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उत्तराखंड पहुंचे विराट कोहली और अनुष्का शर्मा

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एयरपोर्ट से निकलते विराट अनुष्का

भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली अपनी खास दोस्त औऱ मशहूर अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ अचानक देहरादून पहुंचे। दोपहर अचानक प्राइवेट प्लेन से दोनों देहरादून के जाॅली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। दोनों को वहां देखते ही लोगों में अपने चहते सेलिब्रेटी के साथ तस्वीरें खिंचाने की होड़ लग गई।

भीड़ से बचते हुए दोनों बाहर निकले औऱ सीधे नरेंद्रनगर स्थित आनंदा रिसाॅर्ट के लिये निकल गये। गौरतलब है कि विराट और अनुष्का की खास दोस्ती लंबे समय से चर्चाओं का विषय रही है। दोनों ने कभी खुलकर अपने रिश्ते के बारे में बात नहीं की है। अनुष्का शर्मा मूल रूप से देहरादून की हैं और इससे पहले भी ये दोनों कई बार छुट्टियां मना चुके हैं लेकिन उत्तराखंड में ये दोनों पहली बार साथ साथ आये हैं।

क्रिस्मस पर मुख्यमंत्री ने दी प्रदेशवासियों को बधाई

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शनिवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत से बीजापुर अतिथि गृह में विधायक आर.वी.गार्डनर ने मुलाकात कर क्रिसमस की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री रावत ने भी गार्डनर को क्रिसमस की हार्दिक बधाई दी। गार्डनर ने मुख्यमंत्री को केक खिलाकर बधाई दी।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने क्रिसमस पर्व के अवसर पर सभी प्रदेशवासियों विशेषकर ईसाई समुदाय के लोगों को शुभकामनाएं दी है। इस अवसर पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि यह पर्व हमें महापुरूष ईसा मसीह के सिद्धान्तों की याद दिलाता है, जिन्होंने समाज में समरसता, समभाव, प्रेम एवं शान्ति के लिए कार्य कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। 

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में सभी पर्वो को मिलजुल कर मनाने की श्रेष्ठ परम्परा रही है और यहां के निवासियों ने साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम कर यहां की गंगा जमुनी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखा है। 

होटलों में लगे टीवी से हाटाया इंटरटेंनमेंट टैक्स

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नोटबंदी के झटके के बाद उत्तराखंड पर्यटन प्रवाह पर काफी असर पड़ा है, लेकिन हरीश रावत सरकार ने इस झटके को कम करने के लिए मरहम की तरह पहाड़ी-राज्य में होटल व्यवसायियों के लिए कुछ राहत का फैसला लिया है। सरकार द्वारा पारित एक आर्डर में राज्य के सभी होटलों में हर एक टेलीविजन सेट पर लगने वाला इंटरटेनमेंट टैक्स 40 रुपए को माफ कर दिया गया है।हिल स्टेट के सभी होटल व्यव्सायियों ने इस फैसले का स्वागत किया है, उत्तराखंड होटल मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने बताया कि “नवंबर के महीने में औसतन 30-40 प्रतिशत गिरावट आ चुकी है।बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी बुकिंग कैंसल करवाई है। उन्होंने कहा कि यह इंटरटेन्मेंट टैक्स माफी हमारे लिए एक फायदेमंद कदम है, खासकर के तब जब सभी होटल मालिक नोटबंदी की आग को झेल रहे हैं।”

पिछले महीने हुए नोटबंदी के फैसले ने त्योहारों के समय का मजा खराब कर दिया है, लोग अब हिल स्टेशनों में पैसों की कमी के कारण आने से डर रहे जिसका सबसे ज्यादा असर होटल व्यव्साय पर पड़ा है।इस तरह के फैसले का हमेशा ही स्वागत किया जाएगा वो भी ऐसे प्रदेश में जहां राज्य को पर्यटन की वजह से 30 प्रतिशत का फायदा होता है, भले ही यह एक छोटा कदम है लेकिन यह कदम सही दिशा में लिया गया है।

