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श्रमिकों के समर्थन में बेहड़ ने किया प्रदर्शन

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रुद्रपुर, दस दिन से कंपनी प्रबंधन के खिलाफ कलक्ट्रेट में धरना दे श्रमिकों ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता की अगुवाई में सिडकुल तक जुलूस निकाला। उन्होंने ऑटोलाइन फैक्ट्री गेट को घेरकर प्रदर्शन किया। पूर्व मंत्री श्री बेहड़ ने श्रमिकों के आंदोलन को समर्थन देते हुए कहा कि प्रदेश में मजदूरों का शोषण हो रहा है, लेकिन शासन प्रशासन के अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि फैक्ट्री में अनेक मजदूर विकलांग हो चुके हैं, यह हैरत की बात है। फैक्ट्री प्रबंधन हादसों से सबक नहीं लेता। अपंग श्रमिकों का न तो उपचार कराया जाता है और न ही उन्हें मुआवजा दिया जाता है। उन्होंने सवाल किया कि श्रम विभाग के अफसर क्या कर रहे हैं। कैसे गैरप्रशिक्षित श्रमिकों को मशीनों पर लगा दिया जाता है? है कोई देखने वाला। कंपनी मजदूरों की लाचारी का लाभ उठा रही है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा।

पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने कहा कि मजदूरों को विकलांग बनाने वाली कंपनी ऑटोलाइन के खिलाफ जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जिला प्रशासन एवं श्रम विभाग के अफसरों की अनदेखी के कारण कंपनी में लगातार श्रमिकों का शोषण हो रहा है। कहा कि श्रमिकों का शोषण किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री बेहड़ सिडकुल के सेक्टर 11 में आटो लाइन कंपनी के गेट पर श्रमिक आंदोलन को संबोधित कर रहे थे।

सीरियल रेपिस्ट को सात साल की सजा

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रुद्रपुर, सिरियल रेपिस्ट को रुद्रपुर के पॉक्सो जज विजेंद्र सिंह की अदालत ने सात वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई। दिल्ली में इस रेपीस्ट पर दर्जनों मुकदमें दर्ज है, कोर्ट ने सजा के साथ ही 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।

ट्रांजिट कैंप निवासी एक व्यक्ति ने दर्ज मुकदमे में कहा था कि उसकी 13 वर्षीय पुत्री 10 फरवरी 2016 को ट्यूशन पढ़कर घर वापस आ रही थी। इसी बीच रास्ते में एक युवक उसे मिला और उसे उनके पास ले जाने का झांसा देकर अपने साथ ले गया।

पहचान की महिला मिली जिसने अज्ञात युवक के साथ उसे जाता देख रोक लिया और परिजनों को यूचना दी और आरोपी युवक को पकड़ लिया। साथ ही उसे पुलिस के सुपुर्द कर दिया।जांच में पता चला कि आरोपी सिरियल रेपिस्ट है और दिल्ली में कई दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज है। इस पर पुलिस ने सुनील के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने कडा फैसला सुनाते हुए परिजनों को राहत दी है।

कोटी-डिमाऊ-डांडा मार्ग के विस्तार को लेकर सीएम को भेजा पत्र

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चकराता। क्षेत्र की लाइफलाइन कही जाने वाले कोटी-डिमाऊ-डांडा मार्ग के विस्तार की मांग को लेकर क्षेत्रीय लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। जिसमें मार्ग को अगर मुंशीघाटी देऊ मार्ग से जोड़ा जाए तो तीन खतों के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।

कालसी ब्लॉक के अंतर्गत विशायल खत के 18 गांवों को यातायात से जोड़ने वाली कोटी डिमाऊ डांडा मार्ग विस्तार की मांग को लेकर क्षेत्रीय ग्रामवासी सक्रिय हो गए हैं। शुक्रवार को सीएम को भेजे ज्ञापन में कहा कि अगर मार्ग को मुंशीघाटी डिमाऊ मार्ग से जोड़ा जाए है तो तीन खतों के करीब 50 से ज्यादा गांव को इसका लाभ मिलेगा। अगर दोनों मार्गो का मिलन होता है तो विशायल, बाना व शिलगांव खतों के 50 से ज्यादा गांव दोनों मार्गो से जुड़ जाएंगे और ग्रामीण कई किलोमीटर की अनावश्यक दूरी नापने से बच जाएंगे। क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि मार्ग विस्तार के लिए क्षेत्र समिति कालसी की बैठक को प्रस्ताव भेजने की साथ ही कई बार लोनिवि सहिया अधिकारियों व जिला प्रशासन को ज्ञापन देने के बाद भी कोई सुध नहीं ली गई, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। 

