Page 202

सौ वर्ष की उम्र पार करने वाले वोटरों को किया जाएगा सम्मानित

0

(गोपेश्वर) जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकाकरी आशीष जोशी ने बताया कि 8वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर 25 जनवरी को मतदाताओं को जागरूक करने के लिए जिले के सभी तहसील, मतदेय स्थल, शिक्षण संस्थाओं में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। साथ ही सौ वर्ष से अधिक की आयु पार करने वाले मतदाताओं को सम्मानित किया जाएगा। 


जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने 8वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर एवं इससे पूर्व विभिन्न स्तरों पर व्यापक रूप से आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के विधिवत आयोजन के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने तथा मतदाता दिवस के सफल बनाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। साथ ही यह भी निर्देश दिए है कि नोडल अधिकारियों की ओर से कालेजों में की गई लिटरेसी क्लब की स्थापना से प्रत्येक क्लब के सदस्यों के बीच मतदाताओं को जागरूक करने को लेकर प्रतियोगिता करायी जाए तथा 100 वर्ष से अधिक सभी बुजुर्ग मतदाताओं को मतदाता दिवस पर सम्मानित किया जाए।

जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह भी निर्देश दिए है कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ’’सुगम निर्वाचन’’ को मध्येनजर दिव्यांग मतदाताओं को निर्वाचन प्रक्रिया के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने व सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को चिह्नित मिलेनियम वोटर्स को राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर पुरस्कृत करने तथा राष्ट्रीय निर्वाचन क्वीज प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया जाय। राष्ट्रीय मतदाता दिवस से पूर्व युवा मतदाता महोत्सव के माध्यम से शिक्षण संस्थानों, समुदायों में ईएलसी क्लब की लांचिग सेरीमनी मनाकर तथा सेना दिवस पर सेवा मतदाताओं को जागरूक करते हुए मतदाता दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों में भी शामिल किया जाय। 

100 दिनों से बर्फ और बारिश न होने के कारण उत्तराखंड के किसानों को हो सकता है भारी नुकसान

0

ग्लोबल वार्मिंग का सीधा असर उत्तराखंड की कृषि, उद्यान और जल स्रोतों पर पड़ने लगा है। पिछले 100 दिन से उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में बारिश नहीं हुई है। इनमें से सबसे ज्यादा खराब हालात में चमोली जनपद है। जानकारों की माने तो यदि ऐसा मौसम रहा तो कृषि उद्यान को 60 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हो सकता है। चिंताजनक स्थिति यह है कि जल स्रोतों में 86 प्रतिशत जल प्रवाह कम हो गया है। जिसका सीधा प्रभाव आने वाले दिनों में सामने आ सकता है।


दिसम्बर जनवरी माह में आमतौर से पहाड़ों में बर्फवारी और बारिश होती है मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ। मात्र कुछ तक हल्की बर्फवारी हुई वह भी नहीं टिकी अब हालत यह है कि यहां पर न सिर्फ जलवायु परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है वरन आम जन, कृषि, उद्यान, पीने के पानी से लेकर अन्य जलों पर संकट गहराने की नौबत आ गई है।

चमोली के अधिकांश जल स्रोतों में पानी कम होने लगा है। बर्फवारी न होने से नदियों को जल स्तर भी कम होने लगा है। रवी की फसलों में भी पीलापन आने लगा है और कहीं-कहीं तो फसल अभी से सुखने लगी है। गेंहू की फसल के लिए बुआई के 21 दिन के भीतर पानी की आवश्यकता होती जिसके न मिलने से नुकसान होने की संभावना है। यही हाल सिट्रस जाति के फलों के साथ भी है। जंगलों में जल स्रोत कम होने से वन्य प्राणियों को भी पानी नहीं मिल पा रहा है। जिससे वे नीचले क्षेत्रों में आने लगे है।

