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भराड़ीसैण शीतकालीन सत्र सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय: मुख्यमंत्री

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भराड़ीसैण, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भराड़ीसैण में शीतकालीन विधानसभा सत्र को सफल आयोजन बताते हुए कहा कि सरकार का जो प्रयोजन था वह सफल हुआ। उन्होंने कहा कि इस सत्र में उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण विधेयक पारित होना महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसकी प्रतीक्षा लंबे समय कर रहे थे। साथ ही उन्होंने अल्मोड़ा आवासीय विवि विधेयक पारित होने को भी उपलब्धि बताया। बतादें इस सत्र में छह विधेयक अधिनियम बनें।

भराड़ीसैण विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि इस सत्र में 3015 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पारित हुआ। जिसमें महत्वपूर्ण बिंदु स्वच्छ भारत मिशन के लिए 107 करोड़, ग्रामीण खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए 08 करोड़, प्लास्टिक इंजिनियरिंग संस्थान के लिए 09 करोड़ से ज्यादा, आशा कार्यक़त्रियों के लिए 33 करोड़, औली इंटर नेशनल स्कीइंग के लिए 12 करोड़ तथा मुजफ्फर रुड़की रेलवे लाइन के लिए 120 करोड़ की बजट पास हुआ है। उन्होंने गैरसैंण-भराड़ीसैण में हुए कैबिनेट के महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी, जिसमें केदारनाथ उत्थान चेरिटेबल ट्रस्ट का गठन किया गया है। चतुर्थ वित्त अयोग की संस्तुति पर ग्राम पंचायतों को को 2.5 फीसदी का अधिक अनुदान देने की बात भी कही।

सरकार की ये उपलब्धियां: 
-भराड़ीसैण में सत्र के दौरान सरकार के विकास के बिंदूओं की जानकारी भी पत्रकारों को दी।
-चारधाम आॅलवेदर परियोजना का कार्य प्रगति पर बताया गया।
-ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन व रुड़की देवबंद रेलवे लाइन के कार्य हेतु तेजी से भूमि अधिग्रहण।
-किसानों की आय दूगनी करने के उद्देश्य से किसानों को दो प्रतिशत ब्याज पर एक लाख का ऋण।
-ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग का गठन।
-देहरादून ऋषिपर्णा, रिसपना नदी, अल्मोड़ा की कोसी नदी का पुर्नजीवीकरण समेत अपनी उपलबिध्यों को सरकार ने गिनवाया।

स्थायी राजधानी समेत तीन सूत्रीय मांग को लेकर अनशन

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गैरसैंण,  उत्तराखण्ड की स्थायी राजधानी सहित मद्य निषेध विभाग की पुर्नस्थापना और रोजगार के मौलिक अधिकार की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर चन्द्रनगर गैरसैंण में आंदोलनकारियों का अनिश्चितकालीन अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा।

कड़ाके की ठण्ड के बावजूद अनशनकारी रामलीला मैदान में डटे हुए हैं। स्थानीय महिलाओं द्वारा अनशनकारियों को अलाव सेंकने के लिए लकड़ी और अंगीठी उपलब्ध कराई गई, जबकि स्थानीय प्रशासन ने अनशनकारियों के स्वास्थ की जांच कर इतिश्री कर ली लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन का कोई भी अधिकारी अनशन स्थल पर नही पहुंचा, जिसके परिणामस्वरुप अनशनकारियों में भारी रोष है। अनशनकारियों ने प्रशासन और राज्य सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए चेताया कि यदि राज्य की सरकार गैरसैंण को शीघ्र ही स्थायी राजधानी घोषित नहीं करती और हमारी मांगे पूरी नहीं करती है, तो राज्य सरकार को उत्तराखण्ड और जनविरोधी मानते हुए 11 दिसम्बर को अनशनकारी जनता के साथ भराड़ीसैंण कूच करते हुए विधानसभा का ताला तोड़कर जनता की सरकार बनाएंगे। जिसके लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से जिम्मदार होगी और समस्त हानि-लाभ की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी क्योंकि राज्य स्थापना के 17 सालों बाद भी स्थायी राजधानी के नाम पर उत्तराखण्ड की जनता से छलावा किया जा रहा है।

