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महिला अस्पताल के एक बेड पर दो-दो मरीज, वेंटिलेटर और वार्मर मशीनें भी खराब

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देहरादून। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने राजकीय दून महिला चिकित्सालय में औचक निरीक्षण कर महिला एवं शिशुओं के उपचार की व्यवस्थाएं जाननी चाही तो पाया कि अस्पताल की चरमराई व्यवस्थाएं मरीजों की जान पर हावी हैं। राजकीय दून महिला चिकित्सालय में औचक निरीक्षण को पहुंची राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा अस्पताल में मौजूद तमाम खामियों पर बिफर पड़ी। अस्पताल में एक बैड में दो-दो महिला मरीज लेटी हुई मिली। जबकि अस्पताल में 22 वार्मर में महज 12 ही चलती स्थिति में पाए गए। वहीं, दो वेंटिलेटरों में दोनों ही खराब स्थिति में मिले। जिसपर उन्होंने महिला एवं शिशुओं के उपचार के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए।

गुरुवार को महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा व सचिव रमिंद्री मंद्रवाल के नेतृत्व में टीम ने दून महिला अस्पताल में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अस्पताल में मौजूद व्यवस्थाओं पर आयोग की टीम नाखुश नजर आई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अस्पताल में 29 बैड हैं, जिन पर 41 महिला मरीजों को लिटाया गया था। जबकि अस्पताल में वार्मर मशीनों की स्थिति जानीं गई तो 22 वार्मर में से 12 मशीनें ही चलती हालत में मिली। शेष 10 मशीनें खराब थी। अस्पताल में दो वेंटिलेटर में एक भी चलती स्थिति में नहीं मिला। उन्होंने इसे महिला एवं शिशुओं की जान के साथ समझौता करने जैसा बताया है। इसके बाद टीम ने कर्मचारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में करीब 50 बैडों की आवश्यकता है। 21 बैड नाकाफी हैं। बताया कि अस्पताल में रोजाना 200 से 250 मरीज रोजाना आते हैं। लेकिन इस हिसाब से यहां पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं हैं। इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आयोग की अध्यक्ष कैंतुरा ने अस्पताल प्रशासन को मशीनों के संचालन व बैडों की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
शौचालय की भी जांची व्यवस्था
आयोग की टीम ने महिला अस्पताल के शौचालय की स्थिति की भी जांच की। दरअसल, कुछ ही समय पूर्व अस्पताल में नवजात शिशु का शव भी मिला था। आयोग ने इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा किए इंतजामों को भी जांचा।

वहीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा से टीम न्यूजपोस्ट की बातचीत में उन्होंने कहा कि राजधानी के सरकारी अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाने पर सरकार को सोचना होगा साथ ही महिलाओं के बेहतर सुविधा के लिए नर्स और डॉक्टरों की संख्या बढ़ानी भी जरुरी है।

एटीएम में तोड़फोड़ कर ए.टी.एम का लॉक तोड़ने वाला चंद घंटों में गिरफ्तार

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मुख्य शाखा प्रबंधक इलाहाबाद बैंक, कुंवर जितेंद्र सिंह ने थाना कोतवाली नगर में लिखित तहरीर दी कि सुबह करीब 7:00 बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके बैंक के बाहर लगे एटीएम में तोड़फोड़ कर ए.टी.एम का लॉक तोड़ दिया व ए.टी.एम में लगा कैमरा चोरी कर लिया।

तहरीर के आधार पर चौकी धारा थाना कोतवली नगर में मु.अ.सं 533/17 धारा 379/411/427 पंजीकृत किया गया। घटना के जल्द अनावरण के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय ने  प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

प्रभारी निरीक्षक ने चौकी प्रभारी धारा उ.नि. कुलदीप पंत के नेतृत्व में टीम गठित की व टीम ने उक्त ए.टी.एम में लगे सीसीटीवी की फुटेज हो कब्जे में लेकर अवलोकन कर घटना को अंजाम देने वाले अभियुक्त को चिन्हित किया गया।

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस टीम ने अभियुक्त की तलाश करते हुए उसे गांधी पार्क के पास से दिनेश रावत,निवासी ग्राम खंलड पट्टी भदूरा, टिहरी गढ़वाल, उम्र 26 वर्ष को गिरफ्तार किया, जिसके कब्जे से चोरी किया गया सामान बरामद हुआ।

