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राजकाज चलाने की ताकत हासिल करें महिलाएं : कमला पंत

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देहरादून, नगर पालिका सभागार में उत्तराखंड महिला मंच ने महिला संसद बिठाकर उत्तराखंड की जन मुद्दों पर चर्चा करते हुए उन पर पांच प्रस्ताव पारित किया। साथ ही अपने 24वें स्थापना सम्मेलन को पूरी जज्बे और उत्साह के साथ मनाया। सम्मेलन की शुरुआत शहीद रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां को याद करते हुए दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस मौके पर महिला मंच की संस्थापक सदस्य कमला पंत ने महिला मंच के पिछले 23 वर्षों में महिलाओं के व उत्तराखंडी समाज के जन मुद्दों पर मंच द्वारा समय-समय पर उठाए गए जन संघर्षों का इतिहास बातया।

उन्होंने स्थापना दिवस पर महिलाओं से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि जब तक राजसत्ता की ताकत को कमजोर कर के लोक सत्ता की ताकत को मजबूत नहीं किया जाएगा, तब तक महिला हित एवं आमजन के हितों का संरक्षण कोई भी सत्ता या व्यवस्था द्वारा नहीं किया जा सकता। इसीलिए जहां हम अब महिला हितों के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे वहीं गांव व मोहल्ला सभा को अपने स्थानीय राजकाज को संचालन का पूर्ण अधिकार देने की लड़ाई को भी तेज करेंगे।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने हाथों स्वयं अपना राजकाज चलाने की ताकत हासिल करनी होगी। तभी वर्तमान भ्रष्ट व्यवस्था को हटाकर महिलाओं व आम लोगों को सामाजिक आर्थिक व राजनैतिक ताकत मिल सकती है व उनके जीवन में खुशहाली आ सकती है। महिला संसद की कार्यवाही में कुल 30 महिला संसद ने हिस्सा लिया। संसद के सभापति के रूप में कमला पंत ने सदन की कार्यवाही शुरु की। सदन में कुल 6 प्रस्तावों पर चर्चा की गई। सभागार में उपस्थित जन समुदाय से भी सुझाव और विचार मांगे गए, जिस पर लोगों ने अपनी बातें रखीं। सभी की सहमति के बाद पांच प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया।

संसद में बैठने वाली महिलाओं में भुवनेश्वरी कथैत, निर्मला बिष्ट, गीता गैरोला, शकुंतला गोसाई, आशा जुगरान, अनीता नौटियाल, किरण पुरोहित समेत कुल 30 महिलाएं बैठी थीं। संसद में महिला हिंसा एवं मुजफ्फरनगर कांड, महिला और राजनीति, महिला और शिक्षा, महिला और स्वास्थ्य, जल जंगल और जमीन के साथा अस्थाई राजधानी गैरसैंण पर चर्चा की गई। सभा के अंत में महिला मंच ने यह शपथ भी ली कि युवा आंदोलनकारियों द्वारा गैरसैंण के मुद्दे पर किये जाने वाले आंदोलन को मंच पूर्ण समर्थन देगा। सम्मेलन में लगभग सात सौ महिलाओं में हिस्सा लिया।

सीएम का कहीं हैप्पी बर्थडे तो कहीं मुर्दाबाद

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रुद्रपुर, कहीं हेप्पी बर्थ डे तो कहीं मुर्दाबाद हो रही थी सीएम साहब कि, कांग्रेस ने सीएम के जन्म दिन पर भी उनके मुर्दाबाद के नारे लगाना नहीं छोडा और उनका पुतला तक दहन कर दिया, कांग्रेसियों  ने  भाजपा सरकार द्वारा हिंदू संस्कृति के प्रमुख त्यौहारों करवा चौथ, गोवर्धन, भैया दूज, होलिका दहन व रक्षाबंधन आदि के घोषित अवकाशों को रद्द किए जाने के खिलाफ युवा कांग्रेसियों ने डीडी चौक पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत का पुतला दहन कर रोष व्यक्त किया। इससे पूर्व युवाओं ने मुख्यमंत्री मुर्दाबाद, भाजपा सरकार मुर्दाबाद के जोरदार नारे लगाए।

