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शराब तस्करी पर चुनाव आयोग की फटकार के बाद हरकत में आया प्रशासन

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गुरुवार को ही मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने चुनावों के दौरान होने वाली शराब तस्करी को रोकने में ढील बरतने के चलते आबकारी विभाग और प्रशासन से नाराजगी जताई थी। इस नाराजगी का असर शुक्रवार को ही देखने को मिला। अवैध शराब  के  भंडारण, परिवहन और वितरण पर रोक लगाने के लिये शुक्रवार को सचिवालय में मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी जिलाधिकारियों द्वारा विधानसभावार अवैध मदिरा पर रोक लगाने के लिए कार्यकारी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में विशेष प्रवर्तन टीम गठित की जायेगी। इस टीम में पुलिस, आबकारी, परिवहन, व्यापार कर और वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी रहेंगे।

फैसला लिया गया कि

  • हर जिले में विधानसभावार गठित संयुक्त टीम अलग-अलग समय में सरप्राइज चैकिंग करेंगे।
  • खासतौर पर मुख्य राजमार्ग, वन विभाग के मार्ग, लिंक रोड और संभावित स्थानों पर चेकिंग की जायेगी।
  • अवैध मदिरा के भंडारण पर भी वैधानिक कार्यवाई टीम द्वारा की जायेगी।
  • यह भी देखा जायेगा कि मदिरा की दुकानों पर पर्ची या कोड वर्ड के द्वारा मदिरा का वितरण न किया जाय। यदि ऐसा पाया जाता है तो सम्बंधित के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाये।

निर्देश दिए गये कि सभी टीम कार्यवाही की रिपोर्ट नोडल आफिसर पुलिस विभाग और आबकारी विभाग को प्रतिदिन प्रेषित किया जाय। आबकारी आयुक्त युगल किशोर पंत ने बताया कि

  • विधान सभा सामान्य निर्वाचन में अवैध मदिरा के भंडारण, परिवहन, वितरण पर पूर्ण रोक लगाने के लिए कार्ययोजना बना ली गयी है।
  • राज्य में 251 देशी और 275 विदेशी मदिरा की फुटकर दुकाने हैं।
  • दुकानों को निर्धारित सीमा से अधिक मदिरा की बिक्री किसी व्यक्ति विशेष को न करने के निर्देश दिये गये है।
  • निगरानी के लिए रोज स्टाक का सत्यापन, सीसीटीवी से बिक्री की रिकार्डिंग कर जिला आबकारी अधिकारी द्वारा मानिटरिंग की जा रही है।
  • थर्ड पार्टी निरीक्षण एसडीएम, तहसीलदार से कराने के लिए जिलाधिकारी से कहा गया है।
  • विदेशी मदिरा की तस्करी रोकने के लिए हिमाचल, हरियाणा, चंडिगढ़ राज्यों की सीमा पर कुल्हाल और तिमली में रोड चेकिंग की जा रही है। हिमाचल की सीमा पर खोदरी, डाकपत्थर, लालढ़ांग और विकासनगर में प्रवर्तन दल तैनात किये गये हैं। हरिद्वार में भगवानपुर, नारसन, कांगड़ी चेक पोस्ट, पौड़ी में कौड़िया, उधमसिंह नगर में शाहगंज, रूद्रपुर, सुतैया, मंझोला, महेशपुरा और चम्पावत में बनबसा चेक पोस्ट पर संघन चेकिंग करायी जा रही है।
  • इसके अलावा मदिरा की प्रत्येक दुकानों, आसवनी, ब्रुवरी और सभी इकाइयों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं।
  • उप आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी, आबकारी निरीक्षकों द्वारा नियमित चेंकिंग की जा रही है।
  • सहायक आबकारी आयुक्त, जिला आबकारी अधिकारी द्वारा लगातार रोड चेकिंग, काम्बिंग और दबिश दी जा रही है।
  • मुखबिर तंत्र को सुचारू, सुढृढ़ किया गया है।

बैठक में प्रमुख सचिव गृह डाॅ उमाकांत पंवार, सचिव कार्मिक अरविंद सिंह ह्यांकी, अपर सचिव वन मनोज चन्द्रन, नोडल अधिकारी पुलिस आईजी दीपम सेठ, अपर परिवहन आयुक्त सुनीता सिंह उपस्थित थे। 

