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ग्लोबल टीचर पुरस्कार के लिए हरिद्वार के प्रदीप का चयन

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हरिद्वार। दुनिया के 173 देशों के 30 हजार शिक्षकों में से ग्लोबल टीचर पुरस्कार के लिए 10 शिक्षकों का चयन किया गया है, उनमें हरिद्वार के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक प्रदीप नेगी भी शामिल हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ग्लोबल टीचर पुरस्कार के लिए भारत से चयनित होने वाले प्रदीप नेगी एकमात्र टीचर हैं। प्रदीप शारीरिक रूप से दिव्यांग है। प्रदीप नेगी जल्द ही अब दुबई में अंतिम चयन के लिए होने वाले समारोह में शामिल होंगे। यदि प्रदीप नेगी अंतिम 10 में स्थान बनाने में सफल हो गए तो उन्हें लंदन में ग्लोबल टीचर पुरस्कार से नवाजे जाने के साथ ही उन्हें एक लाख डॉलर की राशि प्रदान की जाएगी।

ग्लोबल टीचर पुरस्कार दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने वाले टीचरों को वारके फाउंडेशन नाम की संस्था द्वारा दिया जाता है। शिक्षक प्रदीप नेगी ने अपंग होने के बाद भी जो उपलब्धि हासिल की वह देश और प्रदेश के लिए गौरवांवित करने वाली है। एक पैर खराब होने के बाद भी बैसाखियों के सहारे चल कर एक सरकारी स्कूल का यह शिक्षक ने दुनिया पर छा जाने को तैयार है। प्रदीप नेगी जब महज दो साल के थे तो पोलियो की वजह से उनका एक पैर खराब हो गया था। धीरे-धीरे उम्र बढ़ती गई तो प्रदीप के भीतर दिव्यांग होने की वजह से हीनभावना आने लगी। इस दौरान उनके स्कूल के एक शिक्षक ने उनका हौसला बढ़ाया कि तो जैसे उनपर कुछ बनकर कर दिखाने का जुनून सवार हुआ। शारीरिक अक्षमता के बावजूद प्रदीप नेगी ने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनका चयन पहली बार शिक्षक के लिए हुआ और उनकी नियुक्ति दुर्गम स्थान उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के जयखाला बोरेगावों के स्कूल में हुई। उन्हें नौकरी ज्वाइन करने के लिए खच्चर पर बैठकर स्कूल जाना पड़ा था। इसके बाद पहले रुड़की ओर फिर हरिद्वार के बीएचईएल स्थित राजकीय माध्यमिक स्कूल में स्थानानंतरण हुआ। प्रदीप नेगी आज दुनिया के ग्लोबल पुरस्कार के लिए सेमीफाइनल राउंड के बाद 30 हजार टीचरों में चुने गए 50 टीचरों में शामिल एकमात्र भारतीय टीचर हैं।
वारके फाउंडेशन द्वारा ग्लोबल टीचर पुरस्कार के लिए भारत से प्रदीप नेगी को अंतिम 50 में चुना गया है।
दुबई में दुनिया भर से चुने गए 50 टीचरों में से अंतिम रूप से 10 टीचरों को चुना जाएगा। वारके फाउंडेशन ने ग्लोबल टीचर पुरस्कार के लिए दुनिया भर से आवेदन मांगे थे। 173 देशों से इसके लिए करीब 30 हजार शिक्षकों ने आवेदन किया था। आवेदन के साथ आवेदक को शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अपने कार्यों का पूरा ब्यौरा, उनके वीडियो फुटेज, फोटो, अब तक मिले पुरस्कारों की जानकारी ओर अन्य सभी जरूरी दस्तावेज फाउंडेशन की वेबसाइट पर अपलोड करने होते हैं। इसके आधार पर शॉर्टलिस्ट किए गए आवेदकों का ऑनलाइन साक्षात्कार लिया जाता है। काफी लंबी, जटिल और बेहद कड़ी प्रकिया के बाद प्रदीप नेगी को अंतिम 50 प्रतियोगियों में चुना गया है।
प्रदीप नेगी ने अपने शिक्षण करियर में सरकारी स्कूल के छात्रों को बेहतरीन स्टार की शिक्षा देने के लिए कई नवीन प्रयोग किए। अर्थशासत्र के प्रवक्ता के रूप में उन्होंने अपने विषय मे छात्रों की रुचि पैदा करने के लिए मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर, टूल्स, वेबसाइट, ब्लॉग बनाए। उत्तराखंड सरकार द्वारा माइक्रोसॉफ्ट के साथ तकनीकी शिक्षा के लिए किए किए गए करार के तहत कीपर्सन के रूप में छात्रों के लिए ई कंटेंट, सॉफ्टवेयर टूल्स, डाटा एनालिसिस तैयार किया। उन्होंने शिक्षा के लिए कई तरह के मॉड्यूल विकसित किए। प्रदीप नेगी ने टीचर ट्रेनिग प्रोग्राम के तहत अब तक 1200 से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर ट्रेंड किया है। उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें आईसीटी का राष्ट्रपति पुरस्कार, माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव अवार्ड समेत करीब आधा दर्जन से ज्यादा अवार्ड मिल चुके हैं। पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रदीप नेगी को सम्मानित कर चुके हैं। स्कूल के छात्रों का कहना है उन्हें केवल खुशी ही नहीं है बल्कि वो अपने एक शिक्षक की इस उपलब्धि पर बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। प्रदीप नेगी की बेटी अपने पापा की इस उपलब्धि से बेहद खुश है। उसका कहना है कि उसके पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा हैं और दुनिया के 50 बेस्ट टीचर में से आकर उन्होंने उत्तराखंड का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया है।

