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2021 महाकुम्भ की तैयारियों के लिये पुलिस महकमे ने अभी से शुरू की तैयारियां

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(देहरादून) डीजी अनिल कुमार रतूड़ी ने अपने अनुभव साझा करते हुये कहा कि, “पूर्व में वर्ष-2010 में आयोजित हुये महाकुम्भ में लगभग तीन से चार करोड़ श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था। इतनी अधिक संख्या में आये श्रद्धालुओं के लिया व्सवस्था करना एक चुनौती पूर्ण कार्य था। वर्ष-2021 में आयोजित होने वाले महाकुम्भ में इससे अधिक श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है, जिसमें भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबन्धन, सुरक्षा व्यवस्था, संचार आदि व्यवस्थायें करना पुलिस के लिये कई अधिक चुनौती पूर्ण होगा, जिसके लिये हमें अभी से तैयारियां करनी होगी।”

एडीजी अशोक कुमार ने महाकुम्भ-2021 के आयोजन के लिया तैयारियों के बारे में बताया।

  • कुम्भ क्षेत्र में स्थित थाना, भवन का आंकलन कर उनको ठीक ठाक करना और नये भवनों के निमार्ण के सम्बन्ध में तैयारी करने के लिया कहा गया।
  • विभाग में 2021 तक रिक्त होने वाले पदों का आंकलन कर समय से उन पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिये शासन को प्रास्तव भेजा जाये
  • कुम्भ क्षेत्र में स्थित पार्किंग स्थलों का जीर्णोधार तथा नये पार्किंग स्थलों का चिन्हीकरण करा जाये।
  • सीसीटीवी, ड्रोन एवं अन्य सुरक्षा सम्बन्धी उपकरणों की आवश्यकताओं का आंकलन कर लिया जाये,
  • सुरक्षा, संचार एवं सर्विलांस की नवीनतम तकनीकों के उपकरणों सम्बन्धी प्रस्ताव तैयार कर लिया जाये
  • हरिद्वार की तर्ज पर थाना मुनिकीरेती, ऋषिकेश व लक्ष्मणझूला में सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया जायेगा जिसका एक एकिकृत कंट्रोल रुम रामझूला के पास बनाया जायेगा।

पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल को मेलाधिकारी एवं आयुक्त गढ़वाल से समन्वय स्थापित कर कुम्भ क्षेत्र के लिये पुलों के निर्माण में पुलिस विभाग का भी पक्ष रखने के लिये का गया है। रामझूला पर वन-वे व्यवस्था लागू किये जाने के लिये उसके करीब एक नया पुल के निर्माण का प्रस्ताव बनाया जाये। सहरनपुर-बिहारीगढ़-हरिद्वार बाईपास रोड़ से हरिद्वार को जोड़ने वाली फोर-लेन रोड़ में सड़क के जो टुकड़े सम्मलित नही किये गये हैं, उन्हे सम्मलित किये जाने के लिये शासन से अनुरोध किया जायेगा।

अब बदलेगी हर्बल गार्डन की तस्वीर

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ऋषिकेश, आयुर्वेद और वन संपदा के लिए किसी समय में अपनी अलग पहचान रखने वाला सुशीला तिवारी हर्बल गार्डन बहुत समय से विभागीय उदासीनता के चलते उजाड़ हो चला था, लेकिन अब इस हर्बल गार्डन की तस्वीर बदलने वाली है, जिसका सीधा फायदा ऋषिकेश के आम लोगों को मिलने जा रहा है।

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अंतर्राष्ट्रीय योग नगरी के रूप में अपनी पहचान बना चुका ऋषिकेश अब मॉर्निंग वाक करने वालों के लिए एक सौगात देने जा रहा है। ऋषिकेश में अब प्रदेश का पहला एक्युप्रेशर पार्क तैयार किया जा रहा है। यहां आने वाले लोग 250 मीटर लंबे विशेष ट्रैक पर सैर तो करेंगे ही, साथ ही उन्हें योग प्रशिक्षकों की टीम योग भी कराएगी। पार्क में हर्बल उत्पाद भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

