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आग से 100 फलदार पेड़ खाक

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त्यूनी/विकासनगर। बास्तिल गांव के पास जंगल में भड़की आग ने सेब के बागान का रुख कर लिया। जिससे 100 फलदार पेड़ पूरी तरह से जलकर खाक हो गए। आग से एक कोठार को भी आशिंक क्षति पहुंची है। पीड़ितों ने तहसील प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है।

गांव स्थित हरटाड़ धार में पंचम सिंह राणा और कल्याण सिंह के सेब के बागान है। मंगलवार की दोपहर गांव के पास स्थित जंगल में आग भड़क उठी। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आग ने हरटाड़धार स्थित खेड़ा का रुख कर लिया। आग की चपेट में आकर पंचम सिंह राणा के 60 और कल्याण सिंह के 40 पेड़ पूरी तरह जलकर राख हो गए। पूरा आसमान धुंए के गुब्बार से ढक गया। लपटे उठता देख ग्रामीणों ने बागान की ओर दौड़ लगा दी। ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने की खासा कोशिश की। लेकिन कुछ ही देर में पेड़ पूरी तरह से जलकर खाक हो गया। आग ने खेड़ा निवासी भाव सिंह के कोठार को भी चपेट में ले लिया। समय रहते ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया। भाव सिंह ने बताया कि आग की चपेट में आकर बर्तन और थोड़ा बहुत जरूरी सामान जल गया। तहसीलदार स्वराज सिंह तोमर ने कहा कि राजस्व उपनिरीक्षक से क्षति आंकलन की रिपोर्ट मांगी गई है।
आग से गन्ने की फसल जली
केसरबाग बाबूगढ़ स्थित गन्ने के खेत में आग भड़क गई। जिससे सात बीघा में खड़ी फसल पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। फायर ब्रिगेड के पहुंचने से पूर्व ही ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया। पीड़ित ने तहसील प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाई है। हरीलाल पुत्र कृष्ण लाल निवासी बाबूगढ़ की केसरबाग में जमीन है। उन्होंने इन दिनों खेतों में गन्ना बोया हुआ है। मंगलवार की दोपहर किसी ने जलती हुई सिगरेट खेतों में फेंक दी। जिससे आग भड़क उठी। देखते ही देखते पूरा खेत जलकर खाक हो गया। आसपास खेतों में काम कर रहे लोग आग को उठता देख खेत की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने मामले की जानकारी फायर ब्रिगेड को दी। लेकिन ब्रिगेड के पहुंचने से पूर्व ही ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया। पीड़ित ने कहा कि खेतीबाड़ी ही उसकी आर्थिकी का एकमात्र साधन है। एफएसओ मोहम्मद आजम ने कहा कि ब्रिगेड के पहुंचने से पूर्व ही ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया। उधर, एसडीएम जितेंद्र कुमार ने कहा कि मामले में अधिनस्थों से रिपोर्ट मांगी गई है। 

वीवीआईपी ड्यूटी में लगाए वाहनों का भुगतान नहीं, मालिकों ने भीख मांगकर जताया विरोध

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हरिद्वार। चुनाव व वीवीआईपी ड्यूटी में लगाए गए वाहनों का भुगतान अब तक नहीं होने से नाराज वाहन स्वामियों ने ट्रांसपोर्टर यूनियन के बैनर तले कटोरा हाथ में लेकर भीख मांग कर प्रदर्शन किया।

