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एसआईटी ने कब्जे में ली तीन गावो की पत्रावली 

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रुद्रपुर, एनएच 74 घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने सितारगंज एनएच 125 में पडऩे वाले आधा दर्जन गांवों के संशोधित अभिनिर्णय की पत्रावलियां कब्जे में ली हैं। एसआईटी को आशंका है कि इन गांवों में संशोधित अभिनिर्णय पारित करके एसएलएओ ने किसानों को अनुचित लाभ पहुंचाया है। इसके अलावा एसआईटी ने कई अन्य गांवों की पत्रावलियां मांगी हैं।

सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की टीम ने विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी के दफ्तर से सितारगंज के ग्राम पंडरी, खैरना, बिडौरा, पचपेड़ा व कल्याणपुर के जमीन अधिग्रहण के बाद अभिनिर्णय, अनुपूरक अभिनिर्णय व संशोधित अभिनिर्णय की पत्रावलियां कब्जे में ली हैं। यहां बता दें कि एनएच 74 में एनएच 125 के कुछ गांव आ रहे हैं।

एसआईटी को आशंका है कि इन गांवों में एसएलएओ ने संशोधित अभिनिर्णय पारित करके किसानों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए मुआवजा राशि बढ़ाई है। यहां बता दें कि एसएलएओ दफ्तर में एनएच घोटाले से संबंधित सारी सत्यापित  पत्रावलियां मौजूद हैं, जबकि मूल पत्रावलियां डबल लॉक में रखी हुई हैं। इन सत्यापित पत्रावलियों को एसआईटी ने अपनी विवेचना में शामिल किया है।

बताया जा रहा है कि एसआईटी ने कई अन्य गांवों की पत्रावलियां भी एसएलएओ दफ्तर से मांगी हैं। गौरतलब है कि थाना पंतनगर में पंजीकृत मुकदमा नंबर 32/17 धारा 167, 218, 219, 409, 465, 467, 468, 471, 474, 120 बी, 34 भादवि एवं 13(1) घ, 8/9 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की एसआईटी जांच कर रही है। तकरीबन तीन सौ करोड़ रुपये के इस घोटाले में एसआईटी अब तक तीन पीसीएस अफसरों समेत एक दर्जन से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है। सितारगंज में भी मुआवजा वितरण में बड़ा खेल सामने आने की संभावना है।

भारतीय अंडर-16 फुटबॉल टीम दुबई दौरे पर रवाना

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नई दिल्ली,  भारत की अंडर-16 फुटबॉल टीम प्रमुख कोच बिबियोनो फर्नांडीस के नेतृत्व में शुक्रवार को दुबई दौरे के लिए रवाना हो गई है।

रवानगी से पहले फर्नांडीस ने कहा, “अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआईएफएफ) ने टीम के लिए दुबई से शुरू होने वाले दौरे की बेहतरीन योजना बनाई है। मुझे लगता है कि यह एएफसी अंडर -16 चैम्पियनशिप की तैयारी के लिए एक बेहतरीन तरीका है।”

दुबई दौरा एआईएफएफ द्वारा अंडर-16 टीम की तैयारियों के लिए बनाई जाने वाली श्रृंखला की शुरुआत है। टीम दुबई के बाद कतर जाएगी इसके बाद अगस्त तक दूसरे देशों के यात्रा की भी योजना है।

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान अभिषेक यादव (वर्तमान में एआईएफएफ के स्काउटिंग नेटवर्क के निदेशक) ने कहा कि, “असली परीक्षा अब शुरू हो गई है। अब जब हमने एएफसी अंडर-16 चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है तो अब हमारी असली परीक्षा शुरू होती है। एआईएफएफ ने खेल प्राधिकरण की मदद से टीम की बेहतरीन तैयारी के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है।” 

दुबई दौरे पर जाने वाली अंडर-16 सदस्यीय भारतीय टीम इस प्रकार है-
गोलकीपर: लालबीख्लुआ जोंगटे, नीरज कुमार, मानिक बालियान।
डिफेंडर: संदीप मंदीप, शाबास अहमद, गुरकीरत सिंह, हरप्रीत सिंह, समीर करकेटा, मोइरंग्थेम थाइबा सिंह, लालरोकीमा।
मिडफिल्डर्स: लालचन्हामा सैलो, एरिक रिमरुअतपुआ चेंगटे, गिवसन सिंह मोइरंगत्थेम, एनाम ग्राफेंबर्ग जिरवा, रिकी जॉन शबाँग, रवि बहादुर राणा।
फॉरवर्डः बेकी ओराम, विक्रम प्रताप सिंह, हरप्रीत, आदर्श राय दास, रिज मेलविन डेमलेलो, रोहित दानू, शानन एलेक्सिन्हो विएगास, सुबुंगा बासुमतारी।

