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किसान की आत्महत्या पर कांग्रेस मुखर

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बैंक कर्ज के दबाव में उत्तराखण्ड के जनपद टिहरी गढ़वाल में विकासखण्ड चम्बा के स्वाडी गांव निवासी किसान राजकुमार(47) ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में मुख्यमंत्री ने बयान दिया है कि उत्तराखंड में सभी किसान हैं। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने किसान की आत्महत्या पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए इस घटना को देवभूमि के लिए कलंक बताया। साथ ही राज्य सरकार के रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार चुनाव से पहले के अपने वादे भूल गई है।

बुधवार देर रात किसान ने आत्महत्या कर ली थी। गुरुवार को यह मामला सामने आया तो राजनीति शुरू हो गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार किसानों को लेकर असंवेदनशील है। मुख्यमंत्री किसानों के हित में कदम उठाने के बजाय प्रदेश के हर व्यक्ति को किसान बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। प्रीतम सिंह ने कहा कि कांग्रेस किसानों को लेकर संवेदनशील है और जिला कांग्रेस का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल, जिसमें प्रदेश प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, नरेन्द्र रमोला, राजेश्वर बडोनी एवं साहब सिंह सजवाण शामिल हैं को स्वाडी गांव भेजा गया है, जो घटना की विस्तृत जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देगा।
प्रीतम सिंह ने किसान की आत्महत्या पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए ऐसी घटनाओं को उत्तराखण्ड राज्य को शर्मसार करने वाला बताया। प्रीतम सिंह ने सरकार से घटना का संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार को शीघ्र राहत पहुंचाने की मांग की। प्रीतम सिंह ने कहा कि पर्वतीय राज्य होने के कारण यहां के किसानों की खेती वर्षा पर निर्भर रहती है। अधिक बारिश और ओलावृष्टि से सब्जी, फल आदि की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। ऐसी परिस्थितियों में किसान ऋण लेने को बाध्य होते हैं। बैंकों की ओर से बार-बार कर्ज वसूली के लिए बनाया जा रहा दबाव किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रहा है।
प्रीतम सिंह ने कहा कि बैंक जिस तरह किसानों पर दबाव बना रहे हैं, उससे स्थिति बिगड़ रही है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन अब सरकार इससे मुकर गई है। उलटा मुख्यमंत्री इन घटनाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं। अतिवृष्टि और आपदा को देखते हुए उत्तराखण्ड राज्य के किसानों का सम्पूर्ण ऋण शीघ्र माफ किया जाना चाहिए।

कांवड़ियों की संख्या ने चार करोड़ के आंकड़े को किया पार

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कांवड़ मेला सम्पन्न होने के बाद शुक्रवार को भी आसपास के क्षेत्र के कांवडिए जल भरकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए। पांच दिनों से सम्पूर्ण शहर पर कांवड़ियों का कब्जा रहने के बाद शुक्रवार राहत मिली। इस बार कांवड़ मेले ने अर्द्धकुंभ को भी फेल कर दिया। इस बार कांवड़ियों की संख्या ने चार करोड़ का आंकड़ा भी पार किया।

कांवड़ मेले के दौरान करीब 36 कांवड़ियों को इस बार अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, जो कि पिछले कांवड़ मेले में कांवड़ियों की हुई मौत से अधिक रहा। वहीं 60 से अधिक कांवड़िए घायल भी हुए। कांवड़ियों की भीड़ के कारण शहर में अव्यवस्थाओं का जहां बोलबाला दिखाई दिया, वहीं आए दिन कांवड़ियों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें भी आती रहीं। बावजूद इसके कांवड़ियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती गई और अंतिम दिन कांवड़ियों की संख्या ने चार करोड़ के आंकड़े को भी पार कर लिया, जो कि विगत कांवड़ मेले में कांवड़ियों की संख्या से कहीं अधिक रही। विगत वर्ष कांवड़ियों की संख्या तीन करोड़ से अधिक रही। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अलर्ट व आतंकी घटनाओं की आशंका भी कांवड़ियों की भक्ति को नहीं डिगा पाई।