उत्तराखंड होटल व्यव्साय एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि हालांकि अगर देखे तो 40 रुपये हर टेलीविजन के लिए एक छोटी रकम हैं, लेकिन यह उन लोगों के लिए एक सही और बड़ा फैसला है जो व्यव्साय करना चाहते हैं।जानकारों का मानना है कि अगर नोटबंदी के चलते हालात ऐसे ही बने रहे तो आने वाले समय में राज्य की पर्यटन इंडस्ट्री को संभालने के लिये सरकार को और भी कदम उठाने पड़ेंगे। लेकिन कुछ ही दिनों में राज्य में चुनावों की घोषणा होने वाली है ऐसे में सरकार आने वाले दिनों में व्यापरियों की कितना मदद कर पायेगी ये देखने वाली बात होगी।

नहीं रहे उत्तराखंड के प्रतिभशाली शिकारी, ठाकुर दत्त जोशी

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ठाकुर दत्त, कुमांऊ के एक प्रसिद्ध शिकारी थे जिन्होंने लगभग 50 से ज्यादा आदमखोर जानवरों को मारा था,उनकी मृत्यु देर शाम बृहस्पतिवार को हुई। वह 82 साल के थे। पिछले कई रोज से वह बीमार थे और दिल्ली ले जाते समय उनकी रास्ते में ही मृत्यु हो गई।शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार रामनगर में किया गया।

जोशी, आम तौर पर मिनी कार्बेट के नाम से जाने जाते थे,उन्होंने 60 के दशक में उत्तराखंड फारेस्ट डिर्पाटमेंट में जिम कार्बेट के फारेस्ट गार्ड का पदभार संभाला था और इंसानों को खाने वाले जानवरों का शिकार भी किया था,जिसकी वजह से कुमांऊ में लोग उन्हें मिनी कार्बेट के नाम से पुकारते थे। उन्होंने अपना पहला शिकार 70 के दशक में एक तेंदुएं को मार कर किया था जो आदमखोर हो गया था।इसके बाद जब भी जंगल में कोई आदमखोर जानवर आता तो जंगल के अफसर जोशी जी को जानवरों का शिकार के लिए और पकड़ने के लिए बुलाते थे।

उम्र के साथ इनकी आंखों की रोशनी कमजोर होने लगी थी,लेकिन अगर उनसे कोई पूछता कि क्या वो अब भी बंदूक उठाने के लिए तैयार हैं तो वे कहते थे कि मैं शेर की आंखों में आंख डालकर देख सकता हूं, मैं डरता नही।

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के शिकारियों में जोशी जी एक ऐसे शिकारी की तरह जाने जाते थे जिसे बडें तेंदुए के बारे में सटीक ज्ञान था। फारेस्ट डिर्पाटमेंट के अनुसार जोशी ने 51 तेंदुएं मारे है जिसमें 15 चीते भी थे।

1996 में सेवा निवृत होने के बाद भी उनकी काबलियत और निशाने के पक्के होने की वजह से जरुरत पड़ने पर फारेस्ट डिर्पाटमेंट के आफिसर इन्हें नियमित रुप से अपने आफिस बुलाते रहते थे जिससे वो दूसरे शिकारियों की मदद कर सके।  

उनकी मृत्यु के साथ एक युग का अंत भी हो गया और साथ ही एक ऐसी प्रतिभा का जो हर किसी में आसानी से नहीं मिलती।उनकी मृत्यु उत्तराखंड हाई कोर्ट के उस फैसले के एक दिन बाद हुई जिसमें तेंदुएं को मारना या आदमखोर साबित करने पर मनाही है।कुछ साल पहले जोशी जी ने एक किताब लिखी थी – कुमांऊ के खौफनाक आदमखोर।शायद आने वाली जेनेरेशन मिनी कार्बेट को इस किताब से याद करे,जाने और पहचाने।

पेटीएम से कैसे खायेंगे बाल मिठाई: राहुल गांधी

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शुक्रवार को अल्मोड़ा में आयोजित जन आशीष रैली में उपस्थित विशाल जन समूह को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाॅधी ने कहा कि 08 नम्बर को मोदी जी के नोटबन्दी के निर्णय के बाद देशभर में 100 लोगो की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि गरीब लोग कुछ बनाने में अपनी जिन्दगी लगा देते है। लोग अपना खून पसीना बहाकर, बीमारी का इलाज, अपने बच्चो की शिक्षा आदि के लिए धनराशि जमा रखते है नोटबन्दी से मोदी जी ने गरीबो, किसानो, मजदूरो, मध्यम वर्ग पर चोट की है। 

