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टेलीविजन के दुष्प्रभाव

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ज्यादा टेलीविजन देखने वाले बच्चों का स्वभाव आक्रामक और उनमें सामाजिक अलगाव का खतरा हो जाता है। इससे 13 साल की उम्र में ही दूसरे बच्चों के प्रति बच्चों में हिंसक और आसामाजिक व्यवहार पैदा होने लगते हैं। यह अध्ययन पत्रिका ‘साइकोलॉजिकल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं ने इसके लिए 1997/1998 में पैदा हुए बच्चों के आकड़ों का अध्ययन किया।

कनाडा के मांट्रियल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और प्रमुख शोधकर्ता लिंडा पागानी ने कहा, “वैसे बच्चे जो टेलीविजन देखने के आदी होते हैं, उनका स्वभाव माध्यमिक स्कूल के पहले साल के अंत तक एकांत, अपने साथियों की तुलना में आक्रामक और असमाजिक व्यवहार पसंद करने वाला बन जाता है।” इससे 991 लड़कियों और 1,006 लड़कों के माता-पिता ने ढाई साल तक अपने बच्चों के टीवी देखने के घंटों का लेखा-जोखा रखा।
13 साल की उम्र में इन बच्चों की दिक्कतों सामाजिक अलगाव, साथियों द्वारा जानबूझकर और सुनियोजित आक्रामकता का प्रदर्शन करना और असामाजिक व्यवहार का अध्ययन किया गया।शोधकर्ताओं ने बच्चों के माता-पिता द्वारा दिए गए दो साल की उम्र में टीवी देखने की आदतों और बच्चों के खुद के 13 साल की उम्र में दिए गए सामाजिक अनुभवों के आकड़ों का अध्ययन किया।
पागनी ने पाया, “माध्यमिक विद्यालय में बिताया गया वक्त किशोरों के विकास का एक महत्वपूर्ण चरण है। हमने पाया कि ज्यादा टेलीविजन देखने से 13 साल की उम्र में स्थिति जटिल हो जाती है। इससे सामाजिक अलगाव का अतिरिक्त खतरा बढ़ जाता है।”

मारुति सुजुकी इग्निस की टेस्टिंग आखिरी दौर में, 2017 में होगी लॉन्च

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2016 दिल्ली ऑटो एक्सपो के दौरान पहली बार दिखी मारुति सुजुकी इग्निस भारतीय बाज़ार में लॉन्च के लिए तैयार है। इस कार की टेस्टिंग आखिरी दौरान में है और इसे 2017 मार्च या अप्रैल में लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि, मारुति सुजुकी इग्निस को इसी साल त्योहारों के सीज़न में लॉन्च किया जाना था लेकिन, मारुति सुजुकी बलेनो और मारुति सुजुकी विटारा ब्रेज़ा की बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी ने इसके लॉन्च को स्थगित कर दिया था।

उम्मीद है कि इग्निस को अप्रैल 2017 तक लॉन्च किया जा सकता है। मारुति सुजुकी इग्निस की लंबाई 3,700mm, चौड़ाई 1,660mm और ऊंचाई 1,595mm है। कार का व्हीलबेस 2,435mm और ग्राउंड क्लियरेंस 180mm का है। इस कार को क्रॉसओवर-एसयूवी लुक दिया गया है।मारुति सुजुकी इग्निस को कंपनी के गुजरात स्थित नए प्लांट में फरवरी 2017 से तैयार किया जाएगा।

कार में की-लेस एंट्री, इंजन स्टार्ट-स्टॉप सिस्टम, टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, स्मार्टलिंक या एप्पल कारप्ले, रिवर्स पार्किंग कैमरा, एबीएस, ईबीडी, डुअल-एयरबैग जैसे फीचर्स शामिल होंगे। इसके अलावा कार में 4-व्हील ड्राइव की सुविधा भी दी जाएगी।
मारुति सुजुकी इग्निस में 1.0-लीटर बूस्टरजेट पेट्रोल इंजन लगा होगा। इसी इंजन का इस्तेमाल कंपनी बलेनो आरएस में भी करने जा रही है। इस इंजन को 5-स्पीड मैनुअल और सीवीटी या एएमटी से लैस किया जा सकता है।

