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शौच अभियान को पलिता लगा रहा औली गौरसों का ट्रेक रूट

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गोपेश्वर, अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थली और स्कीइंग की एशिया में बेहतरीन ढलान औली को भले ही विश्व मानचित्र पर लाने की कवायद की जा रही है, मगर औली से गौरसों तक के तीन किमी के ट्रेक रूट पर कहीं भी शौचालय नहीं बनाया गया है। पर्यटक शौचालय न होने से खुले में जाने को मजबूर हैं । इस पूरे मार्ग पर कहीं भी डस्टबीन भी नहीं है जिससे कूड़ा जहां-तहां फैला हुआ है।

औली-गौरसों ट्रेक रूट पर हर वर्ष देश-विदेश के पर्यटक आते हैं, शीतकाल और ग्रीष्मकाल में भी पर्यटकों का तांता लगा रहता है। मगर इस रूट पर कहीं भी पीने तक का पानी नहीं है। अगर पर्यटक अपने साथ पानी की बोतल न लाये तो प्यासा रहना पड़ सकता है।

व्यू प्वाइंट ग्लास हाउस बने है पियकड़ों के एशगाह
औली में प्रकृति के खूबसूरत व्यू-प्वाइंट ग्लास हाउस बने हैं मगर इनके अंदर असामाजिक तत्वों और शराबियों का उपद्रव मचा रहता है। जहां तहां शराब की बोतल और कबाड़ पड़ा दिखता है। स्कीइंग स्लोप के दोनों छोर पर बने व्यू-प्वाइंट की दुर्दशा होती जा रही है। दूसरी ओर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी शांति प्रसाद नौटियाल ने बताया कि, “औली गौरसों के बीच शौचालय बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिए गये है। शीघ्र ही शौचालय निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।” 

हिमवीरों ने चलाया सफाई अभियान
औली-गौरसों ट्रेक पर बिखरे कूड़ा करकट को वर्ल्ड स्नो डे पर आईटीबीपी के हिमवीरों ने सफाई अभियान चलाकर साफ किया। इससे पहले जोशीमठ के साहसिक पर्यटन से जुड़े व्यवसायियों ने गोरसों ट्रेक से तीन कुंतल कूड़ा उठाकर जोशीमठ नगर पालिका को सौंपा था।

मौसम की बेरुखी से किसान चिंतित

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विकासनगर/त्यूनी, मौसम की बेरुखी से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ना तय है। जनवरी का पहला पखवाड़ा बीतने को है बावजूद अब तक क्षेत्र में बर्फबारी नहीं हो सकी है। ऐसे में शीतोष्ण फलों के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ना तय है। क्षेत्र के करीब 800 हेक्टेयर भू-भाग में शीतोष्ण फल खासकर सेब की पैदावार की जाती है। 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच होने वाली बर्फबारी इस फसल के लिए खासा मुफीद मानी जाती है। लेकिन इस साल अब तक बर्फबारी नहीं हुई है। जिससे सेब के बागों के ‌मालिक मायूस नजर आने लगे हैं। विशेषज्ञों का भी यही कहना है कि यदि जल्द क्षेत्र में बर्फबारी नहीं हुई तो उत्पादन में 30-40 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

यहां होती है सेब की बंपर पैदावार 
कथियान, डांगूठा, भटाड़, छजाड़, रायगी, ऐठाड़, पुरटाड़, भूट, फनार, कुल्हा, बागी, बास्तिल, ठारठा, पिंगुवा, बुल्हाड़, बायला समेत कई गांव में सेब की बंपर पैदावार होती है। वहीं, बारिश न होने से आड़ू, नाशपाती, खुमानी, पुलम, बादाम आदि की खेती भी प्रभावित हो रही है।

सेब की ये प्रजातियां होती है क्षेत्र में 
क्षेत्र में रॉयल डिलिसियस, गोल्डन रेड, स्पर्श, रेड चीफ, सुपर स्पर्श, गोल्डन स्पर्श, आर्गेन स्पर्श, रेड चीफ स्पर्श आदि प्रजाति होती है। क्षेत्र में करीब 800 हेक्टेयर में सेब के बागान हैं। यहां के सेब की बाजारों में भारी डिमांड रहती है।

