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मनोज की फिल्म ‘रुख’ 27 अक्टूबर को होगी रिलीज

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मनोज वाजपेयी की नई फिल्म रुख की रिलीज डेट तय हो गई है। ये फिल्म आगामी 27 अक्टूबर को रिलीज होगी। इस फिल्म का निर्देशन अतानु मुखर्जी ने किया है, जिनकी बतौर निर्देशक ये पहली फिल्म है। मनोज वाजपेयी के अलावा फिल्म की अन्य मुख्य भूमिकाओं में स्मिता तांबे, कुमुद मिश्रा और आदर्श गौरव ने काम किया है।

अमित त्रिवेदी ने इस फिल्म में संगीत दिया है। इस फिल्म की कहानी एक ऐसे युवक की है, जो रिश्तों की भूलभुलैया में भटक जाता है। मनोज इसे बहुत संवेदनशील फिल्म मानते हैं और दावा करते हैं कि हर दर्शक इसे अपने साथ जोड़कर देखेगा। मनोज ने कहा कि ये उनके करियर की कठिन लेकिन ऐसी भूमिका थी, जिसे निभाकर उनको बतौर कलाकार संतुष्टी मिली।

मनोज की अन्य नई फिल्मों में नीरज पांडे की फिल्म अैय्यारी है, जो अगले साल 26 जनवरी के मौके पर रिलीज होगी। इस फिल्म में मनोज के साथ सिद्धार्थ मल्होत्रा हैं। अनुपम खेर और नसीरुद्दीन शाह एक गैप के बाद इस फिल्म में साथ नजर आएंगे। नीरज पांडे की फिल्म ए वेडनेस डे में दोनों ने यादगार रोल निभाए थे। 

कुहू गर्ग और रोहन कपूर ने ग्रीस ओपन जीतकर देश का नाम किया ऊँचा

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अपने शानदार प्रदर्शन से उत्तराखंड की कूहु गर्ग और रोहन कपूर की जोड़ी ने ग्रीस में चल रहे ग्रीस ओपन बैडमिंटन चैंपियनशीप का मिक्स्ड डबल्स ख़िताब अपने नाम कर लिया है। पूरी चैंपियनशीप में अच्छे प्रदर्शन के साथ कूहु और रोहन ने इंटरनेशनल टाईटल अपने नाम किया है। कूहु गर्ग और रोहन कपूर की जोड़ी का मुक़ाबला फाइनल में भारत की ही जोड़ी उत्कर्ष अरोड़ा और करिश्मा वाडकर से हुआ। अपने जबरदस्त शाट्स से कूहु और रोहन ने यह मैच 21-19 21-19 से जीता।आपको बतादें कि कूहु गर्ग का यह पहला इंटरनेशनल खिताब है।
शनिवार को सेमी फ़ाइनल में कुहू और रोहन की जोड़ी का सामना स्वीडन की जोड़ी कार्ल हड़बक्का और टिल्डा के साथ हुआ था।स्वीडन की इस जोड़ी को हराकर कूहु और रोहन की जोड़ी ने फाइनल में धमाकेदार प्रवेश किया था। सेमीफाईनल मैच कूहु गर्ग ने 21-11-21-14 से जीता।इससे पहले शनिवार को ही खेले गये मुकाबले में कुहु ने अपने पार्टनर रोहन कपूर के साथ क्वॉर्टर फ़ाइनल में ग्रीस के पंगीयोतिस व एलेनी चरिसटोडोलस की जोड़ी को। (स्कोर लिखना) में हराया।
कूहु की जीत पर उनके पिता और उत्तराखंड बैंडमिंटन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अशोक कुमार ने टीम न्यूजपोस्ट से बातचीत में बताया कि “यह मेरे लिए दोनो ही मायने में बहुत खुशी की बात है।एक पिता होने के नाते और यूबीए के प्रेसिडेंट होने के नाते भी।” उन्होंने कहा कि “यह कूहु का पहला अंर्तराष्ट्रीय टाइटिल है।इस टाइटिल के मिलने से ना केवल कैरियर को नई उड़ान मिलेगी बल्कि आगे आने वाली सभी मुकाबलों के लिए यह एक बुस्टअप का काम करेगा।”
आपको बतादें कि इससे पहले कूहु गर्ग ने जूनियर मिक्सड डबल्स बेल्जियम का खिताब 2013 में अपने नाम किया था।अशोक कुमार ने कहा कि दोनों ही खिलाड़ी कूहु और रोहन की मेहनत रंग लाई और उन्होंने यह प्रतियोगिता अपने नाम कर ली।उन्होंने कहा कि ऐसी जीत से खिलाड़ियों को आने वाले सुपर सीरिज के बहुत पाजिटीव एनर्जी मिलतीहै। अशोक कुमार कहते हैं कि “कूहु ने इस प्रतियोगिता के लिए कड़ी मेहनत की थी ।हालांकि चार महीने पहले कूहु का पार्टनर बदल गया था जिसकी वजह से उन्हें फिर से जीरो से शुरु करना पड़ा।लेकिन इस जीत ने पिछली सारी मेहनत को साकार कर दिया है।”
उत्तराखंड बैंडमिंटन एसोसिएशन के प्रेसिडेंट होने के नाते उनका मानना है कि उत्तराखंड राज्य में बैंडमिंटन का भविष्य उज्जवल हैं।पिछले दिनों लक्ष्य सेन ने भी बुल्गेरिया में इंटरनेशनल टाइटिल अपने नाम किया है और अब कूहु गर्ग ने भी।आगे आने वाले समय में उत्तराखंड बैडमिंटन एसोसिएशन को कूहु गर्ग और लक्ष्य सेन से ऐसी ही प्रदर्शन की उम्मीद हैं।

