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सरकार कर रही है ”सर जार्ज ऐवरेस्ट” की यादें संजोने की कोशिश

आज पूरे हर्षोल्लास के साथ मसूरी में सर जार्ज ऐवरस्ट का 227वां जन्मदिन मसूरी स्थित पार्क स्टेट हाथी पांव में मनाया गया।अल्टरनेट एटलस साइकिलिंग टीम ने साइकिल रेस आयोजित की। 35 लोगों के इस दल में टूरिस्ट और आम लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। साइकल सवारों ने 12 किलोमीटर का रुट तय किया, इसमें मिस्टर और मिसेज धीमान सबसे ज्यादा उम्र के सवार रहे जिनकी उम्र 67 साल थी और सबसे कम उम्र के सवार रहे जतिन भट्ट।  इस रेस के आयोजक जतिन कपूर का कहना है कि यह एक छोटी सी श्रद्धांजलि है उस महान सख्श की याद में जिन्होंने मसूरी को एक अलग पहचान दी है।

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गौरतलब है कि सर ऐवरस्ट 19वीं सदी के पहले भाग में करीब एक दशक के लिये मसूरी में रहे थे। 1832 से 1843 के बीच अपनी रिहाईश के दौरान वो पार्क एस्टेट नाम के बंगले में रहे थे जो कि मसूरी के हाथीपांव इलाके में है। लेकिन सालो से बंगला सरकारी उदासीनता की मार झेल रहा है। हांलाकि राज्य सरकार ने इस बंगले का कब्जा ले लिया है लेकिन इस धरोहर को बचाने के लिये कुछ खास नहीं किया गया।

वहीं इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने जाॅर्ज ऐवरेस्ट के जीवन को समर्पित एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसमें इस महान पर्वतारोही के जीवनकाल में प्रयोग किये गये उपकरण जो ब्रिटिश राज की सीमाऐं नापने और पहाड़ों की ऊंचाई नापने के लिये किये गये सर्वे में इस्तेमाल किये थे दशार्ये गए।

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पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया।मौके पर पहुंच कर मंत्री जी ने प्रदर्शनी को बारीकी से देखा और सराहा भी।

उत्तराखण्ड में ऑपरेशन स्माइल के तहत खोजे गए 331 गुमशुदा बच्चे

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उत्तराखण्ड में गुमशुदा बच्चों की तलाश एवं पुनर्वास के लिए ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत कुल 331 गुमशुदा बच्चों को खोजा गया है। जिसमें 280 बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है तथा शेष 51 बच्चों को पुनर्वास हेतु बालगृह दाखिल किया गया है।

पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड के निर्देश पर इस अभियान को एक जून से लेकर 30 जून तक चलाया गया था। जिसमे कुल 331 गुमशुदा बच्चों को तलाशा गया। जिसमें 51 पंजीकृत तथा 280 अपंजीकृत हैं। बरामद बच्चों में 147 बच्चे अन्य राज्यों (उ.प्र.-75, बिहार-13, दिल्ली-4, नेपाल-30, हिमाचल प्रदेश-2, पंजाब-8, हरियाणा-4, राजस्थान-4, झारखण्ड-3, छत्तीसगढ़-2, आसाम-1, पश्चिम बंगाल-1) से सम्बन्धित हैं। उक्त टीमों द्वारा अन्य प्रदेशों के कुल 15 पंजीकृत गुमशुदा बच्चों को बरामद कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया।
प्रदेश के गुमशुदा बच्चों को तलाशने हेतु ऑपरेशन स्माइल की 14 टीमों को मुम्बई, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि स्थानों पर भेजा गया था। उक्त प्रदेशों के सम्बन्धित जनपदों के पुलिस अधिकारियों द्वारा समन्वय स्थापित किया गया, जिनके द्वारा अभियान में टीमों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया गया।
प्रदेश में गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए चलाये जा रहे स्माइल ऑपरेशन की जनता द्वारा काफी प्रशंसा की गयी। गुमशुदा बच्चों को परिजनों से मिलाने पर उनके द्वारा पुलिस का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद किया गया। इस अभियान में जिला हरिद्वार में 05, देहरादून, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर में 04-04 टीम व शेष जनपदों में 01-01 तलाशी टीम (प्रत्येक टीम में उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4), का गठन किया गया, जिनके सहयोग हेतु एक-एक विधिक व टेक्निकल टीम भी नियुक्त की गयी। प्रदेश स्तर पर ऑपरेशन स्माइल का पर्यवेक्षण नोडल अधिकारी शाहजहां जावेद खान, अपर पुलिस अधीक्षक, एएचटी द्वारा किया गया।
अभियान को शेल्टर होम्स, ढाबों, कारखानों, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन आदि में चलाया गया। इस दौरान अन्य सम्बन्धित विभागों का भी सहयोग लिया गया। उपरोक्त तलाशी टीमों द्वारा अपने जनपद के साथ-साथ अन्य जनपदों व राज्यों के गुमशुदा बच्चों को भी तलाश किया गया। पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड द्वारा ऑपरेशन स्माइल अभियान की समीक्षा की गयी। इस दौरान समस्त टीमों को गणपति द्वारा उनके काम की सराहना करते हुए प्रत्येक तलाशी टीम को पांच हजार रुपया तथा तकनीकी टीम को उत्तम प्रवष्टि प्रदान करने की घोषणा की गयी।

