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मैड द्वारा आयोजित ‘रिस्पना रिटर्न’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रतिभाग किया।

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मुख्यमंत्री रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाॅल में सामाजिक संस्था मैड द्वारा आयोजित ‘रिस्पना रिटर्न’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि, “सरकार ने रिस्पना को पुनर्जीवित करने का जो लक्ष्य रखा है उसमें सबका सहयोग जरूरी है। किसी भी बड़े अभियान को सफल बनाने के लिए जन सहयोग सबसे जरूरी है।  इस अभियान को सफल बनाने में पर्यावरणविदों, संत समाज, सेना, वैज्ञानिकों, सामाजिक संस्थाओं एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों से जुड़े लोगों का सहयोग सरकार को मिल रहा है।”
उन्होंने कहा कि रिस्पना नदी में वृक्षारोपण, ट्रेंचेज एवं सफाई का पूरा कार्य जनसहयोग से एक दिन में किया जायेगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्होंने सभी से सहयोग की अपील की है।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा कि, “रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने का सरकार ने जो निर्णय लिया है, जन सहयोग एवं एक संकल्प तथा एक भाव से कार्य कर यह मिशन पूरा किया जायेगा।”
ईको टास्क फोर्स के कर्नल एचआरएस राणा ने कहा कि, “रिस्पना को पुनर्जीवित करने का जो प्लान बनाया गया है, विभिन्न संगठन के सहयोग से यह प्रयास सफल होता दिख रहा है।सितम्बर तक रिस्पना को पुनर्जीवित करने का पूरा प्रयास किया जायेगा।”
इस अवसर पर मैड संस्था के कार्यकर्ताओं द्वारा गंगा की स्वच्छता और निर्मलता पर जनजागरूकता के लिये लघु नाटिका का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। मुख्यमंत्री ने रिस्पना रिटर्न पर आधारित पुस्तक का भी विमोचन किया।  कार्यक्रम में वैज्ञानिक प्रो. दुर्गेश पंत, मैड संस्था के अभिजय एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

सब्जी बेचकर परिवार का पालन-पोषण किया, अब चलाती हैं ‘ह्यूमैनिटी मल्टीस्पेशियलिटी’ अस्पताल

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कोलकाता, पद्मश्री सम्मानों की तालिका में बंगाल की पांच विभूतियों को शामिल किया गया है। इनमें विजय किचलू (संगीत), कृष्णबिहारी मिश्र (शिक्षा-साहित्य), अमिताभ राय (इंजीनियर), सुधांशु विश्वास (समाजसेवक) तथा सुहासिनी मिस्त्री (समाजसेविका) शामिल हैं।

सुहासिनी मिस्त्री (समाज सेविका)- 75 वर्षीय सुहासिनी मिस्त्री को उनके सेवामूलक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया है। उन्होंने पति के असमय मृत्यु के बाद सब्जी बिक्री करके परिवार का पालन-पोषण किया। आर्थिक संकटों से जूझने के बावजूद उन्होंने गरीबों की सेवा की। इसके लिए उन्होंने 1996 साल में दक्षिण कोलकाता के हंसपुकुर इलाके में ‘ह्यूमैनिटी मल्टीस्पेशियलिटी’ अस्पताल का भी निर्माण करवाया।

कृष्णबिहारी मिश्र (शिक्षा-साहित्य)- 82 वर्षीय कृष्णबिहारी मिश्र को साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न विधाओं– पत्रकारिता, विचार प्रधान निबंध संग्रह, ललित निबंध संग्रह और संस्मरण आदि पर श्रेष्ठ लेखन के लिए चुना गया। उन्होंने कई पुस्तकों का संपादन तथा अनुवाद भी किया। उनकी चर्चित पुस्तकें- कल्पतरु की उत्सव लीला (रामकृष्ण परमहंस), मकान उठ रहे हैं (ललित निबन्ध), जातीय चेतना और खड़ी बोली साहित्य की निर्माण-भूमि (हिंदी पत्रकारिता पर आधारित) उल्लेखनीय है। उन्हें इससे पहले मूर्तिदेवी पुरस्कार व ज्ञानपीठ पुरस्कार भी प्रदान किया जा चुका है।