कुहू की इस शानदार जीत ने देश में तो बैडमिंटन प्रेमियों को ख़ुशी का मौक़ा दिया ही है बल्कि ख़ासतौर पर उत्तराखंड में उन बैडमिंटन खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा है जो इस खेल को पेशेवर रूप में अपनाने का सपना देख रहे हैं। अपनी कड़ी मेहनत और लग्न से कुहू ने ये साबित कर दिया है कि जहाँ चाह है वहाँ राह है!!

टीम न्यूजपोस्ट की तरफ से कूहु गर्ग और रोहन कपूर को ढ़ेर सारी बधाईयां और आगे आने वाली सभी चुनौतियों के लिए शुभकामनाएं।

25 लाख रूपये की अफीम के साथ दो व्यक्ति गिरफ़्तार

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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदया के आदेशानुसार में थाना पटेलनगर क्षेत्रान्तर्गत अवैध मादक पदार्थों के विक्रय एवं तस्करी की रोकथाम के लिये आज वरिष्ठ उपनिरीक्षक विपिन बहुगुणा थाना पटेलनगर के नेतृत्व में आज चैकिंग दौरान कमला पैलेस तिराहा के पास संदिग्ध व्यक्तियों की चैकिंग के दौरान दो व्यक्ति, महावीर सिंह व चमन लाल को चैक किया गया तो उनके कब्जे से करीब तीन किलोग्राम अवैध अफीम बरामद हुयी।

थाने पर मु.अ.स. 416/17 व 417/17 धारा 8/18 एनडीपीएस एक्ट पंजीकृत किया गया । पूछताछ पर अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि हम मूल रूप से थत्यूड टिहरी व बडकोट उत्तरकाशी के रहने वाले है । हम दोनों एक दूसरे को काफी समय से जानते थे। हम लोगों का मुख्य काम खेती-बाडी है लेकिन खेती बाडी से गुजर बसर नहीं हो पाता है तो हम लोग उत्तरकाशी के ऊंचे पहाडी इलाको में जाकर अफीम (पोस्त) इकट्ठा करते है तथा इकटठा करने के बाद जब तीन-चार किलो हो जाती है तो उसको बेचने के लिये नीचे देहरादून आकर ग्राहक तलाश कर अच्छे दामों में बेच देते है। जिससे हमारे साल भर की मेहनत सफल हो जाती है और हमारा गुजर बसर होता है ।