एक्सिडेंट हो जाए तो घबराएं नहीं, अपनाएं ये तरीके

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आप कार चलाते वक्त कई बातों का ध्यान रखते हैं। अपनी सुरक्षा के साथ साथ सड़क पर चल रहे लोगों की सुरक्षा का ध्यान भी रखना पड़ता है। कई बार सड़क पर चलते वक्त कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। कार दुर्घटना के कई कारण हो सकते हैं।

इन दिनों देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। ऐसी दुर्घटना में लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं और कई हादसों में लोगों की दर्दनाक मौत भी हो जाती है। दुर्घटना की स्थिति में कभी भी घबराना नहीं चाहिए। दुर्घटना छोटी हो या बड़ी, हमेशा संयम और समझदारी से काम लें। हम आपको बताते हैं कि ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. यदि कार दुर्घटनाग्रस्त हो जाए तो सबसे पहले आप कार से बाहर निकलने की कोशिश करें। ये कोशिश तभी करें जब आप शारीरिक तौर पर ऐसा करने के लिए सक्षम हों। बाहर निकलने के बाद अगर संभव हो तो अपनी कार की पार्किंग लाइट को ऑन कर दें।

2. अगर दुर्घटना की वजह से आप, आपके साथ बैठा व्यक्ति, दूसरी गाड़ी में बैठे लोग या रास्ते में चल रहा कोई व्यक्ति घायल हो जाए तो तुरंत इमरजेंसी नंबर को कॉल करें ताकि आप तक तुंरत मेडिकल सेवा पहुंच सके। ऐसी स्थिति में पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंच जाएगी।

3.अगर संभव हो तो कार को धक्का देकर सड़क के किनारे पर ले जाएं ताकि बाकी गाड़ियों को निकलने का रास्ता मिल सके।

4. अगर दुर्घटना बड़ी नहीं है और इसकी वजह से किसी को चोट नहीं पहुंची है तो परेशान ना हों। तुरंत पुलिस को दुर्घटना की जानकारी दें। ज्यादातर मामलों में पुलिस घटनास्थल पहुंच कर मामले की छानबीन करती है।

5. अगर आपको थोड़ी सी भी चोट लगी है तो इसे गंभीरता से लें। तुरंत किसी नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें। ऐसे हादसों में आपकी गर्दन, पीठ और छाती में अंदरूनी चोटें आ जाती हैं जिसका तुरंत पता नहीं चलता। इसलिए ऐसी चोटों का ध्यान रखें और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

6. अगर आपके लिए संभव हो तो दुर्घटनास्थल की तस्वीरें खींच लें। इससे आपकी कार को हुए नुकसान का अंदाजा मिल जाएगा। इंश्योरेंस क्लेम के वक्त आपको इन तस्वीरों की ज़रूरत पड़ सकती है।

7. दुर्घटना की जानकारी देते हुए नज़दीकी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर (FIR) ज़रूर दर्ज करवा लें।

9. कार इंश्योरेंस कंपनी से बात करें और दुर्घटना के बारे में पूरी जानकारी दें। ऐसी स्थिति में इंश्योरेंस कंपनियां आपकी मदद के लिए अपने एजेंट को दुर्घटनास्थल पर भेजती हैं।