मंगलवार को विधानसभा चुनाव व वीआईपी डयूटी में लगाए गए काॅमर्शियल वाहनों का भुगतान किए जाने की मांग कर रहे वाहन स्वामी ललतारौ पुल चौक से भीख मांगकर विरोध प्रदर्शन करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पहुंचे। बकाया भुगतान कराए जाने के लिए सिटी मैजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपने के बाद यूनियन के अध्यक्ष नाथीराम सैनी ने बताया कि चुनाव डयूटी व वीआईपी डयूटी में काॅमर्शियल वाहनों को जबरन लगा दिया जाता है, जिनका लाखों रुपए का भुगतान लंबे समय से बकाया चला आ रहा है। इतना ही नहीं, चालकों का टीए व डीए का भुगतान भी अब तक नहीं किया गया। कई बार प्रशासन से भुगतान कराने की मांग की गयी लेकिन हर बार बजट नहीं होने का हवाला देकर टाल दिया जाता है।
चन्द्रकांत कोठारी ने बताया कि सरकारी अधिकारियों का वेतन समय पर मिल जाता है लेकिन ट्रांसपोर्टर को बकाया भुगतान नहीं दिया जा रहा है। मंदी की मार झेल रहे वाहन स्वामियों को इससे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महंगाई के दौर में वाहन स्वामी व चालकों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ए.आर.टी.ओ. वाहनों को अधिग्रहीत कर लेते हैं लेकिन भुगतान के मामले में अपने दायित्व का पालन नहीं करते हैं। 

25 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट

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(ऋषिकेश) उत्तराखंड के चार धाम के साथ ही पांचवें धाम के रूप में विश्व विख्यात श्री हेमकुंड साहिब जो देश सहित विदेशों में रह रहे सिखों के पवित्र तीर्थस्थल स्थल है 2018 की यात्रा के लिए श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा हो गई है. गुरुद्वारा प्रबंधक  कमेटी ऋषिकेश के अनुसार इस साल  25 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसके बाद अक्तूबर महीने श्रद्धालु यहां दर्शन के लिये आ सकते हैं। हर साल यहां देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।2017 में यहाँ पिछले यहां एक लाख 30 हजार 900 के लगभग यात्रियों ने  यात्रा की थी।हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा ऋषिकेश के स्थानीय अध्यक्ष एवं उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा के अनुसार  पवित्र गुरूद्वारे के कपाट कि 25 मई को दोपहर 12:00 बजे खोले जाएँगे ।

बैठक में सही जानकारी न देना कैसे पड़ा अधिकारी पर भारी

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गोपेश्वर। मंगलवार को जिलाधिकारी आशीष जोशी ने क्लक्ट्रेट सभागार में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान के तहत ग्राम पंचायत एवं ब्लाक स्तर पर अभी तक किए गए कार्यो की समीक्षा की। डीएम के संबंधित खंड विकास अधिकारियों से जब उनके विकास खं डमें लिंगानुपात की स्थिति जानकारी मांगी तो सभी बगलें झांकते नजर आये। जिस पर डीएम ने अधिकारियों को लताड लगाते हुए। 21 फरवरी बुधवार को सही जानकारी के साथ आने के निर्देश दिए है।

जिलाधिकारी ने सभी बीडीओ व सीडीपीओ को बेटी बचाओ बेटी पढाओं अभियान के तहत अब तक किये गये कार्यो की स्लाइड तैयार करने तथा अगामी समय में किये जाने वाले कार्यो का कलेंडर तैयार करने को कहा। ताकि कलेंडर के अनुसार ग्राम पंचायत एवं ब्लाक स्तरों पर जन जागरूकता के कार्यक्रमों का संचालन किया जा सके। उन्होंने कहा कि बाल लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान को सफल बनाने के लिए जन-जन को जागरुक किया जाना है। उन्होंने कहा कि जनपद के प्रत्येक नागरिक को जागरूक करने के लिए अधिकारियों को जनपद के बाल लिंगानुपात तथा सरकार की संचालित योजनाओं की पूरी जानकारी होना आवश्यक है ताकि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी आम लोगों का दी जा सके। इस अवसर पर पीडी डीआरडीए प्रकाश रावत, एसडीएम केएन गोस्वामी, सीएमओ डा. भागीरथी जंगपांगी, सीटीओ वीरेद्र कुमार, डीडीओ आनंद सिंह आदि मौजूद थे। 