पकड़े गये मादक पदार्थ की कीमत की जानकारी की गयी तो इस मादक पदर्थ का अन्र्तराष्ट्रीय मूल्य 25 लाख रूपये मूल्य के आस-पास है ।

3 महिलाएं भागीरथी-2 पर्वतश्रंखला अभियान के लिये हुई रवाना

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मुख्यमंत्री द्वारा आज उनके आवास से महिला पर्वतारोही दल की 3 सदस्यीय टीम को भागीरथी-2 पर्वतश्रंखला अभियान के लिये हरी-झण्ड़ी दिखाकर रवाना किया गया। भागीरथी-2 पर्वतश्रंखला की कुल ऊंचाई 6512 मी. है।
इस अभियान का उद्देश्य “हिमालय बचाओ व माउन्टेनियरिंग/एडवेंचर के प्रति लड़कियों को प्रेरित” करने का है। इस अभियान में उत्तराखण्ड़ से माधवी शर्मा, हरियाणा की सविता मलिक व छत्तीसगढ़ की नैना धाकड़ हिस्सा लेगीं। उत्तराखण्ड की माधवी शर्मा इस अभियान का नेतृत्व करेगीं, अभियान 3 सितम्बर 2017 को शुरु होकर 18 सितम्बर 2017 को पूर्ण होगा।
टीम सदस्यों केबताया गया कि, अभियान के समापन पर गोमुख ग्लेशियर से लौटते समय वहां फैलाये गये कचरें को इकटठा कर उसे उतरकाशी तक लाने का भी लक्ष्य रखा है, ताकि प्रधानमंत्री के ‘स्वच्छत भारत अभियान’ के लक्ष्य को सफल करने में अपना सहयोग दे सकें। मुख्यमंत्री ने सभी सदस्यों को इस अभियान के लिए शुभकामनायें दी हैं।, इसके साथ ही उन्होनें भारत की सभी बेटियों को निड़र व साहसी बनने की प्रेरणा भी दी।
2014 में भारत की पहली महिला एवरेस्टर सुश्री बछेन्द्री पाल के तत्वाधान में टाटा स्टील एंडेवन्चर फाउन्डेशन के सौजन्य से आॅल इंन्डिया वुमेन एक्सपीडिशन टू खार्ता वैली तिब्बत के सबसे ऊंचे पास (लांग-मा-ला) (5200 मीटर) (17,160) को पार करने का मौका माधवी शर्मा को मिला था।  तिब्बत के सबसे ऊंचे पास (लांग-मा-ला) को पार करने वाली भारत की पहली महिला टीम में शामिल थीं । इससे पूर्व में भी माधवी द्वारा दौपदी का डांडा 2 पीक (5670 मीटर) व अरूणाचंल प्रदेश की ऊंची चोटी ‘‘गोरीचिन‘‘ व अनाम चोटी को भी स्केल कर चुकी हैं।
माधवी शर्मा बताती है, “हर पर्वतारोही की तरह मेरा सपना भी माउन्ट एवरेस्ट पर भारत का तिरंगा फतह करने का है, साथ ही भारत व अन्र्तराष्ट्रीय देशों की चोटियों को फतह कर जीत हासिल करना भी है। जिसके लिए मैं निरन्तर प्रयास कर रही हैं।”
टीम नेयूजपोस्ट की तरफ़ से माधवी व उनकी टीम को इस कामयाबी और आने वाले दिनों के लिये ढेरों शुभकामनाएँ।

सार्वजनिक वाहनों पर पुलिस लगा रही लाइसेंसी स्टीकर

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दून पुलिस ने यात्रियों के मन से भय दूर करने के लिए एक नई पहल शुरू की है। पुलिस ने देहरादून में चलने वाले सभी सार्वजनिक वाहनों जैसे सिटी बस, विक्रम, ऑटो आदि पर लाइसेंसी स्टीकर लगा रही है। इससे अपराध पर लगामा लगाने में कामयाबी मिलेगी।

