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सैनिकों की हितैषी है भाजपा सरकार: जोशी

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देहरादून, मूसरी विधायक गणेश जोशी ने भाजपा सरकार को सैनिकों का हितैषी बताते हुए कहा कि प्रदेश और केन्द्र की सरकार सैनिकों के हित में लगातार कार्य कर ही है। सैनिकों की हर समस्याओं के लिए पार्टी और सरकार दोनों की ओर से बढ़चढ़ कर कार्य किया जाता है।

रविवार को गढ़ी कैंट के विलासपुर काड़ली में पूर्व सैनिक कल्याण समिति के प्रथम स्थापना दिवस में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए मसूरी विधायक गणेश जोशी ने यह बातें कही। इस मौके पर विधायक गणेश जोशी ने जीआरआरसी पूर्व माध्यमिक विद्यालय के लिए आगामी वित्तीय वर्ष की विधायक निधि से 10 लाख रुपये एवं फर्नीचर की व्यवस्था करने की घोषणा की। उन्होनें कहा कि जल्द ही गांव में नई पेयजल योजना का कार्य भी प्रारम्भ किया जाऐगा।

इससे पहले विलासपुर काड़ली पूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष हर सिंह बिष्ट ने विधायक जोशी का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया और कहा कि उनके प्रथम स्थापना दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थिति से समिति गौरवान्वित हुई है। उन्होनें विधायक जोशी के सम्मुख क्षेत्र की पेयजल एवं विद्यालय की समस्या को रखा और इसका अतिशीघ्र निस्तारण करने का अनुरोध भी किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक गणेश जोशी ने भाजपा सरकार को सैनिकों की सरकार बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन योजना को लागू किया गया, जिसके लिए केन्द्र सरकार का आभार प्रकट करता हॅू। गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में भी भाजपा की सरकार आने वाली है, जिसके लिए उनके द्वारा जनता को बधाई दी गई।

उन्होंने कहा कि चाहे वर्ष 1962 का युद्व हो या 1965, 1971 का युद्व परन्तु इस दौरान की सरकारों को सैनिकों की शहादत का चिंता नहीं थी। वर्ष 1999 में कारगिल युद्व के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने युद्व के दौरान शहीद हुऐ जवानों को सम्पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ उनके घर भेजने की व्यवस्था की।

विधायक जोशी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार प्रकट करते हुए कहा कि सैनिक पुत्र सीएम राज्य में सैन्य हितों के लिए कार्य कर रहे हैं और उनके द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध की विधवा नारियों की पेंशन को दौगुना किया गया है। साथ ही सेना एवं पैरामिलिट्री बलों में तैनात उत्तराखण्ड के जवानों की शहादत पर उनके आश्रितों को नौकरी देने का काम भी प्रदेश की भाजपा सरकार कर रही है।

भाजपा विधायक ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में भूमि क्रय किये जाने पर सैनिक एवं उसकी पत्नी को गृहकर में छूट दिये जाने का प्रावधान भी किया जा रहा है जिसकी घोषणा विजय दिवस के अवसर पर देहरादून के महापौर द्वारा की गई है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा आगामी नव वर्ष पर सैन्य परिवारों को तोहफे के रुप में दिये जाने वाली योजना को भी पूर्व सैनिकों से साझा किया।

 

बर्फबारी से जगी सेब के काश्तकारों में उम्मीद

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गोपेश्वर,  चमोली के सीमांत क्षेत्र जोशीमठ के सेब काश्तकारों को इस बार दिसम्बर माह के शुरुआत में हुई, बर्फबारी के बाद अब अच्छी सेब की पैदावर होने की उम्मीदें जगने लगी हैं। जिसके चलते काश्तकारों ने बागानों में सेब के पेड़ों की सालाना छंटाई और पेस्टिंग का काम शुरू कर दिया है।