दून की खत्म होती नदियां बनेंगी लंदन की थेम्स नदी जैसी सुंदर

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मशहूर गोमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर अब देहरादून में भी रिवर फ्रंट बनेगा। इसके लिेये सरकार ने देहरादून में आखिरी सांसे गिन रही रिस्पना और बिंदाल नदियों को चिन्हित किया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में ये बताया गया कि रिवर फ्रंट बनाने के लिये हाइड्रोलॉजिकल स्टडी कर ली गयी है। इस निर्माण में नदियों के दोनों किनारों को विकसित किया जाएगा। एक किनारे पर सड़क और दूसरे किनारे पर ग्रीन स्पेस होगा। मास्टर प्लानिंग और फिजिबिलिटी स्टडी करा लिया गया है।

मुख्य सचिव ने बताया कि “इसके लिए पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) के साथ एमओयू किया जाय। कम से कम 65 प्रतिशत ग्रीन स्पेस रखा जाय। बैठक में बताया गया कि सड़क के अलावा साईकल ट्रैक, चेक डैम, हैबिटैट सेंटर, आवासीय परिसर, पार्किंग, योग पार्क,पैदल मार्ग,अस्पताल, व्यावसायिक काम्प्लेक्स, एसटीपी आदि बनाया जाएगा।”

गौरतलब है कि कई सालों से सरकारी उदासीनता और बेतरतीब निर्माण के कारण देहरादून की ये दोनो ही नदियां अपना अस्तित्व करीब करीब खो चुकी थी। नदियों में पानी न के बराबर रह गया है और अब ये नदी नहीं नाले की तरह लगती हैं। इसके साथ साथ इन नदियों में शहर के कई इाॉलाकों की गंदगी सीधे सीधे फेंकी जा रही है। ऐसे में सरकार का ये फैसला लुप्त होने के कगार पर आ चुकी इन नदियों के लिये अच्छी खबर जरूर है। लेकिन ये बात तय है कि अगर इन नदियों का जीर्णोधार करना है तो सरकार को बड़ी इच्छा शक्ति का नमूना पेश करना होगा।

चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने में काशीपुर पुलिस नाकाम

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काशीपुर-  काशीपुर शहर में चोरी की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। चोर आए दिन कहीं न कहीं अपना हाथ साफ करने में कामयाब हो रहे हैं। चोरों ने बीती रात पुलिस को चुनौती देते हुए एक दुकान के शटर का ताला तोड़कर ढाई लाख रुपयों से अधिक की नगदी चोरी कर ली। सूचना पर मौके पर पहुंची आईटीआई पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। शहर में बढ़ रहीं चोरी की वारदातों तथा पूर्व में हुईं चोरियों का खुलासा न होने से लोगों में पुलिस के प्रति खासी नाराजगी है।

बता दें कि मोहल्ला पक्काकोट निवासी मोहित सिंह सिद्दू बाजपुर रोड स्थित द्रोणासागर के सामने वेलनेस के नाम से ब्यूटीशियन प्रशिक्षण का केंद्र चलाते हैं। रोजाना की भांति मोहित बीती रात करीब आठ बजे इंस्टीट्यूट को बंद कर घर चले गए। आज सुबह जब वह इंस्टीट्यूट खोलने के लिए पहुंचे तो शटर के ताले टूटे देख उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। मोहित ने देखा कि इंस्टीट्यूट के चैनल, ऑफिस की दराज और सेंटर दफ्तर के ताले टूटे पड़े थे। मोहित ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच मोहित से चोरी गए सामान की जानकारी ली। उन्होंने पुलिस को बताया कि ऑफिस की दराज में रखी करीब ढाई लाख से अधिक रुपये की नगदी चोरी चली गई है। पुलिस ने इंस्टीट्यूट और पास की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली है। शहर में बढ़ रहीं चोरी की वारदातों तथा पूर्व में हुईं चोरियों का खुलासा न होने से लोगों में पुलिस के प्रति खासी नाराजगी है।

तराई में लुड़का पारा, कड़ाके की ठंड

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रुद्रपुर- पहाड़ों में हुई बर्फबारी के कारण तराई में भी पारा लुडक गया है। गुरुवार सुबह से ही कोहरे की चादर ने आसमान को ढके रखा और बर्फीली हवाएं चलती रहीं। दोपहर तक आसमान में बादल छाए रहे, जिस कारण सूर्य के दर्शन भी नहीं हुए। जिसके चलते लोग शरीर को गर्म करने के लिए अलाव तापते या फिर कमरों में हिटर के सहारे काम चला रहे थे।

पहाड़ों में हो रही बर्फबारी का असर तराई में साफ दिखाई दे रहा है। गुरुवार की सुबह से घना कोहरा छाया रहा और शीत लहर का प्रकोप पैदा हो गया। सुबह से ही हाड़ मांस कंपकपाने वाली ठंड ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। साथ ही घना कोहरा भी रहा। ठंड बढऩे के साथ ही जगह जगह लोग अलाव सेंकते नजर आए। गुरुवार को नगर निगम ने भी सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाए। लोग सुबह से ही घरों से पैक होकर निकले। सिर पर टोपी व हाथों में दस्ताने नजर आए। यूं तो ठंड के कारण बाजार में सन्नाटा सा छाया रहा। सिर्फ गरम कपड़ों की बिक्री बढ़ी है। मौसम विभाग की मानें तो पारा लुढ़क कर 21 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। अभी पारा और लुढ़कने की संभावना जताई जा रही है।

