गोपेश्वर। मनरेगा में कार्य न होने पर चमोली जिले के दशोली विकास खंड के प्रधानों ने बीडीओ कार्यालय पर शनिवार को तालाबंदी कर एक दिवसीय धरना दिया।
प्रधान संगठन दशोली का आरोप है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने को है लेकिन अभी तक मनरेगा ने ग्राम पंचायतों में प्रस्तावित तथा अनुमोदित कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जिससे प्रधानों में भारी रोष व्याप्त है। कई बार इस संबंध में प्रशासन को लिखा गया है लेकिन जब कोई सुनवाई नहीं की जा रही है तो मजबूरन प्रधानों को तालाबंदी और धरना देने को मजबूर होना पड़ रहा है। प्रधानों ने धरने के माध्यम से एक ज्ञापन जिलाधिकारी को भी दिया, जिसमें मांग की है कि मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में प्रस्तावित कार्यों को शीघ्र शुरू किया जाए। धरना देने वालों में प्रधान संगठन के अध्यक्ष रविंद्र सिंह नेगी, अयोध्या हटवाल, आशा देवी, नरेंद्र लाल, मंजूदेवी आदि शामिल रहे।
मनरेगा में कार्य न होने पर प्रधानों ने बीडीओ कार्यालय पर दिया धरना
गणतंत्र दिवस समारोह से नदारद रहे अधिकारियों पर होगी कार्रवाईः सीएम
देहरादून। 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड ग्राउण्ड में आयोजित ध्वजारोहण एवं परेड कार्यक्रम के अवसर पर शासन एवं प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मौजूद रहने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कुछ अधिकारी अनुपस्थित रहे।
सीएम ने ऐसे अधिकिरियों के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं। इससे पूर्व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुछ अधिकारियों के अनुपस्थित पाए जाने पर भी मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि राष्ट्रीय पर्वों पर अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों का स्पष्टीकरण लिया जाए। संतोषजनक जबाब न मिलने पर उनके खिलाफ कारवाई करने को भी कहा। मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर होने वाले ध्वजारोहण समारोहों में सभी अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहेंगे और जो अधिकारी उपस्थित नहीं रहे, उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी
सीमांत के गांवों का दर्द सुनने वाला नहीं कोई
हम बात कर रहे हैं भारत और नेपाल के पहाड़ी जिलों के बीच आवागमन की सुविधाओं की कमी की जहां मजबूरी में आज भी लोग खतरनाक तरीकों से दोनों देशों के बीच सीमा बनाने वाली काली नदी को पार करने को मजबूर हैं। इस नदी पर कई स्थानों पर नए पुल बनाने के प्रस्ताव वर्षो से लटके हुए हैं। भारत और नेपाल दोनों देशों के सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की एक दूसरे देशों में रिश्तेदारियां हैं। कारोबार भी साझा है। भारत से कई वस्तुएं नेपाल जाती हैं तो कई नेपाल से भारत आती हैं। इसी से लोगों की रोजी रोटी चलती है। इस क्षेत्र में सीमा बनाने वाली काली नदी में गब्र्याग के पास सीता पुल, धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीवी और झूलाघाट में आवाजाही के लिए झूलापुल बने हुए हैं, लेकिन लगभग 150 किमी. लंबी इस सीमा में मात्र पांच स्थानों से ही आवाजाही की सुविधा लोगों पर भारी पड़ रही है। मजबूरी में लोग नदियों में ट्यूब डालकर आवागमन कर रहे हैं।
