Page 286

बीडीसी सदस्यों और ग्राम प्रधानों ने फूंका प्रदेश सरकार का पुतला 

0

हल्द्वानी,  नगर निगम में हुए सीमा विस्तार पर राजनीती शुरू हो गई है। जिसको लेकर बीडीसी सदस्य और ग्राम प्रधानों में खासा रोष व्याप्त है। ग्राम प्रधानों और बीडीसी सदस्यों ने विकासखंड कार्यालय पर जमकर नारेबाजी की और प्रदेश सरकार का पुतला फूंका।

नगर निगम हल्द्वानी के विस्तार के बाद उसमें शामिल किए गए गावों को हटाने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। ग्राम प्रधान और बीडीसी सदस्यों ने विकासखंड कार्यालय पहुंचकर इसके विरोध में प्रदर्शन किया। पूर्व दर्जाधारी महेश शर्मा के नेतृत्व में पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने विकासखंड कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।

इस मौके पर राज्य सरकार पर मनमाने परिसीमन का आरोप लगाते हुए सरकार का पुतला फूंका। सभा में महेश शर्मा ने कहा कि जब तक सरकार पंचायत प्रतिनिधियों को विश्वास में लिए बिना सरकार ऐसे फैसले करती रहेगी हम लगातार विरोध करेंगे। हल्द्वानी नगर निगम में शुक्रवार को जारी अधिसूचना के तहत 36 गांवों को शामिल किया गया है। अब इन गांवों को नगर का हिस्सा बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारियां चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनावी फायदे के बजाए गांव के वास्तविक विकास पर फोकस करे। जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर काम करें और मानकों का पूर्ण पालन कराया जाए।

राहुल गांधी को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर कांग्रेसियों में खुशी की लहर

आखिरकार वो दिन आ ही गया जिसका कांग्रेस कार्यकर्ता पिछले काफी समय से इंतजार कर रहे थे, सोनिया गांधी के बाद अब राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान मिल चुकी है। आज जैसे ही राहुल गांधी को कांग्रेस का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया उसके बाद से ही पूरे देश भर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई।

दिल्ली से लेकर देश के कोने कोने में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर बधाई दी, कुछ ऐसा ही नजारा तीर्थ नगरी ऋषिकेश में भी देखने को मिला जहां पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने पर मिठाइयां बांटी और खूब पटाखे फोड़े।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष जयेंद्र रमोला ने बताया कि इस पल का काफी समय से इंतजार किया जा रहा था कि कब कांग्रेस की कमान राहुल गांधी के हाथों में आएगी, उन्होंने बताया कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपना कहीं न कहीं कांग्रेस के आने वाले कल के लिए भी बेहतर साबित होगी।

एम्स में ट्रांसप्लांट से लेकर प्लास्टिक सर्जरी तक जल्द शुरू होगा बेहतर ट्रीटमेंट

ऋषिकेश। अपने बेहतर इलाज और सहूलियत के लिए जाने जाने वाला एम्स अब अपने इलाकों में बढ़ोतरी करने जा रहा है, ऋषिकेश एम्स में पहुंचने वाले मरीजों को अब प्लास्टिक सर्जरी और ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली-चंडीगढ़ जैसे महानगरों में नहीं भटकना पड़ेगा क्योंकि अब ऋषिकेश एम्स जल्द ही इन सब सुविधाओं को अपने याहं खोलने जा रहा है, एक निजी कार्यक्रम पर पहुंचे एम्स डायरेक्टर प्रोफेसर रविकांत ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ऋषिकेश एम्स आने वाले दिनों में अपने इलाज को और बेहतर करना चाहता है अभी तक यहां ट्रांसप्लांट, कार्डिक सर्जेरी और प्लास्टिक सर्जरी जैसी सुविधा नहीं है लेकिन जल्दी ही ऋषिकेश एम्स इन सब को अपने इलाज में शामिल करने जा रहा है जिससे यहां पहुंचने वाले मरीजों को बड़ी बीमारियों के लिए दूर-दूर नहीं भटकना पड़ेगा।