अनशनकारियों का कहना है कि जिस राज्य की परिकल्पना को लेकर उत्तराखण्ड के शहीदों ने अपने प्राण न्यौछावर किए वह आज भी कोसों दूर है। सुविधाओं के आभाव में गांव ख़ाली हो रहे हैं और राज्य सरकार मात्र पलायन आयोग बनाकर पलायन रोकने की बात कर रही है जो सर्वथा हास्यपूर्ण है। अनशनकारी विनोद जुगलान ने बताया कि उन्होंने अनशन पर बैठने की सूचना स्वयं जिलाधिकारी चमोली को फोन पर दी है। जबकि आन्दोलन और अनशन की लिखित सूचना शासन को पूर्व में दी गई है लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी ने अनशनकारियों की सुध नहीं ली।

प्रवीण सिंह का कहना है कि एक ओर स्वच्छ भारत का सपना देखा जा रहा है। दूसरी ओर अनशन स्थल के समीप शौचालय में पानी की व्यवस्था न होने के कारण दुर्गन्ध आ रही है। अनशनकारियों के लिए शौचालय की कोई व्यवस्था न होना प्रशासन की संवेदनहीनता को दर्शाता है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। आमरण अनशन में प्रवीण सिंह, राम कृष्ण तिवारी, विनोद जुगलान, महेश चन्द पाण्डेय शामिल हैं। अनशन स्थल में समर्थन देने के लिए सामाजिक आन्दोलनकारी आदेश चौधरी, अरविन्द हटवाल, सत्यपाल सिंह नेगी, देवेंद्र बिष्ट, कुलदीप नेगी, लक्ष्मण खत्री, कुंवर सिंह पंवार, वयोबृद्ध आन्दोलनकारी धूमा देवी आदि उपस्थित रहे।

डाक्टरों की कुर्सी की जंग

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स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए सरकार भले ही प्रयास कर रही हो लेकिन चिकित्सक है कि सरकार की मंशा पर जमकर पलीता लगा रहे हैं, ऊंची रसूख रखने वाले डाक्टर एक ही जगह पर सालों से काबिज है स्थानांतरण के बावजूद अपनी पहुँच का फायदा उठाकर स्थानांतरण रुकवा लेते हैं, और फिर शुरु होती है कुर्सी की जंग।
जी हां कुछ एसी ही जंग छिडी है जनपद उधमसिंहनगर के जसपुर में जहां एक चिकित्सक जमीन पर बैठ कर मरीजों को देख रहे हैं और सरकार को आईना दिखा रहे हैं।
प्रदेश में डाक्टरों के अभाव में पहले ही दम तोड रही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के सरकार भले ही प्रयास कर रही हो, लेकिन सरकार की इस मंशा पर डाक्टर ही जमकर पलीता लगा रहे हैं, ऊंची रसूक रखने वाले डाक्टर एक ही जगह पर सालों से काबिज रहकर सरकार के आदेशों की जमकर धज्जियां उडा रहे हैं यही वजह है पहाडों पर डाक्टर नहीं जा रहे हैं।
ताजा मामला जसपुर सरकारी अस्पताल का है जहां स्थानांतरण होकर आये डाक्टर ने पदभार तो ग्रहण किया मगर जिस चिकित्सक का जसपुर अस्पताल से स्थानांतरण हुआ उन्होने अपनी पहुंच का लाभ उठाते हुए स्थानांतरण रुकवा दिया, एेसे में सरकारी अस्पताल में दो चिकित्सक एक ही पद पर कार्य कर रहे हैं जबकि स्थानांतरित होकर आये डा.शर्मा अब इसका विरोध जताते हुए जमीन पर बैठ कर ओपीडी चला रहे हैं और मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रहे हैं, वहीं दोनों डाक्टरों की कुर्सी की जंग में मरीजों को इसका खामियांजा भुगतना पड रहा है।