पेट्रोल पंपों पर 12 जुलाई को लगेंगे ताले

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तीन सूत्री मांगों को लेकर ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने 12 जुलाई को पेट्रोल-डीजल की खरीदारी और बिक्री नहीं करने का निर्णय लिया है।

एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी विवेक गोयल ने एक भेंटवार्ता में बताया कि तीन सूत्री मांगों को लेकर पेट्रोल पंप पांच जुलाई को पेट्रोल की खरीदारी नहीं करेंगे। फिर भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो 12 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी। इस दिन पेट्रोल पंप न ही तेल की खरीदारी करेंगे और न ही बेचेंगे।
एसोसिएशन से जुड़े गढ़वाल मंडल पेट्रोल डीलर्स वेलफेयर एसोसिएशन का कहना है कि दाम बढ़ने-घटने का नुकसान कंपनी स्वयं वहन करे। साथ ही, भाव निर्धारण का समय व डीजल-पेट्रोल पर भी जीएसटी लागू करने की मांग की, जिससे उपभोक्ताओं को पेट्रोल-डीजल सस्ता दाम पर मिल सकें। 

विधायक जोशी ने किया दून अस्पताल का निरीक्षण, लगेंगे 150 पंखे

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मसूरी विधायक गणेश जोशी ने मंगलवार को दून अस्पताल का औचक निरीक्षण कर मरीजों का हाल जाना और अस्पताल में अनुभवी चिकित्सकों की कमी की बात कही। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में 150 पंखे लगाये जाने की घोषणा भी की।

विधायक गणेश जोशी ने कहा कि दून अस्पताल को जिला अस्पताल की श्रेणी में रखा जाना अति आवश्यक है और इस बाबत मुख्यमंत्री से भी वार्ता की जाएगी। उन्होंने अस्पताल के सीएमएस डॉ टम्टा को निर्देशित करते हुए कहा कि मरीजों की बैठने एवं उनके बेहतर इलाज के लिए अस्पताल प्रबंधन काम करे। उन्होंने मरीजों एवं अन्य लोगों की समस्या को देखते हुए अस्पताल में 150 पंखे लगाये जाने की भी घोषणा की। इस अवसर पर अस्पताल के कई वरिष्ठ डाॅक्टर सहित भाजपा नेता सिकन्दर सिंह आदि उपस्थित रहे।

एम्स मरीजों के लिए सात जुलाई से चलेगी बस

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राज्य परिवहन निगम ने देहरादून से अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान एम्स में अपना उपचार करवाने वाले मरीजों के लिए देहरादून से एम्स तक सीधी बस सेवा सात जुलाई से प्रारंभ कर दी जाएगी।

परिवहन विभाग के सहायक महाप्रबंधक नेतराम ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक एम्स जाने वाले मरीजों के लिए कोई भी बस की सीधी सुविधा उपलब्ध नहीं थी जिसके कारण मरीजों को दो पहिया वाहन का ही सहारा लेना पड़ता था। जिसे देखते हुए परिवहन निगम ने बस सेवा प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। एम्स शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर होने के साथ देहरादून 56 और हरिद्वार से 30 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे मरीजों को आने-जाने परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
निगम के महाप्रबंधक नेतराम ने बताया कि बसे शुक्रवार से प्रारंभ हो जाएगी और यह बस नटराज चौक से प्रगति विहार रेलवे रोड से हीर लाल मार्ग तथा पुरानी चुंगी से कोयलघाटी होते हुये एम्स तक जाएगी। जबकि वापसी संयुक्त यात्रा रोडवेज बस अड्डे पर पंहुचेगी। उन्होंने कहा कि इन सेवाओं का अच्छा रैस्पोंस मिला तो सेवा का विस्तार किया जाएगा।