उन्होंने शायराना अंदाज में नोटबन्दी के असर पर शायर बशीर बद्र की ‘‘लोग टूट जाते है एक घर बनाने में तुम तरस नहीं खाते बस्तियाॅ जलाने में‘‘ तथा फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन की फिल्म के गीत ‘‘अपना तो बस यही सपना राम नाम जपना पराया माल अपना‘‘ का भी जिक्र किया।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदी जी तो मोबाइल व पेटीएम की बात करते है लेकिन बहराईच में जब उन्होंने लोगो को सम्बोधित किया तो लोग उनका भाषण नहीं सुन पाये। उन्होंने कहा कि क्या अल्मोड़ा के लोग मोहन सिंह खीम सिंह की बाल मिठाई पेटीएम से खायेंगे ?

राहुल ने कहा कि कांग्रेस भी देश से भ्रष्टाचार मिटाना चाहती है लेकिन नोटबन्दी से मोदी जी ने कालेधन के खिलाफ नहीं बल्कि आर्थिक डकैती की है। मोदी जी से हमने तीन मांग रखी जिनमें किसानो के कर्ज माॅफी, बिजली बिल की आधी माफी तथा किसानों के आनाज का वाजिब दाम दिया जाना शामिल है। मोदी जी यह तो नहीं कर रहे है लेकिन उन्होने 15 परिवारो का 1.40 लाख करोड़ का कर्ज माफ कर दिया है। मोदी जी ने मजदूरो का भी मजाक उड़ाया है उन्हें गडढा खोदने वाला बताया जबकि मजदूर गडढा नहीं खोदते बल्कि हिन्दुस्तान बनाते है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी ने हिन्दुस्तान को दो भागो में बांट दिया है एक तरफ एक प्रतिशत उच्च धनी लोग है जबकि दूसरी ओर 99 प्रतिशत जनता, किसान और मजदूर है। उन्होंने इन ढाई सालो में एक प्रतिशत लोगो को 60 प्रतिशत धन दिया है जो उनके पास बैठते है। हिन्दुस्तान का काला धन 99 प्रतिशत ईमानदार लोगो के पास नहीं है पूरा धन काला धन कैश में नहीं है, और सारा कैश काला धन नहीं है। लोकसभा में  बीजेपी के मंत्री ने कहा कि स्वीस सरकार ने बैंक होल्डर की सूची दी है लेकिने वे इनका नाम राज्यसभा व लोकसभा में क्यों नहीं रखते है। मोदी जी ने सर्जिकल स्टाईक आन करप्शन नहीं इमानदार लोगों पर फायर बम्बिंग की है। महिलाओं व अन्य लोगों का घर में रखा ईमानदारी का पैसा उनसे छिन लिया है, किसान मजदूर को परेशानी में डाल दिया है। उत्तराखण्ड की मर्नीआर्डर व्यवस्था एवं यहां के पर्यटन पर इस नोटबन्दी से करारा प्रहार हुआ है। मोदी जी ने एक करोड युवाओं को रोजगार देने की बात की थी, आज सिडकुल आदि से लोग मजदूरों को हटा रहे है, पिछले सात सालों में देश में आज सबसे ज्यादा बेरोजगारी है। 

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखण्ड आन्दोलनकारियों, उत्तराखंडियत गाड गदेरो, गांव गरीब के कल्याण के लिये कार्य कर रही है। पिछले ढाई सालों में प्रदेश ने देवी आपदा के साथ ही राजनैतिक आपदा झेली है। 2013 का हताश उत्तराखण्ड पूरे जोश खरोश के साथ आगे बढ रहा है। आज उत्तराखण्ड देश के 6 चुंनिदा राज्यों में शामिल है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय देश की प्रति व्यक्ति आय से दुगनी है। विकास के प्रत्येक पैरामीटर में हम आगे बढ़ रहे है। हमारा लक्ष्य है कि 2020 तक कोई व्यक्ति गरीब ना रहे। प्रदेश के प्रत्येक परिवार को एक कमाऊ सदस्य मिले। आज हम 1.74 लाख लोगो को सामाजिक पेंशन दे रहे है। 2017 तक हम 10 लाख लोगों को इसमें शामिल करेंगे। राज्य की तरक्की में से 1 प्रतिशत हिस्सा गरीबों, विधवा, विकलांगो को बाटेंगे, महिला सशक्तिकरण गांव व गरीबों के हित की बात करने वाला उत्तराखण्ड देश में अग्रणी राज्यों में है। हमने लोगों को 14 घंटे के बजाय 24 घंटे बिजली दे रहे है। 2018 तक सभी गांव सड़क से जोड देंगे। 