युवा कांग्रेस नेता सुशील गाबा ने कहा कि भाजपा ने अभी तक हिंदू धर्म का सबसे बड़ा नुक्सान किया है। भाजपा हिंदूहित की बात केवल कागजों में करती है, धरातल पर वह केवल हिंदुओं को मूर्ख बनाने व उनकी पीठ पर छुरा घोंपने का कार्य कर रही है। पहले राम मंदिर, फिर धारा 370 के बाद अब उत्तराखंड में हिंदू समाज के साथ धोखा करते हुए हिंदू संस्कृति के प्रमुख त्यौहारों करवा चौथ, गोवर्धन, भैया दूज, होलिका दहन व रक्षाबंधन आदि के घोषित अवकाशों को रद्द कर दिया गया है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

75 बाल भिक्षुओं का सुधरेगा जीवन

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काशीपुर। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल की टीम ने जनपद उधमसिंहनगर के विभिन्न शहरों में अभियान चलाकर 75 बाल भिक्षुकों को तलाश कर घरवालों की काउंसलिंग के बाद बाल भिक्षुकों को संस्था के सुपुर्द किया गया है। संस्था इनकी परवरिश करने के साथ ही सरकारी महकमों की मदद से इनके पुनर्वास, शिक्षा व उपचार आदि की व्यवस्था करेगी।

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पुलिस मुख्यालय ने राज्य भर में बाल भिक्षुकों को ढूंढकर उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। इसे लेकर कुछ दिन पूर्व पुलिस अफसरों की शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण विभाग व बच्चों को पुर्नस्थापित करने में जुटी स्वयंसेवियों की संस्थाओं के साथ बैठक हुई। जिसके चलते जनपद उधमसिंहनगर में टीम गठित कर भिक्षा मांगने वाले बच्चों को ढूंढकर अन्य सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं से संपर्क कर शिक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। सेल की टीम ने चेकिंग कर अब तक 75 बाल भिुक्षकों को ढूंढा है। इनके परिजनों की काउंसलिंग करने के साथ ही बाल कल्याण समिति के सम्मुख प्रस्तुत किया गया। सभी बच्चों को उचित देख-रेख के लिए स्वयंसेवी संस्था बाल आश्रम गृह(धरोहर) को सौंपा गया है।

एसआईटी के रडार पर बाजपुर के किसान

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रुद्रपुर- मुआवजा घोटाले में हर दिन नये मोड़ आ रहे हैं जिसको लेकर एसआईटी भी असमंजस में है, इक आखिर पुछताछ किस सीरे से करें, वहीं एनएच मुआवजा घोटाले में एक के बाद एक पर एसआइटी शिकंजा कसती जा रही है। अब एक ही दिन में मुआवजा पाने वाले बाजपुर के 22 काश्तकार भी एसआइटी के राडार पर हैं। इसके अलावा बाजपुर के ही पांच किसानों को नोटिस भेजे गए। जबकि चार काश्तकारों से पूछताछ की है।

अब तक की कार्यवाही से भले ही कई बडे नामों के सामने आने से एनएच मुआवजा घोटाले की परतें खुली हों लेकिन बाजपुर तहसील और भी कई राज खोलेगी, जिसमें और कई बडे नामो के सामने आने की उम्मीद है, एसआइटी कई तहसीलों के किसानों और अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन बाजपुर तहसील में सबसे अधिक देर लगने वाली है। क्योंकि बाजपुर में सबसे ज्यादा लोग निशाने पर हैं। खास बात यह है कि एसआइटी ने बाजपुर के एक ही दिन में मुआवजा पाने वाले 22 काश्तकारों पर निगाहें तिरछी कर दी हैं। एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने बताया कि यह काश्तकार पर एसआइटी की राडार पर हैं। इनसे कभी भी पूछताछ और अभिलेखों की जांच हो सकती है। वहीं मुआवजा कितना किसको मिला है और कितना दर्ज है। इन सभी बिंदुओं पर गहनता से पूछताछ कर सकती है। अब एसआइटी ने बाजपुर की फाइल को रफ्तार से खोलना शुरू कर दिया हैं। इसी दिशा में एसआइटी ने पांच काश्तकारों को नोटिस भी भेजे हैं।

सेवा दिवस एवं स्वच्छता अभियान के रूप में मनाया सीएम का जन्मदिन

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देहरादून, सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के 58वें जन्मदिवस पर मसूरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं ने मसूरी विधायक गणेश जोशी के नेतृत्व में केक काट कर उनका जन्मदिन मनाया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री एवं विधायक जोशी ने दुकानदारों को स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिये जाने के लिए ओएनजीसी के माध्यम से डस्टबिन वितरित किये।