तराई बीज विकास निगम में करोड़ों का घपला, मंत्री ने दिए एफआईआर के आदेश

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56 करोड़ के घाटे में चल रहे तराई बीज विकास निगम जो देश का सर्वश्रेष्ठ बीज निगम था और इसे 2015-2016 में ही 16 करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है। यह नुकसान गेहूं बीज बिक्री में किया गया है। इस आशय की जानकारी कृषिमंत्री सुबोध उनियाल ने एक पत्रकार वार्ता में दी।

उनियाल ने बताया कि विश्व स्तरीय बीज बनाने वाले इस संस्थान को बर्बाद करने में नौकरशाहों का हाथ है। इसकी जांच के लिए अपर मुख्य सचिव डाॅ. रणवीर सिंह के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की गई थी। जिसमें कृषि निदेशक गौरी शंकर,आईजी गणेश मर्तोलिया तथा अपर सचिव सुनील पांथरी को शामिल किया गया था। इस समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें 10 लोगों को दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी तथा मामले को एसआईटी को सौंपा जा सकता है।
मामले के मुख्य आरोपी अभियंता एवं बिक्री प्रभारी मार्केटिंग पीके चौहान जिनका 30 जून को रिटायरमेंट था को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि तत्कालीन अध्यक्ष जीएस बिष्ट को भी जांच में शामिल किया गया है। अन्य लोगों में आरके. निगम कंपनी सचिव, दीपक पाण्डेय मुख्य बीज उत्पादन अधिकारी, एसके. लोहनी, उपमुख्य बिक्री अधिकारी, अजीत सिंह उप मुख्य विपणन अधिकारी, बीडी तिवारी मुख्य वित्तीय अधिकारी, शिव मंगल त्रिपाठी प्रशासनिक अधिकारी, जीसी. तिवारी लेखाकार, अतुल पाण्डेय अकाउंड अफसर का नाम शामिल है। वर्तमान में पीके चौहान निलंबित हैं, जबकि जीएस बिष्ट वर्तमान में कार्यरत नहीं फिर भी आरोपी हैं।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जो तराई निगम जो अन्तर्राष्ट्रीय बीज की प्रतिष्ठित कंपनी है और बीज के लिए आदेश मिलने पर 10 प्रतिशत अग्रिम जमा तथा 15 प्रतिशत यातायात खर्च मिलने के बाद बीज भेजती है। साथ ही साथ बीज फर्म तक पहुंचने पर 75 प्रतिशत बैंक गारंटी का चैक अथवा राशि प्राप्त कर ली जाती है। इस घपले घोटाले में किसी भी शर्त का अनुपालन किया गया। इतना ही नहीं विभागीय अधिकारियों ने बीज रखने के लिए स्टोर भी दिखाए। बीज का मूल दाम 3188 रुपये प्रति कुन्तल था, लेकिन उत्तर प्रदेश को यही बीज 2150 रुपये प्रति कुन्तल तथा बिहार को 2350 रुपये प्रति कुंतल भेजा गया, जो 17 दिसंबर 2015 को भेजा खराब बीज दिखाकर 14 जनवरी 2016 को एक नई योजना चलाई गई। जिसमें 2350 रुपये की संशोधित दरों पर दो कट्टे के साथ एक कट्टा मुफ्त दिया गया। यह योजना किसानों के लिए दिखाई गई लेकिन इसे बड़े ग्राहकों को दिया गया।
मंत्री का कहना है कि नियमानुसार एक जिले में एक एजेंसी ही हो सकती है,लेकिन किसी जिले में कई एजेंसिया बना दी गई तथा कई जिलों को छोड़ दिया गया। उत्तर प्रदेश में 10623.80 कुन्तल बीज भेजा गया, जबकि बिहार में 6209 कुंतल भेजा गया। जनवरी की नई योजना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 29608 कुन्तल माल बेचा दिखाया गया, जबकि बिहार में यही 52272 कुन्तल बेचा बताया गया। जिन फर्मों को यह माल बेचा गया है, उनमें नेशनल हब बरेली, सांई बदर्स वाराणसी, कृषि सेवा केन्द्र फर्रुखाबाद के नाम शामिल है। इस बीज पर 63 प्रतिशत अनुदान दिखाया गया,जिससे इस अवधि में 16 करोड़ का घाटा हुआ है।
कृषि मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 10 वितरक, बिहार में 15 वितरक तथा पश्चिम बंगाल में एक वितरक कुल 26 वितरक दिखाए गए हैं। जिसमें भरपूर लूट खसोट की गई है और तराई बीज विकास निगम को 16 करोड़ का एक वर्ष में ही घाटा हुआ, जिस पर प्राथमिकी दर्जा कराई जा रही है और सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलेगा। कृषिमंत्री ने बताया कि इसी तरह बीज प्रमाणीकरण निगम ने भी अच्छा खासा झोल है। उनका कहना है कि वे इस संदर्भ में मुख्यमंत्री से भी चर्चा करेंगे और भ्रष्टाचारियों को नहीं बख्शा जाएगा। 