खास मौके पर पुलिसवालों को मिलेगा ये खास तोहफा

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जहां एक तरफ उत्तराखंड हर रोज नए प्रयोग कर रहा है ताकि राज्य की पुलिसिंग सेवाएं बेहतर हो सके वहीं राज्य के जिले रुद्रप्रयाग में भी एक नई शुरुआत की गई है। रुद्रप्रयाग जिले में अभी लगभग 450 पुलिसकर्मी कार्यरत है,और अब इन सबको खास मौकों पर छुट्टी मिल सकेगी।

जिले में काम करने वाले पुलिसकर्मीयों को अपने जन्मदिन या बच्चों के जन्मदिन या फिर अपनी शादी की सालगिरह यानि की केवल दो मौके पर छुट्टी मिलेगी। जहां यह पुलिसवालों के लिए अच्छी खबर है वहीं इस नियम को करने का क्या कारण है आइयें रुद्रप्रयाग एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा से जानते हैं।

टीम न्यूजपोस्ट से बातचीत में रुद्रप्रयाग एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि, “हमें परिवार के सदस्यों से शिकायत मिलते रहती है कि उनके घरवाले खुशी और उत्सव के मौकों पर शामिल नही हो पाते।इसके लिए अपने कार्यक्षमता को जांचने के बाद हमने एक रास्ता निकाला की हम अब पुलिसकर्मियों को प्राथमिकता के अनुसार छुट्टी देंगे  जैसे अगर वह शादी-शुदा है तो उसे शादी की सालगिरह और उसके बच्चों के जन्मदिन पर छुट्टी दी जाएगी और यह सुविधा खासकर इन दोनों अवसरों पर ही उपलब्ध होगी।और अगर एक पुलिसवाला शादी-शुदा नहीं है तो उसे अपने माता-पिता और भाई-बहन के सालगिरह पर छुट्रटी दी जाएगी।”

उन्होंने कहा कि, “पुलिस में असमंजस की स्थिति रहती है कि छुट्टी मिलेगी या नही तो अगर उसे पहले से छुट्टी का पता चलेगा तो वह उसके अंर्तगत काम कर सकता है और हम महीने की शुरुआत में ही छुट्टियों की लिस्ट दे देंगे जिससे वह अपनी छुट्रटियां उसी हिसाब से प्लान कर सकें।”

इन छुट्टियों से पुलिसकर्मियों के चेहरे पर कितनी मुस्कान आती है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन ऐसी सुविधा देने वाला रुद्रप्रयाग प्रदेश का पहला जिला बन गया है।

देश में पहली बार जानवरों के इलाज के लिये अल्ट्रासाउंड इस्तेमाल करेगा उत्तराखंड

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(देहरादून) देश में पहली बार जंगली जानवरों पर अल्ट्रासाउंड प्रक्रिया से गर्भावस्था का पता लगाया जाएगा वो भी प्रेगनेंसी नियंत्रण पद्धति को इस्तेमाल करने के बाद। उत्तराखंड सरकार ने वन्यजीव संस्थान (डब्लुआईआई) को गुरुवार को मैन-एनिमल कनफ्लिक्ट को संबोधित करने के लिए अपनी नसबंदी परियोजना के तहत प्रमाणन दिया।

वर्तमान में, मशीन का उपयोग जंगली सूअरों, बंदरों, नील गयां और हाथियों में गर्भावस्था का पता लगाने के लिए किया जाएगा। यह पहल राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान, 10 करोड़ रुपए मूल्य के तीन वर्षीय योजना का हिस्सा है जो केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के तहत है जिसमें नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ईम्यूनोलॉजी भी सहयोग कर रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) वाई सी थापियाल ने कहा, “यह देश में पहली बार है कि राज्य में जंगली जानवरों पर अल्ट्रासाउंड मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। चूंकि पूर्व अवधारणा और जन्मपूर्व नैदानिक तकनीक अधिनियम के दिशानिर्देश जंगली जानवरों पर लागू नहीं होते हैं, इसलिए यह मंजूरी पूरी तरह से डब्लूआईआई  को प्रदान की गई है। “