21 जनवरी को ये होगा पीएम मोदी का प्रोग्राम

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देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) शनिवार को कमांडर कांफ्रेंस होने जा रही है। कांफ्रेंस में शिरकत करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर शनिवार को देहरादून पहुंच रहे हैं। कांफ्रेंस में भारत के तीनों सेना प्रमुख, एनएसए अजित डोभाल और सभी कमान के चीफ देहरादून पहुंच रहे हैं।

कमांडर कांफ्रेंस में देश की सभी कमान जैसे मध्य कमान, नॉर्दन कमान, सदर्न कमान के चीफ भाग लेते हैं।इस दौरान भारत के तीनों सैन्य प्रमुख भी मौजूद रहे हैं।इस कांफ्रेंस में प्रधानमन्त्री और रक्षामंत्री मौजूद रहते हैं। शनिवार सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) देहरादून में कमांडर्स कांफ्रेंस का आयोजन होगा।

कांफ्रेंस का शेड्यूलः

शुक्रवार दोपहर तीनों सेना प्रमुख देहरादून पहुंचेंगे। इसके बाद एनएसए अजित डोभाल भी शुक्रवार शाम साढ़े 4 बजे ही जोलीग्रांट एयरपोर्ट से देहरादून में राजपुर रोड स्थित मधुवन होटल पहुंचेंगे। शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर दिल्ली से देहरादून पहुंचेंगे। पीएम मोदी और रक्षामंत्री पर्रिकर शनिवार सुबह साढ़े 9 बजे कमांडर कांफ्रेंस में भाग लेने आईएमए पहुंचेंगे। शनिवार सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) देहरादून में कमांडर्स कांफ्रेंस का आयोजन होगा।

“A4U” पार्टी ने कहा लोग ही चुनेंगे पार्टी के उम्मीदवार

शुक्रवार को पार्टी A4U पार्टी यानि उत्तराखंड विकल्प संगठन के संयोजक कर्नल डाॅ डी पी डिमरी नें अपनी पार्टी के उद्देश्यों को मीडिया से साझा किया। उन्होंने अपनी पार्टी A4U में उम्मीदवारों के चयन को लेकप पैमाने साप कर दिये। उन्होंने कहा कि

  • प्रदेश के हर क्षेत्र से ऐसे उम्मीदवारों को लाऐंगें जो पीपल्स कैंडिडेट होगें और सही मायनों में जनता की कसौटियों और A4U पार्टी के मानकों पर खरा उतरें।
  • कैंडिडेट को वे स्वतंत्र उम्मीदवार की तरह प्रदेश में चिन्हित करेंगें और जनता की मंजूरी और सहमति से प्रत्याशी बनाकर आने वाले चुनाव में विधायक के तौर पर उन्हें उतारेंगे और जनता की मदद से जीत भी दिलाऐंगें।
  • हम एक मजबूत और चुस्त कार्यप्रणाली के साथ काम करेंगें और जरुरत पड़ने पर अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए सड़क पर भी उतरेंगें।

डिमरी के मुताबिक एक यही तरीका है जिसके माध्यम से हम प्रदेश में विकास एंव विश्वास की नई लहर पैदा कर पाऐंगें और उत्तराखंड राज्य को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में हमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है प्राकृतिक,मानव व बौद्धिक संपदा से हमारा प्रदेश भरा पड़ा है, जरुरत केवल उनको समुचित व कार्यान्वित करने की है।

A4U पार्टी के मुख्य चुनावी मुद्दें होंगे:

  • भ्रष्टाचार व अनियमिता
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • रोजगार
  • नशा-बन्दी
  • कृषि बागवानी
  • पलायन
  • पर्यटन
  • महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण

 

ट्रम्प के इनाॅग्रेशन समारोह में उत्तराखंड की मनस्वी ने किया परफार्म

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2010 में मिस इंडिया रह चुकी मनस्वी ममगई उन सितारों में से एक हैं,जिन्होंने रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प के इनाॅग्रेशन समारोह में परफार्म किया है। जी, हां उत्तराखंड की बेटी मनस्वी ममगांई ने एक बार फिर प्रदेश का नाम ऊंचा कर दिया है। 2010 में मिस इंडिया बनने के बाद मनस्वी ने प्रभुदेवा की फिल्म एक्शन जेक्शन में अजय देवगन व सोनाक्षी सिन्हा के साथ काम किया है।

डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ समारोह से एक दिन पहले बालीवुड के संगीतकार मीका सिंह ने ट्रम्प द्वारा दी गई डिनर पार्टी में शिरकत की और सोशल साईट टिव्टर पर टिव्ट किया कि “यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं इस प्रेस्टिजिएस पार्टी का हिस्सा बना।”

ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से पहले भी कई फिल्मी सितारें अलग अलग कार्यक्रमों में भाग ले चुके हैं। ट्रम्प के राष्ट्रपति चुने जाने से पहले प्रभु देवा और मलाईका अरोड़ा खान ने रिप्बलिकन हिन्दु के संगठन से बने कश्मीर रिफ्यूजी के लिए एक चैरिटी इवेंट में भाग लिया था। उस परर्फामेंस में बालीवुड कलाकारों ने लोगों के दिलों को जीता था और तब ट्रम्प ने कहा था कि वो बालीवुड और भारत दोनो से काफी जुड़ाव रखते हैं।

 

 

सेना का चुनावी फायदे के लिये इस्तेमाल कर रहे हैं मोदी: हरीश रावत

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गुरुवार देर शाम उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिल्ली में सीघे प्रघानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया।मुद्दा था 21 जनवरी को देहरादून के राष्ट्रीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में होने वाली कमबाइंड कमान्डर्स काॅन्फ्रेंस जिसमें रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख के साथ साथ खुद प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेने देहरादून पहुंचेंगे। कांग्रेस मुखायालय में पत्रकारों से बात करते हुए रावत ने कहा कि उत्राखंड में चुनाव आचार संहिता लगी हुई है औऱ ऐसे में इस कांफ्रेंस को देहरादून में आयोजित कर के प्रधानमंत्री सीधे तौर पर सरकारी मशीनरी और खासतौर पर सोना का उपयोग राजनीतिक फायदा उठाने के लिये कर रहे हैं जो चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है। रावत ने कहा कि इस संबंध में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मिलकर आधिकारित शिकायत दर्ज कराई है। गौरतलब है कि कमबाइंड कमान्डर्स काॅन्फ्रेंस का आयोजन देहरादून में किया गया है और इसके चसते कांग्रेस इसे चुनावों में जा रहे राज्य में वोटरों को लुभाने से जोड़ कर देख रही है। कांग्रेस का आरोप है कि इस कांफ्रेंस का प्रचार प्रसार राज्य औऱ राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर किया जायेगा। ऐसे में ये कांग्रेस इस सरकारी मशीनरी का दुरउपयोग बता रही है।

राज्य में उम्मीदवारों की गोषणा को पर रावत ने कहा कि शुक्रवार को केंद्रीय चुनाव समिति दोबारा इस मसले पर मिलेगी और जल्द ही नामों की घोषणा कर दी जायेगी। जब रावत से पूछा गया कि क्या टिकटों में देरी की वजह बीजेपी से टिकट न मिलने पर बागी हुए नेताओँ का इंतजार है? इस सवाल को रावत टाल गये और उन्होंने कहा कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है।

अब देतना होगा कि कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग क्या फैसला लेता है? साथ ही ये भी देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस कबतक चुनावों के लिये अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करता है।