हिमालयी क्षेत्रों के वनों पर अध्ययन व अनुभव रखने वाले बदरीनाथ वन प्रभाग के डीएफओ एनएन पांडेय कहते है कि “बर्फ न गिरने से जल स्रोतों के जल प्रवाह में 86 प्रतिशत कमी आ गई है। 100 दिन से वर्षा नहीं हुई। भूमि की आर्दता में भी कमी आई है, जो वनाग्नि के लिए अच्छा नहीं है। जंगली जानवरों को भी पानी का संकट आ सकता है।” उधर, उद्यान अधिकारी नरेंद्र यादव ने कहा कि “गेहूं की फसल के लिए बुआई के बाद 21 दिनों के अंदर जो पानी चाहिए, वह नहीं मिल रहा है इससे रवी की फसल को 60 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है। आने वाले दिनों में सिट्रस प्रजाति के फलों को और भी नुकसान हो सकता है।” 

पहाड़ी इलाको औऱ खासतौर पर औली में पर्याप्त बर्फबारी न होने के कारण औली विंटर गेम्स के होने पर भी सवालिया निशान लग गये हैं। बहरहाल जानकारों की माने तो ऐसे हालात चिंताजनक हैं और इन्हे लगातार हर साल पर्यावरण में होने वाले बदलावों से जोड़कर देखना चाहिये। जानकरा मानत हैं कि  अगर समय रहते इंसानो द्वारा पर्यावरण को किये जा रहे नुकसान पर काबू नही पाया गया तो आने वाले समय में इसके काफी बड़े और खतरनार परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

ज़रूरतमंद छात्रों को किताबें दिलायेगा पैसिफिक मॉल

0

(देहरादून) शहर में संसाधनों के आभाव में शिक्षा से दूर हो चुके छात्रों की मदद के लिये दून के पैसेफिक मॉल प्रशासन ने पहल की है। मॉल प्रशासन शहर से 5,50,000 किताबों को एकत्र करने की दिशा में अभियान चला रहा है। ‘पैसिफिक दून बुक बैंक’ के तहत सरकारी और निजी स्कूलों तक नहीं पहुंच पाने वाले बच्चों के लिए किताबों का एक बुक बैंक बनाए जा रहा है। जिसके तहत शिक्षा से वंचित इन छात्रों को मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराई जाएगी।

students

कार्यक्रम के मुख्य श्री अरविन्द पाण्डेय, शिक्षा व खेल मंत्री, उत्तराखंणड कार्यक्रम का शुभारंभ किया और बताया कि, “पब्लिक पार्टनरशिप में एक पहली पहल है जिसके द्वारा छात्रों को जो किताबों से वंचित है उनको किताबें उपलब्ध कराई जा रही है अगर इसी तरह का सहयोग सभी उद्यमी करें तो उत्तराखंड में शिक्षा से वंचित छात्रों का पढ़ाई करने का सपना साकार होगा ।”

कृष्णा चंद्र कुड़ियाल: लुप्त होती उत्तराखंडी कला को बचाने में लगा है ये कला प्रेमी

0

यमुना और टोंस घाटी की विलुप्त की और अग्रसर भवन शैली में उत्तरकाशी निवासी 46 साल के कृष्णा चन्द्र कुड़ियाल ने ना सिर्फ नई जान फूंकी है बल्कि इस विधा के कारीगरों के लिए रोज़गार के नए द्वार खोल दिए हैं।

पहले दून स्कूल देहरादून और फिर आईआईटी रुड़की से आर्किटेक्चर में उच्च प्रशिक्षण प्राप्त कर कृष्णा ने तीन साल दिल्ली में काम किया, फिर अपनी मां का सहार बनने के लिए वापस उत्तरकाशी अपनी जन्मभूमि आ गए और यहां के होकर रह गए।

krishna kudiyal

यहां उनका ध्यान रवाई और जौनसार घाटी की शानदार लकड़ी और पत्थर से बने प्राचीन भवन शैली की ओर गया जोकि विलुप्ती की ओर अग्रसर थे।