मेला सकुशल सम्पन्न होने पर जहां पुलिस प्रशासन ने चैन की सांस ली, वहीं स्थानीय लोगों को भी सुकून मिला और वह अपने रुके हुए कार्यों को पूरा करने के लिए घरों से निकले। 11 दिनों तक चला कांवड़ मेला सकुशल तो सम्पन्न हो गया किन्तु अपने पीछे वह शहर में गंदगी के अंबार छोड़ गया।
कांवड़ मेला सकुशल सम्पन्न कराना पुलिस प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था। मुस्तैदी के साथ पुलिस प्रशासन ने कांवड़ मेले को सकुशल सम्पन्न कराया। जहां मेला सकुशल सम्पन्न होने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली, वहीं स्थानीय लोगों को भी खासी राहत मिली।
बतादें कि विगत दस दिनों में कांवड़ियों के उमड़े हुजुम और शहर में लगे जाम के कारण स्थानीय लोग खासे परेशान थे। घरों से निकलना तक उनके लिए दूभर हो गया था। आलम यह था कि मरीज को चिकित्सक के पास ले जाने तक में दिक्कतें आ रही थीं। एक तो बेतहाशा भीड़ और ऊपर से कान फोड़ू डीजे व साइलेंसर वाली बाइकों की आवाजों ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ था। उनके लिए मुश्किल हो रखा था कि घर से चंद कदमों की दूरी तय करने के लिए भी घंटों जाम में फंसे रहना पड़ेगा। शुक्रवार कांवड़ मेला सम्पन्न होने से लोगों को खासी राहत मिली तथा रोजमर्रा के कामों को निपटाया।

मृतक किसान के परिवार का दुख बांटने पहुंचे कांग्रेस के नेता

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राज्य में जहां एक तरफ सरकार किसानों की कर्ज माफी को सिरे से खारिज कर रही है वहीं प्रदेश में कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की आत्महत्या का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

Farmer family

आपको बतादें कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के निर्देश पर कांग्रेस की एक टीम ने प्रदेश प्रवक्ता शान्ति प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में ग्राम स्वाडी, पटी बमुन्ड, चम्बा, टिहरी के मृतक किसान राजूकुमार के घर जाकर उनके परिवार और नादान बच्चो को ढान्ड्स बँधवाया। राजूकुमार की पत्नी रोशनी देवी और 7 बच्चों के पालन पोषण के लिये कोई नहीं है। राजूकुमार की पत्नी ने बताया कि मेरे पति पर जिला सहकारी बैंक का अौर उत्तरांचल ग्रामीण बैंक का कर्ज था ओर बैंक वाले चार बार घर पर आ गये थे ओर कर्ज वापसी के लिये दबाव बनाया था।रोशनी ने बताया कि बैंक द्वारा एक समय सीमा दी गई थी एक-दो दिन बाद वह समय सीमा ख़त्म हो रही थी, इसी दबाव मे राजूकुमार ने कीटनाशक पी लिया। राजूकूमार की एक कच्ची झोपड़ी है, जिसे पक्का करने के लिये आगे का काम स्वयं राजूकूमार कर रहा था।अंत्येष्टि के लिये ग्रामीणों ने चंदा एकत्र कर अंत्येष्टि की।

स्कूली छात्र बने पुलिस के मेहमान

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आज सुबह ऐडिफाई वर्ल्ड स्कूल के बच्चों द्वारा थाना क्लेमेंट टाउन का भ्रमण किया गया। बच्चों को पुलिस की कार्यप्रणाली एवं रोज़ाना वर्किंग के बारे में बताया गया। बच्चों को यातायात के नियमों तथा थाने के अभिलेखों के बारे में बताया गया एवं पुलिस कैसे कार्य करती है इस संबंध में बच्चों को थानाध्यक्ष क्लेमेनटाउन द्वारा लेक्चर दिया गया।

बच्चों ने पुलिस की पाठशाला में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं भविष्य में बड़े होकर पुलिस के रूप में जनता की सेवा करने के की इच्छा जताई।

नेपाल सीमा पर नशे का कारोबार, 40 लाख की अफीम पकडी

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पड़ोसी देश नेपाल से अवैध रूप से सीमा पार कर लाई जा रही 40 लाख रुपये मूल्य की 4.45 किलो प्रतिबंधित अफीम के साथ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल और पुलिस की संयुक्त टीम ने बैलबंद गोठ के समीप एक नेपाली व्यक्ति को दबोच लिया।

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क्षेत्राधिकारी प्रयाग सिंह कफलिया ने बताया कि, ‘बुधवार को सायं छह बजे एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल की प्रभारी मंजू पाडेय और थानाध्यक्ष राजेश पाडे पुलिस टीम के साथ नेपाल सीमा के करीब बेलबंद गोठ पर तलाशी अभियान चला रहे थे। इस बीच नेपाल से आ रही स्कूटी संख्या यूके 06एम-5447 को पुलिस ने रोककर उसकी तलाशी ली। स्कूटी की डिक्की के भीतर संदिग्ध चीज मिली। पुलिस ने इस संदिग्ध वस्तु का पता लगाया तो यह अफीम निकली। इसका वजन लेने पर यह 4 किलो 45 ग्राम निकला।’