नरेंद्रनगर वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी राहुल ने बताया कि, “हालांकि गुजरात और महाराष्ट्र समेत देश के कुछ राज्यों में इस तरह के पार्क हैं, लेकिन उत्तराखंड में यह अपनी तरह का पहला पार्क है। वन विभाग यह पार्क डॉ. सुशीला तिवारी हर्बल गार्डन से सटी वन विभाग की खाली भूमि पर पर विकसित कर रहा है।” 

डीएफओ ने बताया कि, “पार्क में 250 मीटर के ट्रैक पर खास तरह की टाइल्स लगाई जा रही है। इन टाइल्स पर सैर को आने वाले लोग नंगे पांव चलेंगे।” उन्होंने बताया कि पार्क के निर्माण पर 50 लाख रुपये खर्च होंगे।

कैसे हुआ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लेटर पैड का दुरुपयोग?

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(देहरादून) प्रदेश में नेताओं के नाम पर फोन करना और फर्जी फर्जी सीख गया लिखकर अधिकारियों को डराने के मामले रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का फर्जी लैटर पैड तैयार कर उनके नाम से उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद लखनऊ के संपत्ति प्रबंधक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच के संबंध में विजिलेंस और इनकम टैक्स विभाग को पत्र भेजने का मामला प्रकाश में आया है।

बात तब खुली, जब इनकम टैक्स की ओर से इस मामले में आवश्यक कार्रवाई का पत्र भट्ट को भेजा गया। इससे सकते में आए प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने पुलिस महानिदेशक को पत्र सौंपकर प्रकरण की जांच कराने का आग्रह किया। पुलिस मुख्यालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को डीजी इनकम टैक्स (विजिलेंस) कार्यालय का 26 दिसंबर 2017 का एक पत्र डाक से मिला। इसमें भट्ट की ओर से उप्र आवास एवं विकास परिषद के संपत्ति प्रबंधक के खिलाफ की गई शिकायत पर आवश्यक कार्रवाई की बात कही गई है। इसके साथ ही उनके लैटर पैड पर उनके नाम से हुई शिकायत की प्रति भी भेजी गई। शिकायती पत्र में संबंधित अधिकारी पर अकूत संपत्ति जुटाने, चहेतों की भर्ती, भूमाफियाओं को लाभ पहुंचाने समेत भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी बलजीत सोनी के मुताबिक पड़ताल की गई तो बात सामने आई कि ऐसा कोई पत्र नहीं भेजा गया। यही नहीं, जिस लैटर पैड पर शिकायत की गई, वह फर्जी तरीके से तैयार किया गया है। इसमें ऊपर की तरफ दो जगह भाजपा उत्तराखंड लिखा गया है और बीच में कमल निशान है, जबकि प्रदेश अध्यक्ष के वास्तविक लैटर पैड में बांयी तरफ प्रदेश अध्यक्ष का नाम, बीच में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी का लोगो और दाहिनी तरफ भाजपा उत्तराखंड अंकित है।

इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष की ओर से पुलिस महानिदेशक को पत्र सौंपा गया। इसमें भट्ट ने कहा कि कुछ लोग सोची-समझी रणनीति के तहत पार्टी के लैटर पैड और उनके जाली हस्ताक्षर करके इस प्रकार के घृणित कार्य कर कर उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इसके पीछे बड़ी साजिश की आशंका जताते हुए प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही का आग्रह किया है।

सह मीडिया प्रभारी सोनी ने बताया कि पुलिस महानिदेशक ने इस संबंध में एडीजी अशोक कुमार को मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए। उधर, एडीजी अशोक कुमार ने बताया कि मामले में एसएसपी देहरादून को मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए गए

अंडर-19 विश्व कप : ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 217 रनों के रखा लक्ष्य

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हैमिल्टन, आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 217 रनों के लक्ष्य रखा है।

ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। जोनाथन मेरलो के 76, परम उप्पल के 34,नाथन मैस्विनी के 23 और जैक एडवर्ड्स के 28 रनों की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 47.2 ओवरों में सभी विकेट खोकर 216 रन बनाए।