डीएम चमोली ने लगाई चौपाल, सुनीं ग्रामीणों की समस्याएं

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गोपेश्वर। शुक्रवार को जिलाधिकारी चमोली आशीष जोशी ने कर्णप्रयाग ब्लॉक के श्रीकोट गांव में जाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं तथा ग्रामीणों की समस्याओं का शीघ्र निस्तारण के लिए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने गांव में सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मनरेगा के तहत जाॅबकार्ड धारकों तथा गठित स्वयं सहायता समूहों के बारे में भी जानकारी ली।

जिलाधिकारी ने एडीबी आपदा को गौचर-सिरोली मोटर मार्ग पर नालियां, पैराफीट सहित अन्य अधूरे कार्यो को शीघ्र पूरा करने तथा मोटर मार्ग लोनिवि को हस्तांतरण के निर्देश दिए। उन्होंने गौचर-सिरोली मोटर मार्ग निर्माण से श्रीकोट एवं बौला गांव के काश्तकारों की क्षतिग्रस्त भूमि के विकास का कार्य करने हेतु भूमि संरक्षण अधिकारी को निर्देशित किया। श्रीकोट गांव वासियों की पेयजल समस्या पर जिलाधिकारी ने गांव में रिजर्व टैंक निर्माण कर पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश जल संस्थान के अधिकारियों को दिए। वहीं, क्षेत्र में विद्युत की समस्या पर जिलाधिकारी ने श्रीकोट क्षेत्र के लिए पृथक फीडर लगाने के लिए एसडीओ विद्युत को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए ताकि क्षेत्र में नियमित विद्युत आपूर्ति बनी रहे। गांव में पंचायत घर निर्माण की धीमी प्रगति पर अंसतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने खंड विकास अधिकारी को शीघ्र निर्माण कार्य पूरा करने को कहा ताकि लोगों को पंचायत घर का लाभ मिल सके। जिलाधिकारी ने श्रीकोट वन पंचायत के चुनाव आगामी जनवरी माह तक संपन्न कराने के भी निर्देश उप जिलाधिकारी को दिये। इस दौरान जिलाधिकारी ने श्रीकोट पटवारी चैकी का भी निरीक्षण किया तथा पटवारी चैकी में मिली खामियों को दूर करने के लिए लोनिवि गौचर को प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। इस अवसर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, ग्राम प्रधान, उप जिलाधिकारी केएन गोस्वामी सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे। 

एनजीटी ने हरिद्वार,ऋषिकेश में प्लास्टिक किया बैन

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ऋषिकेश। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) के गंगा प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए हरिद्वार, ऋषिकेश, उत्तरकाशी में प्लास्टिक के इस्तेमाल, उसकी खरीद-बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाए जाने का तीर्थ नगरी ऋषिकेश की अधिकांश संस्थाओं ने स्वागत किया। उन्होंने इसे सख्ती से लागू किए जाने की बात भी कही।