भले ही तस्कर भी इसका फायदा उठाते हैं। सुरक्षा बलों की नजर से दूर ऐसे क्षेत्रों से जमकर माल की तस्करी होती है। इन खतरनाक तरीकों से नदी पार करने के चलते कई बार दुर्घटनाएं होती रहती हैं और लोग मारे जाते हैं, बावजूद इसके दोनों देशों ने अब तक सीमा पर पुलों की संख्या बढ़ाने के लिए कोई पहल नहीं की है। इस सीमा में ऐलागाड़ और सुनसेरा में झूलापुल के साथ ही झूलाघाट में मोटर पुल का प्रस्ताव वर्षो पूर्व बन चुके हैं।
लेकिन दर्जन भर से अधिक गांवों की यही परेशानी है कि समय पर उन्हे चिकित्सा सुविधा भी नहीं मिल पाती है और लोगों को कई किलोमीटर का रास्ता तय कर अपने काम करने पडते है, कई बार सरकार और शासन को अपना दर्द बयां कर चुके इन गांवों का दर्द आज तक किसी ने नहीं समझा।
डब्ल्यूआईसी इंडिया में ‘शाम-ए-अदब‘ कार्यक्रम में बही देशभक्ति की बयार
27 जनवरी, देहरादून- डब्ल्यूआईसी इंडिया में गणतंत्र दिवस की संध्या में ’शाम-ए-अदब’ पोएम्स फाॅर इंडिया कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 69वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर गणतंत्र दिवस की शाम डब्ल्यूआईसी इंडिया देशभक्ति कविताओं से सराबोर रहा।
इस अवसर पर कार्यक्रम में वक्ता अतिथि के रूप में डाॅ. मोहम्मद हमाद फ़ारूखी उपस्थित रहे। डाॅ. फ़ारूखी द दून स्कूल के फैकल्टी मेंबर है। उन्होंने स्थानीय व राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू में 170 से अधिक नाटकों का निर्देशन किया है। डाॅ. फारूखी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने व राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुयी। कार्यक्रम का संचालन महिमा थापा ने किया।
‘द बैनियन ट्री‘ व परिचय बैंड‘ ने देशभक्ति गायन से खूब तालियां बटोरी। इसके अलावा आसरा ट्रस्ट, सेवन ओक्स स्कूल, यूपीईएस, दून यूनिवर्सिटी सहित कई अन्य स्कूल के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति कविताओं से उपस्थित लोगों का दिल जीता।
ओशिन ने बीते हुए मौसम के वे गीत मुझे बहुत याद आते हैं, विकास ने क्रान्तियों व आंदोलनों को ‘ज्वाला यूं धधक रही’ कविता की प्रस्तुति दी। उसके बाद द बैनियन ट्री बैंड ने ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’, ‘ऐ मेरे वतन के लोगों‘ गीत की प्रस्तुति से शहीदों को याद किया।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए आसरा ट्रस्ट की मुस्कान, आरजू़, तमन्ना, साहिल, शिवांशु, शिवानी ने देशभक्ति कविता पाठ से अपने भाव व्यक्त किये।
इसके अलावा पूजा, अनन्या, प्रेरणा, शगुन, शोभित, गौतम, सौम्या ने देशभक्ति कविताओं से उपस्थित लोगों व छात्रों में जोश भरा। यूपीईएस के छात्र हर्ष ने मेरी आंखों की चमक में पूरा जहां दिखता है चाहे कितना भी कैद रखलो परिंदों को उन्हें सिर्फ आसमां दिखता है कविता से सभी खूब वाहवाही लूटी।
‘हर तरफ लग रहा जयहिंद का नारा’, ’ये भारत देश हमारा है’, ‘बेड़ियों में बंधी मेरी मतातृभूमि को देख’, आदि कविताओं की प्रस्तुति ने लोगों को भाव-विभोर किया। उसके बाद परिचय बैंड ने ‘वंदे मातरम व मां तुझे सलाम’, आदि गीतों की शानदार प्रस्तुति दी।
सेवन ओक्स स्कूल के छात्रों द्वारा ‘भारत हमको जान से प्यारा है’ गीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।डब्ल्यूआईसी इंडिया की प्रेजीडेंट नाज़िया युसूफ इजुद्दीन ने कहा कि, “डब्ल्यूआईसी इंडिया दूनवासियों के साथ संस्कृति को समृद्ध रखने के लिए प्रयासरत है।”
43 लाख के झंडे से मनाया किच्छा में गणतंत्र दिवस