पूर्व मुख्यमंत्रियों का अजायब घर बनीं भाजपा

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हलद्वानी के अस्पताल से सीधे भाजपा में टपके 91 साल के नारायणदत्त तिवारी को पार्टी में शामिल करने के साथ ही पार्टी उत्तराखंड के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों का अजायब घर बन गई है। इन मुख्यमंत्रियों में तिवारी के अलावा अस्सी साल की उम्र पार कर चुके भुवनचंद्र खंडूड़ी, पचहत्तर साल की राजनीतिक अछूत सीमा छू रहे भगत सिंह कोष्यारी, आपदा राहत के कथित खलनायक विजय बहुगुणा और भ्रष्टाचार की बलिवेदी पर कुर्बान हुए रमेश पोखरियाल निशंक भी शामिल हैं। जाहिर है कि इन तमाम टिमटिमाते राजनीतिक दियों को अपने झंडे तले इकट्ठा करके भाजपा 15 फरवरी, 2017 को प्रस्तावित उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में हर कीमत पर जीत दर्ज करने को आतुर है। यदि ऐसा नहीं है तो उम्र की 75वीं दहलीज पार कर चुके अपने दिग्गज नेताओं को राजनीतिक अछूत घोशित कर चुकी भाजपा ने इक्यानबे साल के तिवारी का उनके विवादित पुत्र रोहित शेखर को कमल छाप पर चुनाव लड़ाने की शर्त के साथ पार्टी में इस्तकबाल क्यों किया? ताज्जुब यह है कि राज्य के इन सारे भूतपूर्व माननीयों की मौजूदगी के बावजूद टिकट बांटने की माथापच्ची भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को खुद ही करनी पड़ी है। इन तमाम दिग्गजों को या तो अपनी संतानों को मिले कमल छाप अथवा अपने एकाध चहेते को टिकट मिल जाने मात्र से ही संतोश करना पड़ा है। हद तो तब हुई जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट तक को पार्टी उम्मीदवारों के चयन में नहीं पूछा गया। इससे जाहिर है कि सत्ता पाने की अंधी दौड़ में भाजपा ने अवसरवादिता की नई लकीर खींचने के साथ ही राज्य के पार्टी संगठन के अस्तित्व को ही नकार देने की कथित कांग्रेसी संस्कृति भी और परिश्कृत रूप में अपना ली है। राजनीति की चौसर पर भाजपा ने अपनी इस चाल से यह भी जता दिया कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की मात्रा पूरी तरह केंद्रीय नेतृत्व की कृपा पर निर्भर है। साथ ही अमित शाह ने राज्य के करीब साठ लाख मतदाताओं के सामने इन पूर्व मुख्यमंत्रियों की हैसियत की पोल भी खोलकर रख दी। ऐसा करना शायद नरेंद्र मोदी को ही चुनाव प्रचार का नायक स्थापित करने और चुनाव नतीजे आने पर महाराश्ट्र, गुजरात और हरियाणा की तरह अपनी पसंद का मुख्यमंत्री बनाने के लिए अमित की मजबूरी थी।

पंजाब से दो सालों से पुलिस को छका रहा फरार अपराधी गिरफ्तार

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स्पेशल टास्क फोर्स ने सेन्ट्रल जेल, पटियाला से लगभग दो सालों से वरपरोल तोड़ कर फरार अभियुक्त प्रमोद उर्फ बिट्टू को कोतवाली रुड़की क्षेत्र से बस अड्डे के पास से गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के पास से एक देसी कट्टा बरामद किया गया। जिसके सम्बन्ध में कोतवाली रुड़की सिविल लाईन में मुकदमा किया गया है।

प्रमोद उर्फ बिट्टू उपरोक्त को सैशन जज, स्पेशल कोर्ट पटियाला ने एनडीपीएस एक्ट में 10 वर्ष की जेल और एक लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी। इसके अलावा स्पेशल जज एस0ए0एस0 नगर, मोहाली पंजाब ने भी अभियुक्त को एनडीपीएस एक्ट मे 10 साल की जेल तथा एक लाख रुपये जुर्माना की सजा दी थी।

29 दिसंबर 2014 को प्रमोद को सेन्ट्रल जेल, पटियाला से 6 हफ़्ते के लिये पैरोल पर छोड़ा गया था, जिसके चलते उसे 10 फ़रवरी 2015 को आत्मसमर्पण करना था, लेकिन प्रमोद ने समर्पण नहीं किया गया।

जआंच में ये भी पता चला है कि फरारी के दौरान उक्त अभियुक्त उत्तर प्रदेश की सीमा पर भांग के ठेके संचालित करता था।

अभियुक्त प्रमोद उर्फ बिट्टू का अपराधिक इतिहासः-

  • वर्ष 1994 धारा 392 भादवि थाना देवबन्द जिला सहारनपुर, उ0प्र0।
  • वर्ष 1998 धारा 307, 379, 411 भादवि व 25 आम्र्स एक्ट थाना मंगलौर हरिद्वार।
  • वर्ष 1998 धारा 379, 411 भादवि थाना मॉडल टाउन, दिल्ली।
  • वर्ष 2004 धारा 302,201,120बी भादवि थाना बाबूगढ़, गाजियाबाद।
  • वर्ष 2010 धारा 15 एनडीपीएस एक्ट थाना जुल्कान, पंजाब।
  • वर्ष 2010 धारा 15 एनडीपीएस एक्ट थाना लालरु, पंजाब।

