पर्वतीय क्षेत्रों में महिला आर्थिकी की रीढ़ हैंः डीएम

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पौड़ी। जनपद पौड़ी गढ़वाल में दीनदयाल अन्त्योदय योजना के अधीन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आजीविका गतिविधियों के संचालन को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण गौरीकोट में आयोजित किया गया।

जिलाधिकारी सुशील कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने विभिन्न स्वयंसेवी सहायता समूहों की महिलाओं से कहा कि वे खेती को कलस्टर के रूप में अपनाकर अपनी आय आगामी पांच वर्षों में दोगुनी करने के लिए कृत संकल्पित हों। जिलाधिकारी ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाएं ही आर्थिकी की रीढ़ हैं। जिनका सामाजिक और आर्थिक उन्नयन करने के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। उन्होंने गौरी समूहों के तृतीय स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि इस समूह ने वर्ष 2014 में जहां 10 नाली बंजर भूमि पर खेती कर अपने समूह को आर्थिक रूप से मजबूत किया है। वहीं अब यह समूह सौ नाली क्षेत्रफल में कृषि, पशुपालन, मुर्गी तथा मत्स्य पालन एवं बेमौसमी सब्जी उत्पादन कर अपनी आर्थिकी को और सुदृढ़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तरीय समिति के गठन के बाद पंचायत स्तर पर समितियों का गठन कर समूहों को सुदृढ़ बनाया जाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, मृदा परीक्षण के साथ ही कृषि यंत्रिकरण एवं उवर्रकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के लिए विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देशित किया। उन्होंने केवीके भरसार के कृषि विशेषज्ञों को इन समूहों को खेती की नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी समूह तभी सफलता प्राप्त कर सकता है, जब उस समूह के सदस्यों को योजनाओं की जानकारी व दृढ़ ईच्छा शक्ति और सबकी सहभागिता से कार्य करने का संकल्प हो। प्रशिक्षण कार्यशाला में जिलाधिकारी ने पंजाब नेशनल बैंक द्वारा सीसीएल के तहत गौरी समूह को पचास हजार रुपये की स्वीकृति का पत्र समूह की अध्यक्षा मालती देवी को भेंट किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के उद्देश्यों को लेकर जिला मिशन प्रबंधक व अपर परियोजना निदेशक सुनिल कुमार ने ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों का सामाजिक एवं आर्थिक विकास करने के लिए विभागीय अधिकारियों को समूहों के साथ बैठकर विस्तृत चर्चा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा वजली जिसके तहत 17 समूह कार्यरत हैं। उन्होंने इन गांवों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि क्षेत्र को ग्रामीण पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए यहां पर दो हट्स बनाने तथा मत्स्य तालाबों का विकास करने के अलावा स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने की बात भी कही। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी रवनीत चीमा ने महिलाओं द्वारा बंजर भूमि को आबाद करने और उससे अपने परिवार का भरण पोषण कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ करने पर बधाई दी। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वे और अधिक क्षेत्रफल में अच्छा उत्पादन कर क्षेत्र को किसी प्रमुख उत्पादन के लिए प्रसिद्ध करने के लिए कार्य करने करें। उन्होंने दलहन व तिलहन के अलावा सोयाबीन की खेती कर आर्थिकी बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं किसी से कम नहीं हैं और अब खेती को कलस्टर के रूप में और अधिक क्षेत्रफल में ज्यादा उत्पादन कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सकती हैं। प्रशिक्षण कार्यशाला में बैंक सुविधाओं, किसान क्रेडिट कार्ड, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसल बीमा, कृषि यंत्रिकरण, उवर्रकों की आपूर्ति तथा बंजर भूमि को खेती के लिए उपयोग में लाने के लिए लीज की व्यवस्था जैसे विषयों पर विभागीय अधिकारियों द्वारा स्वयं सेवी समूहों के सदस्यों को विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर लीड बैंक प्रबंधन नंदकिशोर, आरसेटी प्रबंधक जेएस मर्तोलिया, उप महाप्रबंधक नाबार्ड बृजेंद्र सिंह नेगी, सहायक निबंधक सहकारिता सुमन कुमार, डीएसटीओ निर्मल शाह, खंड विकास अधिकारी पौड़ी पीके त्रिवेदी, बीडीओ कोट सुरेंद्र नौटियाल, गौरी समूह को प्रबंधक अनिल रावत, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष केशर सिंह नेगी, शैलेंद्र नौटियाल, रेखा देवी, जानकी देवी, माया देवी, लक्ष्मी देवी, चंद्रा देवी, मालती देवी, मोहनी, निर्मला, प्रमिला समेत क्यार्क व सिरोली क्षेत्र के स्वयं सेवी समूहों की महिला सदस्य उपस्थित रहे।