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महिला मोर्चा में टिकट बंटवारे को लेकर है आक्रोश

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पिछले कई पीढ़ीयों से उत्तराखंड की महिलाएं बहुत से आंदोलन की जान रहीं हैं,चाहें वो चिपको आंदोलन की गौरा देवी हों या उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के जनआंदोलन में हिस्सा लेने वाली वो बहुत सी महिलाएं हो जिन्होंने अपनी जान की बाजी तक लगा दी थी।महिलाओं ने उत्तराखंड के हर मुद्दे पर काम किया है राजनीतिक,इकोनामिकल,पर्यावरण आदि लेकिन जब चुनाव में टिकट देने की बारी आई तब एक बार फिर न केवल दोनों बड़ी पार्टियों ने बल्कि क्षेत्रीय पार्टियों ने भी महिलाओं को टिकट देने से कन्नी काट ली है।यह एक ऐसा एजेंडा है जिससे दोनो ही पार्टियों कांग्रेस और भाजपा की महिला प्रतिनिधि एक साथ हामी भरती हैं और अपनी अपनी पार्टियों से नाराज़गी जताती हैं।

बीजेपी व कांग्रेस की महिला मोर्चा मे टिकट बंटवारे को लेकर महिलाओं की भागीदारी कम होने पर काफी आक्रोश है। कांग्रेस महिला प्रदेश प्रवक्ता सुमित्रा ध्यानी ने कहा, ‘जब भाषण बाजी की बात आती है तो कहते है उत्तराखंड महिलाओं ने बनाया है !हमे हर जगह जिम्मेदारी दी जाती है, साथ साथ महिलाओं के लिए अलग अलग संगठन भी बनायेंगे इसकी उम्मीद दी जाती है। धरना या किसी प्रकार का प्रदर्शन हो तो महिला को आगे कर देते हैं और जब टिकट की बात आती है या महिला सम्मान की तो पार्टी अपना हाथ पीछे खींच लेती है।’ उधर बीजेपी महिला मोर्चा अध्यक्ष नीलम सहगल ने बड़ी नाराज़गी के साथ कहा, ‘पार्टी ने महिलाओं के साथ विश्वास घात किया जब मोर्चा सँभालने की बात आये तो महिलाओं को आगे कर दिया जाता है.. महिला के टिकट बटवारे की बात पार्टी तक भी ले गयी थी पर मेरी बात को अनसुना कर दिया गया जिसका तात्पर्य यह है कि महिला के सम्मान को लेकर कोई भी पार्टी संजीदा नही हैं।’ और जब इस बारे में जे पी नड्डा से सवाल पूछा गया तो वह भी पीछे हटते नज़र आये।

इससे साफ जाहिर होता है कि 16 सालों में मातृ शक्ति या महिलाओं के लिए आरक्षण की बात करने वाली दोनों  राष्ट्रीय पार्टियों में आरक्षण को लेकर कोई रोड मैप नहीं तैयार किया गया है।

बीजेपी के महिला उम्मीदवारों की सुचीः

  • सोमेश्वर से रेखा आर्य
  • यमकेश्वर से रीतू खंडूरी
  • चकराता से मधु चौहान
  • केदारनाथ से शैला रानी
  • गंगोलीहाट से मीना गंगोला।

 

कांग्रेस के उम्मीदवारों की सुची:

  • हल्द्वानी से इंदिरा हिरदेश
  • रुद्रप्रयाग से लक्ष्मी राणा
  • मसूरी से गोदावरी थापली
  • नैनीताल से सविता आर्य
  • बाजपुर से सुनीता टम्टा
  • सितारगंज से मालती विश्वास
  • भगवानपुर से ममता राकेश
  • सल्ट से गंगा पंचोली

 

बीजेपी के बागियों पर पार्टी की गिरी गाज

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राज्य में चुनावों के लिये नाम वापसी का बुधवार को आखिरी दिन रहा। इसके बाद बागियों के घर वापसी के आधिकारिक दरवाज़े बंद हो गये हैं। इसी के बाद बीजपेपी ने पार्टी के बागियों पर सख्त़ी करी। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने पार्टी के 17 बागियों को 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित किया , ये सभी लोग पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं ।

भाजपा के निर्णय के खिलाफ जाकर , पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव मैदान में डटे जिन नेताओं को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया है उनमें

