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कैप्टन कूल धोनी परिवार सहित पहुंचे मसूरी

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टीम इंडिया के सुपरस्टार क्रिकेटर और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी परिवार संग मसूरी पहुंचे। हमारे मसूरी संवाददाता ने बताया कि वह अपनी बेटी का जन्मदिन मनाने मसूरी आए हैं। जानकारी के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी दोपहर तीन बजे मसूरी पहुंचे। हालांकि एक दिन पहले ही उनकी पत्नी साक्षी और बेटी मसूरी पहुंच गए थे। वह एक दिन बाद पहुंचे हैं। धोनी लालटिब्बा में संजय नारंग के डहलिया बैंक में परिवार एवं लोगों की पार्टी में शामिल हुए।
लंच करने के बाद धोनी परिवार के साथ होटल रोकबी मैनर चले गए। धोनी अपनी बेटी की बर्थडे पार्टी में शामिल होने मसूरी पहुंचे। हालांकि धोनी एंड फैमिली ने अभी तक मीडिया से दूरी बनाई है। 
धोनी की पत्नी साक्षी रावत और धोनी दोनों ही उत्तराखंड से जुड़े हैं।महेंद्र सिंह धोनी की शादी भी देहरादून में हुई थी और धोनी को पहाड़ों से काफी लगाव भी है।

मसूरी आईटीबीपी से पास आउट हुए 34 सहायक सेनानी

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शनिवार को भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी मसूरी में शानदार पासिंग आउट परेड आयोजित की गई।परेड की सलामी आईटीबीपी के रिटायर्ड डीजी आर के भाटिया और अकादमी के निदेशक एस एस मिश्रा ने ली, 52 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद 34 सहायक सेनानी आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हो गये हैं।
आईटीबीपी अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड का निरीक्षण कर आईटबीपी के नये सैन्य अधिकारियों ने देश रक्षा की शपथ ली,साथ ही शानदार परेड का भी आयोजन किया गया।आईटीबीपी के पाइप बैंड की टीम ने शानदार प्रस्तुति देकर लोगो को मंत्र मुग्ध कर दिया।इस मौके पर उत्कृष्ठ प्रशिक्षणार्थियों को पुरुस्कृत किया गया इस मौके पर कराटे टीम ने कई हैरतअंगेज प्रदर्शन भी किये।नये सैन्य अधिकारियों ने कहा कि एक सपना था जो आज पुरा हुआ है।
अकादमी के निदेशक एस एस मिश्रा ने कहा कि आज नये अधिकारियों के लिए बङा दिन आज सभी लोग आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए है।सभी अधिकारियों को आधुनिक तौर तरीके का प्रशिक्षण दिया गया है।
देश के करीब 10 राज्यों के 34 नये सैन्य अधिकारी आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हो गये है।सभी नये सैन्य् अधिकारियों ने देश रक्षा का संकल्प लेते हुए शपथ ली है कि मां भारती पर कभी आँच नही आने देगें।

विश्व कैंसर दिवस पर मैक्स ने लांच किया ‘वी कैन, आई कैन’ जागरुकता कार्यक्रम

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मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून ने विश्व कैंसर दिवस के मौके पर रोग के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए एक प्रेस सम्मेलन का आयोजन किया। विश्व कैंसर दिवस 2016-18 की आधिकारिक थीम ‘वी कैन, आई कैन’ के तहत कार्यक्रम में इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे हर व्यक्ति दुनिया में कैंसर के बढ़ते बोझ को कम करने में अपना योगदान दे सकता है। इस मौके पर शिरकत करने वाले अन्य डाक्टरों में शामिल थे- डा आकाश नारायण, गैंद, कन्सलटेन्ट-सर्जिकल ओंकोलोजी, डा विमल पंडिता, कन्सलटेन्ट-मेडिकल ओंकोलोजी, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून तथा डा संदीप सिंह तंवर, जनरल मैनेजर- आपरेशन्स, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून।

इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल में कन्सलटेन्ट-सर्जिकल ओंकोलोजी डा आकाश नारायण गैंद ने कहा, ‘‘कैंसर के तेज़ी से बढ़ते मामले इसके कारणों और लक्षणों के बारे में जागरुकता नहीं होने का परिणाम हैं, जिसके चलते रोग के निदान और इलाज में देरी होती है। अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीकों के चलते कैंसर के तकरीबन 75-80 फीसदी मामलों का उपचार सम्भव है। मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून उत्तराखण्ड का एकमात्र केन्द्र है जहां कैंसर से सम्बन्धित मुश्किल इलाज भी सफलतापूर्वक की जा रही हैं जैसे काम्पलेक्स हैड एण्ड नैक कैंन्सर (सिर एवं गले का कैंसर), स्तन कैंसर, गैस्ट्रो-इन्टेस्टाईनल कैंसर एवं गाइनी (जननांगों का कैंसर) कैंसर के लिए माइक्रो-वैस्कुलर रीकन्सट्रक्शन।’’ मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून में कन्सलटेन्ट-मेडिकल ओंकोलोजी डा विमल पंडिता ने कहा, ‘‘चूंकि कैंसर के लिए विशिष्टीकृत केन्द्र देश के कुछ चुनिंदा शहरों में ही उपलब्ध हैं, कैंसर स्पेशलटीज़ और तकनीकी क्लिनिकल स्टाफ की बात करें तो कुशल मैनपावर और टेकनोलोजी की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है। एक अनुमान के अनुसार देश में 2021 तक डाक्टर मरीज़ अनुपात 1:1000    होगा जो वर्तमान में 1:2000 है।’

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल का मेडिकल ओंकोलोजी एवं हिमेटोलोजी विभाग अत्याधुनिक टेकनोलोजी से युक्त है जैसे कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, एंटीबाॅडीज़, सपोर्टिव एवं पैलिएटिव केयर आदि। एक टर्शरी केयर अस्पताल होने के नाते हम कैंसर मरीज़ों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक चिकित्सकीय समाधान उपलब्ध कराते हैं। विभाग में हर माह 150 से ज़्यादा कीमोथेरेपी सत्र होते हैं। हम हर साल कैंसर के लगभग 600 नए मरीजों को उपचार उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा विभाग बोन मैरो ट्रांसप्लान्ट सुविधा शुरू करने की योजना भी बना रहा है- जो उत्तराखण्ड राज्य में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी।’’

ओंकोलोजिस्ट एवं यूरो-ओंकोलोजिस्ट सर्जनों की मदद से एक व्यापक कैंसर क्लिनिक भी शुरू करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है कि मैक्स इण्डिया फाउन्डेशन और हंस फाउन्डेशन ने कैंसर पीड़ित 30 बच्चों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए आपस में हाथ मिलाए हैं। मैक्स इण्डिया फाउन्डेशन – मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून की शुरूआत से ही गरीब बच्चों को उपचार एवं सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। परियोजना का लांन्च 1 फरवरी को किया गया और यह 30 सितम्बर 2017 तक प्रभावी रहेगी। यह साझेदारी 0-20 आयुवर्ग के कई बच्चों और युवाओं की कीमती ज़िन्दगियां बचाएगी तथा रोग का बोझ कम करके देश की उत्पादकता बढ़ाने में योगदान देगी। हमें उम्मीद है कि हमारी यह पहल अन्य संगठनों को भी आगे आने तथा इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ़ संघर्ष में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।’’ भारत में, जहां कैंसर हर साल 5 लाख लोगों की जान ले लेता है, 30 लाख से ज़्यादा लोग कैंसर से पीड़ित हैं, जिनमें से 11 लाख नए मामले हैं। स्तन और सरवाइकल कैंसर महिलाओं में कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं, वहीं फेफड़ों और प्रोस्टेट का कैंसर पुरुषों में आम है। तम्बाकू चबाने की आदत के चलते देश को मुख कैंसर की दृष्टि से दुनिया का राजधानी का खिताब भी मिल गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में कैंसर के 65 फीसदी से ज़्यादा मामलों का कारण तम्बाकू ही है। अकेला तम्बाकू हर साल कैंसर के 1.5 लाख मामलों, 4.2 मिलियन हृदय रोंगों और 3.7 मिलियन फेफड़ों के रोगों का कारण बनता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार देश में कैंसर के 70 फीसदी मामलों का निदान देरी से होता है, जबकि 60 फीसदी मरीज़ों को गुणवत्तापूर्ण उपचार नहीं मिल पाता।