लायंस क्लब ने निर्धन कन्या के विवाह में सामान देकर किया कन्यादान

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ऋषिकेश। लायंस क्लब ऋषिकेश रॉयल ने एक निर्धन कन्या के विवाह में हाथ बढ़ाते हुए जरूरी सामान दिया।
लायंस क्लब ऋषिकेश रॉयल के अध्यक्ष लॉयन पंकज चंदानी व सचिव लॉयन अभिनव गोयल ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि एक निर्धन कन्या जिसका विवाह 28 फरवरी को होना सुनिश्चित हुआ है, उसको विवाह के लिए जरूरी सामान की आवश्यकता है। तत्काल क्लब की ओर उनको एक डबल बेड गद्दा चंदर बर्तन इत्यादि का प्रबंध किया गया व उनको दिए गए।इस अवसर पर लॉयन पंकज चंदानी, अभिनव गोयल, सुशील छाबड़ा, अतुल जैन, डॉक्टर गगन शर्मा, तरुण चोपड़ा, मनोज बत्रा, धीरज मखीजा, अमित, अनिता, गायत्री देवी आदि उपस्थित थे।

खनन माफिया के खिलाफ प्रशासन का अभियान तेज

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ऋषिकेश। जिलाधिकारी के निर्देशों पर अम्ल करते हुए शहर में अवैध खनन और ओवरलोडिंग चेकिंग के सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जिससे माल वाहक वाहन स्वामियों में हड़कंप मचा हुआ है।

मंगलवार की सुबह 7 बजे हल्के से जाम की स्थिति उत्पन्न हुई थी जिसको पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए मार्ग खाली कराया। कल तीन वाहन सीज किए गए थे। जबकि आज सुबह 6 बजे से ही जांच जारी है। उपखनिज चोरी पर नियंत्रण के लिए गठित संयुक्त दल में राजस्व विभाग के संग्रह अमीन कमल डंगवाल,वन दारोगा स्वयम्बर दत्त कण्डवाल,नेपाली फार्म पुलिस चेक पोस्ट प्रभारी उपनिरीक्षक विक्रम सिंह नेगी व पुलिस कर्मी मौजूद रहे। जिससे ओवर लोडिंग कर उपखनिज चोरी करने वालों में खौफ छाया हुआ है। राजस्व विभाग और वन विभाग के संयुक्त जांचदल के सदस्य सुबह से ही जांचदल के सदस्य वाहनों की जाँच में जुटे दिखाई दिए। जबकि परिवहन विभाग के कर्मचारी मौजूद न होने कारण जांचदल के सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जाँच के दौरान यातायात बाधित न हो इसके लिए चेकपोस्ट पुलिसकर्मी मुस्तैद दिखाई दे रहे थे।

साधन समिति सचिव परिषद के कार्यकर्ता दूसरे दिन भी धरने पर

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देहरादून। साधन समिति सचिव परिषद उत्तराखंड एवं आंकिक कर्मचारी संगठन साधन सहकारी समितियां के कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। परेड ग्राउंड धरना स्थल पर परिषद कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सोमवार से धरने पर बैठे है। समिति कर्मचारियों की तीन प्रमुख मांगे हैं, जिनमें पैक्स कैडर सचिवों को खाली पदों पर आंकिको की पदोन्नति की करने, समितियों के व्यवसाय अनुसार कर्मचारियों का वर्गीकरण कर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन लागू करने, समिति कर्मचारियों का जिला कैडर बनवाये जाने शामिल है।

मंगलवार को धरने पर बैठे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही मांग करते हुए कहा कि यदि कैडर सचिवों की सेवाओं का सरकारीकरण कर वेतन की स्थाई व्यवस्था जल्द नहीं की गई तो प्रदेशभर में आंदोलन छेड़ा जाएगा। धरना स्थल पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए परिषद के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि कर्मचारी लंबे समय से कैडर सचिवों को सातवें वेतन मान का लाभ दिए जाने और उनका ग्रेड वेतन 2800 रुपये करने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। उन्होंने बतया कि इस संबंध में डीएम से बात हुई, लेकिन बात बनी नहीं। धरने पर परिषद के संरक्षक राजपाल तोमर, यदुवीर यादव, विजेंद्र शर्मा, हर्षमणी नौटियाल, लक्ष्मण सिंह रावत, विजय सिंह चौहान, आरएस मेंगवाल, धर्मेंद्रमल, श्यामपाल यादव, देवेंद्रपाल यादव, मनोज खेतवाल आदि मौजूद रहे।

