Page 662

बस हादसे में दो की मौत, 33 घायल

0

उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग के पास हुई बस दुर्घटनाग्रस्त। बस में सवार 35 लोगों में से 2 महिलाअौं की मौत हो गई, जबकि 33 घायल हैंँ। ये सभी यात्री महाराष्ट्र के थे और बदरीनाथ धाम की यात्रा कर वापस लौट रहे थे।

WhatsApp Image 2017-07-21 at 18.41.48

एसपी चमोली तृप्ति भट्ट ने बताया कि, ‘बस कर्णप्रयाग से पहले सड़क से 20 मीटर नीचे खड्ड साइड में गिरी है। घायल यात्रियों को पुलिस व स्थानीय लोगों ने रेसक्यू कर सीएचसी कर्णप्रयाग भेजा। बस दुर्घटना में सीटों के बीच फंस जाने के कारण दो लोगों की मौत गई, जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हैं।’

गंभीर रूप से घायलों को सरकारी हेलीकाप्टर के माध्यम से उपचार के लिए हायर सेंटर के लिए भेजा जा रहा है। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

सनी लियोनी ने लातूर से बच्ची को गोद लिया

0

सनी लियोनी और उनके पति डेनियल वेबर ने महाराष्ट्र के लातूर से एक बच्ची को गोद लिया है और इस बच्ची को उन्होंने नया नाम निशा कौर वेबर रखा है। बताया जाता है कि ये बच्ची दो साल से भी कम उम्र की है और एक सामाजिक संगठन के माध्यम से सनी लियोनी ने अधिकारिक रूप से इस बच्ची को गोद लिया है।

सनी लियोनी ने इसे अपने जीवन का एक फलदायी पल करार देते हुए कहा है कि वे इस वक्त बहुत जज्बाती महसूस कर रही हैं और इस बच्ची को माता-पिता के तौर पर वे अपने पति के साथ एक बेहतर जिंदगी देने की हरसंभव कोशिश करेंगी। सनी ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया को होने में तीन सप्ताह का वक्त लगा। बॉलीवुड में सनी से पहले भी कई सितारे बच्चों को गोद ले चुके हैं।

सुष्मिता सेन की दोनों बेटियां गोद ली हुई हैं। सलमान खान के पिता सलीम खान ने अर्पिता को गोद लिया था, जिनकी धूमधाम से शादी हुई और अब अर्पिता के पति आयुष फिल्मों में हीरो बनने जा रहे हैं। हिन्दी और मराठी के जाने माने कलाकार सचिन पिलगांवकर की बेटी भी उनकी गोद ली हुई है। सचिन की बेटी ने शाहरुख खान की फिल्म ‘फैन’ में काम किया था। रवीना टंडन ने भी एक लड़की को गोद लिया था। कुछ ही वक्त पहले रवीना ने छाया नाम की अपनी दत्तक बेटी की शादी भी की। 

कांवड़ मेला सकुशल सम्पन्न होने पर डीएम, एसएसपी ने किया जलाभिषेक

0

श्रावण मास कांवड़ मेला, हरिद्वार सकुशल सम्पन्न होने पर जिलाधिकारी दीपक रावत व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार वीके ने हरकी पौड़ी पहुंच मां गंगा का आशीर्वाद लिया। मां गंगा का ध्यान कर दोनों अधिकारियों ने हरकी पौड़ी से गंगा जल भरकर कनखल दक्ष मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक किया, मंदिर के पुजारियों ने विधि विधान से भगवान की पूजा अर्चना करायी।

WhatsApp Image 2017-07-21 at 18.18.19

जिलाधिकारी तथा एसएसपी ने मंदिर में उपस्थित मंहत रविंद्र पुरी से भेंट की। जिलाधिकारी ने महंत रविंद्र पुरी के साथ भविश्य में इस प्रकार के आयोजनों को लेकर भौगोलिक रूप् से प्रशासन द्वारा की जाने वाली तैयारियों पर भी चर्चा की। डीएम तथा एसएसपी ने समस्त कर्मियों द्वारा मेले के दौरान पूरी मुस्तैदी से कार्य करने की सराहना की। उन्होंने प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को कांवड़ मेला सकुशल सम्पन्न कराने के लिए बधाई दी।

जिलाधिकारी तथा एसएसपी ने गले मिलकर एक दूसरे को बधाई दी। दोनों ने कहा कि भगवान शिव और मां गगा के आशीर्वाद से करोड़ों की संख्या में पहुंचे कांवड़ यात्रियों को व्यवस्थित ढंग से हरिद्वार में नियंत्रित किया जा सका।

टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में प्रियंका चोपड़ा का होगा सम्मान

0

इस साल 7 से 17 सितंबर तक होने वाले 42वें टोरंटो फिल्म फेस्टिवल के दौरान विशेष रुप से अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा को सम्मानित किया जाएगा। ये सूचना प्रियंका चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर शेयर की, तो उनको बधाई देने वालों का तांता लग गया। प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में हालीवुड की फिल्म बेवाच से अपना अंतर्राष्ट्रीय करिअर शुरू किया है।

अमेरिका की टेली सीरिज क्वांटिको की दो कड़ियों में काम कर चुकी प्रियंका की पहली हालीवुड फिल्म भले ही भारत में ज्यादा कारोबार नहीं कर पाई हो, लेकिन हालीवुड में प्रियंका की डिमांड लगातार बढ़ रही है और बेवाच के बाद वे हालीवुड की दो नई फिल्में साइन कर चुकी हैं। साथ ही चर्चा है कि क्वांटिको की नई सीरिज में भी प्रियंका काम करने जा रही हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रियंका को विश्व विख्यात अकादमी पुरस्कारों (आस्कर) की आयोजन कमेटी ने 42 ऐसी हस्तियों की टीम में जगह दी है, जो आस्कर के विस्तार की योजनाओं को लेकर अपनी सलाह देगी। इसके अलावा यूनिसेफ की ओर से प्रियंका चोपड़ा उनकी ब्रैंड अंबेसडर के तौर पर पिछले तीन साल से काम कर रही हैं। भारत में प्रियंका चोपडा की प्रोडक्शन कंपनी प्रादेशिक फिल्में बना रही है।

प्रियंका की फिल्म कंपनी ने हाल ही में मराठी में वेंटिलेटर और पंजाबी में सर्वानन नाम से फिल्में बनाई हैं, जिनको काफी सफलता मिली है। अब उनकी कंपनी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों की भाषाओं में फिल्में बना रही है। हाल ही में प्रियंका की कंपनी की सिक्कमी भाषा की फिल्म का ट्रेलर कांस फिल्म फेस्टिवल में लांच किया गया। 

संगठनिक चुनाव, कांग्रेस दिग्गजों के बीच संघर्ष शुरू

0

भले ही कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई पर आपसी उठापटक नहीं थम रही है, जिसके कारण कांग्रेस संगठन में लगातार घमासान मची हुई है। नए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आने के बाद कार्यकारिणी में जमे दिग्गजों द्वारा नई कार्यकारिणी में भी जोड़-तोड़ गठजोड़ का दौर जारी है। अब कांग्रेस ने विकासखंडों, जनपदों से लेकर प्रदेश स्तर पर संगठन में दबदबा बनाने का काम जारी है। जिसके कारण दिग्गजों में खींचतान और बढ़ रही है।

दिग्गजों के लिए छटपटाहट का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि हर गुट अपने लोगों को संगठन में एकजुट करने को आमादा हैं। कांग्रेस ने नई संगठनिक इकाइयों के चुनाव में तेजी आने के साथ-साथ पार्टी के बड़े दिग्गज आपस में टकराते दिख रहे हैं। पिछले दिनों बड़े नेताओं में जो कुछ चर्चाएं हुई वह इसी बातचीत का अंग मानी जा रही है। हर नेता संगठन पर परोक्ष रूप से प्रभाव जमाना चाहता है, जबकि पार्टी के दिग्गज इसी प्रभाव को जमाने में लगे हुए हैं। प्रदेश के नए मुखिया प्रीतम सिंह इस मामले में दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है कि कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। उसके बावजूद उन्हें क्षेत्रीय क्षत्रपों को एकजुट रखने में अच्छी खासी मेहनत करनी पड़ रही है। पूर्ण बहुमत से 11 विधायकों तक पहुंची कांग्रेस के इस परिणाम का मोदी मैजिक कारण तो है ही जिस ढंग से उस समय पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत तथा संगठन के मुखिया किशोर उपाध्याय के बीच धींगामुश्ती मची हुई थी, वह विजय बहुगुणा के पार्टी छोड़ने के बाद भी बरकरार रही और हरीश रावत जो सत्ता के मुखिया थे और किशोर उपाध्याय जो संगठन के मुखिया थे, दोनों अपनी सीट तक नहीं बचा पाए।

