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महज 9 मिनट का वक्त देकर मोदी ने इस इंजीनियर से 2 घंटे तक जाना था बड़े नोट बंद करने का प्रपोजल

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मोदी सरकार ने मौजूदा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि कुछ हद तक ये कदम अर्थक्रांति संस्थान के प्रपोजल पर विचार से प्रेरित हो सकता है। दरअसल, ऑर्गेनाइजेशन के मेंबर अनिल बोकिल ने कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी के साथ मीटिंग की थी। पहले बोकिल को पीएम से मुलाकात के लिए सिर्फ 9 मिनट का वक्त दिया गया था, लेकिन प्रपोजल जानने के बाद पीएम ने इसमें इंटरेस्ट दिखाया और पूरे 2 घंटे तक चर्चा की। रोचक ये कि बोकिल की टीम डेढ़ साल पहले राहुल गांधी से भी मिलने गई थी। राहुल ने टीम को सिर्फ 10 से 15 सेकंड का वक्त दिया था। प्रपोजल में क्या थे सुझाव…
– इंपोर्ट ड्यूटी छोड़कर 56 तरह के टैक्स वापस लिए जाएं। बड़ी करेंसी 1000, 500 और 100 रुपए के नोट वापस लिए जाएं।
– सभी तरह के बड़े ट्रांजेक्शन सिर्फ बैंक से जरिए चेक, डीडी और ऑनलाइन हों।
– कैश ट्रांजेक्शन के लिए लिमिट फिक्स की जाए। इन पर कोई टैक्स न लगाया जाए।
– सरकार के रेवेन्यू जमा करने का एक ही बैंक सिस्टम हो। क्रेडिट अमाउंट पर बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स (2 से 0.7%) लगाया जाए।
प्रपोजल के खास प्वाइंट
– फिलहाल देश में 2.7 लाख करोड़ का बैंकिंग ट्रांजेक्शन रोज होता है। सालाना 800 लाख करोड़।
– सिर्फ 20% ट्रांजेक्शन बैंक के जरिए होता है। बाकी 80% कैश होता है, जिसे ट्रेस नहीं किया जा सकता।
– देश की 78% आबादी रोज सिर्फ 20 रुपए खर्च करती है। ऐसे में उन्हें 1000 रुपए के नोट की क्या जरूरत।
500 और 1000 के नोट वापस लेने से क्या होगा?
– कैश ट्रांजेक्शन से होने वाला भ्रष्टाचार पूरी तरह खत्म होगा। ब्लैकमनी व्हाइट हो जाएगी या फिर बेकार। 1000 और 500 के नोट कागजी टुकड़े बन जाएंगे।
– प्रॉपर्टी, जमीन, ज्वेलरी और घर खरीदने में ब्लैकमनी के इस्तेमाल से कीमत बढ़ जाती है। मेहनत से कमाई रकम की वैल्यू घट रही है। इस पर फौरन लगाम लगेगी।
– कुछ क्राइम जैसे किडनैपिंग, रिश्वतखोरी, सुपारी लेकर मर्डर पर रोक लगेगी। कैश ट्रांजेक्शन के जरिए आतंकवाद की फंडिंग पर रोक लगेगी।
– कोई भी मंहगी प्रॉपर्टी कैश में खरीदते वक्त रजिस्ट्री में घालमेल नहीं कर पाएगा। जाली नोटों के लेनदेन पर रोक लगेगी।
56 तरह के टैक्स खत्म करने से क्या होगा?
–  नौकरीपेशा लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा होगा और परिवारों की खरीदारी कैपिसिटी बढ़ेगी।
– पेट्रोल, डीजल, एफएमसीजी के साथ सभी कमोडिटीज 35 से 52 फीसदी तक सस्सी होंगी।
– टैक्स भरने का कोई सवाल नहीं होगा तो लोग ब्लैकमनी जमा नहीं कर पाएंगे।
– बिजनेस सेक्टर में उछाल आएगा और लोगों के पास खुद के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
इसे लागू करने से क्या फायदा होगा?
– सभी चीजों की कीमत घटेगी, नौकरीपेशा लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा होेगा।
– सोसाइटी की खरीदारी की कैपिसिटी बढ़ेगी। मांग और प्रोडक्शन बढ़ेगा तो कंपनियों में रोजगार बढ़ेगा।
– बैंकों से आसान और सस्ता लोन मिलेगा। इंटरेस्ट रेट घटेगा।
– राजनिती में ब्लैकमनी का इस्तेमाल भी बंद होगा। जमीन और प्रॉपर्टी की कीमत कम होगी।
– व्यापार घाटे को पूरा करने के लिए बीफ एक्पोर्ट की जरूरत नहीं होेगी।
– रिसर्च और डेव्लपमेंट के लिए पर्याप्त धन मौजूद होगा। आसामाजिक तत्वों पर लगाम कसेगी।
राहुल ने दिए सिर्फ 15 सेकंड
– करीब डेढ़ साल पहले मेकेनिकल इंजीनियर बोकिल अपने डेलिगेशन के साथ प्रपोजल लेकर राहुल गांधी से मिलने गए थे। लेकिन घंटों सिक्युरिटी चेक के बाद राहुल ने उन्हें सिर्फ 10-15 सेकेंड का वक्त दिया था।
– ब्लैक कैट कमांडो ने उन्हें प्रपोजल वाली सीडी साथ लेकर जाने की भी इजाजत नहीं दी थी। उन्हें सीडी में ऐसा कोई प्रपोजल नहीं होने का भी शक था। तब राहुल ने सिर्फ इतना कहा था कि प्लीज आप डॉ. मोहन गोपाल से मिल लें, हम पहले इसे देखेंगे। गोपाल राजीव गांधी फाउंडेशन के डायरेक्टर थे।
क्या है अर्थक्रांति?
– यह पुणे की इकोनॉमिक एडवाइजरी संस्था है। जिसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और इंजीनियर शामिल हैं। अर्थक्रांति प्रपोजल को संस्थान ने पेटेंट कराया है।
– संस्थान का दावा है कि यह प्रपोजल ब्लैकमनी, मंहगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, रिश्वतखोरी, आतंकियों की फंडिंग रोकने में पूरी तरह कारगर होगा।