बरामद माल :-

1- एक सीसीटीवी कैमरा
2- 1 पेचकस
3- 1 प्लास

मसूरी में दो पर्स चोर गिरफ्तार

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युवती जोकि दंसविर्क होटल मसूरी मे रह रही थी ने थाने पर सूचना दी की वे अपने अन्य साथी के साथ शाम को वेवरली चौक होते हुये पैदल कम्पनी गार्डन रोड पर घुमने गयी थी। जब साथी को कोल्ड ड्रिंक व चिप्स लेने वेवरली चौक भेजा और अपना लेडीज काले रंग का पर्स सड़क किनारे पुश्ते पर रखा और साथी का इन्तजार करने लगी। इसी दौरान किसी अंजान व्यक्ति ने पर्स चोरी कर लिया, जिसमें 2 ए.टी.एम कार्ड तथा आधार कार्ड, पैन कार्ड, एक ब्लू कलर की टोपी, ग्लब्स व एक छोटा पर्स, जिसमें 300 रुपये नगद थे। ए.टी.एम का प्रयोग कर 67,400/- रुपये चोरों ने  निकाल लिये।  लिखित तहरीर के आधार पर थाना हाजा पर मु.अ.सं. 33/17 धारा 379 भादवि पंजीकृत किया गया।

घटना के अनावरण के लिये प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। विवेचना व तलाश के दौरान ए.टी.एम में लगे सीसीटीवी कैमरों का अवलोकन कर अभियुक्त गणों का हुलिया प्राप्त किया गया। इसके बाद थाना मसूरी क्षेत्रान्तर्गत लाईब्रेरी चौक, पिक्चर पैलेस तथा मालरोड पर लगे सीसीटीवी कैमरों का गहनता से अवलोकन किया गया तथा ए.टी.एम से पैसे निकाले जाने वाले समय से उपरोक्त कैमरों के समय की तस्दीक कर 2 अभियुक्त गणो के फोटो मिलान किया गया।

फोटो के आधार पर अभियुक्तगण अनिल सिंह व रवि कुमार, स्टाफ क्वाटर वेवरली स्कूल को स्प्रींग रोड के पास से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पकड़े गये उपरोक्त अभियुक्तों द्वारा अपना जुर्म कबूल किया। अभियुक्त गणों के कब्जे से 6,49,00 /- रू नगदी व यूनियन बैंक का कार्ड बरामद किया।

अभियुक्तगणो दारा पूछताछ पर बताया कि पर्स में रखे ए.टी.एम कवर में लिखे पासवर्ड से उनके मन में लालच आ गया और पैसे निकाल दिये। पहचान न हो इसके लिये दोनों ने पैसे निकालने से पहले मफलर खरीदा और ए.टी.एम में जाने से पहले अभियुक्त अनिल ने अपने चेहरे पर लपेट लिया । पैसों का आपस में बंटवारा करके पहने कपडो को भी जंगल में फेक दिया, जिससे कोई पहचान न हो सके।

चोरी किया गया पर्स से कार्ड व 300 रुपये निकाल कर उसे कम्पनी गार्डन के निकट जंगल में फैक दिया। अभियुक्तगणो की निशादेही पर वादनी का चोरी गया पर्स, ऊनी टोपी , ए.टी.एम से पैसे निकालते समय अनिल सिंह द्वारा पहने कपडो को आज होटल राधा रेजीडेन्सी को जाने वाली सड़क के नीचे झाड़ियों व कम्पनी गार्डन वाली सड़क के नीचे जंगल से बरामद किया गया है। इस अपराध का पुलिस द्वारा तत्काल सफल अनावरण किया गया।

 

