अहमदाबाद की तर्ज पर होगा ऋषिकेश और हरिद्वार के घाटों का पुनः निर्माण

विधान सभा अध्यक्ष कैम्प कार्यालय, ऋषिकेश में आयोजित एक बैठक के दौरान विधान सभा अध्यक्ष श्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने गुजरात की इण्टरनेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल सिटीज(आई.सी.एस.सी.) कंसल्टेंसी फर्म द्वारा नमामि गंगे के तहत ऋषिकेश एवं हरिद्वार के घाटों पर बनायी गयी कान्सेप्ट रिपोर्ट पर चर्चा की। इस दौरान नमामि गंगे के रिवर डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट पियुष कुमार सिंह के साथ आई.सी.एस.सी कंसल्टेंसी फर्म के स्पेशलिस्ट समीहा सेठ एवं डा. सी. नाथ.रे मौजुद थे।

आई.सी.एस.सी कंसल्टेंसी फर्म द्वारा अपनी कान्सेप्ट रिपोर्ट के दौरान बताया गया कि किस प्रकार से ऋषिकेश एवं हरिद्वार के घाटों का जीर्णाधार किया जा सकता है। जिसमें घाटों पर बिजली की ब्यवस्था, स्नान गृह, टॉयलेट एवं कपडें बदलने वाले स्थानों को और अच्छा बनाया जा सकता है।आई.सी.एस.सी कंसल्टेंसी फर्म द्वारा पहला ऐसा मानचित्र बनाया गया है जिसमें गंगा किनारे स्थित मन्दिर, आश्रम एवं घाटों को बिन्दु रूप में स्पष्ट दर्शाया गया है। जिस कारण गंगा किनारे के तटों एवं स्थलों को समझने में काफी आसानी होगी।आई.सी.एस.सी कंसल्टेंसी फर्म ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि किस प्रकार से ऋषिकेश एवं हरिद्वार में पर्यटकों का और अधिक आकर्षित किया जा सकता है। रिपोर्ट में घाटों पर आने वाले पर्यटकों का भी आकंलन किया गया है।

बैठक के दौरान विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी गंगा नदी पर निर्भर है। अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। अतः गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है। इस सोच को कार्यान्वित करने के लिए ही सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ का शुभारम्भ किया है अतः इस अभियान के तहत सभी को अपने- अपने स्तर पर कार्य करना अति आवश्यक है। विधान सभा अध्यक्ष ने आई.सी.एस.सी की रिपार्ट को देखने के बाद अपने सुझाव देते हुए कहा कि घाटों के किनारे रेलिगं, उचित प्रकाश एवं आस्था घाट की मरम्म्त के लिए भी रिर्पाट में सम्मिलित करें।