सरकार से वार्ता नहीं होने से शिक्षा प्रेरकों में रोष

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देहरादून। शिक्षा प्रेरकों को राज्य सरकार में समायोजित/राज्य संचालित योजनाओं से जोड़े जाने व धरने के दौरान साथी शिक्षा प्रेरक गुड्डूलाल की मौत पर सरकार से 50 लाख का मुआवजा तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाने समेत सात मांगों को लेकर तीसरे दिन धरने पर डटे रहे। शिक्षा प्रेरक संगठन का एक प्रनिधिमंडल शनिवार को मुख्यमंत्री से बातचीत करने की कोशिश की लेकिन वार्ता नहीं हो सकी जिससे शिक्षा प्रेरकों में रोष है।

शिक्षा प्रेरक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राणा ने कहा कि सभी शिक्षा प्रेरक धरना स्थल पर राज्य सरकार के विरोध में रतजगा करेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी शिक्षा प्रेरक के साथ कोई अनहोनी घटित होती है तो उसके परिवार के सदस्य को मृतक आश्रित में नौकरी का प्रावधान दिया जाए। गौरतलब हो कि शिक्षा प्रेरक संगठन 27 सितंबर से धरने पर बैठे है। शिक्षा प्रेरकों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
यह शिक्षा प्रेरकों की मांग
1.सभी शिक्षा प्रेरकों को राज्य सरकार में समायोजित किया जाए /राज्य संचालित योजनाओं से जोड़ा जाए ।
2.सभी शिक्षक प्रेरकों का मानदेय 3000 रुपये से बढ़ाकर संविदा कर्मचारी के बराबर किया जाए।
3.सभी शिक्षा प्रेरकों को भी आयोग के कार्य करने की स्पष्ट निर्देश दिए जाएं ।
4.सभी शिक्षा प्रेरकों से डीएलएड कराया जाए।
5.सभी शिक्षा प्रेरकों को नमामि गंगे व स्वच्छ भारत कार्यक्रम से जुड़ा जाए।
6.राज्य सरकार पर भारत सरकार की ओर से रुका हुआ मानदेय निर्गत कराया जाए।
7.धरने के दौरान शिक्षा प्रेरक मृतक गुड्डू लाल के परिवार का उचित मुआवजा में मृतक के परिवार के सदस्य को सरकारी सेवा में नौकरी दी जाए।