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नोटबंदी के पचास दिन बाद बैंकों और एटीएम में लाइनें हुई कम

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नोटबंदी के पचास दिन पूरे हो चुके है और साथ ही पीएम मोदी द्वारा मांगे हुए 50 दिन की मोहलत भी खत्म हो गई  है। इन पचास दिनों में देशभर ने कई तरह की तस्वीरें देखी। बैंकों के सामने लंबी लंबी लाइने, बैंको के अंदप परेशान स्टाफ और ग्राहक, राजनीतिक दलों द्वारा घरने, कैश डिपाॅसिट और निकालने को लेकर रैज़ बदलते नियम कायदे। लेकिन प्रदानमंत्री द्वारा देश की जनता से मांगी गई इस मोहलत के बाद क्या हालात है ये जानने की कोशिश की हमने।

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देहरादून में एटीएम और बैंकों की लाईनें छोटी हो गई हैं और कैश की परेशानी पहले से काफी कम हो गई है। नेशविला रोड स्थित स्टेट बैंक के मैनेजर ने बताया कि “नोटबंदी के बड़े फैसले का शुरुआती दौर मुश्किलों भरा था लेकिन समय के साथ परेशानियां कम होती गई और आज पचास दिन बाद मेरे हिसाब से लोग इस फैसले से संतुष्ट हैं।अब हमारे ब्रांच में न तो लंबी लाइनें है न एटीएम में कैश की कमी है। लोग आते है अपना काम करते हैं और चले जाते हैं।” उन्होंने कहा कि “किसी भी बड़े फैसले को अमल करने में परेशानी तो होती है वही परेशानी शहर के बैंकों में आई थी और लोगों के जीवन में भी आई लेकिन अब स्थिति पहले से काफी बेहतर है।” उन्होंने बताया कि पिछले 50 दिनों में हमारे पास हजारों लोगों ने एटीएम कार्ड स्वैपिंग मशीन के लिए आवेदन किया है और हम जल्दी से जल्दी सभी को मशीन उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं।इसके साथ ही अब पब्लिक ज्यादा से आनलाईन लेन देन कर रही जो कि 50 दिनों में बड़ा बदलाव है।

लोगों की निगाहें 31 दिसंबर पर टिकी है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित कर सकते हैं। गौरतलब है कि 8  नवंबर को भी ऐसे ही एक अचानक संबोधन में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का ऐलान किया था। ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री लोगों के लिये कुछ नये ऐलान कर सकते हैं।

अमूमन राज्य के अधिकतर इलाकों से इसी तरह की खबरे आ रही हैं। अब इसे मजबूरी कहें या बदलाव की तरफ बढ़ता देश लोग पेटीएम और आनलाईन लेन देन करने के लिए तैयार हो रहे है और एटीएम कार्ड स्वैपिंग मशीन की मांग बढ़ना इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि पीएम ने कालेधन के खिलाफ जो जंग छेड़ी थी उसमें अब हालात कुछ बेहतर हो रहे हैं। लेकिन अभी भी सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री के लिये राह आसान नही है क्योंकि नोटबंदी तो सिर्फ पहला पढ़ाव है। अबी देश को कैशलेस इकाॅनमी बनाने और भ्रष्टाचार से निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिये सरकार को बहुत कुछ करना बाकी है। 

रावत ने दिये मोदी के दौरे को ज़ीरो नंबर

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मंगलवार को देहरादून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चारधाम सड़क परियोजना के शिलान्यास और उसके बाद जन संबोधन को सूबे के मुखिया हरीश रावत ने ज़ीरो नंबर दिये हैं। बुधवार को देहरादून में ख़ासतौर पर बुलाई गई प्रेसनोट कॉन्फ़्रेंस में रावत ने कहा कि ऑल वेदर रोड और चार धाम रोड प्रोजेक्ट कोई नई योजनाओं नहीं है। ये परियोजना यूपीए के समय शुरू की गई थी और इससे जुड़ेंगे मसलों पर लंबे समय से केंद्र और राज्य सरकार के बीच वार्ता होती रही है। ऐसे में राज्य में चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस परियोजना को नये नाम से की लॉंच कर दिया है।

चर्चित सीडी कांड पर भी रावत ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहला कि सीडी मसले पर ऐसा कुछ नहीं है जिसकी जाँच सीबीआई से कराई जाये। उन्होने कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार का खिलौना बनकर रह गई है और चुनावों से ठीक पहले सोची समझी रणनीति के तहत केंद्र इस संस्था का इस्तेमाल कर रही है।  रावत ने कहा कि क्यों ठीक चुनावों के ऐलान से पहले सीबीआई ने उन्हें सम्मन भेजा?