अफीम के साथ पकड़े गये व्यक्ति की पहचान मोहन बहादुर, निवासी दोधारा चांदनी, जिला कंचनपुर, नेपाल के रूप में हुई। पुलिस ने अफीम के साथ पकड़े गए व्यक्ति के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/18/20/16 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया कि पकड़े गए व्यक्ति ने पूछताछ में बताया कि नेपाल से लाई जा रही इस अफीम की डिलीवरी दिल्ली में होनी थी। जहा से इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचा कर ऊंचे दामों पर बेचा जाना था

इतिहास से रुबरु कराएगी फिल्म ‘रागदेश’

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तिग्मांशु धूलिया की पीरियड फिल्म ‘रागदेश’ 28 जुलाई को रिलीज होगी। 1940 से 1945 के बीच के कालखंड की कहानी को तिग्मांशु ने शानदार तरीके से पिरोया है, खास बात यह है कि फिल्म को उन्हें अपने गृह राज्य उत्तराखंड में शूट किया है। तिग्मांशु ने उत्तराखंड की वादियों को पीरियड फिल्म के जरिये एक नए कैनवास पर उतारा है, जो बड़े पर्दे पर देखना शानदार होगा। हाल ही में तिग्मांशु ने राज्य सरकार से फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की, हालांकि, अभी सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।

इसमें ‘रंग दे बसंती’ फेम कुणाल कपूर, ‘सुल्तान’ व ‘सरकार-तीन’ फेम अमित साध, मोहित मारवाह और स्थानीय अभिनेता अभिनव थापर की अदाकारी से सजी ‘रागदेश’ में आजाद हिद फ़ौज के आजादी के संघर्ष की गाथा से दर्शक रुबरु होंगे। फिल्म में 1940 के दशक में भारत की आजादी को लेकर किए गए संघर्ष को दिखाया गया है। ‘रागदेश’ में जर्नल कियानी की भूमिका निभाने वाले देहरादून निवासी अभिनव थापर बताते हैं कि ‘रागदेश’ उत्तराखंड में शूट हुई आज तक की सबसे बड़ी बॉलीवुड फिल्म होगी। फिल्म वर्ष 1940 से 45 के बीच घटित सत्य घटनाक्रमों पर आधारित है। इसमें लाल किला ट्रायल्स, दूसरा विश्व युद्ध, बर्मा संघर्ष, नेताजी सुभाष चंद्र बोस व उनकी आजाद हिंद फौज के गठन की गाथा फिल्म का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि इन विषयों पर बनने वाली यह अपने तरीके की एक अलग फिल्म है। ‘रागदेश’ को प्रमुख रूप से देहरादून के मालदेवता, डीएवी पीजी कॉलेज, भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, सुद्धोवाला जेल, टी-एस्टेट, राजपुर क्षेत्र में फिल्माया गया है।

गोमुख में गंदगी फैलाने वालों से वसूला जाएगा जुर्माना

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गौमुख में यात्री या पर्यटकों ने गंदगी फैलाई तो पांच हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। इसके लिए डीएम डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

दरअसल गंगोत्री से गोमुख के बीच कई रमणीय स्थल हैं। इसके अलावा तपोवन, नंदनवन आदि कई ट्रैकिंग स्थल हैं, जहां हर साल सैकड़ों पर्वतारोही जाते हैं। हर साल यात्रा सीजन पर सैकड़ों यात्री जल भरने गोमुख जाते हैं। कुछ यात्री व पर्यटक कई बार वहां प्लास्टिक व अन्य सामान छोड़ देते हैं जिसके कारण वहां गंदगी फैलती है। यह गंदगी वहां कई वर्षों तक ऐसे ही पड़ी रहती है, जिसके कारण ग्लेशियर आदि को भी नुकसान पहुंचता है।

ऐेसे में जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क को निर्देश दिए कि गंगोत्री से गौमुख जाने वाले पर्यटकों और यात्रियों द्वारा अगर गन्दगी फैलाई जाती है तो प्रति पर्यटक व यात्री से 5000/- रुपये का जुर्माना लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि आवाजाही करने वालों पर स्वच्छता को लेकर कड़ी निगरानी रखें। 