मुख्यमंत्री ने दो-दिवसीय अमर शहीद सैनिक मेले का किया शुभांरभ

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देवाल ब्लाक के दूरस्थ सैनिक बाहुल्य गांव सवाड़ में शहीद सैनिकों की स्मृति एवं सम्मान में आयोजित होने वाले दो दिवसीय अमर शहीद सैनिक मेले का शुभांरभ करते हुए क्षेत्रवासियों को अपनी शुभकामनाऐं दी। उन्होंने सवाड़ स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र एवं श्रद्वासुमन अर्पित करते हुए वीर भूमि के अमर शहीदों को नमन किया। मेला समिति एवं क्षेत्रीय जनता ने परम्परागत बाद्ययत्रों के साथ मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। इस अवसर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट एवं क्षेत्रीय विधायक श्री मगनलाल शाह भी उनके साथ मौजूद थे।
विदित हो कि दूरस्थ गांव सवाड़ से प्रथम विश्व युद्व में 22, द्वितीय विश्व युद्व में 38, पेशावर काण्ड में 14, बांग्लादेश युद्व तथा आॅपरेशन ब्लू स्टाॅर में एक-एक सैनिक शहीद हुआ। इसके साथ ही गांव में 17 स्वतंत्रा संग्राम सैनिक, 72 पूर्व सैनिक, 28 विधवा पेंशनर तथा 84 सैनिक इस समय देश की सेना में सेवारत है।
शहीद सैनिक मेले में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद सैनिकों की याद में एवं उनके सेवा मैडलों को संरक्षित रखने के लिए सवाड़ गांव में भवन का निर्माण कराया जायेगा। इसके साथ ही मेले में सैनिक हथियारों की प्रदर्शनी लगाने के लिए सेना के उच्चाधिकारियों से वार्ता की जायेगी। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। देवाल ब्लाक के बंद स्वास्थ्य केन्द्रों में 7 डाॅक्टरों की तैनाती कर उनको फिर संचालित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में संचार सुविधा के लिए शीघ्र ही बैलून टैक्नोलाॅजी लायी जा रही है, जिसकी शुरूवात नेटवर्क विहीन क्षेत्रों से की जायेगी। सवाड़ गांव में पेयजल की समस्या पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल अधिकारियों से वार्ता कर पेयजल समस्या का शीघ्र ही कोई हल निकाला जायेगा। मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील किसानों को दो प्रतिशत ब्याज दर पर कृषि ऋण के चैक वितरित करते हुए लोगों को खेती के लिए प्रोत्साहित किया, क्षेत्र में सब्जी उत्पादन के लिए वेहतर मौसम एवं आपार सम्भावनाऐं है व आजीविका को और मजबूत बनाने को कहा। इस

ताबड़तोड़ आंदोलन कर उत्तराखण्ड देश में पहले पायदान पर

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देहरादून। एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड को हड़ताली प्रदेश की छवि से मुक्ति दिलाने की कसरत में लगे हैं। वहीं कर्मचारियों ने ताबड़तोड़ आंदोलन कर राज्य को देश में पहले पायदान पर ला खड़ा कर दिया है। यूं तो कुल आंदोलनों में भी उत्तराखंड टॉप पर है, मगर सेक्टवार आंदोलन की बात करें तो यहां के कर्मचारियों ने राजनीतिक व छात्र आंदोलनों को भी पछाड़ दिया। आंदोलनों के रूप से प्रदर्शित हो रही असंतुष्टि की यह तस्वीर हाल ही में जारी ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट की रिपोर्ट में सामने आई। यह रिपोर्ट वर्ष 2016 के आंदोलनों के आधार पर तैयार की गई है।

वर्ष 2016 में उत्तराखंड में 21 हजार 966 आंदोलन किए गए। इसमें अन्य तरह के आंदोलन की संख्या सबसे अधिक 8778 है, लेकिन सेक्टवार आंदोलन की बात करें तो कर्मचारी वर्ग सबसे आगे नजर आता है। यहां तक कि श्रम, राजनीतिक व छात्र आंदोलन भी कर्मचारियों के आंदोलन से कोसों पीछे नजर आते हैं। आंदोलन की यह अत्ति कहीं विकास कार्यों की रफ्तार पर ब्रेक लगाती है, तो कहीं शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित करती है। कर्मचारी कल्याण की दिशा में निरंतर प्रयास होने के बाद भी यह स्थिति गंभीर सवाल खड़े करती है और सोचने पर भी विवश करती है कि क्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र जैसे विशाल राज्यों से अधिक आंदोलन उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में हो रहे हैं। सवाल यह भी कि ताबड़तोड़ आंदोलनों से प्रदेश के विकास पर क्या असर पड़ता है या छात्र-छात्राओं को इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ती होगी। हालांकि एक अच्छी बात यह भी कि सामुदायिक वैमनस्य को लेकर वर्ष 2016 में उत्तराखंड में एक भी आंदोलन रिकॉर्ड नहीं किया गया। जबकि पूरे देश में इस तरह के 6587 आंदोलन किए गए हैं और इस मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र व कर्नाटक टॉप में रहे।