आपदा प्रबंधन और इससे जुड़े घोटालों के आरोप पर रावत मेल कहा कि उस समय जो लोग निर्णयसकरने की स्थिति में थे वो आज बीजेपी में ही हैं और प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा कर रहे थे। ऐसे में बीजेपी या उनके नेताओं को कोई अधिकार नहीं है आरोप लगाने का। रावत ने कहा कि आपदा से जुड़ेंगे मामलों की जाँच हो चुकी है और कोई घोटाला नहीं पाया गया।  बक़ौल रावत उनकी सरकार के सामने आपदा के बाद यात्रा को दोबारा सुचारू रूप से शुरू करना सबसे बड़ी चुनौती थी। उन्होने उन अधिकारियों को इस काम की ज़िम्मेदारी दी जो इस कामों को बख़ूबी अंजाम दे सकते थे। और इन प्रयासों का नतीजा आज देखने को मिल रहा है जब यात्रा में वापस पुराने समय जैसी रौनक़ लौट आई है।

रावत ये सभी बातें पहले भी कहते रहे हैं लेकिन मोदी की देहरादून हुई जनसभ और उसमें आई भीड़ से ये साफ़ है कि रावत ने मुक़ाबला सीधे नरेंद्र मोदी से मान लिया है। इस लड़ाई का राउंड वन तो रावत ने अपनी सरकार बचाकर जीत लिया था लेकिन अभी फ़ाइनल मुकाबला बाकी है जिसे जीतने के लिये दोनों पक्ष अपनी पूरी ताक़त झोंक देने वाले हैं।

हर साल हज़ारों विदेशी पक्षियों का मेज़बान होता है आसन

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आसन में हर साल सर्दियों में हज़ारों प्रवासी पक्षी आते हैं

देहरादून से पौंटा साहिब मार्ग पर स्थित, आसन नदी और यमुना नहर के संगम पर है उत्तराखंड का असन बैराज, भारत का पहला वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व जो लगभग 80 प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों के लिए सर्दियों का घर है और सर्दियों में यह पक्षी अपना रास्ता खोज ही लेते हैं। साल दर साल ये जगह पक्षियों के साथ साथ पर्यटकों का भी लोकप्रिय स्थान बन चुका है। चकराता श्रृंखला की तलहटी में लगभग डेढ़ किलोमीटर में पसरा हुआ यह भारत का पहला वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व है।
असन बैराज में पक्षियों की आवाज वहां आने वाले सभी लोगों का स्वागत करती है,और अगर करीब से देखें तो आप हजारों पक्षियों को नदी के ऊपर क्रीड़ा करते हुए देख सकते हैं। लाल कलगी वाले पोचर्ड, वीजीएम, गुच्छेदार पोचर्ड, हजारों ब्राहम्णी बतख, जंगली बतख, और गडवाल जैसे पक्षी इसके कुछ वार्षिक मेहमान हैं। मध्य एशिया भर से लगभग 6000 प्रवासी पक्षी सर्दियों में इस बैराज को अपना घर बना लेते हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम के विनोद कुमार पैन्यूली बताते हैं कि “यहां पर ज्यादातर अक्टूबर के मध्य से लेकर मार्च के मध्य तक प्रवासी पक्षी आते हैं और ज्यादातर यह साइबेरिया,चाईना,थाईलैंड,पाकिस्तान आदि जगहों से आते हैं।” यह रिर्जव उन लोगों को पैडल नावों की सुविधा भी देते हैं जो इन मेहमानों को करीब से देखना चाहते हैं। वो लोग जो यहां पर रात का लुत्फ उठाना चाहते हैं उनके लिए उचित दामों पर ए.सी और डीलक्स हट की सुविधा उपलब्ध है। उन लोगों के लिए जो रोमांच पसंद करते हैं एक अतिरिक्त आकर्षण कि तरह है अप्रैल,जून और सितंबर से अक्टूबर के महीने जब बहादुर दिल वाले लोगों के लिए वॉटर स्की प्रशिक्षण करवाया जाता है और उस वक्त बैराज प्रवासी पक्षियों से महरुम होता है।
दिल्ली के रहने वाले नावेद और देवरंजन बताते हैं कि “वो यहां इसलिए आए हैं ताकि शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से कुछ दिन छुटकारा पा सकें,अच्छा लग रहा यहां दिल्ली की व्यस्ततापूर्ण जीवनचर्या से दूर, यहां एकांत में, बहुत अच्छा पाइंट है यहां पर आकर दिल को संतुष्टि मिलती है क्योंकि दिल्ली में हम सभी लोग काफी व्यस्ततापूर्ण जिंदगी व्यतीत करते हैं तो यहां आकर रिलेक्स हो जाते हैं और यह एक तरह से ताज़गी देने वाला स्पाट है।” पक्षियों का इस बड़े पैमाने पर पलायन एक जादुई पल जो हर किसी को तरोताज़ा और स्फूर्ति से भर देता है और इसे छोड़ने में ऐसा लगता है मानो ये दिल मांगे मोर।