स्कोडा का नया लांच भारत में, जानिए बेहतरीन फीचर्स

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स्कोडा इंडिया ने 2016 रैपिड फेसलिफ्ट भारत में लांच कर दिया है। नई रैपिड 3 वेरिएंट में उपलब्ध होगी एक्टिव, एंबीशन आैर स्टाइल। दिल्ली में इसके पैट्रोल वर्जन की एक्सशोरूम कीमत 8.27 लाख रुपए से शुरू होकर 11.36 लाख रुपए तक होगी। डीजल वर्जन की कीमत 9.48 रुपए से लेकर 12.67 लाख रुपए तक होगी।

कार कंपनी का दावा है कि कार एक्‍स्‍ट्रा कंफोर्ट के साथ पेश किया गया है। बैठने के लिए सीट काफी आरामदायक हैं और उनके आगे पर्याप्‍त स्‍पेस दिया गया है। कार के इंटेरियर में काफी सुधार किया गया है। इंटेरियर को डयूल टोन इंडोनी सैण्‍ड नाम दिया गया है। काले और क्रीम कलर में कार का इंटेरियर काफी लुभावना दिख रहा है। इस कार में ऑटोमेटिक और मैनुअल दोनों गियर हैं। इंबिल्‍ड म्‍यूजिक सिस्‍टम स्‍मार्टफोन से भी कंट्रोल होता है। साथ ही सभी दरवाजों पर पानी की बोतल रखने की सुविधा और ग्‍लास रखने का जगह भी बनाया गया है।

