उत्तराखंड में हरीश रावत सरकार के वरिश्ठ मंत्री यशपाल आर्य ने पार्टी उपाध्यक्ष की ऋशिकेष में महत्वपूर्ण बैठक के मौके पर भाजपा का दामन थाम कर पार्टी को तगड़ा झटका दिया है। ऐन विधानसभा चुनाव के मौके पर राज्य में पाला बदलने वाले यशपाल आर्य राज्य कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और महत्वपूर्ण दलित नेता रहे हैं। दल बदलते ही उन्हें भाजपा ने तत्काल बाजपुर से अपना उम्मीदवार भी घोशित कर दिया। उनके और कांग्रेस के अन्य बागी विधायकों समेत भाजपा ने राज्य में कुल 64 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम घोशित कर दिए हैं। हरिद्वार के आसपास मैदानी इलाके को छोड़ दें तो आर्य की अपील पहाड़ में बसे दलितों के बीच निर्विवाद रूप में व्यापक है। उनके साथ गए केदार सिंह को भाजपा ने यमुनोत्री से उम्मीदवार बना दिया है। राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद हुए इस दलबदल से भाजपा को लगता है कि गढ़वाल अंचल में कांग्रेस को लगभग नेस्तनाबूद करके उसे विधानसभा चुनाव के दौरान भारी बढ़त मिलना तय है।
देखना यह है कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की इस रणनीति से उसके काडर कितना तालमेल बैठा पाएंगे! इसकी वजह यह है कि कल तक वे जिस विजय बहुगुणा की सरकार पर केदारनाथ आपदा का पैसा डकार जाने का आरोप लगा रहे थे, उसीके लिए भाजपा के काडरों को अब जनता से वोट मांगने पड़ेंगे! उल्लेखनीय यह भी है कि बहुगुणा मंत्रिमंडल के दो अन्य मंत्रियों अमृता रावत और हरक सिंह रावत के साथ ही साथ उन्हें अब यशपाल आर्य को जिताने के लिए भी जनता का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। आर्य उसी हरीश रावत मंत्रिमंडल में 15 जनवरी तक मंत्री रहे हैं जिसे भाजपा भ्रष्ट और मौकापरस्त कहते नहीं अघा रही थी। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री सहित चार पूर्व मंत्रियों की मौजूदगी में भाजपा उनके कार्यकाल समेत कांग्रेस शासन के खिलाफ क्या आरोप पत्र लाएगी? जाहिर है कि इस दलबदल ने कांग्रेस के अपेक्षाकृत युवा नेताओं के लिए कम से कम गढ़वाल अंचल में तो विधानसभा में पहुंचने के दरवाजे खोल दिए हैं। इससे कांग्रेस को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एकतरफ जहां उसे अपने कार्यकाल के आधे पापों से मुक्ति मिल गयी वहीं उसके लिए नए और बेदाग उम्मीदवार जनता के सामने उतारने का रास्ता भी खुल गया।
कांग्रेस का तो जो बंटाढार होना था वो हो चुका मगर अब देखना यह है कि बागी कांग्रेसियों को पार्टी टिकट देने पर भाजपा अपने बागी नेताओं को कैसे साधेगी? राजनैतिक लिहाज से यह दलबदल भाजपा कि लिए दुधारी तलवार साबित हो सकता है। एक तो इससे कांग्रेस के पांच साल के शासन के खिलाफ भाजपा के आरोपों की धार कुंद पड़ना तय है, दूसरे उसके अपने पिछवाड़े में भी बगावत की चिंगारी सुलगने की प्रबल आशंका पैदा हो गई है। जाहिर है कि कांग्रेस को खाखला कर देने के बावजूद भाजपा को बहुत फूंक-फूंक कर कदम रखने पड़ेंगे। जाहिर है कि पूर्वोत्तर राज्यों अथवा जम्मू-कष्मीर की तरह उत्तराखंड के विधायको की केंद्र में सत्तारूढ़ दल के साथ रहने की कोई मजबूरी नहीं है। उत्तराखंड की जनता पूरी तरह जागरूक और देश की मुख्यधारा में षामिल है इसलिए यहां के चुनाव नतीजे इस तमाम उठापटक के बावजूद चैंकाने वाले साबित हो सकते हैं।