 

नगर निगम के प्रतिबंध के बावजूद ट्रेंचिंग ग्राउंड में फेंका जा रहा है कूड़ा

0

देहरादून। शहर में कूड़े का अवैध ढंग से उठान किया जा रहा है। शहर में कई ऐसी संस्थाएं सक्रिय हैं जिनके द्वारा कई वार्डों में अवैधानिक तरीके से कूड़ा एकत्र किया जा रहा है। इतना ही नहीं यह संस्थाएं न केवल वार्डों में लगे निगम के कूड़ेदानों का कूड़ा फेंकने के लिए इस्तेमाल करते हैं बल्कि इनके द्वारा निगम के सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रेंचिंग मैदान तक में कूड़ा फेंका जा रहा है। गजब तो यह कि निगम को इसकी कानोंकान तक खबर नहीं है। अब निगम ऐसे मामलों पर कार्रवाई करने की बात कर रहा है।

नगर निगम देहरादून क्षेत्र में साठ वार्ड हैं। 2013 से पहले तक शहर में दून वैली वेस्ट मैनेजमैंट कंपनी कूड़े का डोर टू डोर उठान करती रही। हालांकि कंपनी के हाथ पीछे खींच लेने के बाद से नगर निगम ही शहर भर में कूड़ा उठान का काम कर रहा है। नगर निगम के अलावा कोई दूसरा कूड़े का उठान कर ही नहीं सकता है। बावजूद इसके शहर में कई ऐसी संस्थाएं सक्रिय हैं जो धड़ल्ले से नगर निगम की नाक के नीचे कई पॉश कॉलोनियों से कूड़े का उठान करने में लगी हैं।
बता दें कि नगर निगम की ओर से डोर टू डोर उठान के लिए पचास रूपए का यूजर चार्ज नियत है जबकि यह संस्थाएं लोगों से सौ से लेकर दो सौ रूपए प्रति माह वसूलने का काम कर रही हैं। यही नहीं कूड़े के छंटान के बाद इसमें से निकलने वाले मैटेरियल को भी यह संस्थाएं कबाड़ी आदि को बेचकर नोट छापने का काम कर रही हैं। जबकि नियमत: यह पूरी तरह से गलत है।
आर्यनगर समेत सालावाला, राजपुर रोड से सटी साकेत कॉलोनी, दून विहार के अलावा शहर के ऊपरी इलाकों में इस तरह की संस्थाएं ज्यादा सक्रिय हैं। यही नहीं इन संस्थाओं के द्वारा राजस्व के लिहाज से तो निगम को चूना लगाया ही जा रहा है, साथ ही इनके द्वारा निगम के संसाधनों का भी खुलेआम इस्तेमाल किया जा रहा है। हाल यह है कि इन संस्थाओं के द्वारा न केवल वार्डों में रखे कूड़ेदानों में कूड़ा फेेंका जाता है बल्कि इनके द्वारा निगम के ट्रेंचिंग मैदान में भी गुपचुप तरीके से कूड़ा फेंकने की जानकारी सामने आयी है। जबकि निगम ने सहस्त्रधारा रोड स्थित ट्रेंचिंग मैदान में कूड़ा फेंकने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है।
उधर, महापौर विनोद चमोली का कहना है कि अगर इस तरह से हो रहा है तो यह सरासर गलत है। अधिकारियों को ऐसी संस्थाओं को चिन्हित करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके बाद नियमानुसार संस्थाओं पर कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम के लिए पार्षद आंख कान का काम करते हैं। ऐसे में निगम को किसी भी जानकारी की सूचना सबसे पहले पार्षद के स्तर से ही उपलब्ध करायी जाती है लेकिन संस्थाओं द्वारा अवैध कूड़ा उठान के मामले में पार्षद भी मुंह सिले बैठे हैं। ऐसे में निगम पार्षदों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। हालांकि सालावाला के पार्षद भूपेंद्र कठैत का कहना है कि जब भी इस तरह के मामले सामने आए तो हमने हमेशा सक्रियता के साथ निगम को अवगत कराया। 

