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जल्द सुलझेगा सीबीएसई देहरादून भूमि आवंटन का मामला

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सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के देहरादून रीजन की जमीन की गुहार पर सरकार जल्द अमल करेगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बोर्ड को जल्द जमीन अलॉट करने का आश्वासन दिया है।

विधानसभा में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल पर सीबीएसई बोर्ड को जल्द जमीन मुहैया कराने की बात कही। उन्होंने बताया कि इसे लेकर बोर्ड को विकल्प के रूप में कुछ इलाकों की जमीन बताई गई है, जिसमें से बोर्ड अपनी जरुरत के मुताबिक जमीन का चुनाव करेगा। इसके बाद सरकार की ओर से जमीन को अलॉट कर दिया जाएगा।

शिक्षा विभाग की जमीन देने में कर रहे संकोच
बीते दिनों सीबीएसई दिल्ली से आई जांच टीम ने सरकार द्वारा पूर्व में उपलब्ध कराई गई जमीन को फेल करार दिया था, जिसके बाद बोर्ड ने नए सिरे से जमीन की मांग शुरू की। बोर्ड ने अपनी पंसद के हिसाब से जमीन का चिन्हिकरण कर सरकार को भी इस बारे में बताया, लेकिन संबंधित जमीन शिक्षा विभाग की होने के कारण सरकार उसे बोर्ड को आवंटित करने में संकोच कर रही है।
मामले में शिक्षा मंत्री का कहना था कि शिक्षा विभाग की जमीन को सरकार शिक्षा से जुड़े नए प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकती है। इसी कारण वह जमीन आवंटित करना संभव नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कई दूसरे विकल्प बोर्ड को दिए गए हैं, जिसमें से चुनाव कर जमीन को बोर्ड को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

बीते कई सालों से बोर्ड लगा रहा गुहार
सीबीएसई सरकार से लगातार जमीन की मांग कर रहा है। खास बात यह कि इसके लिए बोर्ड जमीन के वाजिब दाम तक देने को तैयार है, लेकिन इसके बाद भी सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिस कारण बोर्ड को कामकाज आदि में भी परेशानी हो रही है। काफी प्रयासों के बाद बोर्ड को राज्य सरकार की ओर से जो जमीन आवंटित की गई वह भी बोर्ड के मानकों पर खरी नहीं उतर पाई। जिस कारण अब दोबारा बोर्ड उचित स्थान पर जमीन की मांग कर रहा है।
मामले में बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि सीबीएसई देहरादून रीजन उत्तरप्रदेश के 15 जिलों सहित उत्तराखंड के सभी जिलों के स्कूलों का जिम्मा संभालता है। प्रदेश में क्षेत्रीय कार्यालय होने का सीधा फायदा प्रदेश के स्कूलों और पहाड़ के बच्चों को है। अगर बोर्ड को प्रदेश में जमीन उपलब्ध नहीं की गई तो बोर्ड का कार्यालय उत्तरप्रदेश में स्थानांतरित करने का प्लान भी बोर्ड बना रहा है। ऐसे में राज्य के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होगी, लेकिन अब शिक्षा मंत्री के जल्द कार्रवाई के आश्वासन के बाद बोर्ड को उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।

बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कई मार्ग अवरुद्ध

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उत्तराखंड में बीते 24 घंटे से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गढ़वाल क्षेत्र में बारिश से भारी नुकसान भी हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में मलबा आने से 100 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं, तो देहरादून और हरिद्वार में जलभराव से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नदी-नाले उफान पर हैं। टिहरी झील का जलस्तर भी 817 मीटर पर पहुंच गया है। हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा के करीब है तो यमुना का जलस्तर भी बढ़ गया है। हालात के मद्देनजर प्रशासन ने तटवर्ती इलाकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम के तेवरों को देखते हुए शासन ने भी सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

