(उत्तरकाशी) विज्ञान ड्रामा टीम 20 दिसम्बर को राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र प्रगति मैदान दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करेगी। यह टीम सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
राजकीय इंटर कॉलेज कंवा एटहाली की नौ सदस्यीय टीम सोमवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गई। ड्रामा प्रतियोगिता टीम में नीरज बिजल्वाण, संजय, दिवाकर, पूजा, रुची, दीक्षा, रिशिता आदि छात्र-छात्राएं दिल्ली में होने वाले राष्ट्री विज्ञान ड्रामा प्रतियोगिता में शामिल होंगे। दिल्ली रवाना होने से पहले सभी प्रतिभागी मुख्य शिक्षा अधिकारी रमेश आर्य से मिले। आर्य ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। जिला विज्ञान समन्वयक दिवाकर पैन्यूली ने भी टीम सदस्यों को शुभकामनाएं दीं।
राष्ट्रीय विज्ञान ड्रामा के लिए चयनित सभी प्रतिभागी भरत मंदिर इंटर कॉलेज हाल में ही राज्य स्तर की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर राष्ट्रीय स्तर के लिए चुने गए थे। शिक्षक जोशी ने बताया कि इस नाटक के लिए सेट पर कैनवास संजय शाह और उत्तम रावत ने तैयार किया। साथ ही संवेदना समूह के सदस्यों ने भी काफी सहयोग प्रदान किया।
विज्ञान ड्रामा में भाग लेने के लिए टीम रवाना
अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की बारिश के आसार
(देहरादून) मौसम के मिजाज फिर बदले नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले 36 घंटों के दौरान हरिद्वार व यूएस नगर में घना कोहरा पड़ने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले स्थानों- उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। शेष प्रदेश में अभी मौसम सूखा बना रहेगा। सोमवार को देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान करीब 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
निजी विश्वविद्यालयों का शैक्षिक स्तर गिरना चिंतनीय: निशंक
देहरादून, देश में निजी विश्वविद्यालयों का शैक्षणिक स्तर बेहद खराब है। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से सासंद, सरकारी आश्वासन संसदीय समिति के सभापति और पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान देश के निजी विश्वविद्यालयों में गिरते शैक्षणिक स्तर पर चिंता प्रकट की। उन्होंने वैश्विक प्रतिस्पर्धा के युग में भारतीय विश्वविद्यालयों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी मांगी।
सोमवार को प्रश्नकाल के दैरान डॉ निशंक ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से पूछा कि क्या सरकार ने निजी विश्वविद्यालयों को स्तरीय पाठ्यक्रम बनाने के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किया है। उन्होंने यह भी पूछा कि अनुसंधान की उत्कृष्टता के लिए सरकार द्वारा क्या कोई प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा, विभिन्न संकायों का स्तर ऊंचा उठाने के लिए मंत्रालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगते हुए उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा स्थापित किए जा रहे विश्वविद्यालयों के लिए गुणवत्ता मानक स्थापित करने की मांग की। सवाल के जवाब में मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा बताया गया कि सरकार देश के विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों की गुणवत्ता का स्तर ऊपर उठाने के लिए प्रयास कर रही है। मंत्रालय ने यह भी अवगत कराया कि निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना संबंधित राज्य सरकार के अधिनियम के द्वारा की जाती है और उन्हें संबंधित अधिनियम के प्रावधानों द्वारा शासित किया जाता है। तथापि, यूजीसी, विनियम, 2003 के अनुसार, सभी निजी विश्वविद्यालयों में मानकों को पाठ्यचर्या संरचना, विषय-वस्तु, शिक्षण और अधिगम प्रक्रिया, परीक्षा और मूल्यांकन प्रणाली और छात्रों के प्रवेश के लिए पात्रता मानदण्ड समेत प्रथम डिग्री और स्नात्कोत्तर डिग्री-डिप्लोमा कार्यक्रम से संबंधित सभी प्रासंगिक इन कार्यक्रमों को प्रारम्भ करने से पूर्व यूजीसी द्वारा विश्वविद्यालयवत निर्धारित प्रारूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
