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समीक्षा बैठक में पुलिसकर्मियों की सुध ली सरकार ने

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पुलिस
पुलिस समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में पुलिस विभाग की समीक्षा की। उन्होने प्रदेश में कानून एवं यातायात व्यवस्था को सुचारू एवं व्यवस्थीत करने के लिए पुलिस विभाग को अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान उन्होने निर्देश दिए कि:

  • प्रदेश में ट्रैफिक निदेशालय की स्थापना की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाए।
  • फील्ड पोस्टिंग वाले पुलिस कांस्टेबिल का मोटरसाईकल भत्ता 350 से बढ़ाकर 600 रूपया
  • हाई एलटिट्यूड में तैनात पुलिस कार्मिकों को प्रतिदिन 200 रूपया भत्ता दिया जाये
  • पुलिस ट्रेनिंग काॅलेज नरेन्द्रनगर को दो करोड़ की धनराशि दी जाये
  • पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 2.40 करोड़ की धनराशि दी जाये

उन्होने कहा कि प्रदेश में शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस विभाग को सभी आवश्यक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस कार्मिकों की ड्यूटी के दौरान मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को शैक्षिक योग्यता के अनुसार सेवानियोजित किए जाने की कार्यवाही पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने जनपद अल्मोड़ा के माशी, खेड़ा, मोहनखाल में स्थापित की जाने वाली पुलिस चैकियों के लिए आवश्यक पदो को भरने की कार्यवाही के निर्देश दिए।
बैठक में गृह मंत्री प्रीतम सिंह, मुख्य सचिव एस रामास्वामी, प्रमुख सचिव गृह डा उमाकांत पंवार, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव राजस्व डी0एस0गब्र्याल, सचिव गृह विनोद शर्मा, डी0जी0पी एम0ए0गणपति सहित पुलिस विभाग के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

अख़बार में खाना परोसने पर लगे बैन : एफएसएआई

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पैकेज्ड फूड कंपनियों पर सख़्ती करने के बाद अब खाद्य नियामक ने खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने के लिए किराना दुकानों और सड़क विक्रेताओं को नियंत्रित करने का फैसला किया है। फूड सेफ्टी और स्टैन्डर्ड आथोरिटी आफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने अब खाने की सामाग्री को अखबार में देना या पैक करना पर बैन लगा दिया है, जो कि बहुत सामान्य तरीका है छोटे दुकानदारों और सड़क पर खाने का सामान बेचने वाले विक्रेताओं में।

अपनी एडवाइसरी में एफएसएसएआई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा आयुक्तों से कहा कि पैकिंग के लिए समाचार पत्र के उपयोग को प्रतिबंधित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। अखबार में खाद्य पदार्थों को परोसने से या उसको स्टोर करने से अखबार की स्याही भोजन को दूषित कर सकती है, जिससे गंभीर रुप से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।

एफएसएसएआई ने अपनी एडवाईसरी में बताया है कि बड़े बूढ़े, किशोरों, बच्चों और जिन लोगों को कैंसर से संबंधित समस्याओं के लिए इम्यूनिटी कमजोर है वे इस तरह की सामग्री में पैक भोजन करगें तो उनके लिए बड़ी समस्या हो सकती है।

केंद्रीय आवास मंत्रालय के एक अनुमान के मुताबिक, 2014 में 10 लाख सड़क विक्रेता शहरो मे थे। कंस्लटिंग फर्म बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप का अनुमान है 2014-15 में लगभग 2 लाख किराना भंडार हैं।

अखबार का इस्तेमाल खाना लपेटने, ढकने और परोसने के लिए या तले हुए भोजन का ज्यादा तेल निकालने के लिए नहीं होना चाहिए। यहां बहुत जरुरी है कि ऐसी मान्यता को रोकने के लिए सभी व्यापारियों,खासकर अव्यवस्थित दुकानदारों और उपभोकताओं को इससे होने वाले नुकसान से अवगत कराना चाहिए। एफएसएसऐआई ने अपनी एडवाईसरी में कहा है कि अखबार में खाने के सामान की पैकिंग को रोकने के लिए जरुरी कदम उठाए जाने चाहिए।  