देश में आज जहा 69 गणतंत्र दिवस बड़े ही धूमधाम से मना रहा है। देश भर में समृद्ध गणतंत्र की शान में अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।इधर उत्तराखंड के उधमसिंहनगर के किच्छा में गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर सूबे में गजब की ऊंचाई पर बड़ा तिरंगा लहराया गया।
नगर पालिका किच्छा ने स्थानीय इंदिरा गांधी स्टेडियम में कई खासियतों वाले तिरंगे को फहराया। गौरतलब है कि नगर पालिका किच्छा ने 153 फुट ऊंचांई पर 30 × 45 मीटर लंबाई चौड़ाई वाले तिरंगे को रिमोट के जरिए फहराया गयहै। जिले के कप्तान सदानन्द दाते ने रिमोट बटन दबाया। इस शानदार दृश्य को देखने के लिए हजारों की तादाद में लोग जुटे।जैसे ही तिरंगा हवा में लहराया इंदिरागांधी स्टेडियम भारत माता के जयकारे से गूंज उठा।
बताया जा रहा है कि सूबे के कुमाऊं मंडल में इससे ऊंचा झंडा किसी भी इलाके में नहीं फहराया गया। आपको बता दें कि इससे पहले उधमसिंहनगर के जसपुर नगर पालिका में भी 110 फिट ऊंचे तिरंगे झंडे को फहराया जा चुका है।
बहरहाल दिलचस्प बात ये है कि इस बड़े और ऊंचे तिरंगे को लहराने की लागत 43 लाख रुपए आई है।
तीर्थ नगरी मे कोहरे की सफेद घनी चादर ने किया राष्ट्रीय पर्व का इस्तकबाल
ऋषिकेश, कोहरे की सफेद घनी चादर ने किया गणतंत्र दिवस का स्वागत। राष्ट्रीय पर्व के मौके पर बदले हुए मौसम के चलते कड़ाके की सर्दी में बच्चे कांपे और बुजुर्ग बुरी तरह से ठिठुरते दिखे।
गढ़वाल के मुख्य द्वार कहे जाने वाले ऋषिकेश में आज गणतंत्र दिवस के मौके पर मौसम के मिजाज ने एक बार फिर से करवट बदली। पौ फटने के बाद ही समूची तीर्थनगरी घने कोहरे की सफेद चादर में सिमटती हुई नजर आई, जिसके बाद शीत लहर भी शुरू हो गई। कोहरे का प्रभाव इतना जबरदस्त था कि यातायात व्यवस्था में भी इसका असर देखने को मिला और कम विजुअलटी की वजह से वाहनों की रफ्तार पर भी दिन भर अंकुश लगा रहा। जानकारों की मानें तो पिछले एक दशक में गणतंत्र दिवस के मौके पर आज सबसे ठंडा दिवस रहा। दिनभर सूर्य देव के दर्शन ना होने की वजह से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। खास तौर पर स्कूली बच्चों को आज बेहद दुश्वारियां झेलनी पड़ी, लेकिन इसके बावजूद भी बच्चों में देश प्रेम का जज्बा देखने लायक था। महत्वपूर्ण यह भी है कि बसंत पंचमी पर्व के बाद से ऋषिकेश में मौसम ने यू टर्न ले रखा है, इसकी झलक आज गणतंत्र दिवस के मौके पर भी दिखाई दी।
खाई में गिरी कार शिक्षक की मौत
अल्मोड़ा- हल्द्वानी से मुनस्यारी की ओर जा रही आल्टो कार अचानक अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गयी, जिससे उसमें सवार एक शिक्षक की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि शिक्षक का बेटा गम्भीर रुप से घायल है, बताया जा रहा है कि घटना धौलछीना के पहलेपल्लू बैंड के पास की है जहां खाई में गिरने से हादसा हुआ।
हद्वानी से मुन्स्यारी लौटते हुए धौलछीना के पहले पल्लू बैंड के पास एक आल्टो कार खाई में पलट गई। इसमें अध्यापक भुवनचंद्र की मौत हो गई, जबकि उनके 15 वर्षीय एकलौते बेटे लोकेश को गंभीर चोट आई है। मौके पर पहुंचे एसडीएम सदर विवेक रॉय ने बताया कि लोकेश को बेस अस्पताल अल्मोड़ा में भर्ती कराया गया है। वहीं मृतक के परिजनों को सूचना दे कर बुलवा दिया गया है।
गणतंत्र दिवस के दिन शहीद जगदीश पुरोहित की अंतिम विदाई
कश्मीर की कृष्णा घाटी में शहीद हुए चमोली जिले के गंडासू गांव निवासी शहीद जगदीश पुरोहित की उनके पैतृक घाट पर सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी।