नई मारुति सुजुकी स्विफ्ट डिज़ायर की टेस्टिंग जारी, जल्द होगी लॉन्च

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मारुति सुजुकी स्विफ्ट डिज़ायर का नाम कंपनी की सबसे ज्यादा बिकने वाली सब-कॉम्पैक्ट सेडान में शुमार है। नई मारुति सुजुकी स्विफ्ट डिज़ायर की इन दिनों टेस्टिंग चल रही है और इसी दौरान इस कार की कुछ तस्वीरें स्पाई कैमरे में कैद की गई हैं। अब कंपनी ही इस कार को कई नए बदलावों के साथ बाज़ार में उतारने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि नई मारुति सुजुकी स्विफ्ट डिज़ायर को 2017 के मध्य तक लॉन्च कर दिया जाएगा।
टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल की जा रही मारुति सुजुकी स्विफ्ट डिज़ायर पर्दे से ढकी हुई थी जिसकी वजह से कार से जुड़ी ज्यादा जानकारी नहीं मिली। नई स्विफ्ट डिज़ायर में कॉस्मेटिक बदलाव किए जाएंगे। इस कार को नेक्स्ट-जेनेरेशन स्विफ्ट की तर्ज पर ही तैयार किया जाएगा। लेकिन, कार में पिछले मॉडल की तुलना में बड़ा और चौड़ा फ्रंट ग्रिल और नया सेंट्रल एयर डैम लगाया गया है। इसके अलावा कार में स्टाइलिश स्वेप्टबैक हेडलैंप, प्रोजेक्टर यूनिट और फॉग लैंप भी लगाया गया है।

कार की साइड प्रोफाइल पर नज़र डालें तो नई स्विफ्ट डिज़ायर में कुछ खास बदलाव नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि नई स्विफ्ट डिज़ायर में डुअल टोन कलर स्कीम, ऑटोमेटिक क्लाइमेट कंट्रोल, की-लेस एंट्री, इंजन स्टार्ट-स्टॉप बटन, टचस्क्रीन स्मार्टप्ले एंटरटेनमेंट सिस्टम, रिवर्स कैमरा, नेविगेशन और स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल जैसे फीचर्स दिए जाएंगे।वहीं कार की रियर प्रोफाइल में नया टेललैंप और नए रियर बंपर जैसे छोटे-मोटे बदलाव किए गए हैं।
कार के इंटीरियर में भी कई बदलाव नज़र आएंगे। कार में सेफ्टी फीचर्स का भी खास ख्याल रखा जाएगा और इसमें ईबीडी के साथ एबीएस, डुअल एयरबैग को स्टैंडर्ड फीचर में शामिल किया जाएगा।

कार में 1.2-लीटर पेट्रोल और 1.3-लीटर डीज़ल इंजन लगा होगा जिसे 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन और 4-स्पीड ऑटो बॉक्स से लैस किया जाएगा। कंपनी इस कार को SHVS टेक्नोलॉजी से भी लैस करने पर विचार कर रही है।

शाहरुख खान और आलिया भट्ट होंगे ‘कॉफी विथ करण’ के पहले मेहमान!

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फिल्मकार करण जौहर के टॉक शो ‘कॉफी विथ करण’ के पांचवे सीज़न का प्रसारण छह नवंबर से शुरू हो रहा है. यह सेलिब्रिटी चैट शो दर्शकों में खासा पसंद किया जाता है क्योंकि इसके जरिए उन्हें सितारों से जुड़ी कई नई बातें जानने को मिलती हैं.

शाहरुख खान ने एक तस्वीर शेयर की है जिससे यह तय हो गया है कि वह आलिया भट्ट के साथ करण के शो में नज़र आएंगे.फोटो शेयर करते हुए शाहरुख खान ने लिखा, ‘कई बार काम के दिन काम जैसे नहीं लगते. वे प्यार और खुशियों से भरे लगते हैं. मुझे बुलाने के लिए शुक्रिया कॉफी टीम. यह सीज़न भी बेहतरीन होगा.’ सितंबर के आखिरी सप्ताह में करण जौहर ने शो की शूटिंग शुरू होने की जानकारी दी थी ।

