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अब दून के सिटी बसों में मौजूद होगी पुलिस की ”आवाज”

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अगर आप दून के निवासी हैं और शहर में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते है तो यह खबर आपके लिए है।बीते सोमवार को देहरादून ट्रैफिक पुलिस ने एक महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नई पहल की है।अगर आप शहर में चल रहे सिटी बसों का प्रयोग कर रहे हैं तो अब आपकों शहर के लगभग सभी सिटी बसों में हर सीट यानि की कुल 40 सीटों पर उत्तराखंड की विसिल यानि की सीटी टंगी मिलेगी।यह सीटी बस में सफर करने वाले महिलाओं और लड़कियों के लिए लगाई गई है। सफर के दौरान अगर आपके साथ कोई छेड़-छाड़ या बदसलूकी करता है तो आप उस सीटी को बजा सकते हैं।

यातायात निदेशालय, उत्तराखण्ड पुलिस ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये “आवाज” नाम से एक नई पहल की है, जिसमें देहरादून जनपद की 60 सिटी बसों ( सार्वजनिक यातायात वाहनों ) में प्रत्येक सीट के आगे एक सीटी (whistle) लगायी गयी ।हर एक सीटी (whistle) पर उत्तराखण्ड पुलिस लिखा गया है । सिटी बस में किसी भी महिला से किसी भी प्रकार की छेङछाङ की घटना होने पर वे अपनी आवाज ( इस whistle को बजाकर) उठा सकती है । मनोवैज्ञानिक रूप से भी छेङछाङ करने वालों पर इससे रोक लगेगी व ड्राइवर/परिचालक व यात्रि भी इससे अलर्ट होगें।।

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आए दिन देहरादून के ट्रैपिक को बेहतर बनाने के लिए यातायात निदेशालय, उत्तराखण्ड पुलिस कुछ ना कुछ नया कर रही है जिसमें शहर में ट्रैफिक के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जा रही है।ट्रैफिक पुलिस उत्तराखंड की इस पहल को लोगों से भरपूर सहयोग मिल रहा है।ट्रैफिक डायरेक्टरेट उत्तराखंड पुलिस ने अपनी इस पहल को फेसबुक पेज के माध्यम से लोगों से सांझा किया और पोस्ट पर लोगों ने पुलिस की इस पहल की सराहना की है।

ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने टीम न्यूजपोस्ट से बातचीत में बताया कि, “आवाज पहल से हम आए दिन सिटी बसों में हो रही छेड़-छाड़ पर लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं।सीटी की आवाज और इसके बजने के डर से अब सिटी बसों में सफर करने वाले मनचले डर कर रहेंगे।हम आशा करते हैं कि अब बसों में महिलाएं बिना किसी डर के सफर कर सकती और यह प्रोजेक्ट “आवाज” महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिये एक मील का पत्थर साबित होगा ।”

आने वाले कुछ दिनों में ही इस पहल की मॉनिटरिंग की जाएगी कि इससे कितना फायदा हुआ है।हांलांकि अब महिलाओं को सिटी बसों में सफर के दौरान डरने की जरुरत नहीं हैं और किसी भी र्दुव्यवहार की आशंका होने पर अपनी आवाज़ बुलंद करनी हैं और बस में मौजूद सिटी को बजाना है।

पांच महीने से तनख्वाह को तरस रहे हैं बीआरसी-सीआरसी समन्वयक

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(देहरादून) सर्व शिक्षा अभियान में काम कर रहे सीआरसी-बीआरसी समन्वयकों को पिछले पांच माह से तन्ख्वाह नहीं मिली है। जिससे यह लोग आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। ऐसे में इन्होंने अब बिना वेतन काम न करने का ऐलान किया है। उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विरेंद्र सिंह कृषाली ने कहा कि “उत्तराखंड राज्य सर्व शिक्षा अभियान में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी रहा है। जिसका श्रेय सर्व शिक्षा अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में बीआरसी-सीआरसी समन्वयकों को जाता है। लेकिन इन्हें पिछले पांच माह से वेतन ही नहीं मिला। शैक्षिक सत्र में आकस्मिक व्यय की धनराशि भी अवमुक्त नहीं हुई है। जिस कारण बीआरसी-सीआरसी समन्वयक बिना धन काम करने को मजबूर हैं। ऐसे में अब एक मत होकर दाम नहीं तो काम नहीं की रणनीति अपनाने का निर्णय लिया गया है।”