मैक्स अस्पताल में विकसित विज्ञान संस्थान है जिसका संचालन डा.ए.के सिंह के नेतृत्व में किया जाता है। यह क्षेत्र का एकमात्र अस्पताल है जहां प्रशिक्षित विशेषज्ञ चैबीसों घण्टे उत्कृष्ट सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। अस्पताल न केवल देहरादून बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों की उपचार सम्बन्धी आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।

विधानसभा चुनाव होगा पैरा मिलिट्री की निगरानी में

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उत्तराखंड राज्य का राजधानी देहरादून को इस बार चुनावी निगरानी के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स का साथ मिलेगा।विधानसभा चुनाव 2017 में देहरादून जिले को संवेदनशील श्रेणी में रखते हुए राजधानी को 17 कंपनियां मिली है।पहले चरण में मिली चार टुकडिंयों में से दो टुकड़िया शहर में रहेंगी और एक एक टुकड़ी विकास नगर और ऋषिकेष में कैंप करेंगी।

राज्य में होने वाले चुनाव की गर्माहट को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव में 100 पैरा मिलिट्री कंपनी का जत्था प्रदेश के लिए उपलब्ध कराया है,जो 2012 के चुनाव से तीस कंपनी ज्यादा है।देहरादून के हिस्से में आई सुरक्षा बलों की चार कंपनियों में से दो विकासनगर और ऋषिकेश में कैंप करेगी और दो कंपनी शहर के महाराणा प्रताप स्पोर्टस स्टेडियम में कैंप करेंगी।12 और 13 फरवरी से यह कंपनियां जिले में उपलब्ध हो जाएंगी।गढ़वाल जिले के पुलिस उप महानिरिक्षक पुष्पक ज्योति ने बताया कि चुनाव के लिए सात जिलों में 17 कंपनी मिली है जिसमें से देहरादून और हरिद्वार को चार-चार,उत्तरकाशी,टिहरी,पौड़ी और चमोली को दो दो कंपनी और रुद्रप्रयाग को एक कंपनी दी गई है।

तो यह है उत्तराखंड के करोड़पति,आम आदमी नेता

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2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों में करोड़पति उम्मीदवारों की फ़ेहरिस्त हैं। इन सम्पतियों का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग में उम्मीदवारों द्वारा दाखिल हल्फनामों में हा। लेकिन अपने आपको आम आदमी की तरह पेश करने वाले यह प्रत्याशी करोड़ो के मालिक है।सवाल यह उठता है कि जिनकी सम्पति करोड़ो में हो वह लोग आम आदमी कैसे हो सकते हैं?

हरीश रावत के पास लगभग ₹2.5 करोड़ के आसपास धन दिखाया गया है,उनकी पत्नी के पास भी ₹3 करोड़ के आसपास की सम्पति है और वाहनों में एक मर्सेडीज़ है जिसका मूल्य ₹25 लाख है, फार्च्यूनर मूल्य ₹26 लाख की है। वहीँ सतपाल महाराज के पास ₹3.5 करोड़ और उनकी पत्नी के पास लगभग ₹ 2.7 करोड़ है, इनकी भूमि सम्पति की बात करे तो सतपाल के पास ₹3.7 करोड़ और उनकी पत्नी के पास भी ₹7.6 करोड़ के लगभग सम्पत्ति है।सतपाल की कुल संपत्ति की बात करें तो यह आंकड़ा ₹10 करोड़ से ऊपर ही जा रहा है।

दूसरी तरफ निर्दलीय प्रत्यशी रजनी रावत भी किसी करोड़पति से कम नहीं है,इनके पास भी ₹ 3.6 करोड़ की संपत्ति ₹22 लाख की ऑडी गाडी,15 लाख मूल्य का सोना, सहस्त्रधारा रोड पर एक फार्म हाउस भी है,जबकि उन्होंने अपना पारंपरिक व्यव्साय बधाइयाँ माँगना दिखाया है।