एसएसपी ने बताया कि इस स्टीकर में वाहन संख्या, चालक का नाम व मोबाइल नंबर, वाहन स्वामी का नाम व मोबाइल नंबर तथा पुलिस व मेडिकल सहायता के लिए आकस्मिक नंबर अंकित किए गए है। अब कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक वाहनों में चालक या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा की जा रही अभद्रता, किराया अधिक लेने या किसी दुर्घटना के घटित होने पर उसकी सूचना तत्काल आपातकालीन नंबरों पर दे सकेगा।

स अभियान का मुख्य उद्देश्य यातायात के उपलब्ध मौजूदा ढांचे को मजबूती प्रदान कर नागरिकों को बुनियादी सुविधा व सहयोग प्रदान करना है।

उत्तराखंड की बेटी ज्योत्सना रावत ने बनाया नया कीर्तिमान

उत्तराखंड की महिलाओ के जज्बे और साहस की कई कहानीया है ,इन्ही कहानियो में उत्तराखंड की बेटी ज्योत्सना रावत ने भी 17 वर्ष की उम्र में अपना अध्याय जोड़ दिया है । डोईवाला BSF ट्रेनिंग सेंटर में तैनात डिप्टी कमांडेंट वाईएस रावत की 17 वर्षीय बेटी ज्योत्सना ने नया कीर्तिमान बनाया है। ज्योत्सना ने लेह -लद्दाख के अति दुर्गम क्षेत्र में 111 किलोमीटर वर्ग की दौड़ को 19 घंटे 40 मिनट में पूरा करके नया कीर्तिमान बना दिया है। इससे पहले भारत की किसी भी महिला धावक ने अल्ट्रा मैराथन दौड़ को पूरा नहीं किया है ।

विषम परिस्थिति और ऑक्सीजन की कमी वाले क्षेत्र में ज्योत्सना ने दौड़ को पूरा करके भारत की पहली महिला धावक में अपना नाम दर्ज करा लिया है, इस  दौड़ को पूरा करके डोईवाला BSF ट्रेनिंग सेंटर में पहुंची ज्योत्सना का बीएसएफ के जवानों ने जोरदार स्वागत किया और ज्योत्सना को सम्मानित करते हुए बीएसफ डोईवाला सेंटर के डिप्टी कमांडेंट राहुल ने बताया कि ये हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि BSF परिवार की इस युवा धावक ने अपने जोश और जब्बे से एक नया कीर्तिमान रच दिया ,अभी तक कोई भी महिला इस ट्रेक पर नहीं दौड़ी है जिस पर ज्योत्सना ने दौड़ कर सफलता पूर्वक पूरा किया है जो इनके साहस और जब्बे की एक बड़ी कामयाबी है

आरके सिंह से अश्विनी चौबे और सत्यपाल सिंह तक, ये हैं मोदी कैबिनेट के 9 नए मंत्री।

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2019 आम चुनावों की तैयारी में मोदी कैबिनेट का सबसे महत्वपूर्ण विस्तार रविवार को हुआ, मंत्रिमंडल के लिए 9 चेहरों पर मुहर लगी। युवा से लेकर सफल ब्यूरोक्रेट्स रहे और अनुभवी नेताओं को शामिल किया गया है, सुबह 10.30 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन्हें शपथ दिलायी। आईए, हम आपको बताते हैं उन 9 नामों के बारे में जिन्हें कैबिनेट में जगह मिली है।

गजेंद्र सिंह शेखावत: गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के जोधपुर से बीजेपी सांसद हैं। शेखावत भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा से जुड़े रहे हैं। अपनी साधारण जीवनशैली के लिए भी वह खासे लोकप्रिय हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत राष्ट्रीय और यूनिवर्सिटी स्तर पर बास्केटबॉल खेल चुके हैं और ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ स्पोर्ट्स के सदस्य भी हैं।