एक पेड़ पर 1500 रुपये तक खर्च                                                                                          बागवान तुलाराम शर्मा, विरेंद्र शर्मा, मातवर सिंह का कहना है कि, “एक पेड़ की देखरेख पर सालाना 1000 से 1500 रुपये खर्च होते हें। ऐसे में इस साल ये लागत भी निकालना मुश्किल लग रहा है।”

उद्यान प्रभारी त्यूनी आरपी जसोला का कहना है कि, “बर्फबारी के चलते लंबे समय तक जमीन में नमी का संरक्षण रहता है। जिसका फायदा फलों और फूलों के उत्पादन में होता है। साथ ही कीटों और बीमारियों के पनपने की आशंका कम रहती है। खुमानी, नाशपाती, अखरोट, बादाम के लिए भी बर्फबारी लाभदायक होती है। बर्फबारी ‌चिलिंग की आवश्यकताओं को भी पूरा करती है। लेकिन इस साल मौसम के बदले मिजाज के बीच फलों के उत्पादन पर प्रगतिकूल असर पड़ेगा।”

उत्तराखंड को भी मिला ‘बेस्ट सांस्कृतिक दल’ का पुरस्कार

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नई दिल्ली, राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में आयोजित प्रतियोगिता में विभिन्न प्रदेशों एवं मंत्रालयों की झांकी कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेशों की संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नृत्य प्रस्तुत किये गए। इस प्रतियोगिता में बेस्ट 3 राज्यो में उत्तराखंड राज्य को भी बेस्ट 3 सांस्कृतिक दल का पुरस्कार प्राप्त हुआ।

उत्तराखंड के अतिरिक्त गुजरात व महाराष्ट्र को भी पुरस्कार प्राप्त हुआ, उत्तराखंड गठन के बाद उत्तराखंड की झांकी के कलाकारों को यह पुरस्कार प्रथम बार प्राप्त हुआ है।गणतंत्र दिवस परेड के लिए उत्तराखंड की झांकी में सूचना विभाग के उप निदेशक एवं नोडल अधिकारी के.एस.चैहान के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य से 33 कलाकार गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड झांकी में भाग ले रहे हैं।

उत्तराखंड राज्य के सूचना विभाग के उप निदेशक एवं उत्तराखंड झांकी लीडर के एस चैहान ने बताया कि, “गणतंत्र दिवस परेड में देश के विभिन्न राज्यों से कलाकार आते हैं इन कलाकारों से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय रंगशाला शिविर, नई दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रतियोगिता कराई जाती है जिसमे एक दल को केवल 5 मिनट का समय दिया जाता है जिसमें, उत्तराखंड राज्य के कलाकारों ने जौनसार बावर का प्रसिद्ध ‘हारुल’ गीत एवं नृत्य इस प्रतियोगिता में प्रस्तुत किया।” 

उत्तराखंड राज्य के लिए यह पुरस्कार पाना  गौरव की बात है, इस पुरस्कार पाने से राज्य की झांकी में प्रतिभाग कर रहे कलाकार बहुत प्रफुल्लित है। इस प्रतियोगिता में पुरस्कार प्राप्त होने से उत्तराखंड राज्य के कलाकार अब 26 जनवरी के बाद राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास एवं उपराष्ट्रपति, रक्षामंत्री तथा जनजातीय मंत्री के समक्ष भी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस परेड में इस वर्ष उत्तराखंड राज्य द्वारा विलेज टूरिज्म की थीम पर झांकी का प्रदर्शन राजपथ पर किया जाएगा।