डिजाइनर लुक
कार का बाहरी लुक भी काफी डिजाइनर है। कार की हेडलाइट और टेल लाइट को काफी आकर्षक बनाया गया है। दरवाजा खोलने का हैंडल बॉडी कलर से मैच रखा गया है। पूरी कार काफी सुंदर दिखती है।
बड़ी डिकी
गाड़ी की डिक्की को काफी स्‍पेशियस बनाया गया है। इसमें दो बड़े-बड़े ट्रॉली बैग आसानी से रखे जा सकते हैं।
सेफ्टी फीचर
कार में बैठने वाले दोनों आगे के सवारियों के लिए एयरबैग है। सामने से टक्‍कर होने पर ये एयरबैग ड्राइवर और आगे सवार व्‍यक्ति को गंभीर चोटों से बचाने में सक्षम है।

उत्‍तराखंड: पूर्व मंत्री दिवाकर भट्ट भाजपा में शामिल

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उत्तराखण्ड आन्दोलन के वरिष्ठ नेता व राज्य सरकार में मन्त्री रहे दिवाकर भट्ट भाजपा में शामिल हो गए। वह उत्तराखंड क्रांति दल में भी अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने देहरादून में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के सामने सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा प्रदेश कार्यालय पर आयोजित समारोह में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड सहित पूरे देश में भाजपा के प्रति विश्वास की लहर है। उत्तराखण्ड में सभी लोग भाजपा की ओर विश्वास की दृष्टि से देख रहे हैं।
उन्होंने कहा राज्य की जनता कांग्रेस के भ्रष्टाचार से त्रस्त आ चुकी है और वह परिवर्तन का मन बना चुकी है। भट्ट ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग भाजपा में आ रहे हैं और आने के इच्छुक है। हम किसी को न तो टिकट का आश्वासन दे रहे हैं और न ही कोई वायदा कर रहे हैं।
भट्ट ने दिवाकर भट्ट का पार्टी मे स्वागत करते हुए कहा कि इससे पार्टी को और ताकत मिलेगी। दिवाकर भट्ट ने कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय दल से राजनीति शुरू की। उस समय हमें लगता था कि इस प्रकार हम प्रदेश का हित कर सकेंगे।
किंतु क्षेत्रीय दल का विचार भटक गया। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्वतीय राज्यों के प्रति सोच से प्रभावित होकर वह भाजपा में आए हैं

शपथपत्र भराकर निर्दलीय को समर्थन देगा उत्तराखंड विकल्प: लखेड़ा

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मिजोरम के पूर्व राज्यपाल एवं लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एमएम लखेड़ा ने आने वाले विधानसभा चुनाव में ‘उत्तराखंड विकल्प’ के बैनर के साथ मैदान में उतरने की बात कही। कहा कि जनता भाजपा व कांग्रेस से परेशान हो चुकी है। ऐसे में केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा तो शपथ-पत्र देंगे कि विजयी होने पर किसी पार्टी का दामन नहीं थामेंगे। प्रेस क्लब में पूर्व राज्यपाल ने कहा कि गंभीर राजनीतिक हालात के दृष्टिगत हर नागरिक को जिम्मेदारी समझनी होगी। इसी के तहत बीती 23 जुलाई को प्रदेश हित में 22 प्रमुख राजनीतिक दलों व संगठनों को एक छत के नीचे आने को आमंत्रित किया गया था, ताकि बड़े दलों से टक्कर ली जा सके।
लखेड़ा ने कहा कि इसलिए उन्होंने इसकी चिंता छोड़ आगे प्रयास शुरू कर दिए कि अब जनता के हितों की रक्षा कैसे की जा सकती है। इसके तहत उत्तराखंड विकल्प संगठन खड़ा किया गया। यह विस चुनाव में उन निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन देगा जो किसी राजनीतिक दल से जुड़ा न हो और ईमानदार, चरित्रवान व कर्मठ