आंदोलन में अग्रणी प्रदेश (विभिन्न सेक्टर में आंदोलन)
राज्य, कर्मचारी, राजनीति, श्रम, छात्र
उत्तराखंड, 5838, 2744, 3212, 1384
पंजाब, 5751, 2409, 1786, 508
तमिलनाडू, 3225, 5996, 1248, 624
मध्य प्रदेश, 2532, 2990, 292, 871
तेलंगाना, 1240, 22, 3363, 1440
चंडीगढ़, 990, 515, निल, निल
दिल्ली, 965, 2186, 361, 1100
राजस्थान, 678, 410, 510, 1316
उड़ीसा, 459, 1768, 674, 395
गुजरात, 290, 3372, 124, 64

मानसिक दिवालियापन के शिकार हो गए कांग्रेसी: विनय गोयल

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देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एवं महानगर अध्यक्ष विनय गोयल ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नीच कहने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस मानसिक दिवालियापन का शिकार हो चुकी है। गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी देहरादून महानगर के कार्यकर्ताओं ने रोष व्यक्त करते हुए अध्यक्ष विनय गोयल के नेतृत्व में मणिशंकर अय्यर और कांग्रेस पार्टी का पुतला फूंका।
गोयल ने कहा कि राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन मात्र से ही कांग्रेस का स्तर रसातल को चला गया, इसीलिए कांग्रेस के नेता आतंकी हाफिज सईद को साहब कहकर संबोधित करने वाले प्रधानमंत्री के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिश्रम की पराकाष्ठा करके बिना एक दिन भी काम से छुट्टी लिए अपने को देश के लिए खपाए हुए हैं और देश-विदेश में भारत का मान-सम्मान लगातार बनाते हुए दुनिया भर में भारत माता की जय-जयकार करा रहे हैं। वही कांग्रेसी नेता उन्हें नीच कहकर संबोधित कर रहे हैं। यह कांग्रेस के मानसिक दिवालियापन का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि बुधवार को भारतीय जनता पार्टी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर देश भर में दलितों शोषितों को सम्मान देकर उनके उत्थान की तमाम योजनाएं बनाकर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सपनों का भारत बनाने के लिए बूथ-बूथ पर कार्यक्रम किए और शोषित समाज के सम्मान को बढ़ाने का काम किया। वहीं कांग्रेसी नेता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के निर्वाण दिवस के अगले ही दिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सम्मान में काम करने पर प्रधानमंत्री को नीच बताकर देश की करोड़ों जनता की जन भावनाओं को उद्वेलित करने का काम कर रहे हैं। देश की जनता इसे कदापि बर्दाश्त नहीं करेगी और प्रधानमंत्री का अपमान करने वाले तत्वों से सख्ती के साथ निपटेगी। इस मौके वर युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष श्याम पंत, पार्टी के प्रदेश मंत्री सुनील उनियाल गामा, सह मीडिया प्रभारी संजीव वर्मा, महानगर महामंत्री राजेश रावत, जितेंद्र रावत आदि भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।

दून अस्पताल को लगा अव्यवस्थाओं का ‘मर्ज’

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देहरादून। दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल को अव्यवस्थाओं का मर्ज लग गया है। यहां तक की मरीजों की जांच पर भी इसकी आंच आ रही है। वर्तमान समय में अस्पताल की पैथोलॉजी लैब जुगाड़ पर चल रही है। कई जांच की किट खत्म है, तो फुली ऑटोमेटिक एनालाइजर के लिए डिस्टलरी वाटर तक का इंतजाम बमुश्किल हो रहा है।