मंत्रालय ने डॉ. निशंक को यह भी बताया कि निजी प्रबंधित संस्थाओं को भी सामान्यतः निजी विश्वविद्यालयों के रूप में निर्दिष्ट किया जाता है। इन संस्थाओं के लिए ज्ञान के क्षेत्र में विकास के दृष्टिगत यूजीसी विनियम-2016 में प्रत्येक तीन वर्ष में पाठ्यक्रम की समीक्षा का प्रावधान अनिवार्य है। मानव संसाधन मंत्री ने उनको निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति, कुलपति एवं शीर्ष प्रबंधन की नियुक्तियों पर प्रश्न उठाते हुए उन्होंने सरकार द्वारा सुयोग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर जोर दिया। डॉ. निशंक ने कहा कि किसी भी संस्थान का नेतृत्व सक्षम होगा तभी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के युग में हम अपनी श्रेष्ठता साबित कर सकते हैं । उन्होंने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों में शीर्ष पदों पर अयोग्य व्यक्त्यिों के नियुक्त होने से शैक्षिक उत्कृष्टता को काफी क्षति पहुंची है।
डॉ. निशंक ने सरकार द्वारा इस दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी। मंत्रालय ने उनको बताया कि उपरोक्त वर्णित दोनों संस्थाएं यूजीसी (विश्वविद्यालय और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक स्टाफ की नियुक्ति सहित सभी प्रकार की नियुक्तियों हेतु न्यूनतम अर्हता और निजी विश्वविद्यालयों में मानकों के अनुरक्षण हेतु अन्य उपाय) विनियमन, 2010 द्वारा शासित है, जिसके तहत संकाय और अन्य कार्मिकों की न्यूनतम अर्हता का अनुपालन करना अपेक्षित है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने लोक सभा में नियम 377 के तहत सरकार का ध्यान उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में वन्य जंगली जानवरों के द्वारा किसानों की फसलों को हानि पहुंचाने संबंधी मामला भी सरकार संज्ञान में लाई।
बायोमेट्रिक मशीन नहीं लगने से डीएम ने किया जवाब तलब
(पौड़ी) जनपद पौड़ी गढ़वाल में जिलाधिकारी सुशील कुमार में चाकीसैंण तहसील क्षेत्रांतर्गत विभिन्न विभागों में अभी तक बायोमैट्रिक मशीन नहीं लगाए जाने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने तहसील के अन्तर्गत सभी कार्यालयों में 15 दिन के भीतर बायोमैट्रिक मशीन लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि निर्देशों के बावजूद भी चाकीसैंण स्थित एक दर्जन से अधिक कार्यालयों में बायोमैट्रिक मशीने नहीं लगाई गई हैं। पैठाणी स्थित रेंज कार्यालय, पीएचसी और सीएचसी, प्रौद्योगिकी संस्थान, राठ महाविद्यालय, कृषि इकाई, होम्योपैथी चिकित्सालय और चाकीसैंण स्थित पशुपालन केंद्र एवं कृषि इकाई, जीआईसी गुलियारी, राजकीय महाविद्यालय मजरा महादेव, कस्तूरबा गांधी नवोदय विद्यालय त्रिपालीसैंण में बायोमैट्रिक मशीने नहीं लगाई गई हैं। डीएम ने एक सप्ताह के भीतर उक्त सभी कार्यालयों का स्पष्टीकरण तलब किया हैं। उन्होंने जिला स्तरीय सभी अधिकारियों को अधीनस्थ कार्यालयों में बायोमैट्रिक मशीने लगवाने के भी निर्देश दिए हैं।
बिजली कर्मचारियों ने 5 जनवरी से किया हड़ताल का ऐलान
देहरादून। बिजली कर्मचारियों ने सरकार के एस्मा के जवाब में आगामी पांच जनवरी से जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया है। उत्तराखंड के गठन के बाद यह पहला मौका होगा जब राज्य में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे। विभाग के कर्मचारी मंगलवार को ऊर्जा निगम मुख्यालय में कैंडल मार्च भी निकालेंगे। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में पे-मेट्रिक्स व एसीपी की विसंगतियों को दूर करना शामिल हैं।