जोशीमठ क्षेत्र के सुनील, औली, फरकिया ग्वाड़, परसारी, प्रेमनगर, मेरग, बडागांव, ढाक, झेलम, मलारी, कैलाशपुर, नीति, सहित उर्गम घाटी के सैकड़ों परिवारों की आजीविका का एकमात्र साधन सेब बागान है। कुछ वर्षों से समय पर बरसात व बर्फबारी नहीं होने से काश्तकारों की सेब बागवान से लागत भी नहीं निकल पा रही थी। जिसको लेकर काश्तकारों में काफी मायूसी थी लेकिन दिसम्बर माह में हुई बर्फवारी से काश्तकारों के चेहरों पर रौनक लौटी है। समय पर बर्फबारी से काश्तकार अपने बागानों में जी-तोड़ मेहनत पर जुट गए हैं।

सेब के काश्तकार दिलबर सिंह राणा, संजय सिंह, महेंद्र लाल, मोहन बजवाल आदि का कहना है कि इस बार समय से हुई बर्फबारी से सेब की फसल अच्छी होने की उम्मीद है। इसीलिए उन्होंने अभी से सेब की बागवानी में मेहनत करनी शुरू कर दी है।

एनएसएस छात्राओं ने चलाया सफाई अभियान

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गोपेश्वर,  स्पर्श गंगा अभियान के तहत चमोली जिले के राइका बैरागना की एनएसएस की छात्राओं ने मंडल घाटी में सफाई अभियान चलाकर जागरुकता रैली निकाली।

रविवार को एनएसएस की छात्राओं ने मंडल घाटी में स्पर्श गंगा अभियान के तहत सफाई अभियान चलाया। साथ ही रैली निकाल कर ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया। छात्राओं ने घाटी के गांवों में जाकर वहां के रास्तों, गांव तक जाने वाली सड़क, धारा, मंगरा आदि में सफाई की तथा ग्रामीणों को गंदगी के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी।

साथ ही ग्रामीणों सेे अपने आसपास के वातवरण को स्वच्छ करने की अपील भी की गई। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य केएस बडवाल, दिनेश मैठाणी, एपी डिमरी, मनोज तिवारी, सुरेंद्र झिक्वाण आदि मौजूद रहे।

 

ट्रेन की चपेट में आने से महिला की मौत

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देहरादून,  शहर के गोरखपुर रेलवे फाटक जोगीवाला के पास एक महिला की ट्रेन से कटकर मौत हो गई। महिला की शिनाख्त नहीं हो सकी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि महिला सुबह से ही फाटक के आस-पास घूम रही थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

रविवार सुबह गोरखपुर रेलवे फाटक जोगीवाला के पास एक महिला के ट्रेन से कटकर मरने की सूचना थाना नेहरु कॉलोनी को प्राप्त हुई। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और 108 को बुलाया, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने बताया कि मृतका की शिनाख्त के प्रयास किए जा रहे हैं। 

देहरादून हाफ मैराथन: जम कर दौड़ा दून!!!!

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देहरादून: उत्तराखंड पुलिस स्पोर्ट्स प्रमोशनल बोर्ड की ओर से आयोजित देहरादून हाफ मैराथन के दूसरे भाग में न सिर्फ प्रदेश के बल्कि देश-विदेश के एथलीटों ने पूरे जोश के साथ प्रतिभाग किया। सड़क सुरक्षा व महिला सुरक्षा की थीम पर आयोजित हुई मैराथन के 21 किमी ओपन पुरुष वर्ग मे रायपुर देहरादून के सुरेश कुमार और महिला वर्ग के लखनऊ की मोनिका चौधरी ने प्रथम स्थान हासिल किया ।

  • 7 किमी वर्ग पुरुष वर्ग के परिणाम
  • मसूरी के पंकज,
  • महिला वर्ग में काशीपुर की नेहा
  • जूनियर बालिका वर्ग में मुजफ्फरनगर की नेहा सहेनी और
  • जूनियर बालक वर्ग में के0वी नं 1 के अकुंश शर्मा ने प्रथम स्थान हासिल किया

