Page 183

दून की लक्षिता आंख में पट्टी बांधकर बता रही सब कुछ

0

देहरादून। डायनमो ब्रेन बूस्टर बच्चों की थर्ड आई खोलने में उन्हें तैयार कर रहा है। इसी का नतीजा है कि दून निवासी लक्षित अरोड़ा आंख में पट्टी बांधकर सबकुछ बता रही है। मंगलवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डायनमो ब्रेन बूस्टर की अध्यक्ष सुमन सैनी ने बताया कि आठ साल की लक्षिता अरोड़ा ने इस कला में माहीर हो गई है। जिसकी बदौलत वह बिना देखे सभी कार्य आसानी से कर सकती है। उन्होंने बताया कि डायनमो ब्रैन बूस्टर शहर के विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले छत्र-छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
असंभव कार्य मिडब्रेन एक्टीवेशन तकनीक के द्वारा संभव है जो कि जापान में प्राचीनकाल से चली आ रही है। अब वर्तमान में डायनमो द्वारा भारत में भी इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मिडब्रेन एक्टीवेशन तकनीक लेने से बच्चों की मेमोरी शार्प होती है। साथ ही एकाग्र क्षमता बढ़ती है। क्रिएटिव तकनीक लेने से बच्चों को पढ़ाई से होने वाले तनाव से बचाव होता है। इस अवसर पर उनके साथ आरुषि, शिवी, संगीता अरोड़ा व अन्य लोग मौजूद रहे।

पत्रकारों पर हो रहे हमले के विरोध में एडीजी से मिला प्रतिनिधिमंडल

0

पत्रकार यूनियन का एक प्रतिनिधि मंडल ने आज एडीजी कानून व्यवस्था से मिलकर प्रदेश में लगातार पत्रकारों पर हो रहे हमले की निंदा की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने हमले में शामिल दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की पुलिस प्रशासन से मांग की।
सोमवार को एडीजी से भेंट के दौरान घायल पत्रकार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर घटना में शामिल हमलावरों पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही कहा कि इस प्रकरण में शामिल चौकी प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों को तत्काल हटाया जाए। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन से जुड़़े दर्जनों पत्रकार दून अस्पताल पहुंच कर ईटीवी पत्रकार अवनीश पाल का हाल-चाल जाना और हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया। इस मौके पर विश्वजीत नेगी ने कहा की अगर न्याय न मिला तो पत्रकार सड़कों पर उतरेंगे और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाएंगे। इस मौके पर यूनियन के लोगों का कहना है कि दून में पत्रकारो पर लगातार हो रहे हमले से लोगों में भय का माहौल व्याप्त है। अगर पत्रकार या माफिया कानून को हाथ में लेता है तो उस पर पुलिस प्रशासन को सख्त कदम उठाना होगी।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर पुराने विधायकों के चल रहे नाम

0

भले ही उत्तराखंड में विधानसभा के चुनाव लगभग साल होने को है लेकिन अभी तक निर्वाचन कार्यालय कि वेबसाइट पर 11 विधानसभाएं बिना चुनाव के कारण रिक्त चल रही है या अभी तक कोई भी विजयी प्रत्याशी नहीं दिखाया गया है। यह जानकारी चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर उत्तराखंड के अनुसार जो वेबसाइट www.ceo.uk.in पर उपलब्ध हैं।
19 जनवरी 2018 तक केदारनाथ, सात रुद्रप्रयाग, आठ नरेंद्र नगर, 11 घनसाली, नौ राजपुर, 19 सोमेश्वर, 51 रुड़की, 31 खानपुर, 32 राम नगर, 61 जसपुर, 62 सितारगंज, 68 विधानसभाएं बिना विधायक के हैं। वहां से अभी तक कोई निर्वाचित विधायक नहीं है। शायद उत्तराखंड में बाय इलेक्शन का नोटिफिकेशन जारी होगा। क्योंकि यदि विधायक होते तो वेबसाइट पर उनका नाम लिखा होता और इसी वेबसाइट पर धारचूला से अभी तक हरीश चंद्र सिंह रावत विधायक हैं और भी बहुत सी कमियां हैं।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि यह निर्वाचन कार्यालय की गलतियों का परिणाम है जिसे शीघ्र सुधार लिया जाएगा। बरहहाल विधानसभा अध्यक्ष के दखल के बाद शायद वेबसाइट अपडेट भी हो जाये लेकिन गौरतलब है कि जिस जोश से केंद्र और राज्य सरकार डिजिटल इंडिया का प्रचार प्रसार कर रहे हैं उसके बीच चुनाव आयेग की इस साइट ने सरकार की कथनी और करनी पर सवाल ज़रूर खड़ा किया है।