उधर, बद्रीनाथ के पास लामबगड़ में तीन मीटर हाईवे बह गया है। प्रशासन ने 250 से ज्यादा यात्रियों को गोविंदघाट और पांडुकेश्वर के साथ ही विभिन्न पड़ावों पर रोक दिया है। सोनप्रयाग के पास भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे पर भी आवागमन बाधित है। कुमाऊं के पिथौरागढ़ की ऊंची चोटियों पर हिमपात के समाचार हैं।
बारिश और भूस्खलन के चलते देहरादून के ग्रामीण क्षेत्रों में खासा नुकसान हुआ है। जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर में पुरटाड़ गांव में पहाड़ी दरकने से एक मकान और चार गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। दहशतजदा ग्रामीणों ने जागकर रात गुजारी। एसडीएम चकराता बृजेश कुमार तिवारी ने राजस्व टीम को मौके पर जाने के निर्देश दिए हैं।
दूसरी ओर टिहरी जिले में मसूरी से 20 किलोमीटर दूर भटोली ग्रामसभा में चट्टान दरकने से एक गोशाला धवस्त हो गई। इससे मलबे में दबकर 31 बकरियों की मौत हो गई। हरिद्वार में भी बारिश का असर देखने को मिला। हाईवे पर कटाव से आवाजाही तो बाधित रही ही, कई स्थानों में घंटों बिजली गुल रही।
वहीं, पिथौरागढ़ में पंचाचूली राजरम्भा, नंदाकोट और नंदाघूंघट समेत 06 चोटियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। इसके अलावा नैनीताल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चम्पावत और ऊधमसिंह नगर जिलों के अधिकतर क्षेत्रों में दिनभर बारिश का दौर रहा।

अगले 24 घंटे भारी
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश पर अगले 24 घंटे भारी गुजर सकते हैं। विशेषकर पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में भारी से भारी बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने प्रशासन से सतर्क रहने को कहा है।

डीएवी में एबीवीपी लगातार 11वीं बार, महासचिव पर आर्यन

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डीएवी पीजी कॉलेज में लगातार 11वीं बार एबीवीपी डायनामाइट की गूंज सुनाई दी। हालांकि, इस बार छात्र संघ चुनाव एक तरफा दिखाई नहीं दिया। मतगणना के दौरान मतों के कम अंतर ने प्रत्याशियों की सांसे हर सेकेंड अटकाए रखीं लेकिन मतगणना पूरी होने के बाद परिणामों की घोषणा के साथ ही एबीवीपी खेमे में जश्न का माहौल बन गया। भारी बारिश के बीच समर्थकों ने ढोल की थाप पर जमकर डांस किया।

35 वोट से बना 11 साल लगातार जीत का रिकॉर्ड
कॉलेज के छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी ने 11 बार लगातार जीत हासिल कर अपना रिकॉर्ड कायम रखा। हालांकि, जहां दो साल पिछले रिकॉर्ड वोट से जीत हासिल हुई थी, बीते साल महज 10 वोटों के साथ यह अंतर कम देखा गया। वहीं, इस साल अंतर केवल 35 वोटों का रहा। एबीवीपी के शुभम सिमल्टी ने 1346 वोट हासिल कर प्रतिद्वंदी एनएसयूआई के विकास नेगी को 35 वोट से मात दी। विकास को 1311 वोट प्राप्त हुए थे।