भाजपा में यूं भी सतपाल महाराज से लेकर यशपाल आर्य तक कांग्रेस से जितने भी नेता शामिल हुए हैं, उनमें से किसी का भी कद मुख्यमंत्री हरीश रावत के बराबर नहीं है और उन सबके जाने से वे अब निर्विवाद नेता स्थापित हो गए हैं। दूसरी तरफ भाजपा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ने की तैयारी दिखा रही है। वैसे भी भाजपा में पहले से जो तीन-चार मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे उनके अलावा चार नए दावेदार कांग्रेस से भी आ गए है। इस लिहाज से देखें तो भाजपा यदि विधानसभा चुनाव में बहुमत ले भी आई तो उसके लिए अपना मुख्यमंत्री चुनना सिरदर्द बन जाएगा। यदि नतीजे त्रिषंकु विधानसभा के रहे तो भाजपा को सरकार बनाने की कोषिष में सबसे अधिक सतर्क कांग्रेस से ही रहना होगा, क्योंकि मुख्यमंत्री और मंत्री पद की चाहत में कांग्रेसियों के लिए भाजपा में किनारे बैठकर लहरें गिनने के बजाए घरवापसी जाहिर है कि बेहद आसान होगी!
भानुमति का कुनबा बनी भारतीय जनता पार्टी
भड़कने लगी बीजेपी में विद्रोह की आग
सोमवार को भाजपा ने विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी हैं।इस लिस्ट में कांग्रेस के सभी बागियों का नाम है। बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होते ही पार्टी में बगावत की आवाज भी बुलंद होने लगी हैं।
असंतुष्ट बीजेपी नेताओं में –
- यमकेश्वर से लगातार तीन जीत दर्ज कर चुकी विजय बड़थ्वाल ने पूर्व सीएम बीसी खंडूड़ी की बेटी को उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध करते हुए कहा है कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी परिवारवाद रोकने की बात करते हैं, वहीं मेरा टिकट काटकर ऐसे चेहरे को टिकट दे दिया, जिसे कोई नहीं जानता। वे बोलीं, हर चुनाव में जनता ने उन्हें आशीर्वाद दिया है। इस बार भी जनता ही सही व गलत का फैसला करेगी।
- प्रतापनगर से टिकट के दावेदार रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेश्वर पैन्यूली ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। पैन्यूली ने कहा कि वे इंडियन बिजनेस पार्टी से चुनावी समर में उतरेंगे।
- नैनीताल सीट से यशपाल आर्य के बेटे संजीव आर्य को प्रत्याशी बनाने की घोषणा के विरोध में टिकट के प्रबल दावेदार हेम चंद्र आर्य ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।
- हरभजन सिंह चीमा को उम्मीदवार बनाए जाने के विरोध में पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता राजीव अग्रवाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। वे 23 को नामांकन कर सकते हैं।
- कांग्रेस से भाजपा में आए डॉ. शैलेंद्र मोहन सिंघल को जसपुर प्रत्याशी बनाए जाने के विरोध में सीमा चौहान ने इस्तीफा दे दिया है। टिकट के एक और दावेदार विनय रोहेला ने निर्दलीय लड़ने की बात कही है।
- भाजपा प्रत्याशी विशन सिंह चुफाल के खिलाफ पहले ही चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके भाजपा किशन भंडारी डीडीहाट से चुनाव लड़ने पर अडिग हैं।
- डॉ. हरक सिंह रावत को कोटद्वार से प्रत्याशी बनाए जाने से पूर्व विधायक शैलेंद्र रावत नाराज हैं और सम्मेलन बुलाकर अगले कदम की घोषणा करेंगे।