लिफ़्ट के बहाने ठगने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश

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देहरादून पुलिस को उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब पुलिस ने शहर मे लिफ़्ट देने के बहाने लोगों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफ़ाश करा। राजधानी की एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने बुधवार को इस मामले में पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होने बताया कि देहरादून में सक्रिय डकैती की घटनाओं में शामिल कुल 9 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके कब्जे से पूर्व की 05 घटनाओं से सम्बंधित कैश व ज्वैलरी व पीड़ितों के पहचान पत्र बरामद हुए हैं। पकड़े गए सभी अपराधी शातिर किस्म के हैं तथा ज्यादातर दिल्ली के रहने वाले हैं। इनमें से एक व्यक्ति जगत सिंह बिष्ठ चमोली का रहने वाला है जो इस गैंग का सरगना भी है वह पहले भी ऐसी घटनाओं के लिए जेल जा चुका है और बुधवार को थाना नेहरु कालोनी क्षेत्र में हरिद्वार बाईपास रोड पर स्थित पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ पर इन्होने अपराध में शामिल होना स्वीकार किया गया है।इनके बताने पर इनके द्वारा इस्तेमाल में लाने वाले वाहनों से छुपाई हुई असली नंबर प्लेट बरामद की गई है। इन सभी लोगों से  कैश के साथ साथ छोटे बड़े आभूषण भी जब़्त किये गये हैं।

देहरादून के शहर व देहात इलाक़ों से पिछले कुछ महींनों से ठगी की घटनाएं रिर्पोट हो रहीं थी। जांच करने पर पता चला कि इन घटनाओं में सक्रिय लोग ऐसी जगहों पर घात लगाकर तैयार होते थे जहां से लोग सफर के लिये सवारी गाड़ियों में बैठने का इंतजार करते हैं। ये लोग ख़ासतौर पर ज्यादा उम्र की महिलाएं,पुरुषों से बातचीत कर उनको अपने चार पहिया वाहनों में बैठने के लिए तैयार कर लेते थे और अपनी गाड़ी में कुछ दूरी पर ले जाने के बाद गाड़ी में सरकारी कैश या पार्सल होने की बात कहकर यात्री का सारा सामान जैसे कि कैश व ज्वैलरी पीले रंग के लिफाफों में रखवा लेते थे और धोखे से लिफाफे बदलकर यात्री की सारी सम्पत्ति लेकर यात्री को दूसरे स्थान से अन्य सरकारी कैश व पार्सल लेने के नाम पर अपनी गाड़ी से उतार देते थे।तथा वहीं पर इन्तजार करने को कहकर रफूचक्कर हो जाते थे।

 

मोदी ने लगाई चुनावी हुंकार, बीजेपी के आने से तेज़ होगी विकास की रफ़्तार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून दौरे को लेकर मंगलवार दिनभर देहरादून का सियासी माहौल काफी गर्म रहा। मौसम चुनावों का है और मौका था एक मंच पर प्रधानमंत्री समेत सारे प्रदेश के बीजेपी नेता और मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ होने का। इस मौके पर मोदी ने भी अपने “मन की बात” परेड ग्राउंड में मौजूद जनसमूह से खुल कर की। मौजूद विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए सबसे पहले मोदी ने नोटबंदी पर बात की, मोदी ने कहा कि