शाहरुख करण जौहर के करीबी दोस्त हैं. शो के पहले सीज़न का पहला एपिसोड 19 नवंबर 2004 को प्रसारित हुआ था जिसके मेहमान शाहरुख खान और काजोल थे. इसके बाद पिछले सीज़न को छोड़कर हर सीज़न में शाहरुख खान इस शो का हिस्सा बने थे. प्रोमो के अलावा ‘कॉफी विथ करण’ के सेट से कोई और तस्वीर अब तक सामने नहीं आई है, शाहरुख खान द्वारा पोस्ट की गई इस फोटो से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह और आलिया इस सीज़न के पहले मेहमान हो सकते हैं.जबकि पिछले सीज़न में आलिया भट्ट दो बार शो में आई थीं.
शाहरुख और आलिया गौरी शिंदे की फिल्म ‘डियर ज़िंदगी’ में नज़र आने वाले हैं, यह फिल्म 25 नवंबर को रिलीज़ होने वाली है.करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ रिलीज़ हो गई है. फिल्म को पाकिस्तान में रिलीज़ नहीं किया गया है. पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के होने की वजह से रिलीज़ को लेकर विवाद मे आई थी। फिल्म में रणबीर कपूर, ऐश्वर्या राय और अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिकाओं में हैं. फिल्म में शाहरुख और आलिया भी गेस्ट भूमिका में नज़र आएंगे.

‘शोले’ बनाने के लिए रमेश सिप्पी के पास नहीं थे पैसे, पिता का मिला था साथ

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वर्ष 1975 में आई बॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘शोले’ के निर्देशक और दिग्गज फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी का कहना है कि उस वक्त ‘शोले’ बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे और वह इसके लिए अपने दिवंगत पिता जीपी सिप्पी पर निर्भर थे.

उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है, जब दिलीप कुमार ने एक फिल्म के लिए एक लाख रुपये लिए थे. उस समय हर किसी ने यही कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री बंद होने वाली है.’ सिप्पी ने कहा, “उस समय ‘शोले’ बनाने के लिए मेरे पास पर्याप्त बजट नहीं था । मंगलवार को ‘सीआईआई बीग पिक्चर समिट 2016’ के पांचवें संस्करण के मौके पर सिप्पी ने कहा, “मैं भाग्यशाली था कि ‘शोले’ बनाने के दौरान मेरे पिता साथ थे.”मेरे पास कुछ विचार थे, जिसे मैंने अपने पिता से साझा किए. उनकी अंतिम फिल्म ‘सीता और गीता’ थी, जिसे बनाने में 40 लाख रुपये लगे थे. यह बड़ी हिट रही थी. मुझे फिल्म बनाने के लिए एक करोड़ रुपये चाहिए. शोले बनाने में 3 करोड़ रुपये लगे थे.”

फिल्म बनाने में कुल तीन करोड़ रुपये लगे थे और स्टार कास्ट में मात्र 20 लाख रुपये लगे. रमेश ने कहा कि बहुत से लोगों को शक था कि ‘शोले’ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा करेगी. उन्होंने कहा, ‘आज के समय में यदि आप 150 करोड़ रुपये की फिल्म बनाते हैं तो उसमें से 100 करोड़ रुपये स्टार कास्ट में ही लग जाते हैं. आज का फिल्म निर्माण व्यवसाय एकतरफा हो गया है.’ ‘शोले’ में संजीव कुमार, अमिताभ बच्चन, धर्मेद्र, हेमा मालिनी और जया बच्चन मुख्य भूमिकाओं में थे. यह बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल रही थी और यह भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जाती है.