उक्त अभियुक्त के विरूद्ध पंजीकृत शेष अभियोगों की जानकारी की जा रही है।

 

 

पार्टी सत्ता के लिए अपना चरित्र,चिंतन,चेहरा और चाल खोती जा रही- विजया बर्थवाल

टिकट बँटवारे को लेकर बीजेपी की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। गुरुवार यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र की भाजपा की सिटिंग विधायक विजया बर्थवाल ने पार्टी केंद्र ख़िलाफ़ सुर बुलंद कर दिये। उन्होंने बीजेपी से अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि मेरा राजनैतिक सफर 20-22 साल पुराना है और इसके दौरान मैंने बहुत ही ईमानदारी के साथ पार्टी की सेवा की है। उन्होंने कहा की मेरे साथ बेइंसाफी हुई है और इस बार भाजपा ने जो किया वो बहुत ही पीड़ादायक है।

उन्होंने कहा कि मैं पार्टी से यह सवाल करना चाहती हूं कि आखिर मेरा दोष क्या है या मैंने ऐसा क्या कर दिया कि पार्टी ने मेरा टिकट काट दिया। विजया ने कहा मेरे पास तमाम विकल्प है और मैं चाहूं तो बगावत कर सकती लेकिन मैं सोच समझ के ही कोई भी कदम उठाऊंगी। उन्होंने कहा कि इतनी लंबी निस्वार्थ सेवा करने के बाद भी पार्टी ने बिना किसा सलाह मशवरे के मेरा टिकट काट के किसी और के हाथ में दे दिया।उन्होंने कहा कि मैं तीन बार विधायक रही हूं और पार्टी से मेरा लगाव है इसलिए मैं कोई कदम नहीं उठा रही लेकिन पार्टी को भी अपने फैसले पर सोचना होगा।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा ने अपना चरित्र,चेहरा,चाल और चिंतन सब खो दिया है और यह अपने आप में एक चिंता का विषय है।उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरे साथ नहीं हुआ है पार्टी के कायकर्ताओं के भावनाओं को दरकिनार कर पार्टी में मनमानी हुई है।

ग़ौरतलब है कि विजया का टिकट काट कर भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी ऋतु खंडूरी को दिया ग़यासुद्दीन है। विजया ने भुवन चंद्र खंडूरी पर निशाना साधते हुए कहा कि खंडूड़ी जी से हुई बातचीत में मुझे यह यकिन दिलाया गया था कि मेरा टिकट पक्का है लेकिन अंत में मेरा टिकट काट दिया गया।उन्होंने कहा कि मुझे खंडूड़ी जी के इस बात से काफी धक्का पहुंचा है और रितु खंडूड़ी की मुझसे आर्शीवाद और मुलाकात वाली खबर सरासर गलत है। विजया ने कहा कि अब मैं स्वतंत्र हूं और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करुंगी और जरुरत पड़ी तो मैं विरोध भी करुंगी।

चुनावों में शराब पर रोक के लिये उठाये कदम नाकाफी: नसीम जैदी

नसीम जैदी,प्रेस वार्ता,देहरादून

अपने दो दिन के देहरादून दौरे के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि चुनावों में शराब तस्करी को रोकना एक बड़ी चुनौती रहती है और इस फ्रंट में राज्य एक्साइज विभाग के काम से वो संतुष्ट नही हैं। जैदी ने कहा कि प्रदेश की एक्साइज कमिशन का काम असंतोषजनक है जबकि प्रदेश में चुनाव के दौरान होने वाला शराब डिस्ट्रीब्यूशन एक अहम मुद्दा है। इसके लिए संबधित डिपार्टमेंट से मीटिंग भी कि है जो इस मुद्दे पर काम करेंगें।