  • गंगोत्री से सूरत राम नौटियाल 
  • केदारनाथ से श्रीमती आशा नौटियाल 
  • घनसाली से धनी लाल शाह 
  • प्रेम लाल त्रिकुटिया 
  • नरेन्द्र नगर से ॐ गोपाल रावत 
  • प्रताप नगर से राजेश्वर प्रसाद पैन्यूली 
  • सहसपुर से लक्ष्मी अग्रवाल 
  • ऋषिकेश से संदीप गुप्ता
  • खानपुर से रविंद्र पनियाला 
  • लक्सर से कुशलपाल सैनी
  • चोबट्टा खाल से कवींद्र इष्टवाल
  • डीडी हाट से किशन सिंह भंडारी
  • रानीखेत से प्रमोद नैनवाल
  • नैनीताल से हेम आर्य
  • कालाढूंगी से हर्मेन्द्र सिंह दरम्याल
  • जसपुर से सीमा चौहान और
  • काशीपुर से राजीव अग्रवाल शामिल हैं ।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की और से जारी एक पत्र के अनुसार इन लोगों को  6 साल के लिए पार्टी से  निष्काषित किया  गया है ।

शिल्पी अरोड़ा नहीं रहीं सीएम रावत के रास्ते का रोड़ा

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किच्छा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाली शिल्पी रावत ने नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस ले लिया है।शिल्पी अरोड़ा ने कांग्रेस से खफा होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था।लेकिन बुधवार को उन्होंने अपना इरादा बदल दिया और कांग3ेस को समर्थन करने का फैसला कर लिया है।

बुधवार देर शाम प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया के सामने इस बात का किया ऐलान।गौरतलब है कि शिल्पी अरोड़ा ने टिकट बंटवारे पर कांग्रेस और सीएम रावत पर इल्जामों के पुल बांधे थे।यहां तक कि शिल्पी अरोड़ा ने सीएम रावत के नामांकन पर भी अापत्ति जताई थी जिसे चुनाव आयोग ने खारिज़ कर दिया था।इतना कुछ करने के बाद भी जब शिल्पी को कोई रास्ता नहीं सुझा तो आखिरी में उन्होंने कांग्रेस का हाथ एक बार और थाम लिया।

बुधवार को शिल्पी के नाम वापस लेने से एक बात तो साफ है कि शायद सीएम रावत का मुकाबला करने से डर गई थी। शिल्पी।नामांकन के आखिरी दिन देहरादून कैंट से राजेंद्र धवन ने तो किच्छा से शिल्पी ने नाम लिया वापस इससे एक बात साफ है कि  डैमेज कंट्रोल करने में भाजपा से ज्यादा सफल रही कांग्रेस पार्टी।विधानसभा चुनाव की दो हाट सीटों में से किच्छा एक नाम है, जिसपर सीएम रावत के चुनाव लड़ने से लेकर शिल्पी के निर्दलीय चुनाव लड़ने पर गर्माहट थी लेकिन आखिरी मौके पर शिल्पी का नाम वापस लेना शायद इस बात का सूचक है कि हरदा के सामने सब है बेपर्दा।किच्छा सीट से शिल्पी का नाम वापस जाने से और उनका कांग्रेस को समर्थन देनाा सीएम रावत के लिए कितना काम आएगा यह तो वक्त ही बताएगा।