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। कहा कि शहीद की शहादत ब्यर्थ नहीं जाएगी। देश सदैव उनका ऋणी रहेगा। शहीद जगदीश पुरोहित के फौजी पिता से विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल ने मुलाकात की। ढाढस बधाया।शहीद जगदीश पुरोहित को गणतंत्र दिवस के दिन अंतिम विदाई दी गयी। उनके फौजी पिता गोविंद प्रसाद पुरोहित, भाई और सैन्य अधिकारियों समेत भारी संख्या में लोगों ने शहीद को नमन किया। पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीवारी में चमोली के जगदीश पुरोहित घायल हो गए थे। बाद में उपचार के दौरान राजौरी सेना अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गयी थी।
पार्थिव शरीर सेना के विशेष विमान से गुरुवार को जिला मुख्यालय गोपेश्वर में पहुंचा था। उधर, पिता गोविंद प्रसाद पुरोहित जो सेवानिवृत फौजी का कहना है कि सीमा पर पाकिस्तान सेना की गोली से जाने कितने सैनिक शहीद हो गये हैं। उनमें मेरा बेटा भी शामिल हो गया। यही हालत रहे तो जाने कितने और शहीद होंगे। पाकिस्तान को उसकी ही भाषा में जबाव देना चाहिए, जैसा इंदिरा जी ने किया था। मोदी जी को इंदिरा जी से प्रेरणा लेनी चाहिए। उधर, गंडासू गांव में मातम पसरा है। पिता के अनुरोध पर शहीद के पार्थिव शरीर को पहले उनके गांव ले जाया गया, जो सड़क से एक किमी दूरी पर है।
शहीद जगदीश पुरोहित का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर सेना के विशेष विमान से बाहर ससम्मान गढ़वाल राइफल्स और गढ़वाल स्काउट के जवानों अधिकारियों को उतार कर कंधे पर रखा तो स्टेडियम जहां पर यह विमान उतरा हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने पाकिस्तान विरोधी नारे व जगदीश अमर रहे के नारे लगाये तो पूरा नगर गुंजायमान हो गया। पूरा नगर पाकिस्तान के विरोध में गुस्साया नजर आया।
आपको बतादें कि शहीद जगदीश पुरोहित के पिता 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए युद्ध में भारत की सेना के सिपाही के रूप में जंग जीत चुके है। कहा कि 71 की लडाई में हमने पाकिस्तान में अंधेरा मचा दिया था। ऐसा सैन्य बल हमारा है। कहा कि यदि पाकिस्तान को सबक न सीखाया गया तो न जाने कितने लोग सीमा पर शहीद होंगे।
आईटीबीपी के जवानों के साथ मुख्यमंत्री ने बनाया गणतंत्र दिवस
लिंक 12 घंटे लेट, दून काठगोदाम रिशेड्यूल
देहरादून, लंबी दूरी की गई रेल गाड़ियां अपने तय समय से घंटों विलंब देहरादून पहुंची। जिस कारण दून काठगोदाम को रिशेड्यूल किया गया है। ट्रेनों को विलंब पहुंचने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने बताया कि, “मैदानी इलाकों में पड़ रहे कोहरे के कारण ट्रेनें अपने तय से काफी विलंब चल रही है। इलाहाबाद से चलकर देहरादून आने वाली लिंक एक्सप्रेस 12 घंटे देरी से चल रही है। उन्होंने बताया कि लिंक के लेट होने के कारण दून काठगोदाम को रिशेड्यूल किया गया है।”
दून काठगोदाम का यहां से खुलने का समय रात्री 22:55 मिनट पर है लेकिन अब वह 27 जनवरी को 3:55 मिनट पर रवाना होगी। वहीं हावड़ा दून एक्सप्रेस अपने तय समय से पौने चार घंटे विलंब से पहुंची, जबकि अमृतसर से चलकर देहरादून आने वाली लाहौरी एक्सप्रेस 3:30 मिनट की देरी से आई।
दिल्ली रोहिला सराय से चलकर देहरादून आने वाली मसूरी एक्सप्रेस दो घंटे तो नंदा देवी एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस अपने तय से एक-एक घंटे लेट पहुंची। करतार सिंह ने बताया कि देहरादून काठगोदाम को छोड़ अन्य गाड़ियां समय से रवाना किया जा रहा है।