अपने दो दिनों के दौरे के बारे में बोलते हुए जैदी ने कहा कि

  • पैरोल के खिलाफ हुई शिकायतों पर फिर से सभी मामले को जाँच के आदेश दे दिए हैं।
  • बूथ और बस्ते का खर्चा उमीदवार के खर्चे में जोड़ा जाएगा और सभी पार्टी और उम्मीदवारों को प्रचार के लिए एक समान अवसर प्राप्त होंगे।
  • उत्तराखंड के आस पास बार्डर क्षेत्रों को चुनाव के दौरान अच्छे से सील कर दिया जाएगा ताकि आस पास के क्षेत्र से चुनाव पर फर्क ना पड़े।
  • उन्होंने कहा कि इस चुनाव ड्यूटी लगने वाले सभी कर्मचारियों को टाईम से मिलेगा पोस्टल बैलेट।
  • 79 इंटर स्टेट बैरियर 71 विद इन स्टेट बैरियर लगाये है
  • वीवी पैड मशीन का इस्तेमाल इस बार प्रदेश में किया जायेगा, धरमपुर,
  • 75लाख 95 हजार वोटर
  • 1 लाख 56 हजार नाम नए जुड़े है
  • 97 हजार सर्विस वोटर
  • हरिद्वार,ज्वालापुर,लक्सर और रुद्रपुर में पोस्टल वैलेट का एले्क्ट्रोनिक ट्रांसमिशन होगा, कई दुनिया के देशो में ये पहली बार होगा,
  • 23 हजार विकलांग लोग है उनको सुविधा देने के लिए विशेष प्रयास होगा

राजनितिक पार्टियों द्वारा शिकायतों में मुख्य रुप से चुनाव में पेड न्यूज,सोशल मीडिया का दुर्पोयग,शराब बंटवारा और पैसों के मिसयूज बताया गया, इस मसले पर जैदी ने कहा कि कमीशन इन सबको ध्यान में रखेगा और इसपर काम भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रहे एंटी सोशल इलिमेंट के खिलाफ भी काम किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पोलिंग के दिन होने वाले मौसम से जुड़ी समस्या पर काम करने के लिए डिजास्टर रिकवरी प्लान बनाया गया है जो मौसम खराब होने की स्थिति में काम करेगा। जैदी पूरे तौर पर 4 जनवरी से आचार संहिता लागू होने के बाद उत्तराखंड प्रदेश में हुए काम से संतुष्ट दिखे। इलेक्शन के आखिरी 72 घंटे के लिए कमीशन ने स्टैडर्ड आपरेशन प्रोसिजर को कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं। पेड न्यूज पर नजर रखने के लिए मिडिया सर्टिफिकेशन एक्टिविटि में प्रेस काउंसिल के सिनियर जर्नलिस्ट की नियुक्ति की गई है।

इस मौके पर जिला निर्वाचन कार्यालय देहरादून द्वारा मतदाता जागरुकता हेतु ऐन्ड्राइड ऐप “देहरादून वोट्स” के बारे में बताया गया। इस ऐप के माध्यम से मतदाताओं को चुनाव से संबधित सभी जानकारी मिल सकेगी।मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने इस ऐप के प्रोटो टाईप का लोकार्पण किया और 25 जनवरी नेशनल वोटर डे के दिन यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध होगा।

 

बीजेपी के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद क्या कांग्रेस दिखा पाएगी नए प्रयोग का साहस

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चित्र: प्रशांत बडूनी

कांग्रेस के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और चार पूर्व मंत्रियों को तोड़ लेने तथा उसके दर्जन भर पूर्व विधायकों को कमल छाप टिकट देकर चुनाव में उतारने के अलावा भी भाजपा ने कांग्रेस की चैतरफा घेराबंदी में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भाजपा ने उत्तराखंड में 64 कमल छाप उम्मीदवारों की अपनी सूची से यह जता दिया कि सत्ता पाने के लिए उसे आलोचना अथवा अपने काडर की रत्ती भर चिंता नहीं है। इससे साफ है कि आगामी 15 फरवरी को राज्य विधान सभा चुनाव के लिए जो मतदान होगा उसके लिए भाजपा चुनाव प्रचार भी जबरदस्त पैमाने पर करने वाली है। उसे लगता है कि नोट बदलने की केंद्र सरकार की मुहिम के बाद बाकी सारे दल पैसा खर्च करने के मामले में अब उसके पासंग भी नहीं होंगे। इसके अलावा अवसरवाद के दाग को झुठलाने के लिए भाजपा को अपना प्रचार बेहद आक्रामक शैली में करना पड़ेगा। इसमें भाशाई संयम भी वैसे ही ताख पर रख दिए जाने की आशंका है जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों और आगे-आगे खर्च की सीमा के अतिक्रमण की ढिठाई दिखाने की भाजपा के प्रति आशंका बन रही है।