अंतरराज्यीय शराब तस्कर सन्नी गांधी गिरफ्तार

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देहारादून। विभिन्न राज्यों में लम्बे समय से शराब तस्करी में वांछित अभियुक्त सन्नी गांधी को एसओजी व पुलिस टीम ने यहां भुत्तोवाला चौक से गिरफ्तार किया है। उसके विरुद्ध दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल, ऋषिकेश, देहरादून आदि थानों में कुल 26 मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस के मुताबिक अभियुक्त विगत कई वर्षों से वांछित चल रहा था तथा थाना चण्डी मंदिर पंचकूला, हरियाणा से वर्ष 2013 से शराब तस्करी एवं धोखाधड़ी के मामले में उद्घोषित अपराधी था। अभियुक्त के अपराध को गम्भीरता से लेते हुए सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी सदर के परिवेक्षण में देहरादून में वांछित एवं इनामी अपराधी सन्नी गांधी की गिरफ्तारी के लिए प्रभारी निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश एवं प्रभारी एसओजी के निर्देशन में संयुक्त टीम का गठन किया गया था।
अभियुक्त की गिरफ्तारी के लए ऋषिकेश रायवाला, रानीपोखरी, डोईवाला एवं देहरादून शहर में सभी थाना क्षेत्रों में सघन रूप से तलाशी की गयी। सर्विलांस टीम द्वारा अभियुक्त के सभी मोबाइल लिंकों का विश्लेषण किया गया। इस दौरान थाना पटेलनगर क्षेत्र में अभियुक्त की तलाशी कर रही पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी कि सन्नी गांधी आफिसर कालोनी, चन्द्रमणी पटेलनगर, देहरादून में रहता है। मुखबिर की सूचना पर भुत्तोवाला चौक से पुलिस ने सन्नी गांधी पुत्र अशोक कुमार गांधी निवासी शान्ति नगर ऋषिकेश को सोमवार को शाम लगभग आठ बजे गिरफ्तार किया। अभियुक्त के विरुद्ध दिल्ली, हरियाणा, टिहरी गढ़वाल, ऋषिकेश, देहरादून में लगभग 26 मुकदमे पंजीकृत हैं। अभियुक्त थाना चण्डी मंदिर पंचकूला (हरियाणा) का वर्ष 2013 से उद्घोषित अपराधी है।

ट्रांसपोर्टर परिवार को इंदिरा हृदयेश ने दी 7.5 लाख रु. की आर्थिक मदद

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देहरादून/हल्द्वानी। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने मंगलवार को बुद्ध पार्क स्थित धरनास्थल पर पहुंच कर ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की पत्नी और उनके परिवार को साढ़े सात लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराई। यह सहयोग राशि कांग्रेसियों समेत विभिन्न संगठनों के लोगों ने अपनी-अपनी ओर से दी है।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने सरकार के मदद से इनकार के बाद ट्रांसपोर्टर के परिजनों को 10 लाख रुपये की मदद दिए जाने का ऐलान किया था। जिसके बाद मंगलवार को वह धरना स्थल पर पहुंचीं। वहां उन्होंने ट्रांसपोर्टरों के परिजनों के लिए चंदा इकट्ठा किया। अबतक चंदे के रूप में ट्रांसपोर्टर के परिजनों को 7.50 लाख रुपये की मदद दी जा चुकी है। 10 लाख रुपये की धनराशि जमा होते ही ट्रांसपोर्टर के परिजनों से धरना खत्म करने की अपील की जाएगी। परिवार का कहना है सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रकाश पांडे ने विवश होकर आत्महत्या की है। फिर भी शासन प्रशासन की ओर से परिवार की सुधि नहीं ली जा रही है। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अब दूसरे के ऊपर परिवार पूरी तरह निर्भर है। ऐसे में सरकार को आगे आकर मदद करना चाहिए जिससे परिवार का भरण पोषण सही तरीके से किया जा सके।
इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ट्रांसपोर्टर के परिवार की मदद के लिए हमेशा प्रयासरत रहेगी लेकिन सरकार की ओर से मदद की बात कहकर मुकर जाना अत्यंत ही दुखद बात है। इसलिए परिवार अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहा है। सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेकर मदद के लिए आगे आना चाहिए। इस दौरान तमाम संगठनों के लोग ट्रांसपोर्टर के परिजनों की मदद के लिए यहां पहुंच कर सांत्वना और भरोसा दे रहे हैं। 