6 मई को खुलेगा चार धाम के प्रसिद्ध बद्रीनाथ का कपाट

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आस्था की यात्रा 2017  की चार धाम यात्रा के बद्नारीनाथ भगवान के कपाट  खुलने की तिथि घोषित,राजमहल से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की घोषणा  6 मई ,सुबह 4 :15  मिनट ब्रह्म मुहर्त पर  खुलेगे भगवान के द्वार।
उत्तराखण्ड में बसंत अपने साथ कई उम्मीदों को लेकर आता है जिसमें सबसे बड़ी उम्मीद चार धाम यात्रा का प्रमुख स्थान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा का दिन भी है। ये परम्परा प्राचीन काल से उत्तराखण्ड में चली आ रही है जिसे गढ़वाल का राजवंश बड़ी सिद्धत के साथ निभाता है इसलिए बसंत पंचमी  का दिन नरेंद्र नगर  राजमहल के लिये खासा  महत्वपूर्ण होता है ,इसी दिन भगवान बद्री विशाल के कपाट  खुलने की तिथि तय की जाती है ,राज परिवार का मुखिया विधिवत पूजा अर्चना के साथ कपाट खुलने की तिथि  घोषणा  करता है ओर राजपुरोहित पंचांग  और महाराजा की जन्मपत्री देख कर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का शुभ मुहर्त निकालता है।साथ ही गाडू घडी की तिथि की भी घोषणा आज के ही दिन की जाती है ,टिहरी राजवंश ने नरेंद्र नगर महल से आज बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की विधिवत घोषणा की 6 मई ,सुबह 4 :15  मिनट ब्रह्म मुहर्त पर  खुलेगे भगवान के द्वार।
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द्वार आम श्रधालुओ के लिएः
टिहरी राजमहल में  2017  की चारधाम यात्रा कि तैयारिया शुरू हो गयी है उत्तराखंड के चारधामो में एक प्रमुख धाम भगवान विष्णु के वास बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि की घोषणा,  ब्रह्म मुहर्त पर 4 बज के 15 मिनट को खुलेंगे।टिहरी  राजवंश बसंत पचमी के दिन विधिवत पूजा-अर्चना के साथ तिथि की घोषणा करता है ,ये परम्परा उत्तराखंड में शुरु से चली आ रही है ,टिहरी के राजा को बोलंदा बद्री की उपाधि से नवाजा गया था।सदिओं से राजपरिवार इस परंपरा को निभाता आ रहा है सुबह से ही राजमहल में बद्रीनाथ केदारनाथ समिति और डिमर गाँव  से आये पुजारी गाडू गाड़ी लेकर आते है इस बार भगवान के द्वार आम भक्तो के लिए खोल दिए जायेंगे।टिहरी राजवंश महाराजा मनुजेंद्र शाह ने कहा है कि राज्य परिवार देश -विदेश के सभी श्रद्धालुओ को भगवान बद्री विशाल के दर्शनों के लिए आमन्त्रित करता है।
सुबह से ही नरेंद्र नगर राजमहल में दूर-दूर से आये भक्तो में तिथि खुलने के लिए उत्साह देखने  लायक होता है  , बद्री-केदार मंदिर समिति को भी  इस बार 2017 की चार धाम यात्रा से बड़ी उम्मीद है, जिसके लिए बी.केटी.सी ने पूरी तैयारी कर ली है। बद्रीनाथ के साथ साथ केदारनाथ में भी 1500 लोगो के लिए रहने खाने की सुविधाओ पर जोर दिया गया है जिस से तीर्थ यात्रियों को सुविधा मिल सके।
चार धाम यात्रा का आगाज नरेन्द्र नगर राजमहल से हो चूका है , सभी तीर्थ पुरोहित अब चार धाम यात्रा की तैयारी में जुट जायेगे और भगवान् अपने भक्तो को शीतकाल के बाद दर्शन देने लगेगे ,यही परंपरा और आस्था   के  संगम का समावेश  है जिसकी घोषणा नरेंद्र नगर राजमहल से बसंत पंचमी के दिन हो गयी है।

अल्मोड़ा के गांव सेराघाट में टूटा पुल

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सेराघाट (न्योलियासेरा व ग्वासिकोट) के बीच में वाहन को ले जाते समय टूटा पुल।पुल के टूटने से 5 लोग गंभीर रुप से घायल हुए तथा1 की हालत गंभीर बनी हुई है।

सेराघाट उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का एक छोटा सा गांव है। वाहन को एक किनारे से दूसरे किनारे ले जाते समय हुई दुर्घटना।

चुनाव में असामाजिक तत्वों पर रहेगी पुलिस की सख्त नजर

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पुष्पक ज्योति पुलिस उप महानिरीक्षक गढ़वाल ने बताया कि चुनाव को सामान्य और शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों/चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा किये जाने वाले प्रचार-प्रसार के माध्यमों वाले वीडियों वैन, बाईक के प्रयोग, रोड शो, नुक्कड़ नाटकों के साथ ही जनसभाओं आयोजित करना, मतदान के दिन गाड़ियों का प्रयोग, झण्डे का प्रयोग के संबध में सभी डिस्ट्रीक्ट इनचार्ज को पहले से ही पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिये गए है।विधान सभा चुनाव को ठीक से सम्पन्न कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से जारी आर्दश आचार संहिता का उल्लंघन न होने के लिए इस रेन्ज के सभी डिस्ट्रीक्ट इनर्चाजों को आर्दश आचार संहिता का पालन करने के लिए निर्देश दिये है।