सर्च अभियान में लापता हेमकुंड यात्रियों का मिला सामान

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गोपेश्वर,  शुक्रवार को सर्च अभियान के दौरान मारवाड़ी से हेलंग बाईपास के समीप एक जैकेट मिला है, उसमें कुछ सामग्री मिली है, उसके अनुसार यह जैकेट हरपाल सिंह पुत्र चरण सिंह की है। हेमकुंड की यात्रा से लौटे इनोवा कार में आठ लोग सवार थे, जो टंया पुल के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसके लिए सर्च अभियान चलाया गया लेकिन कुछ दिनों बाद रोक दिया गया था।

बीते मई माह में जोशीमठ-गोविंदघाट हाईवे पर टंया पुल के पास इनोवा कार के दुर्घटना ग्रस्त होने से जिन आठ सिख तीर्थ यात्रियों के लापता होने की खबर ने सनसनी मची थी, उनमें दो अप्रवासीय भारतीय सिख भी थे। जब अमेरिका दूतावास से खोजबीन के लिए दबाव पड़ा तो पीएसी के गोताखोर, एसडीआरएफ व चमोली पुलिस ने सर्च अभियान फिर तेज किया।

सर्च अभियान के दौरान अलकनंदा नदी के किनारे एक जैकेट मिली। पुलिस कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस जैकेट की जेब से आधार कार्ड मिला है, जो संभवतया गुमशुदा हरपाल का है। साथ ही रूमाल, कंघा और रिस्टबैंड भी मिला। आधार कार्ड के आधार पर जानकारी परिजनों को भेजी दी गई है।

 

खनन में चल रहा रिश्वत का खेल

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हरिद्वार, हरिद्वार प्रशासन ने अवैध खनन की रोकथाम के लिए भले ही सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हों तथा पुलिस प्रशासन द्वारा छापामार कार्रवाई भी की जा रही हो, किन्तु अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन का खेल जारी है।

खनन की अनुमति मिलने के बाद आलम यह है कि हर कोई खनन के खेल में खोया हुआ है। इस खेल में अधिकारी हों या पुलिसकर्मी सभी संलिप्त हैं। अधिकारी इस कदर मस्त हैं कि खुलेआम खनन कराने के एवज में पैसे की मांग कर रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वन विभाग के एक अधिकारी खनन कराने के नाम पर न केवल खनन करने वालों से पैसे ले रहे हैं। बल्कि वे इसके लिए बची हुई रकम को भी जल्द देने पर जोर डाल रहे हैं।

करीब तीन मिनट 46 सेकेंड के इस वीडियो में वन अधिकारी खनन के एवज में पैसे की मांग करते हए देखा जा सकता है। वीडियो में टेबल पर पैसे रखे हुए हैं और यह अधिकारी बाकी पैसों को जल्द देने की बात कर रहा है। यह वीडियो हरिद्वार के भोगपुर क्षेत्र का बताया जा रहा है, जिसमें जानकारी के अनुसार बीस हजार रुपये में खनन किए जाने की बात हुई। पहले दस हजार और उसके बाद बाकि के दस हजार रुपये देने की बात तय हुई।

भोगपुर में वन चौकी प्रभारी अजय कुमार ध्यानी के इस वीडियो में वे पुलिस और अन्य किसी से डर न होने की बात कर रहे हैं। वीडियो में साफ कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि उन्हें पुलिस से कोई डर नहीं है, डर है तो केवल अपने अधिकारी का। इस वीडियो के आने के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि खनन को लेकर अधिकारियों का रवैया किस तरह का होता है। इस वीडियो में दिख रहे अधिकारी पर किसी तरह की कार्रवाई होगी इस पर भी संदेह है।