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी, प्रदेश सह प्रभारी संजय कपूर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, गृहमंत्री प्रीतम सिंह, सिंचाई मंत्री यशपाल आर्या, वन मंत्री दिनेश अग्रवाल, संसदीय सचिव मनोज तिवारी, विधायक नैनीताल सरिता आर्या, विधायक द्वाराहाट मदन बिष्ट, विधायक बागेश्वर ललित फस्र्वाण, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, विधायक मयुख महर, प्रकाश जोशी, खजान पाण्डे, विधायक राजकुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती मेहरा, औद्योगिक प्रधान सलाहकार मुख्यमंत्री रणजीत सिंह रावत, प्रकाश जोशी, प्रयाग जोशी, पीताम्बर पाण्डे, करन मेहरा, आनन्द रावत, पूरन रौतेला, आपदा प्रबन्धन उपाध्यक्ष प्रयाग भटट, महेन्द्र पाल, पूर्व मंत्री राम प्रसाद टम्टा, संजय साह जगाती, हरीश भाकुनी, भुवन कापड़ी, आदि उपस्थित थे। 

वाजपेयी ने उत्तराखंड राज्य बनाया, मोदी इसे सवारेंगे: अमित शाह

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शुक्रवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह देहरादून में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए थे जिसके बाद उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। भाजपा के अमित शाह पहले कई बार देहरादून में जनसभाएं कर चुके हैं।अमित शाह ने यहां जोगीवाला स्थित कैलाश अस्पताल का शिलान्यास किया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तराखंड की स्थापना की थी और अब पीएम नरेंद्र मोदी राज्य का विकास करेंगे, जन सभा में अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने विकास के लिए बहुत कुछ किया है और आगे भी राष्ट्र के हित मे काम करते रहेंगे।

उन्होंने कहा कि अस्पताल और दवाओं की ज़रूरत तब बढ़ती है जब कोई बीमार पड़े।मोदी सरकार के लिए उन्होंने कहा कि अगर आदमी बीमार ही न पड़े तो यह सब धरा का धरा रह जाएगा और इसके लिए प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी ने योग को अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखा है और हमारे देश के नागरिक योग को अपने जिंदगी में अपने रोजमर्रा के काम काज का हिस्सा बना रहे। पीएम मोदी भारत के योग को संयुक्त राष्ट्र तक ले गए। आज 170 देश योग दिवस मना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में विधान सभा चुनाव नजदीक हैं इसलिए मैं आरोप प्रत्यारोप नहीं करुंगा। उत्रराखंड राज्य के गठन में बीजेपी का बहुत अहम रोल रहा है और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राज्य का गठन किया तो यह सोचे बिना कि किसकी सरकार बनेगी और कौन यहां का मुख्यमंत्री होगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड के विकास का ग्राफ उल्‍टा ही कर दिया है।आने वाला समय बताएगा कि इस राज्य में किसकी सरकार होगी,लेकिन इस राज्य को वाजपेयी ने बनाया है और पीएम मोदी इसे संवारेंगे।

अमित शाह ने कहा कि राज्य के पूर्ण विकास के लिये यहां बीजेपी की सरकार बनना ज़रूरी है और उन्हें यकीन है कि राज्य के लोग भी रावत सरकार के भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं।