ट्रक की चपेट में आने से युवक की मौत

0

देहरादून,  थाना पटेलनगर क्षेत्र में भुड्डी गांव व झिवारेडी गांव के बीच एक मोटरसाइकिल सवार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में मोटरसाइकिल सवार बुरी तरह घयल हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना सोमवार देररत की है।

चौकी नया गांव को सूचना मिली कि भुड्डी गांव व झिवारेडी गांव के बीच एक मोटरसाइकिल सवार को अज्ञात ट्रक ने टक्कर मार दी है, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया है। सूचना पर चौकी नयागांव से चौकी प्रभारी पुलिस बल के साथ तत्काल मौके पर पहुंचे। घायल व्यक्ति को उपचार के लिए महंत इंद्रेश अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों द्वारा उसे मृत घोषित किया गया। मृतक की पहचान योगेंद्र सिंह(28) पुत्र नारायण सिंह निवासी रतनपुर थाना पटेलनगर,देहरादून के रूप में हुई। पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया है।

पुलिस का कहना है कि परिजनों के आने पर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। वाहन की तलाश के लिए आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकाली जा रही है।

शहीद दिवस पर कृतज्ञ राष्ट्र ने महात्मा गांधी सहित अन्य को किया याद

0

नई दिल्ली, शहीद दिवस के मौके पर मंगलवार को कृतज्ञ राष्ट्र ने महात्मा गांधी सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक नेताओं ने महात्मा गांधी की 70वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनके समाधि स्थल राजघाट जाकर श्रद्धांजलि दी। वहीं विश्व प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पुरी बीच पर महात्मा गांधी की मिट्टी की आकृति बना कर उन्हें नमन किया है।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन, थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोवा ने महात्मा गांधी को राजघाट जाकर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर राजघाट पर प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा कि शहीद दिवस पर हम महात्मा गांधी और उन अनगिनत स्वतन्त्रता सेनानियों को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं, जिन्होंने हमारी आज़ादी के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट संदेश में कहा कि पूज्य बापू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा हम उन सभी शहीदों को नमन करते हैं जिन्होंने हमारे देश की सेवा में खुद को बलिदान किया है, हम देश के प्रति उनके साहस और समर्पण को हमेशा याद रखेंगे।

रविदास जयंती शोभायात्रा के लिये यातायात डायवर्ट प्लान

0

देहरादून शहर में 3 बजे से 6 बजे तक होने वाले रविदास जयंती जयंती शोभायात्रा के लिए डायवर्ट होगें कुछ रुट।बाहर निकलने से पहले जरुर देखेंः

इन रोडों से होकर जाएगी शोभायात्राः

शिवाजी धर्मशाला – सहारनपुर चौक – धामावाला बाजार – पल्टन बाजार – डिस्पेनसरी रोड – दर्शनलाल चौक – लैन्सडाउन चौक – कनक चौक – सर्वे चौक – करनपुर बाजार – नालापानी रोड चौक – डीएल रोड रविदास मन्दिर तक रहेगा।

