मसूरी में जंग के लिए तैयार जोशी और थापली

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उत्तराखंड की महिलाओं ने बहुत सारे आन्दोलनों में भाग लिया है, चाहे वो शराब रोको आन्दोलन हो,चिपको आन्दोलन हो या फिर अलग राष्ट्र बनाने के लिए आंदोलन हो।लेकिन खास बात यह है कि राष्ट्रीय पार्टियां जैसे कि भाजपा और कांग्रेस मातृ शक्ति को तब भूल गए जब टिकट देने की बारी आई और औरतों को चुनावी जंग में उतारने की बारी आई।

मसूरी की राजनीति वैसी ही घुमावदार है जैसे कि पहाड़ी पर पहुंचने के रास्ते,गोल और घुमावदार।मसूरी की सीट कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए आकांक्षित सीट है।ताज्जुब की बात तो यह है कि कांग्रेस की आठ सीटों में से मसूरी की सीट पर हैं गोदावरी थापली,कांग्रेस की उम्मीदवार जिन्होंने 2012 में इसी सीट पर टिकट लेने से इन्कार कर दिया था।

थापली को कांग्रेस से टिकट मिलने के साथ ही ऐसा लगता है मानो उन्होंने सीनीयर कांग्रेस नेता और मसूरी सीट से दो बार चुने गए विधायक जोत सिंह गुंसोला से अपने पिछले मनमुटाव को भी भुला दिया है।इस बात से आश्चर्य नहीं होगा कि इस साल की शुरुआत में गुंसोला और थापली ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि टिकट चाहे जिसको भी मिले वो एक दूसरे का साथ भी देंगे और समर्थन भी करेंगे।एक दूसरे का साथ देने की घोषणा के साथ मंगलवार को थापली के नामांकन में गुंसोला का होना कोई आश्चर्य की बात नहीं थी।इन दोनों ने कहा कि वर्तमान में बीजेपी विधायक गणेश जोशी मसूरी क्षेत्र में विकास करने में नाकामयाब रहे हैं।

हालांकि बहुत से लोग जोशी को शक्तिमान विवाद पर राष्ट्रीय हेडलाइन बनाने के लिए याद रखेंगे लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि वो पहाड़ी क्षेत्र में लोगों की पहली पसंद हैं जो कभी कांग्रेस के लिए एक सुरक्षित वोट माना जाता था।

जोशी की यूएसपी यह है कि उनकी युवा लोगों पर अच्छी पकड़ है,इसके साथ ही महिलाओं के भी जोशी पसंदीदा विधायक है और सबसे महत्वपूर्ण उनका कम आय वाली शादियों में उपस्थित होना।कुछ महीनों पहले मुलिंगर में जोशी के भावुक भाषण ने वहां मौजूद बहुत से लोगों की आंखों में आंसू ला दिये थे,वो शायद ही किसी की मदद करने से पीछे हटे हो।

उनका रक्षाबंधन के दिन शहर में वार्षिक उत्सव मनाना भी कहीं ना कहीं महिलाओं के वोट को उनकी तरफ खींचता है।रक्षाबंधन के दिन बड़ी संख्या में औरतें अपनी अपनी राखियां गणेश जोशी को देने पहुंचती हैं और (अगर वो उस दिन शहर में मौजूद नहीं रहते तो सारी ऱाखियां एक बड़े टब में इकठ्ठा कर दी जाती हैं) सभी बहनों को चाय नाश्ते के साथ ही विधायक भाई की तरफ से उपहार भी दिया जाता है,जिसमें 2015 में बहनों को गुलाबी छाता दिया गया और 2016 में घड़ी।

देखने की बात तो यह होगी कि यह समय जोशी के लिए अच्छा साबित होता है या फिर बदलाव की दरकार करता है,बहुत जल्दी इस बात का फैसला भी हो जाएगा।

2012 के वोटः

गणेश जोशीः 28,097 बीजेपी

जोत सिंह गुंसोलाः 18,321 कांग्रेस

गोदावरी थापलीः 9248 आईएनडीपी