परिवर्तन यात्रा को भाजपा ने कमर कसी

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आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 12 नवंबर से प्रस्तावित परिवर्तन यात्रा को लेकर प्रदेश भाजपा ने कमर कस ली है। परिवर्तन यात्रा के तहत ही 13 नवंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली को सफल बनाने के लिए भाजपा संगठन ने सांसदों, विधायकों के साथ ही प्रदेश व जिला स्तर के सभी पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंप दी है। देहरादून में होने वाली इस रैली में केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान व जेपी नड्डा समेत प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू भी शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा परिवर्तन यात्रा के जरिए उत्तराखंड में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करने जा रही है। 12 नवंबर को यात्रा रथों को विधिवत पूजन के बाद प्रदेश के दोनों मंडलों की ओर रवाना किया जाएगा। परिवर्तन यात्रा राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएगी। साथ ही, हर विधानसभा सीट पर एक बड़ी जनसभा भी आयोजित की जाएगी। केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही पार्टी के कई केंद्रीय नेता भी इन जनसभाओं को संबोधित करेंगे। साथ ही, प्रदेश के तीन स्थानों देहरादून, अल्मोड़ा व हल्द्वानी में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जनसभाएं आयोजित की जाएंगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा, नितिन गडकरी, उमा भारती, थावर चंद गहलौत, बाबुल सुप्रियो, रविशंकर प्रसाद, किरण रिजूजू आदि भी कई स्थानों पर परिवर्तन यात्रा में शिरकत कर बड़ी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। बहरहाल, प्रथम चरण में 13 नवंबर को देहरादून में होने वाली अमित शाह की रैली की सफलता के लिए प्रदेश भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है।
सूत्रों के मुताबिक रैली में अमित शाह के मंच पर दो केंद्रीय मंत्रियों व चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा व प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू समेत चार पूर्व मुख्यमंत्रियों भुवन चंद्र खंडूड़ी, भगत सिंह कोश्यारी, डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व विजय बहुगुणा को भी जगह दी जाएगी। इसके अलावा केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टमटा, सांसद महारानी राज्यलक्ष्मी शाह व प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के साथ ही वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज भी मंच पर रहेंगे।

2017 में टीवीएस का तोहफा, भारत मे लांच होगी अकुला 310सीसी बाइक

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दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी टीवीएस के अकुला 310 बाइक का भारत में लम्बे समय से इंतजार किया जा रहा है । टीवीएस मोटर्स द्वारा जारी ताजा बयान में कंपनी के सीएफओ एसजी मुरली ने कहा, ‘टीवीएस-बीएमडब्ल्यू के टाई-अप के बाद ये हमारा पहला प्रोडक्ट होगा। हम इस स्पोर्ट्स बाइक को फरवरी या मार्च 2017 में भारत में लांच करेंगे।’

टीवीएस अकुला में 313 सीसी, सिंगल सिलिंडर इंजन लगा है जो 34 बीएचपी की पावर और 28Nm का टॉर्क जनरेट करेगा। इस इंजन को 6-स्पीड गियरबॉक्स से लैस किया जाएगा।
इसके अलावा बाइक को ट्रैक पर चलने के हिसाब से भी तैयार किया गया है। हालांकि बाइक की कीमत के बारे में पुख्ता जानकारी सामने नही आई है, लेकिन अनुमान लगाया जा सकता है कि इसकी कीमत 1.60 लाख रुपए से लेकर 1.90 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) के बीच रखी जाएगी। अब कंपनी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया है कि टीवीएस अकुला को इस वित्तीय वर्ष के आखिर में भारतीय बाजार में उतारा जाएगा।