मेले के ज़रिये लोगों को किया जायेगा डिजिटली जागरूक

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नोटबंदी के बाद केंद्र और राज्य सरकार कोशिशें कर रही है कि ज्यादा से ज्यादा लोग कैशलेस या डिजिटल पैमेंट को अपनाये। इसी कोशिश में राजय सरकार 29 दिसम्बर से 04 जनवरी तक डिजी-धन मेला आयोजित करने जा रही है। देहरादून में कैशलेस पेमेंट के बारे में डिजिटल मेला का शुभारम्भ 29 दिसम्बर, 2016 को किया जायेगा। मेले में लकी ग्राहक योजना के अन्तर्गत ड्रा निकाला जायेगा। इस बारे में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने शुक्रवार को सचिवालय में बैैठक की। 

  • बैठक में बताया गया कि कैशलेस पेमेंट के बारे में बेस्ट स्लोगन, बेस्ट पोस्टर, बेस्ट जिंगल का पुरस्कार दिया जायेगा। पुरस्कार प्रथम, द्वितीय, तृतीय तीन श्रेणीयों में दिये जायेंगे। इसके अलावा तकनीकी और उच्च शिक्षण संस्थान अपने-अपने स्तर से प्रतियोगिता का आयोजन करेंगे। इस मेले में
  • आधार कार्ड भी बनाये जायेंगे
  • बैंक खाते खोले जायेंगे
  • पीओएस मशीन की बिक्री, पंजीकरण भी किया जायेगा
  •  साथ ही ई-वैलेट, मोबाईल पेमेंट सेवाओं की जानकारी भी दी जायेगी

मेेले में विभिन्न बैंकों, खाद्य, बीज, दुग्ध, किसान सहकारिता, कृषि के स्टाॅल भी लगाये जायेंगे। कैशलेस पेमेंट करने वाले ग्राहकों और प्राप्त करने वाले व्यापारियों को भी प्रमाण पत्र और कैश एवार्ड दिये जायेेंगे। मेले में एनपीसीआई, पीओएस, टेल्को, बीएसएनएल, आईओसी, इफ्को आदि के प्रतिनिधि भी रहेंगे। 

बैठक में सचिव आईटी दीपक कुमार, निदेशक आईटीडीए धर्मेन्द्र सिंह, बैंकर्स, आईओसी, इफ्को के अधिकारी उपस्थित थे। देश की इकाॅनमी को कैशलेस बनाने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन अबी भी देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है जो बैंकिंग की बेसिक प्रक्रिया से भी वाकिफ़ नही है। ऐसे में इन सभी लोगों को ई पैमेंट सिस्टमों से परिचित कराना एक बड़ी चुनौती होगी। 

मसूरी विंटर कार्निवल में रहेगी पहाड़ी खाने की धूम

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पहाड़ी फ़्यूशन व्यंजनों की धूम

अगर आप पहाड़ी और ख़ासतौर पर गढ़वाली खाने के शौक़ीन हैं तो मसूरी विंटरलाइन कार्निवल आपके लिये मुफ़ीद जगह रहेगी। अपने चौथे साल में चल रहे मसूरी विंटर लाइन कार्निवल में इस बार ज़ोर न सिर्फ़ लोकल कलाकारों बल्कि पहाड़ी और ख़ासतौर पर गढ़वाली पकवानों पर रहेगा। जखिया आलू से लेकर मंडवे की रोटी, दाल के पकौड़े, झंगोरे की खीर यहाँ आने वाले पर्यटकों को बहुत लुभा रहे हैं।

कार्निवल में पहाड़ों के ख़ानपान के स्टालों के साथ साथ आयोजक एक सेलिब्रिटी शेफ़ को भी बुलाएगी जो यहाँ बन रहे पकवानों को जज करके पुरस्कृत करेंगे।

कार्निवल की ऑर्गनाइसिंग कमेटी के सदस्य सन्नी साहनी के मुताबिक़ “हांलाकि हमने अभी फ़ाइनल शड्यूल नहीं बनाया है लेकिन हम ज़रूर दो तीन दिन का गढ़वाली फ़ूड फ़ेस्टिवल का आयोजन करेंगे। इसके लिये हमने गढ़वाल मंडल विकास निगम केंद्र होटल को शॉर्टलिस्ट किया है”