सवाल यह है कि आखिर इतनी सम्पति इकट्ठी हुई कैसे? जब इन नेताओ ने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया तब इन पर इतनी सम्पति तो नहीं थी नाही इतना बड़ा कारोबार था। अगर कोई आम आदमी राजनीति में आता है तो उसकी सम्पत्ति करोड़ो मे नही हो सकती जब तक उसका कारोबार या प्रोफेशन उस लेवल का न हो लेकिन कुछ सालों बाद उस ही व्यक्ति के पास करोड़ो में सम्पति कैसे एकत्रित हो जाती है।उत्तराखंड की वित्तमंत्री इंदिरा हृदेश के पास ₹1.5 करोड़ व भूमि सम्पति 2.8 करोड़ है। वही हरक सिंह रावत की बात करे तो उन्होंने अपनी सम्पति कुल 1.3 करोड़ तक ही दिखाई है जब की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने अपने पास ₹1.6  करोड़ की सम्पति बतायी है। उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने 16 लाख घन व भूमि कुल ₹ 50 लाख के लगभग बताई है।

इतना ही नही कुछ प्रत्यशी तो ऐसे भी हे जिन्होंने अपना चुनावी ख्रर्चें का बिल जनता पर फाड़ा है और चंदा माग कर अपना नामांकन भरा है।

 

