हेमकुंड साहिब व लोकपाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद

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    गोपेश्वर। सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब और हिन्दुओं के तीर्थ लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट विधि-विधान के साथ मंगलवार को डेढ़ बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस मौके पर मौजूद सैकड़ों तीर्थ यात्रियों ने कपाट बंद होने की प्रक्रिया में भाग लिया। वहीं पहली बार सेना के बैंडों की मधुर ध्वनि से पूरा वातावरण धार्मिक बना रहा।

    मंगलवार को सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए। सुबह हुकुमनामा का पाठ, शबद-कीर्तन और अरदास की गई। उसके बाद डेढ़ बजे सेना के बैंड की मधुर ध्वनि के बीच कपाट बंद किए गए। हमेकुंड साहिब समुद्रतल से करीब 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। गुरुद्वारे में अब तक करीब सवा दो लाख श्रद्धालु मत्था टेक चुके हैं। मान्यता है कि यहां पूर्व जन्म में सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिह ने तपस्या की थी।
    हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद करने से पहले गुरुद्वारे और मंदिर को फूलों से सजाया गया। साढ़े 12 बजे साल की अंतिम अरदास के बाद गुरुग्रंथ साहिब का हुकुमनामा पढ़ा गया। पंच प्यारे के नेतृत्व में गुरुग्रंथ साहिब को दरबार साहिब से शचखंड़ में लाया गया। इसके बाद डेढ़ बजे विधि-विधान के साथ हेमकुंड के कपाट बंद किए गए। साथ ही लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट भी विधि-विधान के साथ बंद किए गए हैं। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई थी।