मसूरी के एक कलाकार अपने रंगो से भरतें हैं मिट्टी के गुल्लकों में जान

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32 वर्षीय रईज़ अहमद बाकि सभी दुकानदारों की तरह अपना गुजारा एक छोटे से टीन शेड में प्लास्टिक व मिट्टी के सामान की दुकान लगाकर बड़ी मुश्किलों से करते हैं। मसूरी के टिहरी रोड स्थित छोटी सी दुकान में वह प्लास्टिक के खिलौने व जड़ाउ गहनें बेच कर अपने 4 सदस्यों के परिवार की जरूरतों को पुरा करते हैं। लेकिन कहते है ना किस्मत बदलते देर नही लगती ठीक ऐसा हुआ रईज़ के साथ जब उनकी एक मामूली सी टीन शेड की दुकान रातों रात कलात्मक गैलरी में तब्दील हो गई। रईज़ अहमद बताते हैं उनके खास दोस्त ‘मुकेश बान्ड’ ने उन्हें उनके बनाए हुए मिट्टी के साधारण गुल्लकों को रंगने की सलाह दी क्योंकि मुकेश को रईज़ की कला का पता था। छः महीने पहले इसकी शुरुआत हुई थी और आज वहाँ खाट पे सूखते उन रंग-बिरंगे गुल्लकों को देखे बिना वहाँ से गुजरना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
आज, रईज़ अहमद अपने काम में बहुत व्यस्त हैँ, वो घंटो अपने पेंट ब्रश और पैलेट से मिट्टी के गुल्लकों पे कलाकारी करने व उन पर रंग भरने में मशगूल रहते हैं। उन्हें एक गुल्लक को पुरा तैयार करनें मे दो से तीन घंटे लगते हैं, पर ये तैयार होकर समय और पैसा वसूल करने वाले होते हैं। ये गुल्लक पाँच साइजों में आते थे और 20 रुपये से 100 रुपये के बीच मे बिकते थे लेकिन रईज़ की कलाकारी ने इनकी खूबसूरती पर चार चाँद लगा दिया है, अब तक उन्होंने करीब दो सौ गुल्लक बेचे है जो कि 40 रुपये से 200 रुपये के बीच बिके हैं। उन्होंनें बताया कि उनके ग्राहक विदेशी पर्यटक से लेकर ऐसे लोग भी हैं जो उनके पास अपनी पसंदीदा डिजाइन के गुल्लक आर्डर से बनवाते हैं।
जल्दी ही, रईज़ की एक क्लाइंट मसूरी की सारिका भवन ने करीब दो दर्जन गुल्लक अपनी बेटी अमायरा के तीसरे जन्मदिन पर रिर्टन गिफ्ट देने के लिए खरीदा,
उन्हें यह बहुत ही अलग और खूबसूरत चीज लगी,उन्होंने इन गुल्लकों पर अमायरा के साथ उसके दोस्तों का नाम लिखवाया,इस तोहफे से बच्चे तो खुश थे ही उनके माता-पिता ने इस अलग से विचार की सराहना की।
कोई भी दो गुल्लक एक जैसे नही होते। रईज़ के बनाए हर गुल्लक अलग होते हैं, कोई रंग में अलग हैं तो किसी की बनावट, किसी का पैटर्न तो किसी का डिजाइन। अपनी रुचि के अनुसार आर्डर देने पर रईज़ अपनी कला का परिचय देते हुए गुल्लकों को ऐसे तैयार करते हैं जैसे मानो इसकी खूबसूरती के आगे महंगे से महंगे तोहफे पानी भरते हैं और ये गुल्लक आपको मजबूर कर देंगे कि आप पहाड़ो की रानी मसूरी की निशानी के तौर पर इनको अपने साथ लेकर जाए।

पिंक’ के फैन्स को निराश कर सकता है, तापसी का यह खुलासा

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दर्शकों के बीच खासी पसंद की गई फिल्म ‘पिंक’ को लेकर अभिनेत्री तापसी पन्नू ने एक बड़ा खुलासा किया है। इस फिल्म को हर कोई महिला के हक और उनकी आवाज की फिल्म बता रहा है। मगर तापसी के खुलासे से शायद एक बार आपकी यह राय बदल भी सकती है।
तापसी ने एक इंटरव्यू में बताया है कि फिल्म का क्लाइमेक्स कुछ और ही था। इसका मतलब है कि फिल्म में जिस क्लाइमेक्स को देखकर दर्शक खुश होते हैं,वहां कुछ और ही होने वाला था। दरसअल,फिल्म के अंत में तीनों दोस्तों को केस हारते हुए दिखाया जाना था,मगर दर्शकों को ध्यान में रखते हुए इसमें बदलाव किया गया।
फिल्म में तीनों लड़कियां केस जीत जाती हैं और दर्शक इस बात से खुश होते हैं कि सच की जीत हुई। लेकिन पहले ऐसा नहीं था। पहले इसमें दिखाया जा रहा था कि सबूतों की कमी के कारण तीनों लड़कियां केस हार जाती हैं और उन्हें सजा हो जाती है।
अब अगर ऐसा होता तो शायद दर्शकों के बीच इस फिल्म का कुछ अलग ही असर हो सकता था। क्या पता दर्शक उसके क्लाइमेक्स से निराश ही हो जाते।