- अल्मोड़ा सीट पर रघुनाथ सिंह चौहान को उम्मीदवार बनाए जाने पर पूर्व विधायक कैलाश शर्मा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि तीन बार से चुनाव हारने वाले को प्रत्याशी बना दिया गया। उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं के बीच जाकर फैसला लेंगे।
- सोमेश्वर सीट से दावेदारी करने वाले केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा के भाई संजय टम्टा और चंदन लाल टम्टा ने दो टूक कहा कि अब जनता के बीच जाकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
- जागेश्वर से भाजपा के टिकट के दावेदार नरेंद्र बिष्ट ने भी कहा कि जनता के बीच जाकर फैसला मांगा जाएगा।
- चम्पावत सीट से दावेदारी करने वाले भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य दीप चंद्र पाठक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पाठक ने कहा कि, अब वह जनता के बीच जाकर चुनाव लड़ने पर राय मांगेंगे।
- गंगोलीहाट में मीना गंगोला को प्रत्याशी बनाने पर फकीर राम व खजान गुड्डू ने खुली नाराजगी जताई है। फकीर ने कहा कि वे 1984 से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें टिकट न देकर पार्टी ने आम कार्यकर्ता का अपमान किया है। कांग्रेस से भाजपा में आए खजान गुड्डू ने कहा कि कांग्रेस के बाद भाजपा ने उन्हें धोखा दिया है।
- धारचूला सीट से वीरेन्द्र पाल को टिकट देने का भाजपा नेता बीडी जोशी, जगत मर्तोलिया सहित कई दावेदारों ने खुलकर विरोध किया है। सभी ने कहा है कि पार्टी ने टिकट पर फिर से विचार नहीं किया तो वे अपने समर्थकों से बात कर अगला निर्णय लेंगे।
- चौबट्टाखाल से सिटिंग विधायक व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष तीरथ रावत भी टिकट कटने से नाराज हैं। वे विकास की लड़ाई जारी रहने की बात कर अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं।
- धनोल्टी के विधायक महावीर रांगड़ हालांकि अभी पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन वे समर्थकों के साथ टिकट कटने के बाद उपजी स्थिति पर मंथन कर रहे हैं।रानीखेत अजय भट्ट को प्रत्याशी बनाने पर रानीखेत के भाजपा नेता प्रमोद नैनवाल ने साफ किया कि वे जनता के बीच जाकर चुनाव लड़ने पर फैसला करेंगे। केदारनाथ् से शैलारानी को टिकट मिने से पूर्व विधायक आशा नौटियाल और कर्णप्रयाग से पूर्व विधायक अनिल नौटियाल ने भी ताल ठोकने का मन बना लिया है।
- कपकोट से दावा ठोक रहे युवा तेज तर्रार नेता भूपेश उपाध्याय भी निर्दलीय ही मैदान में ताल ठोक रहे हैं उनका तो यहाँ तक कहना है की कुमाऊं की सभी पर्वतीय सीट्स पर बीजेपी के असंतुस्टों को वो चुनाव लड़वायेंगे। गौरतलब है कि सरकार बनाने और गिराने में अहम रोल निभा चुके है।
अब देखना ये होगा कि आने वाले दिनों में बीजेपी अपने भीतर बगावत के सुरों को कितना रोक पाती है और वहीं कांग्रेस विरोधी खेमें में पड़ी इस दरार का कितना राजनीतिक फायदा उठा पाती है।
टिकट घोषणा के साथ ही बीजेपी में उठे बगावत के सुर
सोमवार शाम को जैसे ही दिल्ली में बीजेपी पार्टी मुख्यालय में जे पी नड्डा ने उत्तराखंड चुनावों के लिये पार्टी के 64 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की वैसे ही ये अंदेशा लगाया जा रहा था कि पार्टी में बगावत के सुर बुलंद होंगे। इसका सबसे बड़ा कारण था बीजेपी का कांग्रेसी बागियों की तरफ प्रेम। पार्टी ने पिछले साल विधानसभा में कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह कर बीजेपी में आये सभी नौ विधायकों को टिकट दे दिये हैं। इनमें