क्रिकेटर पोते बुमराह से मिलने अहमदाबाद गये दादा का साबरमती नदी में मिला शव

0

टीम इंडिया के क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के दादा संतोख सिंह बुमराह की लाश गुजरात की साबरमती नदी से बरामद की गर्इ है। 84 साल के संतोख सिंह बुमराह अपने पोते से मिलने के लिए अहमदाबाद निकले थे। इसके बाद से वो लापता चल रहे थे। जिससे परेशान उनके परिजनों ने शुक्रवार को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई।

आपको बतादें कि भारतीय क्रिकेट टीम में तेज़ गेंदबाज़ी में फलक पर चमकने वाले जसप्रीत बुमराह को कौन नहीं जानता। हर फोरमेट में अपनी तेज गेंदबाजी से बल्लेबाज को क्लीन बोल्ड करने वाले जसप्रीत बुमराह के परिवार की हकीकत सुनकर आप भी रह जाएंगे दंग। वक्त की मार से परिवार किस मुफलिसी के दौर से गुजर रहा है ये देख कर आप भी कहने को हो जाएंगे मजबूर की वक्त जब बदलता है तो राजा भी रंक बन जाता है।

यहां रहते थे बुमराह के दादा:

जसप्रीत बुमराह के दादा संतोख सिंह उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के छोटे से कस्बे किच्छा में आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे। किराये के टूटे फूटे कमरे में रह कर वो टैम्पू चलवाकर कर अपनी और अपने छोटे अपाहिज बेटे के साथ आजीविका चला रहे थे।

कभी गुजरात के अहमदाबाद मे बटवा इंडस्ट्रियल स्टेट में संतोख सिंह बुमराह का जलवा हुआ करता था। वो लग्ज़री कारो और प्लेन में सफर किया करते थे। अहमादाबाद में उनकी जेके इण्डस्ट्रीज़, जेके मशीनरी इकोमेंट प्राइवेट लिमिटेड और जेके इकोमेंट नामक फैक्ट्रियां थीं। इसके अल्वा दो सिस्टर कंसर्न गुरुनानक इंजीनियरिंग वर्क्स और अजीत फैब्रीकेटर भी थी। सारा कारोबार क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह के पिता जसवीर सिंह बुमराह संभालते थे। 2001 में बेटे की मौत से संतोख सिंह टूट गए और फैक्ट्रियां भी आर्थिक संकट से घिर गई। बैंको का कर्ज़ा निबटाने के लिये उन्हें तीनो फेक्ट्रियों को बेचना पड़ा। अपनी शानदार ज़िन्दगी का ज़िक्र करते करते संतोख सिंह की आखो में आंसू तैरने लगते थे।

चौरासी साल के बुज़ुर्ग संतोख सिंह बुमराह को अपनी मुफलिसी ज़िन्दगी से कोई शिकायत नहीं है,वो इसे सब कुदरत की देन मानते हैं। लेकिन अपने बेटे जसवीर सिंह के बेटे जसप्रीत को भारत की क्रिकेट टीम में तेज़ गेंदबाज़ी करते टीवी स्क्रीन पर देख कर उन्हें अपने खून पर फक्र होता था। संतोख सिंह का कहना था कि जीवन के आखरी पड़ाव में पोते को गले लगा कर प्यार कर सके। उसे आर्शीवाद दे सके। उनका अपाहिज बेटा भी अपने भतीजे से मिलने के लिये बेताब था।

वक्त के दिन और रात, वक्त से कल और आज, वक्त की हर शेय गुलाम, वक्त का हर शेय पे राज, वक्त की गर्दिश से है चांद तारो का निजाम, वक्त की ठोकर में है क्या हुकुमत क्या समाज, जी हां एक पुरानी फिल्म का ये गीत जसप्रीत बुमराह के परिवार पर सटीक बैठता है जिन्होने वक्त की मार को करीब से देखा है और उसको महसुस कर रहे हैं…  लेकिन जो भीं हो भले संतोख मुफलिसी में रहे हो लेकिन अपने पोते को गेंदबाज़ी करते देख कर उनका दिल जवान हो जाता था। सब कुछ भूल कर वो अपने पोते से मिलने का सपना सजोये हुए थे।