आरके सिंह: आरके सिंह आरा, बिहार से लोकसभा सांसद हैं। 1975 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी आरके सिंह केंद्रीय गृह सचिव भी रह चुके हैं। उन्होंने 2013 में बीजेपी का दामन थामा था। एक दिलचस्प बात ये भी है कि सिंह ने समस्तीपुर का जिलाधिकारी रहते हुए बीजेपी के वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को अक्टूबर 1990 में गिरफ्तार किया था। दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़े सिंह ने आपदा प्रबंधन सहित रक्षा उत्पाद सचिव, कृषि विभाग प्रमुख और जेल आधुनिकीकरण जैसे कई अहम कामों में योगदान दिया है।

हरदीप सिंह पुरी: हरदीप सिंह पुरी: दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले हरदीप सिंह पुरी 1974 बैच के आईएफएस अफसर रह चुके हैं। वह संयुक्त राष्ट्र में कई अहम पदों पर रह चुके हैं। पुरी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी मामलों के जानकार हैं। इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में पढ़ाई की। अपने समय में वह छात्र नेता भी रहे और जेपी आंदोलन का हिस्सा भी रहे।

सत्यपाल सिंह: मुंबई के सुपर कॉप की पहचान वाले सत्यपाल सिंह उत्तर प्रदेश के बागपत से सांसद हैं। ये मुंबई पुलिस कमिश्नर रहे। सत्यपाल सिंह महाराष्ट्र कैडर से 1980 बैच के आईपीएस हैं। 1990 के दौर में मध्यप्रदेश और आंध्र प्रदेश में नक्सली इलाकों में काम करने के लिए भारत सरकार की ओर से सेवा मेडल से नवाजे जा चुके हैं। उन्होंने 2014 में बीजेपी में शामिल होने के बाद राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख अजित सिंह को हराया था। अजित सिंह का बागपत सीट पर 1989 से कब्जा था।

अल्फोंस कन्ननाथनम: 1979 केरल बैच के आईएएस अधिकारी और बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। दिल्ली में कमिश्नर रहते हुए उन्होंने 14310 अवैध इमारतों को गिरा दिया था। जिसके बाद अल्फोंस काफी चर्चा में आए थे। अल्फोंस को 1994 में टाइम्स मैगजीन ने 100 यंग ग्लोबल लीडर्स की सूची में शामिल किया था। अल्फोन्स ने ‘मेकिंग अ डिफरेंस’ नामक पुस्तक भी लिखी है। जिला कलेक्टर के रूप में अल्फोंस ने भारत के पहले साक्षरता आंदोलन का बीड़ा उठाया और 1989 में केरल के कोयट्टम को भारत का पहला 100 प्रतिशत साक्षर टाउन बनाकर दिखाया। अल्फोंस का जन्म केरल के कोयट्टम के ही एक गांव में हुआ था।

शिव प्रताप शुक्ला: शिव प्रताप शुक्ला उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। वह रुद्रपुर के रहने वाले हैं और 1989 से 1996 तक लगातार चार बार विधायक रहे हैं। माना जा रहा है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई करने वाले शिव प्रताप को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर कैबिनेट में जगह दी जा रही है। बता दें की मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री महेंद्र नाथ पांडेय को उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वह अब मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देंगे। बहरहाल, शिव प्रताप 1970 के दशक में छात्र नेता के तौर पर राजनीति में अपने करियर की शुरुआत की। आपातकाल के दौरान वह 19 महीने जेल में भी रहे।

अश्विनी चौबे: अश्विनी चौबे बिहार के बक्सर से सांसद हैं। ये बिहार विधानसभा में लगातार पांच बार विधायक रहे हैं। पार्टी के प्रमुख ब्राह्मण चेहरे से माने जाते हैं। गिरिराज सिंह की कैबिनेट से छुट्टी के बाद इन्हें जगह दी जाएगी। अश्विनी चौबे बिहार सरकार में स्वास्थ्य, शहरी विकास और जनस्वास्थ्य, इंजिनियरिंग जैसे विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता चौबे ने 2013 में आई केदारनाथ त्रासदी पर एक किताब भी लिखी है। पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे अश्विनी चौबे जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे और जेल भी गए।

