Page 257

संचार सेवा की बदहाली से लोगों में आक्रोश

0

पिथौरागढ़। बीएसएनएल और निजी कंपनियों के सेवा की बदहाली से आक्रोशित लोगों ने संचार सेवा में सुधार की मांग को लेकर आज जोरदार प्रदर्शन करते व्यवस्था में सुधार करने की मांग की। साथ ही कहा कि शीघ्र ध्यान नही दिया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

शनिवार को बंगापानी क्षेत्र के ग्रामीणों ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश गोस्वामी के नेतृत्व में बीएसएनएल और निजी कंपनियों के खिलाफ सेरा में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि संचार सेवा की बदहाली से क्षेत्र के 20 हजार की आबादी प्रभावित परेशान है। कहा बीएसएनएल और निजी संचार कंपनियों की के मोबाइल नेटवर्क हमेशा खराब रहने के कारण लोगों को संचार सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने शीघ्र व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर सड़को पर उतरने की चेतावनी दी है। इस मौके पर करन रावत, पप्पू महर, महेश धामी सहित दर्जनों की संख्य में लोग शामिल थे। 

बिना फिटनेस-लाइसेंस के दौड़ रहे स्कूली वाहनों के काटे चालान

0

देहरादून। मानवाधिकार आयोग को सौंपी गई संभागीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) सुधांशु गर्ग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जिन वाहनों पर स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने की जिम्मेदारी है, वह बिना फिटनेस और चालक लाइसेंस के ही दौड़ाए जा रहे हैं। देहरादून समेत ऋषिकेश, विकासनगर, हरिद्वार व रुड़की में परिवहन विभाग ने सर्वाधिक 286 चालान बिना फिटनेस व लाइसेंस के वाहन संचालन पर ही काटे हैं।

आरटीआइ कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि स्कूली बच्चों को ढोने वाले वाहनों का संचालन नियमों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। बिना फिटनेस वाहन चलाए जा रहे हैं, चालकों के पास लाइसेंस नहीं है और वाहनों में ओवरलोडिंग कराई जा रही है। यहां तक कि खुले वाहनों में भी जमकर बच्चों को ढोया जा रहा है। शिकायत का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग सदस्य हेमलता ढौंडियाल ने आरटीओ का जवाब तलब किया था। आयोग के निर्देश के बाद संभागीय परिवहन कार्यालय में संभाग के तमाम शहरों में स्कूली बच्चों को ढोने वाले वाहनों की जांच भी की और उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। आयोग के समक्ष इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आरटीओ ने बताया कि इस साल अक्तूबर माह तक 334 वाहनों के चालान काटे गए हैं। साथ ही पांच लाख 38 हजार 300 रुपये का जुर्माना भी वसूल किया गया है। जवाब में आरटीओ ने यह भी बताया कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी स्कूलों को बच्चों को लाने-जाने वाले वाहनों के संबंध में नवंबर माह में दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। वहीं परिवहन विभाग ने ओवरलोडिंग व वाहन की यांत्रिक व भौतिक दशा खराब होने पर भी चालान किए हैं और इन्हें मिलाकर ही चालान का आंकड़ा 334 पर पहुंचता है।

स्कूली वाहनों के काटे गए चालान 

  • शहर,     खुले वाहन  लाइसेंस फिटनेस
  • देहरादून     28          26    12
  • ऋषिकेश    10          42   32
  • विकासनगर 05          31   23
  • हरिद्वार      18          31   20
  • रुड़की       13         31    42
  • कुल          74        150 136 