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रविवार की सुबह पुलिस लाइन्स रेसकोर्स से पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने झंडी दिखाकर मैराथन का शुभारंभ किया। 21 किमी में दौड़ पुलिस लाइन्स से शुरू होकर रेस कोर्स, इसी रोड,सर्वे चौक, राजपुर रोड,कैनाल रोड किसन नगर होते हुए वापस पुलिस लाइन्स में खत्म हुई। वही, 7 किमी दौड़ पुलिस लाइन्स से रेस कोर्स, इसी रोड, सर्वे चौक से वापस पुलिस लाइन्स में सम्पन्न हुई।

समापन पर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुरष्कार वितरित किये। साथ ही अपने समबोधन में कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा आयोजित मैराथन की थीम की में भूरी-भूरी प्रंशसा करता हुं, जो कि सडंक सुरक्षा व महिला सुरक्षा पर है। मेरी प्राथमिकता में बेटी बचाओं, बेटी पढाओं पर आधारित है।

मैराथन में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति
हाफ मैराथन के समापन समाहारो वॉइस आफ इडिया फ्रेम नेहा खरीयाल, ने अपने सुरली आवाज का जादू बिखरा, उन्होने बॉलीवुड गीतों की प्रस्तुती देकर समा बाधा, इडियन आईडल फ्रेम कपिल थापा औऱ वुमनिया बैण्ड ने देश भक्ति और गढ़वाली गीतों की प्रस्तुती देकर सभी को जमूने पर मजबूर कर दिया।

अपने संबोधन में अशोक कुमार अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था व उत्तराखण्ड स्पोस्टस बोर्ड के सचिव ने बताया कि पिछले साल उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा हाफ मैराथन के सफल आयोजन के फलस्वरुप इसे हर साल आयोजन करने का फैसला लिया गया। पिछले साल हाफ मैराथन का थीम फाईट अगेन्स्ट ड्रग्स एंड फाईट अगेन्स्ट करप्शन थीम पर आयोजित की गयी थी। इस साल हाफ मैराथन की थीम रोड सेफ्टी और वुमेन सेफ्टी पर आयोजित की गयी। इस साल 26 राज्य वे 11 विदेशी वे मुंबई से कौथिग ग्रुप द्वारा भाग लिया गया।

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45 प्लस 7 किमी पुरुष वर्ग का परिणाम रोका

मैराथन की सात किमी पुरुष वेटेरन वर्ग में नतीजों को लेकर आपत्तियां आने के बाद रिजल्ट  रोक दिए गए। एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि कुछ लोगों ने परिणाम को लेकर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि जो विजेता घोषित हुए है वे लोग बच्चों के साथ दौड़ गए थे। आपत्ति के बाद परिणाम फिलहाल रोक दिया गया है। तमाम पहलुओं पर चर्चा के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

7 किमी में पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया, संजय गुंज्याल आईजी पी एण्ड एम, डी सेंथिल पाडियान सचिव परिवहन,जेएस मरतोलिया आईजी पीएचक्यू, अनंत राम चौहान,सेंथिल आबुदाई पुलिस अधीक्षक विजिंलेन्स व केदारनाथ विधायक मनोज रावत द्वारा भी 7 किमी की दौड पूरी की गयी।

इथोपिया और केन्या की सिसीरिया ने 21 km में दूसरा स्थान्न लेकर दो विदेशी धावको ने मैराथन मे मैडल अपने नाम किये। इस दौरान अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, आईजी संजय गुंज्याल, आईजी जेएस मरतोलिया, आईजी संचार अमित सिन्हा,डीआईजी गढवाल रेन्ज पुष्पक ज्योति, केवल खुराना एआईजी ट्रैफ्रिक, डब्लूआईटी की डायरेक्टर डॉ. अंलकनन्दा अशोक,एसएसपी निवेदिता कुकरेती,केजेएस कलसी, अनूप बिष्ट, जिला क्रीड़ा अधिकारी राजेश ममगाईं,मनीषा नेगी मीडिया प्रभारी आदि मौजूद थे।