ये जानने के बाद शिक्षक से उठ जाएगा विश्वास

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शिक्षक की करतूत सुनकर कहीं एेसा ना हो कि लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से ही इन्कार कर दें, क्योकि जिन शिक्षकों द्वारा बच्चों को अुशासन का पाठ पढाया जाना चाहिए वही शिक्षक अपने कारनामों से बदनाम होते जा रहे हैं और शिक्षक जैसे गरीमामय पद कि भी गरीमा नहीं रख रहे हैं। जी हां एक बार फिर हल्द्वानी में ही स्कूल छोड़ने का झांसा देकर एक शिक्षक ने 9वीं की छात्रा को कार में बैठा लिया। हल्द्वानी की ओर जबरन लाते समय छात्रा ने शोर मचाया तो राहगीरों में हड़कंप मचा। कमलुवागांजा पर लोगों ने घेराबंदी कर शिक्षक की कार रुकवा ली। इसके बाद लोगों ने शिक्षक की जमकर धुनाई लगाने के साथ ही कार तोड़ डाली।

पुलिस ने शिक्षक को हिरासत में ले लिया है। कालाढूंगी के समीप एक गांव में रहने वाली किशोरी माध्यमिक स्कूल में 9वीं की छात्रा है। उसी स्कूल में कुछ समय पूर्व तक कालाढूंगी के पालीटेक्निक के पास रहने वाला शिक्षक मोबीन पढ़ाता था। इसी साल मार्च में उसका तबादला ग्राम गैड़ा, जूनियर हाईस्कूल में हो गया।

इन दिनों शिक्षक घर आया हुआ था। सोमवार की सुबह उसने छात्रा को स्‍कूल छोडऩे की बात कहकर उसे अपनी कार में बैठा लिया। स्कूल ले जाने के बजाय शिक्षक ने कार हल्द्वानी की ओर दौड़ा दी। घबराई छात्रा ने शोर मचाया तो शिक्षक उसे धमकियां देने लगा। वहीं कमलुवागांजा चौराहे पर लोगों ने कार से चिल्ला रही छात्रा की चीख सुनी। लोगों ने पीछा कर कार को रुकवा लिया।

छात्रा की आपबीती सुन आक्रोशित लोगों ने शिक्षक को जमकर पीटा और कार में पथराव कर तोड़फोड़ कर दी। घटना की सूचना पर मुखानी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शिक्षक को हिरासत में लेकर थाने लाया गया। थानाध्यक्ष कमाल हसन ने बताया कि परिजनों ने थाने पहुंचकर शिक्षक के विरुद्ध तहरीर दी है। आरोपी शिक्षक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

गुरु गोविन्द दोउ खडे काके लागों पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय…इस कहावत तो उन शिक्षकों ने शर्मशार कर दिया है जो हवस के पुजारी निकले, जिन्होने गुरु और शिष्य की मर्यादा को ही लाघ दिया।

राष्ट्रीय खेल 2018 के लोगो में दिखेगी उत्तराखंड की छवि

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उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को लेकर सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। साथ ही राष्ट्रीय खेल के लोगो में छलांग मारता व्यक्ति, पहाड़-नदियां होगी तथा मस्कट डिजाइन में सुंदर मोनाल पक्षी दिखाई देगा। यह लोगो पूरी तरह से उत्तराखंड की छवि को दर्शाएगा।


सोमवार को 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया जा रहा है, यह राज्य के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इसके साथ खेलों की सार्थकता तभी है, जब इन खेलों के बाद उत्तराखंड में खेल के लिए बेहतर माहौल बने। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रदर्शन श्रेष्ठ करने के लिए अभी से तैयारी करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर विदेशों से ट्रेनर और कोच लाए जाएं।