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मसूरी विधायक गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उनके 58वें जन्मदिवस की शुभकामनाऐं देते हुए कहा कि, “भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलोरेन्स के साथ मुख्यमंत्री रावत के नेतृत्व वाली सरकार पर आज सम्पूर्ण प्रदेश की जनता को विश्वास है और सरकार की नीतियों से प्रदेश की आम जनता अवश्य ही खुश है।”

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने सम्बोधन में उपस्थित जनता का आभार प्रकट करते हुए कहा कि, “मेरे जन्मदिवस को सेवा दिवस एवं स्वच्छता अभियान के रूप में मनाये जाने पर सभी का धन्यवाद करता हूं। विधायक गणेश जोशी द्वारा मेरे जन्मदिवस को स्वच्छता अभियान से जोड़ते हुए डस्टबिन वितरण कार्यक्रम के लिए उनका भी आभार प्रकट करता हूं और इससे लाभान्वित पात्रों से अपील करता हूं कि स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें।”

इस अवसर पर भाजपा महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, मंडल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, महामंत्री सुरेन्द्र राणा, पार्षद भूपेन्द्र कठैत, सिकन्दर सिंह, अनुज रोहिला, मंजीत रावत, युवा मोर्चा अध्यक्ष समीर डोभाल, महामंत्री सुरेन्द्र राणा, पूर्व महानगर अध्यक्ष उमेश अग्रवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष आरएस परिहार सहित कई लोग उपस्थित रहे।

सनकी आशिक को कोर्ट ने सुनया दस साल का कारावास

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बागेश्वर- नाबालिक को दिल दे बैठे सनकी आशिक को दस साल की सजा सुनाई गयी है, शनकी आशिक पहले तो नाबालिक को घर से लेकर फरार हो गया और कुछ दिन बाद जब घर लौटा तो सब कुछ खुलकर सामने आ गया, जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाही करना शुरु कर दिया।

बताया जा रहा है कि अभियुक्त भगवत जनौटी निवासी ग्राम जनौटी पालड़ी, थाना झिरौली ने क्षेत्र की ही एक नाबालिग लड़की को अपने साथ भगाकर ले गया और दुराचार किया, मामले में पीड़िता के पिता ने थाना झिरौली में 20 दिसंबर को तहरीर दी। जिसके बाद मामले की विवेचना पुलिस उपाधीक्षक वीर सिंह ने की। पुलिस के अनुसार आरोपी ने नाबालिग को कई दिनों तक अपने पास रखा। इसके बाद वह वापस लौटा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ करना शुरू किया। नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के दोषी को विशेष सत्र न्यायाधीश एचएस बोनाल की अदालत ने 10 साल के कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी का कहना था कि वह प्यार करता है। लड़की के नाबालिग होने के कारण उसके खिलाफ पॉक्सो अधिनियम तथा एससी, एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया।

गुलदार देखने के बाद द्रोण वाटिका कॉलोनी में दहशत

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देहरादून, सहस्त्रधारा रोड स्थित केवल विहार में गुलदार देखे जाने के बाद आस-पास की काॅलोनियों में ऐहतियात बरती जा रही है। इसी क्रम में द्रोण वाटिका काॅलोनी में रह रहे लोगों ने मिलकर आसपास की झाड़ियों की सफाई की। कालोनी में मंगलवार को गुलादार देखा गया था।

बुधवार को मसूरी वन विभाग क्षेत्र से सटे सहस्त्रधारा रोड स्थित द्रोण वाटिका में सुबह करीब 8ः30 बजे द्रोण वाटिका वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले साफ-सफाई का अभियान चलाया गया। काॅलोनीवासियों ने जे.सी.बी की सहायता से पूरी काॅलोनी में साफ-सफाई की। काॅलोनी के सचिव आर.डी. यादव ने कहा कि, “गुलदार देखे जाने की खबर से काॅलोनी में दहशत का माहौल है। इसलिए जहां भी झाड़-झंखार दिखता है, वहां साफ-सफाई की जा रही है। साथ ही काॅलोनी के सभी स्थानों पर रात में लाइट की व्यवस्था की जा रही है।”

साफ-सफाई अभियान में द्रोण वाटिका वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष चन्दन कुमार झा, सचिव आर.डी. यादव, कोषाध्यक्ष अमित कुमार के साथ ही जबर सिंह राणा, भूपाल सिंह चौधरी, कुलदीप सहदेव, अशोक आनंद, संजीव बिष्ट, बलराम दीक्षित, विकास, सी.एस. बाली, डाॅ. डी.सी. जोशी, रमेन्द्र काला सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। 