सर्दी में खुले आसमान में रात बिताने को लोग मजबूर

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हरिद्वार। उत्तराखंड के पहाड़ों पर हुई बर्फबारी और बूंदाबांदी ने लोगों को ठंड से ठिठुरने के लिए मजबूर कर दिया है। पिछले एक सप्ताह से धर्मनगरी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है जिससे गरीब, अहसाय लोगों को सड़कों पर रात गुजारनी पड़ रही है।

मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए हर साल निगम शहरभर के करीब दो दर्जन स्थानों पर अलाव जलवाने के दावे करता है लेकिन ये दावे सिर्फ हवा हवाई ही नजर आते हैं। एक दो स्थान को छोड़ तमाम स्थानों पर कहीं भी अलाव जलते नजर नहीं आए। बस स्टैंड हरिद्वार पर रात में पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या काफी अधिक होती है। एक सप्ताह से कड़कड़ाती ठंड के चलते यात्री कांपने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि निगम को ऐसे स्थानों पर रात में अलाव की व्यवस्था करनी चाहिए जहां पर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। रेलवे स्टेशन, शिव मूर्ति चौराहा, वाल्मीकि चौक पर अलाव की कोई व्यवस्था देखने को नहीं मिली। लेकिन हर की पैड़ी पर दो दिन से निगम अलाव जलवा रहा है। ठंड के इस मौसम में शहर में कहीं अलाव जलता नहीं मिलता सिर्फ हर की पैड़ी को छोड़कर। मेयर का कहना है कि उन्होंने नगर आयुक्त को तमाम स्थानों पर अलाव जलवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। पर अभी तक मेयर के यह दावे कितने हकीकत में बदलते हैं कह नहीं सकते। क्योंकि हर बार ठंड के मौसम में ऐसा ही देखने को मिला है। 

उत्तराखंड के प्राचीन यात्रा मार्गों को नया स्वरूप दिया जाना आवश्यक: महाराज

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देहरादून। उत्तराखंड में यात्रा के प्राचीन मार्गों को नूतन स्वरूप दिया जाना तथा उन्हें सर्वमौसमी सडक़ों से जोड़ा जाना समय की मांग है,इसके लिए जो भी पहल पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज कर सकेंगे करेंगे। हालांकि, प्रदेश सरकार द्वारा सर्वमौसमी सडक़ों (ऑल वेदर रोड) से क्षेत्रीय सडक़ों को जोडऩे की कसरत तेज हो गई है। इसी संदर्भ में सतपाल महाराज से चर्चा की गई।

एक विशेष भेंट में पर्यटनमंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वह चाहते हैं कि उत्तराखंड के विकास की रीढ़ मानी जानी वाली इन सडक़ों को सर्वमौसमी सडक़ों से जोड़ा जाए। वे मानते हैं कि इसके लिए वे केन्द्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भेंटकर इस तरह की मांग रखेंगे कि सभी क्षेत्रीय सडक़ों को सर्वमौसमी सडक़ों से जोड़ा जाए। उनका कहना था कि प्राचीन काल से ही चारधाम यात्रा गंगोत्री,यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के माध्यम से पूर्ण होती है। इसके लिए आवश्यक है कि हमारे सभी यात्री जो उत्तराखंड दर्शन के लिए आ रहे हैं। सबसे पहले गंगोत्री फिर यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ के दर्शन कर अपने गंतव्यों को लौटें। केन्द्र ने चारधाम यात्रा के लिए जो सर्वमौसमी सडक़ों का प्रस्ताव किया है। उस प्रस्ताव में विकासनगर से बडक़ोट तक का क्षेत्र शामिल नहीं है। इसी तरह क ई अन्य क्षेत्र भी उसमें शामिल नहीं किए गए हैं।
सतपाल महाराज मानते हैं कि प्रदेश के मंत्री और विधायक इस संदर्भ में नितिन गडकरी से मिलकर उनको प्राचीन यात्रा मार्गों की जानकारी देंगे। इस व्यवस्था से चारधाम यात्रा की दूरी भी कम होगी और लोगों को आसानी भी होगी। उनका कहना था कि उत्तराखंड केवल धार्मिक यात्रा का हा नहीं साहसिक यात्रा का भी सबसे बड़ा केन्द्र साबित हो सकता है। शीतकालीन क्रीड़ा यानि बर्फ क्रीड़ा का सर्वश्रेष्ठ केन्द्र है। औली और गोरसों ऐसे क्षेत्र स्काइंग जैसी शीतकालीन क्रीड़ा हो सकती है,जिसके लिए सरकार प्रयासरत है।
उनका कहना है कि कौडिय़ाला के वॉटर फॉल को भी पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण केन्द्र बनाया जा सकता है। सतपाल महाराज मानते हैं कि प्राचीन चारधाम यात्रा मार्गों को खोलने से जहां समय और ईंधन बचेगा। वहीं लोग इस क्षेत्र की सुगम यात्रा कर सकेंगे। 