हेमा मालिनी ने ट्विटर पर पति धर्मेन्द्र को जन्मदिन की दी बधाई

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अभिनेत्री व सांसद हेमा मालिनी ने ट्विटर पर पति धर्मेन्द्र के 82 वें जन्मदिन पर उनके साथ की एक पुरानी फोटो को साझा करते हुए लिखा है कि धरमजी के जन्मदिन पर, मैं उनकी खुशी और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हूं। भगवान उन पर हमेशा प्यार और आशीर्वाद बनाए रखे।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रकाशित हुई जीवनी ‘बियॉन्ड दा ड्रीम गर्ल’ में हेमा मालिनी ने दिग्गज अभिनेता धर्मेन्द्र सिंह के साथ अपने रिश्ते के बारे में खुलासा करते हुए लिखा है, ‘सच तो यह कि मुझे नहीं पता था कि मैं क्या चाहती थी। मुझे पता था कि मैं उनकी (धर्मेंद्र) ओर आकर्षित हूं, लेकिन इस रिश्ते का कोई भविष्य नहीं था। शुरुआत में हम सिर्फ अच्छे दोस्त थे| मुझे उनकी कंपनी पसंद थी, जिसका मैने आनंद लिया। मैंने ढेर सारी फ़िल्में उनके साथ की … एक समय था जब हम एक साथ न सिर्फ दिन या हफ्तों के लिए, बल्कि महीनों भर शूटिंग करते थे। जिसके कारण, यह हर समय एक-दूसरे के साथ रहने की आदत बन गई … समय बीतने के बाद मैं उनके लिए क्या महसूस करती हूं| यह वर्णन कर पाना मुश्किल हो गया। ईमानदारी से कहूं तो मैं कभी उनसे शादी करने का नहीं सोचती थी| इसमें एक मात्र तर्क यह था कि मैं जान-बूझकर प्रेम में नहीं पड़ना चाहती थी। यह अजीब होगा, लेकिन मैं हमेशा यह सोचती थी मैं जब भी शादी करुंगी तो उनके जैसे किसी लड़के से ही। मैंने कभी उनके बारे में नहीं सोचा था। हालांकि, यह भाग्य और नियति थी।’

हेमा मालिनी ने अपना फिल्मी करियर 1968 में राजकपूर के साथ सपनों के सौदागर से की। हेमा मालिनी ने अपने चार दशक के फिल्मी करियर में शोले (1975), सीता और गीता(1972), बागवान (2003), अंधा कानून(1983), सत्ते पे सत्ता (1982) जैसी कई हिट फिल्में दी। हेमा मालिनी वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मथुरा से लोकसभा सांसद हैं| 

सुपरहिट फिल्म ‘चालबाज’ को हुए 26 साल

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फिल्म ‘चालबाज’ को आज 26 साल हो गए हैं। 8 दिसम्बर 1989 को आई इस फिल्म का निर्देशन पंकज पराशर ने किया था। इस फिल्म के मुख्य कलाकार रजनीकान्त, सनी देवल और श्री देवी के अलावा अनुपम खेर, शक्ति कपूर, जॉनी लीवर, रोहनी हट्टगड़ी, अनु कपूर, कादर खान, जैसे अन्य कलाकार भी इस फिल्म का हिस्सा थे। इसका सुपरहिट गाना ‘न जाने कहां से आई है’ आज भी लोगों की जुबान पर है। इस फिल्म के हास्य संवाद जिसमें शक्ति कपूर कहते हैं ‘मैं एक नन्हा-सा प्यारा-सा छोटा-सा बच्चा हूं’, रजनीकान्त का डायलॉग ‘आज सन्डे है, तो दिन में दारु पीने का दिन है’ आज भी लोगों के जुबान पर हैं।

चालबाज में श्री देवी का डबल रोल होता है। इस फिल्म की कहानी अंजू-मंजू दो बिछड़ी हमशक्ल बहनों की है जिसमें अंजू शहर की तेज तर्रार लड़की होती है जबकि मंजू सीधी-सादी और अपने चाचा-चाची द्वारा सताई हुई लड़की होती है। फिल्म ‘चालबाज’ 1972 में आई फिल्म ‘सीता-गीता’ का रिमेक थी जिसमें हेमा मालिनी, धर्मेन्द्र कुमार और संजीव कुमार मुख्य भूमिका में थे।

उल्लेखनीय है कि निर्देशक डेविड धवन फिल्म ‘चालबाज’ का रिमेक बनाने वाले हैं जिसमें आलिया भट्ट श्री देवी वाले लीड रोल में नज़र आएंगी।