देवभूमि में बागी बिगाड़ सकते हैं सत्ता का समीकरण

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देवभूमि उत्तराखंड में सियासी महाभारत धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रहा है। सत्ताधारी पार्टी अपनी सत्ता बनाने की गणित में उलझी है तो विपक्षी सत्ता पाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन इन सबसे अलग जिस तरह से दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों में बगावत का तूफान उठा है और अपनों ने अपनों के ही खिलाफ तलवारें खीचीं हैं उससे दोनों ही पार्टियों के सत्ता समीकरण बिगड़ सकते हैं। हालांकि सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ही अपने अपने बागियों को मनाने में जुटी हुई है लेकिन मतदान की तिथि के मात्र 15 दिन बचे हैं और बागी हथियार डालने को तैयार नहीं हैं। इससे दोनों ही दलों के आलाकमान की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। बगावत के मोर्चे पर दोनों दलों के हालात एक जैसे हैं। बागियों ने भाजपा और कांग्रेस की लीडरशिप के पसीने छुड़ा दिए हैं। दोनों दलों में एक दर्जन से अधिक सीटों पर दावेदार रहे नाराज लोगों ने निर्दलीय ही ताल ठोक कर सीधे-सीधे अपने-अपने आलाकमान को चुनौती दे डाली है। ये बागी मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के भी चिंता का कारण बने बैठे हैं।
भाजपा में सीएम की रेस में दिख रहे कुछ दावेदार इस बगावत से जहां संकट में आते दिख रहे हैं वहीं कांग्रेस में सीएम हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की सीट पर निर्दलीय बागियों ने ताल ठोक कर जीत और हार के समीकरणों को उलझा दिया है। हालांकि दोनों पार्टियों के आलाकमान और राज्य व चुनाव प्रभारी डैमेज कंट्रोल के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं लेकिन बागियों के तेवरों में कोई नरमी नहीं दिख रही है। इससे परेशान भारतीय जनता पार्टी के राज्य प्रभारी श्याम जाजू के तेंवर काफी कड़े हो रहे हैं। उन्होंने बागियों को प्यार मनुहार के बाद अब कड़ी कार्रवाई का डर दिखाते हुए कहा है कि वे लोग दो दिन में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के पक्ष में काम करें नहीं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर एक फरवरी तक बागियों ने अपने फैसले नहीं बदले और अपने-अपने नामांकन नहीं वापस लिए तो उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुकाबला केवल कांग्रेस से है।
निर्दलीय प्रत्याशियों से किसी भी सीट पर भाजपा का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है। पार्टी में स्वार्थी लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। टिकट न मिलने पर जो लोग बगावत कर रहे हैं उन्हें पार्टी में वापसी के लिए दो दिन का समय दिया गया है| यदि तय समय में उन्होंने पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार नहीं शुरू किया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा। जिन प्रमुख सीटों पर भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है उसमें सतपाल महाराज की चैबट्टाखाल सीट है जिस पर महाराज को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और निवर्तमान विधायक तीरथ सिंह रावत का टिकट काट कर मैदान में उतारा गया है।
यहां पार्टी तीरथ सिंह रावत को तो मैनेज करने में कामयाब रही है लेकिन एक अन्य भाजपाई कविन्द्र इष्टवाल अपना नामांकन वापस लेने को तैयार नहीं हैं जिससे पार्टी परेशान है। इसी तरह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट भी अपनी रानीखेत सीट पर बगावत की बयार झेलने का मजबूर हैं। उनकी सीट पर पार्टी के बागी प्रमोद नैनवाल खुद और पत्नी हिमानी नैनवाल का भी नामांकन भी करा चुके हैं। भट्ट अभी तक नैनवाल को समझाने में कामयाब नहीं हुए हैं| यह उनकी चिंता का सबब बना हुआ है। हालांकि अमित शाह के करीबी और झारखंड के प्रभारी त्रिवेन्द्र रावत अपनी डोईवाला सीट पर बागियों को मनाने में काफी हद तक सफल रहे हैं। लेकिन उनको अपनी सीट पर बगावत का कम और भितरघात की शंका ज्यादा है| इसलिए वे अपनी रणनीतियों को इसी आधार पर तैयार कर रहे हैं।
इसी तरह एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पिथौरागढ़ सीट पर प्रकाश पंत भी भितरघात की आशंका से सहमे हुए हैं। हालांकि उनके खिलाफ कोई बागी तो नहीं उतरा लेकिन यहां से दावेदार रहे पार्टी के पूर्व प्रदेश महामंत्री सुरेश जोशी समर्थकों के तेवर उनको लेकर थोड़ा सख्त है जिससे प्रकाश पंत घबराए हुए हैं।
उधर सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में भी हालत कुछ जुदा नहीं है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोक चुके नाराज कांग्रेसियों को मनाना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। खास कर मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र किच्छा में शिल्पी अरोड़ा,पीसीसी चीफ की सीट सहसपुर में आर्येन्द्र शर्मा और धनोल्टी में कैबिनेट मंत्री प्रीतम पंवार की सीट पर ताल ठोक रहे मनमोहन सिंह मल्ल ने पार्टी की हृदयगति को बढ़ा दिया है। इन सीटों पर डैमेज कंट्रोल के कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के साथ छह केन्द्रीय पर्यवेक्षक भी जुटे हैं लेकिन अभी अपेक्षित सफलता मिलती नहीं दिख रही है। टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री शिल्पी अरोड़ा पार्टी से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ किच्छा सीट पर चुनाव मैदान में उतर गई हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर बहुत आक्रामक आक्रमण किया है| उन पर कार्यकर्ताओं के शोषण और उपेक्षा का बड़ा आरोप लगाया है। उधर किशोर उपाध्याय की सीट सहसपुर पर बगावत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी के ओएसडी रहे वरिष्ठ कांग्रेसी आर्येन्द्र शर्मा को मनाने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत, हिमाचल के एक कैबिनेट मंत्री और खुद किशोर उपाध्याय ने जी तोड़ मेहनत की लेकिन वे चुनाव लड़ने से कम पर कोई बात सुनने से इनकार कर चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अगर आर्येन्द्र नहीं माने तो किशोर की हार तय है। इसी तरह धनोल्टी सीट पर मसूरी के नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कांग्रेस के टिकट पर पर्चा दाखिल किया था लेकिन बाद में कांग्रेस आलाकमान ने उस सीट पर निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार जो हरीश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं को समर्थन दे दिया और मल्ल को मैदान से हटने का फरमान सुनाया जिसे मानने को मल्ल कतई तैयार नहीं हैं। अगर मल्ल नहीं माने तो ये सीट भी कांग्रेस के हाथ से जानी तय है। इसी तरह गदरपुर से कांग्रेस के टिकट दावेदार रहे जरनैल सिंह काली ने भी टिकट न मिलने पर बगावत का झंडा उठाया है। उन्होंने इसी सीट पर बसपा से ताल ठोकी है। जिससे कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र पाल सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसी तरह राजधानी की रायपुर सीट पर कांग्रेस नेता रही किन्नर रजनी रावत ने निर्दलीय दावेदारी की है जो कांग्रेस प्रत्याशी प्रभुलाल बहुगुणा के गले की हड्डी बनती दिख रही हैं।
दोनों दलों में बागियों की सूची देखें तो भाजपा में चैबट्टाखाल में सतपाल महाराज के सामने पार्टी के कविन्द्र इष्टवाल ने बगावत का बिगुल फूंका है। रानीखेत में प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के खिलाफ पार्टी के प्रमोद नैनवाल, जसपुर में शैलेन्द्र मोहन सिंघल के खिलाफ पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय रोहिल्ला, केदारनाथ में शैलारानी रावत के खिलाफ पूर्व विधायक आशा नौटियाल, नरेन्द्र नगर में सुबोध उनियाल के खिलाफ पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, कालाढूंगी में बंशीधर के खिलाफ हरेन्द्र सिंह, काशीपुर में हरभजन सिंह चीमा के खिलाफ राजीव अग्रवाल, गंगोत्री में गोपाल रावत के खिलाफ सूरतराम नौटियाल जैसे पार्टी के कैडर नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है। इसी तरह कांग्रेस में सहसपुर सीट पर पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के खिलाफ आर्येन्द्र शर्मा, किच्छा में मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ शिल्पी अरोड़ा, धनोल्टी में प्रीतम सिंह पंवार के खिलाफ मनमोहन सिंह मल्ल, देवप्रयाग में मंत्री प्रसाद नैथानी के खिलाफ पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, यमकेश्वर में शैलेन्द्र सिंह रावत के खिलाफ रेनू बिष्ट,ज्वालापुर में शीशपाल सिंह के खिलाफ बृजरानी, बागेश्वर में बालकृष्ण के खिलाफ रंजीत दास और रूद्रप्रयाग में लक्ष्मी राणा के खिलाफ प्रदीप थपलियाल ने मोर्चा खोला हुआ है।
लब्बोलुआब यह है कि यदि इन बागियों को दोनों पार्टियों ने जल्द ही नहीं मैनेज किया तो दोनों दलों की सत्ता हासिल करने की रणनीति फेल हो सकती है। इसके साथ ही उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम भी अप्रत्याशित होगा।