उत्तराखंड से बैडमिंटन, बॉक्सिंग, बास्केटबॉल, वाटर स्पोर्ट्स, जूडो-कराटे व एथेलेटिक्स में विशेष प्रदेर्शन की संभावना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से पूर्व न्याय पंचायत, ब्लॉक, जनपद एवं राज्य स्तर पर खेल महाकुंभ का आयोजन किया जाए। खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सभी खिलाड़ियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएं ताकि उत्तराखंड में खेलों का वातावरण तैयार हो सके।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चयन प्रक्रिया में विशेष निष्पक्षता व पारदर्शिता बरती जाए। राष्ट्रीय खेलों के लिए अवस्थापना विकास पर बल दिया। उन्होंने खेलों के बाद अवस्थापना सुविधाओं के बेहतर रखरखाव और दुरुपयोग को रोकने के लिए कार्ययोजना बनाने की बात कही। राष्ट्रीय खेलों का प्रमुख केंद्र देहरादून व हल्द्वानी होंगे, लेकिन इनके अतिरिक्त अन्य खेलों के आयोजन के लिए टिहरी, पिथौरागढ़, ऋषिकेश, अल्मोड़ा व रुड़की का भी उपयोग किया जाएगा। बैठक में खेल मंत्री अरविंद पाण्डेय, सचिव खेल शैलेश बगोली, निदेशक युवा कल्याण प्रशान्त आर्य, अपर सचिव मेहरबान सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे

कैलाश मानसरोवर यात्रियों का 58 सदस्यीय छठा दल रवाना

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विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रियों का 58 सदस्यीय छठा दल सोमवार को अपने पड़ाव धारचूला के लिए रवाना हुआ, जहां यात्रियों के दल का भव्य स्वागत किया गया। सोमवार को केएमवीएन के हॉली-डे-होम से निकलने के बाद यात्री दल ने धौलछीना में अल्प विश्राम किया। इस दल में 44 पुरुष और 14 महिलाओं समेत कुल 58 यात्री शामिल हैं, हालांकि इसमे उत्तराखंड का एक भी यात्री नहीं है। यात्री दल में सर्वाधिक 11 यात्री उत्तरप्रदेश से हैं। इसके अलावा राजस्थान से 10, महाराष्ट्र से 09, गुजरात से 06, दिल्ली से 07, मध्य प्रदेश से 04, तमिलनाडु से 03, हरियाणा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल से दो-दो तथा झारखण्ड और केरल से एक-एक यात्री शामिल हैं।
यात्री दल में सबसे अधिक उम्र के यात्री इंदौर निवासी 67 वर्षीय अशोक कपड़नवीश है जो पहली बार यात्रा में जा रहे हैं, जबकि सबसे कम उम्र की यात्री राजस्थान की रुपल जैन 22 वर्ष हैं। रूपल भी पहली बार यात्रा में जा रही हैं। दो भाइयों का परिवार गाजियाबाद निवासी पिंकी त्यागी और उनके पति संजय त्यागी भी यात्रा दल में शामिल हैं।

भांग की खेती से प्रतिबंध हटाने की मांग

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समाजवादी पार्टी (सपा)के जिलाध्यक्ष जसवंत सिंह अधिकारी ने भांग की खेती को प्रतिबंधित करने के निर्णय को जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप वापस लेने की मांग की। सपा जिलाध्यक्ष ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन के जरिये मांग करते हुए कहा कि भांग पर्वतीय क्षेत्र का प्रसिद्ध मशाला है। इसका उपयोग काश्तकार मसाले के अलावा तरह-तरह के उत्पाद बनाने में करते हैं और भांग की खेती पर्वतीय क्षेत्रों में प्राचीनकाल से ही होती है। भांग के बीज मशालों के रूप में उपयोग होते हैं तो रेशे से रस्सियां बनायी जाती हैं, जबकि इसके तने को जलावन लकड़ी के रूप में उपयोग किया जाता है।
सपा नेता ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र में कभी भी नशे के लिए भांग की खेती नहीं हुई है। कुछ लोगों की करतूत को सभी पर थोपना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि नशे के सौदागरों पर कार्रवाई की जाए लेकिन भांग की खेती को प्रतिबंधित करने के निर्णय सही नही है इस पर पुर्नविचार किया जाए।