  • शोभायात्रा शिवाजी धर्मशाला के अन्दर एकत्र होने पर सडक पर कोई भी व्यक्ति एवं वाहन खडा नहीं रहेगा। यदि रोड पर सहारनपुर चौक से आने वाले यातायात में दबाव रहता है तो शमशान घाट कट से सम्पूर्ण वाहनों को शमशान घाट तिराहा से मातावाला बाग कट पर भेजा जायेगा इस दौरान एकल मार्ग व्वस्था की जायेगी।
  • शोभायात्रा के चलने पर निरजनपुर मण्डी से चौपहिया एवं तिपहिया वाहनों को डायवर्ट कर कमला पैलेस की ओर भेजा जायेगा। इन्द्रेश हास्पिटल जाने वाले वाहन ;एम्बुलेंन्सध्मरीजोद्ध व दुपहिया वाहनो को सामान्य रूप से चलते रहेगें।
  • बल्लीवाला चौक से वनवे की व्यवस्था की जायेगी। बल्लीवाला से कोई भी वाहन सहारनपुर चौक की ओर नही आयेगा।
  • शोभायात्रा का पिछला हिस्सा लक्खीबाग कट से पल्टन बाजार धामावाला की ओर निकलने पर निरजनपुर मण्डी व बल्लीवाला से समस्त यातायात सामान्य कर दिया जायेगा।
  • शोभायात्रा को अगला दर्शनलाल चौक पर पहुचने से तहसील चौक से वाहनों को डायवर्ट कर दून चौक की ओर भेजा जायेगा तथा कोई भी वाहन दर्शनलाल चौक की ओर नहीं आयेगा।
  • बुद्धा चौक से कोई भी वाहन दर्शनलाल चौक की ओर नहीं भेजा जायेगा।
  • घण्टाघर से कोई भी वाहन दर्शनलाल चौक की और नही आयेगा व चकराता रोड़ से आने वाले समस्त यातायात को दर्शनलाल चौक की तरफ न भेजकर ओरिण्ट चौक की ओर भेजा जायेगा ।
  • शोभायात्रा का पिछला हिस्सा दर्शनलाल चौक पास करने पर घण्टाघर व बुद्धा चौक से दर्शनलाल चौक की ओऱ यातायात सामान्य कर दिया जायेगा
  • शोभायात्रा का अगला हिस्सा लैन्सडाउन चौक पहुचने से पहले बुद्धा चौक से कोई भी वाहन लैन्सडाउन चौक की ओर नही भेजा जायेगा व सीजेएम तिराहे से आने वाले वाहनों को लैन्सडाउन चौक से पहले लेप्ट टर्न से बुद्धा चौक होते हुऐ भेजा जायेगा।
  • शोभायात्रा का अगला हिस्सा कनक चौक पहुचने से पहले ओरिण्ट चौक से कोई भी वाहन कनक चौक की ओर नही भेजा जायेगा एव पैसफिक की तरफ से आने वाले यातायात को ओरिण्ट चौक की ओर भेजा जायेगा ।
  • शोभायात्रा का अगला हिस्सा रोजगार तिराहे पर पहुचने से पहले सर्वे चौक से कोई भी वाहन रोजगार तिराहे की तरफ नही भेजा जायेगा व यूकेलिप्टस से सम्पूर्ण वाहनों को बेनीबाजार न भेजकर घण्टाघर की ओऱ डायवर्ट किया जायेगा व क्रास रोड़ से आने वाले वाहनों को रोकण्रोक कर चलाया जायेगा ।
  • शोभायात्रा का पिछला हिस्सा सर्वे चौक पास करने पर समस्त स्थानों से यातायात सामान्य कर दिया जायेगा ।

शोभायात्रा के दर्शनलाल चौक पहुचने से पहले विक्रम व सिटी बसों का डायवर्ट प्लान निम्नवत रहेगा-