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छपरा के प्रभाकर को अमेरिका में मिला फर्स्ट इंडियन एक्टर का अवार्ड

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छपरा,  सारण जिले के अमनौर निवासी हॉलीवुड एक्टर प्रभाकर शरण को प्रथम भारतीय एक्टर का आवार्ड दिया गया है। प्रभाकर ऐसे पहले भारतीय एक्टर हैं जिन्होने लैटिन अमेरिका में ‘इनरेदादोस: ला कन्फ्यूजन’ फिल्म में मुख्य अभिनेता के रूप में काम किया है। उन्हें यह एवार्ड मिसेज इंडिया 2017 प्रतियोगिता के दौरान दिया गया जहां वे जज के रूप में शामिल हुए थे।

प्रभाकर ने कहा ‘छपरा से कोस्टारिका का सफर मेरे लिए काफी मुश्किल रहा। मुझे याद है कि 10वीं तक की पढ़ाई छपरा से करने के बाद पटना में अपने माता-पिता के साथ आ गया | वहां से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सोनीपत में एडमिशन कराया। सोनीपत में मैंने रेसलिंग सीखी और वहां अखाड़ों में जाता था, कुश्ती लड़ता था। फिर मैं अपने दोस्त राकेश से मिला जिसने मुझे विदेश में पढ़ाई का सुझाव दिया। कोस्टारिका में जाकर मुझे काफी दिक्कत हुई। खाने से लेकर काम करने तक, हर चीज में दिक्कतें आईं। कई बार वापस लौटने का भी सोचा, लेकिन घरवालों के सपनों को तोड़ना नहीं चाहता था। मैंने कमाई के लिए भारत की मिट्ठी का सहारा लिया और वहां से 100 रुपये में मिट्टी मंगाकर यहां 1000 रुपये में बेचने लगा। धीरे-धीरे कारोबार बढ़ा और अपने कई स्टोर खोले। बिजनेस तो जम गया, लेकिन मेरा सपना था बॉलीवुड में चमकने का, तो धीरे-धीरे बॉलीवुड की फिल्में खरीदनी शुरू की। मैंने पहली बॉलीवुड की फिल्म यहां रिलीज कराई, हालांकि इससे कोई फायदा नहीं होता था बल्कि नुकसान ज्यादा होता था।’

प्रभाकर ने बताया कि मेरे पिता प्रभुनाथ शरण और मां शुभद्रा प्रसाद रिटायर्ड बैंकर हैं। फिलहाल, वे मोतिहारी में रहते हैं। प्रभाकर ने बताया कि कोस्टारिका में सफलता नहीं मिलने के बाद आर्थिक समस्या होने लगी जिसके बाद वे भारत लौटने पर मजबूर हो गए। 2010 से चार साल तक पंचकूला में रहे। इस दौरान उनकी पत्नी उनसे अलग हो गईं और अपनी बेटी को लेकर वापस कोस्टारिका चली गईं। प्रभाकर ने बहुत तनाव का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वे दोबारा कोस्टारिका लौट गए।
प्रभाकर ने बताया कि लैटिन अमेरिका में हॉलीवुड फिल्म ‘इनरेदादोस : ला कन्फ्यूजन’ उनकी पहली फिल्म है। यह फिल्म इसी साल नौ फरवरी को रिलीज हुई थी जिसमें वे लीड रोल में रहे। ये फिल्म अमेरिका समेत 14 देशों में रिलीज हुई थी। फिल्म के डायरेक्टर आशीष मोहन हैं जिन्होंने 2012 में आई अक्षय कुमार की फिल्म ‘खिलाड़ी 786’ का डायरेक्शन किया था। फिल्म का निर्माण कोस्टारिका की टेरेसा रॉड्रिग्स ने किया था।

प्रभाकर ने बताया कि ‘इनरेदादोस: ला कन्फ्यूजन’ की सफलता के बाद उन्होंने फिल्म को ‘एक चोर दो मस्तीखोर’ नाम से हिंदी और भोजपुरी में डब कराया है जो बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत पूरे देश में प्रदर्शित होने वाली है। उन्होंने बताया कि यह फिल्म आम बॉलीवुड मसाला फिल्मों से काफी अलग है। यह बॉलीवुड अंदाज में बनाई जा रही अपनी किस्‍म की कोस्‍टारिका की पहली फिल्‍म है। फिल्म के निर्माण में पनामा, कोलंबिया और अर्जेटीना के लोगों का भी योगदान है। अब उनकी योजना मेक्सिकन अभिनेत्री बारबरा मोरी के साथ भी फिल्म करने की है।

