Page 190

पद्मावत पर हिंसा से निपटने में नाकाम रहने पर चार राज्यों के खिलाफ 29 को सुनवाई

0
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, फिल्म ‘पद्मावत’ के विरोध के नाम पर कानून-व्यवस्था बिगाड़ रहे लोगों से निपटने में नाकाम रहने पर सुप्रीम कोर्ट में दो अवमानना याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर सुनवाई के लिए कोर्ट तैयार हो गया है। एक याचिका कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला ने दायर की है जबकि दूसरी याचिका मुंबई के वकील विनीत ढांडा ने दायर की है। सुप्रीम कोर्ट दोनों याचिकाओं पर 29 जनवरी को सुनवाई करेगा ।

तहसीन पूनावाला ने चार राज्य सरकारों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का केस चलाने की मांग करने वाली याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात में लगातार हिंसा की घटनाएं हो रही हैं । राज्य सरकारें पूरी तरह इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है । पूनावाला ने अपनी याचिका में मांग की है कि इन राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी को कोर्ट में तलब किया जाए।

दूसरी याचिका मुंबई के वकील विनीत ढांडा की ओर दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि फिल्म को सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज करने को हरी झंडी देने के बावजूद हिंसा हो रही है। ढांडा ने करणी सेना के तीन नेताओं- सूरजपाल, कर्ण सिंह और लोकेंद्र सिंह कालवी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला चलाने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट अपने पहले के आदेश में राज्यों को कानून-व्यवस्था अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म को रोकने की मध्य प्रदेश , राजस्थान और करणी सेना की याचिका को भी खारिज कर दिया था । कोर्ट ने कहा था कि कुछ संगठनों की धमकी पर हम सुनवाई नहीं कर सकते हैं।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निकाली गई जागरुकता रैली

0

गोपेश्वर, राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों के साथ ही अधिकारियों ने गोपेश्वर मुख्य बाजार से जीआईसी गोपेश्वर तक जागरुकता रैली निकाली। जीआईसी में सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मतदान के बारे में जागरूक करते हुए चयनित युवा मतदाताओं को जिलाधिकारी ने वोटर कार्ड वितरित किये।

क्लेक्ट्रेट परिसर तथा जीजीआईसी में जिलाधिकारी चमोली आशीष जोशी ने लोकतांत्रिक मतदान में सहभागिता के प्रोत्साहनार्थ सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शपथ दिलायी। तहसील कार्यालयों और विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक मतदेय स्थलों, शिक्षण संस्थानों में भी 8वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस को भव्य रूप से मनाकर लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया गया।

नोडल अधिकारी स्वीप डॉ एमएस सजवाण तथा सहायक नोडल अधिकारी योगेश धसमाना ने बताया कि, “दिव्यांग मतदाताओं को सुगम निर्वाचन सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘सुगम निर्वाचन‘ रखी गयी है।” बताया कि मतदाता सूची में इस वर्ष बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र से 226 पुरुष व 186 महिला, कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से 76 पुरुष व 168 महिला तथा थराली विधानसभा क्षेत्र से 145 पुरुष व 140 महिला मतदाता सहित कुल 941 मतदाताओं के नाम शामिल हुए है।

इस प्रकार नये मतदाताओं को शामिल करते हुए जिले में विधानसभा क्षेत्र बद्रीनाथ से अब 51,856 पुरुष, 48,078 महिला कुल 99,934, थराली विधानसभा क्षेत्र में 50,949 पुरुष व 48,237 महिला कुल 99,186 तथा कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में 46,128 पुरुष व 45,599 महिला कुल 91,727 मतदाता निर्वाचन सूची में शामिल हो गये है। 

कार्बेट में तीन हथिनी रिटायर्ड और दो का नामकरण संस्कार

0

रामनगर- कार्बेट में कार्यरत तीन मादा हाथियों की विदाई सभी को रुला देने वाली थी, माहौल एसा था मानो कोई आम आदमी का रिटायरमेंट हो रहा हो, और जलसा एसा कि सभी देख कर दंग थे, क्योकि तीन मादा हाथियों की विदाई के साथ ही दो नये हाथी के बच्चों का नामकरण संस्कार भी इसी मौके पर किया गया, और वो भी सूबे के वन मंत्री और कार्बेट के अधिकारियों के समक्ष।