सिनेमा मेरा पहला प्यार, राजनीति में जाने के विकल्प खुले: घुग्गी

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चंडीगढ़, पंजाबी फिल्मों के कॉमेडी कलाकार एवं आम आदमी पार्टी पंजाब के पूर्व संयोजक गुरप्रीत घुग्गी ने कहा है कि सिनेमा उनका पहला प्यार है लेकिन भविष्य में राजनीति में जाने के विकल्प आज भी खुले हैं। घुग्गी आज यहां डेंटल, स्किन एवं हेयर ट्रांसप्लांट केंद्र रजुवेदंत का उदघाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एक दौर था जब उनका पूरा दिन पंजाब की राजनीति में व्यतीत होता था लेकिन आम आदमी पार्टी छोड़ऩे के बाद उनकी दिनचर्या फिर से बदल गई है। घुग्गी ने बताया कि आगामी 16 फरवरी को उनकी पंजाबी फिल्म ‘लावां फेरे’ रिलीज होने जा रही है। इसके अलावा हाल ही में कैरी ऑन जट्टा-पार्ट टू की शूटिंग पूरी हो चुकी है। घुग्गी ने बताया कि वर्ष 2018 के दौरान उनकी 10 फिल्में फ्लोर पर हैं। वह फिर से अपनी पुराने जीवन में स्थापित हो चुके हैं। इसके बावजूद उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर कोई बेहतर प्लेटफार्म मिला तो वह राजनीति में जाने से गुरेज नहीं करेंगे। इसके लिए विकल्प खुले रहेंगे।

कनाडा, अमेरिका व इंग्लैंड की गुरुद्वारा कमेटियों द्वारा वहां के गुरुद्वारों में भारतीयों के प्रवेश पर रोक लगाने के मुद्दे पर खुलकर कुछ कहने की बजाय पूर्व आप नेता ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम है। इसके लिए कोई एक व्यक्ति जिम्मेदार नहीं हो सकता। इस अवसर पर रजुवेदंत की संचालक डॉ. हरलीन ओबराय ने बताया कि चंडीगढ़ में यह अपनी तरह का पहला ऐसा केंद्र है जहां लोगों को एक ही छत के नीचे कई तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। यहां दांतों से संबंधित समस्याओं, बालों के गिरने तथा बाल झड़ऩे की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

भगवान भरत निकले डोली में सवार,श्रद्धालुओं ने किया भगवान के दर्शन

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ऋषिकेश, भगवान भरत ऋषिकेश नारायण के नाम से जाना जाता है और उनकी नगरी का सबसे बड़ा उत्सव वसंतोत्सव बड़ी ही श्रद्धा के साथ नगरवासी मेले के रूप में मनाते आ रहे हैं। माना जाता है कि मूर्तिभंजको मंदिर के नुकसान को पहुंचाने के बाद भगवान भरत की मूर्ति को मायाकुंड स्थित गंगा जी में छुपा दिया गया था जिसे आठवीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बसंत पंचमी के ही दिन दोबारा स्थापित किया गया था, तब से लेकर आज तक तीर्थ नगरी ऋषिकेश में बसंत पंचमी के दिन उत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है।

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आमतौर पर 5 दिनों तक चलने वाला यह उत्सव कुछ कारणों से केवल तीन दिवस के लिए मनाया जा रहा है। आज के कार्यक्रमों में सर्व प्रथम ऋषिकेश के झंडा चौक पर ध्वजारोहण के साथ महोत्सव की शुरुआत हो गई आज ही ऋषिकेश नारायण भगवान की डोली शोभायात्रा के रूप में शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई माया कुंड तक ले जाई जाएगी। साथ ही बसंत उत्सव में होने वाली प्रतियोगिताओं का आगाज भी हो जाएगा जिस में मुख्य रुप से साइकिल रेस, दौड़ प्रतियोगिता, वरिष्ठ नागरिक दौड़ प्रतियोगिता, कुश्ती, चित्रकला, रंगोली, मेहंदी, दही-हांडी आदि प्रतियोगिताएं रहती हैं।

ऋषिकेश नगर के मुख्य उत्सव वतन बसंतोत्सव मेले में सभी उम्र और वर्ग का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम निश्चित किए जाते हैं जिसमें स्कूली बच्चों से लेकर सभी उम्र के लोगों के लिए रंगा रंग और सांस्कृतिक प्रोग्राम किए जाते हैं।