भाजपा ने किया विरोध, कांग्रेस ने कहा औचित्यहीन

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काशीपुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंणीशंकर अय्यर द्वारा की गयी टिप्पणी पर भाजपाइयों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए महाराणा प्रताप चौराहे पर कांग्रेसी नेता का पुतला फूंक कर विरोध प्रदर्शन किया और जोरदार नारेबाजी की।

भले ही देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेसी नेता द्वारा की गयी टिप्पणी पर भाजपाईयों को किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने का संदेश दिया हो मगर भाजपाई है कि विरोध करने की आदत जाती नहीं है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान के बाद कि कार्यकर्ता कोई टिप्पणी ना करें और मर्यादा में रहे, के बावजूद विरोध करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं ने काशीपुर में जोरदार प्रदर्शन किया और कांग्रेसी नेता मणीशंकर अय्यर कि टिप्पणी पर माफी मांगने की बात कहीं। वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस नेता ने न केवल प्रधानमंत्री बल्कि देश की 125 करोड़ जनता को गाली दी है। जिसे जनता माफ नहीं करेगी।

कांग्रेस ने दी अपनी प्रतिक्रिया

कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष संदीप सहगल ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता खुद को संगठन और सरकार से उपर समझ रहे हैं यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कार्यकर्ताओं को हिदायद देने के बावजूद कार्यकर्ता अपने मन से काम कर रहे हैं, उन्होने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले में तत्काल ही मणीशंकर अय्यर को निस्काशित कर दिया था, जिसके बाद विरोध का कोई औचित्य नहीं बनता है।

एडमिशन को लेकर तीसरे दिन भी दिया धरना

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ऋषिकेश। ओमकारानंद स्कूल के बाहर पिछले तीन दिनों से धरने पर बैठे अभिभावकों का एडमिशन को लेकर धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। धरने के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई।
शुक्रवार को स्कूल प्रशासन प्रदर्शनकारियों को उठाने के लिए पुलिस को बुलाया लेकिन बात नहीं बनी। मौके पर पहुंचे कैलाश गेट चौकी प्रभारी द्वारा प्रदर्शनकारियों से नारेबाजी न करने बात कहने पर माहौल गरमा गया और आधे घंटे तक हो हल्ला होता रहा। अखिल भारतीय विधार्थी परिषद स्वर्गाश्रम मंडल सहित विभिन्न संगठन द्वारा भी धरने को समर्थन दिया गया।

खैर के पेड़ काटते पांच गिरफ्तार

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हरिद्वार। हरिद्वार के जंगलो में एक बार फिर वन तस्करों द्वारा अवैध रूप से पेड़ों को काटने का मामला प्रकाश में आया है। सूचना मिलने के बाद वन महकमें के सचल दस्ते ने छापेमारी अभियान चलाकर पांच वन तस्करों को गिरफ्तार किया। इसके लिए वन विभाीग ने अभियान में डाॅग स्क्वायड मार्शल की मदद ली गई। जिसके चलते तस्करों की गिरफ्तारी की राह आसान हो गई।

वन विभाग ने डाॅग स्क्वायड मार्शल की मदद से वन माफियाओं पर शिकंजा कसने की शुरुआत कर दी है। डाॅग स्क्वायड मार्शल की गश्ती में खैर की लकड़ी के तस्करों को पकड़ने में हरिद्वार वन प्रभाग कामयाब रहा है। घटना हरिद्वार वन प्रभाग के पथरी सर्कल की है। यहां पर वन महकमें को खैर के पेड़ों को काटे जाने की सूचना मिली। सूचना पर वन विभाग की टीम ने खोजबीन करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया। जिनके पास से बड़ी मात्रा में लकड़ी बरामद की गई।

प्रभागीय वनाधिकारी आकाश कमार वर्मा ने बताया कि ये वन तस्कर पिछले काफी समय से वन प्रभाग के लिए आतंक बने थे। जिन्हें गुप्त सूचना के आधार पर काटे गए खैर के चार पेड़ बरामद किए गए। साथ ही उनके पास से पेड़ काटने वाले औजार भी बरामद किए हैं। हालांकि इनका मुख्य सरगना वन महकमें की गिरफ्त से बाहर है। लेकिन जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।