टीम न्यूजपोस्ट से बातचीत में कृष्ण ने बताया, “हम जब आईआईटी में पढ़ाई करते थे तो देशभर खासकर राजस्थान की हवेली और दक्षिण के मंदिर के आर्किटेक्चर के बारे में पढ़ते थे,गढ़वाल आर्किटेक्चर का ज्यादा जिक्र नहीं था।रुड़की में मेरे प्रोफेसर शंकर ने मुझे पहाड़ी भवन शैली में काम करने को कहा,और आज मैं वहीं कर रहा हूं।”

17 साल से जो एक हॉबी की तरह कृष्णा ने शुरु किया आज एक एंटरप्राइजिंग मॉडल बन गया है।शुरु में कृष्णा और उनकी टीम ने नागद्वार और महासू से लेकर स्थानीय 30-40 मंदिर को एक फिर पुरानी सुंदरता में ढाला।

कृष्णा ने अपने कारीगरों को जोड़ा जो कि इस विलुप्त होती कला के चलते बिखर गए थे, उन्होंने उनके कला को नए अौज़ारों के साथ नवाज़ा, अब उनकी दूसरी पीढ़ी इस काम में रुचि लेने लगी है, क्योंकि कृष्णा बताते हैं, “जो कभी मंदिरं में रिस्टोरेशन का काम करते थे ,आज वह उत्तरकाशी म्यूजियम,सरकारी बिल्डिंग, रेजार्ट में भी काम कर रहे हैं, आज काम की कोई कमी नहीं है।”

WhatsApp Image 2018-01-16 at 18.52.15

आज कृष्णा और उनकी टीम केदारनाथ त्रासदी में जर्जर हो चुके भवनों को पहाड़ी शैली में जीर्णोद्धार में लगी है।कृष्णा की एक छोटी सी पहल और लगन ने पहाड़ी प्राचीन भवन शैली को एक नया जीवन और कारीगरों को उनकी उपलब्धता से अधिक काम दिलाने में बहुत बड़ा कदम उठाया है, उनकी सोच को टीम न्यूजपोस्ट सलाम करता है।

उत्तराखंड के सभी जिलों में निकाय ‘आप’ चलायेगी अपनी झाड़ू

0

(देहरादून) आम आदमी पार्टी (आप) उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रमुख सलाहकार राकेश कुमार सिन्हा ने गुरुवार को देहरादून प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि आप पार्टी उत्तराखंड के सभी जिलों में निकाय चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 10 जिलों में निकाय चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली गई है।उन्होंने कहा कि पार्टी का लक्ष्य निकाय चुनावों में अपनी जबरदस्त उपस्थिति दर्ज करवाना है। पार्टी का संगठन जमीनी तौर पर निकाय चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। प्रदेश में ‘आप’ ईमानदार व स्वच्छ राजनैतिक विकल्प देने में सक्षम है और चुनावों के बाद पार्टी प्रदेश की मुख्यधारा की राजनीति में तेजी से अपनी जगह बनाएगी।

इस दौरान राकेश सिन्हा ने उत्तराखंड प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने व्यवसाय प्रकाश पांडे की मौत पर सरकार की लापरवाही बताते हुए कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के कारण प्रकाश पांडे ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी मांगों को लेकर प्रदेश में लोग आमरण अनशन कर रहे हैं यह सरकार की नाकामी है। सिन्हा ने कहा, ‘पिछले 17वर्षों में उत्तराखंड में कांग्रेस-भाजपा की सरकारें जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं दे पाई हैं।’ जिसके लिए सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में जनता को अपनी छोटी-छोटी मांगों पर आंदोलन व अनशन करने पड़ रहे हैं। विकास की जिस अवधारणा के साथ उत्तराखंड का जन्म हुआ कांग्रेस-भाजपा उस पर बिफल साबित हुई।