वीरेंद्र कुमार: वीरेंद्र कुमार मध्य प्रदेश के टिकमगढ़ से सांसद हैं और दलित समुदाय से आते हैं। वीरेंद्र कुमार 6 बार से लोकसभा सदस्य हैं। 1970 के दशक में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीभीपी) से जुड़े। कुमार इकनॉमिक्स में एमए और चाइल्ड लेबर में पीएचडी कर चुके हैं। गाय की रक्षा के लिए यह काम करते रहे हैं और मध्य प्रदेश के सागर में गौ-सेवा संघ सस्था में काफी सक्रिय हैं। खेल और संगीत में इनकी खासी रूचि है और माउथ अर्गन तक बजाते हैं।

अनंत हेगड़े: अनंत हेगड़े कर्नाटक से ताल्लुक रखते हैं और उत्तर कन्नड़ से लोकसभा सांसद हैं। पहली बार 28 साल की उम्र में सांसद बनने वाले हेगड़े एक्सटर्नल अफेयर और एचआरडी पर बनी पार्ल्यामेंट स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य हैं। अपने संसदीय जीवन में हेगड़े कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं। अनंत को ग्रामीण भारत का अच्छा जानकार माना जाता है और उन्होंने कदम्ब नाम की एक एनजीओ भी शुरू की है। उनका एनजीओ ग्रामीण विकास के कई क्षेत्रों में काम करता है।

इसके अलावा चार राज्य मंत्रियों को प्रियदर्शन के आधार पर प्रमोशन भी हुआ। प्रमोशन पाने वालों में :

निर्मला सीतारमन
धर्मेंद्र प्रधान
पीयूष गोयल
मुख़्तार अब्बास नक्वी हैं।

ऋषि कपूर पर परिवार की ओर से लगेगी लगाम

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ऋषि कपूर जब से सोशल मीडिया पर आए हैं, तब से अपनी पोस्ट और प्रतिक्रियाओं को लेकर विवादों में रहे हैं। हाल ही में ऋषि कपूर ने सोशल मीडिया पर एक नग्न बच्चे की फोटो शेयर कर दी, तो मुंबई के एक संगठन ने इसे गैरकानूनी बताते हुए ऋषि कपूर के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करा दिया है। कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर ऋषि कपूर के विवादों से उनका परिवार भी तंग आ चुका है और अब उन पर लगाम लगाने की तैयारियां की जा रही हैं।

ऋषि कपूर की पत्नी नीतू सिंह की ओर से ऋषि कपूर को चेतावनी दे दी गई है कि वे संयम रखें या फिर सोशल मीडिया से खुद को दूर रखें। ऋषि कपूर के सोशल मीडिया पर होने वाले विवादों से परिवार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। हाल ही में फिल्म जग्गा जासूस को लेकर ऋषि कपूर ने फिल्म के निर्देशक अनुराग बसु के खिलाफ मोर्चा खोला, जिसके लपेटे में रणबीर कपूर आ गए थे। रणबीर को अपने पिता का रवैया पसंद नहीं आया और उन्होंने इस बारे में अपनी मां से बात की।

सोशल मीडिया पर जहां ऋषि कपूर हमेशा सक्रिय रहते हैं, वहीं रणबीर कपूर सोशल मीडिया से दूर ही रहते हैं। रणबीर की मां नीतू सिंह कपूर भी सोशल मीडिया से दूर रहती हैं। ये भी कहा जा रहा है कि रणबीर के साथ साथ उनकी बहन रिद्धिमा की ओर से भी अपनी मां को कहा गया है कि ऋषि कपूर के विवादों से उनकी संवेदनाओं को ठेस पंहुचती है। नीतू ने अपने दोनों बच्चों को आश्वस्त किया है कि अब वे इस बात का ध्यान रखेंगी कि ऋषि कपूर या तो कंट्रोल में रहें या फिर सोशल मीडिया से अपना नाता खत्म कर लें। 