- हरक सिंह रावत : कोटद्वार
- शैला रानी रावत:केदारनाथ
- कुवंर प्रणव चैंपियन: खानपुर
- प्रदीप बत्रा: रुड़की
- सौरभ बहुगुणा: सितारगंज
- सुबोध उनियाल : नरेंद्रनगर
- उमेश शर्मा काउ: रायपुर
- यशपाल आर्या: बाजपुर
- संजीव आर्या: नैनिताल
- शैलेंद्र मोहन सिंघल: जसपुर
- सतपाल माहराज: चौबटाखाल
इसके चलते पार्टी में विरोध के सुर बुलंद होने लगे हैं। गंगोत्री सीट पर बीजेपी नेता सूतराम नौटियाल ने निर्दलिय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। अन्य कई सीटों पर जहां सालों से पार्टी की सेवा कर रहे नेता फल मिलने का इंतजार कर रहे थे वहां से भी आने वाले दिनों में विद्रोह होने की संभावना है।
हांलाकि पार्टी का रहना है कि सब कुछ ठीक है। पार्टी प्रवक्ता देवेंद्र भसीन ने कहा कि ” पार्टी आलाकमान ने टिकटों का बंटवारा सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर किया है। राज्य में बीजेपी का विस्तार हो रहा है और ऐसे में नये लोग जुड़ रहे हैं, इससे पार्टी की एकता को बल मिलेगा ”
अभी कांग्रेस की लिस्ट का इंतजार है और राजनीतिक गलियारों में ये खबरें तेज़ हैं कि आने वेला दिनों में और भी कांग्रेसी नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो ये देखना दिलचस्प होगा कि बड़ी संख्या में कांग्रेस के खेमे में सेंध लगाना बीजेपी के लिये फायदेमंद होगा या परेशानी का सबब बनेगा।
बीजेपी ने घोषित किये 64 उम्मीदवारों के नाम; कांग्रेसी बागियों को मिला टिकट
चुनावी गहमागहमी के बीच बीजेपी ने रविवार को उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के लिये अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इस सूची में राज्य की 64 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। केंद्रीय चुनाव समिति ने सोमवार शाम को आखिरी मीटिंग कर इन नामों पर मुहर लगाई। गौरतलब है कि बीजेपी ने कांग्रेस के सभी बागी विधायकों को सूची में जगह दी है।
विधानसभा क्षेत्र प्रत्याशियों के नाम
- पुरोला मालचंद
- यमुनोत्री केदार सिंह
- गंगोत्री गोपाल सिंह
- बद्रीनाथ महेंद्र भट्ट
- थराली- मगन लाल शाह
- कर्णप्रयाग सुरेंद्र सिंह नेगी
- केदारनाथ शैला रानी रावत
- रुद्रप्रयाग भरत चौधरी
- घंसाली शक्ति लाल शाह
- देवप्रयाग विनोद कंडारी
- नरेंद्र नगर सुबोध उनियाल
- प्रतापनगर विजय सिंह पंवार
- टिहरी धान सिंह नेगी
- धनौल्टी नारायण सिंह राणा
- सहसपुर सहदेव पुंडीर
- रायपुर उमेश शर्मा
- राजपुर रोड खजान दास
- देहरादून कैंट हरबंश कपूर
- मसूरी गणेश जोशी
- डोईवाला त्रिवेंद्र सिंह रावत
- ऋषिकेश प्रेमचंद्र अग्रवाल
- हरिद्वार मदन कौशिक
- बीएचईएल रानीपुर आदेश चौहान
- ज्वालापुर सुरेश राठौड़
- भगवानपुर सुबोध राकेश
- झबरेरा देशराज कर्णवाल
- पिरंकलियार जय भगवान सैनी
- रुड़की प्रदीप बत्रा
- खानपुर कुवंर प्रणब सिंह
- मैंगलोर ऋषिपाल बलियां
- लक्सर संजय गुप्ता
- हरिद्वार देहात स्वामी यतिश्वरानंद
- यमकेश्वर रितु खंडूरी भूषण
- पौड़ी मुकेश कोली
- श्रीनगर धान सिंह रावत
- चौबटाखल सतपाल महाराज
- लैंड्सडाउन दिलीप सिंह रावत
- कोटद्वार हरक सिंह रावत
- धारचूला विरेंद्र सिंह
- डीडीहाट बिशन सिंह चुफाल
- पिथौड़ागढ़ प्रकाश पंत
- गंगोलीहाट मीना गंगोला
- कपकोट बलवंत सिंह भोरियाल