हरिद्वार के अस्पताल में लावारिस मरीजों की मौत का मामला

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हरिद्वार। धर्मनगरी के सरकारी अस्पताल में लगातार हो रही मौतों पर मामला प्रकाश में आने पर प्रशासन की नींद टूट गई। अस्पताल को नोटिस के साथ ही समय-समय पर निरीक्षण करने की बात कही जा रही है।

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अस्पताल और डॉक्टरों को धरती पर भगवान और जीवन देने वाला माना जाता है, लेकिन यहां के अस्पताल में तो सिर्फ जेबों को भरने का काम किया जा रहा है। लावारिस लोगों को इलाज के नाम पर कोई सुख सुविधा ही नहीं दी जा रही है। उनको मिलती है तो सिर्फ मौत। इसका खुलासा एक आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जानकारी में सामने आया है। 2014 से वहां जो भी इलाज के लिए गया सभी ने जान से हाथ धोया।

कोई भी अस्पताल से ठीक होकर वापस अपने घर नहीं जा सका। चार साल से हरिद्वार के सरकारी अस्पताल में लोगों की मौत लगातार हो रही है। हकीकत तब उजागर हुई जब हरिद्वार की गंग ज्योति मिशन संस्थान ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी कि हरिद्वार जिला अस्पताल में कितने लावारिस लोग जनवरी 2014 से अब तक भर्ती हुए और कितने लोगों को उपचार के दौरान ठीक कर डिस्चार्ज किया गया और कितनों ने जान गंवाई। मामला प्रकाश में आने के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया। 

patientअनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) मनीष कुमार ने मामले को गंभीर बताया। उनका कहना है कि जितने भी लावारिस लोग भर्ती हो रहे हैं, उनकी मौतें लगातार हो रही हैं, जिसमें कहीं न कहीं डॉक्टरों की लापरवाही सामने आती दिख रही है, जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए। लावारिस मरीजों की मौत का सवाल चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डा. अर्जुन सिंह सेंगर से पूछा गया तो उन्होंने आरटीआई में दी गई जानकारी को गलत बताया। उन्होंने कहा कि वहां बहुत से लावारिस मरीज आते हैं, जिनके लिए अलग से वॉर्ड बनाए गए हैं, उनको तमाम सुविधाएं दी जाती हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जिस डॉक्टर ने ये गलत जानकारी दी है उसको नोटिस जारी किया जाएगा। मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम ने कहा कि अस्पताल को नोटिस भेज दिया गया है और जितने भी लवारिस लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं, उनकी देखभाल भी सही तरीके से की जाएगी, साथ ही समय-समय पर अस्पताल का निरीक्षण भी किया जाएगा ताकि उन्हें पता चल सके कि अस्पताल की क्या स्थिति है। हैरानी की बात तो ये है कि हरमिलाप अस्पताल में आए दिन विधायक मंत्री और जिला प्रशासन के लोग निरीक्षण करने आते रहते हैं, लेकिन लावारिस वार्ड में जाकर कोई नहीं देखता। जब किसी बड़े अधिकारी के आने की सूचना मिलती है तो आनन-फानन में व्यवस्थाओं को ऊपर से सही कर दिया जाता है।