इस सबके बीच गढवाली खाना ज़्यादातर से ज़्यादा लोगों की पसंद बनता जा रहा है। जे डब्लू मैरियट मसूरी के शेफ़ सुनील कुमार बताते हैं कि “पिछले कुछ सालों में पहाड़ी खाने की माँग लगातार बढ़ रही है। हमारे यहाँ आने वाले मेहमान ख़ासतौर पर पहाड़ी और लोकल खाने की माँग करते हैं”

ये पहाड़ी खाने की बढ़ती माँग ही है जिसके चलते मसूरी और कई शहरों के बड़े रेस्तराँ अब अपने मेन्यू में कई तरह के पहाड़ी व्यंजन शुरू कर रहे हैं। न सिर्फ़ पहाड़ी व्यंजन अकेले लोगों की पसंद बन रहे हैं बल्कि पहाड़ी और पारंपरिक व्यंजनों का मिक्स करके केंद्र नये स्वाद के व्यंजनों पर भी शेफ़ प्रयोग कर रहे हैं। इनमें से कुछ ख़ास हैं रागी (मांडवा पिज़्ज़ा), झंगोरा रिस्सोटो, कंडाली सूप, गीत के कबाब।

पिछले कुछ समय में सरकारी स्तर पर भी पहाड़ी व्यंजनों को प्रमोट करनी की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन अन्य राज्यों की तर्ज़ पर पहाड़ी व्यंजनों को देश विदेश में पहचान दिलाने के लिये अभी काफ़ी कुछ करना बाकी है।

27 को उत्तराखंड में प्रधानमंत्री रखेंगे देश के पहले ऑल वेदर रोड की नीव

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 दिसम्बर को देहरादून आयेंगे। परेड ग्राउण्ड में अपराह्न 1.00 बजे चारधाम परियोजना का शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री जौलीग्रांट एयरपोर्ट से जीटीसी हेलीपैड आयेंगे। जीटीसी से सड़क मार्ग से परेड ग्राउण्ड पहुंचेंगे। देहरादून से प्रधानमंत्री की वापसी अपराह्न 2.00 बजे होगी। मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने शुक्रवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री आगमन के सिलसिले में बैठक की। उन्होंने सुरक्षा, कनेक्टिविटी, चिकित्सा आदि व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 

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बैठक में डीजीपी एम.ए.गणपति, प्रमुख सचिव गृह डाॅ.उमाकांत पंवार, आयुक्त गढ़वाल विनोद शर्मा, सचिव अमित नेगी, डीएम देहरादून रविनाथ रमन, एस.एस.पी. स्वीटी अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पीएम बनने के बाद उनका यह उत्तराखंड का पहला दौरा होगा। पीएम इस दौरे में मुख्य रुप से कुछ नए इतिहास रचने वाले कार्यो की नींव रखेंगे। देश के पहले ऑल वेदर रोड की नीव 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में रखेंगे। अप्रैल माह से ऑल वेदर रोड का शिलान्यास लंबित चल रहा है। 11 हजार 700 करोड़ रुपये की ये सामरिक महत्व की परियोजना चीन बार्डर तक न केवल सेना का हर मौसम में आवागमन सुलभ बनाएगी बल्कि प्रदेश के चार धाम सहित पर्यटन और आपदा प्रबंधन के लिए फायदेमंद होगी।

पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड में पहला आधिकारिक दौरा है। इससे पहले वह निजी दौरे में अपने गुरु दयानंद सरस्वती मिलने ऋषिकेश आ चुके हैं।इस दौरे से भाजपा को उत्तराखंड की जनता से उम्मीद है कि कुछ माहौल बदलेगा। यह दौरा राज्य में चुनावी माहौल को देखते हुये भी महत्वपूर्ण रहेगा। हाल ही में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से एक काॅर्परेट घराने से पैसे लेना का आरोप लगाया था। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की बातों पर ध्यान न देने की बात कही थी। नोटबंदी के बाद राज्य में पहली बार आ रहे प्रधानमंत्री से प्रदेश बीजेपी नेताओं को उम्मीद होगी कि वो लोगों के नोटबंदी से होने वाले फायदों को लेकर आश्सवत करेंगे।

घरती पर प्रकृतिक सौंदर्य का प्रारूप मसूरी की विंटरलाइन

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मसूरी की विश्व प्रसिध्द विंटरलाइन

Ev’ry night when the winter line is forming

I can hear lonely Allen boys a-calling

Down the pine trees I wanna go exploring

When we sing that Wynberg Allen lullaby.