गंगा सेवा समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा ने एनजीटी के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यदि इस फैसले के बाद नगर पालिका समेत इससे जुड़ी तमाम संस्थाएं पूरी शक्ति से गंगा स्वच्छता अभियान के लिए लगेंगी तो निश्चित रूप से एक दिन गंगा स्वच्छ व साफ हो जाएगी। अभी तक पूर्व में गंगा से 200 मीटर के दायरे में डाले जाने वाले कूड़े को लेकर नगर पालिका व संबंधित विभाग सक्रिय नहीं हुआ है। इससे नगर का सारा कूड़ा अब भी गंगा में डाला जा रहा है। वहीं, इसके विरोध में सर्वदलीय संघर्ष समिति 25 दिन से धरना दे रही है लेकिन पालिका ने अभी तक समाधान को लेकर कोई भी कार्यवाही नहीं की है। गंगा समग्र यात्रा अभियान की संयोजिका सरोज डिमरी का कहना था कि उन्होंने एक वर्ष से गंगा तटों पर सफाई की मुहिम जारी रखी है लेकिन उसके बावजूद भी लोग गंगा में पॉलिथीन में भरकर पूजा सामग्री फेंक रहे हैं। उन्हें रोका नहीं जा रहा है। इसे रोकने के लिए कानून बनाए जाने की आवश्यकता है।
पॉलिथिन व प्लास्टिक का सामान बेचने वाले रमेश चंद का कहना है कि जब तक पॉलीथिन व प्लास्टिक का सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों को प्रतिबंधित नहीं किया जाता, तब तक इस पर रोक लगाया जाना बेमानी साबित होगा। सब्जी विक्रेता मुसाफिर का क्या नाम है कि उनकी मजबूरी है कि वह सब्जी को कागज की थैली में नहीं दे सकते क्योंकि गीली हो जाने पर सारी सब्जियां सड़क पर बिखर जाती हैं। प्रेस क्लब के अध्यक्ष जितेंद्र चमोली का कहना है कि कोर्ट के इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश कुछ हद तक बिक्री कम करेगा।

जिनके जिम्मे हैं समाज की सुरक्षा आखिर उनके परिवार की सुरक्षा कौन

ऋषिकेश,उत्तराखंड पुलिस आपने कर्मचारियों का कितना ध्यान रखती है इसका जीता जागता उदाहरण है ऋषिकेश कोतवाली में बनी पुलिस कॉलोनी जिसमें आज भी 2-3 परिवार रह रहे हैं लेकिन यह बिल्डिंग खंडहर में तब्दील हो चुकी है जो कभी भी गिर सकती है जिनके जिममें समाज की सुरक्षा का भार है जी हां हम बात कर रहे हैं पुलिस महकमे की जो समाज को तो नसीहत देते हैं लेकिन खुद अपनी जिंदगी को कई खतरे में डाल कर खंडहरनुमा कॉलोनी में जीवन बिता रहे हैं।

यह है ऋषिकेश कोतवाली से लगी पुलिस विभाग के जवानों के लिए बानाई गई पुलिस कॉलोनी जिसमें आज भी दो तीन परिवार रह रहे हैं,एक छोटा भूकंप भी कभी भी इस बिल्डिंग को जमीनोंदोज कर सकता है लेकिन प्रशासन इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, एसएसपी निवेदिता कुकरेती से जब इस बारे में बात की गयी तो उन्होंने बताया की शासन को इस बारे में बता दिया गया है, उन्हें इस बारे में प्रस्ताव भेज दिया गया है और जल्द से जल्द सभी को बेहतर जगह में शिफ्ट कर दिया जायेगा।

आपको बता दे की ऋषिकेश कोतवाली से लगी ये पुलिस कोलिनी किसी खंडर से कम नहीं लगती, जगह जगह टूटी-फूटी तसवीर ये बयाँ करने के लिए काफी है की इस कॉलोनी की क्या स्तिथि हो चुकी है और जवान किस तरह यहाँ रहते होंगे। आपको बता दे की पुलिस कॉलोनी की ये हालत पिछले कई सालों से है साल दर साल इसकी हालत बद से बदतर होती जा रही है लेकिन शाशन मानो अपनी आँख में पट्टी बांधे बैठा हो।

एसएसपी की माने तो अभी पुलिस के जवानों और उनके परिवार के लिए जगह देखि जा किया जा रही है।और साथ ही साथ उनके ऑफिस को शिफ्ट करने के लिए किराये के कमरे भी ढूंढे जा रहे है। कुछ दिन पहले ही उत्तराखंड की जमीन भूकंप से काँपी थी, ऐसे में अगर भविष्य में एक और भूकंप आता है तो ये खंडर बनी पुलिस कॉलोनी को धराशाय होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। इससे पहले की कोई बड़ा हादसा हो शाशन को जल्द से जल्द इसकी तरफ काम करने की जरूरत है.