सेंसर बोर्ड से पास हुई फिल्म पोस्टर ब्वॉय

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2014 में आई मराठी फिल्म ‘पोस्टर ब्वायज’ के हिंदी रिमेक को सेंसर बोर्ड से रास्ता साफ कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से सिर्फ एक कट मिला है। ये फिल्म अगले शुक्रवार, 8 सितंबर को रिलीज होने जा रही है।

इस फिल्म का निर्देशन श्रेयस तलपड़े ने किया है, जो हिंदी और मराठी के बड़े कलाकार हैं और ‘इकबाल’ तथा ‘गोलमाल’ सीरिज की फिल्मों में काम कर चुके हैं और पहली बार निर्देशन के मैदान में आ रहे हैं। सोनी पिक्चर्स द्वारा बनाई गई इस फिल्म में देओल भाई सनी और बाबी देओल एक साथ आ रहे हैं। साथ में खुद श्रेयस तलपड़े भी हैं। इनके अलावा फिल्म में सोनाली कुलकर्णी और समीक्षा भटनागर भी हैं। फिल्म के ट्रेलर को काफी पसंद किया गया है।

सनी और बाबी एक साथ काफी अंतर के बाद परदे पर लौट रहे हैं। पूर्व में वे फिल्म अपने और ‘यमला पगला दीवाना’ की दो कड़ियों में साथ काम कर चुके हैं। भगत सिंह पर बनी फिल्म में भी दोनों ने साथ काम किया था और फिल्म हीरोज में भी दोनों साथ थे। ये दोनों भाई इन दिनों हैदराबाद में यमला पगला दीवाना की तीसरी कड़ी के पहले शेड्यूल की शूटिंग में व्यस्त हैं। इस फिल्म में सनी और बाबी एक बार फिर अपने पापा धर्मेंद्र के साथ नजर आएंगे।

फिल्म डैडी को मिला सेंसर बोर्ड से ए सर्टिफिकेट

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अगले सप्ताह रिलीज होने जा रही अर्जुन रामपाल की फिल्म डैडी को सेंसर बोर्ड ने ए सर्टिफिकेट के साथ पास कर दिया है। फिल्म में कुछ कट्स भी दिए हैं, जिनको लेकर अर्जुन रामपाल की ओर से कोई समस्या व्यक्त नहीं की गई है।

सेंसर बोर्ड की ओर से अर्जुन रामपाल को ये विकल्प भी दिया गया था कि अगर फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट दिया जाए, तो इसके लिए ज्यादा कट्स लगेंगे। इस पर अर्जुन रामपाल ने कम कट्स के साथ ए सर्टिफिकेट स्वीकार करने का फैसला किया है।

मुंबई की दगड़ी चॉल में रहने वाले अंडरवर्ल्ड डान और बाद में राजनेता बने अरुण गवली की जिंदगी पर बनी इस फिल्म में अर्जुन रामपाल ने गवली का रोल किया है। अपने लोगों के बीच अरुण गवली डैडी नाम से ही जाने जाते हैं। इन दिनों अरुण गवली जेल में बंद हैं, ये कोशिश की गई कि अरुण गवली पेरोल पर जेल से बाहर आएं और अर्जुन के साथ फिल्म का प्रचार करें, लेकिन ये नहीं हो पाया। जेल प्रशासन ने पेरोल की अरुण गवली के निवेदन पर कोई फैसला नहीं किया।

इस फिल्म में अर्जुन रामपाल के अलावा साउथ की फिल्मों मे काम करने वाली अभिनेत्री ऐश्वर्या राजेश भी हैं, जो अरुण गवली की पत्नी आशा गवली का रोल कर रही हैं। वे पहली बार किसी हिंदी फिल्म में काम कर रही हैं। अशीम अहुलवालिया इस फिल्म के निर्देशक हैं, जबकि फिल्म की स्क्रिप्ट खुद अर्जुन रामपाल ने लिखने का दावा किया है।