लेकिन शायद संतोख के लिए वह समय नहीं आया कि वह अपने पोते से मिल सके,गले से लगा सके और उसे आर्शीवाद दे सकें।संतोख निकले तो अपने पोते जसप्रीत से मिलने थे लेकिन सायद वक्त को कुछ और मंजूर था।घर से अहमदाबाद निकले तो सही सलामत लेकिन इसके बाद से ही संतोख बुमराह का कोर्इ पता नहीं लग पाया। जब वो वापस नहीं लौटे तो उनके परिजनों ने बीते शुक्रवार को इसकी रिपोर्ट पुलिस में दर्ज करार्इ। इसके बाद से ही पुलिस उनकी तलाश में जुट गर्इ। जिसके बाद पुलिस को साबरमती नदी में उनकी लाश होने की खबर मिली और वहां से उनकी लाश बरामद की गर्इ।

 

अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के गुरु के गांव में खुशी का माहौल

0

हरिद्वार। अभिनेत्री अनुष्का शर्मा और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के विवाह की खबरों को लेकर अनुष्का के आध्यात्मिक गुरु के गांव में उत्साह का माहौल है। अनुष्का के आध्यात्मिक गुरु अनंत बाबा का हरिद्वार के पथरी क्षेत्र के छोटे से गांव अम्बुवाला में आश्रम है। अनुष्का पहले भी विराट के साथ यहां आकर अपने गुरु का आशीर्वाद ले चुकी हैं। अनंत बाबा के भी विराट-अनुष्का की शादी में इटली जाने की चर्चाओं से गांव में उत्साह का माहौल है। हालांकि आश्रम में कोई भी इस बारे में बात करने को तैयार नहीं है।

इसी आश्रम में आकर अनुष्का अपनी अधिकांश फिल्मों की सफलता के लिए पूजा-पाठ करवाती रही हैं। वर्ल्डकप के दौरान कोहली की सफलता के लिए अनुष्का यहां दो बार अनुष्ठान करने भी आई थीं। कहा जाता है कि अनुष्का अपने गुरु से बिना पूछे कोई शुभ काम नहीं करती हैं। करीब दो साल पहले जब अनुष्का और विराट की सगाई की चर्चाएं जोरों पर थीं, तब भी अनुष्का व विराट उत्तराखंड के आनंदा रिसोर्ट में जाने से पहले दोनों आश्रम में गुरु का आशीर्वाद लेने आए थे।
अनुष्का और विराट की शादी की चर्चाओं से गांव के लोग बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि आश्रम में एक-दो बार अनुष्का कोहली के साथ यहां आई थीं और गांव के लोगों ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाई थीं। दो साल पहले विराट और अनुष्का नए साल का जश्न मनाने उत्तराखंड में नरेंद्र नगर के आनंदा रिसोर्ट आए थे। तब दोनों की सगाई होने की चर्चाएं भी सुर्खियां बनी थीं। इन चर्चाओं को तब ज्यादा बल मिला था जब अनुष्का और विराट गुपचुप तरीके से देर रात आश्रम में पंहुचे थे और आश्रम को पहले से ही कह दिया गया था कि उनके आने की जानकारी किसी को ना दी जाए। तब दोनों ने बाबा अनंत के साथ फोटो खिंचवाई थी। माना जा रहा है कि बाबा अनंत विराट अनुष्का की शादी के लिए इटली गए हुए हैं। हालांकि बाबा के आश्रम में कोई भी कैमरे पर इस बारे में बोलने के लिए तैयार नहीं है। 