गौरतलब है कि कॉर्बेट पार्क में सेवा करने वाली लक्ष्मा, सोनकली व पवनपुरी नाम की तीन मादा हाथी की सेवानिवृत्ति का माहौल देख सभी दंग थे. लोग भावुक होकर विदाई समारोह को देख रहे थे वहीं दुसरी ओर जश्न भी था दो हाथियों के बच्चों के नामकरण का, जिसे देखने को लोग उमड पडे थे,वन मंत्री हरक सिंह रावत व वरिष्ठ वनाधिकारियों की मौजूदगी में तीनों मादा हाथियों को भावभीनी विदाई दी गई।

आयोजन कार्बेट के धनगढ़ी गेट पर किया गया जहां पहली बार एसा देखने को मिला कि हाथियों की विदाई और नामकरण संस्कार का उत्सव एक साथ। इस अवसर पर साक्षी बने खुद वन मंत्री रावत ने कहा कि, “प्रदेश में पहला मामला है जहां हाथियों को भी 65 साल की उम्र में सेवा से मुक्त कर सम्मानजनक विदाई दी गई है। इतना ही नहीं राजाजी टाइगर रिजर्व में दो हाथियों के बच्चों का नामकरण संस्कार भी किया गया।” 

बेहतर सेवाओं के लिए राष्ट्रपति से सम्मानित होंगे उत्तराखंड पुलिस के जवान

0

भारत के राष्ट्रपति द्वारा गणतन्त्र दिवस-2018 के अवसर उत्तराखण्ड पुलिस के निम्नलिखित अधिकारियों/कर्मचारियों को विशिष्ट सेवाओं के लिए “राष्ट्रपति का पुलिस पदक” एवं सराहनीय सेवाओं के लिए “पुलिस पदक”  से सम्मानित किये जाने की घोषणा की गई हैः-

विशिष्ट सेवा के लिए “राष्ट्रपति का पुलिस पदक”  (President’s Police Medal for Distinguished Service)

  •  बसन्ती लाल मधवाल, पुलिस उपाधीक्षक, जनपद ऊधमसिंहनगर।
  • सराहनीय सेवा के लिए “पुलिस पदक” (Police Medal for Meritorious Service)
  • कान्ति बल्लभ पाण्डे, सहायक सेनानायक,46वीं वाहिनी पीएसी,रुद्रपुर।
  • गोपाल सिंह दसौनी, निरीक्षक नागरिक पुलिस, पुलिस मुख्यालय देहरादून।
  • सुन्दर सिंह प्लाटून कमाण्डर विशेष श्रेणी 2026, 46वीं वाहिनी पीएसी, रुद्रपुर।
  • महेश कुमार जोशी, उ0नि0 विशेष श्रेणी ना0पु0 पुलिस मुख्यालय देहरादून।
  • चन्द्रपाल, हेड कान्स0 2059, 46वीं वाहिनी पीएसी रुद्रपुर।

विधायक जोशी ने दो प्राथमिक विद्यालयों को भेंट किए कम्प्यूटर

0

देहरादून। मसूरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक गणेश जोशी ने गल्जवाड़ी में राजकीय प्राथमिक विद्यालय इंदिरा नगर एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिगली को गुरुवार को एक-एक कम्प्यूटर प्रदान किया। साथ ही विद्यालय के 40 बच्चों को ड्रेस वितरित किया।
विधायक गणेश जोशी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भाजपा का लक्ष्य समाज के अंतिम परिवार के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचकर जनता की समस्याओं को दूर किया जाना है। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं द्वारा अत्यधिक सक्रियता के साथ कार्य किये जाते हैं। विधायक जोशी ने अपनी घोषणा को दोहराते हुए कहा कि मसूरी विधानसभा क्षेत्र का कोई भी बच्चा स्कूल में जमीन में नहीं बैठेगा। उन्होंने बताया कि अब तक मसूरी क्षेत्र में विद्यालयों में फर्नीचर की 90 प्रतिशत से अधिक पूर्ति की जा चुकी है और मात्र 1532 सेट फर्नीचर ही विद्यालयों को उपलब्ध कराये जाने हैं।
विधायक जोशी ने कहा कि हमेशा सरकार के तरफ देखने से कुछ नहीं होने वाला, यदि हम सक्षम हो तो हमें अपने व्यक्तिगत प्रयासों से भी जनसेवा करनी चाहिए। इस मौके पर भाजपा नेता दीपक पुण्डीर के कार्यो की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से आज देश में बड़ी क्रांति हो रही है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजीटल इण्डिया कार्यक्रम को भी बल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि देश के भविष्य के निर्माण एवं समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए कार्य करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने राजकीय प्राथमिक विद्यालय सिगली में बच्चों को कोट एवं दो आगनबाड़ी केन्द्रों में 20 सेट फर्नीचर देने सहित टिन शेड़ निर्माण की घोषणा भी की। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका दमयंती रावत ने विधायक जोशी का आभार व्यक्त किया।