हैदराबाद में शूटिंग कर रही कंगना हुई घायल

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झांसी की रानी, लक्ष्मीबाई की जिंदगी पर बनने जा रही फिल्म की शूटिंग के दौरान हैदराबाद में तलवारबाजी की शूटिंग कर रही कंगना बुधवार को घायल हो गईं। तलवारबाजी का सीन करते हुए कंगना के सिर पर चोट लग गई और उनके सिर से खून निकलने लगा, उनको तुरंत डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां उनको 15 टांके आए हैं।

डॉक्टरों ने दो सप्ताह तक कंगना को पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी है, कंगना अभी अस्तपाल में ही भर्ती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि कंगना को अस्पताल से छुट्टी के बारे में अगले दो-तीन दिनों में कोई फैसला लिया जाएगा। फिलहाल डॉक्टरों ने उनकी सेहत को बेहतर बताया है।

फिल्म की यूनिट के मुताबिक, कंगना को बताया गया था कि ये सीन खतरनाक हो सकता है और उनको बॉडी डबल इस्तेमाल करने की सलाह भी दी गई थी, लेकिन कंगना ने इससे मना कर दिया और खुद सीन करने के लिए तैयार हो गईं। फिल्म के निर्माता कमल जैन के मुताबिक, ‘कंगना जल्दी से जल्दी सेट पर लौटना चाहती हैं। हो सकता है कि अगले सप्ताह ही कंगना फिर से इस फिल्म की शूटिंग फिर से शुरू कर दें।’ इस फिल्म में कंगना के अलावा अंकिता लोखंडे और सुरेश ओबेरॉय को हाल ही में टीम का हिस्सा बनाया गया है।

साउथ के डायरेक्टर कृष इस फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं। इस फिल्म के कटेंट को लेकर फिल्मकार केतन मेहता के साथ कंगना का विवाद भी चल रहा है। 

गुलदार ने किया एक व्यक्ति का शिकार

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उत्तरकाशी नौगांव भंकोलि में गुलदार ने बुधवार की देर रात एक व्यक्ति को निवाला बना लिया। ग्रामीणों को घटना की जानकारी सुबह मिली, मृतक का अध खाया शव घटना स्थल से करीब 200 मीटर दूर झाड़ियों में मिला। इलाके में हुई इस घटना से स्थानीय लोेगों में भारी आक्रोश है।

भंकोलि के रहने वाला सरदार सिंह, गांव से दो किमी दूर गैरोगी तोक स्थित छानियों में रहता थे। उसकी पत्नी उमा देवी गांव गई हुई थीं। गुरुवार सुबह गांव से जब लोग गैरोगी छानी पहुंचे तो छानी का दरवाजा खुला हुआ मिला। सीढ़ी पर खून के निशान देखते ही लोगों को अनहोनी की आशंका हुई। निशानदेही पर सरदार सिंह का शव करीव 200 मीटर दूर मिला, घटना से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीण का कहना है कि वन विभाग को घटना की जानकारी नौ बजे दी गई थी, लेकिन विभाग के कर्मचारी दो बजे घटना स्थल पर पहुंचे।

उनका कहना था कि क्षेत्र में पिछले 15 दिनों से गुलदार का आतंक है। गुलदार 15 दिनों में एक गाय, एक बछड़ा व तीन बकरियों को मार चुका है और विभाग मूक दर्शक बना हुआ है। ग्रामीणों ने गुलदार को आदम खोर घोषित करने की मांग की है।

दून में रसोई पर भारी रही कांवड़ यात्रा

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बीते एक सप्ताह से कांवड़ यात्रा के कारण दून में रसोई गैस की आपूर्ति प्रभावित हो गई है। हरिद्वार प्लांट से रास्ते बंद होने के बाद करनाल से भी पर्याप्त मात्रा में गैस की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, इस कारण दून में कई दिन से गैस की किल्लत हो रही है।

हरिद्वार के लंढौरा प्लांट से इंडियन ऑयल कंपनी हर रोज 30 गाड़ी गैस की आपूर्ति करता है। इसमें से 18 गाड़ी देहरादून व 12 गाड़ी रसोई गैस गढ़वाल के अन्य जिलों के लिए भेजी जाती हैं। कांवड़ यात्रा के कारण हरिद्वार से दून आने वाले रास्ते बंद हैं। इसलिए तेल कंपनी ने दून की सप्लाई को करनाल जिले से जोड़ दी थी, लेकिन अब तक करनाल से पर्याप्त गैस नहीं मिल पा रही। इसके चलते शहरी की अधिकांश एजेंसियों पर सुबह से ही नो स्टॉक की स्थिति आ गई थी। अभी दो दिन और यह स्थिति रह सकती है।