तीर्थनगरी में धड़ल्ले से जारी है पॉलिथीन की बिक्री

0

ऋषिकेश। तीर्थ नगरी में लंबी कवायद के बाद भी पॉलिथीन पर रोक नहीं लग पा रही है। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा भी इसकी रोकथाम के लिए विभिन्न चरणों में अभियान चलाया गया लेकिन उसका असर नहीं दिख रहा है।
नगर निगम की कवायद में पालिका बोर्ड भंग होने के बाद अब जिलाधिकारी के हाथ में सरकार द्वारा पालिका की कमान सौंपी गई है। अब यह देखना रोचक होगा कि शहर की सफाई व्यवस्था में सबसे बड़ा झोल साबित होने वाली पॉलिथीन की रोकथाम के लिए शासन स्तर पर क्या कठोर कदम उठाए जाते हैं। नगर पालिका प्रशासन द्वारा पॉलिथीन की रोकथाम के लिए पूर्व में किए तमाम प्रयास नाकाफी साबित हुए थे और नतीजा ढांक के तीन पात ही रहा। इन सबके बीच पालिका बोर्ड भंग होने से पूर्व शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर खूब हो हल्ला भी मचा जो कि अब तक जारी है लेकिन इन तमाम आंदोलनों के बावजूद तीर्थ नगरी मे धड़ल्ले से पालिथीन की बिक्री होती रही।
सिर्फ त्रिवेणी घाट बाजार की ही बात करें तो सुबह रोजाना पालिका सफाई कर्मचारी जब सफाई के लिए निकलते हैं तो पॉलिथीन से अटी नालियों में सफाई के बाद बड़े-बड़े ढेर लग जाते हैं जोकि इस बात की पुष्टि के लिए काफी है कि शहर में सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के बावजूद पॉलिथीन का खुलकर प्रयोग किया जा रहा है।
पॉलिथीन शहर मे मुसीबत बन चुकी है। गंगा तटों में भी धड़ल्ले से लोग पॉलिथीन में भरकर पूजा सामग्री फेंक रहे हैं। विभिन क्षेत्रों में नाले पॉलिथीन से अटे पड़े हैं। सीवर लाइन के लिए भी पालीथीन मुसीबत बन चुकी है।
पालिका अधिशासी अधिकारी महेंद्र सिंह का कहना था कि पॉलिथिन की रोकथाम के लिए पालिका द्वारा समय समय पर दुकानदारों के चालान काटे जाने के साथ जब्ती करण की कार्यवाही भी की जाती हैं लेकिन उसके बावजूद कारोबारियों द्बारा पालिथीन का उपयोग किया जा रहा है।