सुरक्षा के लिए भारत नेपाल सीमा सीज

0
oli

खटीमा, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गणतंत्र दिवस की तैयारियों के मध्येनजर भारत-नेपाल सीमा सीज कर दी गयी है। साथ ही सतर्कता बढ़ाते हुए सुरक्षा के चाक-चौबंद प्रबंध किए गए है। पुलिस, एसएसबी एवं खुफिया एजेंसियां सीमा क्षेत्र पर कड़ी निगाह रखे है। संदिग्ध व्यक्तियों पर निगाह रखने के साथ ही वाहनों की तलाशी भी ली जा रही है।

आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस पर नेपाल सीमा सील कर दी गयी है। पूरे सीमा क्षेत्र में जगह-जगह पुलिस एवं एसएसबी के जवानों ने गश्त बढ़ा दी है। सीमांत क्षेत्र में स्थित जंगलों में लगातार कांबिंग अभियान चलाया जा रहा है। वहीं गुप्तचर एजेंसियों को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए है।

नेपाल को जाने वाले बनबसा व मेलाघाट क्षेत्र के मार्गो पर कड़ी निगरानी की जा रही है। एसएसबी के साथ ही पुलिस-प्रशासन सभी मार्गो पर संदिग्ध व्यक्तियों को रोककर उनसे पूछताछ करने में जुटी हुई है।

मुर्दों का बीमा करने वाले पहुंचे हवालात

0

उधमसिंहनगर ,क्या कभी मुर्दे भी जिन्दा हो सकते है? क्या मुर्दे सरकारी दफ्तरों में जाकर खुद के जिन्दा होने के प्रमाण पत्र बना सकते हैं या ये कहें कि मुर्दों का भी बिमा हो सकता है? शायद ये सुनने में आपको भी अटपटा लगे, मगर जनपद उधमसिंहनगर के जसपुर में सब कुछ सम्भव है यहां ये सब कुछ हुआ है, वो भी सरकारी मुलाजिमों की मिलीभगत से, और मुर्दों का लाखों का बिमा कराकर मुर्दे फिर से जमींदोज हो गये और लाखों रुपये इस गैंग ने आपस में बांट कर जमकर एश उडाई, जिसका भाण्डा आखिर कार फूट गया और सबकुछ सामने आ गया।

मुर्दे जिन्दा हो गये बिमा कराने के लिए और फिर बीमे की रकम लेने के लिए कुछ ही महिनों में मुर्दे जमींदोज हो गये, जो बीमे की रकम मुर्दों के जिन्दा होने पर लगाई गयी उनके मरने पर मिल बांट कर सभी ने ठिकाने लगा दी, जी हां मुर्दों का बिमा।ये कारनामा किया है एक शातिर गैंग ने जिसने लाखों रुपयों का खेल खेला मुर्दों पर।
उधमसिंह नगर जिले में सब कुछ सम्भव है, कागजों का खेल इस कदर भी हो सकता है ये शायद किसी ने सोचा भी ना होगा, सरकारी दफ्तरों में कागजों का पेट भरने के लिए कुछ एसे प्रमाण पत्र बना दिये गये जिसमे मुर्दे को पहले तो जिन्दा दिखाया गया फिर उसके नाम पर लाखों का बिमा किया गया, यही नहीं फर्जीवाडा करने वालों ने कुछ माह तक बिमें की रकम भी अदा की, फिर उसी मुर्दे को मरा हुआ बताकर बिमें की रकम हडप ली।
ये खेल लम्बे समय से जिले के जसपुर क्षेत्र में चल रहा था, बिमे की रकम के बंदरबांट के इस खेल में परिवार के लोगों को भी शामिल किया जाता था, जिसका हिस्सा उनको भी दिया जाता था, मगर जिनको हिस्सा कम मिला उन्होने इसकी शिकायत पुलिस को की, वहीं जसपुर पुलिस ने अब तक दर्जन भर बिमा एजेन्टों को फर्जीवाडे में गिरप्तार कर लिया है, वहीं तहसील के कुछ कर्मचारियों को भी फर्जी प्रमाण पत्र बनाने पर गिरफ्तार कर दिया गया है, जबकि इस खेल का मास्टर माइऩ्ड पुलसि के अब हत्थे चढा है।
वहीं उच्च अधिकारियों के सामने पुरा मामला आने से सभी चकित थे, पुलिस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए इसकी जांच एसआईटी को सौंप दी थी, जिसमें एसआईटी को मास्टर माइऩ्ड की लम्बे समय से तलाश थी, आखिर पुलिस ने सर्गना को गिरफ्तार कर कई अहम सुराग भी फर्जी बिमा के मास्टर माइन्ड से उगलवाये है।
जुर्म के रास्ते कितने ही मखमली क्यों ना हो मगर खत्म जेल की कोठरी में ही होते है, मुर्दों को जिन्दा बताकर उनके फिर से मरने पर लाखों रुपये का केल खेलने वालों ने भी ये कभी सोचा भी ना होगा कि उनका ये खेल कभी जनता के सामने आयेगा, मगर जब उनके इस खेॆल से पर्दा उठा तो वो सभी बेनकाब हो गये जो मुर्दों के बिमे की रकम में सामिल थे, फर्जी बिमे के इस खेल के मास्टर माइन्ड सहित दर्जनों लोग अब हवालात में है, और जो रह गये थे पुलिस ने उनको भी जेल भेज दिया है।