एडीबी अधिकारी ने माना कि बिना अनुमति तोड़ी थी कब्रिस्तान की दीवार

0

रुड़की कब्रिस्तान की दीवार तोड़े जाने की जांच के लिए पहुंचे नायब तहसीलदार एवं एडीबी के अधिकारियों ने मौके पर मुआयना किया। मौके पर एडीबी अधिकारी ने अपनी गलती स्वीकार की। बीते दिनों बिजली के खम्बे कब्रिस्तान में शिफ्ट करने के लिए कब्रिस्तान की दीवार तोड़ी जा रही थी, जिसका कारण एडीबी की मशीनों का रास्ता बताया गया।
आम आदमी पार्टी के शारिक अफ़रोज़ ने यह काम लिखित अनुमति न होने के कारण रुकवाया ओर इसमे साजिश होने का संदेह जताया। इसी क्रम में एक डेलिगेशन ज्वाइंट मेजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल से मिला था, जिसपर उन्होंने आश्वासन दिया की कब्रिस्तान की दीवार को नही तोड़ा जाएगा व पूरे घटना क्रम की जानकारी के लिए तहसीलदार को आदेश किए। वक़्फ़ चेयरमैन इरशाद मसूद ने बताया कि उन्होंने एडीबी या बिजली विभाग को खम्बा शिफ्ट करने की कोई अनुमति नही दी और सबने इस पर एडीबी पर कार्यवाही करने का फैसला लिया। नायाब तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि कब्रिस्तान की दीवार को किसी हाल में नही तोड़ा जाएगा, क्योंकि यह एक संवेदनशील मामला है और समुदाय की आस्था जुड़ी है। शारिक अफ़रोज़ ने कहा कि दीवार को तोड़ने के पीछे एक षड्यंत्र है। इससे शहर का माहौल बिगाड़ने की कोशिश है, जो हम नही होने देंगे। हाजी मुस्तकीम ने बताया कि दीवार को तोड़ना झगड़े को निमंत्रण देना है। हाजी नदीम ने कहा कि दीवार को तोड़ने से मुस्लिम समुदाय में रोष है। जावेद अख्तर एडवोकेट ने कहा कि इस बार तो हमने टूटी दीवार की मरम्मत कर ली, अगर पुनः इसको तोड़ा गया तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मो. असलम ने नायब तहसीलदार को दोषियों पर जल्द से जल्द कार्यवाही करने को कहा। एडीबी अधिकारी संजीव कुमार ने सार्वजनिक रूप से नायाब तहसीलदार के सामने माना कि बिना लिखित अनुमति के उन्होंने कब्रिस्तान की दीवार तोड़ने का कार्य किया और इसको एक चूक बताते हुए भविष्य में ऐसी गलती न करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर शारिक अफ़रोज़, एडवोकेट जावेद अख्तर एडवोकेट , हाजी मुस्तकीम, हाजी नदीम, मो असलम, सय्यद शीराज़ मेहदी, मो आलम , मुमताज़ नक़वी, असलम कुरेशी, इरशाद मसूद, मसरूर खान, फैज़ान खान, फैसल, मो सालिम, हाजी इक़बाल, हाजी मेहबूब, हाजी समी खान, जहांगीर कुरैशी आदि शामिल रहे।

उत्तराखंड के निकाय चुनावों में क्या कांग्रेस बीजेपी को पटखनी दे सकेगी?

0

उत्तराखण्ड में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा को सीधी टक्कर देने के लिए सियासी समीकरण साधने में जुट गई है। पार्टी गढ़वाल और कुमांऊ दोनों मंडलों में अपने कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए अलग-अलग बैठकें करेगी, जिसमें राज्य और केन्द्र की भाजपा सरकार की विफलताओं को जनता के बीच रखने की खास योजना बनाई जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार राहुल गांधी के संभालने और प्रदेश में संगठन का जिम्मा प्रीतम सिंह के हाथ में आने के बाद संगठन के सामने भी इस परीक्षा में खरा उतरने की चुनौती है। वैसे भी शहरी मतदाताओं में भाजपा की पैठ और खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर कांग्रेस के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। इससे निपटने के लिए पार्टी महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों के जरिए कार्यकर्ताओं के मनोबल को नई धार देने की कोशिश में है। हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपने प्रदर्शन से बेहद खुश है। इसी उत्साह को वह उत्तराखण्ड नगर निगम चुनाव में उपयोग कर भाजपा पर बढ़त बनाना चाह रही है। लिहाजा, आठ नगर निगमों में पार्टी ने मजबूत प्रत्याशियों की ढूंढ शुरू कर दी है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने नगर निगम समेत अन्य निकायों के लिए प्रत्याशियों के चयन के संबंध में गढ़वाल मंडल के पार्टी पदाधिकारियों की 26 दिसम्बर को दून और 07 जनवरी को कुमांऊ मंडल के पदाधिकारियों की बैठक तय की गई। क्योंकि इस बार पिछले निकाय चुनावों की तुलना में दमदार प्रत्याशियों पर दांव खेला जा सकता है। इसके लिए प्रदेश संगठन ने प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा और आम कार्यकर्ताओं की राय जानने के लिए दोनों मंडलों में सम्मेलन रखे हैं, जिसमें दोनों क्षेत्रों के कार्यकर्ता पदाधिकारी और चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशी जुटेंगे।
हाल ही में 2जी और आदर्श घोटाला में न्यायालय द्वारा क्लिनचिट मिलने पर कांग्रेस द्वारा भाजपा पर भ्रमित राजनीति करने आरोप मढ़ रही है। साथ ही भाजपा सरकार के सीमा विस्तार के फैसले के विरोध में कांग्रेस ग्रामीण जनता का साथ देकर अपना बढ़ाने की दांव भी अजमाने के फिराक में है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष खुले मंच से सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे ग्रामीणों को साथ देने की बात कही। साथ ही सरकार को घेरने व निकाय चुनाव में धांधली को लेकर निर्वाचन आयोग से मिलकर कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल ज्ञापन भी सौंप चुका है।