समिट में रमेश ‘इंडियन सिनेमा- मेकिंग द जर्नी फ्रॉम वॉल्यूम टू वैल्यूएशन’ नाम के कार्यक्रम का हिस्सा थे. इस कार्यक्रम में उनके साथ शेखर कपूर, अर्का मीडिया वर्क्स के सह-संस्थापक और सीईओ शोबू यार्लगदा, मीडिया एंड इंटरटेनमेंट, लक्जरी एंड स्पोर्ट्स बैंकिंग ग्रूप यश बैंक के अध्यक्ष और कंट्री हेड करण अहलूवालिया और तेलंगाना इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी यूनिट के संस्थापक सदस्य राज कुमार अकेला भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम में शेखर कपूर ने बताया कि हॉलीवुड फिल्मों से ज्यादा भारत की क्षेत्रीय फिल्में बॉलीवुड को टक्कर दे रही हैं. फिल्म ‘सैराट’ ने केवल महाराष्ट्र में 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी.

 आप ‘सेल्फी लवर’ हैं या ‘सेल्फी एडिक्ट’?

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एक बढ़िया सेल्फी के लिए केवल आपका लुक, बैकग्राउंड या फिर अच्छा कैमरा ज़रूरी नहीं. बल्कि, फोटो खींचते वक्त कैमरे का एंगल ‘सही’ होना भी ज़रूरी है. इसके लिए प्रोफेश्नल फोटोग्राफर होने की ज़रूरत नहीं. बस इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है.

बॉडीकॉन ड्रेस

वर्टिकल: 30 डिग्री

हॉरिजोंटल: 60 डिग्री

अगर आपने बॉडीकॉन ड्रेस पहनी है और तोंद छिपाना चाहती हैं तो अपना हाथ सामने की ओर ऊपर उठाएं. अब कैमरे को 30 डिग्री एंगल पर रखें, यानी कैमरा अपनी ओर झुकाएं. अगर कैमरा हॉरीजोंटल रख रहीं हैं तो उसे 60 डिग्री पर रखें.

मॉर्निंग सेल्फी

वर्टिकल: 45 डिग्री

हॉरिजोंटल: 45 डिग्री

नींद पूरी हो या न हो, लेकिन सुबह उठने के काफी देर तक हमारी आंखें सूजी हुई नज़र आती हैं. या फिर देर रात सोने के बाद जल्दी जागने पर भी आई बैग्स दिखने लगते हैं. ऐसे में, कैमरे को 45 डिग्री के एंगल पर सेट करके तस्वीर लें.

अगर बैकड्रॉप छुपाना हो

वर्टिकल: 30 डिग्री

हॉरिजोंटल: 30 डिग्री

अगर आप सेल्फी में बैकग्राउंड को कम से कम रखना चाहते हैं तो कैमरे को 60 डिग्री पर रखें, वहीं, अगर फोन हॉरीजोंटल पकड़ा है, तो एंगल 30 डिग्री रखें.

इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखने से आप बन सकते हैं, सेल्फी मास्टर।

सोशल नेटवर्किँग साइट्स से बढती बीमारिया

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युवाओं में फेसबुक और व्हॉट्सऐप जैसे सोशल नेटवर्किंग माध्यमों की लत तेजी से बढ़ रही है। हड्डीरोग विशेषज्ञों का कहना है कि इनके बहुत अधिक उपयोग से कलाई और उंगलियों की जोड़ों में दर्द, आर्थराइटिस तथा रिपिटिटिव स्ट्रेस इंज्युरिज (आरएसआई) की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

आर्थराइटिस केयर फाउंडेशन (एसीएफ) के अध्यक्ष और इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. राजू वैश्य कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षो में युवाओं में फेसबुक और व्हॉट्सऐप का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है। लोग व्हॉट्सऐप और फेसबुक पर चैटिंग या मैसेजिंग करने के लिए स्मार्टफोन तथा टैबलेट का इस्तेमाल करते हैं। लगातार चैटिंग और मैसेजिंग करते रहने की बढ़ती लत के कारण वैसे लोगों की संख्या बढ़ी है, जिन्हें उंगलियों, अंगूठे और हाथों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो रही है।

