मिड डे मील की बदलेगी सूरत, उत्तराखंड के छात्रों को मिलेगा गरमा गरम खाना

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    देहरादून, एक अच्छी खबर है सरकारी स्कूलों के लिए जहां मिड डे मील बांटना शिक्षकों के लिए एक चुनौती के रूप में शिक्षा से अलग काम था, ‘अक्षय पात्र फाउंडेशन’ नामक स्वयंसेवी संस्था देहरादून में स्कूली बच्चों के लिए कुछ ऐसी ही व्यवस्था करने जा रही है। राज्य का सबसे बड़ा स्कूली किचन खुलने जा रहा है।

    इस किचन में एक साथ इकसठ हजार बच्चों का भोजन बन सकेगा। इस किचन से अक्षय पात्र फाउण्डनेशन दून जिले के 901 विद्यालयों में पके-पकाये मीड डे मील की सप्लाई करेगी। भोजन बनाने की अत्याधुनिक मशीनों से सुसज्जित इस किचन की स्थापना में स्वयंसेवी संस्था हंस फाउण्डेशन वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

    इन स्कूलों में सप्लाई किए जाने वाले भोजन पर शिक्षा विभाग के पास मॉनीटरिंग का पूरा अधिकार रहेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सुद्धोवाला में इस किचन का शिलान्यास करेंगे।

    राज्य के सभी सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को स्कूल में मध्याहन भोजन (मीड डे मील) उपलब्ध कराया जाता है। इसमें अनाज की व्यवस्था, भोजन पकाने व परोसने तक की जिम्मेदारी स्कूल के शिक्षकों और भोजन माताओं को उठानी पड़ती है।

    इस योजना के लिए पर्याप्त धनराशि न होने से बच्चों को नियमित रूप से समय पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना, किसी चुनौती से कम नहीं रही है। अब इस योजना में सरकार का हाथ बंटाने के यह संस्था आगे आई है पहले चरण में देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, गदरपुर, सितारगंज व नैनीताल के स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील की सप्लाई करेगी। इस योजना की शुरुआत देहरादून के सुद्धोवाला में अत्याधुनिक किचन के निर्माण के साथ की जा रही है।

    लगभग 12.66 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस किचन का निर्माण हंस फाउण्डेशन करा रहा है।

    यहां बनने वाला भोजन देहरादून के 901 स्कूलों में सप्लाई किया जाएगा। इस भोजन की सप्लाई के लिए संस्था के पास अत्याधुनिक वाहन मौजूद रहेंगे, जिनमें भोजन की ताजगी और गर्माहट बनी रहेगी।

    midday meal

    शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय का कहना है कि, “अक्षय पात्र संस्था को राज्य के देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, काशीपुर, गदरपुर, सितारगंज व नैनीताल के 3729 स्कूलों के 3,59,435 (तीन लाख उनसठ हजार चार सौ पैंतीस) छात्र-छात्राओं को मिड डे मील सप्लाई करने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। आगे पूरे राज्य में इसका विस्तार किए जाने की योजना है।”

    12 लाख बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करा रही है संस्था

    अक्षय पात्र फाउण्डेशन की शुरुआत जून 2000 में मधु पंडित दास ने की थी। तब यह संस्था केवल बंगलुरु और कर्नाटक के पांच सरकारी विद्यालयों के 1,500 बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन के तहत पौष्टिक खाना मुहैया कराती थी। इसके बाद विभिन्न राज्य सरकारों ने सरकारी स्कूलों में मिड डे मील योजना के सफल संचालन के लिए अक्षय पात्र के साथ हाथ मिलाया और इस स्कीम को कार्यान्वित किया। मौजूदा समय में यह संस्था देश के 12 राज्यों के 13839 विद्यालयों के लगभग 12 लाख बच्चों को मिड डे मील सप्लाई कर रही है।

    एक घण्टे में बनेंगी 60 हजार रोटियां, 3000 लीटर दाल

    अक्षय पात्र फाउण्डेशन के देहरादून में स्थापित होने जा रहे किचन में अत्याधुनिक मशीनों की सहायता से समय पर भोजन तैयार किया जाएगा। इसके लिए यहां ऐसी मशीन लगाई जा रही है, जो एक घण्टे में लगभग 60 हजार रोटियां बनाएगी। ऐसी मशीन भी होगी जिसमें एक ही बार में तीन से चार हजार लीटर दाल तैयार हो सकेगी।