cong vs bjpकांग्रेसियों का कहना है कि लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव में भाजपा जनता को गुमराह कर चुनाव जीत रही है, लेकिन अब जनता डबल इंजन सरकार की झूठे आश्वासनों में आने वाली नहीं है। जबसे भाजपा प्रदेश और देश में सत्ता संभाली है, तबसे महंगाई चरम पर है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई। शहर से लेकर गांव तक सफाई अभियान के नाम पर फोटो चमकाया जा रहा है। ऐसे में भाजपा को जनता अब स्वीकर नहीं करेगी। भाजपा के नेता पूरे देश में सामाजिक और आर्थिक अराजकता फैलाए हुए हैं। ऐसे परिदृश्य में कांग्रेस के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। सभी नगर क्षेत्रों में व्यापारी वर्ग की बहुलता है और यही वर्ग किसानों, बेरोजगारों के साथ सबसे ज्यादा पीड़ित है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह भाजपा की चाल-चरित्र वाली पार्टी बताते हुए कहा कि सत्ता के लोभ में बीजेपी किसी को भी बदनाम कर सकती है। जैसे यूपीए सरकार के खिलाफ भाजपा एक सोची-समझी षडयंत्र के तहत खेल खेली और सत्ता भी लिया, लेकिन न्यायालय में एक के बाद एक निर्णय से भाजपा को सबक लेना चाहिए। उनका कहना है कि हम पूरे दम-खम से राज्य भर में चुनाव लड़ेंगे। इसके लिए दोनों मंडलों के कार्यकर्ताओं संग बैठक की जाएगी। कांग्रेस निकाय चुनाव पूरी गंभीरता से लड़ रही है। पार्टी कार्यकर्ता पदाधिकारी व कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखने वाले सभी लोग पार्टी के द्वारा जो भी प्रत्याशी घोषित होगा और उनको जिताने का कार्य करेंगे। सम्मेलन में निकायों में अध्यक्ष और पार्षदों की सीटों पर दावेदारों के नाम मांगे जाएंगे। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं में इस जंग के लिए जोश भरा जाएगा। आश्चर्य नहीं कि विधानसभा चुनाव लड़ चुके कई दमदार चेहरे इस बार निकाय चुनाव में भी दम ठोकते नजर आएं। कांग्रेस की ओर से राजधानी देहरादून में 25 दिसम्बर को धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा गया है। इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार के खिलाफ कांग्रेस हल्ला बोलेगी।

पांच दिवसीय अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप का आयोजन 26 से

