाने की एक बड़ी वजह रही।

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कुल तीन वर्ग में आयोजित इस दौड़ का समापन पुलिस लाइन में हुआ। 21किमी दौड़ राजपुर रोड से किशनपुर स्तिथ आईपीएस कॉलोनी से वापस जबकि 7 किमी दौड़ सर्वे चौक से वापस पुलिस लाइन में संपन्न हुई। समापन पर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विजेताओं को पुरस्कार बाटें।

ये हैं विजेता

  • 21किमी ओपन पुरुष वर्ग में हैदराबाद के शंकरमान थापा प्रथम, बलिया के अनिल कुमार द्वितीय और हरी सिंह तृतीय स्थान पर रहे।
  • 21किमी ओपन महिला वर्ग में लखनऊ की मोनिक चौधरी प्रथम, लुधियाना की अमनदीप कौर द्वितीय और मुजफ्फरनगर की अर्पित सैनी तृतीय स्थान पर रही।
  • 7 किमी ओपन पुरुष वर्ग में उत्तराखंड पुलिस के मुकेश रावत प्रथम, पौंटा साहिब के पंकज द्वितीय और साई सेटर काशीपुर के मोहन सिंह तृतीय स्थान पर रहे।
  • किमी ओपन महिला वर्ग में ग़ाज़ियाबाद की नेहा प्रथम, शामली की नेहा पंवार द्वितीय और दिल्ली की जयंती थपलियाल तृतीय स्थान पर रही।
  • किमी 45प्लस पुरुष वर्ग में एलबीएस अकादमी मसूरी के राजकुमार, नैशविला रोड के जीतेन्द्र गुप्ता और मनोज कुमार तीसरे स्थान पर रहे।
  •  7 किमी महिला वेटरन वर्ग में उत्तराखंड पुलिस की विजया चौधरी पहले, शशि बडोला दूसरे और डॉ.अलकनंदा अशोक तीसरे स्थान पर रही।
  • किमी अंडर 18 बालक वर्ग में स्पोर्ट्स कॉलेज के शुभम राणा, पवन कुमार और अनु कुमार क्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
  • किमी अंडर 18 बालिका वर्ग में खटीमा की पारवती प्रथम, प्रियंका द्वितीय और सुल्ताना तीसरे स्थान पर रही।
  • 21 किमी वेटरन वर्ग में दिनेश कुमार, जगदीश राणा और लाल सिंह विजेता रहे।

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पुलिस लाइन ग्राउंड में दौड़ शुरु होने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।  बॉलीवुड गायक जुबिन नौटियाल ने रूबरू, दिल दे दिया है जान भी देंगे, गुलाबी आंखे जो तेरी देखी गीत गाकर प्रतिभागियों की थकान मिटायी। माहौल मे रमते हुए सीएम ने स्टेज पर पहुचकर जुबिन की टोपी खुद पहनी और ठुमके लगाये। सीएम ने सभी प्रतिभागियों के साथ खूब सेल्फी खिंचवाई। इससे पहले जुम्बा भी किया गया। उत्तराखंड पुलिस भी इस दौड़ की सफलता और इसमें शिरकत करने वाले देशभर के धावकों का उत्साह देखकर इसे कम से कम सालाना ईवेंट बनाने की तैयारी में हैं।

चुनावी मौसम में आखिरकार आई.एस.बी.टी फ्लाईओवर खुला यातायात के लिये

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रविवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आई.एस.बी.टी. फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। विशेष आयोजनागत सहायता(एसपीए) के अंतर्गत नेशनल हाईवे संख्या 72 आई.एस.बी.टी. देहरादून में बने इस फोर लेन फ्लाईओवर की लागत 50 करोड़ 39 लाख रूपए है। 

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 983 मीटर लम्बाई का मल्टी एप्रोच फ्लाईओवर उत्तराखण्ड के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसके बनने से हमारा कान्फिडेंस बढ़ा है। हमारी योजना ऐसे आठ दस फ्लाईओवर और बनाने की है। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को इसके लिए कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देशित किया। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून पहले जेएनएनयूआरएम का फायदा नही उठा पाया था। हम देहरादून की तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं। रिस्पना व बिंदाल रिवर फ्रंट डेवलपमेंट इसी दिशा में की गई पहल है। बल्लीवाला फ्लाईओवर शुरू किया जा चुका है जबकि बल्लुपुर फ्लाईओवर भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। 