कुछ महत्तवपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैंः

  • जनपद हरिद्वार/देहरादून के साथ ही रेन्ज के पहाड़ी जनपदों में चुनाव के कारण बाहरी लोगों का चुनाव प्रचार-प्रसार में बढचढ कर भाग लिया जाता है, इस दौरान बाहरी लोगों का विशेष चेंकिग अभियान चलाकर सत्यापन कराने के निर्देश सभी जनपदप्रभारियों को दिये गये।खासकर जनपद हरिद्वार में ज्वालापुर,सिडकुल,कनखल, रोशनाबाद क्षेत्रों में औऱ देहरादून में सहसपुर, विकासनगर, रायपुर, ऋषिकेश,डोईवाला आदि क्षेत्रों में जहां पर बाहरी लोगों की आना जाना अक्सर लगा रहता है।
  • नामांकन पूरा होने के बाद स्टार प्रचारकों चाहे वो कांग्रेस के हो या बीजेपी या किसी अन्य पार्टी के सभी प्रत्याशियों के लिये प्रचार-प्रसार के लिये जनसाभायें की जायेगी, जिसके लिये सभी डिस्ट्रीक्ट इनचार्ज को समय से जांच कर उचित पुलिस बल तैनात करने के साथ ही पहले से हाई लेवल के अरेंजमेंट किए जाऐंगे।
  • साथ ही अब तक रेन्ज को 17 अर्दसैनिक बल मिले है, इसके अलावा 4500- होम गार्ड राजस्थान से 2500- हिमाचल प्रदेश से उत्तराखण्ड से 2850 होमगार्ड है, कुल रेन्ज लेवल पर मिलने वाले होमगार्ड- 9875 है।
  • पुष्पक ज्योति पुलिस उपमहानिरीक्षक गढवाल परिक्षेत्र ने रेन्ज के सभी जनपद प्रभारियों को कहा गया है कि फ्लैग मार्च लाउड हिलर से आम जनता से अपील करें कि भाई और बहनों आगामी 15 फरवरी 2017 होने वाले मतदान में निर्भीक होकर अपना मताधिकार का प्रयोग करें।कोई इस दौरान गड़बड़ी फैलाने, अराजकता फैलाने, तथा किसी भी प्रकार की गुडागर्दी फैलाने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी।
  • पुष्पक ज्योति ने बताया कि रेन्ज के सातों जनपदों में दिये गये निर्देशों पर दिंनाक 31/1/2017 तक कुल अपराधीयों की संख्या- 600, जिसमें से कुल गिरफ्तार अपराधी की संख्या- 480 है,और गिरफ्तारी के लिए निर्देश दिये गये है
  • कुल बरामद अवैध शस्त्र 60 के साथ ही गैरकानूनी शस्त्र के साथ कुल गिरफ्तार अभियुक्त- 70
  • कुल अवैध शराब में कुल अभियोग- 337, जिसमें से बरामद अवैध शराब में 5457.25 देशी शराब, 25 अंग्रेजी शराब, 180 बीयर, के साथ ही 922ली0 कच्ची शराब बरामद की गयी है।
  • गुण्डा अधिनियम में आने वाले रेन्ज लेवल पर कुल 150 मामलों में कार्यवाही की गयी साथ ही रेन्ज लेवल पर कुल 662 हिस्ट्रीशीटर के विरुद्ध कार्यवाही की गयी। जिसमें लगभग 100 से अधिक जेल भेजे गये है।
  • रेन्ज स्तर पर घोषित किये गये मफरुर 566 है,जिसमें से 200 ईनामी घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिये सभी डिस्ट्रिक्ट इनर्चाजों को निर्देश दिया गया है।

कैंट सीट से धस्माना की राह हुई आसान

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बुधवार को कांग्रेस भवन में मुख्य प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी व जोत सिंह बिष्ट के नेतृत्व में देहरादून कैंट विधानसभा के निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र धवन ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। धवन ने कहा की मुझे पार्टी से टिकट न मिलने के कारण रोष में आकर मैंने अपना नामांकन निर्दलीय प्रत्याशी की तरह किया लेकिन अब मैं अपना यह फैसला वापस लेता हूँ।उन्होंने कहा कि मैं पिछले 32 साल से   कांग्रेस के लिए सेवा कर रहा हूं और आगे भी करुंगा,मैने गाँव के वार्ड से लेकर प्रदेश तक पार्टी के लिए काम किया है।अब मै पूरी तरह से धस्माना का समर्थन करता हूँ और कांग्रेस पार्टी की हमेशा सेवा करता रहूँगा।