अलग-अलग बातचीत के दौरान नाम ना छापने की शर्त पर पार्टी सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय और प्रादेशिक क्षत्रपों की इस अंदरखाने की खींचतान का परिणाम पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। कांग्रेस संगठन में निचले स्तर पर पकड़ बनाने के लिए नेता प्रतिपक्ष, प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री तीनों गुटों ने पूरा जोर लगा रखा है।

इतना ही नहीं राज्य में कांग्रेस पार्टी के 274 सांगठनिक क्षेत्र हैं। चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। बूथ स्तर से संगठन में एक प्रतिनिधि क्षेत्र में भेजा जाएगा। इसी प्रकार क्षेत्र से जिले के लिए छह और प्रदेश कार्यकारिणी के लिए एक प्रतिनिधि चुना जाएगा। यह चुनाव सितम्बर माह तक पूरा हो जाना है। जिला स्तर की इकाइयां गठित होने के बाद प्रदेश स्तर के इकाइयों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय चाहते हैं कि संगठन में उनके लोगों को अच्छा खासा स्थान मिले। दूसरी ओर वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह अपने लोगों को समायोजित करना चाहते हैं, लेकिन उनके सामने सांगठनिक चुनाव में दिग्गजों से तालमेल बिठाने की चुनौती है। हालांकि पार्टी हाईकमान खुद इसतरह की चुनौती को लेकर अलर्ट है। यही वजह है कि राज्य में चुनाव के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है। प्राधिकरण की देखरेख में ही निचली इकाइयों का गठन होना है। 

फिल्म बरेली की बर्फी का ट्रेलर जारी

0

आयुष्मान खुराना, कीर्ति सेनन और राजकुमार राव की प्रमुख भूमिकाओं वाली फिल्म ‘बरेली की बर्फी; का ट्रेलर आज मुंबई में लांच किया गया। इस मौके पर फिल्म की पूरी टीम मौजूद रही। इस लव ट्रेंगल फिल्म का निर्देशन अश्विनी अयैर तिवारी ने किया है, जो इससे पहले स्वारा भास्कर की एवार्ड विनिंग फिल्म ‘निल बटे सन्ना’टा की निर्देशक रही हैं। अश्विनी अयैर तिवारी रिश्ते में दंगल वाले निर्देशक निलेश तिवारी की पत्नी लगती हैं।

कहा जाता है कि इस फिल्म की पटकथा पर अश्विनी के साथ निलेश तिवारी ने भी काम किया है। इस फिल्म में तीनों ही कलाकार यूपी के एक छोटे से शहर के किरदारों को निभा रहे हैं। पहले ये फिल्म 21 जुलाई को रिलीज होनी थी, लेकिन अब इसे 18 अगस्त तक आगे बढ़ाया गया है। ट्रेलर लांच के मौके पर कीर्ति सेनन ने कहा कि ऐसा किरदार उन्होंने पहले कभी नहीं किया। आयुष्मान और राजकुमार राव ने कहा कि वे खुद छोटे शहरों से आते हैं, इसलिए वे इन किरदारों के साथ खुद को कनेक्ट करते हैं।
इन तीनों के लिए ही ये फिल्म काफी अहम मानी जा रही है। कीर्ति सेनन की हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत के साथ फिल्म ‘राबता’ बाक्स आफिस पर फ्लाप रही, तो राजकुमार राव को ‘बहन होगी तेरी’ का झटका लगा और आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘मेरी प्यारी बिंदू’, बाक्स आफिस पर असफल साबित हुई थी। 

लिपस्टिक अंडर माई बुरका : बोल्ड के नाम पर हॉट सीन की भरमार

0

सेंसर बोर्ड के साथ विवादों में फंसी रही प्रकाश झा प्रोडक्शन की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरका’ पहली नजर में महिलाओं की आजादी और सम्मान के साथ उनके हक की लड़ाई का चेहरा बनती है, लेकिन जल्दी ही समझ में आ जाता है कि मामला इतने भर तक का नहीं है। दरअसल कहानी की बुनियाद महिलाओं की सेक्शुलियटी को लेकर है, जिसमें 55 साल की प्रौढ़ा से लेकर 18 साल की नवयुवती तक शामिल हैं।