                             

सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए महिला सशक्तिकरण जरूरीः राज्यपाल

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देहरादून। राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने कहा कि देश व समाज का विकास महिला सशक्तिकरण से ही सम्भव है। सामाजिक व आर्थिक प्रगति के लिए महिला शिक्षा को प्रोत्साहित करना जरूरी है। शुक्रवार को राज्यपाल ने अंग्रेजी दैनिक गढ़वाल पोस्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘‘उत्तराखण्ड की बेटियां’’ में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को आयोजक संस्था की ओर से सम्मानित किया।

राज्यपाल ने सम्मानित की गई महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि वे सभी युवाओं के लिए रोल माॅडल हैं। उनकी सफलता दूसरों के लिए पे्ररणा है। उत्तराखण्ड में महिला सशक्तिकरण की परम्परा है। साक्षरता में राज्य की स्थिति दूसरे राज्यों की तुलना में बेहतर हैै। परंतु पर्वतीय क्षेत्रों में महिला स्वास्थ्य में सुधार पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। राज्य सरकार इस पर गम्भीरता से काम भी कर रही है। टेली मेडिसिन सहित कई पहलें की गई हैं। जन जागरूकता के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में बसंती देवी बिष्ट, वीआर गार्डनर, काॅलिन गैंट्जर, वंदना शिवा, अद्वैता काला, रोशन दलाल, ज्योत्सना बरार, स्वीटी वालिया, राकेश धवन, अंजलि नौरियाल, अनुपमा जोशी, श्रुति पंवार, सिल्की जैन, अनुराधा मल्ला, बीना भट्ट, गगन मान, रजनी डोरिस जोन, रश्मि शर्मा, रेनु डी सिंह, तानिया शैली बक्शी, ज्योत्सना नुपुर कर्णवाल, नम्रता राय, हेमलता बगड़वाल गुप्ता, मीनाक्षी, ईला पंजवानी, रानु बिष्ट, डाॅ. आरती लुथरा, संगीता कालरा, सोहनी जुनेजा, सोनिया आनंद, डाॅ. अल्का आहुजा, नगमा फारूख, किरण भट्ट, समानिका सिंह व हर्षवंति बिष्ट को सम्मानित किया गया।

हरकी पैड़ी में दिखेगा गंगा अवतरण का नजारा

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हरिद्वार। उत्तराखण्ड के संस्कृति मंत्री तीर्थनगरी हरिद्वार को एक और तोहफा देने जा रहे हैं। इस तोहफे के कारण न केवल विश्व के मानचित्र पर हरकी पैड़ी की सुंदरता में चार चांद लगेंगे, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी यह आस्थावान श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केन्द्र होगा। अब हरकी पैड़ी पर गंगा की बहती लहरों के बीच अवतरित होती हुई मां गंगा की आलौकिक गाथा को दर्शाया जाएगा। गंगा अवतरण की सम्पूर्ण यात्रा को विद्युत किरणों के द्वारा प्रदर्शित करने का कार्य करेगा।

गंगा सभा के अध्यक्ष गांधीवादी पुरुषोत्तम शर्मा हरकी पैड़ी की भव्यता में चार चांद लगाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी के चलते उन्होंने अवतरित मां गंगा को प्रदर्शित करने और विद्युत किरणों के द्वारा इस रोमांचक स्वरुप को बनाने का बीड़ा उठाया। इसी संकल्प को साकार करने के लिए उन्होंने यह देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के समक्ष रखा था। पूर्व राष्ट्रपति अपनी धर्मपत्नी की अस्थियां लेकर हरकी पैड़ी आए थे। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इस पर अपनी सहमति भी व्यक्त कर दी थी। उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह प्रस्ताव परवान नहीं चढ़ पाया। अब गांधीवादी ने एक बार फिर प्रदेश के संस्कृति व पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के आश्रम पहुंचकर उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस प्रस्ताव को सहर्ष स्वीकार करते हुए सरकारी स्तर पर शीघ्र ही हरकी पैड़ी पर गंगा अवतरण की लीला का प्रदर्शित करने के लिए कार्य योजना तैयार करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कुंभ से पूर्व तीर्थनगरी को यह सौगात मिल जाएगी। बतादें कि रानी लक्ष्मी बाई की नगरी झांसी में भी इस प्रकार विद्युत प्रकाश के माध्यम से उनकी शौर्य गाथा को दर्शाया जाता है। इस प्रकार की झांकी की शुरुआत सिंगापुर में हुई थी। पुरुषोत्तम शर्मा ने इस प्रोजेक्ट का पूरा करने के लिए पूना से इंजिनियरों के एक दल को बुलाया था, जिन्होंने निरीक्षण भी किया था।