भारत की तरफ से ईशान पोरल,शिवा सिंह,अनुकूल रॉय,कमलेश नगरकोटी ने 2-2 और शिवम मावी ने 1 विकेट लिए।

‘स्पिरिट ऑफ माउंटेन वुमेन’ को निराले अंदाज़ में दर्शाती है ”सुरीली”

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”वो कहते हैं ना अपनी शक्तियों पर भरोसा करने वाला कभी असफल नहीं होता”, कुछ ऐसा ही हुआ है दून की हिमानी थापा के साथ। 30 साल की हिमानी देहरादून की रहने वाली है, और हाल में ही उन्होंने अपनी पहली गुड़िया यानि ‘सुरीली डॉल’ को लॉंच किया है। यूं तो लड़कियों के बचपन की साथी गुड़ियां होती है लेकिन यह सुरीली कुछ खास है।

सुरीली नाम की इस गुड़िया में उत्तराखंड की प्राकृतिक फसल और घास भीमल से बनीं हुई है। ये वो घास है जो गांव में लोग जलाकर फेंक देते हैं, सुरीली उसी घास से तैयार की गई है। औषधीय वृक्षों में भीमल एक ऐसा नाम है जिसके पेड़ काफी बड़ी मात्रा में पहाड़ों पर खेतों के किनारे पर पाए जाते है.। इसे हम भीकू, भीमू, और भियुल नाम से भी जानते है, इस पेड़ का कोई ऐसा भाग नहीं है जो काम नहीं आता हो।

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हिमानी ने न्यूज़पोस्ट से बात करते हुए बताया कि, ”मैं हमेशा से कुछ अपना ओरिजिनल करना चाहती थी और तभी मैंने उत्तराखंड के नेचुरल फैब्रिक पर काम करना शुरु किया। कुछ प्रोजेक्ट के दौरान बिच्छु घास के फैब्रिक से गारमेंट भी बनाया, लेकिन कुछ अलग और अपना करने की ललक मुझमें तब भी थी। दून के बाहर बसे गांव कोठला से मेरे सफर की शुरुआत हुई।यहां की महिलाओं से मिलकर मुझे एहसास हुआ कि हमारे पहाड़ कि महिलाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है और अगर यह चाहे तो हंसते-हंसते पहाड़ भी हिला सकती हैं। मैंने भीमल घास से डॉल यानि की गुड़िया बनाने के बारे में कोठला की महिलाओं से बात की और कुछ महिलाएं मेरे साथ जुड़ गई।”

हिमानी देहरादून की रहने वाली हैं और उन्होंने टेक्सटाईल और क्लोथिंग में पंतनगर यूनिर्वसिटी से ग्रेजुएशन और फिर एनआईडी (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइनिंग) से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। बांस और फाईबर डेवलेपमेंट में डिप्लोमा करने के बाद हिमानी ने कुछ सरकारी प्रोजेक्ट पर काम किया है, साथ ही कुछ प्रोजेक्ट में कन्सल्टेंट की तरह भी काम किया। इन प्रोजेक्ट में काम करने के दौरान हिमानी ने बिच्छु घास के फैब्रिक से कपड़े भी बनाए और साथ ही लगभग पांच साल मुंबई में भी काम किया है। अपने होमटाउन से बाहर काम करने के बाद हिमानी ने अपने राज्य उत्तराखंड में रहकर कुछ करने का सोचा और तब उनकी यह ‘सुरीली’  यात्रा शुरु हुई।

आपको बतादें कि भीमल उत्तराखंड में बड़ी मात्रा में होने वाला पेड़ है जिसके पत्तों और शाखाओं से गांव के लोग रस्सी बनाते हैं।किसी ने सोचा भी नहीं था कि इसके रेशों से खुबसूरत डॉल ‘सुरीली’ तैयार होगी।

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हिमानी कहती हैं कि, ”इसके माध्यम से मैं पहाड़ी औरतों का उत्साह बढ़ाना चाहती हूं, जिसे देखो पहाड़ का दर्द दिखाने में व्यस्त हैं लेकिन मुझे पहाड़ी औरतों के चेहरों की मुस्कान और उत्साह दिखाना पसंद हैं। ‘सुरीली’ नेचुरल फाईबर यानि भीमल से तैयार हुई है जो स्पीरिट ऑफ माउंटेन वुमन को दर्शाती है।”