कहानी भोपाल की चार महिलाओं की हैं, जो एक दूसरे के पड़ोस में रहती हैं। पहली महिला ऊषा (रत्ना पाठक शाह) हैं, जो मुहल्ले में बुआजी के नाम से जानी जाती हैं। दूसरी महिला शीरिन (कोंकणा सेन शर्मा) हैं, जिसके शौहर दुबई में काम करते हैं और शीरिन सेल्स गर्ल के तौर पर कमाती है, ताकि बच्चों की परवरिश कर सके। शौहर के लौट आने के बाद शीरिन की जिंदगी परेशानियों में घिर जाती है। तीसरी महिला लीला (आहना कुमार) है, जिसका अफेयर एक फोटोग्राफर के साथ है और उसकी शादी कहीं और तय हो जाती है। चौथी महिला कॉलेज जाने वाली रेहाना (प्लबिता) है, जो घर से बुर्का पहनकर निकलती है और कॉलेज में जींस पहनकर पहुंचती है।

एक दूसरे के पड़ोस में रहने वाली ये चारों महिलाएं अपने-अपने हालात में जकड़ी दिखाई गई हैं। बुआजी को चोरी छिपे फंतासी नॉवेल पढ़ने का शौक है, जिसमें सेक्शुअल कंटेंट होता है। शीरिन का शौहर लौट आता है और अपनी पत्नी के साथ जबरन सेक्स करने में गुरेज नहीं करता। वहीं घर से बाहर उसका किसी और महिला के साथ भी अफेयर चल रहा है। लीला इस उलझन में कैद है कि जिसके साथ शादी होने जा रही है, उसके साथ रहूं या जिसके साथ अफेयर है, उसके साथ रहूं। रेहाना को जींस पहनने के अलावा पॉप, जैज गाने का शौक है। ऊंचे शौक पूरे करने के लिए रेहाना शहर के मॉल्स से चोरी करने से भी परहेज नहीं करती और एक दिन जेल पहुंच जाती है।

फिल्म की निर्देशिका अलंकिृता श्रीवास्तव ने फिल्म को बोल्ड बनाने के इरादे से ही पटकथा तैयार की और हरसंभव तरीके से बोल्डनेस के नाम पर सेक्शुअल कंटेंट से फिल्म को भर दिया। फिल्म महिलाओं की घुटन, पुरुषत्व की सत्ता और उनकी आजादी जैसे मुद्दों की वकालत करती है, लेकिन इन सबको सेक्स के साथ जोड़ने से मामला कहीं से कहीं पहुंच जाता है।  महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वत्रंता को लेकर फिल्में पहले भी बनी हैं और आगे भी बनती रहेंगी, लेकिन इन तीनों मुद्दों को लेकर अलंकिृता श्रीवास्तव ने जो बनाया है, उसमें इस मुद्दे से कहीं ज्यादा सेक्स पर फोकस किया गया है और यही फिल्म की सबसे बड़ी गड़बड़ है और बहस का मुद्दा भी यही है।

परफॉरमेंस की बात करें, तो चारो मुख्य किरदारों में रत्ना पाठक शाह और कोंकणा सेन शर्मा की अदायगी के बारे में तो हर कोई जानता है, आहना कुमार और प्लबिता ने भी अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। अपनी-अपनी जगह चारों महिला कलाकारों का अभिनय दर्शनीय है।  महिला अधिकारों की पैरवी करने वाला हर व्यक्ति सेक्शुअल कटेंट से आगे जाकर फिल्म की कहानी से जुड़ेगा, लेकिन असली बाधा यही है कि इस बोल्ड कटेंट में आप कितना भरोसा रखते हैं।

फिल्म का बोल्ड कटेंट महानगरों में महिलाओं की आजादी के समर्थन वाली युवा पीढ़ी को आकर्षित करेगा, तो हॉट सीन छोटे केंद्रों पर मसालेदार दर्शकों को खुश करेंगे, फिर भी बॉक्स ऑफिस पर ऐसी फिल्मों से कामयाबी की बड़ी उम्मीद नहीं रहती। बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म सीमित कारोबार ही कर पाएगी। 

नीलकंठ कावड़ यात्रा का अंतिम पड़ाव

0

सावन के महीने में शिवरात्रि मनो शिवभक्तों के लिए सोने पे सुहागा जैसा होता है। चथुर्ठमास के चलते शिवभक्त अपने आराध्य को जलाभिषेक करके प्रसन्न करने में जुटे है और ऋषिकेश के नीलकंठ महादेव सबकी मनोकामनायों को पूर्ण करने में लगे हुए है।