द्रोणनगरी में धूमधाम से मनायी जा रही बसंत पंचमी

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देहरादून, राजधानी देहरादून में बसंत पंचमी पर्व आज ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में माता सरस्वती की मूर्ति की स्थापना पूजा के साथ पारम्परिक तरीके से धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं, बिहारी महासभा समिति व पूर्वा सांस्कृति मंच की ओर से विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके साथ ही विद्यालयों में भी वीणावादिनी एवं विद्या की देवी सरस्‍वती मां का पूजन किया गया।

देहरादून में बिहारी महासभा द्वारा बसंत पंचमी पूजा कार्यक्रम का आयोजन राजपुर रोड स्थित शिव बालयोगी आश्रम में किया गया। इस मौके पर मां शारदे के पूजा के बाद भजन संध्या कार्यक्रम का शुभारंभ श्री रूद्रबालयोगी महाराज ने किया, जो सुबह से चलकर दिनभर चलता रहा। दिन में आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भण्डारा किया गया। इसी प्रकार रात्री के समय भी जागरण कार्यक्रम व भण्डारा का आयोजन किया है। कार्यक्रम में शहर के अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।

बिहारी महासभा से अध्यक्ष ललन सिंह व सचिव संचद झा ने बताया कि, “समिति हर वर्ष की तरह इस साल भी सरस्वती पूजा को धूमधाम से मना रही है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद व भण्डारे के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजिन किया गया है।” 

वहीं पूर्वा सांस्कृतिक मंच की ओर से राजपुर रोड साईमंदिर हाल कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर छोटी—छोटी कन्याओं ने मां सरस्वती का पूजन किया। पूजा के पश्चात सैकड़ों बच्चों को कापी व पेन वितरित किया गया। इस मौके पर भजन संध्या कार्यक्रम भी आयोजित हुए।

पूर्वा मंच के महासचिव सुभाष झा ने बताया कि, “गाय के घी से बने लड्डू का प्रसाद वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि सायं के समय काव्य गोष्ठी का आयोजन किय गया है जिनमें देश के जाने-माने कवि भाग लेंगे।”

इसके अलावा नाड़ी वैद्वय कायाकल्प के संयुक्त तत्वावधान में दून यूनिवर्सिटी में बंसती पंचमी के अवसर पर कवि सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जबकि शहर के कालिका भवन, श्याम सुन्दर मंदिर, मात वैष्णव मंदिर सहित शहर के विभिन्न स्कूलों व संस्थाओं द्वारा पूजन कार्यक्रम का आयोजन गया था। 

चोरी की छह बाइक बरामद, कबाड़ी सहित तीन गिरफ्तार

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देहरादून, रायपुर थाना क्षेत्र से चोरी हुई छह बाइक एसओजी एवं रायपुर पुलिस ने बरामद किया है। साथ ही बाइक चोरी के आरोप में कबाड़ी सहित तीन को गिरफ्तार किया है। दरअसल अधोईवाला क्षेत्र से एक करिज्मा मोटरसाइकिल के चोरी होने पर थाना रायपुर में मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस द्वारा वाहन एवं चोरों की तलाश किए जा रहे थे। एसओजी को चोरी के वाहन व चोर के सम्बन्ध में कुछ जानकारी प्राप्त हुई कि चोर थानों के रास्ते देहरादून से भागने की फिराक में है।

सूचना पर एसओजी व थाना रायपुर टीम ने थाना रोड पर चेकिंग अभियान चलाया। इसी दौरान रायपुर रोड से एक बाइक सवार आते देखा गया जो पुलिस को देखकर वापस मुड़कर जाने का प्रयास किया लेकिन संतुलन खोकर मोटरसाइकिल सवार गिर गया। पुलिस ने पकड़कर पूछताछ की तो उसने अपना नाम सलीम पुत्र मो. इदरीष मूल निवासी- ग्रा. कल्हेड़ी, पो. अलीपुर हिडदा थाना नजीबाबाद, बिजनौर उत्तर प्रदेश बताया तथा वाहन को चोरी का होना बताया, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ के दौरान बताया कि वह दो अन्य वाहन जो जैन प्लाट में एक खडहर में झाड़ियों में छुपा कर रखा है। इन दोनो वाहनों के सम्बन्ध में थाने पर कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं होने के कारण दोनों वाहनों को सीआरपीसी के तहत पुलिस ने अपने कब्जे ले लिया। पुलिस ने थाने पर अरोपी से विस्तृत पूछताछ की तो उसने कुल सात वाहनों का चोरी करना स्वीकार किया तथा चोरी किये गये वाहनों को माजरी, भानियावाला देहरादून में मोटर साईकिल रिपेयरिंग की दुकान चलाने वाले मो. अहमद जिसकी दुकान अहमद ऑटो रिपेयरिंग के नाम से मंगल पेट्रोल पम्प के पास है, को चोरी के वाहन बेचना बताया।