  • 5 व 8 न. विक्रमों को रेवले गेट से वापस भेजा जायेगा।
  • 3 न. विक्रमों को तहसील से दून चौक से एमकेपी से सीएमआई की ओर भेजा जायेगा।
  • 1 न. विक्रमों को ग्रेट वैल्यू से वापस भेजा जायेगा।
  • 2 न. विक्रमों को सहस्त्रधारा क्रांसिग से वापस भेजा जायेगा।
  • कैन्ट व प्रेमनगर से आने वाले समस्त विक्रमों को प्रभात से वापस भेजा जायेगा।
  • आवश्यकतानुसार सिटी बसों को डायवर्ट किया जायेगा।

उत्तराखंड के वृक्षमित्र डॉ तिलक सोनी का हरा चोला फैला रहा है ये ज़रूरी संदेश

0

उत्तराखंड राज्य के जंगलों और फूल-पत्तियों की वजह से इसे गोल्डेन लैंड यानि की सुनहरा राज्य भी कहा जाता है।लेकिन राज्य में विकास के नाम पर हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं, जो पर्यावरणविदोदं के लिये परेशानी का सबब बन गया है।

इस माहौल में भी बहुत से लोग हैं जो वृक्ष संरक्षण में लगे हुए हैं।ऐसे ही 45 साल के वृक्षमित्र डॉ तिलक सोनी कई सालों से पेड़ों को बचाने की मुहिम में लगे हुए हैं। इनकी सबसे खास बात है इनका पहनावा जो अपने आप में ही लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है। जी हां, डॉ तिलक सोनी हमेशा हरे कुर्ते पजामे और हरी टोपी के साथ दिखते हैं। इनके पहनावे का मक्सद ही है लोगों तक हरियाली का संदेश पहुंचाना। पिछले 20 सालों में डॉ सोनी ने लगभग 10 हजार से ज्यादा पेड़ भेंट किए हैं, जिसमें 700 पौधे देश के बड़े नेताओं और खास लोगों को दिये गये हैं। चमोली के पूर्णा गांव, में पैदा हुए तिलक सोनी किसानों के घर से संबंध रखने वाले हैं।

0746e034-334c-4560-9d2b-d458b4e60cc1

इस बाबत न्यूजपोस्ट से हुई बातचीत में डॉ तिलक सोनी ने बताया कि, ”बहुत कम उम्र से ही मैं यह समझ गया था कि अगर हमारे आस-पास पेड़ पौधे नहीं हैं तो कुछ नहीं है।” उन्होंने बताया कि, “जब मैं बहुत छोटा था तब मेरे माता-पिता के जरिए मुझे एक बात समझ में आ गई थी कि जीने के लिए पेड़ों का होना जरुरी हैं चाहे वह इंसान हो या जानवर।” उन्होंने बताया कि, “ग्रामीण परिवेश में पालन-पोषण होने की वजह से मैंने बचपन से पहाड़ों को बहुत पास से देखा है और सारी तकलीफें महसूस की हैं। जब बचपन में हमारे गाय-भैस के लिए चारा नहीं होता था तब मेरे माता-पिता पौधारोपण करते थे बस यहीं से मेरी शिक्षा शुरु हुई और यहीं मेरी प्रेरणा बना। सोनी बताते हैं कि, “मैं बचपन में अपने माता-पिता को जगह-जगह पौधारोपण करते देखता था और इनसे प्रेऱणा लेकर आज में वृक्षमित्र के नाम से जाना जाता हूं।”

आपको बतादें कि वृक्षमित्र डॉ तिलक सोनी सन् 1998 में अपनी पहली पोस्टिंग माध्यमिक शिक्षा विद्यालय,जोशीमठ में होने के साथ ही पेड़ों को सुरक्षित रखने का संदेश देने लगे थे।आज 2018 में उन्होंने 400 से ज्यादा कार्यक्रमों में भाग लेकर लोगों को वृक्षारोपण का संदेश दिया है, साथ ही डॉ सोनी ने अपने 10 छात्रों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा उठाने की ज़िम्मेदारी भी अपने ऊपर ली है।