चुनावी मौसम में सरकार औऱ खासतौर पर मुख्यमंत्री ने लोकार्पण और घोषणाओं की झड़ी लगा रखी है। ये घोषणाऐं कितना लोगों के वोट दिलाने में कामयाब रहती हैं ये तो चुनावी रण में ही पता चलेगा।

कांग्रेस सरकार की वजह से राज्य से पलायन बढ़ा: राजनाथ सिंह

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केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को भगवानपुर में एक जनसमूह को संबोधित करते हुए राज्य की हरीश रावत सरकार पर हमला बोला। उन्होने  कहा कि अागामी विधान सभा चुनावों में उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनेगी और भाजपा यहां प्रचण्ड बहुमत से जीतेगी।

गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन से जनता तंग आ चुकी है। हरिद्वार के भगवानपुर में परिवर्तन रैली में शामिल होने आये गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश बनाने में भाजपा की प्रमुख भूमिका थी। उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिबद्धता के कारण ही उत्तराखंड का निर्माण हुआ। उन्होंने कहा की वजपेयी के काल से ही देश में विकास की योजनाएं संचालित हो रही हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों से लेकर चौड़ी सड़कों का निर्माण हुआ। उसका फायदा देश का निरंतर हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत का नाम पूरी दुनिया में ऊँचा किया है ।

उन्होने ये भी कहा की राज्य की हरीश रावत सरकार भ्रष्टाचार और भाई भतीजावाद की पर्याय बन गई है। उन्होने आरोप लगाया कि रावत सरकार की लोक विरोधी नितियों के कारण ही पहाड़ों से हो रहा पलायन रुक नही पा रहा है बल्कि लगातार इसमें इजाफा ही हो रहा है। राजनाथ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि राज्य के संपूर्ण विकास के लिये ये ज़रूरी हो गया है कि केंद्र की ही तर्ज़ पर राज्य में भी भाजपा की सरकार हो।

उत्तराखंड के पांच ज़िले हुए खुले में शौच से मुक्त

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि स्वच्छता के हमारी आदत बन जाने तक, स्वच्छ भारत मिशन की लगातार माॅनिटरिंग जरूरी है। राज्य के 5 जिले व 51 विकासखण्डों के खुले में शोच से मुक्त होने(ओ.डी.एफ.) होने पर संबंधित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व कार्मिकों को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि अगले वर्ष से नाॅन फंक्शनल शौचालयों को फंक्शनल बाने के लिए बजट में प्राविधान कर दिया जाएगा।

राज्य के पांच जिले चमोली, चम्पावत, नैनीताल, उत्तरकाशी व ऊधमसिंहनगर को ‘खुले में शौच की प्रथा से मुक्त’’ (ओडीएफ) किया जा चुका है। विकासखण्डों में चमोली जिले के दशोली, देवाल, गैरसैंण, घाट, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, नारायणबगड़, पोखरी व थराली, चम्पावत जिले के चम्पावत, बाराकोट, लोहाघाट व पाटी, नैनीताल जिले के बेतालघाट, भीमताल, धारी,  हल्द्वानी, कोटाबाग, ओखलकांडा, रामगढ व रामनगर, ऊधमसिंहनगर के बाजपुर, गदरपुर, जसपुर, काशीपुर, खटीमा, रूद्रपुर व सीतारगंज, उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी, चिन्यालीसौड़, डूंडा, मोरी, नौगांव व पुरोला, अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना, नमगडा, ताकुला व ताडीखेत, पौड़ी जिले के पौड़ी व कोट, टिहरी जिले के चम्बा व देवप्रयाग, पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग, डीडीहाट, गंगोलीहाट, कनालीछीना व मुनाकोट, रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ जबकि देहरादून जिले के रायपुर, सहसपुर व डोईवाला ओडीएफ घोषित किये जा चुके है। 

 मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें हर हाल में 26 जनवरी 2017 तक पूरे राज्य को ओडीएफ बनाना है। इसके लिए सभी को जुटना होगा। स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासनकि अधिकारियों को आगे बढकर अपनी भूमिका निभानी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडीएफ गांव, ब्लाॅक व जिले बने रहें, इसके लिए बजट में एक हैड खोल दिया जाएगा। इससे नाॅन फंक्शनल शौचालयों को दुबारा फंक्शनल बनाने के लिए राशि उपलब्ध करवाई जाएगी।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम 97 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर चुके हैं, शेष 3 प्रतिशत भी हासिल कर 26 जनवरी तक प्रदेश को ओडीएफ बनाना है। यह काम कठिन अवश्य है, परंतु हर हाल में हमें इसे करना है। श्रमिकों के लिए आवश्यकतानुसार मोबाईल शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है। 

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मंत्रीप्रसाद नैथानी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन में सभी की सामूहिक भागीदारी से हम तेरहवें स्थान से तीसरे स्थान पर आ गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री औप राज्य को आश्वस्त किया कि 26 जनवरी तक पूरा प्रदेश ओडीएफ हो जाएगा। 

उत्तराखंड ने 2 साल में ओडीएफ की प्रतिशत 70  से बढ़कर 97 प्रतिशत हो गई है। इस अवसर पर परियोजना निदेशक आशीष जोशी, अपर निदेशक आशीष श्रीवास्तव, स्वच्छ भारत मिशन के यूनिट कोर्डिनेटर एस0एस0बिष्ट सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि उपस्थित थे। 

आई.एम.ए से भारतीय सेना को मिले जांबाज़ अधिकारी

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भारतीय सैन्य अकादमी के रेगयुलर विंटर कोर्स को पास करने के बाद भारतीय सेना को आज 401 नये अदिकारी मिले। ऐतिहासिक चेटवुड हाॅल के प्रांगण में सर्दी की खिलखिलाती घूप में हुई पासिंग आउट परेड में 401 भारतीय कैडेटों के साथ साथ 8 मित्र देशों से आये 53 कैडेटस कोर्स पूरा कर के अधिकारी बन गये।

परेड की सलामी ली लेफ्ट जेन नरेंद्र पाल सिंह हीरा (एवीएसएम, एसएम) ने ली जो कि खुद नेशनल डिफेंस अकादमी, पुणे के पास आउट हैं औऱ इस समय सिख लाइट इंफेंट्री में तैनात हैं। उनके साथ आई.एम.ए के आॅफिशियेटिंग कमांडेंट लेफ्ट जेन एस के सैनी (वाईएसएम, वीएसएम) भी मौजूद रहे।

परेड की एकाग्रता और तालमेल देखते ही बन रहा था। इस परफेक्ट परेड ने इसकी तैयारी और कोर्स के दौरान कैडेटस के द्वारा की गई मैहनत और फौज की डिसिप्लिन ज़िदगी को साफ दर्शाया।

जैसे ही कैडेस ने परेड पुरी कर “अंतिम पग” को पार किया वो कैडेटस से अधिकारी बन गये और ये सचमुच हर कैडेट के लिये यादगार लम्हा रहा। इस पल को कैमरों और अपनी यादों में कैद करने के लिये मीडिया और कैडेटस के परिवार के लोग मौजूग रहे।

तीन घंटे चली इस परेड के मुख्य आकर्षण रहे परेड निरीक्षण, स्वाॅर्ड आॅफ हाॅनर, पाईपिंग और ओथ टेकिंग सेरेमनी जो कि चेटवुड हाॅल के लाॅन मे हुई। इसके बाज सभी नये अधिकारियों ने  “कदम कदम बढ़ाये जा” के स्वरों से आसमान भर दिया और सेना में मौजूद जोश और जज़्बे की मिसाल पेश करी। एक बार फिर भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून ने भारतीय सेना को वीरों से वीर अधिकारी देने के अपने चलन को बरकरार रखा और ये साबित कर दिया कि आईएमए आज भी दुनिया के बेहतरीन सैनिक ट्रैनिंग इंस्टिट्यूटों मे से एक है।

आईएमए पीओपी के चलते सारे देहरादून को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। आईएमए के आसपास का सारा इलाका आम यातायात के लिये बंद था वहीं शहर के कई अन्य रास्तों में फेर बदल किया गया था।

केंद्र से फंड रिलीज़ होने में देरी के कारण विकास पर लगी ब्रेक: हरीश रावत

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चुनावी मौसम में राज्य और कैंद्र सरकरा में तनातनी और आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है। शुक्रवार को देहरादून में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि

  • केंद्र सरकार से एसपीए व शतप्रतिशत केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 2254 करोड़ रूपए मिलने थे जिनमें से केंद्र से राज्य को केवल 905 करोड़ रूपए ही मिले हैं।राज्य सरकार ने इन पर कुल 1400 करोड़ रूपए का व्यय किया है। यानि 500 करोड़ रूपए राज्य सरकार ने अपने कोटे से खर्च किए हैं।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति पोस्ट मेट्रिक स्कोलरशिप जो कि पूरी तरह केंद्र प्रायोजित योजना है,  केंद्र से हमें 160 करोड़ रूपए दिया जाना चाहिए था, परंतु केवल 75 करोड़ रूपए ही दिये गये हैं।
  • मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि यूटीलाईजेशन सर्टिफिकेट (यूसी) भेजने में अन्य राज्यों की तुलना में हमारे राज्य की स्थिति बेहतर है। साथ ही
  • एसपीए(आर), सीएसएस(आर) व फूड सब्सिडी में केंद्र से 1751 करोड़ रूपए की मांग की गई थी। केंद्र द्वारा मात्र 731 करोड़ रूपए अवमुक्त किए गए हैं।

मुुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने अनौपचारिक बैठक में श्री बद्रीनाथ धाम को प्रसाद योजना में शामिल करने के साथ ही महाभारत सर्किट में उत्तराखंड के अश्वमेधशाला, लाखामण्डल, सातताल आदि स्थानों को सम्मिलित किए जाने के प्रति आश्वस्त किया है। रावत ने यभी कहा कि नोटबंदी के कारण राज्य को ख़ासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राजस्व, परर्यटन इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इसके लिये भी उन्होने पत्र लिखकर केंद्रीय वित्त मंत्री से मदद की अपील की है और हालात से निपटने के लिये सुझाव भी दिये हैं।

समय चुनावों का है यानि कि जनता को अपने कामें का हिसाब देने का। ऐसे में एक दूसरे पर लगने वाले इन आरोप-प्रत्यारोपों पर जनता कितना यकीन करती है ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा लेकिन इतना तो तय है कि हरीश रावत के इन आरोपों पर भाजपा जल्द पलटवार करेगी।

हाई कोर्ट ने शराब अौर तंबाकू पर की सख़्ती, तीन ज़िलों में शराब बंदी

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शराब और अन्य नशीलें पदार्थों पर नैनिताल हाई कोर्ट ने कड़ा रुख इख्त़यार कर लिया है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पहाड़वासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए और ख़ासतौर पर चारधाम यात्रा के अंतर्गत आने वाले ज़िलों रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में शराब, बीयर एवं नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूर्णतः रोक लगा दी है ।  इसके अलावा सिख घर्म के पावन स्थलों के लिये हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि नानकमत्ता, हेमकुंड साहिब और रीठा साहब गुरुद्वारा के पांच किलोमीटर की परिधी में कोई भी तंबाकू के पदार्थ का ना तो सेवन होगा और ना ही बेचा जाएगा । हरिद्वार निवासी उदय नारायण तिवारी की जनहित याचिका पर न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सालय एवं धार्मिक स्थलों से एक किलोमीटर की परिधी में कोई भी शराब की दुकान नहीं खोलने के भी आदेश दिए हैं । न्यायालय ने नए वित्तीय वर्ष से इन नियमों समेत शराब की दुकानों कि संख्या कम करने को भी कहा है ।

गौरतलब है कि लंबे समय से राज्य में शराब बंदी को लेकर कई सामाजिक संगठन लड़ाई लड़ रहे थे। साथ ही देश भर में गुटके पर बैन और हाल ही में बिहार में हुई शराब बंदी के बाद इस माँग को और बल मिल गया था। कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और ख़ासतौर पर चार धाम यात्रा सर्किट पर सालाना लाखों तीर्थयात्रि आते हैं। इसलिये ये ज़रूरी हो जाता है कि ऐसे स्थानों पर नशीलें पदार्थों की बिक्री और सेवन पर रोक लगे।

राज्य में चुनावी माहौल में आई.पी.एस अधिकारियों के तबादले

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उत्तराखण्ड सरकार ने उच्च स्तर पर आई पी एस अधिकारियों के तबादले करें हैं।