डब्लूआईआई डायरेक्टर वी बी माथुर ने कहा, “राज्य सरकार ने जंगली जानवरों में गर्भावस्था के लिए अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रमाणन दिया है। अल्ट्रा ध्वनि मशीनों का उपयोग करने की गतिशीलता मनुष्य और जंगली जानवरों के लिए अलग हैं। मनुष्य के मामले में, यह लिंग और सुरक्षा को निर्धारित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जबकि जंगली जानवरों में, परीक्षण गर्भधारण की पुष्टि के लिए किया जाता है और अगर परिणाम पॉजिटीव है फिर जानवरों को जंगलों में छोड़ दिया जाता है।” माथुर ने कहा कि मानव निवास के विस्तार के साथ, जंगली जानवरों के लिए जगह कम हो रही है। “परिणामस्वरूप, मनुष्य-पशु संघर्ष के मामले बढ़ रहे हैं। इसलिए जानवरों की आबादी को नियंत्रित करने के यह जरूरी कदम है,इसलिए पर्यावरण मंत्रालय ने इन चार प्रजातियों के अनुसंधान और नियंत्रण जनसंख्या को संचालित करने का निर्देश दिया। यदि पशु गर्भवती नहीं है, तो नसबंदी की जाएगी।”

माथुर ने कहा कि पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीने खरीदी जाएंगी ताकि पशु के स्थान के अनुसार ही परीक्षण किया जा सके। “मनुष्य की तरह जानवरों में भी, नैतिकता के अनुसार हम किसी भी गर्भनिरोधक पद्धति को लागू नहीं करेंगे, लेकिन बारीकी से उनके व्यवहार और भोजन की आदतों पर नज़र रखेंगे और फिर निर्णय लेगें उनके खाने में गोलियां दी जाएंगी या पिर सर्जरी की जाएगी।

माथुर ने कहा, “हम सबसे पहले सभी चार प्रजातियों का जनसंख्या अनुमान सर्वेक्षण आयोजित करेंगे ताकि उनकी आबादी पर एक नजर रखा जा सके। बंदरों के लिए, हमने चंदरबानी क्षेत्र का चयन किया है, जो डब्लूआईआई के चारों ओर है, जहां हमारे शोधकर्ताओं ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अन्य प्रजातियों के लिए प्रोजेक्ट साईट जल्द ही तय किए जाएंगे। “

डब्ल्यूआईआई डायरेक्टर ने कहा कि तीन डब्लूआईआई वैज्ञानिकों के अलावा, अनुसंधान के लिए नए विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी।इसके अलावा डब्लूआईआई मे पशुओं के लिए गर्भनिरोधक गोलियां बनाने के लिए एक अलग विंग की स्थापना की जाएगी और हरिद्वार के चिडियपुर रेस्क्यु सेंटर में सर्जरी आयोजित की जाएगी।

जल संरक्षण के लिए 3000 बच्चों ने लिखे 7000 स्लोगन

ऋषिकेश, ऋषिकेश के भरत मंदिर इंटर कॉलेज में अबोध एनजीअो द्वारा जल संरक्षण के लिए 3000 बच्चों के साथ 7000 स्लोगन चार्ट पेपर में बनाये गए। कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य बच्चों के साथ-साथ आम लोगों को नदियों और जल स्रोतों के प्रति जागरूक करना था।

आपको बता दे की पूरे भारत में कैंपिंग करके अबोध ऑर्गनाइजेशन लोगों को पानी और स्वच्छता के लिए जागरुक करने का काम कर रही है। संस्था का उदेश्य लोगों को सेव वाटर सेव रिवर के प्रति जागरुक करना है जिससे आने वाली जनरेशन को साफ और स्वच्छ पानी मिल सके। कार्यक्रम की आयोजक निधि उनियाल का कहना है कि, “इस तरह के कार्यक्रम करने से बच्चों में जागरूकता आती है और हमारा समाज और हम लोग पानी के सर्वेक्षण के लिए आगे आ  पाएंगे।” 

इस कार्यक्रम में अलग-अलग स्कूल के बच्चों ने प्रतिभाग किया और अपनी क्रिएटिविटी के जरिए इन स्लोगंस को लिखकर पानी को बचाने का संदेश दिया।

अवैध स्मैक के साथ दो गिरफ्तार

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देहरादून, नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत थाना क्लेमेंटाउन पुलिस ने आज पोस्ट ऑफिस रोड, क्लेमेंटटाउन पर चैेकिंग के दौरान दो अभियुक्तों शाह आलम को 5.5 ग्राम अवैध स्मैक व शहजाद को 110 ग्राम चरस के साथ को गिरफ्तार किया है| गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध थाना क्लेमनटाऊन पर एनडीपीएस एक्ट मे अभियोग पंजीकृत किया गया है|

