उत्तराखण्ड में ऑपरेशन स्माइल के तहत खोजे गए 331 गुमशुदा बच्चे

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उत्तराखण्ड में गुमशुदा बच्चों की तलाश एवं पुनर्वास के लिए ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत कुल 331 गुमशुदा बच्चों को खोजा गया है। जिसमें 280 बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है तथा शेष 51 बच्चों को पुनर्वास हेतु बालगृह दाखिल किया गया है।

पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के निर्देश पर इस अभियान को एक जून से लेकर 30 जून तक चलाया गया था। जिसमे कुल 331 गुमशुदा बच्चों को तलाशा गया। जिसमें 51 पंजीकृत तथा 280 अपंजीकृत हैं। बरामद बच्चों में 147 बच्चे अन्य राज्यों (उ.प्र.-75, बिहार-13, दिल्ली-4, नेपाल-30, हिमाचल प्रदेश-2, पंजाब-8, हरियाणा-4, राजस्थान-4, झारखण्ड-3, छत्तीसगढ़-2, आसाम-1, पश्चिम बंगाल-1) से सम्बन्धित हैं। उक्त टीमों द्वारा अन्य प्रदेशों के कुल 15 पंजीकृत गुमशुदा बच्चों को बरामद कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया।
प्रदेश के गुमशुदा बच्चों को तलाशने हेतु ऑपरेशन स्माइल की 14 टीमों को मुम्बई, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि स्थानों पर भेजा गया था। उक्त प्रदेशों के सम्बन्धित जनपदों के पुलिस अधिकारियों द्वारा समन्वय स्थापित किया गया, जिनके द्वारा अभियान में टीमों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया।
प्रदेश में गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए चलाये जा रहे स्माइल ऑपरेशन की जनता द्वारा काफी प्रशंसा की गयी। गुमशुदा बच्चों को परिजनों से मिलाने पर उनके द्वारा पुलिस का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद किया गया। इस अभियान में जिला हरिद्वार में 05, देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर में 04-04 टीम व शेष जनपदों में 01-01 तलाशी टीम (प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4), का गठन किया गया, जिनके सहयोग हेतु एक-एक विधिक व टेक्निकल टीम भी नियुक्त की गयी। प्रदेश स्तर पर ऑपरेशन स्माइल का पर्यवेक्षण नोडल अधिकारी शाहजहां जावेद खान, अपर पुलिस अधीक्षक, एएचटी द्वारा किया गया।
अभियान को शेल्टर होम्स, ढाबों, कारखानों, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन आदि में चलाया गया। इस दौरान अन्य सम्बन्धित विभागों का भी सहयोग लिया गया। उपरोक्त तलाशी टीमों द्वारा अपने जनपद के साथ-साथ अन्य जनपदों व राज्यों के गुमशुदा बच्चों को भी तलाश किया गया। पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा ऑपरेशन स्माइल अभियान की समीक्षा की गयी। इस दौरान समस्त टीमों को गणपति द्वारा उनके काम की सराहना करते हुए प्रत्येक तलाशी टीम को पांच हजार रुपया तथा तकनीकी टीम को उत्तम प्रवष्टि प्रदान करने की घोषणा की गयी।