उन्होंने कहा कि इस तरह का दर्द एवं जकड़न रिपेटिटिव स्ट्रेस इंज्युरिज (आरएसआई) पैदा कर सकती है। आरएसआई एक ही गतिविधि के लंबे समय तक बार-बार दोहराए जाने के कारण जोड़ों के लिगामेंट और टेंडन में सूजन (इन्फ्लामेशन) होने के कारण होती है।

इंस्टीट्यूट ऑफ बोन एंड ज्वाइंट (एमजीए हास्पीटल) के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन एवं निदेशक डॉ. अश्विनी माईचंद कहते हैं, “जो लोग टच स्क्रीन स्मार्ट फोन और टैबलेट पर बहुत ज्यादा गेम खेलते हैं और टाइप करते हैं, उनकी कलाई और अंगुलियों के जोड़ों में दर्द हो सकता है और कभी-कभी अंगुलियों में गंभीर आर्थराइटिस हो सकती है। गेम खेलने वाले डिवाइस के लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण युवा बच्चों में इस समस्या के होने की अधिक संभावना होती है।”

फोर्टिस हॉस्पीटल, नोएडा के स्पाइन एवं न्यूरो सर्जन डॉ. राहुल गुप्ता के अनुसार, किसी भी गतिविधि के बार-बार दोहराए जाने के कारण जोड़, मांसपेशियां और नसें प्रभावित होती हैं, जिस कारण रिपिटिटिव स्ट्रेस इंजुरी होती है।

उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए, जो लोग सेल फोन पर अक्सर संदेश टाइप करने के लिए अपने अंगूठे का उपयोग करते हैं, उनमें कभी-कभी रेडियल स्टिलॉयड टेनोसिनोवाइटिस (डी क्वेरवेन सिंड्रोम, ब्लैकबेरी थंब या टेक्सटिंग थंब के नाम से भी जाना जाने वाला) विकसित हो जाता है।”

डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस रोग में अंगूठे को हिलाने-डुलाने में दर्द होता है। हालांकि डेस्कटॉप-कीबोर्ड के लंबे समय तक इस्तेमाल के कारण दर्द से पीड़ित रोगियों में इसके संबंध की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं कि डेस्कटॉप कीबोर्ड पर बार-बार टाइप करने पर यह दर्द और बढ़ सकता है।

वहीं, डॉ. राजू वैश्य ने कहा कि ज्यादातर लोग टच स्क्रीन का इस्तेमाल गलत तरीके से और गलत पोस्चर में करते हैं। स्ट्रेस से संबंधित इंजुरीज लोगों को तब भी हो सकती है जब वे टाइप करते समय अपनी कलाई पर अधिक दबाव डालते हैं या अपने हाथों को बहुत ज्यादा आगे या पीछे की ओर झुकाते हैं, जिससे उनके हाथों पर स्ट्रेस पड़ता है। इसके कारण होने वाली बीमारियों में कार्पेल टनेल सिंड्रोम सबसे सामान्य है। यह कलाई में मीडियन नर्व पर दबाव पड़ने के कारण होता है।

डॉ. वैश्य के अनुसार, आपकी गर्दन और इसे सहारा देने वाली सर्वाइकल स्पाइन पर खराब पोस्चर का बहुत प्रभाव पड़ता है, और इससे स्पाइनल कॉर्ड से निकलने वाले नव्र्स पर दबाव पर सकता है या यह फैल सकती है। अपनी गर्दन को बहुत ज्यादा आगे या पीछे की ओर नहीं मोड़ें और विशेषकर अपने सिर को एक तरफ या दूसरे तरफ लंबे समय तक मोड़ कर नहीं रखें।

