ड्रग्स के खिलाफ जंग और पेशेवर अपराधियों को पकड़ना होगी प्राथमिकता: अशोक कुमार

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एडीजी लाॅ एंड आॅर्डर का कामकाज संभाले अशोक कुमार को एक हफ्ता हुआ है और ये नया रोल उन्हें काफी व्यस्त रखे हुए है। राज्यभर के पुलिस अधिकारियों से मीटिंग और फोन काॅल के बीच कुमार ने न्यूजपोस्ट से अपनी प्राथमिकताओं और चुनौतियों को लेकर बात की। कुमार कहते हैं कि “उत्तराखंड एक शांत प्रदेश है और इसे ऐसा रखने के लिये उनकी प्राथमिकता ट्रैफिक, ड्रग्स, पेशेवर अपराधियों औऱ पुलिस विभाग के अंदर फैले भ्रष्टाचार को काबू में करना होगी”

इन सभी से निपटने के लिये अशोक कुमार ने खांचा तैयार किया है पर इन सब में सबसे ऊपर है पेशेवर अपराधियों को काबू में करना। कानून को ठेंगा दिखाकर खुले घूम रहे इन अपराधियों को काबू में करने के लिये वो बताता हैं कि “जो अपराधी वाॅंटेड चल रहे हैं उनकी फाइलों का अध्धयन करके ईनामी रकम बढ़ाकर उन्हें जल्द से जल्द पकड़ने और उनकी संपत्तियों को एटैच करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी”। उत्तराखंड एक तरफ हिमाचल प्रदेश से अपनी सीमा साझा करता है पर राज्य पुलिस के लिये चिंत्ता का विषय है पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लगती राज्य की सीमा। कई पेशेवर अपराधी उत्तराखंड को जुर्म करके छुपने की मुफीद जगह की तरह देखते हैं।

 इन सबके साथ साथ कुमार की प्राथमिकताओं में पुलिस विभाग का आधुनिकीकरण करना भी है। इसके लिये 

  • अंडर वाॅटर कैमरा
  • नदियों और पानी के नीचे तलाशी के लिये सोनार सिस्टम
  • ई-चलान सिस्टम
  • और वर्दी पर पहनने वाले कैमरे जल्द ही पुलिस विभाग के मिलने की उम्मीद है।

राज्य भर के थानें में महिला पुलिस कर्मियों की कमी लंबे समय से पहाड़ों में कानून व्यवस्था के बनाये रखने में परेशानी का सबब बनती रही है। कुमार इसे समस्या के हल के लिये राज्यभर के थानों में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती करने की तैयारियों में लगे हुए हैं।

हरियाणा के पानीपत जिले के कुराना गांव में जन्में अशोक कुमार का पुलिस विभाग में लंबा सफ़र रहा है। राज्य ही नहीं उन्होंने केंद्र में बीएसएफ़ औऱ सीआरपीएफ में भी महत्वपूर्ण पदों पर ज़िम्मेदारी सँभाली है। वो अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर संयुक्त राष्ट्र में कोसोवो में भी अपने सेवाएँ दे चुके हैं। आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई करने वाले कुमार ने क़ानून व्यवस्था को सुदृढ़ रखने के अलावा पुलिस विभाग के लिये कई अन्य काम भी किए हैं। इनमें उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय और देहरादून स्थित पुलिस कॉलोनी का निर्माण शामिल है। बतौर निदेशक पुलिस खेल विभाग कुमार ने पुलिस और आम लोगों में खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये कई सकारात्मक क़दम उठाये हैं। जिनमें पिछले साल आयोजित की गई देहरादून हाॅफ मैराथन शामिल है। इस दौड़ में राज्य ही नहीं देश विदेश से कुल मिलाकर क़रीब 30 हज़ार लोगों ने हिस्सा लिया। इस साल दिसंबर में इस दौड़ के दूसरे अध्याय के लिये ज़ोर शोर से तैयारी चल रही है