  • अनिल के0 रतूड़ी, अपर पुलिस महानिदेशक,अपराध/कानून व्यवस्था, सीबीसीआईडी से *महानिदेशक, रूल्स एण्ड मेनुअल/निदेशक सतर्कता एवं अभियोजन।
  •  अशोक कुमार, निदेशक, सतर्कता, अभियोजन,एवं सचिव पुलिस स्पोर्टस से अपर पुलिस महानिदेशक,प्रशासन, समादेष्टा होमगार्ड, सचिव पुलिस स्पोर्टस कण्ट्रोल अथॉरिटी।
  •  राम सिंह मीना, अपर पुलिस महानिदेशक,प्रशासन, समादेष्टा होमगार्डस से अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था एवं सीबीसीआईडी।
  •  दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, कानून व्यवस्था,नोडल अधिकारी इलेक्शन को पुलिस महानिरीक्षक मानवाधिकार का अतिरिक्त कार्य।
  • संजय गुंज्याल, पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र, एसडीआरफ, सीइओ माईनिंग से पुलिस महानिरीक्षक पी0एण्डएम0, पुलिस मुख्यालय, पुलिस महानिरीक्षक ऑपरेशन(एसडीऐरएफ,सीईओ. माईनींग सेल,एसटीएफ) 
  • पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध/कानून व्यवस्था एवं अपीलय अधिकारी पुलिस मुख्यालय से पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र।
  • अनन्त राम चौहान, पुलिस उपमहानिरीक्षक सीआईडी को पुलिस उपमहानिरीक्षक, कानून व्यवस्था का अतिरिक्त प्रभार।

चुनावों में पब्लिक प्राॅपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर सख़्त चुनाव आयोग

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प्रमुख सचिव एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखण्ड राधा रतूड़ी ने साफ किया है कि आगामी विधान सभा चुनावों में प्रचार-प्रसार के कार्यों में बैनर, पोस्टर, वाॅल राइटिंग आदि के द्वारा लोक सम्पत्तियों का स्वरूप बिगाड़ने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। सभी जिलाधिकारियों एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये है कि लोक सम्पत्ति विरूपरण निवारण अधिनियम में निहित प्राविधानों के दृष्टिगत विधान सभा के आगामी विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2017 को ध्यान में रखते हुए अपने-अपने जनपदों में यह सुनिश्चित कर ले कि किसी भी व्यक्ति, राजनैतिक दल या संगठन आदि के द्वारा इसका उल्लंघन तो नही किया जा रहा है, यदि लोक सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम उल्लंघन का कोई मामला सामने आता है, तो अधिनियम के अन्तर्गत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें। भविष्य में निर्वाचन कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात इस प्रकार के पोस्टर, वालपेंटिंग आदि हटवाएं जाने की कार्यवाही की जानी है। इसलिये इस मामले में कार्यवाही करते हुए नियमानुसार अंकुश लगाया जाय।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोक सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम-2003 एवं उत्तराखण्ड लोक सम्पत्ति विरूपण (distortion/defacement) निवारण नियमावली-2009 के अनुसार रोशनाई, खडिया मिट्टी, रंग, पेंट अथवा किसी अन्य पदार्थ से लोक सम्पत्ति के स्वरूप को खराब करना, जिसमें विज्ञापन पत्रों को चस्पा करना भी सम्मिलित है, करने वाले व्यक्ति के (ऐसी सम्पत्ति के मालिक अथवा अधिभोगी को छोड़कर जो उस पर अपना नाम व पता इंगित करना है) एक वर्ष तक कारावास अथवा दस हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनो दण्डों से दण्डित किया जा सकेगा। 

राधा रतूड़ी ने बताया कि सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये है कि मतदाता जागरूकता एवं अन्य महत्वपूर्ण गतिविधयों के प्रचार-प्रसार के लिये मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा एक Facebook Account CEO Uttarakhand तथा एक Twitter Account @Uttarakhand CEO संचालित किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग द्वारा इसी प्रकार के Facebook Account एवं सोशल मीडिया की सकारात्मक गतिविधियां जिला निर्वाचन अधिकारी के स्तर पर भी प्रारम्भ करने की तैयारी है।