इसको लेकर सरकार की ओर से दबाव बनाने को लेकर अभी तक की गई चेतावनियों को कर्मचारियों ने सिरे से खारिज करते हुए अपना रुख साफ कर दिया है। उनका कहना है कि यदि एक भी कर्मचारी पर कार्रवाई हुई तो गिरफ्तारियां दी जाएंगी। विद्युत संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य मंत्री धनसिंह रावत के समक्ष अपना पक्ष भी रखा। मंत्री ने कहा कि जब यूपी राज्य विद्युत निगम, केंद्र सरकार के उपक्रम यूजीसी, ओएनजीसी भी अपने तय वेतनमान के लिहाज से ही सातवें वेतनमान का भुगतान कर रहे हैं तो उत्तराखंड के अफसर विवाद खड़ा क्यों कर रहे हैं। विद्युत संघर्ष समिति के प्रवक्ता डीसी गुरुरानी ने सोमवार को बताया कि एस्मा के खिलाफ जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। अफसर बिजली कर्मचारियों के लिए वित्त के नियमों का पाठ पढ़ा रहे हैं।
गोहरी रेंज के वन कर्मियों और गुज्जरों के बीच मार-पीट
ऋषिकेश। ऋषिकेश के गोहरी रेंज स्थित राजाजी नेशनल पार्क के जंगलों में रह रहे गुज्जरों ने पार्क के वन कर्मियों पर हमला कर दिया,जिसमें कुछ वनकर्मी घायल हो हुए, जिनका उपचार किया जा रहा है। आपको बता दें की जंगल से लकड़ी काटने पर रोके जाने से गुस्साए गुज्जरों ने वन कर्मियों पर धार-दार हथियार से हमला कर दिया। जिसमें कुछ वनकर्मी भी घायल हो गए, बात को बढ़ता देख वनकर्मी किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भाग खड़े हुए। फिलहाल मामले की शिकायत लक्ष्मण झूला थाने में वन विभाग द्वारा कर दी गई है, घटना के बाद से ही राजाजी नेशनल पार्क के वन कर्मियों में काफी रोष देखने को मिल रहा है। वहीँ वन रेंज अधिकारी राजेंदर नौटियाल ने बताया की मामले की शिकायत लक्ष्मण झूला थाने में करा दी गयी है।
अडानी समूह ने रद्द किया ऑस्ट्रेलिया में विवादास्पद खनन ठेका
(नई दिल्ली/अहमदाबाद)। भारत के अग्रणी कारोबारी समूह अडानी ग्रुप ने ऑस्ट्रेलियाई खनन कंपनी डॉउनर के साथ कार्माइकेल कोयला खान ठेका रद्द कर दिया है। अडानी ग्रुप ने इसे लागत में कटौती के लिए उठाए जा रहे आंतरिक प्रयासों का हिस्सा बताया। कार्माइकेल कोयला खान के चलते अडानी समूह को ऑस्ट्रेलिया में लगातार पर्यावरण स्वयंसेवी समूहों के विरोध का सामना करना पड़ रहा था।
ऑस्ट्रेलियन मीडिया के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में 16.5 अरब डॉलर की कार्माकेल कोयला खनन परियोजना का ठेका अडानी समूह को 2010 में मिला था। इसके लिए अडानी समूह ने ऑस्ट्रेलियन कंपनी डॉउनर के साथ 2.6 अरब डॉलर का करार भी कर लिया था। इतना ही नहीं एक हफ्ते पहले ही क्वीसलैंड राज्य सरकार कंपनी को इस परियोजना के लिए 900 मिलियन डॉलर का रियायती कर्ज मंजूर किया था। अडानी समूह ने नार्थन ऑस्ट्रेलिया इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी (एनएआईएफ) से इस रियायती कर्ज के लिए आवेदन किया था। जिससे समूह कार्माइकेल कोयला खान से नजदीकी समुद्र तट पर बने बंदरगाह को जोड़ने वाली रेल पटरी बिछा सके। कार्मोइकेल कोयला खान परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक थी लेकिन पर्यावरण से जुड़े समूहों ने लगातार इस परियोजना का विरोध करना शुरू कर दिया। पर्यावरण समूहों का आरोप था कि अडानी समूह की इस परियोजना के चलते ग्रेट बैरियर रीफ को बहुत नुकसान पहुंचता। इतना ही नहीं आशंका थी कि अडानी समूह ग्रेट बैरियर रीफ को अपने जहाजों के लिए रास्ता बनाने की प्रक्रिया में तोड़ भी सकता था। वहीं जहाजों से रिसने वाले तेल से सामुद्रिक जीवन को नुकसान पहुंचता
ऋषिकेश में योग और ध्यान में लीन ‘यो यो’ हनी सिंह
युवा दिलों की धड़कन कहे जाने वाले जाने माने रैप सिंगर हनी सिंह इन दिनों गंगा किनारे अपना समय बिता रहे हैं। इन दिनों हनी सिंह ऋषिकेश में योग और मेडिटेशन कर रहे हैं।
