जल्द सुलझेगा सीबीएसई देहरादून भूमि आवंटन का मामला

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    सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) के देहरादून रीजन की जमीन की गुहार पर सरकार जल्द अमल करेगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने बोर्ड को जल्द जमीन अलॉट करने का आश्वासन दिया है।

    विधानसभा में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल पर सीबीएसई बोर्ड को जल्द जमीन मुहैया कराने की बात कही। उन्होंने बताया कि इसे लेकर बोर्ड को विकल्प के रूप में कुछ इलाकों की जमीन बताई गई है, जिसमें से बोर्ड अपनी जरुरत के मुताबिक जमीन का चुनाव करेगा। इसके बाद सरकार की ओर से जमीन को अलॉट कर दिया जाएगा।

    शिक्षा विभाग की जमीन देने में कर रहे संकोच
    बीते दिनों सीबीएसई दिल्ली से आई जांच टीम ने सरकार द्वारा पूर्व में उपलब्ध कराई गई जमीन को फेल करार दिया था, जिसके बाद बोर्ड ने नए सिरे से जमीन की मांग शुरू की। बोर्ड ने अपनी पंसद के हिसाब से जमीन का चिन्हिकरण कर सरकार को भी इस बारे में बताया, लेकिन संबंधित जमीन शिक्षा विभाग की होने के कारण सरकार उसे बोर्ड को आवंटित करने में संकोच कर रही है।
    मामले में शिक्षा मंत्री का कहना था कि शिक्षा विभाग की जमीन को सरकार शिक्षा से जुड़े नए प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकती है। इसी कारण वह जमीन आवंटित करना संभव नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कई दूसरे विकल्प बोर्ड को दिए गए हैं, जिसमें से चुनाव कर जमीन को बोर्ड को उपलब्ध करा दिया जाएगा।

    बीते कई सालों से बोर्ड लगा रहा गुहार
    सीबीएसई सरकार से लगातार जमीन की मांग कर रहा है। खास बात यह कि इसके लिए बोर्ड जमीन के वाजिब दाम तक देने को तैयार है, लेकिन इसके बाद भी सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिस कारण बोर्ड को कामकाज आदि में भी परेशानी हो रही है। काफी प्रयासों के बाद बोर्ड को राज्य सरकार की ओर से जो जमीन आवंटित की गई वह भी बोर्ड के मानकों पर खरी नहीं उतर पाई। जिस कारण अब दोबारा बोर्ड उचित स्थान पर जमीन की मांग कर रहा है।
    मामले में बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि सीबीएसई देहरादून रीजन उत्तरप्रदेश के 15 जिलों सहित उत्तराखंड के सभी जिलों के स्कूलों का जिम्मा संभालता है। प्रदेश में क्षेत्रीय कार्यालय होने का सीधा फायदा प्रदेश के स्कूलों और पहाड़ के बच्चों को है। अगर बोर्ड को प्रदेश में जमीन उपलब्ध नहीं की गई तो बोर्ड का कार्यालय उत्तरप्रदेश में स्थानांतरित करने का प्लान भी बोर्ड बना रहा है। ऐसे में राज्य के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होगी, लेकिन अब शिक्षा मंत्री के जल्द कार्रवाई के आश्वासन के बाद बोर्ड को उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है।