तबाही का सामान लिए बैठे है कई दर्जन गांव

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कई शहर और गांवों की तबाही का सामान है यहां जमीन के अंदर। सालों से पांच सौ से अधिक स्क्रैप मिसाइलें जिस जमीन में दफ्न है वहां के लोग रोज यही दुआ करते है कि स्क्रैप मिसाईलों को जल्द निकाला जाए, मगर तेरह सालों से खौफ की जद में जीने वाले ग्रामीणों की तो दूर प्रशासन और पुलिस की भी उच्च स्तर पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई हैं।

जिला उधमसिंहनगर की जसपुर तहसील से तीन किलोमीटर दूरी पर बसे पतरामपुर में आज भी 555 छोटी और बड़ी स्क्रैप मिसाइलें दफन हैं। बताया जाता है कि 21 दिसंबर 2004 को क्षेत्र की एक स्टील फैक्ट्री में स्क्रेप के साथ बड़ी तादाद में मिसाइलें आ गई थीं। मिसाइलों की खेप में विस्फोट से एक कर्मचारी की मौत और कई लोग घायल हो गए थे। इस हादसे के बाद 22 दिसंबर 2004 को जब पुलिस ने पूरे फैक्ट्री परिसर की तलाशी ली तो को फैक्ट्री परिसर से 67 बड़ी और 488 छोटी विस्फोटक सामान मिला, जिसके बाद पूरे पुलिस प्रशासन सहित राजधानी देहरादून तक इस घटना ने चौका दिया था।

उस दौरान एनएसजी की टीम के निर्देश पर पुलिस ने सभी विस्फोटक सामान को पतरामपुर क्षेत्र में एक बड़ा गड्डा खोदकर रेत में दफन कर दिया था। तब से आज तक यह सामान यहां दफ्न है,  सुरक्षा के लिए पतरामपुर में पुलिस की एक पिकेट तैनात भी की गयी थी ताकि इनके साथ कोई छेड़छाड़ न कर सके, लेकिन अब वो भी हटा दी गयी है। पतरामपुर ग्रामसभा के अंतर्गत पांच गांव पतरामपुर, निवार मंडी, सीपका, कल्याणपुर और भोगपुर डैम के लोग भारी तादात में मिसाइलें दफन होने की चर्चा भर से सिहर उठते हैं।

इस सामान को निष्क्रिय करने के लिए एनएसजी की टीम ने पुलिस मुख्यालय से सेफ्टी फ्यूज इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और एक्सप्लोसिव डाइनेमो सहित 13 उपकरण और सामग्रियों की मांग की थी, लेकिन 13 साल बाद भी पुलिस मुख्यालय एनएसजी की टीम को ये उपकरण और सामग्रियां उपलब्ध नहीं करा पाया। जबकि जिले के कई एसएसपी दबें सामान को निष्क्रिय करने का प्रस्ताव प्रदेश के गृह मंत्रालय को भेज चुके हैं। लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं मिल पाया है।

एसएसपी दातें का कहना है कि, ‘पहले भी हम उन सामानों को नष्ट करने की बात कह चुके हैं,  हालांकि उनमे से खतरनाक होने की संभावना बहुत कम है लेकिन फिर भी एहतियायत के तैर पर नष्ट करना जरुरी है। नष्ट करने की प्रक्रिया केंद्रीय एजेंसी ही कर सकती है इसलिए विधिवत रुप से नष्ट करने की प्रक्रिया के लिये हमने काम शुरु कर दिया है।’