उधर सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि टिकट तो एक ही व्यक्ति को मिल सकता है और मुझे पार्टी के साथ साथ जनता का भी समर्थन मिला है।कैंट क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी धस्माना को अभी तक निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र धवन का डर था जो आज नामांकन लेने के साथ खत्म हो गया है।

धस्माना ने कहा कि अब वह कांग्रेस की सीट कैंट विधानसभा से स्थापित करेंगे और आने वाले 5 सालों में विकास की लहर जनता को दिखाई देगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी ने मुझ पर हमेशा भरोसा जताया है,पहले भी मुझे मेयर टिकट का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और अब विधायक के टिकट के लिए मुझे चुना गया है,और निश्चित रूप से कैंट से जीत हासिल करूँगा।

यूनियन बजट 2017 में इनकम टैक्स पर मध्यम वर्ग को मिली छूट

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यूनियन बजट 2017 पेश करते हुए किसानों और गावों को जबरदस्त सौगातें दी हैं।एक नजर में देखते है उन्होंने आधारभूत ढांचे, रोजगार, आवास, किसानों, ग्रामीण इलाकों, नौजवानों पर जोर दिया।जेटली ने कहा कि बजट में इस बार 10 बड़ी चीजों पर फोकस किया है, इनमें किसान, इंफ्रास्ट्रक्चर, युवाओं को रोजगार, सोशल सिक्यॉरिटी, आवास, फाइनैंशल सेक्टर और डिजिटल इकॉनमी जैसी चीजें शामिल हैं।वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी की वजह से जीडीपी की साफ और सच्ची तस्वीर सामने आएगी, अर्थव्यवस्था स्वच्छ होगी।जेटली ने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में टैक्स की चोरी करना जनता की आदत हो गई थी, इससे गरीबों का नुकसान था।नोटबंदी से ब्‍लैकमनी, फेक करंसी और टेरर फंडिंग पर लगाम लगेगी. नोटबंदी से बैकों की क्षमता बढ़ी नोटबंदी से टैक्स कलेक्शन बढ़ा है।

रेल बजटः

  • नई मेट्रो रेल नीतियां लाई जाएगी,3500 किलोमीटर नई रेल बिछाई जाएंगी,पर्यटन और तीर्थ के लिए विशेष ट्रेनें होंगी.
  • आईआरसीटीसी (IRCTC) से टिकट बुकिंग पर सर्विस टैक्‍स खत्‍म
  • 500 स्‍टेशन विकलांगों की सुविधा के मुताबिक बनाए जाएगा
  • जेटली ने कहा नदियां सड़के और रेल देश की जीवन रेखा है
  • पैसेंजर सुरक्षा के लिए रेल सुरक्षा कोष बनाया जाएगा, एक लाख करोड़ का प्रावधान,रेल का बजट 1,31,000 करोड़ का होगा.
  • स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगाए जाएंगे, 300 स्टेशनों से शुरुआत की जाएगी
  • 2019 तक सभी ट्रेनों में बॉयो टॉयलेट लगवाए जाएंगे, मानवरहित क्रॉसिंग पूरी तरह से खत्म की जाएगी
  • 7000 रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा की सुविधा दी जाएगी. सरकार चुनेगी 25 स्टेशन, जिनका विकास किया जाएगा
  • रेल कोच से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार का ‘कोच मित्र’ सुविधा का प्रस्ताव
  • रेल के किराये-भाड़े का निर्धारण लागत, सामाजिक जिम्मेदारी तथा प्रतिस्पर्धा के आधार पर किया जाएगा
  • चालू वित्तीय वर्ष में 2,800 किलोमीटर की लाइनें शुरू की जा रही हैं

इनकम टैक्सः

इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान 2.5 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक की सालाना आय पर 5 फीसदी टैक्स,पहले यह 10 फीसदी था।बता दें कि ये दरें अगले वित्तीय वर्ष यानी 2017-18 के लिए हैं और अप्रैल से लागू मानी जाएंगी. यानी मौजूदा वित्तीय वर्ष (2016-17) के लिए जो टैक्स आप भरेंगे, वह मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत ही होगा.