0

उत्तराखंड पुलिस स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड के तत्वावधान में पांच दिवसीय 66वीं अखिल भारतीय पुलिस एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2017 का आयोजन 26 दिसम्बर से शुरू हो रहा है। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर देहरादून में शुरू हाे रही इस प्रतियोगिता में कई राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एथलीट प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रतियोगिता का उद्घाटन पुलिस लाइन देहरादून में राज्यपाल डॉ़ केके पॉल करेंगे और समापन महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत करेंगे।
उत्तराखंड पुलिस स्पोर्ट्स कन्ट्रोल बोर्ड के सचिव अशोक कुमार ने बताया कि एथलेटिक्स मीट में देश की विभिन्न प्रदेशीय पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की 32 टीमों के 1119 एथलीट प्रतिभाग कर रहे हैं। इनमें 275 महिला एथलीट भी शामिल हैं। प्रतियोगिता में एथलीटों की संख्या के दृष्टिगत सबसे बड़ी टीम सीआरपीएफ (111) इसके बाद बीएसएफ (105), पंजाब (90) तथा उत्तराखण्ड (83, जिसमें 41 पुरुष व 42 महिला) हैं।
बता दें कि यह पहला मौका है जब उत्तराखंड ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स मीट की मेजबानी करेगा। इससे पूर्व भी उत्तराखंड पुलिस द्वारा ऑल इण्डिया पुलिस वाटर स्पोर्ट्स, बैडमिंटन, टेनिस एवं फुटबॉल की मेजबानी की जा चुकी है। मीट की खास बात यह है कि पांच साल बाद उत्तराखंड पुलिस की महिला एथलीट ऑल इंडिया स्तर पर इस वर्ष ट्रैक पर उतरने जा रही हैं। अब तक 14 टीमों- बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, असम राइफल्स, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा केरल का आगमन हो गया है। शेष टीमें 24 तक पहुंचेंगी। बीएसएफ एवं सीआरपीएफ की टीमें एक माह पहले ही देहरादून आकर प्रतियोगिता की तैयारी में जुटी हुई हैं।
ओवर ऑल चैंपियनशिप के लिए पिछले 10 वर्षों से इन्हीं टीमों के मध्य प्रतिस्पर्धा रही है। एथलेटिक्स मीट में कुल 44 कार्यक्रम होंगे, जिनमें से 23 पुरुष श्रेणी में और 21 महिला श्रेणी में हैं। कार्यक्रम में 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 5000 मीटर, 10000 मीटर दौड़, बाधा दौड़, मैराथन, 20 किमी वॉल्क रेस, लौंग जम्प, हाई जम्प, रिले रेस, ट्रिपल जम्प, शॉट पुट थ्रो, डिसकस थ्रो, जैवलिन थ्रो, हैमर थ्रो आदि प्रमुख हैं।

सलमान के विरोध में सड़कों पर उतरा वाल्मीकि समाज

0

हरिद्वार, फिल्म अभिनेता सलमान खान की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। उनके विवादित बयान के बाद धर्मनगरी में उनका न केवल विरोध प्रदर्शन हुआ, बल्कि वाल्मीकि समाज ने उनके खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी है।
वाल्मीकि समाज के लोगों ने प्रदर्शन करते हुए सलमान से तत्काल माफी मांगने की मांग की। इस दौरान उन्होंने फिल्म अभिनेता का पुतला फूंका। समाज के नेताओं ने कहा कि सलमान ने पूरे वाल्मीकि समाज को लेकर अपशब्द कहें हैं, जो गलत है। साथ ही उन्होंने अभिनेत्री शिल्पा राज कुन्द्रा पर भी आरोप लगाए हैं। वाल्मीकि समाज के लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सलमान माफी नहीं मांगते हैं तो पूरे देश में उनका विरोध किया जाएगा। सलमान के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जा रहा है।
विदित हो कि फिल्म अभिनेता सलमान खान और विवादों का चोली दामन का जैसा रिश्ता है। पहले विवाद से वह अभीतक उबरे भी नहीं कि फिर से उनका विरोध होने लगा। दरअसल सलमान खान और शिल्पा राज कुन्द्रा पर वाल्मीकि समाज ने अपशब्द कहने का आरोप लगाया है। इस बयान से आक्रोशित समाज के लोग भड़क उठे हैं और देशभर में दोनों का कड़ा विरोध हो रहा है। एक डांस शो के दौरान गेस्ट बनकर आए सालमान ने वाल्मीकि समाज पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। हालांकि ये एपिसोड अभी तक टेलीकास्ट नहीं हुआ है पर प्रोमों में दिखाए जाने के बाद इस पर हंगामा होने लगा है।

नकाबपोेश बदमाशों ने दिया लूट को अंजाम

0

रुद्रपुर शहर में सुबह सुबह एक सनसनीखेज वारदात को अंजाम देकर लुटेरों ने पुलिस को खुली चुनौती दे डाली है। शहर की मॉडल कालोनी में नकाबपोश बाइक सवार तीन लुटेरों ने एक व्यापारी को अपना निशाना बना डाला। सिर पर तमंचा अड़ा कर लुटेरों ने स्कूटी सवार व्यापारी से हजारों की नकदी लूटी और खुलेआम तमंचा लहराते हुए फरार हो गए। घटना की जानकारी के बाद सूचना पर पहुंची पुलिस अब सीसीटीवी में लुटेरों की तलाश कर रही है। 