इस खबर को न्यूज़ पोस्ट टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।

आईपीएल : खिलाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया 20 फरवरी को

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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अगले सत्र के लिए खिलाड़ियों की नीलामी प्रक्रिया 20 फरवरी को बेंगलुरू में होगी और लीग का आयोजन पांच अप्रैल से होगा।

गत नवम्बर में आईपीएल संचालन परिषद ने आईपीएल-2017 टूर्नामेंट को 5 अप्रैल से 21 मई तक करने का फैसला किया था। उस समय खिलाड़ियों की नीलामी की तारीख अस्थायी तौर पर 4 फरवरी तय की गई थी लेकिन यह तारीख इस साल के शुरू में उसी समय खारिज हो गई थी, जब उच्चतम न्यायालय ने बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बर्खास्त कर दिया था और बोर्ड के शेष पदाधिकारियों की योग्यता को लेकर कई शर्तें लगा दी थीं। बोर्ड प्रबंधन 4 फरवरी को नीलामी के लिए तैयार था लेकिन सर्वोच्च अदालत द्बारा प्रशासकों की नियुक्ति में विलम्ब के कारण आईपीएल के फैसलों में भी विलम्ब हो गया। हालांकि अब बीसीसीआई ने नीलामी प्रक्रिया 20 फरवरी को बेंगलुरू में कराने की घोषणा की है।

अमेरिका ने ईरान पर लगाए नए प्रतिबंध

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अमेरिका ने हाल ही में ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण के लिए 13 लोगों और दर्जन भर कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस बात की घोषणा शुक्रवार को की गई।
अमेरिकी प्रशासन ने कहा कि ईरान द्वारा आतंकवाद को लगातार दिए जा रहे समर्थन और उसके बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के कारण खाड़ी क्षेत्र समेत पूरी दुनिया के लिए खतरा पैदा हो गया है। हाल ही में राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया कि ईरान आग से खेल रहा है। मुझे पता नहीं कि कैसे राष्ट्रपति ओबामा उनके प्रति नरम रहे। जो भी हो, मैं ऐसा नहीं।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन ने इसी हफ्ते ईरान के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने का संकेत देते हुए कहा था कि अमेरिकी प्रशासन ईरान के मिसाइल प्रशिक्षण और यमन में शिया विद्रोहियों को मदद देने के मसलों को गंभीरता से ले रहा है।