दुनाव लघु जल विद्युत परियोजना जनता को समर्पित

0

पौड़ी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को जनपद पौड़ी गढ़वाल के बीरोंखाल ब्लाॅक में उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम द्वारा निर्मित 1500 किलो वाट की दुनाव लघु जल विद्युत परियोजना को प्रदेश के जनता को समर्पित किया। उन्होंने इसे पर्वतीय क्षेत्र में विकास के लिए मील का पत्थर बताया। जनता को समर्पित इस लघु जल विद्युत परियोजना को शहीद राम प्रसाद नौटियाल के नाम से जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पौड़ी के दूरस्थ विकास खंड बीरोंखाल में नयार नदी पर निर्मित दुनाव लघु जल विद्युत परियोजना का वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को पहाड़ हित में बताया। इस परियोजना से सिमली, कांडा, पाली व बीरोंखाल समेत 55 गांवों को न सिर्फ लाभ मिलेगा होगा, बल्कि स्थानीय युवकों को रोजगार भी प्राप्त होगा। जिससे इस क्षेत्र में पलायन पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा। प्रदेश में शीघ्र ही अन्य जल विद्युत परियोजनाओं को भी पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने लखवाड़-व्यास जल विद्युत परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु व बड़े प्रोजेक्ट स्थापित करने वाली कम्पनियों को सरकार भारी सब्सिडी उपलब्ध करायेगी। उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय योजना के उद्देश्यों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दो प्रतिशत ब्याज दर पर एक लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे पूरे प्रदेश में 46 हजार से अधिक किसानों ने लाभ प्राप्त किया है। उन्होंने शिक्षित बेरोजगारों से कृषि को रोजगार का माध्यम बनाये जाने के लिए उन्हें प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि युवा मिर्च, शहद, क्षेत्रीय फसलें आदि का उत्पादन कर बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने चमोली के घेस गांव की तर्ज पर हर क्षेत्र में सब्जियों के उत्पादन पर जोर दिया। अकेले घेस गांव के काश्तकारों ने 45 लाख रूपये की मटर का उत्पादन किया है।
मुख्यमंत्री ने सैनिक परिवारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शहीद सैनिक व अर्द्ध सैनिक बल के आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। सेना के सेवानिवृत्त विशेषज्ञ डॉक्टरों व अन्य राज्यों से भी डॉक्टरों के आवेदनों को प्राप्त कर उन्हें पहाड़ों में चिकित्सा सेवाओं को लिए शीघ्र ही तैनात किया जाएगा। उन्होंने टेली रेडियोलाॅजी तथा टेली मेडिसिन के क्षेत्र में सरकार की ओर से किये गये क्रांतिकारी पहल बताया। इससे पहाड़ों में 22 अस्पतालों में मरीजों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त हो रहे हैं। उन्होेंने कहा कि इंटरनेट विहीन क्षेत्रों में इस प्रणाली के अन्य कारगर तरीकों पर भी मंथन किया जा रहा है। शीघ्र ही इंटरनेट विहीन व दूरस्थ क्षेत्रों में भी इसे लागू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पहाड़ों में सरकार, जनता के द्वारा कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाने की रणनीती साझा की। उन्होंने कहा कि अब ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी सप्ताह में दो दिन ब्लाॅक के दूरस्थ क्षेत्र के ग्राम सभाओं में जाकर लोगों की समस्याओं से रूबरू होंगे। उन्होंने इसे अनिवार्य रूप से अमल में लाये जाने के निर्देश दिये हैं। लापरवाही करने वालों पर सरकार कठोर कार्रवाी करेगी। इस मौके पर उन्होंने शहीद जसंवत सिंह रावत को स्मरण किया। इस अवसर पर विधायक दिलीप सिंह रावत, यूजेवीएन लि. उत्तराखंड की सचिव व अध्यक्ष राधिका झा, प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा, परियोजना निदेशक संदीप सिंघल, निदेशक वित्त एलएम वर्मा, महाप्रबंधक अजय पटेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

जब हिमालय ही नहीं रहेगा तो किसका विकास और कैसा विकासः राधा

0

गोपेश्वर। वनों के व्यावसायिक कटान के विरोध में वन अध्ययन अभियान दल ने सर्वोदय केंद्र गोपेश्वर में आयोजित संवाद कार्यक्रम के तहत आल वेदर रोड निर्माण व बांधों के निर्माण के बहाने पेड़ों के व्यावसायिक कटान पर चिंता व्यक्त की है। प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक व कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित राधा बहन ने कहा कि हिमालय में विकास की बात की जा रही है, परंतु जब हिमालय ही नहीं रहेगा तो किसका विकास और कैसा विकास।