प्रकाश पांडे की मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की नोटबंदी व जीएसटी के कारण छोटा व मध्यम व्यापारी वर्ग हताश है। उन्होंने भाजपा की ‘आजीवन सहयोग निधि योजना’ को भ्रष्टाचार की जनक बताते हुए कहा कि विधायकों को बड़े आर्थिक चंदे का लक्ष्य देकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने लैंसडाउन चौक पर कैंप लगाकर पार्टी के नि:शुल्क सदस्य अभियान की शुरुआत भी की।

गौरतलब है कि इससे पहले भी विधानसभा चुनावों में आप से राज्य में एक और राजनीतिक विकल्प की उम्मीद बांधी गई थी। मगर अंद्रूनी कलह के चलते न सिर्फ पार्टी ने चुनावों में हिस्सा नहीं लिया बल्कि पार्टी से जुड़े कई लोग अलग भी हो गये। ऐसे ही एक सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल पार्टी से इस कदर नाराज़ हैं कि पार्टी के चुनाव लड़ने की बात पर उन्होंने बात तक करने से मना कर दिया। वहीं प्रोफेसर गणेश सैली कहते हैं कि “आम आदमी पार्टी से जो उम्मीदें थी वो अब लोगों को खत्म हो गई हैं। अब ये सत्ता की भूखी किसी भी और पार्टी की तरह हो गई है।”

बहरहाल निकाय चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारने के फैसले से आप का राज्य इकाई के नेता खासे खुश हैंऔर उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बाहतर रहेगा।

एसआईटी करेगी घोटाले में तीरथपाल के रोल की पूरी जांच 

0

रुद्रपुर, एनएच 74 मुआवजा घोटाले में तत्कालीन मंडलायुक्त डी सेंथिल पांडियन ने पीसीएस अफसर तीरथपाल के निलंबन के लिए अनुपूरक रिपोर्ट शासन को भेजी थी, लेकिन कार्मिक विभाग में निलंबन की पत्रावली तकरीबन आठ महीने तक दबाए रखी। अंतत: मामले में तीरथ पाल की संलिप्तता पाए जाने पर उन्हें निलंबित किया गया। अब एसआईटी तीरथपाल की भूमिका की जांच करेगी। एसआईटी के रडार पर निलंबित पीसीएस अफसर सुरेंद्र सिंह जंगपांगी व जगदीश लाल भी हैं। इसके अलावा एसआईटी सेवानिवृत हो चुके पीसीएस अफसर एचएस मर्तोलिया की भूमिका की भी जांच करेगी।

यहां बता दें कि जब मंडलायुक्त ने एनएच घोटाले की जांच की तो शुरूवाती जांच रिपोर्ट में सात पीसीएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई थी, जिसमें सुरेंद्र सिंह जंगपांगी, जगदीश लाल, भगत सिंह फोनिया, एनएस नगन्याल, दिनेश प्रताप सिंह, अनिल शुक्ला व सेवानिवृत हिमालय सिंह मर्तोलिया शामिल थे। मुख्यमंत्री ने छह पीसीएस अफसरों को निलंबित किया था तथा रिटायर मर्तोलिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए थे। आयुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी ने घोटाले की विस्तृत जांच में बाजपुर में एसडीएम पद पर तैनात रहे तीरथपाल की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे तथा अनुपूरक जांच रिपोर्ट में तीरथपाल के निलंबन की संस्तुति की थी। सूत्रों की मानें तो तीरथ पाल के निलंबन की पत्रावली तैयार भी हुई थी, लेकिन पत्रावली दब कर रह गई। इस बीच तीरथपाल को प्रोन्नति देकर उन्हें अपर जिलाधिकारी बना दिया गया। तीरथ पाल पहले कांग्रेस और फिर भाजपा सरकार में शामिल एक मंत्री के काफी करीबी माने जाते हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने बाजपुर तहसील के ग्राम मंडैया, टांडा आजम, कनौरी व मुंडिया में जमीनों की प्रकृति बदली। अंतत: एडीएम को निलंबित कर दिया गया। एसआईटी तीरथपाल से पहले भी दो बार पूछताछ कर चुकी है। हालांकि एसआईटी जांच में अभी तक तीरथपाल की घोटाले में भूमिका सामने नहीं आ पाई थी। घपले के साक्ष्य मिलने पर तीरथपाल को आरोपपत्र भी सौंपा जाएगा। उधर, शासन ने एसआईटी को एनएच घोटाले में शामिल निलंबित पीसीएस अफसर डीपी सिंह व भगत सिंह फोनिया के खिलाफ अभियोग चलाने की मंजूरी दे दी है। अब एसआईटी शीघ्र ही दोनों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल कर सकती है।