कर्मचारियों ने विभाग को 22 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि इस दिन तक वेतन जारी नहीं किया गया, तो 23 जनवरी से मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा।

उत्तराखंड में पीने के पानी के लिए विश्व बैंक देगा 780 करोड़

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नई दिल्ली। भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार एवं विश्व बैंक ने उत्तराखंड के पहाड़ी राज्य में जलापूर्ति सेवाओं की सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये।

भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार एवं विश्व बैंक ने आज नई दिल्ली में उत्तराखंड के पहाड़ी राज्य के ‘नगरीय-शहरी क्षेत्रों’ में जलापूर्ति सेवाओं की सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए 120 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किये।
इस परियोजना के लिए समझौते पर हस्ताक्षर भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे; उत्तराखंड सरकार की तरफ से पानी तथा स्वच्छता विभाग में सचिव अरविंद कुमार हयांकी; एवं विश्व बैंक, इंडिया के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर इशाम आब्दो ने विश्व बैंक की तरफ से किया।
शहरी क्षेत्रों के लिए उत्तराखंड जल आपूर्ति कार्यक्रम राज्य सरकार को जल आपूर्ति बढ़ाने तथा ‘नगरीय-शहरी क्षेत्रों’ में स्थाई जलापूर्ति सेवा आपूर्ति प्रदायगी सुनिश्चित करने में मदद करेगा। यह नगरीय क्षेत्रों के लिए एक सेवा केंद्रित तथा प्रभावी जलापूर्ति नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन करेगा तथा वर्तमान निगरानी एवं मूल्यांकन प्रणालियों को सुदृढ़ बनाएगा। साथ ही ‘नगरीय-शहरी क्षेत्रों’ में जलापूर्ति की ‘मास्टर प्लान’ तैयार करने तथा उसे लागू करने के लिए समर्पित प्रोत्साहन उपलब्ध कराएगा।
विकास एवं शहरीकरण की वजह से ‘नगरीय-शहरी क्षेत्रों’ में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है जिन्हें ग्रामीण के रूप में वर्गीकृत किया जाता है लेकिन ये प्रकृति (आबादी के घनत्व, अर्थव्यवस्था की संरचना तथा लोगों की आकांक्षाओं के लिहाज से) में प्रभावी रूप से शहरी हैं। 2001 से 2011 तक राज्य की शहरी आबादी में लगभग 42 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो कि 32 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत से काफी अधिक है।
इस अवसर पर भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग के संयुक्त सचिव समीर कुमार खरे ने बताया कि राज्य के नगरीय-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 700,000 से अधिक लोगों के इस कार्यक्रम से लाभान्वित होने की उम्मीद है।
इस अवसर पर जलापूर्ति एवं स्वच्छता विशेषज्ञ तथा इस कार्यक्रम के विश्व बैंक की टास्क टीम लीडर सुस्मिता मिश्रा ने कहा कि तेजी से बढ़ते आर्थिक विकास कार्यक्रम के साथ नगरीय-शहरी क्षेत्रों में जलापूर्ति समेत बेहतर सार्वजनिक सेवाओं की मांग में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अब राज्य के लिए प्राथमिकता बन चुका है क्योंकि यह 2030 तक शहरी क्षेत्रों में एवं 2022 तक ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वभौमिक जलापूर्ति कवरेज के अपने लक्ष्य को अर्जित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। 

मासुमों को बनाता था शिकार कुकर्मी बाबा

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काशीपुर, तंत्र मंत्र और धर्म की आड एक गांव में रह रहे बाबा की काली करतूत सूनकर आप भी चौंक जाएंगे, मासूम बच्चों को बनाता था बाबा अपना शिकार और करता था एेसी करतूत की जिसे सुनकर आप भी रह जाएंगे दंग।

