उत्तराखंड से लालबत्ती अब गुल

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आखिरकार एक महीने के इंतजार के बाद शासन ने प्रदेश में सभी वाहनों से लाल, नीली व पीली बत्ती हटाने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि किसी भी वाहन में केवल पीछे की ओर लगने वाली लाल बत्ती को छोड़कर किसी भी जगह लाल बत्ती नहीं लगाई जाएगी। लालबत्ती वाले वाहन का प्रयोग केवल हवाई अड्डे के भीतर चलने वाले वाहन पर ही किया जा सकेगा। इसके अलावा आपात कार्यो के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों में केवल बहुरंगी, लाल, नीली व सफेद बत्ती इस्तेमाल की जा सकेगी।

केंद्र सरकार की ओर से पूरे देश में वीआइपी कल्चर समाप्त करने के लिए सभी प्रकार के वाहनों के ऊपर लगाई जाने वाली लाल व नीली के साथ दूसरी बत्ती का प्रयोग खत्म कर दिया गया था। इसकी अधिसूचना एक मई को जारी कर दी गई थी। अन्य प्रदेशों ने भी केंद्र के निर्देशों के तर्ज पर अपने यहां अधिसूचना जारी की मगर उत्तराखंड में इस अधिसूचना को जारी करने में एक महीने का समय लग गया। इसके बाद भी कुछ चीजें स्पष्ट नहीं हो पाई हैं। शुक्रवार को प्रमुख सचिव परिवहन की ओर से जो अधिसूचना जारी की गई, उसमें केंद्र की ओर से एक महीने पूर्व जारी अधिसूचना को लागू किया गया है। महत्वपूर्ण व्यक्तियों को ले जाने वाली गाड़ियां, सरकार की ओर से लाल व नीली बत्ती देने के उपनियम आदि को पूरी तरह मोटरयान अधिनियम से हटा दिया गया है।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि केंद्र या राज्य सरकार के महत्वपूर्ण व्यक्तियों को ले जाने वाले वाहनों के आगे लाल बत्ती, फ्लैशर के साथ नीली बत्ती अथवा फ्लैशर रहित नीली बत्ती का प्रयोग करने की अनुमति को समाप्त कर दिया गया है। पुलिस, अर्ध सैनिक बल व सेना को लेकर स्पष्ट नहीं अधिसूचना: शासन की ओर से जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि सेना, अर्ध सैनिक बल व पुलिस लाल बत्ती का प्रयोग कर सकते हैं या नहीं। इसमें केवल यह कहा गया है कि आपात ड्यूटी, आपदा प्रबंधन ड्यूटी तथा ऐसी शर्तो के अधीन जो केंद्र सरकार निर्देश करेगी उन्हीं वाहनों में बहुरंगी लाल, नीली व सफेद बत्ती का प्रयोग होगा। केंद्र ने सेना, अर्ध सैनिक बलों व पुलिस को कानून व्यवस्था के लिए बहुरंगी बत्ती के इस्तेमाल को मंजूरी दी हुई है।