शानदार जीत के साथ महासचिव पर लौटा आर्यन
छात्र संघ महासचिव पद की बात करें तो लगातार आठ साल जीत के बाद बहते साल हार का मुंह देखने वाले आर्यन संगठन ने इस बार शानदार वापसी की। आर्यन संगठन के आकाश गौड़ ने 1263 वोट हासिल कर प्रतिद्वंदी सत्यम शिवम ग्रुप के अरविंद चौहान को रिकॉर्ड 344 वोटों से मात दी। अरविंद को 919 वोट प्राप्त हुए। जीत के बाद संगठन में जोश और जश्न का माहौल रहा।
विकास ग्रुप के नवीन बने विवि प्रतिनिधि
विकास ग्रुप ने बीते साल की तरह इस बार भी जीत का सिलसिला जारी रखा। यूनिवर्सिटी रिप्रेजेंटेटिव (यूआर) यानि विवि प्रतिनिधि पद पर संगठन के नवीन नेगी ने 1007 वोट हासिल कर प्रतिद्वंदी मोनिका को 153 वोटों से पराजित किया। मानिका को 854 वोट ही मिल पाई। वहीं वाइस प्रेसीडेंट यानि उपाध्यक्ष पद पर दिवाकर ग्रुप के हिमांशु नेगी ने शानदार 1745 वोटा प्राप्त कर जीत दर्ज की। उन्होंने प्रतिद्वांदी शिवानी को 507 वोटों से मात दी। ज्वाइंट सेक्रेट्री पद पर आयुषी सेमवाल ने 952 वोट हासिल कर जीत हासिल की। वहीं, ट्रेजरार यानि कोषाध्यक्ष पद पर आर्यन संगठन के अजय कुमार ने 1080 वोट प्राप्त कर विजय पताका लहराया। छात्रा प्रतिनिधि पद पर प्रिंयका ने 1255 मत प्राप्त कर जीत हासिल की। इसके अलावा छात्र प्रतिनिधि विज्ञान में सतीश नौटियाल, कॉमर्स प्रतिनिधि में विपिन पंत और व्यवसायिक कोर्स प्रतिनिधि के रूप में अभिषेक को निर्विरोध चुना गया।
52.44 प्रतिशत थे मतदाता
चुनाव के दौरान सभी पदों के लिए 6879 मतदाताओं में से 52.44 प्रतिशत यानि 3608मतदाताओं ने ही वोट किया था। वोटिंग 7 पदों के लिए की गई। शुक्रवार को डीएवी पीजी कॉलेज में करीब सुबह साढ़े आठ बजे से वोटों की गिनती शुरू हो गई थी। शुरूआती दौर में मतगणना एनएसयूआई का पलड़ा भारी करती चली गई। लेकिन दो राउंड के बाद तस्वीर बदल गई। इसके बाद एबीवीपी ने लगातार लीड बनाते हुए जीत हासिल कर ली। परिणामों की घोषणा होते ही कॉलेज के अंदर और बाहर जश्न का माहौल बन गया। परिणामों के बाद विजयी प्रत्याशियों के लिए शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किया गया। जिसके बाद प्रत्याशियों ने अपनी जीत की खुशी रंग अबीर गुलाल के बीच एक दूसरे को मिठाई खिलाकर मनाई।
इस बार नहीं दिखा नारी शक्ति का जलवा
बीते साल जहां 9 पदों में चार पर छात्राओं ने बाजी मारी थी, वहीं इस साल छात्रा प्रतयाशियों का जलवा फीका रहा। इस बार सात बड़े पदों में महासचिव पद पर डिंपल शैली, उपाध्यक्ष पद पर शिवानी और यूआर पद पर मोनिका चुनाव का रुख अपनी ओर करने में नाकाम रही। तीनों पदों पर प्रतिद्वंदी छात्र प्रत्याशियों ने भारी मतों से जीत हासिल की।
जमकर हुआ नोटा का उपयोग
छात्र संघ चुनाव में भले ही प्रतयाशियों ने अपना तन मन और धन झौंका हुआ था। लेकिन, इसके बाद भी सैंकड़ों ऐसे छात्र थे जिन्होंने प्रतयाशियों को सिरे से नकारते हुए जमकर नन आॅफ दी अबव यानि नोटा का उपयोग किया। आलम यह रहा कि कई पदों पर तो नोटा का आंकड़ा 600 से भी अधिक रहा। यहां अध्यक्ष पद पर 37, उपाध्यक्ष पद पर 126, महासचिव पद पर 28, सह सचिव पद पर 604, कोषाध्यक्ष के लिए 615, यूआर पर 236 और छात्रा प्रतिनिधि पद के लिए सबसे ज्यादा 658 छात्र-छात्राओं ने नोटा का विकल्प चुना।
सीसीटीवी की नजर में रहा चुनाव
कॉलेज में शुक्रवार को हुई मतगणना की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी की निगरानी में संपन्न हुई। कॉलेज में बैडमिंटन हॉली में मतगणना स्थल बनाया गया था। स्थल को पूरी तरह से कैमरों की निगरानी में रखा गया। मुख्य चुनाव अधिकारी डा. डीके त्यागी ने बताया कि सभी कैमरे लगातार मतगणना पर नजर रखे हुए थे।
परिणामों के नजरिए से चुनाव
पद विनर वोट प्रतिद्वंदी वोट
प्रेसीडेंट शुभम सिमल्टी 1346 विकास नेगी 1311
वाइस प्रेसीडेंट हिमांशु नेगी 1745 शिवानी 1238
सेक्रेटरी आकाश गौड़ 1263 अरविंद चौहान 919
ज्वाइंट सेक्रेटरी आयुषी सेमवाल 952 दीपिका रावत 806
टे्रजरार अजय कुमार 1080 नितेश रावत 693
यूआर नवीन नेगी 1007 मोनिका 854
यूजीआर (छात्रा) प्रियंका 1255 काजल 1158
यूजीआर कॉमर्स विपिन पंत – – निर्विरोध
यूजीआर साइंस सतीश नौटियाल – – निर्विरोध
यूजीआर प्रोफेशनल कोर्स अभिषेक – – निर्विरोध
यूजीआर आर्ट्स कोई नामांकन नहीं
पीजी रिप्रेजेंटेटिव कोई नामांकन नहीं