  • जबसे नोटबंदी की है तबसे बेईमान पकड़े जा रहे हैं। देश के ग़रीबों ने देश में चल रहे इस सफ़ाई अभियान में उनका भरपूर साथ दिया है।
  • कुछ मुट्ठी भर बेईमानों ने ईमानदारों को दबा रखा है और मैं उनकी लड़ाई लड़ रहा हूँ।
  • राज्य में मौजूद फ़ौजी वर्ग को देखते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़े ओआरओपी को लागू करवाया है।
  • पलायन के मुद्दे पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि आने वाले समय में पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों ही यहां के काम आयेंगे।
  • मोदी ने चारधाम सड़क विकास परियोजना को केदारनाथ आपदा में मारे गये लोगों को समर्पित किया।
  • राज्य में रोज़ाना हो रही घोषणाओं पर बोलते हुए मोदी ने हरीश रावत पर निशाना साधा और कहा कि जनता भी जानती है कि बिना पैसे में क कोई योजना पूरी नहीं होती सिर्फ़ घोषणाओं ही होती हैं।
  • मोदी ने कहा कि कार्यकर्ता के रूप में उन्होने प्रदेशों में काम किया है और वो राज्यों की समस्याओं से वाक़िफ़ हैं।
  • उन्होने राज्य की जनता का आभार व्यक्त किया कि उसने उन्हें देश का चौकीदार बनाया है और यक़ीन दिलाया कि वो काम पूरी मेहनत से कर रहे हैं।

भाषण की शुरूआत में मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा कि जब मैं 2014 में यहाँ आया था तब मैदान ख़ाली सा था और आज सर ही सर नज़र आ रहे हैं, इसका मतलब आप लोग भी मेरी सरकार के समर्थन मे हैं।

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इस दौरे को लेकर पहले ही सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत बीजेपी और मोदी पर वार कर चुके हैं। रावत ने आरोप लगाया था कि मोदी का या दौरा महज़ चुनावी खाना पूर्ती है। रावत ने कहा था कि चारधाम डेवेलपमेंट येजना कोई नई बात नही है और ये यूपीए के समय की परियोजना है जिसका महज़ कवर बदल कर बीजेपी चुनावी माहौल में फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। साथ ही उन्होने सीडी कांड में केंद्र द्वारा सीबीआई का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया था।

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इस मौके पर देनें ही दलों द्वारा जमकर होर्डिंग और पोस्टर बाजी करी। जहां बीजेपी के सभी नेताओं ने राष्ट्रीय नेताओं के सामने अपनी समर्थकों की ताकत दिखाने के लिये तकरीबन सारे शहरे को होर्डिंग पोस्ट्रों से पाट रखा था वहीं कांग्रेस ने भी हाल ही में सहारा डायरी मामले में होर्डिंग लगाकर प्रधानमंत्री से जवाब मांगा।

माहौल चुनावी है औऱ मामला राज्य की राजधानी में अपना दमखम दिखाने का था इसलिये दोनों ही दलों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। लेकिन जो माहौल आज रहा उसे देख कर ये साफ है कि आने वाले दिनों में चुनावी रण और घमासान होने वाला है।

प्रधानमंत्री ने किया चार-धाम हाईवे डेवेलपमेंट प्रोग्राम का शिलान्यास

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देहरादून में उत्तराखंड के चार धाम के विकास के लिये भारत सरकरा की महत्वाकांशी “चारधाम हाई वे डेवेलपमेंट प्रोग्राम” का शिलान्यास किया। इस प्राॅजेक्ट के ज़रिये राज्य के चार धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को करीब 900 किमी लंबे बेहतर सड़कों के नेटवर्क से जोड़ा जायेगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत:

  • करीब 12000 करोड़ की लागत से मौजूदा सड़कों के नेटवर्क को सुधारा जायेगा
  • तकरीबन 900 किमी सड़कों के नेटवर्क को सुदृड़ किया जायेगा
  • 13 बाईपासों का री अलईनमेंट होगा
  • 2 सुरंग, 25 बड़े पुल और 3 फ्लाइओवरों का निर्माण होगा।
  • 154 स्टैंड और ट्रक ले बाई भी बनाये जायेंगे साथ ही मुसाफिरों की सुविधा के लिये 18 ज़ोन पब्लिक सुविधा के बनाये जायेंगे

इस परियोजना के तहत मौजूदा नेशनल हाइवे को कम से कम 10 मीटर चौड़ा किया जायेगा। राज्य की भूस्खलन को लेकर संवेजनशीलता को भी इस परियोजना में ध्यान में रखा गया है। इसके लिये स्लोप स्टेबलाईजेशन के ज़रिये भूस्खलन से बचा जायेगा।  इस परियोजना के तहत:

