अब ऐप के जरिए मुख्यमंत्री से सीधे जुड़ेगी जनता

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देहरादून। उत्तराखण्ड की जनता अब अपने स्मार्टफोन के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से सीधे जुड़ सकती है। मुख्यमंत्री गुड गवर्नेंस और जनता के साथ बेहतर संवाद के लिए लगातार प्रयासरत हैं। सोशल मीडिया और तकनीक के जरिये मुख्यमंत्री जनसंवाद में सक्रिय हैं।

इसी कड़ी में शुक्रवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री ने त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐप लॉन्च किया। इस मोबाइल ऐप को एण्ड्रायड मोबाइल फोन में गूगल प्ले स्टोर और आई फोन में एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के कंटेंट इंग्लिश और हिन्दी दोनों ही भाषाओं में पढ़े जा सकते हैं। ऐप जनता से सीधा संवाद स्थापित करने, जन शिकायतों को सुनने और उनके त्वरित निस्तारण में मददगार साबित होगा। ऐप पर आने वाली जनशिकायतों का संज्ञान लेकर उनका त्वरित निस्तारण किया जाएगा। ऐप के माध्यम से देश के किसी भी कोने से सीधे मुख्यमंत्री से जुड़ा जा सकेगा। शिकायतें और सुझाव सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजी जा सकेंगी। ऐप के जरिये समाधान पोर्टल पर भी शिकायतें और सुझाव दर्ज किए जा सकते हैं। ऐप के जरिये उत्तराखण्ड सरकार से संबंधित सभी खबरों को एक क्लिक से पढ़ या वीडियो देख सकते हैं। सरकार की योजनाओं की जानकारी, उनकी प्रगति और नए प्रयासों के बारे में ऐप से जानकारी मिल सकेगी। ऐप पर मुख्यमंत्री द्वारा किए गए ट्वीट देखे जा सकते हैं। इस ऐप पर सभी जिलों के जिलाधिकारियों व एसएफोन नंबर मौजूद हैं। जरुरत पड़ने पर जनता सीधे संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकती है। युवा वर्ग सीधे तौर पर ऐप के जरिये मुख्यमंत्री से जुड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री के दैनिक भ्रमण और कार्यक्रमों की जानकारी भी ऐप पर उपलब्ध होगी। ऐप से अपने आसपास और क्षेत्र की किसी भी घटना या कार्यक्रम की सूचना सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा है कि ऐप सरकार व जनता के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने में सार्थक सिद्ध होगा।
जांच कमेटी गठित करने के आदेश
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सचिवालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि सिडकुल में अनियमिताओं की व्यापक जांच के लिए मुख्य सचिव को जांच कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है और किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का समूल नाश किया जाएगा। जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों और व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।