‘सुरीली’ के माध्यम से दून के दूर-दराज गावों में बसी महिलाओं को रोज़गार मिल रहा है और अपनी कला को दिखाने का एक बेहतर माध्यम मिल रहा है। हिमानी कहती हैं कि राज्य से हो रहा पलायान वाकई चिंता का विषय है और हिमानी अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं। हिमानी एक टेक्सटाईल डिजाइनर और फिलहाल वह केदारनाथ में भी एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं जिसमें वह स्थानीय महिलाओं को नेचुरल फाईबर से अलग-अलग प्रोडक्ट बनाने के गुण सिखा रही हैं।

हिमानी कहती हैं कि, “सुरीली डॉल हमारा पहला प्रोडक्ट है,इसके बाद हम अलग-अलग प्रोडक्ट लेकर आऐंगे जैसे कि फ्रिज मैगनेट,कार हैंगिंग,बैग हैंगिंग और सुवोनिर ऑफ उत्तराखंड के ऊपर भी काम चल रहा है। सुरीली पर पिछले साल अगस्त से काम शुरु हो गया था और अब सुरीली बनकर तैयार हो गई है जिसकी गुणवत्ता बेहतरीन है।”

अगर आप भी इस खास डॉल को अपने बच्चों या घर के लिये लेना चाहते हैं तो सुरीली डॉल आपको सोहम आर्ट और म्यूजियम मसूरी में मिलेगी।

 

अमिताभ ने नहीं छोड़ा ट्विटर, कहा – ‘हम सब ट्विटरमय हो गए हैं’

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नई दिल्ली,  बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने ट्विटर छोड़ने की धमकी पर अमल नहीं किया है बल्कि पूरे विवाद का आनंद उठाया है। अमिताभ ने अपने ट्विटर संदेश में कहा कि उन्हें लेकर ट्विटर और सोशल मीडिया पर मचे बवाल का उन्होंने पूरा आनंद उठाया है। उन्होंने कहा कि वास्तव में आज हम सब ट्विटरमय हो गए हैं। अमिताभ ने अपने ट्वीट की शुरुआत में अपनी हंसी को 28 बार हा…हा … हा के जरिए की।

उल्लेखनीय है कि अमिताभ हाल तक सबसे अधिक फॉलोअर वाले फिल्म अभिनेता थे। कल वह हैरान हो गए जब उन्होंने देखा कि उनके फॉलोअर की संख्या में एकाएक दस हजार की कमी आ गई है। फॉलोअर घटने के कारण शाहरुख खान फॉलोअर की दृष्टि से पहले नंबर पर आ गए हैं।

अमिताभ ने अपनी हैरानी गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि, “ट्विटर ने मेरे फॉलोअर की संख्या घटाई है| यह तो मजाक हो गया है। अब तुमसे पिंड छुड़ाने का वक्त आ गया है। अभी तक के सफर के लिए धन्यवाद।” साथ ही अमिताभ ने यह भी कहा कि दुनिया में ऐसे बहुत से काम हैं जो ट्विटर से कहीं ज्यादा रोचक हैं।

इस समय शाहरुख खान के 3 करोड़ 29 लाख 36 हजार 267 और अमिताभ के 3 करोड़ 29 लाख 590 फॉलोअर्स हैं। इनके अलावा और बॉलीवुड सितारों की बात करें तो बॉलीवुड के दबंग सलमान ख़ान 3.07 करोड़ फॉलोअर्स के साथ फ़िल्मी सितारों में तीसरे स्थान पर जबकि बॉक्स ऑफिस के खिलाड़ी अक्षय कुमार 2.24 करोड़ फॉलोअर्स के साथ चौथे स्थान पर हैं। 

अंडर-19 विश्व कप : इतिहास रचने को तैयार भारत और ऑस्ट्रेलिया

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नई दिल्ली,  आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के खिताबी मुकाबले में भारत और आस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने होंगी। दोनों ही टीमें तीन-तीन बार विश्व कप का खिताब जीत चुकी हैं और जो भी टीम कल खिताब जीतेगी वह टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे सफल टीम बन जाएगी।