तीन की तिकड़ी यानि डोभाल ब्रदर जल्द ही लेकर आ रहे टाईम मशीन 3

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पांडवाज क्रिएशन के ‘टाईम मशीन’ के प्रशंसकों के लिए नए साल से पहले एक ट्रीट बाहें खोले इंतजार कर रही है।यह ट्रीट कुछ और नहीं बल्कि ‘टाईम मशीन’ का तीसरे भाग की लॉंचिंग हैं, जोकि सभी प्रशंसकों के लिए एक सरप्राईज है।

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‘टाईम मशीन’ का यह लेटेस्ट पार्ट पहले के दोनों भागों से थोड़ा हटकर होगा क्योंकि पहले का सिक्वल नहीं बल्कि यह सभी प्रशंसकों के लिए एक नई कहानी है। टीम न्यूजपोस्ट से बात करते हुए कुनाल डोभाल ने बताया कि, “हम टाईम मशीन की टीम कोशिश करते हैं कि हम ऐसे गाने डाले जो हमारे लोकगीत है, हमारा पहला वेंचर ‘सेजा बाला घुघुती बसुती’ और दूसरा  सिक्वल ‘हे जी सार्यू मा/फुलारी’ दोनों ही लोकगीत, और नए मिक्स व म्यूजिक पर पेश किये गये गाने थे जिन्हें लोगों ने खूब सराहा, अब इसी कड़ी में हम इस बार एक कुमाउंनी गाना ‘शगुना दे’ लेकर आ रहे हैं।

पांडवाज के ईशान डोभाल बताते हैं कि, “यह गाना 7 मिनट लंबा है, यह हमारे श्रोतांओं की मांग थी लेकिन क्या पिछली बार की तरह हम अपना जादू, म्यूजिक और विडियोग्राफी को जिंदा रख पाऐंगे? इसका जवाब तो हमारे प्रशंसक जल्दी ही विडियो और गाना सुनकर देंगे।’

‘शकुना दे’ एक कुमाउंनी लोकगीत है जिसमें मशहूर कुमाउं गीतकार दीपक मेहता ने नए रुप में संजोया है और जिसे अपनी मधुर आवाज में श्रीनगर की रहने वाली अंजलि खरे ने गाया है। अंजलि काफी समय से ‘टाईम मशीन’ ग्रुप से जुड़ी हुई हैं और उनके सह कलाकार के रुप में गाती थी, इनका हुनर देखकर डोभाल ब्रदर्रस ने इन्हें यह गाना गाने का मौका दिया और अंजलि के साथ पहली बार टाईम मशीन के फैंन्स को ईशान डोभाल एक गायक के रुप में भी दिखेंगे।

तो अब इंतजार है तो सिर्फ 23 दिसंबर का जब ‘टाईम मशीन’ का तीसरा गाना यूट्यूब, गाना डॉट कॉम, आईट्यून, एमेजॉन प्राईम सभी में एक साथ देहरादून से लॉंच किया जाएगा।