जबकि फूड सेफ्टी रेगुलेटर ने अभी तक पेनाल्टी की कोई राशि तय नहीं की है। एफएसएसएआई के एक अधिकारी ने इस निर्णय को नही मानने पर किसी भी तरह के फाइन या पेनाल्टी पर बात करने से इंकार कर दिया है।

प्रिंट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में, बायोएक्टिव मैटेरियल के साथ,नुकसानदेह रंग, पिगमेंट, बाइंडर,एडिटिव,प्रिजरवेटिव,केमिकल दूषणकारी तत्व और पैथोजेनिक माइक्रोआरगेनिजम पाए जाते हैं जिसकी वजह से स्वास्थय संबंधी समस्या हो सकती है, एफएसएसएआई के परामर्श के मुताबिक अखबार,कागज और कार्डबोर्ड के डब्बे जो रिसाइकिल के बाद बनते हैं उनमें मेटालिक दूषणकारी तत्व, खनिज तेल और प्रदूषित केमिकल्स जैसे थैलेट्स होते हैं जिसकी वजह से पाचन संबंधी बीमारियां और उससे खतरनाक टाॅक्सिकेंट होने का खतरा है।

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अखबार में खाने को पैक करना एक गलत आदत है और इस खानों को खाना स्वास्थय के लिए हानिकारक है चाहे खाना कितनी भी सफाई से तैयार किया गया हो। छोटे होटल, दुकानदार, और कई बार घर में ही खाने का ज्यादा तेल निकालने के लिए अखबार का प्रयोग भारत में लोगों को धीमे ज़हर की तरह लोगों के बीच फैल रहा।

पिछले कई सालों में यह पहली बार है कि एफएसएसएआई ने खाने की पैकिंग के विषय में नया नियम निकाला है। अभी तक यह संस्था पेकिंग खाने के स्टेंडर्ड को लेकर केंद्रित थी।

भारत सरकार प्लास्टिक की थैलियों को बैन करने का प्रयास काफी समय से कर रही जो सामान को स्टोर और ट्रासपोर्ट करने के काम आता है।अक्टूबर 2012 में सरकार ने प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल पर रोक लगाई थी, लेकिन य़ह कानून पारित नहीं हो पाया क्योंकि पलास्टिक की थैलियां बनाने वाली कंमपनियों ने दिल्ली हाई कोर्ट में इसके खिलाफ अपनी बात रखी थी जिसके बाद आज तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है।

नोटबंदी से उत्तराखंड पर्यटन को नुकसान, पर्यटकों के लिये फायदेमंद डीलों का मौसम

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दिसंबर और ख़ासतौर पर क्रिस्मस और नये साल पर उत्तराखंड के होटल मालिक और पर्यटन से जुड़े और लोगों के लिये कमाई का सीज़न होता है। दिल्ली से पास होने के कारण मसूरी, नैनीताल, कार्बेट, लैंसडाउन आदि शहर सैलानियों के लिये नये साल के स्वागत के लिये पसंदीदा जगह होते हैं। लेकिन इस साल नोटबंदी के बाद से ही पर्यटन से जुड़े व्यापारियों के माथे पर परेशानी की लकीरें पड़ गई हैं। राज्य के होटल व्यव्सायिओं ने बताया है कि इस वर्ष होटल और टूरिज्म बिजनेस में काफी गिरावट आयी है। उत्तराखंड होटल व्यवसाय के अध्यक्ष संदीप साहनी ने सभी होटल व्यवसायिओं के पक्ष में कहा कि नवंबर माह में औसतन 30-40 प्रतिशत गिरावट आई है, जबकि नवंबर के पहले हफ्ते में गुजरात और महाराष्ट्र के पर्यटकों की वजह से अच्छा खासा फायदा हुआ था।