भारत ने अपने टूर्नामेंट के शुरुआती दौर में ऑस्ट्रेलिया को 100 रनों से हराकर मनोवैज्ञानिक लाभ हासिल किया है। इसके अलावा भारतीय टीम ने वर्ष 2012 के खिताबी मुकाबले में भी ऑस्ट्रेलिया को मात दी थी। वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम ने विश्व कप में भारत को 1988 और 1998 में शिकस्त दी है।

भारत टूर्नामेंट में एकमात्र ऐसी टीम है, जो ऑस्ट्रेलिया को मात देते हुए अजेय रहकर फाइनल तक पहुंची है। शुभम गिल के अगुवाई में भारतीय बल्लेबाजों ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय टीम ने वर्ष 2000, 2008 और 2012 में खिताब जीता है और पृथ्वी शॉ की अगुवाई में भारतीय टीम अपने चौथे खिताब से मात्र एक कदम दूर है।

खिताबी मुकाबले को लेकर भारतीय टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ ने कहा कि टीम के लिए तेज गेंदबाजों ने प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया है और खिताबी मुकाबले में भी उनसे यही उम्मीद है।  उन्होंने कहा, “जब भी टीम को जरूरत हुई है,तेज गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है। जब भी मैं उन्हें विकेट के लिए कहता हूँ तब वे विकेट निकालकर देते हैं। उनके पास अच्छी तेजी और फिटनेस दोनों हैं। कमलेश नागरकोटी, ईशान पोरेल और शिवम मावी सभी ने शानदार प्रदर्शन किया है।”

दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान जेसन संगा ने कहा कि, उनकी टीम भारत के खिलाफ खिताबी मुकाबले में हर हाल में जीत दर्ज करना चाहेगी। हमारी टीम ने 1998, 2002 और 2010 में खिताब जीता है और अब हमारा लक्ष्य चौथा खिताब जीतकर इतिहास रचने का है।  उन्होंने कहा, “प्रतियोगिता के पहले मैच में भारत के हाथों 100 रनों से मिली शिकस्त का टीम के ऊपर कोई दबाव नहीं है। खिताबी मुकाबले का रोमांच है और सबसे बड़ी बात यह मैच एक अलग पिच पर खेला जाएगा। यदि शुरूआत में हम कुछ विकेट हासिल करने में सफल होते हैं तो निश्चित रूप से भारतीय टीम को हम दबाव में ला देंगे।” 

मासूम का अपहरण करने वालों को जीआरपी ने पकड़ा

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हरिद्वार, चार वर्ष के मासूम बच्चे के अपहरण के आरोपी को लक्सर जीआरपी ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों के संबंध में भी जानकारी जुटा रही है। पुलिस ने बच्चे को बरामद करने के बाद उसकी मां के सुपुर्द कर दिया है।

लक्सर जीआरपी में ग्राम भेदली, जिला बागपत यूपी निवासी सपना ने अपने पुत्र अभिषेक के अपहरण का मुकद्मा दर्ज कराया था। पीड़िता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह अपने पति रणपाल से विवाद के चलते बेटे अभिषेक व बेटी तनु को लेकर घर से निकल गई थी, मेरठ रेलवे स्टेशन से एक अजनबी से उसकी मुलाकात हो गई। व्यक्ति ने महिला को अकेला देखकर उसको मदद का भरोसा दिलाया। इसी बीच उसके बेटे अभिशेक की तबीयत खराब हो गई। उक्त व्यक्ति महिला को उसके बेटे को लक्सर में किसी झाड़ फूंक करने वाले को दिखाने के बीत कहकर महिला को लक्सर ले आया। लक्सर आने के बाद युवक महिला के बेटे को लेकर गायब हो गया।

पुलिस ने महिला की शिकायत पर 23 जनवरी को मुकद्मा दर्ज कर अपहरणकर्ता की तलाश शुरू कर दी थी। पुलिस ने अपहर्त बच्चे को शुक्रवार को सकुशल बरामद कर लिया। किन्तु अपहरणकर्ता पुलिस के हाथ नहीं चढ़ा। कोशिश के बाद अपहरणकर्ता को भी पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। 