- बागेश्वर चंदन राम दास
- द्वाराहाट महेश नेगी
- सल्ट सुरेंद्र सिंह जीना
- रानीखेत अजय भट्ट
- सोमेश्वर रेखा आर्या
- अल्मोड़ा रघुनाथ सिंह चौहान
- जागेश्वर सुभाष पांडे
- चंपावत- कैलाश गहतोरी
- लोहाघाट पूरण फर्टियाल
- लालकुआं नवीन धुमका
- नैनीताल संजीव आर्य
- कालाधूंगी बंसीधर भगत
- जसपुर डा.शैलेंद्र मोहन सिंघल
- काशीपुर हरभजन सिंह छीमा
- बाजपुर यशपाल आर्य
- गदरपुर अरविंद पांडे
- रुद्रपुर राजकुमार ठुकराल
- किच्छा राजेश शुक्ला
- सितारगंज सौरभ बहुगुणा
- नानकमाता प्रेम सिंह राणा
- खटीमा पुष्कर सिंह धामी
इसके अलावा चकराता, विकास नगर, धर्मपुर, रामनगर, हलद्वानी और भीमताल सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा अभी नही हुई है। इस लिस्ट में पार्टी ने कांग्रेसी बागियों का खासी तरजीह दी है जिसके चलते आने वाले दिनों में पार्टी के सामने अपने खुद के नेताओे को संभालना एक बड़ी चुनौती हो सकती है।
पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी तो मैदानी क्षेत्रों में हुई बूंदाबांदी से गिरा पारा
जनवरी के बिल्कुल मिड में उत्तराखंड में ठंडक बिल्कुल चरम पर है। मौसम विभाग के अनुसार 15 जनवरी से एक हफ्ते तक मौसम के मिजाज मे बदलाव आना था और ऐसा ही हुआ एक बार फिर बादल और चोटियों पर हिमपात हो गया। जहां प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में सोमवार सुबह से हो रही बूंदाबांदी ने ठंडक बढ़ा दी है,वहीं बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा कुमाऊं में पहाडिय़ों पर बर्फबारी ने मौसम को ठंडा कर दिया है। मसूरी में भी हल्की बर्फबारी हुई है। औली और उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री के पास बर्फबारी हो रही है।
चमोली जिले में निचले इलाकों में हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी ने बर्फ की चादर ओढ़ ली है।खरसाली, हर्षिल समेत कई इलाके बर्फ से ढक गए हैं। वहीं देहरादून सहित कई मैदानी इलाकों में बूंदाबांदी हुई, जिसके चलते ठण्ड का प्रकोप बढ़ गया है।मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक आने वाले शुक्रवार तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा।इस बूंदाबांदी से सर्दी का सितम और बढ़ने की उम्मीद है।प्रदेश में एक तरफ जहां चुनाव की गहमा गहमी है वहीं इन सबसे बेखबर आसमान अपने अलग अलग रुप दिखा रहा है।
एक बार फिर आमिर साबित हुए मिस्टर परफेक्ट
बॉक्स ऑफिस पर नया कीर्तिमान रचने के बाद ‘दंगल’ का जलवा जियो फिल्मफेयर अवार्ड्स में भी कायम है। फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक तीनों श्रेणी में पुरस्कार जीते। आलिया भट्ट ने ‘उड़ता पंजाब’ में बेहतरीन अभिनय के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार अपने नाम किया। फिल्म बिरादरी के बड़े सितारों से सजा प्रतिष्ठित 62वां जियो फिल्मफेयर अवॉर्ड्स की मेजबानी शाहरुख खान ने की।
नितेश तिवारी ने सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीतने के बाद कहा, ‘यह पुरस्कार इस बात का सबूत है कि लोगों ने हमारी फिल्म (दंगल) को कितना प्यार दिया, इसलिए मैं इस मौके पर भारत और विदेश में इस फिल्म को पसंद करने और इसको समर्थन देने वाले लोगों को धन्यवाद देता हूं। यह मेरे लिए सब कुछ है।’