टीम न्यूजपोस्ट की तरफ से डोभाल भाईयों की तिकड़ी को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं और जल्द ही हम आपको ‘टाईम मशीन 3’ की सफलता की कहानी से भी रुबरु करवाऐंगे।

निजाम बदलते ही शुरू हुई आयुर्वेद विवि में सुधार की कवायद

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देहरादून। अव्यवस्थाओं को लेकर लगातार विवादों में चले आ रहे आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अच्छे दिन आने को हैं। अब विवि से जुड़े कॉलेज फैकल्टी को लेकर झोलझाल करना संभव नहीं होगा। विवि ने सभी संबद्ध संस्थानों से फैकल्टी व स्टाफ के आधार नंबर और पैन कार्ड संख्या मांगे हैं।

बीते काफी वक्त से आयुर्वेद विवि में कई गड़बड़ियां सामने आई। कभी नियुक्तियों के मामले तो कभी समितियों में बाहरी लोगों को दखल। इसके अलावा फर्जी फैकल्टी जैसे मामले भी सामने आते रहे। लेकिन अब निजाम बदलते ही निजी आयुर्वेद और होमीयपैथिक कॉलेजों में फर्जी आनपेपर फेकल्टी पर उत्तराखंण्ड विश्विद्यालय सख्त होने लगा है। विवि के नए कुलपति प्रो. अभिमन्यु कुमार के ये तेवर निजी आयुर्वेद और होमियोपैथिक कॉलेजों में फर्जी आनपेपर फेकल्टी पर रोक लगाने के लिए अपनाए हैं।
चिकित्सा शिक्षा माफिया में मचा हड़कंप
विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति ने कहा कि आए दिन संबद्ध परिसरों एवं निजी संस्थानों में आम जनता और छात्र-छात्राओं को बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा कागजों में फर्जी शिक्षकों व चिकित्सकों की लंबी चौड़ी सूची दिखा कर सम्बंधित चिकित्सा परिषदों एवं विश्ववविद्यालय से मान्यता लेने का काम किया जा रहा है। लेकिन अब यह सब संभव नहीं होगा। कुलपति ने संस्थाओं की शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सभी संस्थाओं से फर्जीवाड़ा समाप्त करने और शैक्षणिक कार्यो के उन्नयन हेतु उपलब्ध शिक्षकों और चिकित्सकों का ब्यौरा तलब करने का निर्देश दिया। निर्देशों का पालन करते हुए विवि के कुलसचिव डा. अनूप कुमार गक्खड़ ने अबिलम्ब सभी संस्थाओं से तीन दिन के भीतर ब्यौरा तलब किया है। विवि के इस कदम ने आयूष चिकित्सा शिक्षा माफियाओं में हड़कंप मचा दिया है।
आधार के साथ देना होगा पैन कार्ड नंबर
विश्वविद्यालय में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के परिसर ऋषिकुल व गुरुकुल के निदेशक, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय मुख्य परिसर के प्रभारी अधिकारी के साथ ही समस्त निजी आयुर्वेद/होम्योपैथी व यूनानी महाविद्यालयों के प्रभारी और अधीक्षकों को लिखित रूप में फैकल्टी की जानकारी भेजने का निर्देश दिया है। जानकारी में संस्थानों को शिक्षकों को चिकित्सक का नाम, पदनाम, विभाग, शैक्षिक योग्यता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, स्थाई पता, वर्तमान पता, आधार कार्ड नंबर व बैंक अकाउंट नंबर के साथ ही पैन कार्ड नंबर भी मांगा है। विशेषज्ञों की माने तो विवि के इस कदम से दो-दो जगह सेवाएं देने वाले शिक्षकों के फर्जीवाड़े पर तो लगाम लगेगी ही। साथ ही ऐसे संस्थान जो केवल कागजों में ही फैकल्टी दर्शाने का कार्य करते हैं, उनके कारगुजारियां भी सामने आएंगी। 