एसआईटी ने अभी तक तीन निलंबित पीसीएस अफसर डीपी सिंह, भगत सिंह फोनिया व अनिल शुक्ला को गिरफ्तार किया है। निलंबित पीसीएस अफसर एनएस नगन्याल की गिरफ्तारी के लिए गैरजमानती वारंट जारी हो चुके हैं। एसआईटी को अभी एसएस जंगपांगी, जगदीश लाल, एचएस मर्तोलिया की भूमिका की जांच करनी है। इसी के साथ एसआईटी अब तीरथ पाल पर भी कानून का शिकंजा कस सकती है।

खेल खेल में घर के बाहर झगड़ गए बच्चे

0

रुद्रपुर, रम्पुरा चौकी क्षेत्र में बच्चों के बीच हुए झगड़े ने बड़ा रूप लिया। बच्चे के साथ पिटाई की शिकायत लेकर पहुंची एक महिला को लोगों ने धुन डाला। इसके बाद दो पक्ष आमने सामने आ गए और जमकर लात घूंसे चल गए। जिसमें दोनों पक्ष के लोग घायल हुए और दोनों ही तहरीर लेकर रम्पुरा पुलिस के पास जा पहुंचे। पुलिस मामले की पड़ताल कर रहे है।

रेशमबाड़ी निवासी सुनहरा पत्नी दिलदार के बच्चे सुबह घर के बाहर खेल रहे थे। इन बच्चों के साथ पड़ोस में रहने वाले जिशान की बहन के बच्चे भी खेल रहे थे। खेल खेल में ही अचानक बच्चों के बीच झगड़ा हो गया। दोनों बच्चों ने एक दूसरे को जमकर पीटा और फिर दोनों ही रोते हुए घर जा पहुंचे। घर में दोनों बच्चों ने एक दूसरे की शिकायत की, लेकिन सुनहरा को बच्चे की पिटाई अखर गई और वह शिकायत लेकर निशान के घर जा पहुंची।

बेटे की शिकायत निशान की बहन को नागवार गुजरी और दोनों में कहासुनी हो गई। आरोप है कि इसी बीच निशान के पूरे घर ने मिलकर सुनहरा पीट डाला। जिससे उसको गंभीर चोटे आ गई। इधर, झगड़े के बाद दोनों पक्ष आमने सामने आ गए और दोनों पक्षों के बीच जमकर जूतम पैजार हो गई। दूसरा पक्ष सुनहरा के परिवार पर चाकू मारने का आरोप लगा रहा है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।

हरिद्वार बने हरित प्रेरणा द्वार: स्वामी चिदानंद

0

ऋषिकेश, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज और उत्तराखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री की मुलाकात दिल्ली, उत्तराखण्ड सदन में हुई।

इस बैठक में ’हरिद्वार के सौंद्रर्यीकरण एवं हरित तीर्थीकरण’ पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वामी जी ने हरिद्वार में किल वेस्ट, कचरा संयोजन मशीने को लगाने का भी सुझाव दिया जिससे गीले एवं सूखे कूडे़ का प्रबंधन किया जा सके साथ ही जैविक एवं हरित शौचालयों केे निर्माण एवं प्रबंधन पर भी स्वामी ने जोर दिया जिससे तीर्थक्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो सके। उन्होनेे कहा कि देश-विदेश से आने वाले यात्रियों की मूलभूत आवश्यकतायें पूरी हो और वे तीर्थक्षेत्र को भी अपने घर की तरह महसूस कर सके। साथ ही इन मूलभूत आवश्यकताओं का उचित प्रबंधन भी हो ताकि बनने के बाद उनका उपयोग एवं प्रबंधन होता रहे। उस प्रबंधन एवं स्वच्छता को देखकर लोगों को संदेश मिल सके।