दून व दून महिला अस्पताल को करीब दो वर्ष पूर्व दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था। तब लगा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा होगा। लेकिन हुआ उलट। बजट की कमी और प्रशासनिक स्तर से हो रही अनदेखी के कारण अस्पताल की पैथोलॉजी तक में व्यवस्थाएं चरमराने लगी हैं। समय पर खरीद न होने के कारण जब तक आवश्यक रीजेंट व किट खत्म हो जाती हैं। अब अस्पताल की बदहाली का एक और नया मामला सामने आया है।
दरअसल, अस्पताल के बायो कैमिस्ट्री विभाग में विभिन्न तरह की जांच के लिए फुली ऑटोमेटिक एनालाइजर मशीन लगाई गई हैं। इससे लिवर, किडनी, हार्ट व शुगर से जुड़ी कई तरह की जांच होती हैं। मशीन संचालित करने के लिए डिस्टिल्ड वाटर की जरूरत पड़ती है। जिसकी खरीद की प्रक्रिया अटकी पड़ी है। गुरुवार को डिस्टिल्ड वाटर खत्म हो गया और जांच अटक गई। आनन फानन में प्रभारी ने व्यक्तिगत स्तर पर डिस्टिल्ड वाटर का जुगाड़ किया। लेकिन यह स्टॉक भी सीमित है, जो बस अगले दो दिन ही चल पाएगा। यानी मशीन कब काम करना बंद कर दे यह कहा नहीं जा सकता।
हेपेटाइटिस-बी की जांच बंद
दून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल में हेपेटाइटिस-बी जांच किट भी खत्म है। जिससे मरीजों की जांच नहीं हो पा रही है। जबकि डॉक्टर काफी मरीजों को यह जांच लिखते हैं। इसके अलावा गर्भवती की भी हेपेटाइटिस-बी जांच कराई जाती है। किट पिछले दस दिन से खत्म है और अधिकारी मुंह मोड़ बैठे हैं।
वीडीआरएल टेस्ट किट भी खत्म
अस्पताल में सिफलिस की जांच के लिए वेनरिएल डिजीज रिसर्च लैबोरेटरी (वीडीआरएल) टेस्ट की किट खत्म हो चुकी है। इस कारण गर्भवतियों का एंटीनेटल चेकअप (एएनसी) पूरा नहीं हो पा रहा और उनका इलाज इस जांच के बिना किया जा रहा है। इससे नवजातों पर भी सिफलिस होने का खतरा मंडरा रहा है। 

कांग्रेस खोलेगी साफ-सफाई व्यवस्था की पोल

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देहरादून। देहरादून महानगर में पसरी पड़ी व्याप्त गन्दगी, चोक पड़ी नालियों, जल-भराव सहित ध्वस्त पड़ी सफाई व्यवस्था के विरुद्ध प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने महाअभियान चलाने की घोषणा की।

गुरुवार को कैन्ट विधानसभा व मसूरी विधानसभा को विभाजित करने वाली कौलागढ़-गढ़ी की एचएम रोड का निरीक्षण करने पहुंचे उपाध्यक्ष ने स्थानीय लोगों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कौलागढ़-गढ़ी से ओएनजीसी हेलीपैड जाने वाली एचएम रोड कैन्ट व मसूरी विधानसभा को विभाजित करने वाली महत्वपूर्ण सड़क है और दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं। वहीं नगर निगम के मेयर भी भाजपा का होने के बावजूद इस सड़क के बीचो-बीच बने गन्दे पानी के तालाब और सड़क पर फैले कीचड़ से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि देश के प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान पर यहां के भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधि किस प्रकार से पलीता लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरा महानगर की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, नालियां गन्दगी से पटी पड़ी हैं व घर-घर से कूड़ा उठान का कार्यक्रम लगभग फेल हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में भी कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रेंचिंग ग्राउण्ड का काम पूरा नहीं हो पाया है। उधर, सहस्त्रधारा रोड पर कूड़े के पहाड़ में लगी आग से पिछले दिनों पूरे क्षेत्र के लोग परेशान रहे लेकिन फिर भी नगर निगम की नींद नहीं खुली। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह से पूरे महानगर क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में जाकर गन्दगी के विरुद्ध जन-जागरण तथा फेसबुक पर लाइव सफाई व्यवस्था की पोल खोलेंगे।