सुधांशु विश्वास (समाजसेवक)- 99 वर्षीय सुधांशु विश्वास को ग्रामीणों की सेवा तथा कई शिक्षण संस्थान, अनाथालय, अस्पताल बनवाने के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने दक्षिण (24 परगना) जिला स्थित सुन्दरवन इलाके में रामकृष्ण सेवाश्रम का निर्माण करवाया तथा जरूरतमंदों की सेवा में सदैव तत्पर रहे।

विजय किचलू (संगीत)- 88 वर्षीय विजय किचलू को संगीत के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। शास्त्रीय गायक किचलु ने डागर बन्धुओं से ध्रुपद की शिक्षा प्राप्त की। वे 25 साल तक आईटीसी संगीत अकादमी के संस्थापक और प्रमुख थे। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में आने वाली प्रतिभाओं के संरक्षण और पोषण के लिए संगीत अनुसंधान अकादमी की स्थापना की।

चन्द्र ग्रहण 31 को, इन राशियों के जातकों के लिए होगा कष्टकारी

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हरिद्वार। वर्ष 2018 का पहला चन्द्र ग्रहण आगामी 31 जनवरी को होगा। इस बार भी चन्द्र ग्रहण का प्रभाव राशियों पर अलग-अलग होगा। करीब पौने तीन घंटे तक चलने वाले इस ग्रहण में कई संयोग इस बार पड़ रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य पं. डा. मणीराम त्रिपाठी के अनुसार चन्द्र ग्रहण 31 जनवरी को सांयकाल 5 बजकर 18 मिनट व 27 सेेकेण्ड से शुरू होगा। ग्रहण का मध्य काल 6 बजकर 59 मिनट व मोक्षकाल 8 बजकर 41 मिनट व 11 सेकेण्ड पर होगा। श्री त्रिपाठी के अनुसार करीब पौने तीन घंटे तक चलने वाले इस चन्द्र ग्रहण का सूतक काल प्रातः 8 बजकर 18 मिनट से आरम्भ हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार चन्द्र ग्रहण का प्रभाव मेष, वृष, कन्या व धनु राशि वालों के लिए शुभ होगा। इन राशि वाले जातकों के लिए ग्रहण का फल उन्नति कारण व धन लाभ वाला होगा। जबकि मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ व मीन के लिए ग्रहण कष्टकारी होगा। त्रिपाठी के अनुसार ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए जातकों को सप्तधान, पंचरत्न, तेल, सफेद वस्तु, चावल व फल का दान करना श्रेयकर होगा। ग्रहण व सूतक काल में स्नान, दान, जप मंत्र जप, मंत्र सिद्धि, तीर्थस्नान, हवन आदि करना शुभकारक होगा। पं. मणीराम त्रिपाठी के अनुसार ग्रहण काल में गर्भवती स्त्री को सब्जी काटना, पापड़ सेकना व सोना निषिद्ध माना गया है। इसके अतिरिक्त ग्रहण व सूतक काल में मूर्ति स्पर्श, खाना-पीना व सोना भी वर्जित है। वृद्ध, बच्चे तथा रोगियों के लिए यह वर्जित नहीं बताया गया है। श्री त्रिपाठी ने बताया कि ग्रहण काल में सभी कष्टों से निवृत्ति पाने के लिए मंत्र जप व दान से उपयुक्त कोई अन्य उपाय नहीं है। 

ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंचे सिलिक

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जोहान्सबर्ग, क्रोएशिया के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी मारिन सिलिक ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंच गए हैं। छठीं वरीय सिलिक ने गुरूवार को ब्रिटेन के काइल एडमंड को सीधे सेटों में मात दी।

सिलिक ने सेमीफाइनल मुकाबले में एडमंड को -2, 7-6 (7-4), 6-2 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। इसी के साथ सिलिक ऑस्ट्रेलियाई ओपन के फाइनल में पहुंचने वाले पहले क्रोएशियाई खिलाड़ी बन गए हैं।