(1930)

मैं इन लाइनों को काफी लंबे समय से जानती हूँ, लेकिन बचपन से साल के इस समय केवल यही धुन मेरे कानों में गूंजती है- और यह आवाज मेरे कानों में तब गूंजती जब सर्दियां अपनी दस्तक देती हैं। मैं अपने पिता को भी बिना शब्दों के यह धुन गुनगुनाते हुए सुनती हूं और यह धुन विनवर्ग एलेन स्कूल की लड़कियां बोनफायर के पास बैठी होती तब गुनगुनाती हैं।

आज की बात करे तो , जिस भी तरफ मैं जाती हूं, कोई ना कोई ढलते हुए सूरज के सामने होता है- हाथ में एक र्स्माट फोन और और उस पल को अपने कैमरे में कैद करने के लिए एकदम तैयार, सर्दी की खूबसुरती के साथ सेल्फी। जैसे ही सर्दियां दस्तक देती है, एक दहकता हुए आसमान वातावरण के कई चेहरे दिखाता है कभी नारंगी,गुलाबी,लैवेंडर के फूलों का रंग,हल्का बैंगनी तो कभी गहरा लाल रंग। 

मसूरी के नीचे पश्चिम की ओर देहरादून की फैली हुई वादियों की छटा दिखने लगती है जिसकी परछाई की हर तरफ फैली हुई है- विंटरलाईन और उसके ऊपर गिर्डल आफ वीनस है। कहते हैं कि रोमन की देवी विनस एक जादुई कढाई किया हुआ बेल्ट पहनती हैं जो उसके पति स्मीथ-गाड वोल्कन जो देखने में बहुत ज्यादा अच्छे नहीं थे उन्होंनें बहुत प्यार से उनके लिये बनवाई थी।

प्रसिद्ध लेखक गनेश शैली बताते हैं कि- “हमसे हमेशा यह पूछा जाता है कि तुम मसूरी वाले विंटरलाइन के बारे में हमेशा कैसे बोल सकते हो, और मैं हमेशा यही कहता हूं कि काश आज भी वैसी विंटर लाईन होती लेकिन अब नही है वो बात। उस खास चीज के होने के लिए कुछ विशेष माहौल का होना ज़रूरी है। मसूरी प्लेन की वैली से 5000 फीट ऊपर रहते हैं और नीचे गहरी वैली है और वो भी दैहरादून से 30 किलोमीटर की दूरी पर, और वहां का तापमान जो जल्दी जल्दी बदलता रहता है वह हवा में और सुंदर दृश्य बनाता है जिससे कोई नहीं बच सकता, डस्ट, नमीं, धूम कोहरा, और धूआँ सब एक साथ एक लाईन में आकाश मे नजर आते है और साथ में ढ़लता हुआ सूरज इसके पीछे की आकाशीय कतार में।”

मसूरी के अलावा यह दृश्य देखने को मिलता है दक्षिणी हेमिस्फेयर- केप टाउन मे, जहां टेबल टाप पहाड़ एक शेर की तरह दुबक कर बैठा होता है, और क्लीफ्टोन के किनारों और कैंप बे से 3500 फीट उंचाई पर यह द़श्य दिखता है। यहां वह सागर के जल के ऊपर नजर आता है। 

अगली बार जब भी आप कुछ एकदम असली और खूबसूरत और आकाश की सीमा देखना चाहते हैं तो मसूरी की तरफ आईए। लेकिन इस बात का धयान रखे कि गोधूलि बेला से पहले लगभग दिसंबर २२ के आसपास दो यहां सबसे छोटा दिन होता है। यह उतना ही ऊंचा होता है जितना विटर लाईन। जैसे जैसे सूरज आकाश में भंचा उठता है वैसै ही यह लाईन कम होने लगती है। लेकिन निराश न हो। यह फिर एक बार वापस आएगा जैसे आप आऐंगे सालों साल इस स्वागिक और अद्भभुत कुदरत की देन को देखने।