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आम लोगों के लिए 6 फरवरी से खुलेगा राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन

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नई दिल्ली, राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन इस वर्ष 6 फरवरी से आम लोगों के लिए खुलेगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 5 फरवरी को राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का उद्घाटन करेंगे।

राष्ट्रपति सचिवालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि राष्ट्रपति भवन ने तय किया है कि इस बार मुगल गार्डन 6 फरवरी से 11 मार्च तक जनता के लिए खुला रहेगा। राष्ट्रपति द्वारा मुगल गार्डन का उद्धाटन करने से एक दिन पूर्व अर्थात 4 फरवरी को मीडिया से जुड़े लोगों को मुगल गार्डन के पूर्वावलोकन के लिए आमंत्रित किया गया है।

मुगल गार्डन में विश्व के रंग-बिरंगे फूलों की छंटा देखने को मिलती है। हर वर्ष फरवरी- मार्च माह में यह अाम जनता के दर्शनार्थ खोला जाता है। नियमित रूप से बड़ी संख्या में लोग इसे देखने आते हैं।

आपको अपने गांव के और करीब ले जाएगा यह विडियो ”चलो पहाड़”

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‘चलो पहाड़’ दो मिनट का यह विडिया इन दिनों सोशल मीडिया फेसबुक पर खुब पसंद किया जा रहा है।विडियो को बनाने वाले 21 साल के संदीप रतूड़ी देहरादून के रहने वाले हैं और फिलहाल संदीप हैदराबाद से फिल्म मेकिंग की पढ़ाई कर रहे हैं और उसके साथ डायरेक्शन,एक्टिंग,एडिटिंग और फिल्मेकर भी है।

दून के निवासी का बनाया विडियो ‘चलो पहाड़’ एक छोटा सा विडियो है लेकिन वह अपने आप में एक बहुत बड़ी कहानी कहता है।सोशल मीडिया पर मशहूर विडियो की खास बात है यह कि इसको फोन से शूट किया गया है और बाद में इसमें एडिटिंग कर इसमे बैंकग्राउंड म्यूज़िक लगाया गया है। संदीप रतूड़ी दून इंटरनेशनल स्कूल के पढ़े हुए हैं और आजकल वह हैदराबाद से फिल्म की बारिकियां सीख रहे हैं।

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इस विडियो को उत्तराखंड के लोगों से खासी सराहना मिल रही है और केवल दो-तीन दिन में ही इस विडियो ने हजारों व्यू और लाइक्स अपने नाम कर लिए हैं। इस विडियो के बारे में न्यूजपोस्ट से बातचीत में संदीप ने बताया कि, “यू तो मैं अपनी पढ़ाई के लिए अपने घर से दूर हूं लेकिन दिल मेरा पहाड़ों में बसता है और जब भी मुझे समय लगता हैं मैं पहाड़ों में समय बिताना पसंद करता हूं।संदीप बताते हैं कि सर्दियों की छुट्टियां बिताने मैं लगभग दस साल बाद अपने नानी के घर जा रहा था जब मैने अपने फोन से छोटे-छोटे शॉट शूट किए।संदीप ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मैं इन विडियो का क्या करुंगा लेकिन मुझे शूट करना पसंद है तो बस मैं करता गया। ‘चलो पहाड़’ के बारे में संदीप कहते हैं कि, “यह एक बीस साल के लड़के की कहानी है जो एक दशक के बाद अपने गांव जाता हैं जहां लोग उसका स्वागत दिल खोल कर करते हैं।इस सफर को तय करते हुए वह अपनी बचपन की यादें ताज़ा करता हैं और बीच-बीच में लोगों से मिलता है जो लोग बहुत ही प्यार और सम्मान से उसका स्वागत करते हैं।

संदीप कहते हैं कि, “मुझे सच मे कोई आइडिया नहीं था कि मैं क्या करुंगा शायद इसलिए मैं अपने फोन से ही शूट करता रहा और बाद में एडिट करके फेसबुक पर लगाया।”