अपनी मां सोनी राजदान और बहन शाहीन भट्ट के साथ समारोह में शामिल हुई आलिया को श्रीदेवी और बोनी कपूर के हाथों सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। इस मौके पर आलिया ने कहा, ‘यह (उड़ता पंजाब) मेरे दिल के करीब है। मुझे पटकथा भेजने के लिए शाहिद आपको धन्यवाद। आज का दिन मेरे लिए खास है। श्रीदेवी आपके हाथों पुरस्कार लेना मेरे लिए सम्मान की बात है और उन्होने कहा कि मेरे बहन का यहां होना मेरी खुशी को और बढ़ाता है।
मोदी गांधी का स्थान लेने को हैं बेचैन: राहुल गांधी
- आजादी के बाद 52 साल तक नागपुर के आरएसएस हेडक्वार्टर में तिरंगा नहीं था। वो भगवा झंडे को सलाम करते थे, तिरंगे को नहीं।
- कांग्रेस पार्टी ने RBI को मजबूत किया ताकि कोई ऐसी संस्था रहे जो सरकार के दबाव में नहीं हो क्योंकि यह आर्थिक निर्णय लेता है।
- जिसने सीने पर तीन गोली खायी इस तिरंगे के लिए उनकी फोटो मोदीजी ने हटा दी।
- चरखा गरीब का खून पैसा है। एक तरफ मोदीजी चरखे के साथ फोटो लेते हैं लेकिन दिनभर 50 उद्योगपतियों के लिए काम करते हैं।
- आजकल सब कुछ मोदी जी ही करते हैं। अगली बार रामलीला होगी तो वहां भगवान राम नहीं दिखाई देंगे, बल्कि राम मोदीजी का मास्क पहनकर रामलीला करेंगे।
- मेरा पॉकेट/कुर्ता फटा हो तो मुझे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मोदीजी का कपड़ा कभी नहीं फटा होगा और वो गरीब की राजनीति करते हैं।
- पूरे देश को डरा रखा है। कहते हैं पेटीएम नहीं है तो बाहर निकलो यहां से।
- जिस तरह से एक मिनट में नोटबंदी का फैसला लिया मोदीजी, उसी तरह वन रैंक-वन पेंशन का फैसला भी लें।
यशपाल आर्या ने छोड़ा हाथ का साथ पहुंचे कमल की छाया में
चुनावी माहौल में उत्तराखंड कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राज्य के कैबिनेट मंत्री औऱ बाजपुर से पार्टी के वरिष्ठ विधायक औऱ नेता यशपाल आर्या आज कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी में शामिल हो गये। दिल्ली मे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में उन्हें पार्टी में ज्वाइनिंग कराई गई।इस मौके पर बोलते हुए आर्या ने भावुक होते हुए कहा कि “जिंदगी के 40 साल मैने कांग्रेस को दे दिये और अब भारी मन से पार्टी को छोड़ कर बीजेपी नेतृत्व के साथ काम करने को आ गया हूं”। उन्होने कहा कि “आज मेरे मन में पीड़ा है परिवार छोड़ने का दर्द है पर कांग्रेस में सब कुछ बदल रहा है। पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा हो रही है।” गौरतलब है कि कांग्रेस में काफी समय से टिकटों के बंटवारे को लेकर घमासान मचा हुआ है। यशपाल आर्या भी अपने और अपने बेटे दोनों के लिये टिकट की मांग पर अड़े हुए थे। लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और आलाकमान एक परिवार एक टिकट पर जोर दे रहा था। इसके चलते यशपाल आर्या के बेटे के लिये टिकट खटाई में पड़ता दिख रहा था। आर्या के बीजेपी में आने के बाद कांग्रेस के और नेताओं के भी पाला बदलकर बीजेपी का दामन थामने की खबरें आ रही हैं।