सूखाताल जलभराव संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई

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नैनीताल। उच्च न्यायालय में आज सूखाताल जलभराव सम्बन्धी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई । न्यायालय ने शहर में ऑप्टिकल फाइबर केबल लाइन ठेकेदारों द्वारा सड़क पर मलुवा जमा करने की शिकायत पर जिलाधिकारी को इसे ठीक करने के निर्देश दिए । न्यायालय ने कहा की दो दिन के भीतर सड़क से मलुवा हटाया जाए और 8 जनवरी तक कार्य पर फिलहाल रोक लगा दी जाए । न्यायमूर्ति सुधांशू धूलिया और न्यामूर्ति यू.सी.ध्यानी की खण्डपीठ ने प्रशासन से कहा कि 24 घंटे वन-वे जैसा कोई ठोस प्लान अमल में लाया जाए(शाम 6 बजे से 8 बजे तक माल रोड वाला) जिससे ट्रैफिक व्यवस्थित किया जा सके । न्यायालय ने बाजारों और सड़कों में व्यापारिक सामानों के वाहनों को रात 9 बजे से सवेरे 4-5 बजे तक माल उतारने की अनुमति देने को कहा है । कोर्ट कमिश्नर सी.डी. बहुगुणा के इलाहबाद बैंक के समीप चार फीट का अतिक्रमण होने के आरोप पर न्यायालय ने जिलाधिकारी, कोर्ट कमिश्नर के अलाावा संबंधित अधिवक्ताओं को बैठकर अतिक्रमण पर मंत्रणा करतेे हुए हल निकालने को भी कहा है । नो पार्किंग ज़ोन से गाड़ी हटाने में देरी पर एस.एस.पी.जनमेजय खंडूरी ने न्यायालय को बताया की कार उठाने के लिए लाई गई दोनों क्रेन, कार को उठाने में अक्षम हैं । मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी ।

शिक्षा को केवल रोजगार का साधन न मानें: सीएम

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देहरादून। शिक्षा हमारे संस्कारों, संस्कृति और जीवन को नई दिशा देती है। इसे केवल रोजगार पाने का माध्यम ने मानें। प्रधानाचार्यों एवं अध्यापकों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के शुभारंभ पर सीएम ने उक्त विचार व्यक्त किए। गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पेसलवीड कॉलेज देहरादून में प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा का संबंध केवल रोजगार तक सीमित नहीं है। शिक्षा को रोजगारपरक होने के साथ सांस्कारिक होना जरूरी है। शिक्षा सकारात्मक जीवन एवं सोच प्रदान करने वाली होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए मन में आशा और विश्वास होना जरूरी है। यह शिक्षा के रचनात्मक संस्कार से ही संभव है। शिक्षा का मतलब सह अस्तित्व एवं पारस्परिकता है। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए समाज के पिछड़े वर्गों को साथ लेकर चलना जरूरी है। यह सबके शिक्षा के स्तर में सुधार से ही संभव है। उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा से ही अग्रणी रहा है। शिक्षा का स्तर जितनी ऊंचाई तक पहुंचेगा, उतनी ही तेजी से देश और प्रदेश का विकास होगा।
माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी ने कहा कि राज्य में शिक्षा के तीव्र विकास के लिए प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक मॉडल स्कूल विकसित किए जा रहे हैं। स्कूलों में मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीएसआर सेल का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए कौशल विकास एवं व्यवसायिक शिक्षा पर विशेष बल दिया जा रहा है। शिक्षा के चहुमुखी विकास के लिए कम्प्यूटर शिक्षा, लाइफ स्किल डेवलपमेंट, योग एवं नैतिक शिक्षा एवं आध्यात्मिक शिक्षा पर बल दिया जा रहा है। इस अवसर पर पीपीएसए के अध्यक्ष प्रेम कश्यप, सीनियर वाइस प्रेसीडेन्ट डीएस मान, वाइस प्रसीडेन्ट एमसी बाइला, पुनीत मित्तल, केजी बहल, सेक्रेटरी पीपीएसए एके दास एवं अन्य शिक्षाविद उपस्थित रहे।

24 पेटी अवैधी अंग्रेजी शराब बरामद

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विकासनगर। जनपद में नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान में पुलिस द्वारा कुल्हाल चेक पोस्ट पर 24 पेटी अंग्रेजी शराब को जब्त कर लिया गया है।