आपको बतादें कि इस विडियो की खास बात है लोगों का भाव जिस भाव से हर कोई संदीप का स्वागत कर रहा है वह वाकई बहुत निर्मल है और जो कोई भी अपने गांव सालों से नहीं गया उसे झकझोर देने वाला है।इस विडियो को शूट करने वाला रास्ता चारीगढ़ है जो चमियाल टिहरी गढ़वाल में आता है, जहां आज से दस साल पहले तक पहुंचने का कोई साधन नहीं था।इस विडियो के माध्यम से एक संदेश मिलता है कि अगर आप बहुत व्यस्त हैं और अपनी जिंदगी शहर में गुज़ार रहे हैं तो एक बार जरुर पहाड़ जाए, अपने गांव जाए, जहां आज भी कुछ नहीं बदला है। वहीं भाव,वही प्यार हर कोई उतना ही निर्मल है जितना पहले था।

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संदीप फिल्ममेकर होने के साथ-साथ एक थिएटर आर्टिस्ट भी हैं।संदीप कहते हैं कि, “हमारे देहरादून में थियेटर की कमी है,टैलेंट से भरा हुआ है शहर लेकिन थियेटर या कोई माध्यम ना होने की वजह से युवाओं को शहर छोड़ दिल्ली,हैदराबाद और दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। संदीप उत्तराखंड में थिएटर और फिल्मों के माध्यम से लोगों को जागरुक करना चाहते हैं और साथ ही गढ़वाली सिनेमा को एक परफेक्शन के साथ लोगों के सामने लाना चाहते है।संदीप कहते हैं, “जिस तरह मुझे अपने शहर को छोड़ कहीं और से थिएटर की शिक्षा लेेनी पड़ी वैसा ना हो इसलिए मैं अपना थिएटर शुरु करना चाहता हूं जिससे लोग अपने घर और शहर में रह कर थिएटर और फिल्म की बारिकियां सीख सकें।संदीप हर किसी को यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर आप सच में कुछ करना चाहते हैं तो इसके लिए बड़े कैमरे और इंस्ट्रूमेंट की जरुरत नहीं हैं आपको फोन आपके संदेश को पहुंचाने के लिए काफी है।”

 ‘चलो पहाड़’ हर एक ऐसे युवा की कहानी है जो सालों से अपने घर अपने गांव पहाड़ नहीं गया और इस विडियो को देखकर एक बाऱ फिर से उसके अंदर अपने पहाड़ जाने की लालसा पैदा हो जाती है।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने कहा, गुरु रविदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक

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नई दिल्ली,  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महान संत कवि गुरु रविदास की समानता, एकता और सामाजिक सौहार्द की शिक्षा और संदेश को आज भी प्रासंगिक बताते हुए देशवासियों को उनकी जयंती की शुभकामनाएं दी हैं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जारी शुभकामना संदेश में कहा कि सभी देशवासियों को गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं। समानता, एकता और सामाजिक सौहार्द की उनकी शिक्षा और सन्देश देश को प्रेरणा देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा ‘गुरु रविदास जी की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं। गुरु रविदास जी हमारी भूमि पर जन्मे सबसे महान संतों में से एक थे। वह समानता, न्यायोचित व दयालुपूर्ण समाज की स्थापना में विश्वास करते थे। उनकी शिक्षाएं शाश्वत हैं और समाज के सभी वर्गों के लोगों के लिए प्रासंगिक हैं।’ उन्होंने रविदास की कुछ पंक्तियां भी ट्वीट की हैं। गुरु रविदास ने कहा था, ऐसा चाहूं राज मैं जहां मिलै सबन को अन्न। छोट बड़ो सब सम बसै, रैदास रहै प्रसन्न।

मोदी ने एक अन्य ट्वीट संदेश में कहा, गुरु रविदास जी ने हमारे समाज में कई सकारात्मक बदलाव किए। उन्होंने उन प्रथाओं पर सवाल उठाया जो पुरानी और प्रतिगामी थी। उन्होंने लोगों को समय के साथ बदलने के लिए प्रेरित किया। उनकी समानता की भावना और समय के साथ आगे बढ़ना ही उन्हें महान बनाता है।

उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी सद्भाव और भाईचारे के मूल्यों में विश्वास रखते थे। वह किसी प्रकार के भेदभाव में विश्वास नहीं करते थे। जब हम ‘सबका साथ, सबका विकास’ के आदर्श वाक्य के साथ काम करते हैं, तो हम हर इंसान, खासकर गरीबों की सेवा करने के लिए गुरु रविदास जी से प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु रविदास जी के समृद्ध विचारों के मार्गदर्शन में, हम एक मजबूत, समावेशी और समृद्ध भारत का निर्माण करने के लिए चौबीस घंटे काम कर रहे हैं जहां विकास का फल सभी तक पहुंचता है और गरीबों को सशक्त बनाता है।

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा ‘गुरु रविदासजी को उनकी जन्म जयंती पर नमन। गुरुजी के आदर्शों ने हमारे समाज को एकता और समानता के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया है। सामाजिक समरसता के प्रति गुरु रविदासजी के विचार हमें आज भी एक सशक्त समाज के निर्माण के लिए प्रेरणा देते है।’

 

स्कूली पाठ्यक्रम में दिव्यांग खिलाड़ियों पर अध्याय शुरू करने की योजना

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नई दिल्ली, मुख्य धारा में ‘दिव्यांगों’ को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार की स्कूल पाठ्यक्रम में अलग-अलग दिव्यांग खिलाड़ियों पर एक अध्याय शुरू करने की योजना है।

सरकार द्वारा इस तरह की पहली पहल में “विकलांग व्यक्तियों के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध खेल गतिविधियों और अवसरों” पर ध्यान दिया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के वर्ष 2019-2020 अकादमिक सत्र के पाठ्यपुस्तकों के अध्याय में खिलाड़ियों को शामिल किया जा सकता है।

इतना ही नहीं, एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में ‘स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा’ विषय का नाम अगले वर्ष से स्कूल के पाठ्यक्रम में ‘स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा और खेल’ में परिवर्तित किया जा सकता है। एनसीईआरटी केंद्र और राज्य सरकार को स्कूल के पाठ्यक्रम और पाठ की पुस्तकों पर मार्गदर्शन देती है। सभी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) संबद्ध स्कूल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का पालन करते हैं।

इस संबंध में हाल ही में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण (विकलांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण विभाग), मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी), भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), पैरालम्पिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) और स्पेशल ओलंपिक भारत (एसओबी) के शीर्ष नौकरशाहों के बीच यहां एक बैठक का आयोजन किया गया था।

अगस्ता हेलिकॉप्टर की खरीद में गड़बड़ी की जांच संबंधी याचिका पर फैसला सुरक्षित

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नई दिल्ली, अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीदी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई कथित रुप से गड़बड़ी की एसआईटी जांच की मांग करनेवाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। याचिका स्वराज अभियान ने दायर किया है।

इसके पहले सुनवाई के दौरान जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने छत्तीसगढ़ सरकार से पूछा था कि वो ये बताए कि इसके लिए सही तरीके से निविदा आमंत्रित की गई थी की नहीं। कोर्ट ने पूछा था कि हम ये जानना चाहते हैं कि आपने पब्लिक मनी के साथ गड़बड़ी तो नहीं की। निविदा के समय ही विदेश में खाता क्यों खोला गया।

पहले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता स्वराज अभियान के वकील प्रशांत भूषण ने 534 पेजों के दस्तावेज कोर्ट को सौंपा था जिसमें सरकारी दस्तावेज और आरटीआई के जवाब शामिल हैं। उन्होंने एक ताजातरीन आरटीआई के मिले जवाब के बारे में बताया कि सरकार बेल हेलिकॉप्टर खरीदना चाहती थी लेकिन अगस्ता हेलिकॉप्टर के खास मॉडल की मांग की गई। तब जस्टिस गोयल ने कहा था कि हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं कि कौन-सा हेलिकॉप्टर खरीदा गया। बल्कि ये है कि निविदा सही तरीके से आमंत्रित की गई कि नहीं।

सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि झारखंड सरकार ने यूरो हेलिकॉप्टर कभी नहीं खरीदा। इसके बारे में याचिकाकर्ता ने कोर्ट को गलत जानकारी दी है। 16 नवंबर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया था कि 2006 में अगस्ता वेस्टलैंड वीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद से संबंधित सभी दस्तावेज कोर्ट में पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से पूछा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रधान सचिव की उस राय को महत्त्व क्यों नहीं दिया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि दूसरी कंपनियों के हेलिकॉप्टर पर भी विचार करें।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के आदेश पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास अनुशंसा भेजी गई कि अगस्ता वेस्टलैंड के हेलिकॉप्टर खरीदें जाएं। उन्होंने कहा था कि हेलिकॉप्टर डील में जो कमीशन मिला उससे मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक सिंह का बैंक खाता वर्जिन आइलैंड में खोला गया। इसका जिक्र पनामा पेपर्स में भी है। खाता खोलते समय अभिषेक सिंह का पता नहीं है जो मुख्यमंत्री रमन सिंह के चुनाव हलफ़नामा में है।

केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि, याचिकाकर्ता ने आईटी एक्ट का उल्लंघन कर दस्तावेज प्रस्तुत किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट रुल्स 2013 का जिक्र किया जिसके मुताबिक कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के स्रोत के बारे में जानकारी देनी होगी। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि याचिका अनुमानों पर आधारित है| इसमें कोई तथ्य नहीं है।

इसके पहले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि ये राजनीति से प्रेरित याचिका है| इस याचिका के जरिये राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा सकती है। सरकार ने कहा था कि पीएसी और सीएजी की रिपोर्ट संसद और विधानसभाओं में पेश किया जाता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब संसद हमारे काम पर चर्चा नहीं करती है तो सवाल है कि क्या हम उनके काम पर चर्चा कर सकते हैं। यह एक संवैधानिक सवाल है| इसलिए इसे बड़ी बेंच को सुनवाई के लिए रेफर किया जाना चाहिए। तब याचिकाकर्ता ने कहा कि ये राजनीतिक भ्रष्टाचार का मसला है| इसलिए इसकी सुनवाई कोर्ट में होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि पनामा पेपर्स भी बताते हैं कि हेलिकॉप्टर खरीदी काम सीधा संबंध छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे से जुड़ा हुआ है। उनके विदेशों में भी खाते हैं जिनमें काफी रकम बटोरी गई है। प्रशांत भूषण ने कहा था कि अटार्नी जनरल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का बचाव कर रहे हैं क्योंकि उन्हें उसी पार्टी के राजनीतिक नेतृत्व द्वारा नियुक्त किया गया है जिस पार्टी के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं। अटार्नी जनरल महत्वहीन मुद्दे उठाकर मामले को टालना चाहते हैं ताकि जांच न हो सके।

स्वराज अभियान ने याचिका दायर कर इन गड़बड़ियों की जांच कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक(सीएजी) की प्रतिकूल रिपोर्ट मिली है, जबकि मीडिया रिपोर्टों से राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में इस संदर्भ में हुई कथित गड़बड़ियों के संकेत हैं।

नैनीझील के घटते जलस्तर को लेकर राज्यपाल ने जताई चिंता

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नैनीताल, प्रदेश के राज्यपाल डाॅ. कृष्ण कांत पाल ने नैनीताल में अधिकारियों के साथ गर्वनर बोट हाउस क्लब से नैनीताल झील का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान राज्यपाल ने नैनी झील के घटते जल स्तर को लेकर चिंता जताई। डॉ. पॉल ने कई अहम सुझाव और दिशा निर्देश भी दिए।

राज्यपाल ने निरीक्षण के दौरान कहा कि, “नैनी-झील नैनीताल के साथ ही प्रदेश व देश की धरोहर है। नैनीताल शहर का अस्तित्व ही झील से है। गत वर्ष गर्मियों में नैनीझील का जलस्तर काफी कम हो गया था जो चिन्तिनीय है, गत वर्ष की भांति झील का जलस्तर कम न हो इसके लिए जागरूकता का प्रसार करने के साथ ही जल संरक्षण पर ध्यान दिया जाय।”