पंचेश्वर बांध प्रभावितों का सर्वे स्वैच्छिक संस्था से कराने की मांग

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पिथौरागढ़, महाकाली की आवाज जन संगठन ने पंचेश्वर बांध के कार्य से वाप्कोस कंपनी को हटाकर स्वैच्छिक संस्था से शीघ्र सर्वे कराने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से पीएम को पत्र भेजा है।

संगठन के लोगों ने संयोजक शंकर खड़ायत के नेतृत्व में डीएम के माध्यम से पीएम और जल संसाधन मंत्री को पत्र भेजा है। इस दौरान संगठन के लोगों ने कहा कि वाप्कोस कंपनी ने पंचेश्वर बांध पर किए गए वायदे पर्यावरणीय, सामाजिक एवं डीपीआर में बहुत सारी कमियां है।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने धरातलीय स्तर पर किसी प्रकार का सर्वे नहीं किया है, जिस कारण डीपीआर में कई त्रुटियां है। पंचेश्वर बांध की डीपीआर में भारत और नेपाल सीमा के मध्य पड़ने वाले जौलजीबी पुल को डूब क्षेत्र में नहीं दिखाया गया है, जबकि इससे तीन किमी ऊपर गांवो को डूब क्षेत्र में दिखाया गया है। इसलिए उन्होंने वाप्कोस कंपनी को हटाकर स्वैछिक संस्था से सर्वे कराने की मांग की है।

अब एंबुलेंस का रास्ता रोका,तो खोना पड़ सकता है अपना लाइसेंस

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अब आपको सड़क पर चलते समय एक बात का ध्यान रखना पड़ेगा की कहीं आप किसी एंबुलेंस का रास्ता तो नहीं रोक रहे।उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस की एक और पहल ‘निरोग’ में एंबुलेंस का रास्ता रोकने वाले के ऊपर कड़ी कार्रवाई का प्रवधान किया जा रहा है।शहर में बढ़ते ट्रैफिक और लोगों के रवैये को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने यह कड़ा कदम उठाया है जिसमें जो कोई भी पीछे से आ रही एंबुलेंस को रास्ता नहीं देगा उसे अपने लाइसेंस से हाथ धोना पड़ेगा।

इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में न्यूजपोस्ट से बात करते हुए ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने बताया कि ,”इस प्रोजेक्ट को शुरु करने का सबसे बड़ा कारण था कि लोग आगे या पीछे से आने वाली एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते हैं जिसकी वजह से किसी की जान जा सकती है, और यह मैने कई बार अपनी गाड़ी में सफर करते हुए खुद देखा है।इस समय देहरादून में 157 एंबुलेंस चल रहे हैं और एंबुलेंस में चल रहे मरीज़ के लिए एक-एक मिनट जरुरी हैं ।ऐसे में लोगों का एंबुलेंस को रास्ता नहीं देना किसी की जान ले सकता है, इसी सोच के साथ हमने ‘निरोग’ की पहल करी ताकि सड़क में चल रहे लोग एंबुलेंस को जगह दें और उसमें चल रहे मरीज़ को समय से इलाज मिल सके।”

इसके अलावा खुराना ने बताया कि आने वाले 10 फरवरी से यह ‘निरोग’ प्रोजेक्ट देहरादून में शुरु कर दिया जाएगा और फिर दूसरे जिलों में भी लागू किया जायेगा।

उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस आए दिन कुछ अलग हटकर कर रही है जिससे आम जनता को फायदा मिल सके।इससे पहले बीते रविवार यानि 28 जनवरी को ‘सुखद’ नाम से एक सुविधा दी गई जिसमें सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक महिलाओं को शहर में पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा दी गई थी जिसको तकरीबन 1800 लोगों ने इस्तेमाल किया।

आने वाले 10 फरवरी से शुरु होने वाले ‘निरोग’ योजना के लिए प्रशासन ने तो कमर कस ली है। अगली बार से एंबुलेंस को रास्ता दें और मानवता की मिसाल पेश करें।