युऐई उत्तराखंड परिवार मना रहा दुबई में उत्तराखंडी फूड फेस्टिवल

0

दुबई, ‘उत्तराखंडी फ़ूड फेस्टिवल’ और त्यौहार के आयोजन का मुख्य मकसद उत्तराखंड के व्यंजनों को बढ़ावा देना है और इन व्यंजनों के स्वाद से सभी लोगो को परिचित कराना है ।

पिछले 9 सालो से लगातार, युऐई में रह रहे उत्तराखंडी परिवार छबीस जनवरी को यह उत्सव मनाते आ रहे है। इस बार यह उत्सव मुशरिफ पार्क में बनाया जा रहा है, जिसमे तक़रीबन 400 से 500 सदस्य भाग लेंगे।

WhatsApp Image 2018-01-25 at 16.49.39 (1)

इस बार इस आयोजन को उत्तराखंड परिवार की ही एक टीम “खमीरा” को सौंपा गया है, जिसमे अध्यक्ष श्री शैलेन्द्र नेगी जी , एवं सांस्कृतिक प्रभारी श्रीमती लेखावती चौहान अपना सहयोग दे रहे हैं ।

न्यूजपोस्ट से बातचीत में दीप नेगी ने बताया कि, ”इस समय यूएई में मौसम बहुत अच्छा होता है,हम उत्तराखंडी सभी लोग एक पार्क में 26 जनवरी को इकट्ठा होकर यह इवेंट आयोजित करते हैं।आयोजक सदस्यों के साथ-साथ उनके परिवार के लोग भी आते हैं,जिसमें सभी कुछ ना कुछ पडाड़ी डिश बनाकर लाते है और एक दिन के लिए घर का स्वाद याद आ जाता है।”

आज जंहा सभी लोग अपने घर के स्वादिष्ट पकवानो को भूल रहे हैं, वंही ये पहल कंही न कंही नयी पीढ़ी के बच्चों, युवाओ को जोकि सात समंदर पार विदेश में है उनको पारम्परिक भोजन से अवगत कराती है। साथ ही साथ तीन सबसे स्वादिष्ट डिशेस को पुरस्कार भी मिलता है।

उत्सव में जो डिशेस आपको खाने को मिलेंगी उनमे से कुछ ये हैं ।

आलू की थेचवणि
आलू को झोल
भट्ट की चुर्काणी
फाणु
झंगोरा की खीर
पिंडालू की सब्जी
छंछ्या
कोदा की रोटी
घर्या पिस्युं लूण
स्वांली/लगड़ी
खुसका
बाल मिठाई
चैंसू
काफलु
मूली की थिचवानी
घर्या भात (मांड निकालिक)
पकोड़ा
पहाड़ी चरचरू -बर्बरू रायता
हरी भुज्जी
छेमी की दाल

तो लो, आ गया ना मुँह में पानी !! कुल मिलकर उत्तराखंड से सात समंदर पार रह रहे उत्तराखंडियों को ये उत्सव घर की याद जरूर दिला देता है।