लेकिन 8 नवंबर से बीते सालों के मुकाबले काफी गिरावट आयी है। राज्य में इस सीज़न मानो पर्यटक एकदम गायब से हो गए हैं और जिनकी पहले से बुकिंग थी वो भी बुकिंग कैन्सल करा रहे हैं। पर्यटन स्थल ऋषिकेश,हरिद्वार,कार्बेट,मसूरी और देहरादून जैसे स्थानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। होटल व्यवसायी रजत अग्रवाल बताते हैं कि इस गिरावट का मुख्य कारण है बाज़ार में नए नोटों के रोटेशन का धीमा होना, और आज पैसों की यह परेशानी देखते हुए लोगों को यह डर भी है कि आने वाले समय में पैसों कि किल्लत और न बढ़ जाए।

खुद राज्य सरकार भी नोटबंदी से पर्यटन को हुए नुकसान से परपेशान है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसके चलते केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर हालात से अवगत कराया है और स्थिति सुधारने के लिये सुझाव भी दिये हैं। राज्य सरकार के आधीन चलने वाले गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमांऊ मंडल विकास निगम (जो कि पूरे प्रदेश में टूरिस्ट रेस्ट हाउस चलाता है) वहां भी पर्यटकों की आवक में 15-18 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ हुई है।

लेकिन पर्अ्भयटन जगत से जुड़े लोगों को अभी भी हालात बेहतर होने की उम्मीद है। जो लोग अपने घरों से बाहर निकलकर कम पैसों में ज्यादा मौज-मस्ती करना चाहते हैं उनके लिए यह बिल्कुल सही समय है अपने पसंदीदा हिल स्टेशन जाने का और रुकने के लिए होटल में बुकिंग करवाने का। बहुत से होटल मालिकों ने तो पर्यटकों को लुभाने के लिए आने वाले छुट्टियों के मौसम में अपना होटल का किराया 20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है।साथ ही कैशलेस पैमेंट करने के लिये बड़े और छोटे ज़्यादातर व्यापारियों ने तैयारी कर ली है जिससे आने वाले सैलानियों को नोटबंदी के कारण परेशानी न उठानी पड़े औऱ वो अपनी छुट्टियों का पूरा मज़ा ले सकें।

चम्पावत में शुरु हुई मोबाइल एटीएम वैन सुविधा

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एटीएम
चंपावत में मोबाइल एटीएम

इन दिनों नोटबंदी के कारण देशभर में पैसे की किल्लत हो रही है। राज्यों की राजधानी और बड़े शहरों में ही पैसे पूरे नहीं पहुंच रहे हैं तो ऐसे में राज्य के दूदराज़ के इलाकों में हालात का अंदाज़ा आसानी सा लगाया जा सकता है। नोटबंदी के बाद कैश की कमी होने के कारण बुधवार को ज़िला मुख्यालय में एसबीआई ने अपनी मोबाइल एटीएम सेवा शुरू की है। केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने फीता काटकर इस सेवा का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का असर काला धन रखने वालों पर हुआ है। आम जनता के लिए सरकार इस तरह की अन्य सेवाओं को भी जल्द शुरू करेगी। टम्टा के मुताबिक आम लोगों ो दिक्कतें हो रही हैं लेकिन ये आने वाले भविष्य के लिये बेहतर वातालरण देगा।

उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या है वहां के बैंकों में वीसेट सुविधा दी जाएगी। एसबीआई के प्रबंधक हीरा सिंह पांगती ने बताया कि मोबाइल एटीएम से एक बार में 2500 रुपये निकाले जा सकेंगे। इससे लोगों को 100 रुपये भी प्राप्त हो सकेंगे। एसबीआई के फील्ड आफीसर राजीव कुमार ने बताया कि सप्ताह में मोबाइल एटीएम दो दिन चम्पावत में रहेगा और जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचकर लोगों को सुविधा उपलब्ध कराएगी। पालिकाध्यक्ष प्रकाश तिवारी, नरेंद्र लडवाल, गोविन्द सामंत, मुकेश महराना, मोहित पाठक, कैलाश पांडेय, कैलाश अधिकारी, मोहन भट्ट, सनी वर्मा, मनोज तड़ागी आदि शामिल रहे।