मानव तस्करी पर सख्ती से पेश आए सरकारः हाईकोर्ट

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नैनीताल। उच्च न्यायालय ने बनबसा शारदा बैराज क्षेत्र में मानव तस्करी से जुड़े एक मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को मानव तस्करी खासकर नाबालिग लड़कियों की तस्करी पर शिकंजा कसने के कड़े निर्देश दिए। वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने सन 2016 के एक मामले में अपना आदेश सुनाते हुए ये फैसला सुनाया है । मामला नैपाल सीमा से लगे बनबसा का है।

पुलिस ने नेपाल के काठमांडु जिले के कोटेश्वर निवासी 17 वर्षीय निधि शर्मा(काल्पनिक नाम)को बेचने की नीयत से बहला फुसलाकर भारत ला रहे सरताज खान को रंगे हाथों पकड़ा था। गुरुवार को इ मामले में न्यायालय ने सरताज को सजा सुनाते हुए मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए प्रदेश सरकार समेत केंद्रीय एजेंसियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। न्यायालय ने उत्तराखण्ड राज्य की सभी केंद्रीय व् स्थानीय संस्थाओं को निर्देश दिए हैं कि वो नेपाल से आने वाले बच्चों खासकर बालिका और महिलाओं के उचित सत्यापन कर उनकी जानकारी नेपाल की संस्थाओ से भी लें। इसके साथ न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को नेपाल बॉर्डर से आ रहे बच्चों को सुरक्षा की सलाह देने के साथ उनके परिजनों के टेलीफोन नंबर और स्थायी पता भी लेने को कहा है। न्यायालय ने उत्तराखंड पुलिस को निर्देश दिए है कि वो मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2008, के तहत मानव तस्करों पर कार्यवाही करे और उस कार्यवाही में उनकी जमीन जायदाद को भी जोड़ा जाए। मानव तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए न्यायालय ने केंद्रीय संस्थाओ को अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने के साथ गैर सरकारी संस्थाओं की मदद भी लेने को कहा है। इसके साथ ही न्यायालय ने डी.एस.पी. व् पुलिस क्षेत्राधिकारी रैंक के अधिकारियों के नेतृत्व में एक टीम बनाने को कहा है, जिसमे 1 इंस्पेक्टर, 2 सब इंस्पेक्टर समेत 3 ए.एस.आई.और 10 से 15 कांस्टेबल रहेंगे। और इस टीम में 50 प्रतिशत महिला अधिकारी भी शामिल की जाएं। न्यायालय ने पब्लिक अभियोक्ता और पुलिस अधिकारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण के साथ मानव तस्कर पीड़ितों को विधिक सहायता भी देने को कहा है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से एस.एस.पी. के निर्देशन में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाकर पूर्व में हुई जांच के आधार पर मामले में जांच कर 4 हफ्ते में आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है ।

शासन ने वेतन समिति रिपोर्ट की सार्वजनिक

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देहरादून। शासन ने वेतन समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक कर इसे ‘ई-कोष’ वेबसाइट पर डाल दिया है। अब कर्मचारी संगठन इसका अध्ययन कर शासन को प्रत्यावेदन देंगे। वेतन विसंगतियों को लेकर कर्मचारी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश प्रवक्ता अरुण पांडे ने कहा कि वेतन समिति के समक्ष करीब 300 संवर्गों की विसंगतियों को तथ्यों के साथ रखा था, लेकिन महज 28 संवर्गों की विसंगतियों का ही निस्तारण हुआ। वहीं, रिपोर्ट को सार्वजनिक भी नहीं किया जा रहा था। इससे सही जानकारी भी नहीं मिल पा रही थी कि वेतन समिति ने किस आधार पर रिपोर्ट बनाई। 27 नवम्बर को परिषद की मुख्य सचिव उत्पल कुमार और प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी के साथ वार्ता हुई थी। इसमें समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने का भरोसा दिया गया था। करीब 50 विभागों के 300 संवर्गों की रिपोर्ट आठ भागों में है। अब इसका विस्तार से अध्ययन किया जाएगा और इसके बाद शासन में कर्मचारियों का पक्ष मजबूती के साथ रखेंगे। उन्होंने कहा कि समता समिति के सिद्धांत को वेतन समिति ने अमान्य करार देदिया। जबकि पूर्व में समता समिति के सिद्धांतों को माना जाता था।