गुरुवार को नशे के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत कोतवाली विकासनगर के प्रभारी निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी के नेतृत्व में बॉर्डर क्षेत्र कुल्हाल व डाकपत्थर बैराज आदि स्थानों पर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। सुबह करीब 10:30 बजे कुल्हाल चेक पोस्ट पर एक वाहन बुलेरो पौंटा से उत्तराखण्ड की ओर आ रहा था। कुल्हाल चेक पोस्ट पर पुलिस ने वाहन को रुकने के लिए कहा तो चालक गाड़ी को भगाकर विकासनगर की ओर ले गया। पुलिस ने शक होने पर वह वाहन का पीछा शुरू किया, कोतवाली विकासनगर व अन्य थानों को वाहन के कुल्हाल से भागने की सूचना दी। वाहन चालक कुल्हाल ढालीपर होते हुए नहर की पटरी से लाइन जीवनगढ़ मे कालिन्दी अस्पताल पास एक गली में ले गया और दोनों युवक शराब को तेजी से एक घर में उतारने लगे, लेकिन पुलिस ने पेटियों को उतार रहे दोनों युवकों को देख लिया। इस पर दोनों युवक पुलिस टीम को देखकर भागने लगे।
पुलिस ने चालक जसमेर सिंह निवासी ग्राम रामपुरा थाना इंद्री हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया, जबकि लक्ष्मण जोशी निवासी लाइन जीवनगढ़ भागने में सफल हो गया। पुलिस ने वाहन से 24 पेटी अंग्रेजी अवैध शराब बरामद की। निरीक्षक शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि लगातार क्षेत्र में अवैध शराब की तस्करी करने की शिकायत प्राप्त हो रही थी। मौके से फरार हुए लक्ष्मण सिंह जोशी की तलाश की जा रही है जिसकी शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी।

दुर्लभ गाय कौतूहल बनी, लोगों ने किए दर्शन की वजह

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ऋषिकेश। देश मे चमत्कार को नमस्कार की लम्बी परम्परा रही है। कुछ ऐसा ही नजारा तीर्थनगरी मे भी देखने को मिला। सोलापुर महाराष्ट्र के राधे कृष्ण गौशाला से देवी देवताओं के प्रतिमाओं से सुसज्जित रथनुमा वाहन मे लोगों ने एक गाय को को देखा तो दंग रह गए।
यह गाय कोई आम गाय नहीं थी, बल्कि कुदरत के चमत्कार की जीती-जागती मिसाल है, जिसे हर कोई देख दंग था। सामान्यतः गाय के चार पैर और चार थन होते हैं, लेकिन इस दुर्लभ गाय के छह पैर और छह थन हैं। इसके अलावा इसके सींघ के स्थान की आकृति शिवलिंग की तरह बनी हुई थी, जिसे देख लोग दंग रह गए और देखते ही देखते करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक माने जाने वाली गऊ माता के प्रति श्रद्धा का भाव उमड़ने लगा। कुछ ने विलक्षण सी दिखने वाली गऊ को चारा खिलाया, तो कुछ ने बकायदा उसके पैर छूकर आर्शीवाद लिया। दुर्लभ दिखने वाली गऊ के बारे में पूछे जाने पर राधे कृष्ण गौशाला के महारथी गोस्वामी ने बताया कि गौशाला द्वारा तैयार किए गए वाहन मे वह पूरा देश भ्रमण कर रहे हैं। उत्तराखंड में भी गऊ भक्तों द्वारा बेहद भक्ति भाव से इस दुर्लभ गऊ के दर्शन कर आर्शीवाद लिया गया है।