वोटिंग के समय दोबारा चैक कर सकेंगे वोटर अपना वोट

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आगामी विधान सभा चुनावों में 716 मतदान केन्द्रों पर पाॅयलट प्रोजेक्ट के रूप में वोटर वेरिफायबल पेपर आॅडिट ट्रेल मशीन का प्रयोग भी किया जायेगा।मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी ने बताया है कि वी.वी.पैट के नाम से जानी जाने वाली इस मशीन को EVM के साथ जोड़ा जायेगा। वी.वी.पैट मशीन पर मतदाता, बैलेट यूनिट का बटन दबाने के उपरांत उसका वोट किस प्रत्याशी को मिला यह एक पर्ची पर देख सकता है। यह पर्ची मतदाता को वी वी पैट मशीन के भीतर से दिखाइ देगी, जिसमें मतदाता अपने वोट का सत्यापन कर सके। कुछ क्षण (07 सेकेण्ड) तक प्रदर्शित होने के उपरांत यह पर्ची स्वयं वी.वी.पैट मशीन में जमा हो जाऐगी। इस पर्ची के माध्यम से मतदाता अपनी संतुष्टि कर सकता है, परंतु इसे वी वी पैट मशीन से बाहर नहीं ले जा सकता।

बुद्धवार को सचिवालय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी की उपस्थिति में वी वी पैट मशीन का EVM से संयोजन तथा इसकी कार्यप्रणाली का विधिवत प्रदर्शन ECIL के इंजीनियरों द्वारा राजनैतिक दलो के प्रतिनिधियों एवं मीडिया के समक्ष किया गया। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया है कि आगामी विधान सभा चुनावों में देहरादून की धर्मपुर, हरिद्वार की BHEL रानीपुर, उधमसिंहनगर की रूद्रपुर तथा नैनीताल की हल्द्वानी विधान सभा क्षेत्रो में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुल 716 बूथों पर इसका प्रयोग किया जायेगा। 

कार्यशाला में राजनैतिक दलों में CPI से राजीव कोठारी,BSP से रमेश कुमार प्रदेश सचिव, कांग्रेस पार्टी से गिरीश पुनेठा, NCP  से संजय गैरोला आदि उपस्थित थे।

हाईवे से 500 मीटर तक नहीं होंगी शराब की दुकानें: सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

राष्‍ट्रीय राजमार्गों और स्‍टेट हाईवे से 500 मीटर तक अब शराब की दुकानें नहीं होंगी। अब राजमार्गों पर शराब की बिक्री नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह अहम फैसला लिया है हालांकि उसमें यह भी साफ है कि जिनके पास लाइसेंस हैं वो खत्म होने तक या 31 मार्च 2017 तक जो पहले हो, तक इस तरह की दुकानें चल सकेंगी। यानी एक अप्रैल 2017 से हाईवे पर इस तरह की दुकानें नहीं होंगी।

इस फ़ैसले के अनुसार:

  • शराब की दुकानों के लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं होगा
  • नए लाइसेंस जारी नहीं होंगे
  • सभी राज्‍यों और केंद्रशासित प्रदेशों में यह फैसला लागू होगा
  • इसके साथ ही राजमार्गों के किनारे लगे शराब के सारे विज्ञापन और साइन बोर्ड हटाए जाएंगे
  • राज्यों के चीफ सेकेट्री और डीजीपी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन कराने की निगरानी करेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर फैसला सुनाया है जिसमें गुहार की गई थी कि उत्पाद कानून में संशोधन करने का निर्देश दिया जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाईवे के किनारे शराब की बिक्री न हो। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हर साल हाईवे और राज्य के हाईवे पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर चिंत्ता ज़ाहिर की गई थी।