  • धरासू-यमुनोत्री (एनएच 94): 95 किमी
  • धरासू-गंगोत्री (एनएच 108): 124 किमी
  • ऋषिकेश-धरासू (एनएच 94): 144 किमी
  • ऋषिकेश-रुद्रप्रयाग (एनएच 58): 140 किमी
  • रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड (एनएछ 109): 76 किमी
  • रुद्रप्रयाग-माणा गांव (एनएच 58): 160 किमी
  • पिथौरागड़-टनकपुर (एनएच 125): 150 किमी का निर्माण या एक्सपैंनशन होगा

इन घोषणाओं के साथ ही सड़क परिवहन विंभाग के अंतर्गत आने वाले कुल 26 हज़ार करोड़ के कामों को भी मंज़ूरी दे दी है। इनमें चारधाम परियोजना के साथ राज्य के 15 स्टेट हाईवे को नेशनल हाइवे में बदलना शामिल है।

चुनावी माहौल में केंद्र सरकार की इस महत्वाकांशी परियोजना की घोषणा से प्रदेश बीजेपी को चुनावों में अच्छा फायदा मिलने की उम्मीद है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ने चुनावों के समय इस तरह की परियोजना को लाकर विकास के कार्यों का राजनीतिक करण किया है।

इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय स्वासथ्य मंत्री जेपी नड्डा, केंद्रीय तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी, रमेश पोखरियाल, भुवन चंद्र खंडूरी, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट और सांसद राज्य लक्ष्मी शाह मौजूद रहे।

रावत ने मोदी को थमाया शिकायतों-सुझावों का पुलिंदा

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प्रधानमंत्री मोदी को ज्ञापन देते हरीश रावत

मोदी को अपने राज्य में आते देख मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनके सामने अलग अलग मसलों पर अपनी माँगे व शिकायतें रख दी। इस ज्ञापन में ढेर सारी माँगें रखी गई हैं। नोटबंदी से राज्य की आम जनता को हो रही परेशानी व अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे प्रभावों के संबंध में सौंपे गये ज्ञापन में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि

  • उत्तराखण्ड एक छोटा पर्वतीय राज्य है तथा इसके अधिकतर क्षेत्र दूरस्थ एवं पर्वतीय है। उत्तराखण्ड राज्य एक पर्यावरणीय संवेदनशील राज्य भी है जिसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन एवं सम्बन्धित गतिविधियों पर आधारित है। राज्य के पास बहुत कम संसाधन है। मुख्यरूप से पर्यटन एवं लघु कृषि गतिविधियां ही इसकी जीवन रेखाएं है।
  • मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में नोटों की भारी कमी हो गई है जिससे राज्य के लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। यह समय विवाह आदि का भी है जिसके कारण नकदी की अनुपलब्धता के कारण लोगों को विवाह समारोह सम्पन्न करवाने में परेशानी हो रही है।
    मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सहकारी बैंको को 500 व 1000 के विमुद्रीकृत नोटों को स्वीकार करने की मनाही कर दी गई है जिसके कारण जिन किसानों के पास खरीफ की फसलों के बाद नकदी थी, वह उस नकदी को अपने बैंक खातों में जमा नही करवा पा रहे है।
  • सहकारी बैंकों में नकदी की कमी से इनमें उपभोक्ताओं द्वारा आहरण प्रभावित होने से सहकारी बैंकिंग क्षेत्र चरमरा सकता है।
  • बहुत से गैर बैंकिंग वितीय संस्थानों एव एमएफआई ने हमारे गांवो के कमजोर वर्गो को ऋण प्रदान किए है। इस प्रकार के ऋण तथा ब्याज को नवंबर व दिसम्बर माह के लिए माफ किया जाना चाहिए।
  • नकदी की कमी के कारण लोग नकदी को अपने पास जमा कर रहे है तथा इसे खर्च नहीं करना चाहते जिसके कारण व्यापारिक लेन देन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
  • राज्य को मिलने वाली एक्साइज, स्टेम्प डयूटी, रजिस्ट्रेशन फीस आदि में भी कमी आई है। इसके चलते राज्य की सामान्य कार्य करने की क्षमता विशेषकर पूंजी निवेश एवं विकासात्मक व्यय की क्षमता प्रभावित हो रही है। केंद्र द्वारा राज्य सरकारों के इस भोज को साझा करना चाहिए।