गांव के बच्चों ने जब खोला बाबा के कारनामे का राज तो सभी दंग रह गये, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही बाबा फरार हो गया, मामला काशीपुर के मानपुर रोड स्थित कचनाल गांजी का है, कई सालों से एक बाबा रह रहा था जिनको गांव के लोगों के लिए बेहद ही सम्मानीय थे। लोग उनके पास जाकर अपनी समस्याए लेकर जाते थे और उनसे धर्म का ज्ञान भी लेते थे, मगर जब बाबा का राज मासूमों ने खोला तो सारी सच्चाई सामने आ गय़ी।

बाबा मासूम बच्चों के साथ कुकर्म करते थे और किसी को ना बताने की हिदायद भी देते थे, लम्बे समय से मासूम बच्चों को अपना शिकार बनाने वाले बाबा का राज तब खुला जब एक बच्चे ने अपने ही साथी बच्चे से इस बारे में बताया तो राज खुल गया और ग्रामीणों ने एकत्र होकर बाबा के खिलाफ पुलिस से शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की है, वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने फिलहाल बच्चों के बयान दर्ज करते हुए बाबा की कुटिया को सीज कर दिया है, और बाबा की तलाश की जा रही है।

नोवाक जोकोविच ऑस्ट्रेलियन ओपन से बाहर

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मेलबर्न, छह बार के चैंपियन सर्बिया के नोवाक जोकोविच ऑस्ट्रेलियन ओपन से बाहर हो गए हैं। चौथे दौर में दक्षिण कोरिया के चुंग ह्योन ने बड़ा उलटफेर करते हुए जोकोविच को बाहर का रास्ता दिखाया।

ह्योन ने 3 घंटे 21 मिनट तक चले मैराथन मुकाबले में जोकोविच को 7-6 (4), 7-5, 7-6 (3) से हराकर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई। इसी के साथ ह्योन क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाले पहले दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी बन गए हैं। क्वार्टर फाइनल में ह्योन का सामना अमेरिका के टेनिस सेंडग्रेन से होगा।

उल्लेखनीय है कि जोकोविक पिछले कुछ समय से अनफिट थे। उन्होंने इस टूर्नामेंट से पहले ही कोर्ट पर वापसी की थी। वहीं एक और दिग्गज खिलाड़ी एंडी मरे भी अनफिट होने के कारण ऑस्ट्रेलियाई ओपन में नजर नहीं आये।

भारत आएंगे कनाडा के पीएम, मोदी ने किया था आमंत्रित

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नई दिल्ली, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूदेउ सात दिनों की आधिकारिक भारत यात्रा पर फरवरी माह में आएंगे। कनाडा के पीएम की यात्रा 17 फरवरी से शुरू होगी और वे 23 फरवरी तक भारत में रहेंगे। पीएम जस्टिन की ये यात्रा भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है।

नई दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग ने बताया कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन अपनी इस सात दिवसीय भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली, आगरा, अमृतसर, अहमदाबाद, मुंबई जाएंगे। साथ ही वे ताजमहल, स्वर्ण मंदिर, जामा मस्जिद और अक्षरधाम मंदिर भी जाएंगे। इस दौरान वे भारतीय नेताओं, कारोबारी जगत की हस्तियों, महिला-बालिका सशक्तिकरण में लगे कार्यकर्ताओं, युवाओं सहित अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम कर रहे लोगों से मिलेंगे। पीएम जस्टिन की इस यात्रा का उद्देश्य भारत-कनाडा संबंधों को एक नई ऊंचाई देना है। इस दौरान वे भारत में कारोबारी जगत के साथ कई गोलमेज बैठकों में हिस्सा लेंगे। जिसका उद्देश्य भारत-कनाडा के बीच व्यापारिक संबंधों को बेहतर करना और दोनों देशों के बीच व्यापार के नए रास्ते खोलना है।

भारत में कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल ने कहा कि कनाडा के लिए भारत हमेशा से एक सशक्त दोस्त रहा है। हम भारत-कनाडा संबंधों को बहुत महत्व देते हैं। कनाडियन पीएम की इस भारत यात्रा के पहले कनाडा की सरकार के 11 कैबिनेट स्तर के मंत्री पिछले डेढ़ साल में भारत यात्रा पर आ चुके हैं।