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई। पंजाब सरकार का कहना था कि अगर राजमार्ग एलिवेटेड हो तो उसके नीचे या करीब शराब के ठेके खोलने की इजाजत दी जाए। पंजाब सरकार की इस दलील पर पीठ ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा ‘आप यह गौर कीजिए कि कितने को आपने लाइसेंस दे रखा है। चूंकि शराब लॉबी बहुत पावरफुल है इसलिए सभी खुश हैं। उत्पाद विभाग खुश है, उत्पाद मंत्री खुश हैं और राज्य सरकार भी खुश है क्‍योंकि वह पैसे बना रही है।

साथ ही कोर्ट ने राज्यों द्वारा राजमार्गों के बगल से ठेके हटाने के काम में बरती जा रही उदासीनता पर भी नाराजगी जताई। पीठ ने कहा कि शराब पीने से वाहन चलाने के कारण दुर्घटनाओं में इजाफा हुआ है। पीठ ने कहा कि राजस्व के लिए राज्यों द्वारा राज्यमार्गों के अगल-बगल शराब का लाइसेंस देने को जायज नहीं ठहराया जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार की भी खिंचाई की। पीठ ने कहा कि भारत सरकार अब कह रही है कि राष्‍ट्रीय और राज्य राज्यमार्गों के किनारे शराब के ठेके को हटा दिया जाना चाहिए। पिछले 10 वर्षों में कुछ नहीं हुआ, लिहाजा हमें दखल देना पड़ा। सुनवाई के दौरान यह भी दलील दी गई कि लोगों को शराब खरीदने के लिए दूर जाना पड़ता है।

नोटबंदी के चलते जहां सबकी जेबें खाली हैं, वहीं इनकी आमदनी बढ़ी है

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एक सिक्के के दो पहलू होते हैं, चित्त या पट्ट ठीक वैसे ही किसी भी बात का असर दो तरीके से होता है अच्छा या बुरा। आज जहां सारा देश पैसों के लिए एटीएम से बैंकों के सामने लंबी कतारों में लगा हुआ है वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जिन्होने इस नोटबंदी को भी अपने व्यवसाय को बढ़ाने का ज़रिया बना लिया है।  आप सोच रहे होंगे कौन हैं वो लोग????

शहर में आजकल सबसे ज्यादा लोग और भीड़ एटीएम मशीनों और बैंकों के बाहर होती है और ऐसे ही एक बैंक के सामने अपनी दुकान लगाते हैं मोहम्मद महफूज़। पिछले आठ साल से देहरादून के सुभाष नगर रोड स्थित विजया बैंक के सामने फलों के जूस का ठेला लगाने वाले मोहम्मद महफूज़ बताते हैं कि पिछले एक महीने में उन्होंने अब तक कि सबसे ज्यादा कमाई की है। उन्होंने बताया कि न तो उनका बैंक अकाउंट है ना ही कोई एटीएम कार्ड दिन भर जितना कमाते हैं उससे ही खर्च चलता है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने जो नोटबंदी हुई उससे उनका कोई नुकसान नहीं हुआ क्योंकि उनके पास इतने पैसे ही नहीं थे लेकिन हां नौ तारीख की सुबह से उनका फायदा ज़रुर हुआ है। उस दिन से लगातार बैंकों में पैसा जमा करवाने वालों की भीड़ के साथ साथ पैसे निकालवाने वालों की भीड़ लगी रहती है। वो कहते हैं कि बोनस तो तब होता है जब एटीएम में कैश होता है, कैश निकालने वालों की भीड़ ऐसी होती है कि लाइन में लगे लोग घंटो अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं। ऐसे में घंटों लाईन में लगे लोग जब थक के चूर हो जाते हैं तो उनके ठेले का जूस उनके लिए एनर्जी ड्रिंक का काम करता है और ज्यादा से ज्यादा लोग उनकी दुकान से जूस खरीदते हैं जिसकी वज़ह से महफूज़ को काफी मुनाफा हो रहा है। महफ़ूज बताते हैं कि वो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं पर उन्हें इतना विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी के इस फैसले से कुछ अच्छा जरुर होगा।

