तो यह है उत्तराखंड के करोड़पति,आम आदमी नेता

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2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों में करोड़पति उम्मीदवारों की फ़ेहरिस्त हैं। इन सम्पतियों का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग में उम्मीदवारों द्वारा दाखिल हल्फनामों में हा। लेकिन अपने आपको आम आदमी की तरह पेश करने वाले यह प्रत्याशी करोड़ो के मालिक है।सवाल यह उठता है कि जिनकी सम्पति करोड़ो में हो वह लोग आम आदमी कैसे हो सकते हैं?

हरीश रावत के पास लगभग ₹2.5 करोड़ के आसपास धन दिखाया गया है,उनकी पत्नी के पास भी ₹3 करोड़ के आसपास की सम्पति है और वाहनों में एक मर्सेडीज़ है जिसका मूल्य ₹25 लाख है, फार्च्यूनर मूल्य ₹26 लाख की है। वहीँ सतपाल महाराज के पास ₹3.5 करोड़ और उनकी पत्नी के पास लगभग ₹ 2.7 करोड़ है, इनकी भूमि सम्पति की बात करे तो सतपाल के पास ₹3.7 करोड़ और उनकी पत्नी के पास भी ₹7.6 करोड़ के लगभग सम्पत्ति है।सतपाल की कुल संपत्ति की बात करें तो यह आंकड़ा ₹10 करोड़ से ऊपर ही जा रहा है।

दूसरी तरफ निर्दलीय प्रत्यशी रजनी रावत भी किसी करोड़पति से कम नहीं है,इनके पास भी ₹ 3.6 करोड़ की संपत्ति ₹22 लाख की ऑडी गाडी,15 लाख मूल्य का सोना, सहस्त्रधारा रोड पर एक फार्म हाउस भी है,जबकि उन्होंने अपना पारंपरिक व्यव्साय बधाइयाँ माँगना दिखाया है।

सवाल यह है कि आखिर इतनी सम्पति इकट्ठी हुई कैसे? जब इन नेताओ ने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया तब इन पर इतनी सम्पति तो नहीं थी नाही इतना बड़ा कारोबार था। अगर कोई आम आदमी राजनीति में आता है तो उसकी सम्पत्ति करोड़ो मे नही हो सकती जब तक उसका कारोबार या प्रोफेशन उस लेवल का न हो लेकिन कुछ सालों बाद उस ही व्यक्ति के पास करोड़ो में सम्पति कैसे एकत्रित हो जाती है।उत्तराखंड की वित्तमंत्री इंदिरा हृदेश के पास ₹1.5 करोड़ व भूमि सम्पति 2.8 करोड़ है। वही हरक सिंह रावत की बात करे तो उन्होंने अपनी सम्पति कुल 1.3 करोड़ तक ही दिखाई है जब की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने अपने पास ₹1.6  करोड़ की सम्पति बतायी है। उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने 16 लाख घन व भूमि कुल ₹ 50 लाख के लगभग बताई है।

इतना ही नही कुछ प्रत्यशी तो ऐसे भी हे जिन्होंने अपना चुनावी ख्रर्चें का बिल जनता पर फाड़ा है और चंदा माग कर अपना नामांकन भरा है।