गणतंत्र दिवस परेड के चलते 23 और 26 को प्रभावित रहेगा रेल यातायात

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नई दिल्ली, गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल और गणतंत्र दिवस परेड के चलते मंगलवार और शुक्रवार को दिल्ली के तिलक ब्रिज स्टेशन पर डेढ़ घंटे के लिए रेल यातायात प्रभावित रहेगा। इस दौरान 14 रेलगाड़ियां रोककर चलाई जाएंगी, 2 पूरी तरह से और 3 आंशिक रूप से रद्द रहेंगी| इसके अलावा 8 परिवर्तित मार्ग से चलेंगी।

उत्तर रेलवे ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 23 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के आयोजन के चलते तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन पर सुबह साढ़े बजे से दोपहर 12 बजे तक डेढ़ घंटे के लिए रेल यातायात प्रभावित रहेगा।

परेड के गुजरने तक रोककर चलाई जाने वाली रेलगाड़ियां : रेलगाड़ी संख्या 11078 जम्मूतवी-पुणे झेलम एक्सप्रेस यदि विलम्ब से चल रही हो तो उसे नई दिल्ली में। रेलगाड़ी संख्या 12483 कोचुवेल्ली-अमृतसर एक्सप्रेस को पलवल-हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों के बीच। रेलगाड़ी संख्या 12192 जबलपुर-नई दिल्ली श्रीधाम एक्सप्रेस को तुगलकाबाद स्टेशन पर 15 मिनट के लिए। रेलगाड़ी संख्या 12715 नांदेड-अमृतसर सचखंड एक्सप्रेस को हज़रत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर परेड समाप्त होने के बाद चलाया जाएगा। रेलगाड़ी संख्या 12204 अमृतसर-सहरसा गरीबरथ एक्सप्रेस को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से परेड समाप्त होने के बाद चलाया जाएगा। रेलगाड़ी संख्या 12626 नई दिल्ली – त्रिवेन्द्रम केरला एक्सप्रेस को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर। रेलगाड़ी संख्या 12627 बंगलौर- नई दिल्ली कर्नाटका एक्सप्रेस को हज़रत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर। रेलगाड़ी संख्या 12925 बांद्रा टर्मिनस-अमृतसर-कालका पश्चिम एक्सप्रेस को ओखला रेलवे स्टेशन पर। रेलगाड़ी संख्या 12033 कानपुर-नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस को 15 मिनट साहिबाबाद रेलवे स्टेशन पर। रेलगाड़ी संख्या 12056 देहरादून-नई दिल्ली जन शताब्दी एक्सप्रेस को 15 मिनट मेरठ शहर रेलवे स्टेशन पर। रेलगाड़ी संख्या 12401 पटना-नई दिल्ली मगध एक्सप्रेस को 15 मिनट गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर। रेलगाड़ी संख्या 14258 नई दिल्ली-वाराणसी काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस को परेड समाप्त होने के बाद चलाया जाएगा। रेलगाड़ी संख्या 12259 सियालदाह-नई दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस को आवश्यकता पड़ने पर साहिबाबाद में। रेलगाड़ी संख्या 12441 बिलासपुर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को पलवल-हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशनों के बीच।

परिवर्तित मार्गों से गुजरने वाली रेलगाड़ियां : रेलगाड़ी संख्या 64449/64428 गाजियाबाद-नई दिल्ली गाजियाबाद ईएमयू बरास्ता दिल्ली जं. होकर चलेगी। रेलगाड़ी संख्या 64012 शकूरबस्ती-नई दिल्ली-पलवल ईएमयू बरास्ता पटेल नगर, सफदरजंग, हजरत निजामुद्दीन से पलवल के लिए चलाई जाएगी। रेलगाड़ी संख्या 12313 सियालदह–नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, रेलगाड़ी संख्या 22823 भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, 12877 रांची-नई दिल्ली गरीबरथ और रेलगाड़ी संख्या 12453 रांची-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस रेलगाड़ियां दिल्ली जं. होकर चलेंगी। रेलगाड़ी संख्या 64901 कोसीकलां-गाजियाबाद ईएमयू हज़रत निजामुद्दीन से साहिबाबाद और फिर गाजियाबाद को जाएगी।