स्वामी जी ने कहा कि कचरा प्रबंधन, स्वच्छता प्रबंधन एवं जल संरक्षण के साथ पूरा कुम्भ क्षेत्र पूरे विश्व के लिये उदाहरण स्थल बनेगा इसमें प्रवेश करने पर स्वच्छ हरित कुम्भ द्वार का दर्शन होगा जिससे लगेगा ही हमने इसी स्थान पर चारों धाम के दर्शन कर लिये हो; इस द्वार से ही चारों धामों की झलक मिलेगी इस प्रकार उस द्वार की व्यवस्था की जायेगी। साथ ही अन्य कई व्यवस्थाओं के साथ हर की पौड़ी का पूरा क्षेत्र महक उठेगा और जय गंगा मैय्या के अद्भुत संगीत से चहक उठेगा उस दृश्य की छटा ही निराली होगी। वैसे भी हरिद्वार और हर की पौड़ी क्षेत्र ने पूरे विश्व को अपने ओर आकर्षित किया है अब इस क्षेत्र को और सुन्दर, अद्भुत और अविस्मर्णीय बनाना है।

हरिद्वार सौंदर्यीकरण के संदर्भ में पहली बैठक स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और केंद्रीय परिवहन और जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी के मध्य हुई थी।

आगे इसी संदर्भ में स्वामी जी महाराज की चर्चा शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक जी, फारेस्ट विभाग के अधिकारी, हरिद्वार जिलाधिकारी, विकास प्राधिकरण विभाग, गंगा महासभा एवं सभी सम्बंधित विभागों से भी होगी ताकि हरिद्वार के सौंदर्यीकरण के लिये शीघ्र ही सभी सम्बंधित विभाग एक रूपरेखा तैयार कर पाये जिससे इस कार्य हेतु प्रभावी कदम उठाये जा सके।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि, “पूरा उत्तराखण्ड राज्य देवभूमि है। इस राज्य में गंगा जैसी पवित्र नदी है और साथ ही हिमालय जैसी स्वच्छता भी विद्यमान है। हिमालय दुनिया का दूसरे नम्बर का आॅक्सीजन उत्पादक है हम मिलकर प्रयास करे तो इसे शीघ्र ही अमेजन से अधिक आॅक्सीजन उत्पादक बना सकते है। हमारा राष्ट्र विश्व गुरू तो है ही जल्दी ही सर्वोच्च आॅक्सीजन प्रदात्ता भी बन सकता है।”

एएसपी ने किया मालखाने का निरीक्षण

0

किच्छा, कोतवाली के वर्षिक निरीक्षण पर पहुंचे एएसपी देवेंद्र पिंचा को एसएसआई मदन मोहन जोशी द्वारा सलामी दी गई। इसके उपरांत कोतवाली के मालखाने, रसोई, कर्मचारी आवास के साथ ही पुराने राजिस्ट्रारों का भी  निरीक्षण किया। एएसपी देवेंद्र पिंचा ने कोतवाली पुलिस से हथियारों को चलने की जानकारी दी। इस दौरान एएसपी पिंचा के निर्देश पर महिला दरोगा शाहिदा परविन ने पीएमएफ सफल परीक्षण किया।

पिंचा ने बताया कि कोतवाल एमसी पाण्डे को निर्देश देते हुए कहा कि सभी दरोगाओं एवं पुलिस कर्मियों को दंगा निरोधक यंत्रों परीक्षण देने के निर्देश दिए। इसके साथ साथ आवासों की जानकारी, पुराने रजिस्टर के स्थान पर नए रजिस्टर, मालखाने में नई आलमारी के साथ ही पुराने मामलों जल्द से जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए।