राज्यपाल ने कहा कि, “जल ही जीवन है इसलिए पानी की बर्बादी कतई न हो, इसके प्रयास होने चाहिए यदि जल सरंक्षण में सभी सहयोग करेंगे तो इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।” झील निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल सरंक्षण हेतु स्लोगन, पम्पलेट, साईन बोर्ड के माध्यम से जनता को जागरूक किया जाय। साथ ही वर्षा जल संग्रहण पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होंने नैनीझील संरक्षण कार्यो में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।

आयुक्त चन्द्रशेखर भट्ट ने राज्यपाल को अवगत कराया कि नैनीताल शहर के घर के छतों का सीवरेज में जाने वाले वर्षा जल को अब अभियान चलाकर नालियों के माध्यम से नैनीझील में पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान राज्यपाल के सचिव रविनाथ रमन, जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चैधरी, अधीक्षण अभियन्ता सिंचाई एनएस पतियाल सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 

लिंक 13 घंटे लेट, काठगोदाम, राप्ती रिशेडयूल

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देहरादून, मैदानी इलाकों में पड़ रहे घने कोहरे के कारण राजधानी देहरादून आने जाने वाली लंबी दूरी की कई गाड़ियां अपने निर्धारित समय से घंटो विलंब से पहुंची। जिस कारण देहरादून से जाने वाली दून काठागोदाम व गोरखपुर राप्ती गंगा को रिषेडयूल किया गया है। ट्रेनों के विलंब होने के कारण यात्रियों को सर्दी के मौसम में कड़ाके की सर्दी में परेषानी झेलनी पड़ी।

स्टेशन अधीक्षक करतार सिंह ने बताया कि, “इलाहाबाद से चलकर देहरादून आने वाले लिंक एक्सप्रेस अपने तय से 13 घंटे लेट चल रही है। जिस कारण देहरादून से जाने वाली दून काठकोदाम को रिषेडयूल किया गया है। जो 10:55 मिनट देर रात्री के स्थान पर 31 जनवरी को 3:30 मिनट पर रवाना होगी। वहीं मुज्जफरपुर राप्ती गंगा साढ़े पांच घंटे विलंब से आई। जिस कारण दोपहर 1:15 मिनट रवाना होने वाली दून गोरखपुर राप्ती गंगा एक्सप्रेस 20:20 मिनट पर रवाना हुई। वहीं अमृतसर से देहरादून आने वाली लाहौरी एक्सप्रेस डेढ़ देरी से पहुंची। जबकि हावडा. से चलकर देहरादून आने वाली हावड़ा दून एक्सप्रेसस अपने तय समय से 4:30 मिनट की देरी पर दून पहुंची।”

ट्रेनों के लेटलतीफी के कारण यात्रियों व उसके परिजनों को भारी परेषानी उठानी पड़ी।  करतार सिंह ने बताया कि, “रेलवे ट्रैक पर चल रहे निर्माण कार्य व कोहरे के कारण कई गाड़िया अपने तय समय से घंटो विलंब से चल रही है। जिस कारण देहरादून से दो ट्रेनें दून काठगोदाम व देहरादून राप्ती गंगा एक्सप्रेस के समय में बदलाव किया गया है। जबकि दून से बाकी अन्य गाड़ियां समय से रवाना किया जा रहा है।” 

कांग्रेसी गुटबाजी से हाशिये पर जाने के दर्द पर हरीश रावत ने फेंका ट्वीटर बम

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विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामने करने के बाद से ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दोबारा अपनी राजनीतिक ज़मीन तलाशने में लगे हुए हैं। लेकिन इसे शायद इतिहास का दोहराना ही कहेंगे की जिस तरह हरीश रावत काल में कई नेताओं की अनदेखी कर उन्हें और उनके राजनीतिक करियर को हशिये पर घकेलने की कोशिश की गई थी वैसा ही कुछ आज हरीश रावत के साथ उत्तराखंड में होता दिख रहा है। और इसका दर्द हरदा ने अपने ही अंदाज़ में सार्वजनिक मंचों पर छलकाना भी शुरू कर दिया है।