उनकी सलाह है, अपनी गर्दन को एक ही स्थिति में लंबे समय तक न रखें और थोड़ी-थोड़ी देर पर इसे आराम दें। यदि आप गर्दन को जिस स्थिति में रखे हुए हैं, उसमें दर्द, सुन्नपन या झनझनाहट महसूस करते हैं तो उस स्थिति को तुरंत बदलें। जिस स्थिति में अधिक आराम महसूस करते हों, गर्दन को उसी स्थिति में रखें।

टोक्‍यो ओलिंपिक को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की पहल, पुराने मोबाइलों-उपकरणों से बनेंगे मेडल

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टोक्यो: जापान में टोक्‍यो शहर में होने वाले ओलिंपिक के आयोजकों ने बताया कि खेलों के महाकुंभ के पदक पुराने स्मार्टफोन और अन्य विद्युत उपकरणों से बनाए जाएंगे क्योंकि वे खेलों को पर्यावरण के अनुकूल बनाना चाहते हैं.

प्रवक्ता हिकारिको ओनो ने संवाददाताओं से कहा, ‘पुराने मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों के पुनर्चक्रित धातु से बने पदक स्थिरता और जन प्रतिनिधित्व का प्रतीक हो सकते हैं.’ ओनो ने हालांकि कहा कि यह फैसला बाद में किया जाएगा कि सभी पदकों को पुनर्चक्रित धातु से बनाया जाए या कुछ पदकों को.

ओनो ने बताया कि 2010 वेंकूवर शीतकालीन खेलों से ओलिंपिक खेलों में पुनर्चक्रित पदकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने साथ ही कहा कि इस साल हुए रियो ओलिंपिक में भी पुनर्चक्रित धातु से सोने और कांसे के पदक बनाए गए थे.

खिताब बचाने के लिए 17 दिसंबर को रिंग में उतरेंगे विजेंदर सिंह, दिल्ली में होगा मुकाबला

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भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज विजेंदर सिंह पेशेवर मुक्केबाजी में पदार्पण करने के बाद से अब तक अविजित हैं और अब वह 17 दिसंबर को अपने एशिया पैसिफिक सुपर मिडिलवेट खिताब की रक्षा करने रिंग में उतरेंगे. विश्व मुक्केबाजी संगठन (डब्ल्यूबीओ) ने मंगलवार को इसकी घोषणा की.

डब्ल्यूबीओ की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार, विजेंदर का यह मुकाबला राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में खेला जाएगा. उल्लेखनीय है कि विजेंदर ने पेशेवर मुक्केबाजी में पदार्पण के बाद से अपने सातों मुकाबले जीते हैं, जिनमें से छह मुकाबले उन्होंने नॉकआउट के जरिए जीते.

इस खिताबी मुकाबले के लिए अभी विजेंदर के प्रतिद्वंद्वी की घोषणा नहीं की गई है. इस बहु प्रतीक्षित मुकाबले के साथ ही 17 दिसंबर को भारत के कई मुक्केबाज पेशेवर मुक्केबाजी में पदार्पण करेंगे, जिनके नामों की घोषणा अभी की जानी है.

अपने अगले मुकाबले को लेकर विजेंदर ने कहा, “पिछले दो महीने से मैं मैनचेस्टर में था. वहां मैंने अगले मुकाबले के लिए कठिन प्रशिक्षण लिया. मेरे प्रशिक्षक ने मुझे इस दौरान बेहद कठिन प्रशिक्षण दिया, जिससे अब मैं पहले से कहीं ताकत से पंच मारने लगा हूं.”

विजेंदर ने कहा, “डब्ल्यूबीओ द्वारा घोषित किसी भी प्रतिद्वंद्वी से भिड़ने के लिए मैं पूरी तरह तैयार हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि मैं अपने खिताब की रक्षा कर पाऊंगा, वह भी उतने ही गर्व के साथ जिससे मैंने इसे जीता था. मैं 17 दिसंबर को होने वाले मुकाबले का इंतजार कर रहा हूं और उम्मीद करता हूं कि इस दिन इतिहास रचा जाएगा.”