भाजपा ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा एकदम नए चेहरों को कमल छाप सौपकर कांग्रेस पर भी युवा और बेदाग उम्मीदवारों को पंजा छाप सौंपने का दबाव बढ़ा दिया है। भाजपा की चुनावी रणनीति के रूझान से साफ है कि उसने बहुत लंबी तैयारी के बूते उत्तराखंड के आगामी विधान सभा चुनाव के लिए इतना बड़ा जुआ खेला है। टिकट जिस तरह बांटे गए हैं उससे साफ है कि कमल छाप का आवंटन तय करते समय केंद्रीय नेतृत्व ने सबसे अधिक ध्यान उम्मीदवारों की जिताउ क्षमता पर दिया है। इसके लिए बाकायदा अनेक राउंड में सर्वे कराए गए और उन्हीं के आधार पर भाजपा ने अपने अनुभवी नेताओं की बड़े पैमाने पर बगावत की आशंका को दरकिनार करके दलबदलुओं और नए लोगों को भी उम्मीदवार बनाया।

सर्वे तो प्रशांत किशोर के मार्फत कांग्रेस द्वारा भी कराए जाने के संकेत हैं, मगर भाजपा की इतनी सघन राजनैतिक व्यूह रचना के बाद क्या कांग्रेस अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी जितना जोखिम उठा पाने का साहस दिखा पाएगी? क्योंकि राज्य में विपक्षी दल होने के कारण भाजपा को कुछ भी खोने की कोई चिंता ही नहीं है। कांग्रेस के लिए भी उम्मीदवार चुनने में नए प्रयोग की पूरी गुंजाइश है क्योंकि साल 2012 के विधान सभा चुनाव में जीते कांग्रेस के करीब दर्जन भर विधायक तो भाजपा के कमल छाप पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए उनकी जगह अपेक्षाकृत युवा और बेदाग उम्मीदवार उतारने का अभूतपूर्व मौका कांग्रेस के पास है। इस मौके को कांग्रेस अपने बुजुर्ग नेताओं की जगह उनकी संतानों अथवा उनके चहेतों को पंजा छाप पर चुनाव लड़ाकर और व्यापक बना सकती है। इससे भाजपा के अवसरवाद की धार भोथरी करने में कांग्रेस को बड़े पैमाने पर मदद मिल सकती है। इसके अलावा भाजपा के बागियों को टिकट अथवा गुपचुप समर्थन देकर अपने बागियों को निपटाने की पिटी-पिटाई लकीर का फकीर बनने का रास्ता तो कांग्रेस के सामने खुला है ही।

भाजपा ने तो बाकायदा रणनीति के तहत नए चेहरों को कमल छाप पर अधिकतर उन्हीं क्षेत्रों में उम्मीदवार बनाया है जो ज्यादातर गैर भाजपाई उम्मीदवारों को चुनते रहे हैं। इनमें षामिल हैं गंगोलीहाट से मीना गंगोला, नैनीताल से संजीव आर्य, सिंतारगंज से सौरभ बहुगुणा, भगवानपुर से सुबोध राकेश, यमकेश्वर से ऋतु खंडूड़ी, पौड़ी से मुकेश कोली, धारचूला से वीरेंद्र सिंह पाल आदि। इनमें से सभी हालांकि राजनीति में तो नौसिखिए नहीं हैं मगर खुद पहली बार चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। इनमें से सुबोध, ऋतु, संजीव और सौरभ की तो मजबूत राजनैतिक विरासत रही है। देखना यही है कि भाजपा द्वारा अपनी चुनावी संस्कृति का अपहरण करके आमूल-चूल उसे अपना लिए जाने के बाद कांग्रेस अब अपनी चुनावी रणनीति में किसी कल्पनाशीलता की झलक दे पाएगी? सवाल यह भी है कि अपने पांच साला शासन के बाद दोबारा सत्ता पाकर उत्तराखंड में बारी-बारी से भाजपा और कांग्रेस को सत्ता सौंपने के जनादेश का रूख मोड़ने में कांग्रेस कैसे कामयाब होगी? कुल मिलाकर पंद्रह फरवरी का चुनाव राज्य में हरीश रावत के राजनीतिक कौशल की भी अग्निपरीक्षा होगी, क्योंकि अब उत्तराखंड में कांग्रेस के वही एकमात्र खेवनहार बचे हैं।