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मंगलवार को हरीश रावत ने एक ट्वीट के ज़रिये राज्य कांग्रेस को प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिये बधाई दी। मगर इन कार्यक्रमों में खुद को न बुलाने और शीर्श नेताओं से संपर्क न रहने की बात भी रावत ने इस ट्वीट के ज़रिये लोगों से साझा कर दी। रावत ने लिखा “.शानदार, अभूतपूर्व, विशालतम मोटरसाइकिल रैली के लिए को बहुत बधाई। यदि मेरी भी कुछ भूमिका रखी गई होती तो मैं अवश्य भाग लेना चाहता। अध्यक्ष जी से मेरा आग्रह है कि कभी ऐसे कार्यक्रम हों तो मुझको जरूर बता दें…न देहरादून न हल्द्वानी के विषय में पार्टी अध्यक्ष और सीएलपी नेता से मेरी बात हो पाई।”

रावत के इस ट्वीट ने कांग्रेस में हड़कंप मचा दिया है। रावत के इन आरोपों पर मोर्चा संभालते हुए पार्टी अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने भी जवाबी हमला कर दिया। प्रीतम ने कहा कि “25 जनवरी को शाम 6बजे हमने फोन के माध्यम से हरीश रावत जी के पीए चंदन जीना को इस रैली के बारे में बताया और 28 को दोबारा व्हाट्सएप के माध्यम से याद दिलाया गया।समय पर जानकारी ना मिलने पर उनके रैली में अनुपस्थिति के बाद हमने उनसे निवेदन किया है कि वह हमें अपना कोई निजी नंबर दे जिससे हम सीधे उनसे संपर्क कर सके और आगे ऐसी र्दुभाग्यपूर्ण स्थिती ना पैदा हो।उन्होंने कहा कि रावत जी को इन कार्यक्रमों के लिये बुलाया गया था, वो नहीं आ सके इसमें पार्टी की जिम्मेदारी या गुटबाजी का सावल ही नहीं उठता है।”

वहीं पूर्व पार्टी अध्यक्ष कशोर उपाध्याय ने कहा कि “हरीश रावत जी को सुचना क्यों नहीं मिली यह तो अध्यक्ष प्रीतम सिंह ही बता सकेंगे,मेरा तो यह मानना है कि इस समय हम कांग्रेस पार्टी को एक होकर चलना होता तभी सांप्रदायिक शक्तियों को जवाब दे सकेंगें।”

इस मामले ने बीजेपी को भी कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। बीजेपी प्रवक्ता डॉ.देवेंद्र भसीन ने कहा कि ”कांग्रेस एक बिखरा हुआ कुनबा है जिसके अंदर कई कांग्रेस काम कर रही हैं। कांग्रेस के सभी नेता केवल अपने लिए काम कर रहे हैं जिसकी वजह से पहले राज्य को नुकसान हो चुका है। उन्होने कहा कि हालांकि यह पार्टी का अंदरुनी मामला है कि हरीश रावत जी को क्यों नहीं बुलाया गया लेकिन पार्टी हमेशा से आपस में लड़ कर सरकार पर आरोप लगाती है।कांग्रेस ने जनता के साथ धोखा किया है जिसका जवाब जनता ने कांग्रेस को सबक सिखाकर दिया है।”

बहरहाल इतना तो तय है कि कांग्रेस का राज्य में हार का बड़ा कारण पार्टी में अंद्रूनी गुटबाजी रही है। और इसी गुटबाजी के कारण पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी का राह को भी आसान नहीं बना पा रही है। ऐसे में दिल्ली में पार्टी हाईकमान के लिये ज़रूरी है कि वो राज्य कांग्रेस को पटरी पर लाने के लिये हस्तकक्षेप करे।

जहां एक तरफ हरीश रावत ने टिव्टर के माध्यम से अपनी नाराज़गी जाहिर की है वहीं दूसरी तरफ बुधवार को ऋषिकेश में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे और मीडिया से बातचीत करते हुए हरीश रावत ने अपने और कांग्रेस के बीच चल रही बातों को दरकिनारे कर कहा कि वह कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और कांग्रेस और उनके बीच में सब कुछ ठीक है।