अभियुक्तों को न्यायालय में पेश किया जाएगा, दोनों अभियुक्त पटेल नगर देहरादून के रहने वाले है।अभियुक्त से पूछताछ की गई तो अभियुक्तों ने बताया कि उसके द्वारा स्मैक बरेली से सस्ते दामों में खरीद कर देहरादून में शिक्षण संस्थानों के छात्रों को मोटे दामों में बेची जाती है।

आईएसबीटी गौलापार में ही बनाने के लिए अड़े कांग्रेसी

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(हल्द्वानी)राज्य सरकार एक ओर अंतरराज्यीय बस अड्डे(आइएसबीटी) का निर्माण तीनपानी बाईपास की तरफ करने पर जोर शोर से प्लानिंग में लगी है। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ता गौलापार में प्रोजेक्ट खारिज किए जाने को बड़ी साजिश और भाजपा का विकास विरोधी कदम बता रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने विरोध में बुधवार से क्रमिक धरना शुरू कर दिया है।
गुरुवार को भी कांग्रेस नेताओं ने बुद्ध पार्क तिकोनिया में धरना दिया। उन्होंने मांग उठाई कि बस अड्डा गौलापार में ही बनाया जाए। प्रदेश प्रवक्ता हुकुम सिंह कुँवर, प्रदेश सचिव मयंक भट्ट और जगमोहन चिलवाल ने कहा कि जब तक आइएसबीटी निर्माण के मामले में सरकार द्वेष भावना से लिये गए निर्णय को वापस नही लेती, आंदोलन जारी रहेगा। बस अड्डा बनना शहर के विकास के लिए जरूरी है। शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या छिपी नही है। वहीं सरकार ने बिना ठोस कारण के ही महत्वाकांक्षी परियोजना को बंद कर दूसरी जगह शिफ्ट करने का प्लान बना दिया। यह जनहित के खिलाफ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द निर्णय नहीं लेती है, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। 30 जनवरी को नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश की भूख हड़ताल में सभी कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे। धरने में राजेंद्र बिष्ट, अलका आर्य, रोहित भट्ट, शाहिल, भूपेंद्र बिष्ट आदि शामिल रहे।

विधायक पर उत्पीड़न का आरोप, भूख हड़ताल की चेतावनी

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(विकासनगर)। क्षेत्रीय विधायक पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए भद्रकाली मंदिर सन्यास आश्रम बिहार पश्चिम देवथला कटापत्थर से जुड़े संतों ने तहसील परिसर में एक दिवसीय भूख हड़ताल की। संतों ने विधायक पर भू-माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर ‌अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की चेतावनी दी। संतों के समर्थन में कई लोग भी धरने पर बैठे।
एसडीएम जितेंद्र कुमार को सौंपे ज्ञापन में महंत जमुना गिरी महाराज ने कहा कि वे आश्रम में लंबे समय से पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। मंदिर में बने एक कमरे में निवास करते हैं। मंदिर और आश्रम के आसपास की भूमि राजस्व ‌अभिलेखों में उनके नाम दर्ज है। पूजा-अर्चना में उनका शिष्य महंत दिगंबर राजगिरी भी उनकी मदद करता है। आरोप लगाया‌ कि कुछ भूमाफिया आश्रम की संपत्ति को हड़पने की फिराक में है। इसे लेकर वह कई बार उन पर और उनके शिष्य के साथ मारपीट भी कर चुके हैं। इस संबंध में उन्होंने पुलिस और जिला प्रशासन में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है। लेकिन क्षेत्रीय विधायक के दबाव में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। उधर, तहसील पहुंचे कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी सन्यासियों की मांग का समर्थन किया। भूख हड़ताल में बैठने वालों में दिगंबर गिरी महाराज, भोला गिरी महाराज, कपिल गिरी महाराज आदि मौजूद रहे।
उधर, ग्रामीणों ने महंत पर मंदिर की संपत्ति को हड़पने का आरोप लगाते हुए इसकी ‌शिकायत उपजिलाधिकारी से की है। शिकायती पत्र में ग्राम पंचायत पपड़ियान की प्रधान रेशमी देवी, कलम सिंह, रवि आदि ने कहा कि महंत, उनका शिष्य और कई अन्य लोग मंएदिर की संपत्ति हड़पना चाहते हैं। गांव के लोगों से अभद्रता करते हैं। ग्रामीणों को मंदिर में पूजा-अर्चना नहीं करने देते। जिससे ग्रामीणों की धार्मिक भावना आहत हो रहे हैं। उक्त लोग भू माफिया से मिलकर मंदिर की संपत्ति को खुर्द-बुर्द करना चाहते हैं। उन्होंने मामले में आवश्यक कार्रवाई की मांग की।