  • 50 लाख से 1 करोड़ की आय पर 10 प्रतिशत सरचार्ज और
  • एक करोड़ से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत सरचार्ज लगेगा,यह सरचार्ज पहले 12 फीसदी था
  • इससे सरकार को 2700 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे

 

नरेंद्र सिंह नेगी ने गीत के माध्यम से किया राजनितिज्ञों पर वार

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उत्तराखंड राज्य की परंपरा और यहां की जीवन शैली को अपने आवाज से रंगने वाले प्रसिद्ध लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर लोगों के बीच अपने नए गाने के बोल उजागर किए हैं।

गाने के बोल कुछ इस तरह से हैंः

भ्रष्टाचारै बास नि ऐ
लोकायुक्त रास नि ऐ, डौर कैकि हूण…
तन्निले तान तनी तून
तन्नि ढेबरि तन्नि ऊन
तेरिभि सुणला दाजु
पैलि उतराखण्डै सूण

यह गीत उत्तराखंड के मौजूदा राजनीतिक हाल को बंया करते हुए बनाया गया है।उन्होंने सीएम रावत सरकार के समय के सभी घोटालों और दलबदलीयों को ध्यान में रखकर यह गीत रचा है।उन्होंने लोकायुक्त और भ्रष्टाचार का हवाला देकर इस गीत को सजाया है।उत्तराखंड में राजनीति के नाम पर चल रहे तू-तू मैं-मैं को भी नेगी ने बहुत ही खूबसूरती के साथ शब्दों में बयान किया है।उन्होंने हाल ही में हो रही बगावत और कांग्रेस भाजपा के नेताओं द्वारा दलबदल को भी अपनी इस गानें में एक महत्तवपूर्ण स्थान दिया है तथा उत्तराखंड की लाचार जनता के हाल भी गीत के माध्यम से लोगों के समने प्रस्तुत किए हैं।यह पहली बार नहीं है कि नरेंद्र सिंह जी ने अपने गीतों में वास्तविक्ता दिखाई हो,2006 में ”नौ छमी नरैणां” उनकी एक वी.सी.डी लांच हुई थी जिसमें उन्होंने नारायण दत्त तिवारी को एक ”मल्टीकर्लड पर्सनालिटी” के रुप में दर्शाया और तिवारी की कांग्रेस सरकार का खूब मजा़क उड़ाया और उनके साथ पिछले तीन मुख्यमंत्रीयों को भी नेगी ने घेरा था। लेकिन गढ़वाल के किशोर कुमार माने जाने वाले नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा था कि यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना नहीं बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का गुस्सा है।

 

 

बसंत पंचमी के साथ उत्तराखंड में शुरु बैठकी होली

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बसंत पंचमी’ हिंदुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। इसे ‘श्रीपंचमी’ भी कहते हैं। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार माघ महीने के पांचवें दिन (पंचमी) पर हर साल मनाया जाता है।

उत्तराखंड में बसंत पंचमी से बैठकी होली की शुरुआत हो जाती है। मां सरस्वती के पूजन के साथ लोग पंचमी के दिन पीले कपड़े पहनते हैं और पीला खाना खाते हैं।उत्तराखंड के ज्यादातर हिस्सों में बसंत पंचमी के दिन पीले और मीठे चावल बनाएं जाते हैं और लोग इसका सेवन करते हैं।

बसंत पंचमी, ज्ञान, संगीत और कला की देवी, ‘सरस्वती’ की पूजा का त्यौहार है। इस त्यौहार में बच्चों को हिंदू रीति के अनुसार उनका पहला शब्द लिखना सिखाया जाता है। बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करने का रिवाज़ है। बसंत पंचमी सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक है।

माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी से ऋतुओं के राजा वसंत का आरंभ हो जाता है। यह दिन नई ऋतु के आने का सूचक है। इसीलिए इसे ऋतुराज वसंत के आने का पहला दिन माना जाता है। साथ ही यह मां सरस्वती की जयंती का दिन है।

इस दिन से प्रकृति के सौंदर्य में निखार दिखने लगता है। वृक्षों के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और उनमें नए-नए गुलाबी रंग की कलियां और पत्ते मन को मुग्ध करते हैं। इस दिन को बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा-आराधना के रूप में मनाया जाता है।