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंगलवार को जीटीसी हैलीपेड पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का पहले गुल्दस्ता दे कर स्वागत किया और फिर एक मँझे हुये राजनीतिक खिलाड़ी की तरह प्रधानमंत्री के हाथों को विभिन्न क्षेत्रों के लिए केन्द्र सरकार से अपेक्षित फंड के बारे में ज्ञापन सौंपा। हांलाकि ख़ुद रावत को भी इस ज्ञापन पर ज़्यादा अमल की उम्मीद नहीं होगी लेकिन शायद ये इसका मक़सद भी नहीं था। मक़सद तो चुनावी माहौल में देवभूमि की राजनीतिक नब्ज़ टटोलने आये प्रधानमंत्री को घेरने का था।

सरकार की ऐवियेशन नीति पर एक्सपर्टों ने उठाये सवाल

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राज्य सरकार की महत्वाकांशी एयर सर्विस परियोजना शुरू से ही सरकार के लिये परेशानी का सबब बनी रही है। पहले इसके लिये आॅपरेटर चुनने के फैसले पर सवाल खड़े हुए उसके बाद डीजीसीए ने इजाज़त देेने से मना कर दिया। अब ऐवियेशन सेक्टर से जुड़े जानकार भी सरकार के कदम पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सोमवार को प्रेस क्लब देहरादून में नागरिक उड्यन विशेषज्ञ राजीव धर ने प्रेस कांफ्रेस कर के कहा कि सर्विस आपरेशन की सुविधा को उत्तराखंड में शुरु करना बहुत ही अच्छा कदम है क्योंकि इससे सिर्फ दूर दराज़ के इलाके ही पास नही आऐंगें बल्कि इससे उन लोंगों को भी फायदा होग जो ज्यादा सफर करते हैं। उन्होंने कहा कि सिविल एविऐशन डिर्पाटमेंट ने जो तरीका अपनाया है वह सवालों के घेरे में है और डिर्पाटमेंट ने डी.जी.सी.ए की गाईडलाईन को नजरअंदाज़ किया है।

राजीव ने कहा कि भारत में लगभग 16 शेडयूल आपरेटर है जैसे कि जेट एयरवेज़, स्पाइस जेट, इंडिगो, एयर इंडिया आदि और इनके पास अपने प्राइवेट हैलीकाप्टर नहीं है जिसकी वजह से यह सारे आॅपरेटर इस कांट्रेक्ट में बोली लगाने के लिए योग्य नहीं ।केदारनाथ में पहले से 13 आपरेटर काम कर रहे थे जिसमें से केवल 1 को बिड करने का मौका मिला बाकी आपरेटरों को बिड करने का मौका तक नहीं मिला। ऐसे में डी.जी.सी.ए की गाईडलाईन के अनुसार यह कांट्रेक्ट केवल शेड्यूल आॅपरेटरों के लिए था लेकिन इसमें 4 नान शेड्यूल आपरेटरों ने आवेदन किया और इन चारों नान शेड्यूल आपरेटरों में से आई.एफ.एस.ऐ.एल को अनुमति भी मिल गई।इसके साथ ही इस कंपनी को लैंडिग और पार्किग शुल्क भी नहीं देना पड़ेगा। यह चार कंपनी जिन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था वो इस प्रकार हैः