नाडा गांव के लोग करेंगे चुनाव का बहिष्कार

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जौनसार बाबर क्षेत्र नाडा गांव के लोगों ने गांव और सड़क का सुधार नहीं होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त को शिकायत की और क्षेत्रवासियों ने विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर आरपार की लड़ाई की बात कही है।
लाभामण्डल के नाडा मोटर मार्ग का सुधार नहीं होने से नाराज ग्राम सभा नाडा भत बोन्दूर तहसील चकराता क्षेत्र वासियों ने एकत्र होकर मुख्य चुनाव आयुक्त को शिकायत की और कहा कि आजादी के 70 सालों के बाद भी नाडा गांव के लोगों को जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। वे सरकार और नेताओं के दोगले स्वभाव से तंग हैं।
नेता चुनाव के लिये वोट मांगने आते हैं और उनकी हर समस्या के समाधान का वादा करके जीतने के बाद क्षेत्र में आते ही नहीं|समस्या का निस्तारण तो दूर की बात है। क्षेत्र के लोगों का कहना हैं कि लाभामण्डल से नाडा तक जीप मार्ग की हालत बेहद खस्ता है। जिलाधिकारी वनाधिकारी कालसी,चकराता, आपदा प्रबन्धन को कई बार सूचित किया जा चुका है पर आज तक सड़क नहीं बन पाई है।
उनका कहना है कि यह सड़क चार-पांच वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत स्वीकृत हो चुकी थी पर सड़क का निर्माण कार्य आज तक नहीं हुआ है| समस्याओं से त्रस्त क्षेत्रवासियों ने विधानसभा चुनाव बहिष्कार की बात कही है।

उत्तराखंड के राजभवन में मशरूम की खेती

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राज्यपाल डा.कृष्ण कांत पाल के विशेष रूचि व प्रयोगात्मक अभियान की कड़ी में नया अध्याय जुड़ गया। राज्यपाल व सचिव राज्यपाल डा.भूपिन्दर कौर औलख ने राजभवन उद्यान शाखा के कार्मिकों को राजभवन में ही मशरूम की पैदावर के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया। परिणाम स्वरूप राजभवन के बौंजाई गार्डन में लगायी गयी मशरूम की पौध अंकुरित हो चुकी है।
राजभवन उद्यान विभाग ने विशेष प्रयासों से बटन मशरूम, ऑइस्टर मशरूम की दो कमर्शियल किस्में उगाई गई हैं। मशरूम की फसल के अंकुर निकल आने पर इनका निरीक्षण सचिव राज्यपाल डा.भूपिन्दर कौर औलख ने किया। डा.औलख ने उद्यान अधिकारी से इन मशरूम उगाने के घरेलू व सरल उपाय की जानकारी से समस्त राजभवन कर्मियों को अवगत कराने को भी कहा।
उद्यान अधिकारी दीपक पुरोहित ने कम लागत व स्थान में मशरूम उगाने की विधि बताते हुए कहा कि आमतौर पर 5000 से 7000 फि ट की ऊंचाई पर ही मशरूम की खेती होती है, लेकिन बंद कमरों व कमरे का तापमान व्यवस्थित कर 3000 से 5000 की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेट के तापमान में भी मशरूम की पैदावार की जा सकती है।
प्रयोग की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जहां मशरूम प्रोटीन,कार्बाेहाइड्रेट व कम फैट जैसे पोषक गुणों से भरपूर है वहीं यह बाजार में काफी महंगा भी मिलता है। मशरूम जैसी महंगी सब्जी को आम व्यक्ति की पहुंच तक घर में ही सरलता से लाने के लिए इसकी उपज के लिए प्रयोग करने पर विचार किया जाना चाहिए।