यशपाल आर्या राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शामिल थे। वो पार्टी अध्यक्ष रहने के साथ साथ सरकार में वरिष्ठ मंत्री भी थे। कुमाऊं के तराई क्षेत्र उधमसिंह नगर आधि में उनका अच्छा दबदबा है। हालाकि कांग्रेस फिलहाल इसे आर्या पर अवसरवादी और दबाव की राजनीति करना का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जनता कांग्रेस के साथ है और चुनावों में इसका जवाब आर्या को मिलेगा।सोमवार को एक तरफ जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ऋषिकेश में कार्यकर्ताओं के बीच कार्यक्रम कर रहे थे उसी समय दिल्ली में बीजेपी ने ये झटका देकर ये बात तो तय कर दी है कि ऐन चुनाव के समय आर्या के इस कदम का राज्य में कांग्रेस के राजनीतिक समीकरणों पर असर ज़रूर पड़ेगा।
उत्तराखंड कयाकिंग और कैनोइंग टीम ने हैट्रिक के साथ चैंपियनशिप की अपने नाम
इंदौर में 9 से 13 जनवरी तक चले पांच दिवसीय 27वें राष्ट्रीय कयाकिंग और कैनोइंग चैंपियनशिप में उत्तराखंड टीम ने एक बार फिर अपनी जीत दर्ज कर ली है। उत्तराखंड नें लगातार तीसरी बार इस चैंपियनशिप को अपने नाम किया है और इसके साथ राज्य की टीमों ने अपना हैट्रिक बना लिया है।
पुरुषों / महिलाओं / जूनियर पुरुष / सब जूनियर लड़के / मास्टर / पेरा केनोइ कैटेगरी में उत्तराखंड की टीम ने धमाकेदार प्रदर्शन से कुल 39 मैडल अपनी झोली में डाले।
अलग अलग कैटेगरी के मैडल इस प्रकार हैः
- गोल्ड- 14
- सिल्वर-15
- ब्राउंज-10
कायाकिंग और कैनोइंग प्रेसिडेंट डा.अलंकनन्दा अशोक ने कहा कि “यह बहुत ही हर्ष का विषय है, कि पिछले तीन साल से उत्तराखण्ड कयाकिंग और कैनोइंग टीम लगातार ओवरआल चैम्पियनशिप जीत रही है।उन्होंने कहा कि अगर हमारी टीमों का प्रदर्शन आगे भी इतना अच्छा रहा और मुझे उम्मीद है कि रहेगा तो आने वाले राष्ट्रीय कॉमनवेल्थ खेलों में भी उत्तराखंड की तरफ से वाटर र्स्पोट्स में मेडल पक्का है।उन्होंने कहा कि इतने सारे मैडल्स के साथ उत्तराखंड ओवर आल विनर है जो प्रदेश के लिए गर्व की बात है।उन्होंने सभी खिलाड़ियो को उनकी जीत पर बधाईयां दी।”
ऋषिकेश पहुंचे राहुल गांधी,कार्यकर्ताओं को करेंगें संबोधित
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रस्तावित ऋषिकेश दौरे को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है। कांग्रेस प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी ने बताया कि 16 जनवरी को राहुल गांधी ऋषिकेश के डीएसबी इंटरनेशनल कालेज परिसर में कांग्रेस पार्टी के बूथ, बाजार एवं ग्राम कांग्रेस अध्यक्षों से मिलेंगे। इस मीटिंग में सभी सांसद, पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, प्रदेश पदाधिकारी, जिला व शहर अध्यक्ष, अनुषांगिक संगठनों, विभागों व प्रकोष्ठों के अध्यक्षगणों के साथ ही ब्लाक, नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तथा जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, नगर पालिका, नगर पंचायत के अध्यक्षगणेां को भी आमंत्रित किया गया है।
विधानसभा चुनावों को लेकर टिकटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस में खासा बवाल मचा हुआ है।पार्टी औऱ नेता आॅल इस वेल की बात तो कह रहे हैं लेकिन सब कुछ ठीक हो ऐसा दिखता नही। हाल ही में सार्वजनिक मंचों पर भी कांग्रेस राज्य आलाकमान को लोकल नेताओं के वद्रोह का सामना करना पड़ चुका है। ऐसे में पार्टी के नेताओं को यही उम्मीद रहेगी कि राहुल गांधी का दौरा बिना किसी परेशानी के गुज़र जाये।
राहुल गांघी के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किये गये हैं। पुलिस मुख्यालय से लेकर सभा स्थल तक सब जगह पुलिस के आला अधिकारी तैयारियों का जायज़ा ले रहे हैं।