देहरादून हो सकता है अफगानिस्तान के क्रिकेटरों के लिये प्रैक्टिस ग्राउंड

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अफगानिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड इन दिनों भारत में अपना होम ग्राउंड तलाशने में जुटा है। और इस तलाश में बोर्ड के खिलाड़ी और अधिकारी देहरादून के क्रिकेट स्टेडियम पहुंच गये हैं। बोर्ड ने बीसीसीआइ से होम ग्राउंड उपलब्ध करवाने की मांग की है। अफगानिस्तान बोर्ड के सीईओ शफीक स्टेनिकजाई ने रायपुर में नवनिर्मित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का दौराकर सुविधाओं का जायजा लिया। स्टेडियम की संरचना और व्यवस्थाएं देख शफीक संतुष्ट नजर आए और उन्होंने स्टेडियम की सुंदरता की तारीफ भी की।

नई दिल्ली में मंगलवार को अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड और बीसीसीआइ के बीच आगामी जून में टेस्ट मैच को लेकर सहमति बन चुकी है। दिल्ली में वार्ता के दौरान अफगानिस्तान बोर्ड ने भारत में ही अपना होम ग्राउंड बनाने का फैसला लिया है।

सोमवार को बीसीसीआइ के महाप्रबंधक ऑपरेशंस गौरव सक्सेना ने देहरादून में नवनिर्मित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का दौरा कर बीसीसीआइ को रिपोर्ट सौंपी थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर बीसीसीआइ ने अफगानिस्तान बोर्ड के पदाधिकारियों को होम ग्राउंड के लिए दून का दौरा करने का सुझाव दिया था। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सीईओ शफीक ने स्टेडियम का दौरा कर तमाम सुविधाओं का जायजा लिया।

प्रैक्टिस पिच एरिया बढ़ाने की डिमांड

शफीक ने कहा कि प्रैक्टिस एरिया के लिए पर्याप्त जगह होनी जरूरी है। बची हुई जगह को भी उन्होंने प्रैक्टिस एरिया में शामिल करने को कहा। कार्यदायी संस्था के पदाधिकारियों ने शफीक की डिमांड पर हामी भर दी है।

अफगानिस्तान बोर्ड के सीईओ शफीक के अनुसार वे अपने देश की सीनियर और जूनियर टीम के लिए होम ग्राउंड की संभावनाएं तलाशने दून पहुंचे। उन्होंने प्रैक्टिस पिच के निरीक्षण के दौरान उसका एरिया बढ़ाने की मांग की। साथ ही उसे ग्रासी पिच की बजाए सीमेंटेड करने को कहा।

11 महीनों से पानी को तरस रहा है देहरादून का ये गांव

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(देहरादून) पेयजल समस्या को लेकर गुरुवार को नया गांव की ग्राम प्रधान ज्योति कोटिया स्थानीय महिलाओं के साथ जल संस्थान कार्यालय पहुंची और इन महिलाओं ने विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अधिशासी अभियंता का घेराव भी किया। उन्होंने कहा कि कई बार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों की नींद खुलने का नाम नहीं ले रही। जिसके कारण क्षेत्रवासियों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है।

इस दौरान उन्होंने अधिशासी अभियंता से पिछले 11 महीने से पानी की किल्लत झेल रहे 25 परिवार की समस्या का समाधान करने की मांग की। महिलाओं का कहना था कि क्षेत्र में जल सस्थान लम्बे समय से पेयजल का वितरण सुचारु नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते इन लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पानी की पाइप लाइनें डंप होने के कारण क्षेत्र में पानी की समस्या बनी हुए है। उन्होंने कहा कि कई बार शिकायतों के बाद कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसके वजह से क्षेत्र के लोंग पानी के टेंकर मंगाकर अपनी जरुरतें पूरा करने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि जल्द क्षेत्र की समस्या का निदान नहीं किया गया तो प्रदर्शन किया जाएगा। जिस पर अधिकारी ने आश्वासन दिया की जल्द समस्या को दूर किया जाएगा। साथ ही उन्होंने जब तक समस्याको दूर नहीं किया जाता तब तक क्षेत्रवासियों को पानी का टेंकर देने का भी आश्वासन दिया।