निरस्त रेलगाड़ियां : रेलगाड़ी संख्या 64423/64430 गाजियाबाद-नई दिल्ली-गाजियाबाद ईएमयू रद्द रहेंगी।

आंशिक रूप से निरस्त रेलगाड़ियां : रेलगाड़ी संख्या 64401/64434 गाजियाबाद-दिल्ली जं.-नई दिल्ली-गाजियाबाद ईएमयू की यात्रा दिल्ली जं. पर समाप्त की जाएगी। यह रेलगाड़ी दिल्ली जं. से ही अपनी आगे की यात्रा पर गाजियाबाद के लिए रवाना होगी। रेलगाड़ी संख्या 12192 जबलपुर-नई दिल्ली श्रीधाम एक्सप्रेस की यात्रा हज़रत निजामु्दीन स्टेशन पर समाप्त की जाएगी।

डीएम और एसएसपी ने लिया 26 जनवरी की तैयारियों का जायजा

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देहरादून, जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की तैयारियों का कार्यक्रम स्थल परेड ग्राउण्ड पंहुचकर भौतिक निरीक्षण किया। उन्होंने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निदेश दिये।

इस दौरान जिलाधिकारी ने परेड ग्राउण्ड में मंच, विभिन्न आंगन्तुकों के बैठने का सीटिंग व्यवस्था, बैरिकेटिंग, टैन्ट, प्रवेश और निकास द्वार, वीवीआईपी और अन्य उच्चाधिकारियों को प्रोटोकाल अनुसार सीटिंग एवं सुरक्षा तथा अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। साथ ही उन्होने सभी विभागों को आवश्यक साज-सज्जा करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिन विभागों की थोड़ी बहुत तैयारियां होनी बाकी हैं वे शीघ्रता से करें। इस दौरान उन्हे कार्यक्रम में विभिन्न कार्यक्रमों के समय प्रबन्धन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ यातायात प्रबन्धन पर चर्चा करते हुए कार्यक्रम के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से रखने के निर्देश पुलिस अधीक्षक यातायात को दिये। उन्होने कहा कि इस बार गणतंत्र दिवस के अवसर पर 11 विभिागों की झांकिया प्रदर्शित की जायेंगी, जिसके तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, स्वजल, उरेड़ा, एसडीआरएफ, उद्योग, उद्यान, ग्राम्य विकास, एमडीडीए, वन आदि विभागों में संचालित हो रहे जन कल्याणकारी योजनाओं/कार्यों को झांकी के माध्यम से दर्शाया जायेगा, इस बार स्वास्थ्य एवं बालविकास विभाग की संयुक्त झांकी रहेगी।

निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यातायात प्रबन्धन और सुरक्षा से सम्बन्धित सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं और सुरक्षा कार्मिकों को विभिन्न दायित्व सौंपते हुए आवश्यक दिशा- निर्देश दिये गये हैं। उन्होने कहा कि शहर के सभी प्रमुख स्थानों सहित कार्यक्रम स्थल पर गहन चैकिंग अभियान लगातार चलाया जा रहा है और उन्होने अधीनस्थ अधिकारियों को सुरक्षा और यातायात प्रबन्धन का ठीक से होमवर्क करते हुए कार्य करने के निर्देश दिये।

शौच अभियान को पलिता लगा रहा औली गौरसों का ट्रेक रूट

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गोपेश्वर, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थली और स्कीइंग की एशिया में बेहतरीन ढलान औली को भले ही विश्व मानचित्र पर लाने की कवायद की जा रही है, मगर औली से गौरसों तक के तीन किमी के ट्रेक रूट पर कहीं भी शौचालय नहीं बनाया गया है। पर्यटक शौचालय न होने से खुले में जाने को मजबूर हैं । इस पूरे मार्ग पर कहीं भी डस्टबीन भी नहीं है जिससे कूड़ा जहां-तहां फैला हुआ है।

औली-गौरसों ट्रेक रूट पर हर वर्ष देश-विदेश के पर्यटक आते हैं, शीतकाल और ग्रीष्मकाल में भी पर्यटकों का तांता लगा रहता है। मगर इस रूट पर कहीं भी पीने तक का पानी नहीं है। अगर पर्यटक अपने साथ पानी की बोतल न लाये तो प्यासा रहना पड़ सकता है।