अगले साल दून से चलने लगेगी 18 कोच की ट्रेनें

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देहरादून। राजधानी दून में अभी भी 18 कोच की रेलगाड़िया नही आती है। जबकि राजधानी बनने के बाद से यहां यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। दून रेलवे स्टेशन की क्षमता बढ़ाने के लिए इस योजना पर रेलवे द्वारा कार्य शुरू कर दिया गया है और अगले साल 2018 में 18 कोच की ट्रेनें दून तक चलने लगेंगी। इसके लिए नया प्लेटफार्म और भी तैयार किया जा रहा है।
दून स्टेशन पर प्लेटफार्म की क्षमता कम होने और हरिद्वार-देहरादून के बीच लूप लाइन न होने के कारण दून स्टेशन तक अधिकतर 13 कोच की ट्रेन ही आती हैं। यात्रियों की अत्यधिक भीड़ होने के बावजूद रेलवे चाहकर भी दून से चलने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त कोच नहीं बढ़ा पाता। हांलाकि दून को आने वाली सभी ट्रेनें हरिद्वार तक 18 से 20 कोच लेकर आती है, लेकिन देरहादून स्टेशन की क्षमता मौजूदा समय ज्यादा में 12 या ज्यादा 13 कोच के साथ दून गाड़िया आत है। जिसके कारण रेलवे प्रशासन को हिरद्वार में कोच को कम करना पड़ता है।रेलवे काफी समय से देहरादून-हरिद्वार के बीच 18 कोच की ट्रेनें चलाने की तैयारी कर रहा है जिससे रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा प्राप्त करा सके। इस योजना में सबसे पहले रायवाला और कांसरो रेलवे स्टेशन की क्षमता बढ़ाई गई, लेकिन अभी तक दून स्टेशन की क्षमता को बढ़ाने में विफल रहे जिसके कारण 18 कोच की ट्रेनें यहां तक नहीं आ पाई है।
मौजूदा समय देहरादून स्टेशन तक 23 ट्रेनें आती हैं। इसमें 17 ट्रेनें हर रोज चलने वाली हैं। स्टेशन की क्षमता बढ़ने और नया प्लेटफार्म तैयार होने के बाद यहां ट्रेनों की संख्या बढ़ने की भी संभावना है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
अभी तक देहरादून स्टेशन तक 23 ट्रेनें आती हैं। इसमें 17 ट्रेनें प्रतिदिन चलने वाली हैं। स्टेशन की क्षमता बढ़ने और नया प्लेटफार्म तैयार होने के बाद यहां ट्रेनों की संख्या बढ़ने की भी संभावना है। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी। यह काम अगले साल यानी 2018 में पूरा होने की उम्मीद है। इसके लिए रलवे के वरीय अधिकारियों का कई बार दौरा भी हो चुका है। इस दौरान कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए है। लेकिन एक से दो साल तक इस कार्य को पूरा करने में अभी समय लग सकता है। यही वजह है कि यात्रियों को ट्रेनों में सीटें नहीं मिल पाती और सबसे बड़ी दिक्कत त्यौहारी सीजन में आती है जब अत्यधिक यात्री सफर करने के लिए निकलते हैं और उस कारण ट्रेन फुल हो जाती है। यानि 460 सीटें बढ़ेंगी इन सीटो के बढ़ने से खासकर यात्रियों को अधिक लाभ मिलेगा।
स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में बताया कि अभी चार प्लेटफार्म है और तीन नंबर प्लेटफार्म को छोड़कर अन्य प्लेटफार्म पर 18 बोगी की क्षमता नही है। हालांकि उपासना एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन 17 बोगी और शताब्दी प्रतिदिन 16 बोगी के लेकर प्लेटमार्फ नंबर तीन पर आती है। लगभग एक माह से उपासना एक्सप्रेस 18 बोगी के साथ आ रही है। इसी तरह अन्य गाड़ियां भी अगले वर्षो में सभी प्लेटफार्म पर 18 बोगी के साथ चलेगी। जिससे यात्रियों को आने जाने में सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्लेटफार्म की क्षमता नही होने के कारण गाड़ियों की बोगी हरिद्वार में कम कर दी जाती है।