युवा दिलों की धड़कनों को छुने आ गया ज़ुबिन नौटियाल का नया गाना

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एक तरफ जहां फरवरी जिसे प्यार और रोमांस का महीना माना जाता है वह शुरु हो चुका है, वहीं वेलेंटाईन-डे भी जल्द ही आने वाला है।और साथ ही ज़ुबिन नौटियाल के फैंस के लिए भी एक तोहफा आ रहा है।वेलेंटाईन डे और प्यार के मौसम में ज़ुबिन अपना नया गाना ‘गज़ब का है दिन’ का रिमेक लेकर आ रहे हैं।जी हां, 1988 की सुपरहिट फिल्म ‘कयामत से, कयामत तक’ का सुपरहिट गाना ‘गज़ब का है दिन’ एक नए अंदाज़ में आपके बीच होगा जो तब भी लोगों का पसंदीदी गाना था और आज भी लोगों के जुबान पर है। ज़ुबिन की मखमली आवाज़ को प्रकृति कक्कड़ का साथ मिला है।

गाने के बारे में न्यूजपोस्ट से बातचीत में ज़ुबिन ने बताया कि, “हम दोनों ने पहला गाना एक साथ गाया था जिसके बाद हमने बहुत से गाने गा दिए और हम दोनों का आवाज़ का तालमेल हमारे साथ-साथ लोगों को भी पसंद आता है।” 2 मिनट 22 सेकेंड का  गाने का ट्रेलर यूट्यूब पर हाल ही में रिलीज किया जा चुका है, जिसे तनिष्क बागची ने कंपोज़  किया है साथ ही गाने के कुछ बोल भी लिखे हैं। इस गाने को टी-सीरीज 2018 की आने वाली फिल्म ‘दिल जंगली’ जिसमें लीड रोल प्ले करने वाली तापसी पन्नू और साकिब सलीम है पर फिल्माया गया है।

ज़ुबिन कहते हैं कि, “साल 2017 मेरे लिए रिक्रिएशनल गानों का रहा है ‘गज़ब का है दिन’ के साथ-साथ कुछ और गाने मैंने पिछले साल किए जो अब रिलीज हो रहे हैं।साथ ही इन गानों को गाने के लिए बहुत ध्यान रखने की जरुरत होती हैं क्योंकि ये गाने बहुत लोगों के दिल के करीब होते हैं।” ज़ुबिन कहते हैं कि, “मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरे फैन को यह गाना पसंद आएगा क्योंकि इसमें इंग्लिश और हिंदी का फ्यूज़न बेहतरीन है जो सबके दिल में उतर जाएगा।”

तो फिर इंतजार किस बात का है अपने हैडफोन उठाए और इस नए गाने की मदहोशी में खो जाए और अपने चाहने वालों को भी यह गाना सुनाए।

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सेलरी दोगुनी बढ़ी

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नई दिल्ली,  केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों की सेलरी बढ़ानेवाले कानून को नोटिफाई कर दिया है। नए आदेश के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जजों की सैलरी दोगुनी से भी ज्यादा हो जाएगी। चीफ जस्टिस की वर्तमान सेलरी एक लाख रुपये प्रति महीने की जगह अब उन्हें दो लाख 80 हजार रुपये मिलेंगे। ये सेलरी उन्हें बाकी भत्तों के अलावा मिलेंगे। सेलरी बढ़ने का लाभ जजों को एक जनवरी 2016 से मिलेगा।

चीफ जस्टिस के अलावा सुप्रीम कोर्ट के बाकी जजों की वर्तमान सेलरी 90 हजार रुपये है। अब नए नोटिफिकेशन के मुताबिक उनकी सेलरी बढ़कर ढाई लाख रुपये हो जाएगी। इसी तरह हाईकोर्ट के जजों की वर्तमान सेलरी 80 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर सवा दो लाख रुपये प्रतिमाह कर दी गई है।

नए नोटिफिकेशन के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के जजों और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को कैबिनेट सचिव की तरह के भत्ते मिलेंगे। जजों की सेलरी बढ़ोतरी का लाभ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों को भी मिलेगा ।