वो बताते हैं कि पहले जो कस्टमर महीनों और हफ्तों में आते थे अब वह कैश पाने की उम्मीद में लगभग हर रोज आ रहे हैं, पिछले 8 साल से एक ही जगह पर अपनी दुकान लगाने की वजह से बैंक के कर्मचारीयों से लेकर कस्टमर तक सब उनको पहचानते हैं। लाईन में घंटों लगने वालों के बारे में वो बताते हैं कि कुछ लोग तो एक साथ पाँच एटीएम कार्ड भी लेकर आते है जिसकी वजह से पीछे खड़े हुए लोगों का नंबर नहीं आता और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बुर्जुग लोगों को लाईन में खड़ा देख अपनी जगह दे देते हैं।

मोहम्मद महफूज़ कहते हैं कि इस वर्ष का नवंबर महीना उनके लिए काफी अच्छा रहा और इस महीने उनकी कमाईं भी अच्छी हुई, वो ज्यादा तो नहीं जानते ना ही उन्हें बैंक के मसले समझ आते हैं लेकिन एक बात है कि उनको मोदी सरकार पर पूरा भरोसा है,और लोगों के अच्छे दिन आए ना आए उनके अच्छे दिन आ गये हैं।

दुश्मन को मार गिराना पहला मकसद,देहरादून में बोले रक्षामंत्री पर्रिकर

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सोमवार की शाम देहरादून में भाजपा की परिवर्तन यात्रा के समापन अवसर पर आयोजित सभा को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने संबोधित किया। उत्तराखंड ऐसा राज्य है, जहां पर लगभग हर परिवार से जवान सेना में हैं। ऐसे में रक्षा मंत्री सैनिक परिवारों की नब्ज टटोलते नजर आये। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि जब हमारे जवान शहीद होते हैं तो हमें दुख होता है। हमने सैनिकों से कहा है कि दुश्मन को मारना उनका पहला कर्तव्य और मकसद है। रक्षा मंत्री ने सैनिकों को साफ संदेश दिया कि दुश्मन के हमले के चलते हमारे सैनिकों की शहादत हो, इससे पहले दुश्मन को मार गिराया जाये।

सैनिकों की शहादत की बात कर रक्षा मंत्री ने भावनात्मक तौर पर सैनिक परिवारों से जुड़ने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने वन रैंक वन पेंशन का मामला भी उठाया। रक्षा मंत्री ने कहा कि 40 साल पुरानी वन रैंक वन पेंशन की मांग केंद्र की भाजपा सरकार ने पूरी की है। रक्षा मंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता पहुंचे। इससे पहले रक्षा मंत्री ने राजधानी देहरादून के टपकेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।

वहीं चुनावी माहौल की तैयारी करते हुए पारिकर ने कहा कि देश नरेंद्रर् मोदी के नेतृत्व में आगे बड़ रहा हैऔर ऐसे में उत्तराखंड के विकास के लिये भी ज़रूरी है कि राज्य में भाजपा पूर्ण बहुमत से सरकार बनाये।  उन्होने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार ने अपने पैर हर स्तर तक फैला लिये हैं औऱ विकास ठप हो गया है।

भाजपा की परिवर्तन रैली के समापन अवसर पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट, भाजपा नेता सतपाल महाराज, विजय बहुगुणा, भगत सिंह कोश्यारी, हरक सिंह रावत और हिमानी शिवपुरी मौजूद रहे।

परिवर्तन यात्रा से भाजपा को दो तिहाई बहुमत की उम्मीद

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एक महीने से चली आ रही भाजपा की परिवर्तन यात्रा का गढ़वाल में भी समापन हो गया। प्रदेशभर में 5 हज़ार किलोमीटर का सफ़र तय करने के बाद बीजेपी की परिवर्तन यात्रा का समापन सोमवार को देहरादून में हो गया। करीब एक महीने तक बीजेपी की परिवर्तन यात्रा प्रदेश की सभी 70 विधानसभाओं में घूमी और बीजेपी के पक्ष और राज्य सरकार के खिलाफ वातावरण तैयार करने कई केंद्रीय मंत्री भी उत्तराखंड पहुंचे।