खिताबी मुकाबले में सिलिक का सामना 19 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता स्विट्ज़रलैण्ड के रोजर फेडरर और दक्षिण कोरिया के चुंग ह्योन को बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा।

ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में पहुंची वोज़्निएकी

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मेलबर्न, डेनमार्क की केरोलाईन वोज़्निएकी ऑस्ट्रेलियन ओपन के महिला एकल वर्ग के फाइनल में पहुंच गई हैं। वोज़्निएकी ने गुरूवार को सेमीफाइनल मुकाबले में बेल्जियम की इलिस मर्टेंस को मात दी।

दूसरी वरीय वोज़्निएकी ने विश्व के 37वें नंबर की मर्टेंस को 6-3 7-6 (7-2) से मात दी। खिताबी मुकाबले में अभ उनका सामना शीर्ष वरीय रोमानिया की सिमोना हालेप और जर्मनी की एंजेलिक केर्बर के बीच होने वाले मुकाबले की मैच की विजेता से होगा। 

बाघों की बढी संख्या वन्य जीव प्रेमियों के लिए शुभ संकेत

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रामनगर, बाघों की सुरक्षा को लेकर चल रहे मंथन में सब कुछ ठिक ठाक ही रहा, बाघों के संरक्षण में पौडी जिले का लैंसडाउन जहां सबसे बेहतर माना गया वहीं कार्बेट में भी बाघों की संख्या बढकर सामने आयी है जो वन्य जीव प्रेमियों के साथ ही वनाधिकारियों के लिए भी शुभ संकेत है। वहीं इस संख्या को और भी बडाने पर जोर दिया गया, दो दिवसीय बैठक में बाघों की सुरक्षा और वन्य जीवों के संरक्षण पर अधिकारियों ने कई प्रस्ताव भी रखे, साथ ही इस दौरान टाइगर रिजर्व के बाहर बाघों के संरक्षण के मामले में उत्तराखंड के पौड़ी जिले का लैंसडौन वन प्रभाग देश में पहले और विश्व में तीसरे स्थान पर है। इस उपलब्धि पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) अब इस वन प्रभाग को फंडिंग भी करने का मन बना रहा है।

देश में बढ़ी बाघों की संख्या से वन्य जीव प्रेमी उत्साहित हैं, कार्बेट नेशनल पार्क के पास में 13 राज्यों के वनाधिकारी जुटे तो बाघ संरक्षण पर गहन मंथन किया गया। दो दिनी बैठक में वक्ताओं ने कहा कि देश में बाघों की बढ़ती तादाद सुखद संकेत है और आगामी गणना में इसमें और इजाफा होना तय है। वर्ष 2014 में देश में बाघों की संख्या 2226 रही जबकि इस साल हो रही गणना में संख्या में उल्लेखनीय इजाफा हो सकता है।

बाघ संरक्षण के मामले में कॉर्बेट नेशनल पार्क की सराहना की गयी,साथ ही पार्कों के बाहर भी बाघों का बेहतर संरक्षण हो रही है इसकी भी प्रसंशा की गयी, वक्ताओं ने बताया कि टाइगर रिजर्व से बाहर उत्तराखंड का लैंसडौन वन प्रभाग एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे एनटीसीए ने अभी तक कोई फंडिंग नहीं की। इसके बावजूद प्रभाग बाघ संरक्षण के मामले में देश में पहले और विश्व में तीसरे नंबर पर हैं। इस मौके पर मौजूद प्रदेश के वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बाघ संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वन्यजीव व बाघ संरक्षण के लिए जनसहभागिता का अहम योगदान है।

उत्तराखंड के पंकज की बहादुरी को पीएम मोदी का सलाम

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देहरादून, इस गणतंत्र दिवस एक बार फिर उत्तराखंड ने एक और वीरता पुरस्कार जीत लिया है और यह पुरस्कार मिला है दून के पंकज सेमवाल को जिन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए अपनी मांं को खूंखार तेंदूए के पंजे से बचाया। टिहरी के पंकज सेमवाल की बहादुरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटी उम्र में तेंदुए से भिड़ने वाले पंकज को असाधारण बालक बताया है। उन्होंने मां की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह न करने के लिए पंकज को ‘दूसरा श्रवण कुमार’ कहा।