बद्रीनाथ हाईवे लामबगड़ में बंद, 200 से अधिक यात्री फंसे

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बद्रीनाथ हाईवे लामबगड़ के पास पहाड़ी से मलबा आने से बाधित हो गया है। मार्ग बाधित होने से यहां पर दो सौ से अधिक तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं। क्षेत्र में हो रही भारी वर्षा के कारण मार्ग खोलने में बाधा उत्पन्न हो रही है। हालांकि एनएच के कर्मी मार्ग खोलने में जुटे हैं लेकिन पहाड़ी से बार-बार बोल्डर आने से मार्ग खोलने में परेशानी हो रही है।
जनपद चमोली में गुरुवार की रात्रि से हो रही मूसलाधार वर्षा के चलते बद्रीनाथ हाईवे लामबगड़ में सुबह से ही बंद हो गया है। जिसके कारण यहां पर दो सौ से अधिक तीर्थ यात्री फंसे हुए हैं। एनएच द्वारा मार्ग खोलने का कार्य किया जा रहा है लेकिन भारी वर्षा के कारण पहाड़ी से निरंतर गिर रहे मलबे से मार्ग खोलने में परेशानी हो रही है। एनएच के अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही बारिश बंद होगी मार्ग को खोलकर यात्रियों को आवाजाही शुरू कराई जाएगी। 

अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में पति को आजीवन कारावास की सज़ा

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2010 में देहरादून में हुए अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में अनुपमा के पति राजेश गुलाटी को अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाी है।राजेश को गुरूवार को ही अदालत ने अपनी पत्नी की हत्या करने और हत्या से जुड़े सबूतों को छुपाने का दोशी करार दिया था। दोशी करार दिया है। गुरूवार को आये फैसले में अदालत ने अनुपमा के पति राजेश को हत्या औऱ सबूत छिपाने औऱ नष्ट करने का दोशी करार दिया। इस जुर्म के लिये राजेश को सज़ा का ऐलान शुक्रवार को किया गया।

एडीजी पंचम विनोद कुमार की अदालत ने भरी अदालत में इसका ऐलान किया। इसके पहले दोनों पक्षों ने सजा के मामले पर लंबी बहस की। बचाव पक्ष की तरफ से आजीवन कारावास की मांग की गई जबकि सरकारी पक्ष के वकील ने इस मामले को जघन्यतम से भी ज्यादा क्रूर मानते हुए फांसी की सजा की मांग की।दोनों पक्ष के सुनवाई दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। गौरतलब है कि आज से 7 साल पहले पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी हत्या करने के बाद 2 महीने तक शव के साथ रहा उसने शव के टुकड़े किए तथा कुछ पाट पोस्ट डीप फ्रीज में रखा था कुछ-कुछ जंगल में फेंक दिया मृतक महिला के भाई ने जब उसकी तलाश शुरु की तो मामले का खुलासा हुआ था