संगीनों के साये में हुई उत्तराखंड में पद्मावत की स्क्रीनिंग

0

गुरुवार को राज्य में रिलीज़ हुई पद्मावत को लेकर उत्तराखंड पुलिस ने पहले ही सारी तैयारियां कर ली थी और गुरुवार को राज्य के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शांतिपूर्वक चली।

आपको बतादें की बीते मंगलवार को अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘पद्मावत’ के प्रर्दशन किये जाने पर तोड़-फोड़ आदि करने की विभिन्न सगठनों की धमकियों के चलते एक बैठक आयोजित की थी। बैठक में पुलिस महानिदेशक ने कहा था कि ”फिल्म के प्रदर्शन के दौरान हिंसा किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिस किसी व्यक्ति के द्वारा तोड़-फोड़ की कोई घटना किए जाने का प्रयास किया जाता है तो उसके विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करते हुये जेल भेजा जाएगा।”

अगर राज्य की बात करें तो पुलिस की तैयारियों की वजह से हर तरफ शांति रही।वहीं न्यूज़पोस्ट से बातचीत में एडीजी अशाोक कुमार ने कहा कि ”पद्मावत फ़िल्म की स्क्रीनिंग को लेकर पुलिस ने ज़ीरो टोलेरेंस की नीति पर काम किया है। हमने लोगों से भी शांति बनाये रखने की अपील की और नतीजतन राज्य में किसी भी तरह की कई अप्रिय घटना नही हुई।”

देहरादून और दूसरे जिलों के सिनेमाघरों के बाहर पुलिस व्यवस्था चौकस थी।हालांकि ऋषिकेश में फिल्म पद्मावत का विरोध हिंदू संगठनों ने रामा पैलेस पहुंच कर किया। प्रदर्शन करने वालों को पुलिस ने खदेड़ा। जिसके बाद फिल्म के प्रदर्शन का विरोध कर रहे हिंदू संगठनों के बीच 25 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने धारा 144 के उल्लंघन में गिरफ्तार किया।दूसरी तरफ न्यूज़पोस्ट से एसएसपी देहरादून ने बातचीत में बताया कि ”फिल्म पद्मावत के रिलीज पर होने वाले विरोध को लेकर पुलिस प्रशासन ने तैयारियां कर ली थी लेकिन शहर के सभी सिनेमाघरों में पहले दिन पद्मावत शांतिपूर्वक चली।उन्होंने कहा कि शहर में पुलिस हर तरफ तैनात थी लेकिन सब कुछ शांतिपूर्वक रहा।”

 

मंत्री प्रकाश पंत ने पेश की इंसानियत की मिसाल

0

हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार में आबकारी और वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने इंसानियत की मिसाल पेश की। प्रकाश पंत देहरादून से काशीपुर के लिए निकले थे कि तभी हरिद्वार-नजीबाबाद रोड पर उनके आगे चल रही गाड़ी के साथ भयानक हादसा हो गया। ये देखते ही मंत्री ने अपना काफिला रुकवाया और तुरंत लोगों की मदद की।

26814653_1603035119776030_4908489417237747333_n

प्रकाश पंत ने बताया कि ये हादसा लालढांग चौक के पास हुआ। हरिद्वार से उनकी गाड़ी के आगे एक रिटायर अधिकारी की गाड़ी चल रही थी, जिसे नजीबाबाद की तरफ से आ रही एक गाड़ी ने जबरदस्त टक्कर मार दी। प्रकाश पंत की मानें तो एक्सीडेंट इतना खतरनाक था कि गाड़ी खाई में जाकर गिरी। 
एक्सीडेंट देखकर मंत्री ने फौरन अपने काफिले को रुकवाया और तुरंत एम्बुलेंस को फोन कर मौके पर बुलाया। प्रकाश पंत एम्बुलेंस से खुद घायलों को लेकर हरिद्वार अस्पताल पहुंचे, जहां से उन्हें सहारनपुर के लिए रेफर किया गया। 

मंत्री प्रकाश पंत का ये काम बेहद काबिल-ए-तारीफ है। हालांकि, उनका कहना है कि उन्होंने मंत्री होने के नाते नहीं बल्कि इंसान होने के नाते अपना फर्ज निभाया और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। मंत्री ने कहा कि आम जनता को भी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का पालन करना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि हाईवे पर या किसी दूसरी जगह पर कोई भी एक्सीडेंट होता है तो घायलों की हरसंभव सहायता करें, इस बाबत उनसे पुलिसकर्मियों द्वारा कोई पूछताछ नहीं की जाएगी।