जल निगम की प्राथमिकताओं में नहीं जरूरतमंद इलाके

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देहरादून। भले ही पेयजल निगम व एडीबी विंग शहर में पुरानी लाइनों के स्थान पर नई डालने का काम कर रहे हों। हालांकि, जनवरी में एडीबी विंग का अनुबंध समाप्त हो रहा है तो अब इन लाइनों को बदलने की पूरी जिम्मेदारी पेयजल निगम के पास है। लेकिन, हैरत की बात ये है कि अब तक वो इलाके निगम की अमृत प्रोजेक्ट की सूची में शामिल नहीं हो पाए हैं, जहां की पेयजल लाइनें अति जर्जर हालत में पहुंच चुकी हैं। जिस कारण इन नौ इलाकों में दो लाख से ज्यादा लोगों को आए दिन पेयजल किल्लत व गंदे पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। हालांकि, जल संस्थान ने इन जगहों पर लाइन बदलने के लिए दो साल पहले प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे थे और ये प्रस्ताव शासन ने पास भी कर दिए थे। लेकिन, कुछ समय पहले सरकार ने जल संस्थान से नई योजनाएं बनाने का काम छीन लिया और यह जिम्मेदारी पूरी तरह से पेयजल निगम को सौंप दी। जिसके बाद ये इलाके लावारिस जैसी हालत में पड़े हैं।

ईसी रोड की 18 इंच की लाइन
जल संस्थान ने नेहरू कॉलोनी से सर्वे चोक तक तीन नलकूपों का पानी लेकर आ रही 18 इंच की सीमेंट की लाइन लगभग खत्म हो चुकी है। जल संस्थान ने इसके लिए तीन करोड़ प्रस्ताव बनाया जरूर, लेकिन पैसा नहीं मिला और न पेयजल निगम व एडीबी विंग ने इसे बदलना जरूरी समझा। ये अकेली लाइन 50 हजार उपभोक्ताओं पर असर डालती है।
विजय कॉलोनी-हाथीबड़कला
यहां की लाइन भी अति जर्जर हालत में पहुंच चुका है। जल संस्थान आठ करोड़ रुपये में इस क्षेत्र की दशा बदलने का प्रयास किया था, लेकिन बजट का रोड़ा फिर आड़े आ गया। यहां भी निगम का कोई प्रस्ताव नहीं है। यहां भी तीस हजार से ज्यादा आबादी प्रभावित है।
अन्य भी कई इलाके प्रभावित
इनके अलावा करनपुर क्षेत्र, चुक्खुमौहल्ला, नेहरू कॉलोनी, डीएल रोड, कैनाल रोड, पूर्वी पटेलनगर आदि जगहों पर भी लाइनों की हालत भी बहुत खराब है। यहां भी एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित है, लेकिन कोई सुध लेने को ही तैयार नहीं। मामले में पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक भजन सिंह ने बताया कि अमृत प्रोजेक्ट के तहत निगम इन इलाकों को भी शामिल किया जाएगा। शीघ्र ही यहां भी लाइनें बदली जाएगी, जिससे लोगों को राहत मिल सके।

कूड़ा न उठाने पर भड़के व्यापारियों ने किया प्रदर्शन

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देहरादून। नगर निगम द्वारा काॅम्पलेक्स के सामने कूड़े का ढेर न उठानेे के विरोध में भड़के व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर घंटाघर डिस्पेंसरी रोड पर जामकर विरोध प्रदर्शन किया।

गुरुवार को प्रातः राजीव गांधी काॅम्पलेक्स के सामने डिस्पेंसरी रोड पर काॅम्पलेक्स के व्यापारियों ने सड़क पर बोर्ड लगाकर पलटन बाजार को जाने वाले रास्ते को रोक दिया। व्यापारियों ने नगर निगम के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारी समय पर कूड़ा नहीं उठाते। जिस कारण राजीव गांधी कॉम्पलेक्स के चारों ओर कूड़ें का पहाड़ बना हुआ है। कूडें के ढेर के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इससे उनके व्यापार पर भी काफी असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द कूड़ा नहीं उठाया गया तो बड़े स्तर पर विरोध करेंगे। इस मौके पर पुनीत आनन्द, अजय राना ,तनवीर अहमद समेत तमाम व्यापारी मौजूद रहे।