11 दिसंबर 2010 को देहरादून में उस समय सनसनी फैल गई जब करीब 72 टुकड़ों में कटी हुई एक महिला की लाश बरामद हुई। हत्या की जघ्नता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लाश को काटने के बाद छिपाने के लिये डीप फ्रीजर में रखा गया था। दरअसल पेशे से इंजीनियर राजेश ने बेरहमी से अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या की और घर में ही आरी से शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। इन्हें बड़े फ्रीजर में डाला और धीरे-धीरे कर शव के टुकड़े जंगल में फेंकता गया। राजेश सत्य निकेतन नई दिल्ली में पत्नी अनुपमा और दो बच्चों के साथ रहता था। 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा अचानक लापता हो गई। अनुपमा की गुमशुदगी के बारे में राजेश ने करीब एक महीने तक सभी घरवालों को अंधेरे में रखा। इस दौरान शक के कारण अनुपमा के घर वालों ने पुलिस में शिकायत की जिसके चलते इस अपराध पर से परदा उठा।

क्या है अनुपमा गुलाटी केस?

यह हत्याकांड कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर में 11 दिसंबर 2010 को सामने आया था, जब नई दिल्ली के मूल निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी की पत्नी 17 अक्टूबर 2010 को अचानक लापता हो गई।

आपको बतादें कि डाक्टर राजेश गुलाटी अपनी पत्नी अनुपमा और 4 साल की बेटी के साथ घटना से लगभग 18 महीने पहले देहरादून में शिफ्ट हुए थे।17 अक्टूबर को राजेश की अपनी पत्नी के साथ कहासुनी होने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को धक्का दिया जिससे अनुपमा का सर दिवार में जा लगा।जिसके बाद अनुपमा बेहोश हो गई और राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी के 70 के करीब टुकड़े कर के उसे डिप फ्रिजर में डाल दिया।

अनुपमा के परिवार से उसकी बात ना होने के बाद अनुपमा का भाई राजेश उसे ढूंढता हुआ देहरादून पहुंचा, मगर उसे घर में नहीं घुसने दिया गया। यह सूचना उसने पुलिस को दी। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो एक कमरे में रखे डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी के लाश के टुकड़े मिले।

राजेश ने पत्नी की  हत्या करने के बाद उसे दीप फ्रीजर में रख दिया था और खून जम जाने के बाद बाजार से पत्थर काटने वाली आरी से लाश के टुकड़े किए। लाश को ठिकाने लगाने के लिए राजेश ने तीन बार लाश के कुछ टुकड़े पॉलीथिन में डालकर मसूरी में पहाड़ी से नीचे फेंके। धीरे-धीरे लाश को फेकने के काम को राजेश अंजाम दे रहा था लेकिन इसी बीच उसका भेद खुल गया।

 

श्रमिकों का फूटा गुस्सा तो पुलिस भाजी लाठियां

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पंतनगर सिडकुल में स्थित अशोका लीलैंड कंपनी में  बीती देर शाम एक श्रमिक काम के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उत्तर प्रदेश के जिला बलिया का रहने वाला संजीत कुमार फैक्ट्री में ही दो वाहनों के बीच में आकर बुरी तरह से घायल हुआ। घायल श्रमिक को उपचार न मिलने की खबर फैली और इससे गुस्साए श्रमिक फैक्ट्री परिसर में ही विरोध पर उतर आए।

बताया जा रहा है कि  संजीत कुमार देर शाम की शिफ्ट में काम कर रहा था। फैक्ट्री परिसर में ही दो वाहनों के बीच आ जाने से वह बुरी तरह घायल हो गया। फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से बताया गया कि घायल श्रमिक को उपचार के लिए हल्द्वानी स्थित बॉम्बे अस्पताल भेजा गया है। इ