अस्सी गंगा में बने वैकल्पिक मार्ग पर आवाजाही शुरू

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उत्तरकाशी । गंगोरी में गंगोत्री राजमार्ग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अस्सी गंगा के ऊपर से मार्ग बनाकर वाहनों की आवाजाही शुुरू करा दी गई है। यह कार्य गुरुवार देर रात प्रशासन, पुलिस व बीआरओ के अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान डीएम भी स्वयं वैकल्पिक मार्ग को चालू कराने के लिए लगातार नजर बनाये हुए थे।

रात्रि में डीएम डॉ. आशीष चौहान, पुलिस अधीक्षक ददनपाल, एडीएम पीएल शाह, बीआरओ के कमांडेंट केएमके खुल्लर समेत अन्य अधिकारियों ने जब वैकल्पिक मार्ग बन कर तैयार हुआ तो इनके द्वारा वहां फंसे हुए वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई। मार्ग बनने पर पहला ट्रायल डीएम समेत अन्य अधिकारियों ने किया जिसके बाद सभी वाहनों की आवाजाही शुरू हुई। देर रात में मार्ग के खुल जाने से जहां एक ओर प्रशासन ने राहत की सांस ली तो वहीं इस क्षेत्र के करीब 65 से अधिक गांवों की भी तकलीफ दूर हुई। साथ ही सीमा की अग्रिम चौकियों के लिए लगा ब्रेक भी खत्म हुआ। गौरतलब है कि गुरुवार को तड़के गंगोरी में बना वैली ब्रिज ओवरलोड के कारण गिर गया था, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र समेत 65 से अधिक गांवों का संपर्क कट गया था। 

एनएच74 की जांच से बच रहे एनएचएआई के अधिकारी

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रुद्रपुर, एनएच 74 मुआवजा घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के नोटिसों को एनएचएआई के अफसर कोई गौर नहीं कर रहे हैं। एनएचएआई के अफसर एसआईटी के सवालों का जवाब देने से बचने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि शुरूवाती जांच के दौरान एसआईटी ने एनएचएआई के अफसरों से पूछताछ की थी तो एनएचएआई के अफसरों ने खुद को पाक साफ बताते हुए तमाम दस्तावेज उपलब्ध करा दिए थे, मगर जैसे जैसे जांच आगे बढ़ी तो एसआईटी के पास एनएचएआई के अफसरों से सवाल पूछने की फेहरिस्त लंबी होती चली गई। अब एनएचएआई के अफसर एसआईटी के बुलाने पर भी नहीं आ रहे हैं।

एसआईटी ने जांच शुरू की तो एनएचएआई के अफसरों ने अपने बयान दर्ज कराए तथा तमाम साक्ष्य प्रस्तुत किए। हालांकि उस समय जांच की प्रारंभिक स्थिति थी, इसलिए एसआईटी के पास एनएचएआई के अफसरों से सवालों का अभाव था। जांच ने रफ्तार पकड़ी तो एसआईटी के पास सवालों की लंबी सूची बन गई, जिसका जवाब एनएचएआई के अफसरों को देना है।

एसआईटी ने नोटिस जारी करके बीते सोमवार को एनएचएआई नजीबाबाद के परियोजना निदेशक को तलब किया था, लेकिन परियोजना निदेशक एसआईटी के सामने हाजिर नहीं हुए। एसआईटी की टीम एनएचएआई के अफसरों की प्रतीक्षा करती रही, लेकिन एनएचएआई के अफसर गच्चा दे गए। एसआईटी अभी तो इंतजार कर रही है, लेकिन अफसरों का रवैया असहयोगात्मक रहा तो एसआईटी सख्त हो सकती है।