  • हैरिटेज एविऐशन
  • स्पैन एयर
  • डैकन चार्टर
  • आई.एफ.एस.ऐ.एल

इसके साथ ही केदारनाथ यात्रा का किराया 6000 से बढ़ाकर 9200(दोनों तरफ का) कर दिया गया है जो आम आदमी के लिए बहुत ज्यादा है। एकाएक किराया बढ़ जाने से श्रद्धालुओं के लिए यात्रा काफी महंगी हो गई है, जबकि अन्य दार्शनिक स्थल जैसे कि वैष्णों देवी, अमरनाथ, मनी महेश, आदि का किराया केदारनाथ के मुकाबले बहुत कम है। राजीव ने बताया कि यह टेंडर उन कंपनियों को दिया गया है जिनके पास न तो अपने हैलीकाप्टर है ना ही पहाड़ी क्षेत्रों में उड़ान भरने का तर्जुबा। उन्होंने बताया कि अब जब इस कंपनी के पास अपने हैलीकाॅप्टर नहीं है तो ये दूसरी कंपनी से जहाज किराये पर लेंगी जो कि टेंडर में लिखा ही नहीं है,टेंडर में लीज़ पर लेने की बात का कहीं जिक्र भी नहीं है।इस बोली में जिन कंपनियों ने भाग लिया है उनके पास अपने मशीन होने चाहिए और चुनी गई कंपनी के पास अपने मशीन नही हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उड़ान भरने के लिए एक सेंसिटिव इलाका है, और इस क्षेत्र में अनुभव वाला पाइलट और सुरक्षा दोनों बहुत जरुरी है। ऐसे में नान शेड्यूलिंग आपरेटर को शेड्यूल आपरेटर का परमिट देना किसी खतरे से कम नही है और डी.जी.सी.ए की गाईडलाइन का उल्लंघन करके यह किया गया है।

सीडी कांड में नहीं हुये रावत दिल्ली में हाज़िर

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मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोमवार को दिल्ली में सीबीआई मुख्यालय मे पेश होने की जगह न आ पाने की अर्ज़ी लगाई। चर्चित सीडी कांड में रावत को सीबीआई ने समन जारी किया था। २६ दिसंबर को सीबीआई के दिल्ली मुख्य़ालय में पेश होने को कहा गया था। मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट में सीबीआई जांच रोकने की याचिका दायर की थी लेकिन उन्हें कोर्ट से राहत नही मिली। सीडी कांड में हरीश रावत को पूछताछ के लिये समन जारी किया गया। इसी साल के शुरुआत में राज्य की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया था जब विधान सभा के बजट सत्र में कांग्रेस के विधायकों ने रावत सरकार का दामन छोड़ सरकार को अल्पमत में लादिया था। इस राजनीतिक उठापठक के बीच एक न्यूज़ चैनल ने एक स्टिंग आॅपरेशन दिखाया जिसमें हरीश रावत नाराज़ विधायकों को मनाने के लिये पैसे औऱ लाभ के पदों का आॅफर देते देखें जा रहे थे। रावत को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और वो अपनी सरकार बचाने में तो कामयाब हुए लेकिन सीडी का मामला सीबीआई के पास चला गया और तब से जांच की तलवार उनके सर पर लटक रही है। हांलाकि हरीश रावत लगातार इस सीडी को झूठी बता रहे हैं।

मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सुरेन्द्र कुमार ने सीबीआई के समन पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक सुनियोजित साजिश है। भाजपा ने जैसी साजिश राज्य सरकार को गिराने के समय की थी, वैसी ही साजिश सीबीआई के समन के जरिए कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सीबीआई के बलबूते पर राज्य में आगामी विधान सभा चुनाव लड़ना चाहती है। इसलिए सीबीआई का समन भेजने का यह समय भाजपा द्वारा चुना गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के केन्द्र सरकार के पास राज्य को देने के लिए कुछ भी नही है। 

कुमार ने कहा कि हमें तो पहले ही पता था कि चुनाव से पहले भाजपा सीबीआई का दुरूपयोग करेगी। हमारी शंका सही साबित हो गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा को आभाष हो गया है कि चुनाव जीतना अब संभव नही है।

आने वाले दिनों में ऐसा लग रहा है कि दोनों ही दल इस मुद्दे पर राजनीति तेज़ करेंगे।

मसूरी विंटर कार्निवल में चुनावी “दंगल” की तैयारी की हरीश रावत ने

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फिल्म "दंगल" का मसूरी में आनंद लेते हरीश रावत

मसूरी में पांच दिन का विंटर कार्निवल 25 दिसंबर से 30 दिसंबर तक मनाया जाएगा। इसका उद्धाटन आज मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया। पिछले कुछ दिनों से नोटबंदी और चुनावी माहौल की जद्दोजहद से निकलने का ये मसूरी वासियों के लिये बेहतरीन मौक़ा रहेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री रावत ने शहर के रिट्ज सिनेमा घर में हाल ही में रिलीज़ हुई आमिर खान की फिल्म दंगल भी देखी। मुख्यमंत्री अपने चित परिचित अंदाज़ में मफ्लर टोपी लगाये साथ में भुट्टे का मज़ा लेते हुए दिखे। फिल्म देखने के बाद मुख्यमंत्री ने आमिर और फिल्म दोनों की ही तारीफ़ की। अपनी सरकार बचा कर हरीश रावत ने चुनावी दंगल में बीजेपी को राउंड वन में तो पछाड़ दिया है लोकिन अब सत्ता का फाइनल राउंड बाकी है।और इसके लिये हो सकता है फिल्म से भी रावत को कुछ दांव पेंच मिल गये हो।