बागेश्वर के एक गांव मे डोली पर आते हैं बीमार, पहाड़ के गांवों की खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाएं

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पहाड़ की खस्ताहाल स्वास्थ्य सेवाओं से जूझ रहें निवासी । सड़क से दूर गांव के लोग आज भी मरीज को डोली में रखकर अस्पताल तक लाने को मजबूर हैं। वहां डाक्टरों की कमी होने से मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। कारणवश रोगी की ठीक होने के बजाए और बीमार हो जाता है। बदलती सरकारों ने पहाड़ की स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं दिया है। भाजपा और कांग्रेस की सरकार यहां बदल-बदल कर आती है, लेकिन अस्पतालों में डाक्टरों का टोटा यूपी के समय से अधिक है। जिन गांवों में स्वास्थ्य केंद्र हैं, वहां डाक्टर नहीं हैं। डाक्टर नहीं होने से दवा आदि की खेप भी कागजों पर उतरती है। फार्मासिस्ट या वार्डबॉय इन अस्पतालों को खोलते और बंद करते हैं।
डाक्टर का टोटा होने से मरीजों को यहां से जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। जिला अस्पताल में भी फिजिशियन समेत तमाम डाक्टर नहीं होने से उन्हें अल्मोड़ा और फिर हल्द्वानी का रूख करना पड़ रहा है। झूनी गांव के लोग आज भी दस किमी पैदल चलकर मरीज को डोली पर अस्पताल पहुंचा रहे हैं। गांव में कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल तक लाने के लिए ग्रामीण पहले डोली का इंतजाम करते हैं। डोली नहीं मिलने पर लकड़ी के डंडों पर कपड़ा और रस्सी बांधकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाते हैं। गरुड़, कपकोट, कांडा, काफलीगैर आदि गांवों की स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतर गई हैं।

रेड वाइन के अनोखे फायदे

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रेड वाइन और अंगूर का इस्तेमाल क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और कान के संक्रमण (ओटिटिस मीडिया) को घटा सकता है। जार्जिया स्टेट विश्वविद्यालय के शोधकर्ता जियान-डोंग ली ने कहा कि “हमने रेड वाइन और अंगूर में एक महत्वपूर्ण घटक देखा है, जिसे रिसवराट्राल कहते हैं। यह सूजन को दबा देता है”। यह वायुमार्ग की सूजन संबंधी बीमारियों को घटा सकता है और रोगजनक जीवाणु द्वारा होने वाले सूजन पर काबू कर सकता है। नतीजे बताते हैं कि यह यौगिक सेहत के लिए फायदेमंद है और नए, प्रभावी सूजन विरोधी उपचार कारकों को विकसित करने में इस्तेमाल किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने पाया कि रिसवराट्राल एक प्रमुख जीवाणु रोगवाहक होता है, जो ओटिटिस मीडिया और सीओपीडी की वजह को दबा देता है। यह एक नकारात्मक नियामक जिसे एमवाईडी88 लघु के जरिए ऐसा करता है। रिसवराट्राल पॉलिफिनाल के एक समूह का यौगिक है, जो एक एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। यह शरीर को होने वाले नुकसान से बचाता है। इसे लंबे समय से सूजन सहित कई बीमारियों का चिकित्सकीय एजेंट माना जाता है।

यह बात एक नए अध्ययन में कही गई है। अध्ययन के निष्कर्ष पत्रिका ‘जरनल साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ में प्रकाशित हुए हैं। अध्ययन में रिसवराट्राल को एक प्रमुख श्वसन रोगजनक नानटाइपिएबल हीमोफिलस इन्फलुएंजा (एनटीएचआई) के कारण हुए सूजन को रोकने में प्रभावी पाया गया है।