पुलिस ने सलीम की निशानदेही पर अहमद की दुकान से दो मोटरसाइकिल जिसमें से 1 वाहन जिसके सम्बन्ध में थाना रायपुर में मामला पंजीकृत है। शेष वाहन के सम्बन्ध में पूछने पर अभियुक्त अहमद के द्वारा दो वाहन जिसमें एक स्पेलेन्डर मोटरसाइकिल व एक अन्य वाहन कबाड़ी का काम करने वाले जहीर अहमद को बेचना बताया। एक स्पेलेन्डर वाहन के दोनों पहिए जो कि बेचने के लिए रखे थे को बरामद किया गया है। 

गौ-गंगा-गायत्री की रक्षा का संतों ने लिया संकल्प

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ऋषिकेश, गीता आश्रम इंटरनेशनल ट्स्ट के योगीराज स्वामी शांतानंद सरस्वती की पुण्यतिथि के अवसर पर संतों ने उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के उपरांत गौ-गंगा-गायत्री की रक्षा का संकल्प लिया।

सोमवार को गीता आश्रम में आयोजित ब्रह्मलीन स्वामी योगीराज स्वामी शांतानंद की पुण्यतिथि आश्रम के महंत स्वामी स्वधर्मानंद की अध्यक्षता में आयोजित संतों ने अपने संबोधन में कहा कि आज गो-गंगा-गायत्री की रक्षा करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। हालांकि केंद्र सरकार नमामि गंगे योजना के तहत गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाए जाने के लिए संकल्पित है लेकिन बिना जन सहयोग के गंगा स्वच्छ नहीं हो सकती जिसमें संतों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

स्वामी शांतानंद ने कहा कि वह अपने धर्म प्रचार के दौरान गंगा की स्वच्छता के लिए लोगों को जागरुक करें, इसी के साथ गायों की रक्षा के लिए भी संतों को एक बार फिर सजग रहने की आवश्यकता है। क्योंकि आज भी जगह-जगह खुले कत्लखानो में हजारों पशुओं की निर्मम हत्या की जा रही है। जिन्हें बचाया जाना अत्यंत आवश्यक हो गया है नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा, कि हम अपनी संतान को गाय के दूध के लिए भी तरस जाएंगे।

इसी के साथ संतों ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाए जाने की बात भी कही। स्वधर्मानंद ने अपने संबोधन में कहा कि आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी वेदब्यासानंद ने भारत ही नहीं विश्व में गीता के प्रचार-प्रसार में बहुत ही योगदान दिया है। उन्हीं से प्रेरणा लेकर योगीराज स्वामी शांतानंद सरस्वती ने भी उनके पद चिन्हों पर चलकर गीता के प्रचार प्रसार पर जोर दिया है। इसी के अनुरूप आज भी गीता के प्रचार-प्रसार में गीता आश्रम पूरे तन मन से लगा है। 

हिंदू जागरण मंच युवा वाहिनी ने भंसाली का पुतला फूंका

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ऋषिकेश,  संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर विरोध तेज हो गया है। हिन्दू जागरण मंच की युवा वाहिनी ने घाट चौराहे पर जोरदार प्रदर्शन कर फिल्म का विरोध किया और ऋषिकेश मे फिल्म न चलाने की चेतावनी दी। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली का पुतला भी फूंका।