व्यू प्वाइंट ग्लास हाउस बने है पियकड़ों के एशगाह
औली में प्रकृति के खूबसूरत व्यू-प्वाइंट ग्लास हाउस बने हैं मगर इनके अंदर असामाजिक तत्वों और शराबियों का उपद्रव मचा रहता है। जहां तहां शराब की बोतल और कबाड़ पड़ा दिखता है। स्कीइंग स्लोप के दोनों छोर पर बने व्यू-प्वाइंट की दुर्दशा होती जा रही है। दूसरी ओर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी शांति प्रसाद नौटियाल ने बताया कि, “औली गौरसों के बीच शौचालय बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिए गये है। शीघ्र ही शौचालय निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।” 

हिमवीरों ने चलाया सफाई अभियान
औली-गौरसों ट्रेक पर बिखरे कूड़ा करकट को वर्ल्ड स्नो डे पर आईटीबीपी के हिमवीरों ने सफाई अभियान चलाकर साफ किया। इससे पहले जोशीमठ के साहसिक पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों ने गोरसों ट्रेक से तीन कुंतल कूड़ा उठाकर जोशीमठ नगर पालिका को सौंपा था।

मौसम की बेरुखी से किसान चिंतित

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विकासनगर/त्यूनी, मौसम की बेरुखी से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ना तय है। जनवरी का पहला पखवाड़ा बीतने को है बावजूद अब तक क्षेत्र में बर्फबारी नहीं हो सकी है। ऐसे में शीतोष्ण फलों के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है। क्षेत्र के करीब 800 हेक्टेयर भू-भाग में शीतोष्ण फल खासकर सेब की पैदावार की जाती है। 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच होने वाली बर्फबारी इस फसल के लिए खासा मुफीद मानी जाती है। लेकिन इस साल अब तक बर्फबारी नहीं हुई है। जिससे सेब के बागों के ‌मालिक मायूस नजर आने लगे हैं। विशेषज्ञों का भी यही कहना है कि यदि जल्द क्षेत्र में बर्फबारी नहीं हुई तो उत्पादन में 30-40 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

यहां होती है सेब की बंपर पैदावार 
कथियान, डांगूठा, भटाड़, छजाड़, रायगी, ऐठाड़, पुरटाड़, भूट, फनार, कुल्हा, बागी, बास्तिल, ठारठा, पिंगुवा, बुल्हाड़, बायला समेत कई गांव में सेब की बंपर पैदावार होती है। वहीं, बारिश न होने से आड़ू, नाशपाती, खुमानी, पुलम, बादाम आदि की खेती भी प्रभावित हो रही है।

सेब की ये प्रजातियां होती है क्षेत्र में 
क्षेत्र में रॉयल डिलिसियस, गोल्डन रेड, स्पर्श, रेड चीफ, सुपर स्पर्श, गोल्डन स्पर्श, आर्गेन स्पर्श, रेड चीफ स्पर्श आदि प्रजाति होती है। क्षेत्र में करीब 800 हेक्टेयर में सेब के बागान हैं। यहां के सेब की बाजारों में भारी डिमांड रहती है।

एक पेड़ पर 1500 रुपये तक खर्च                                                                                          बागवान तुलाराम शर्मा, विरेंद्र शर्मा, मातवर सिंह का कहना है कि, “एक पेड़ की देखरेख पर सालाना 1000 से 1500 रुपये खर्च होते हें। ऐसे में इस साल ये लागत भी निकालना मुश्किल लग रहा है।”

उद्यान प्रभारी त्यूनी आरपी जसोला का कहना है कि, “बर्फबारी के चलते लंबे समय तक जमीन में नमी का संरक्षण रहता है। जिसका फायदा फलों और फूलों के उत्पादन में होता है। साथ ही कीटों और बीमारियों के पनपने की आशंका कम रहती है। खुमानी, नाशपाती, अखरोट, बादाम के लिए भी बर्फबारी लाभदायक होती है। बर्फबारी ‌चिलिंग की आवश्यकताओं को भी पूरा करती है। लेकिन इस साल मौसम के बदले मिजाज के बीच फलों के उत्पादन पर प्रगतिकूल असर पड़ेगा।”