गौरतलब है कि 10 जुलाई 2016 की रात पंकज की मां बिमला देवी घर के आंगन में काम कर रही थी। उस समय पंकज, छोटा भाई और बहन भी वहीं मौजूद थे। इस दौरान आंगन में घात लगाए बैठे गुलदार ने मौका देख पंकज की मां पर हमला कर दिया। मां की चीख सुन पंकच वहां दौड़ा चला आया और बिना डरे तेंदुए पर टूट पड़ा। पकंज ने गुलदार का डटकर सामना किया। जिसके बाद तेंदुए बिमला देवी को छोड़कर भाग गया।

प्रधानमंत्री ने पंकज को देश का सर्वोच्च बाल सम्मान “राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार” प्रदान किया। इस दौरान हर कोई उत्तराखंडवासी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था। प्रधानमंत्री से मुलाकात से एक दिन पूर्व पंकज ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी विशेष भेंट की।

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चयनित टिहरी के पंकज सेमवाल समेत सभी वीर बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास में मुलाकात की। प्रधानमंत्री मोदी ने इन सभी बच्चों से व्यक्तिगत बातचीत की। प्रधानमंत्री को जब पंकज सेमवाल की वीरता का परिचय दिया गया तो वे बेहद प्रभावित हुए।

उत्तराखंड बाल कल्याण परिषद के संयुक्त सचिव केपी भट्ट ने बताया कि, “प्रधानमंत्री मोदी ने पंकज की प्रशंसा करते हुए कहा कि छोटी उम्र में गुलदार से भिड़ने का मजबूत हौसला असाधारण है।उन्होंने कहा कि अपनी मां व भाई-बहन को बचाने के लिए पंकज ने अपने प्राणों की चिंता नहीं की। यह सभी बच्चों के लिए मातृभक्ति की मिसाल बनेगा।” 

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंकज समेत सभी वीर बच्चों को राष्ट्रीय वीरता मेडल पहनाया और 20 हजार रूपये का चैक व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। अब 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर होने वाली परेड में सभी वीर बच्चों को शामिल होने का मौका मिलेगा।

पंकज समेत सभी वीर बच्चों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में भी विशेष भेंट की थी। वहीं, इससे पूर्व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, थलसेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत समेत कई अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मुलाकात कर चुके हैं।

मसूरी के “अंगार” लौटायेंगे शहर को उसकी खोई रौनक

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मसूरी, पिछले कई सालों में बेतरतीब निर्माण और अनदेखे पर्यटन के चलते मसूरी के हालात बद से बदत्तर हो गयी हैं। सरकारी उदासीनता झेलती पहाड़ों की इस रानी को बचाने के लिये अब शहर के ही बाशिंदों ने कमर कस ली है। मसूरी के रहने वाले सुधांशु रावत ने एक ग्रुप बनाया है जिसमें मसूरी के बारे में बेहतर सोच औऱ एक्शन लेने वाले लोगों को जोड़ा गया है। ‘अंगार’ नाम के इस ग्रुप में अब तक शहर के करीब 450 लोग जुड़ चुके हैं। इस ग्रुप का मकसद है शहर को बेहतर बनाने के लिये एक थिंक-टैंक के साथ साथ काम करने वालों को जोङना।

सुधांशू बताते हैं कि, “सालों से हम मसूरी के सुनहरे दिनों की कहानियां सुनते आ रहे हैं औऱ देख रहे हैं किस तरह शहर की हालात खराब हो रही हैं। इस ग्रुप के सदस्य अपने-अपने टैलेंट औऱ संसाधनों का इस्तेमाल कर मसूरी को उसकी खोई शान दिलाने का प्रयास करेंगे।” 

‘अंगार ग्रुप’ का मंत्र कहता है “नो पोलिटिक्स जस्ट वर्क,” इस ग्रुप से जुड़े लोगों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इस ग्रुप में कोई लीडर नही है बल्कि सभी एक मकसद के लिये, एक समान काम करते हैं। इस ग्रुप में लगातार हो रहे काम के चलते कई नये आइडिया सामने आ रहे है।