राजपूतों के इतिहास को लेकर विवादों से घिरी फिल्म ‘पद्मावत’ से सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाते हुए रिलीज करने का निर्णय सुनाया था। 25 जनवरी को देश भर के सिनेमाघरों में फिल्म को रिलीज किया जाना है। जिसको लेकर देश के विभिन्न स्थानों पर एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन के दौर तेज हो गए हैं। इसकी तपिश धर्मनगरी मे भी महसूस की गई।

हिन्दू जागरण मंच की युवा वाहिनी के नगर महामंत्री नीटू शर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या मे कार्यकर्ता हरिद्वार रोड़ स्थित पुरानी चुंगी पर एकत्र हुए जहां से रैली निकाल प्रदर्शन किया। घाट चौक पर कार्यकर्ता ने भंसाली के पुतले को अग्नि के हवाले किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए हिजांम के प्रदेश उपाध्यक्ष सतवीर तोमर ने कहा कि, फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिससे हिन्दू संस्कृति को भी नुकसान पहुंचा है, इस फिल्म को यहां नही चलने दिया जाएगा।

30 अप्रैल, 4.30 प्रातः को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

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30 अप्रैल 4.30 प्रातःको खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, आज नरेंद्रनगर राजमहल में बोलांदा बदरी टिहरी नरेश महाराजा मनुजेंद्र शाह ने बसंत पंचमी के पावन पर्व पर पंचाग व गणेश पूजा के उपरांत की कपाट खुलने की तिथि की घोषणा करी।

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उत्तराखण्ड में बसंत अपने साथ कई उम्मीदों को लेकर आता है जिसमें सबसे बड़ी उम्मीद चार-धाम यात्रा का प्रमुख स्थान श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि की घोषणा का दिन भी है। ये परम्परा प्राचीन काल से उत्तराखण्ड में चली आ रही है जिसे गढ़वाल का राजवंश बड़ी सिद्धत के साथ निभाता है। बसंत पंचमी का दिन नरेंद्रनगर राजमहल के लिये खासा महत्वपूर्ण होता है। राज परिवार का मुखिया विधिवत पूजा अर्चना के साथ कपाट खुलने की तिथि  घोषणा करता है ओर राजपुरोहित पंचांग और महाराजा की जन्मपत्री देख कर बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का शुभ मुहर्त निकालते है। साथ ही गाडू-घडी की तिथि की भी घोषणा आज के ही दिन की जाती है जोकि इस साल 7 अप्रैल है। टिहरी राजदरबार में महारानी व अन्य सुहागिन महिलाओं के द्वारा भगवान बदरी विशाल के लिए तिलों का तेल बनाया जाता है। आज राजदरबार में महारानी व टिहरी सांसद माल्या राज लक्ष्मी, बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल आदि मौजूद थे।

उत्तराखंड के चारधामो में एक प्रमुख धाम भगवान विष्णु के वास बद्रीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल  ब्रह्म मुहर्त पर सुबह 4.30 मिनट को खुलेंगे। टिहरी राजवंश, बसंत पचमी के दिन विधिवत पूजा-अर्चना के साथ तिथि की घोषणा करता है। टिहरी के राजा को बोलंदा बद्री की उपाधि से नवाजा गया था, सदियों से राजपरिवार इस परंपरा को निभाता आ रहा है। सुबह से ही राजमहल में बद्रीनाथ केदारनाथ समिति और डिमर गाँव से आये पुजारी गाडू-घडी लेकर आते है।

श्रधालुओ के लिए सुबह से ही नरेंदर नगर राजमहल में दूर-दूर से आये भक्तो में तिथि खुलने के लिए उत्साह देखने लायक होता है।  बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र डोंडरीयाल ने बताया कि, “2017 की ही तरह इस बार भी चार धाम यात्रा से राज्य को बड़ी उम्मीद है, जिसके लिए हर तरह की तैयारी की जा रही है और सुविधाओ पर जोर दिया गया है जिस से तीर्थ यात्रियों को सुविधा मिल सके।”

2017 की यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ तीर्थयात्री देश विदेश से आए थे इस बार भी उम्मीद की जा रही है की 2018 की यात्रा भगवान बद्रीविशाल के दर्शनों के लिए शुभ और सुरक्षित होगी।