इस दौरान कोतवाल एमसी पाण्डे, एसएसआई मदन मोहन जोशी, एसआई संतोष गौरव, एसआई मनोज कोठारी, एसआई भूपाल सिंह, एसआई अशोक फत्र्याल, एसआई सतपाल सिंह, एसआई अर्जुन सिंह, हेड कांस्टेबल राजीव चौधरी, देवराज सिंह, नीमा मेर आदि मौजूद थे।

दिल टूटा और लगा दी ट्रेन के आगे छलांग 

0

रुद्रपुर, प्रेम में दगा मिलने के बाद प्रेमी का दिल ऐसा टूटा कि उसने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आते ही प्रेमी की दर्दनाक मौत हो गई। इधर सूचना मिलते ही आदर्श कालोनी चौकी पुलिस व मृतक के परिजन मौके पर जा पहुंचे। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इधर, मृतक के पिता अल्मोड़ा की रहने वाली युवती को ही मौत की वजह बता रहे हैं।

31 बटालियन पीएसी क्वाटर निवासी कुंवर लाल वर्मा पीएसी के जवान हैं। घर में पत्नी व तीन बेटे हैं। सबसे छोटा बेटा तरुण उर्फ तन्नू (21) सिडकुल स्थित टाटा इंडीकॉम कंपनी में काम करता है और बताया जाता है कि वह अल्मोड़ा की रहने वाली एक युवती से प्रेम करता था। कुंवर भी मूलरूप से अल्मोड़ा के सोमेश्वर के रहने वाले हैं। घटना स्थल पर पहुंचे कुंवर ने बताया कि दो दिन पहले वह अल्मोड़ा गया था और बीते मंगलवार को ही लौट कर घर आया था।

सुबह भी वह फोन पर बात कर रहा था कि अचानक घर से निकल कर बाहर चला गया। वह सीधे सिंह कालोनी स्थित रेलवे क्रासिंग पर पहुंचा और ट्रेन का इंतजार करने लगा। इसी बीच धड़धड़ाते हुए वहां से संपर्कक्रांति गुजरी और तरुण ने ट्रेन के आगे छलांग लगा दी। ट्रेन के इंजन की जोरदार टक्कर से तरुण कई फीट दूर जा गिरा। जिससे उसका सिर कई जगह से फट गया और दाहिना पैर पूरी तरह टूट गया। हादसे के बाद मौके पर कोहराम मच गया। तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई। आनन फानन में लोगों ने घटना की सूचना पुलिस की दी। मौके पर पहुंची पुलिस को युवक की जेब में पर्स मिला। जिससे उसकी शिनाख्त की गई और उसी के जरिये सूचन परिजनों को दी गई।

घटना स्थल पर पहुंचे पिता ने बताया कि उन्हें छह माह पहले पता लगा कि तरुण अल्मोड़ा की रहने वाली किसी लड़की के प्रेम में फंस चुका है। आरोप है कि लड़की ने उसे बुरी तरह लूटा और फिर धोखा दे दिया। तरुण शादी करना चाहता था और लड़की के धोखे से वह आहत था। जिसके चलते उसने ऐसा कदम उठाया। सिंह कालोनी रेलवे क्रासिंग के लिए रेलवे ने बकायदा एक व्यक्ति को तैनात किया है। जो ट्रेन आने पर गेट बंद करता और खोलता है। मौके पर मौजूद लोगों की मानें तो ट्रेन आने से पहले ही क्रासिंग बंद कर दी गई थी। इसी बीच एक युवक आया और पटरियों के पास खड़ा हो गया। इधर, ट्रेन ने भी हार्न देकर आने के संकेत दे दिए। युवक को पटरियों के नजदीक देख गेट मैन अचानक ही चीखा और कहा कि वह पटरियों से दूर हट जाए, ट्रेन आ रही है, लेकिन युवक ने गेट मैन की बात को अनसुना कर दिया और ट्रेन आते ही वह आगे कूद गया।