गहरे लाल रंग के स्वेटर में सजे हुए सीएम हरीश रावत आज एक सांटा क्लाॅज की तरह पहाड़ी इलाकों में रहने वालों के लिए खुशियां लेकर आए जब उन्होंने हिल स्टेट में निर्माणधीन अस्पताल के लिए 50 लाख राशि की घोषणा की।

मसूरी विंटर कार्निवल का उद्धाटन करने आए सीएम ने पिछले 6 साल से निर्माणधीन अस्पताल का मुआइना किया जिसके बाद उन्होंने यह घोषणा की जिससे अब इस अस्पताल का तैयार होना ज्यादा मुश्किल नही लग रहा है और उत्सवों के इस सीजन में सीएम भी इसी माहौल में रमते दिखे। रविवार को शहर का तापमान गिरकर 4 डिग्री तक पहुंच गया था और कुछ बर्फ के टुकड़े हवा में बह रहे थे,जिसेस ऐसा लग रहा था मानो आज एक परफेक्ट विंटर डे हो और एक वाईट क्रिसमस की उम्मीद जो थी वो पूरी हो गई हो।जबकि आसपास के क्षेत्र जैसे धनौल्टी,सुरकंडा देवी और नग तिब्बा में हल्की बर्फबारी के साथ ओले भी पड़े हैं। मुख्यमंत्री रिट्ज सिनेमा के पास रुके,गरमा गरम काफी पी, और दंगल फिल्म देखते हुए उन्होंने भुट्टा भी खाया, इसके बाद सीएम  विकास होटल पहँचे जहां उन्होंने विंटरलाईन कार्निवाल का आगाज़ किया।

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चौथा कार्निवाल सर्वे फिल्ड से एक कल्चरल परेड के साथ शुरु हुआ। अलग अलग सांस्कृतिक समूह जो कि जौनपूर,जौनसार,कुमांऊ से थे उन्होंने रंग बिरंगी सांस्कृतिक पोशाकों पहने हुए थे, उनसे मिलते जुलते आभूषण और साथ में वाद्य यंत्र, ऐसा लग रहा था मानो यह एक संपूर्ण कार्निवाल हो जिसका पूरा फोकस उत्तराखंडी संस्कृति को दिखाना है।

तीन दिन के उत्तराखंडी फूड फेस्टिवल के साथ यहां पर पारंपरिक कलाकारों और नर्तक द्वारा सांस्कृतिक समारोह भी होगा।यह बताता है कि कार्निवाल अब तक खत्म नही हुआ है अगर पहला दिन छूट भी गया है तो क्या अभी बहुत सारी मशहूर चीजें होनी बाकी हैं। होने वाले कुछ समारोह में मुख्य है सोमवार को निज़ामी भाइयों की कव्वाली का कार्यक्रम।

इसके अलावा वहां पर बहुत सारी गतिविधियां जैसे कि आर्ट कम्पटिशन,बर्ड वाचिंग और हैरिटेज ट्रेल्स होंगें। शहर के चारों ओर परीयों के नगरी जैसी रोशनी,सर्दियों के दिनों में बिखरा हुआ संगीत,हिल शहर यकीनन ही इस उत्त्सव को महसूस कर रहा होगा।होटल मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल बताते हैं कि “शहर को आने वाले उत्सव के लिए ऐसे तैयार किया गया है  जिस से एक भी कोना बिना सजाए ना रहा हो, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग आएं। साथ ही होटलों में हमेशा की तरह 50 प्रतिशत के बजाए 60 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।” इस साल खासतौर पर इस फेस्टिवल में स्थानीय कलाकारों और लोकल खान पान के व्यंजनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। 

नवंबर से देशभर मे लागू हुई नोटबंदी का उत्तराखंड के पर्यटन और ख़ासतौर पर होटल व्यवसाय पर खासा असर पड़ा है। ऐसे में मसूरी वासियों को उम्मीद है कि विंटर कार्निवल में लोग आयेंगे और सीज़न में हो रहे नुक़सान तीस कुछ भरपाई हो सकेगी।