मॉडल कालोनी निवासी अनिल तनेजा कई प्रमुख समाचार पत्रों की एजेंसी चलाते हैं। रोज की तरह वह आज भी अपना काम निपटा कर स्कूटी से घर लौट रहे थे। बकौल अनिल वह एजेंसी से 15 हजार रुपये बैग में डालकर अपनी स्कूटी से घर लौट रहे थे। घर पास मोड़ पर ही अचानक काली बाइक सवार नकाबपोश तीन लुटेरे ने उन्हें ओवरटेक किया और सिर पर तमंचा मार दिया। जिससे वह जमीन पर गिर गए। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाते बाइक सवार दो लुटेरे उनके पास आ गए और कमर में खुसा तमंचा निकाल कर उनके सिर पर अड़ा दिया। अनिल की मानें तो लुटेरों ने पूरी वारदात को बेहद सुकून और बेखौफ अंदाज से अंजाम दिया। इस दौरान उन्होंने करीब दस मिनट का वक्त लिया। लुटेरों ने बैग में रखे 15 हजार रुपये तो निकाले ही साथ ही अनिल की भी जामा तलाशी ली। हमेशा राहगीरों से गुलजार रहने वाली इस सड़क पर एक टुकटुक व एक स्कूटी सवार ने भी लुटेरों का विरोध करने का हौंसला जुटाया, लेकिन लुटेरों के तमंचा दिखाने पर उनका हौंसला भी टूट गया। पूरी वारदात को अंजाम देने के बाद हाईवे की ओर से आए लुटेरे लूट करने के बाद हाईवे की ओर ही फरार हो गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी में लुटेरों की शिनाख्त करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस को सीसीटीवी से खास मदद नहीं मिल सकी।  अनिल ने बताया कि लुटेरों की उम्र 25 से 3० साल के बीच है। तीन में से एक लुटेरा बेनकाब था, जबकि अन्य दो ने अपने चेहरे कपड़े से बांध रखे थे। लुटेरे गाबा चौक की ओर ही भाग निकले।

हाथिनी का शव मिलने से सनसनी

0

(हल्द्वानी) शारदा रेंज के गुलिया पानी में हथिनी का शव मिलने से हड़कंप मच गया। सुबह वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो हाथिनी के मरने की वजह की जांच की। वन अधिकारियों का कहना है कि आपसी संघर्ष में हथिनी की मौत हुई है। हथिनी के शव के सभी अंग सुरक्षित मिले हैं। इसलिए उसके शिकार की कोई आशंका नहीं बताई जा रही है। चिकित्सकों की टीम ने हथिनी के शव का पोस्टमार्टम किया, जिसके बाद उसे वहीं दफन कर दिया गया है।हल्द्वानी डिवीजन के वन अधिकारियों को गुरुवार की रात गुलिया पानी में हथिनी का शव मिलने की सूचना प्राप्त हुई। डीएफओ चंद्रशेखर सनवाल ने बताया कि घटना स्थल के मुआयने से यह सामने आया है कि आपसी संघर्ष की वजह से हथिनी की मौत हुई है। सारे अंग सुरक्षित होने और शव के कई दिन पड़े रहने से यह साफ है कि उसका शिकार नहीं हुआ है।

पचास गरीब जोड़ों का वीआईपी विवाह

0

हर लडके लड़की की तमन्ना होती है कि उसकी शादी धूमधाम से हो, और वीआईपी उनको आशीर्वाद देने पहुंचे मगर गरीबों की ये हसरत शायद ही कभी पुरी हो पाती हो, मगर बाजपुर के लाडी परिवार ने एसे गरीब पचास परिवारों की हसरत को पुरा किया, जिनके विवाह समारोह को वीआईपी बनाते हुए खुद सूबे के मुख्यमंत्री नवविवाहित पचास जोडों को आशीर्वाद देने पहुंचे, उनके साथ मौजूद थे काबिना मंत्री और आधा दर्जन विधायक।