तकरीबन दो सालों से सुर्खियों से दूर रहने वाले हनी सिंह इन दिनों गंगा किनारे सभी मोह माया को त्यागकर योग और ध्यान में लीन हैं। यह बात हनी सिंह की दो फोटो सोशल मीडिया पर आने के बाद सामने आई। फोटो में हनी सिंह ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला पुल के पास निम बीच में गंगा किनारे बैठे दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं उनको देखकर साफ लगता है कि अब वो अपनी बीमारी से काफी हद तक उभर गए हैं। जानकारों की मानें तो हनी सिंह ऋषिकेश में बीते सात दिसम्बर को आए थे। उनके साथ उनके तीन साथी भी आए हुए हैं।
लंबे वक्त से बाइपोलर डिसअॉर्डर से जूझ रहे हनी सिंह
हनी सिंह पिछले लंबे समय से बाइपोलर डिसऑर्डर नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। इतना ही नहीं हनी सिंह बीते काफी वक्त से कोई गीत या रैप भी नहीं गाया। स्टेज शो से भी हनी सिंह दूरी बनाए हुए थे। पिछले काफी समय से ‘यो यो’ हनी के बारे में कई तरह की बातें चर्चाओं में आई हैं। इसमें बाइपोलर डिसऑर्डर बीमारी की बात भी शामिल है। खुद हनी सिंह भी ये बात बता चुके हैं। इतना ही नहीं हनी ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में ये भी बताया कि वो शराब के आदि हो गए थे, लेकिन अब वो ठीक हैं और जल्द वापसी करेंगे। हालांकि, हनी अभी भी मीडिया से दूरी ही बनाए हुए हैं, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, हनी सिंह जल्द ही नए गाने के साथ फिर से वापसी की तैयारी में हैं। इसी को लेकर वे ऋषिकेश में गंगा किनारे अपने नए गानों की बीट तैयार करने में लगे हैं। यहां वे योग और मेडिटेशन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि वे अभी यहां लंबे समय तक रुकेंगे।
ट्रेचिंग ग्राउंड मामले को लेकर व्यापार मंडल ने जताया रोष
ऋषिकेश, ट्रेचिंग ग्राउंड के मामले में सर्वदलीय आंदोलन की सुध नहीं लिए जाने पर नगर उद्योग व्यापार मंडल में रोष व्याप्त है। मामले को लेकर नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल का एक शिष्टमंडल सोमवार दोपहर नगर अध्यक्ष जयदत्त शर्मा की अध्यक्षता में उप जिलाधिकारी से मिला और प्रशासन की उपेक्षा को लेकर जबरदस्त आक्रोश जताया।
सोमवार को प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व कर रहे व्यापार मण्डल के अध्यक्ष शर्मा ने उपजिलाधिकारी को बताया कि पिछले 25 दिन से ज्यादा समय से ट्रेचिंग ग्राउंड के मामले मे चल रहे आंदोलन के बावजूद शासन या किसी भी जनप्रतिनिधि के द्वारा धरना स्थल पर जाकर ट्रेचिंग ग्राउंड से संबंधित समस्या के समाधान पर आकर कोई बात नहीं की और न ही समाधान के लिए अपनी ओर से कोई प्रस्ताव रखा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही इस समस्या के समाधान के लिए कोई पहल शासन स्तर पर नहीं की गई तो धरने को समाप्त करने का कोई प्रयास नहीं किया जाएगा।
व्यापार मंडल जो कि अभी तक सिर्फ इस धरने का समर्थन कर रहा है वह सक्रिय रूप से इस आंदोलन में शिरकत करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ट्रेचिंग ग्राउंड के साथ-साथ चंद्रेश्वर नगर के अंदर कूड़े के कंटेनर को हटाने को लेकर किए जा रहे आंदोलन पर भी प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने पर रोष प्रकट किया।
पर्यटकों से गुलजार है राजाजी नेशनल पार्क
देहरादून। हरिद्वार स्थित राजाजी नेशनल पार्क इन दिनों पर्यटकों से गुलजार है। देश ही नहीं विदेशी पर्यटक भी पार्क में भ्रमण कराने के लिए व्यापक मात्रा में रोज पहुंच रहे हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए पार्क स्थित चीला रेंज के वार्डन अजय शर्मा ने बताया कि अभी तक कुल 2249 पर्यटक पार्क का भ्रमण कर आनन्द उठा चुके हैं।
अजय शर्मा के अनुसार इन पर्यटकों में 190 विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। राजाजी पार्क का लुफ्त उठाने के लिए रोजाना पर्यटक चीला रेंज स्थित पार्क के कार्यालय में पहुंचते हैं। सरकारी जीप व हाथी पर सवारी कर क्षेत्र का भ्रमण करते हैं। पार्क क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के चलते अभी तक विभाग को 6,12,290 (छह लाख बराह हजार दो सौ नब्बे रुपये मात्र) की आय हो चुकी है। इस आकड़े में अभी और वृद्धि होने का अनुमान है।