कड़ाके की ठंड से बाजार गर्म

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(ऋषिकेश) तीर्थ नगरी मे पड़ रही कड़ाके की सर्दी के बीच मफलर और कैप की मांग बढ़ गई है। दुकानदारों ने भी ग्राहकों की मांग को ध्यान में रखते हुए स्टाइलिश कैप और मफलर से दुकानों को सजाना शुरू कर दिया है। डिमांड में एवरग्रीन मंकी कैप का क्रेज लोगों में दिख रहा है।
सर्दी हो या गर्मी युवाओं में हमेशा सबसे अलग दिखने की ललक रहती है। सर्दी के मौसम की पहली बारिश के बाद ठंड में इजाफा हुआ तो इससे बचने के लिए स्टाइलिश कैप और मफलर की बिक्री बढ़ गई है। बाजार में उपलब्ध कैपों में बिन्नी कैपनाइन, वन कैप, वूलन मफलर जैसे कपड़ों के नए ट्रेंड्स नजर आ रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी बाजारों में सर्दी के कपड़ों में फैशन के नए ट्रेंड्स आ हुए हैं। हर कोई अपने लुक को बेहतर बनाने के लिए अलग कॉम्बिनेशन बना रहा है। महिलाओं और युवतियों द्वारा वूलन स्टॉल, वूलन स्कॉफ, बैगी कैप, फ्लावर कैप को भी पसंद किया जा रहा है। दुकानदार भी ग्राहकों की भीड़ को देखकर काफी खुश नजर आ रहे हैं। दिसम्बर माह की शुरुआत में दुकानदार सर्दी न बढ़ने से परेशान थे, लेकिन अब सर्दी बढ़ने के साथ ही मांग बढ़ने से उनके चेहरे खिल गए हैं। दुकानदारों के अनुसार मफलर, कैप और स्कार्फ की मांग ज्यादा है।

आबकारी विभाग सुस्त,ठेकों पर धड़ल्ले से हो रही ओवर रेटिंग

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ऋषिकेश। खनन और शराब माफियाओं पर नकेल कसने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही उत्तराखंड सरकार को अब शराब के ठेका संचालकों ने भी ठेंगा दिखाना शुरू कर दिया है।

उत्तराखंड सरकार के तमाम दावों के बाद भी शराब के ठेको पर शराब निर्धारित दर से अधिक कीमत पर बेची जा रही है। यह खेल सरकार की आंखों के नीचे राजधानी देहरादून के ठेकों में ही खुलकर नही चल रहा। बल्कि उत्तराखंड के तमाम जनपदों के शराब के ठेकों में पियक्कड़ों से निर्धारित मूल्य से अधिक शराब की बोतल पर वसूल कर बहती गंगा मे हाथ धोने की कहावत को चरितार्थ किया जा रहा है। इस मामले विभिन्न स्थानों पर निर्धारित दाम से ज्यादा में शराब बेचने की शिकायत पर छापेमारी की कारवाई के अनेकों मामले लगातार प्रकाश मे आने के बावजूद इस पर नकैल न कसा जाना सूबे के आबकारी विभाग की कार्य प्रणाली पर भी गहरा प्रश्न चिन्ह लगाये हुए है। कुछ अर्से पूर्व रायवाला के ठेके पर भी लगातार शराब की ओवर रेटिंग की जानकारी संज्ञान मे आती रही हैं जिसके बाद कई बार बवाल भी हुआ था। हालांकि, यह दीगर बात है कि अभी हाल ही में ऋषिकेश के उप जिलाधिकारी द्वारा इस दिशा में किए गए औचक निरीक्षण में उन्हें ओवर रेटिंग का कोई साक्ष्य नहीं मिला, लेकिन इन सबके बावजूद ठेके की कार्य प्रणाली पर उप जिलाधिकारी संतुष्ट नही बताए गए हैं। दिलचस्प यह भी है कि शराब के ठेकों पर अधिक रेट वसूले जाने की शिकायतों के बाद विभिन्न जनपदों मे पूर्व मे चले अभियान के दौरान ठेके पर नियमानुसार लगाने वाली रेट लिस्ट भी नहीं पाई गई थी। ऐसे में आबकारी विभाग की कार्य प्रणाली पर उठ रहे सवालिया निशानों पर त्रिवेन्द्र सरकार की चुप्पी कई सवालों को जन्म दे रही है।