कहते है उत्तराखंड के कण कण में भगवन शिव का वास है। ऐसे में सावन का महीना आते ही शिवभक्त कावड़ उठा कर श्री नीलकंठ महादेव के दर्शन के लिए घरों से निलकते है। ये शिव भक्त गंगा जल लेकर अपने आराध्य का जलाभिषेक कर के पुण्य की प्राप्ति करते है, हर साल इस कावड़ यात्रा में सावन में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते है।

कहते है चथुर्ठमास में शिव परिवार की पूजा का विशेष महत्व होता है। भगवान भोले भी जलाभिषेक करने से अपने भक्तों की सभी मुरादों को पूरा करते है , यही कारण है बड़ी संख्या में श्रद्धालु नीलकंठ धाम पहुच रहे है और भक्तों का उत्साह बीते 12 दिनों में 30 लाख से उपर पहुच चूका है। नीलकंठ कावड यात्रा में हर साल लाखों की संख्या में कावड़िये हरिद्वार-ऋषिकेश पहुचते है, ऐसे मे व्यवस्थायों को बनाये रखना प्रशाशन के लिए किसी चुनोती से कम नहीं होता।

नीलकंठ कावड़ यात्रा में सावन की शिवरात्रि का एहम रोल है क्योंकि इस दिन जलाभिषेक करके कावड़िये अपने अपने शहरों, कज्बों की तरफ वापस लौटने लगते है और अपने अपने शिवलियों में जाकर पित्तरों के नाम पर जलाभिषेक करते है। ये परंपरा सालों से चली आ रही है इसे नीलकंठ कावड़ यात्रा का अंतिम पड़ाव भी कहते है

नैनीताल में ग्रीष्म उत्सव 22 जुलाई से 

0

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत संचालित उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला, का ग्रीष्म उत्सव-2017 नैनीताल में डीएसबी परिसर के ऑडिटोरियम में होगा। जिसका शुभारंभ अपराह्न दो बजे मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. डीके नौडि़याल द्वारा किया जाएगा।

सरकारी सूत्रों के अनुसार तीन दिनी इस उत्सव में 22 जुलाई को मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत होंगे। जबकि समापन अवसर पर पंजाब के राज्यपाल व उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के अध्यक्ष वीपी सिंह बदनोर मुख्य अतिथि होंगे।

इस उत्सव में तमाम सांस्कृतिक केंद्रों के 175 कलाकार हिस्सा लेंगे। जो लोक नृत्य, लोकसंगीत, गायन व लोग वाद्यों का प्रदर्शन करेंगे। पहले दिन कुमाऊंनी लोकगायिका माया उपाध्याय जबकि दूसरे दिन पंजाब के सूफी गायक मोहम्मद इरशाद द्वारा गायन किया जाएगा।

हरिद्वार कुंभ में भीड़ प्रबंधन पर होगा फोकस: कौशिक

0

इंदौर और उज्जैन दौरे के दौरान इंदौर में आयोजित अल्मा टुडे पत्रिका के नगर विकास विषय पर आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के नगर विकास मंत्री, मदन कौशिक को सम्मानित किया गया। इस मौके पर उन्होंने उज्जैन कुंभ प्रबंधन को लेकर जानकारी भी ली, उन्होंने कहा कि आगामी हरिद्वार कुंभ में सरकार का फोकस भीड़ के बेहतर प्रबंधन पर रहेगा।

सफाई के राष्ट्रीय सर्वें में प्रथम स्थान पाने वाले इंदौर के सफाई व्यवस्था के अध्ययन और उद्देश्य की दृष्टि से शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने वहां के प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की। उज्जैन में कुम्भ व्यवस्था की जनकारी लेने के दौरान उन्होंने हरिद्वार कुम्भ व्यवस्था के कुशल प्रबंधन के अनुभव भी साझा किए। कौशिक ने कहा कि, ‘आगामी हरिद्वार कुम्भ व्यवस्था को भीड़ प्रबंधन की दृष्टि से विशेष रूप से फोकस किया जाएगा, सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करके धर्म आध्यात्म को अधिक आकर्षक ढ़ग से श्रद्धालुओं के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।’

इस दौरान नगर विकास मंत्री कौशिक ने कहा कि इस दौरे से मिले अनुभव का उपयोग संपूर्ण उत्तराखण्ड के स्वच्छता अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया जाएगा। स्वच्छता संबंधी कार्ययोजना के लिए अन्य राज्यों के अनुभवों का भी उपयोग किया जाएगा।