कुछ दिन पहले ही ग्रुप के सदस्य मारतंड सैली ने मसूरी के एक होटल के बोर्ड पर ध्यान दिलाया। इस बोर्ड पर लगे कई एलईडी वाहन चालकों के लिये खतरनाक साबित हो सकते थे। ग्रुप ने होटल प्रबंधन से मुलाकात की और इस बात को उनके सामने रखा। होटल प्रबंधन ने बात की गंभीरता को देखते हुए बोर्ड पर एलईडी की संख्या कम करने का आश्वासन दिया।

भले ही ये एक छोटा कदम हो लेकिन इस ग्रुप से जुड़े लोगों का मानना है कि बूंद-बूंद से ही सागर बनता है। मसूरी को अपने पुराना और शानदार रूप में देखने की चाह रखने वाले लोगों को आशा है कि ‘अंगार’ जल्द ही जंगल की आग की तरह फैलेगी और पहाड़ों की इस रानी को अपनी खोई शान दिलाने में कामयाब होगी।

गणतंत्र दिवस पर आजाद हुए राज्य की जेल से 8 उम्रदराज़ कैदी

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जब पूरा भारत देश 26 जनवरी मना रहा है जगह-जगह देखभक्ति गाने चल रहे हैं वहीं सच में यह दिन कुछ लोगों के लिए किसी आज़ादी से कम नहीं है। आज जब उत्तराखंड राज्य भी  गणतंत्र दिवस के जश्न में डूबा हुआ है उससे पहले कुछ ऐसा हुआ जो वाकई में रौंगटे खड़े कर देने वाला है।राज्य की विभिन्न जेलों में बंद 8 उम्रदराज बंदियों को आजादी का पैगाम सुनाया जाएगा।

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बंदियों को रिहा होने का आदेश सूबे के राज्यपाल के.के पॉल ने दिया है। जिन बंदियों को जेल की दीवारों से बाहर निकलने का मौका मिलेगा उनमें एक महिला कैदी भी शामिल है।

रिहा होने वाले कैदियो में सिर्फ महिला कैदी ही पचास साल की उम्र की है बाकी सभी कैदी पचास साल से ऊपर से हैं।

गुरुग्राम की घटना पर जवाब दें पीएम : कांग्रेस

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नई दिल्ली, कांग्रेस ने गुरुवार को गुरुग्राम में स्कूली छात्रों की बस पर हुए हमले को दुखद और शर्मनाक करार देते हुए इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब देने की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि खट्टर सरकार राज्य में कानून व्यवस्था के मसले पर पूरी तरह विफल रही है।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को फ़िल्म ‘पद्मावत’ के विरोध प्रदर्शन के दौरान गुरुग्राम में एक स्कूली बस पर कथित करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पत्थर बरसाए थे। इसी सिलसिले में कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि, “कानून व्यवस्था के मामले में मनोहर लाल खट्टर सरकार बार-बार फेल हुई| जाट आंदोलन का वक़्त हो, राम रहीम का मामला हो या पद्मावत के नाम पर बच्चों की बस पर हमला अथवा हाल में हुई रेप की वारदातें। एकतरफ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का मंत्रालय फिल्म रिलीज करने की अनुमति देता है, फिर भाजपा की राज्य सरकारें इसका विरोध करती हैं| यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद इतनी बड़ी घटना हो गई।’

चतुर्वेदी ने कहा, ”इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुप्पी तोड़कर जवाब देना चाहिए| यह घटना देश को शर्मसार करने वाली है| हरियाणा में महिलाएं इतनी असुरक्षित हैं कि सड़कों पर निकलना दूभर हो गया है| कानून व्यवस्था के फेल होने के चलते दुष्कर्म की राजधानी बन चुका है हरियाणा| महिलाओं के आत्मसम्मान को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर बिल्कुल गम्भीर नहीं हैं।”

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार विरोध प्रदर्शन करना गलत नहीं है। लेकिन, विरोध हिंसा की इजाजत नहीं देता है। प्रधानमंत्री को इस मसले पर देश को जवाब देना चाहिए।