हजारों की संख्या में बाराती,मेहमान वो भी सभी वीआईपी और समारोह एसा कि सभी देख कर दंग रह जाएं, ये विवाह समारोह का नजारा किसी धनवान का नहीं बल्कि बाजपुर के उन गरीब परिवारों के विवाह समारोह का है जिन्होने सकभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनका विवाह समारोह भी वीआईपी हो सकेगा, बाजपुर के लाडी परिवार द्वारा पिछले दस सालों से क्षेत्र के एसे परिवारों का सामुहिक विवाह पुरे रिती रिवाज के साथ कराया जिनके लिए विवाह समारोह में पैसा जुटाना भी मुस्किल हो जाता है, एसे परिवारों को लाडी परिवार एक ही पाण्डाल में विवाह सम्पन्न कराता है, अलग अलग धर्म गुरुओं की मौजूदगी में हर धर्म के लोगों का विवाह एक ही पाण्डाल में काराया जाता है, यही नहीं रस्म के अनुसार विवाहित जोडों को दहेज भी दिया जाता है, और आशर्वाद देने वाले कोई आम नहीं बल्कि खास होते है, खुद सूबे के मुक्यमंत्री ने इन नवविवाहित जोडों को आशीर्वाद देकर गरीब जोडों का मान बढाया।

हिन्दू मुस्लिम और सिख धर्मों से जुडे एसे पचास नवविवाहित जोडे सामुहिक विवाह समारोह में एक बंधन में बंधे सूबे के मुख्यमंत्री जहां आशीर्वाद देने पुहंचे तो हजारों लोग इस विवाह बंधन के साक्षी बने, वहीं लाडी परिवार द्वारा पिछले दस सालों से सामुहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमे अब तक सात सौ से अधिक जोडों का विवाह सम्पन्न कराया जा चुका है, उनके इस प्रयास की जहां सभी ने प्रशंसा।

गरीबों पर बनी तस्वीर तो लाखों में बिक जाती है, मगर गरीबों का दर्द कोई नहीं खरीदता, ये बात भले सटीक हो मगर बाजपुर के लाडी परिवार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को देखकर लगता है कि गरीबों की हसरत को पुरा करने में वो कोई कसर नहीं छोडते, और गरीबों की हसरत को पुरा करने के लिए पुरा परिवार एकजुट होकर सामुहिक विवाह समारोह का आयोजन करता है, जिसमेें वीआईपी मेहमानों को बुलाकर इन जोडों को आशीर्वाद दिया जाता है।

जेल में कैदियों की वास्तविक स्थिति जानेगा हाईकोर्ट

0

(नैनीताल) जेल में कैदियों के साथ क्या बर्ताव हो रहा है और कैदियों की दशा में क्या बदलाव हो रहे हैं इसके लिए हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है, जिससे वास्तविक स्थिति पता चल सकेगी कि क्या वास्तव में जेल में कैदी सुरक्षित और उनकी मनोवृत्ती में बदलाव आ रहा है।जिसके लिए दायर जनहित याचिका का कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने जेलों में कैदियों की बुरी दशा, पुलिस अभिरक्षा में अप्राकृतिक मौत, जेलों में स्टाफ की कमी और अप्रशिक्षित स्टाफ के मामले में सरकार से स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं।

इन दी मैटर ऑफ इन ह्यूमन कंडीशन ऑफ इन 1382 प्रिजन का सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चार बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने देश के उच्च न्यायालयों से इस मामले का स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका दायर करने की अपेक्षा की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में हाई कोर्ट द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की गई। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से पूछा है कि जेलों में कैदियों की स्थिति सुधारने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। सीएससी परेश त्रिपाठी ने खंडपीठ को बताया कि जेलों की स्थिति को लेकर हाई कोर्ट में पहले से पीआइएल विचाराधीन है। वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की अध्यक्षता में बनी कमेटी की ओर से राज्य सरकार को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। कहा कि 17 साल के उत्तराखंड में पुलिस अभिरक्षा में मौत के आंकड़े नहीं हैं, जो हैं भी वह अब तक साबित नहीं हुए हैं। सितारगंज में पहले से खुली जेल है। कैदियों का प्रॉपर ट्रीटमेंट किया जा रहा है, अगली सुनवाई दो जनवरी नियत की गई है। कोर्ट ने पूछा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस संबंध मे जारी दिशा निर्देशों के दृष्टिगत अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।