सूबे की सत्ता की दौड़ में दौड़ रही बीजेपी की परिवर्तन यात्रा क्या रंग लाएगी ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन 18 मार्च के घटनाक्रम के बाद सुस्त पड़े बीजेपी कार्यकर्ताओं में यात्रा ने जान फूंकने का काम तो किया ही है।पूरी यात्रा के दौरान जहां पार्टी ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की और खंडूड़ी, कोश्यारी व निशंक को यात्रा के साथ ही रखा तो वहीँ प्रादेशिक स्तर पर कोई चेहरा प्रोजेक्ट नहीं किया।

भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर केंद्र की तर्ज पर राज्य में बीजेपी सत्तारूढ़ होती है तो विकास की गंगा बहेगी। परिवर्तन यात्रा के समापन में पहुंचे केंद्रीय रक्षा मंत्री ने जहां सर्जिकल स्ट्राइक व वन रैंक व वन पेंशन के मुद्दे पर जनता को रिझाने का प्रयास किया तो वहीँ रावत सरकार पर भी हमला किया। ये ही नहीं सभी केंद्रीय मंत्रियों के टारगेट पर सीएम हरीश रावत रहे। खनन, शराब, हॉर्स ट्रेडिंग, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर बीजेपी नेताओं ने रावत सरकार को जमकर घेरा।

2012 में बीजेपी एक सीट से उत्तराखंड की सत्ता की बाज़ी गंवा बैठी, लेकिन अब पार्टी कोई जोखिम मोल लेना चाहती है. ख़ासतौर से तब जब 18 मार्च के सियासी संकट के बाद पार्टी आला कमान के लिए उत्तराखंड की सत्ता और भी जरुरी हो गई है।

केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्री व प्रदेश बीजेपी के चुनाव प्रभारी जे पी नड्डा भी रावत सरकार के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला। उन्होंने कहा की ये महज सत्ता का नहीं बल्कि राजनीति की संस्कृति का परिवर्तन है। अपने सबोधन में जेपी नड्डा ने भी बिना नाम लिए सीएम हरीश रावत के स्टिंग का जिक्र करते हुए उन पर वार किया। उन्होंने कहा कि कंग्रेस की संस्कृति कमीशन की है और बीजेपी की मिशन की। बीजेपी को पूरा यकीन है कि परिवर्तन यात्रा राज्य सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में सफल रही है। हालांकि पूरी यात्रा में इस बार किसी चेहरे को आगे करने की बजाय सामूहिक नेतृत्व को ही तरजीह दी।

अब राज्य भाजपा संगठन को उम्मीद है कि इस यात्रा के ज़रिये वो राज्य की जनता में पार्टी के प्रति विश्वास जगाने में कामयाब होंगे औऱ ये विश्वास चुनावों में वोट में भी बदलेगा।

मोदी सरकार का बिना सोचे समझे लिया नोटबंदी का फैसला भारी पड़ रहा : हुड्डा

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उत्तराखण्ड पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नोटबंदी को लेकर केंद्र की बीजेपी सरकार पर कड़े हमला किया। केंद्र ने दावा किया था कि इस फैसले से कालेधन पर तो रोक लगेगी ही साथ में आतंकवाद पर भी लगाम लगेगी। केंद्र अगर ये करने में सफल होता तो इससे अच्छी कोई बात नहीं थी, लेकिन इस फैसले की मार तो आम आदमी पर पड़ी है।

हुड्डा ने कहा कि केंद्र का ये फैसला बिना सोच समझ के लिया गया जिसकी वजह से आम जनता को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।हुड्डा ने उत्तराखंड के एक बीजेपी नेता द्वारा करोड़ों का सोना खरीदने का मामला भी उठाया। हुड्डा ने कहा ऐसे मामलों की तो गंभीरता के साथ जांच होनी चाहिए, हालांकि उत्तराखण्ड कांग्रेस में मची रार पर हुड्डा कुछ भी बोलने से बचते रहे।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ही जीतेगी। हरीश रावत सरकार ने जनता के लिए प्रदेश में कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं, जिसका लाभ पार्टी को चुनाव में मिलना तय है।