स बीच श्रमिकों को जानकारी मिली की संजीत कुमार गंभीर रूप से घायल है और इसको कोई उपचार नहीं दिया जा रहा है। यह खबर फैलने पर श्रमिक भड़क उठे। अलग-अलग शिफ्ट में काम करने वाले सभी श्रमिक एकत्र होकर फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढ़ता देख सीओ स्वतंत्र कुमार और सिडकुल चौकी प्रभारी नरेश चौहान भी मय पुलिय फोर्स मौके पर पहुंचे। और श्रमिकों को समझाने का प्रयास किया लेकिन श्रमिकों ने फैक्ट्री प्रबंधन और पुलिस अधिकारियो की एक न सुनी और हंगामा करते रहे जिसपर पुलिस ने श्रमिकों पर लाठीचार्ज किया।

अब तक के कानूनों को दस्तावेज की शक्ल देने वाला पहला राज्य होगा उत्तराखंड

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चमोली जिले मुख्यालय गोपेश्वर पहुंचे उत्तराखंड के संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने बातचीत में कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश और राज्य बनने से लेकर अब तक उत्तराखंड राज्य सरकार ने जो भी कानून बनाये हैं, उनका संकलन कर दस्तावेज का रूप दिया जाएगा ताकि आम आदमी को सुलभ हो सके।
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य होगा जो राज्य के बनाए गए कानूनों को एक साथ संकलित कर दस्तावेज की शक्ल देगा। वे कानून जो अब निरीसित माने गए हैं, जिनकी अब कोई आवश्यकता नहीं है, उन्हें निरीसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के द्वारा समय-समय पर कानून बनाये जाते हैं, मगर उन्हें एक साथ संकलित कर उन्हें दस्तावेज की शक्ल देने का विचार उनके मन में आया है।
कार्यमंत्री ने कहा कि अविभाजित उत्तर प्रदेश में बने वे कानून जिन्हें उत्तराखंड राज्य ने भी स्वीकार किया और अपना राज्य बनने के बाद अपने जो कानून बनाये हैं, उन्हें एक साथ संकलित करने का काम लगभग पूरा हो गया है। जो जल्द ही सुलभ होगा। उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड ऐसा राज्य होगा जो राज्य के कानूनों के संकलन का दस्तावेज तैयार करेगा।

जिलाधिकारी ने अपनी जेब से भरी गरीब छात्र की फीस

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चमोली जिले के महाविद्यालय गोपेश्वर के एक छात्र जिसके पिता नहीं है और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह कॉलेज की फीस भी जमा नहीं कर पा रहा था। जिसके कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा था। जब जिलाधिकारी आशीष जोशी को यह बात पता चली तो उन्हें ढाई हजार रुपये कॉलेज के खाते में जमा करवाए। इससे छात्र अगले सेमेस्टर में प्रवेश पा सका। छात्र को जब यह बात मालुम चली तो खुशी का ठिकाना न रहा।

चमोली जिले के विकास खंड पोखरी के सलना तौणजी का छात्र प्रमोद लाल जो पीजी कॉलेज गोपेश्वर में तृतीय वर्ष पंचम सेमेस्टर का छात्र है। इसके पिताजी मदन लाल की पहले मृत्यु हो गई थी। गरीबी के बावजूद भी प्रमोद लाल पढ़ना चाहता था वह किसी तरह अब तक पढ़ रहा था लेकिन अब जब फीस देने लायक स्थिति न बनी तो वह पढ़ाई बीच में ही छोड़ने के लिए विवश हो रहा था। जबकि वह पढ़ना चाहता था।
जब जिलाधिकारी को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने छात्र प्रमोद लाल की फीस स्वयं वहन करते हुए कॉलेज के खाते में जमा करा दी। प्रमोद लाल की खुशी का ठिकाना न रहा। इसके लिए उसने जिलाधिकारी का आभार प्रकट किया है।

रोबो सॉकर में ग्राफिक एरा की टीम देश में अव्वल

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ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी की टीम ने रोबो सॉकर के मुकाबले में देशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। रोबो वॉर में ग्राफिक एरा की टीम दूसरे स्थान पर रही। विजेता टीमों का देहरादून लौटने पर जोरदार स्वागत किया गया। ट्रिपल आईटी दिल्ली में ईएसवाईए-17 के नाम के इस नेशनल टेक्निकल फेस्ट का आयोजन किया गया था।

ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी की टीम ने रोबोट के फुटवॉल के मुकाबले में सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए सर्वाधिक गोल करके प्रथम पुरस्कार जीत लिया। इस प्रतियोगिता में देश की 38 टीमों ने भाग लिया। रोबो वॉर में टीम दूसरे स्थान पर रही। बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर साईंस, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन और एमसीए के छात्रों ने ये रॉबोट तैयार किए थे। इन टीमों में अभिजीत रॉय, मुकुल लिंगवाल, गौरव सिंह, वरुण त्रिपाठी, गयासुद्दीन, शशि शेखर, प्रशांत डंडरियाल, सचिन सिंह, मानस विश्नोई और सौरभ करिर शामिल थे। शिक्षकों गगन बंसल और मानस उपाध्याय ने इन टीमों का नेतृत्व किया।
वहीं, ग्राफिक एरा ग्रुप के प्रेसीडेंट डॉ. कमल घनशाला ने विजेता टीमों को सम्मानित करते हुए कहा कि जिस तेजी से तकनीकों में बदलाव हो रहा है, उसे देखते हुए वक्त के साथ कदमताल करने के लिए नई तकनीकों से जुड़ना और खुद शोध करके कुछ नया प्रस्तुत करना समय की पुकार बन गया है। ग्राफिक एरा के छात्रों ने पिछले दो वर्षों में जिस तरह नई खोज करके दुनिया को बम डिटेक्टर और सिंगल स्टैप के ग्रे कोड जैसे नए उपहार दिए हैं, कामयाबी के उस सिलसिले को और आगे बढ़ाने के लिए पहले से अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।

आम के हरे पेड़ों पर चली आरियां

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एक तरफ सरकार पेड़ों को लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। वहीं भूमाफिया सरकारों के इस प्रयास को धत्ता बताते हुए हरियाली को समाप्त करके कंकरीट का जंगल खड़ा करने में जुटे हुए हैं। ताजा मामला सुल्तानपुर का है जहां पर कस्बे के पास एक बाग पर रात के अंधेरे में आरियां चला दी गयीं। रात्रि के समय आम के आठ हरे-भरे पेड़ों को बिना परमिशन के ही कटवा दिया। साथ ही कटे हुए पेड़ों की पहचान मिटाने के लिए सुबह के समय बाग में जेसीबी मशीन लगाकर जड़ों को उखड़वा दिया गया। आम के पेड़ काटने की सूचना पर उद्यान अधिकारी ने मौके पर जाकर जांच की तो मामला सही पाया। उद्यान विभाग अधिकारी अब बाग स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

बुधवार रात्रि सुल्तानपुर कस्बे के निकट स्थित एक बाग स्वामी ने अपने बाग में खड़े आम के आठ हरे-भरे पेड़ों को बिना परमिशन के ही कटवा दिया। कटे हुए पेड़ों की पहचान मिटाने के लिए गुरुवार की सुबह जेसीबी मशीन लगाकर आम के कटे पेड़ों की जड़ को भी उखड़वा दिया गया। गांव के पास बाग से कटे पेड़ों को देख किसी ग्रामीण ने मामले की जानकारी उद्यान विभाग अधिकारियों को दी। सूचना पाकर उद्यान विभाग अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की।
वहीं, सुल्तानपुर कस्बे के पास आम के बाग से बिना परमिशन हरे-भरे पेड़ काटे जाने का यह पहला मामला नहीं है। क्षेत्र में आए दिन बिना परमिशन के बाग से आम के हरे भरे पेड़ों को काटा जा रहा है और उद्यान विभाग अधिकारी मोन बने हुए हैं। लक्सर क्षेत्र के उद्यान विभाग निरीक्षक चौधरी महिपाल सिंह का कहना है कि सुल्तानपुर के पास आम के बाग से बिना परमिशन आम के हरे भरे पेड़ों के काटे जाने का मामला सही है। अब बाग स्वामी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने की तैयारी की जा रही है।