छात्रों, बुद्धिजीवियों, समाजसेवियों, पर्यावरण विशेषज्ञों के बीच आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए राधा बहन ने कहा कि सड़कें, बांध, पर्यटन, रेलवे लाइन आदि के निर्माण में पिछले दो वर्षों में दस लाख पेड़ काटे चुके हैं। वर्तमान में आल वेदर रोड के निर्माण में जिस तरह से पेड़ों की अंधाधुध कटाई चारधाम यात्रा मार्ग पर हो रही है, उससे पूरा हिमालय हिल चुका है। नदियों में गाद डाली जा रही है। छोटे-छोटे व्यवसायियों के हक और व्यवसाय मारे जा रहे है। गंगोत्री से लेकर ऋषिकेश तक पड़ों की निर्मम कटाई हो रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन भूकंपीय क्षेत्र से बनायी जा रही है। पंचेश्वर बांध के निर्माण से पूरा हिमालय का पारिस्थितिकीय संतुलन खतरे में है। स्थानीय जनता के हक मारे जा रहे हैं, परंतु इसे विकास का नाम दिया जा रहा है। जबकि यह विकास नहीं बल्कि विनाश के आमंत्रण की योजना है।
वन अभियान दल के साथ चल रहे सुरेश भाई ने कहा कि चारधामों में आॅल वेदर सड़क के नाम पर जिस तरह से विकास के नाम पर दानवीय प्रवृति दिख रही है, वह खतरनाक संकेत है। 18 से 24 मीटर चौड़ी सड़क बनाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और 24 मीटर का अधिग्रहण हो रहा है। आम आदमी और गांव के लोग अपने गांव में सड़क की बात करते हैं तो पर्यावरण अधिनियम का बहाना बनाया जाता है, लेकिन आॅल वेदर के नाम पर इतने पेड़ कट गये। अब इसका हिसाब कौन देगा। अभियान दल में आयी लक्ष्मी आश्रम कौसानी की नीमा वेष्णव, सर्वोदयी कार्यकर्ता मुरारी लाल, डा. गीता शाह, मनोज तिवारी, प्रमोद सेमवाल, जगदीश पोखरियालय ने भी हिमालयी चिंतन और विकास की परिभाषा पर अपने विचार रखे। 

उत्तराखंड में स्कीइंग-ट्रैकिंग व कयाकिंग-राफ्टिंग के लिए अपार संभावनाएं : पर्यटन मंत्री

0

गोपेश्वर। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड ऐसा सुंदर और प्राकृतिक संरचनाओं का राज्य है, जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। सरकार इस दिशा में और अधिक कार्य करने के लिए दृढ संकल्प है।

रविवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए सतपाल महराज ने कहा कि औली में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग प्रतियोगिता के लिए सरकार ने पर्याप्त धन दिया है। औली के साथ-साथ गौरसौं को भी स्कींइग के लिए विकसित किया जाएगा। विदेशों में घूमने के बाद मुझे यह अनुभव हुआ है कि उत्तराखंड में स्कीइंग और ट्रैकिंग, कयाकिंग तथा राफ्टिंग आदि के लिए सबसे अधिक संभावनाएं है। राज्य में न सिर्फ साहसिक पर्यटन बल्कि सुगम पर्यटन के साथ ही पारिवारिक पर्यटन और ट्रैकिंग के लिए कार्य करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में शिव भक्तों, नारायण भक्तों के लिए धार्मिक दृष्टि से अलग-अलग रूप में भी यहां यात्रियों को लाने की योजना है। साथ ही पर्यटन पर अपनी योजनाओं को सरकार के बीच रखने की बात कही। इस राज्य में छोटे-छोटे हेलीपेड बनने चाहिए तथा जो बने हैं, उनमें बड़े जहाजों को उतरने के लिए संसाधन खड़े किए जाएंगे। ताकि सिंगल इंजन हेलीकॉप्टर भी पहाड़ की ऊंचाइयों पर उतर सकें। इसके लिए नागरिक उड्डयन मंत्री से बातचीत की गई है।
पत्रकारों के यह पूछने पर कि जोशीमठ के लोग आॅल वेदर रोड के नाम पर जोशीमठ मारवाड़ी बाईपास का विरोध कर रहे हैं, के जवाब में पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस सड़क के बनने से जोशीमठ नृसिंह परिक्रमा क्षेत्र बद्रीनाथ यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन महाराज ने यह भी जोड़ा कि उन्हें बाईपास के बारे में कोई जानकारी नहीं है। साथ ही आॅल वेदर रोड के बारे में भी उन्होंने अनभिज्ञता प्रकट की। सरकार में अपनी उपेक्षा के सवाल पर वे सिर्फ मुस्कराये और कुरेदने पर कहा कि सब कुछ ठीक है।