27067150_2030587857185892_233536382002845012_n

बीते दिनों देहरादून प्रेस क्लब में आयोजित सम्मान समारोह में पर्यावरण संरक्षण, संबर्द्धन, वृहद पौधरोपण तथा शुभकार्यो, राष्ट्रीय पर्वो, त्योहारों, नवजात शिशु जन्म, नामकरण, अन्नप्राशन, चूड़ाकर्म, सगाई, विवाह, शादी की सालगिरह, जन्मदिन, स्थानीय व धार्मिक मेलो, मृत्यु, तेरवी, श्राद्ध, तथा विशेष दिनों पर पौधरोपण के लिये जन जन को जागरूक व प्रेरित करने के क्षेत्र में अग्रीण कार्य करने पर नई दिशा जनहित ग्रामीण विकास समिति द्वारा वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चन्द्र सोनी को सम्मानित भी किया गया।

अपने हरे चोले के बारे में डॉ सोनी बताते हैं कि, ‘जब मैं इस कपड़ों में बाहर चलता हूं तो एक ना एक बार हरा देखने वाले को यह संदेश तो मिलता होगा ही कि यह पेड़ और हरियाली से संबधित हैं।बस इसी संदेश को लोगों तक पहुंचाने और लोगों से यह अपील करने की अपने आसपास लगे पेड़ों को काटना बंद करे और ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें मैं यह कपड़े पहनता हूं। बचपन में मेरी मां मुझे मेरे पिताजी को पेंड़ देने भेजती थी उसी परंपरा को आगे बढ़ाकर मैने वृक्ष भेंट आंदोलन शुरु किया जो लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए बेहतर कदम है।”

इस चोले की खास बात यह है कि यह पूरा हरे रंग का हैं और कुर्ते के जेब पर लिखा है वृक्षमित्र जिस नाम से आज डॉ सोनी को जाना जाता है। न्यूजपोस्ट वृक्षमिकत्र डॉ तिलक सोनी को उनके इस काम के लिए सलाम करता है।

नई प्रतिभाओं के लिये मंच बनेगा ‘खेलो इंडिया’

0

नई दिल्ली, केन्द्र सरकार ने ओलंपिक सहित बड़े महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में देश का प्रदर्शन सुधारने के लिए जमीनी स्तर से प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। इस क्रम में सरकार स्कूली स्तर पर प्रतिभाओं की पहचान के लिए “खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” लेकर आ रही है, जो स्कूली स्तर पर एक सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट होगा और श्रेष्ठ प्रतिभाओं के पहचान का महत्वपूर्ण मंच होगा।

“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” के पहले संस्करण की शुरुआत 31 जनवरी से हो रही है। इसके तहत 16 खेलों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें 17 वर्ष से कम आयु वर्ग के बालक-बालिकाएं भाग लेगे। 2017-18 में हुई 63वीं राष्ट्रीय स्कूल प्रतियोगिता के प्रदर्शन के आधार पर खिलाड़ियों का चयन किया गया है।

“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” में आयोजित प्रतियोगिताएं:
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स में तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, जिमनास्टिक, जूडो, निशानेबाजी, तैराकी, वेटलिफ्टिंग और कुश्ती को मिलाकर कुल 10 खेलों में एकल स्पर्धाएं होंगी, जबकि बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, खो-खो और वॉलीबॉल छह टीम खेल हैं, जो पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स का हिस्सा होंगे।

पहले संस्करण में हिस्सा लेंगे 4452 खिलाड़ी औऱ अधिकारी:
अभी तक खेलो इंडिया की आयोजक समिति को कुल 3298 प्रविष्टियां प्राप्त हो चुकी हैं। 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 16 खेलों में कुल 4452 खिलाड़ियों और अधिकारियों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। अभी तक दिल्ली से 341 खिलाड़ियों के हिस्सा लेने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, महाराष्ट्र से 321 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में भाग लेंगे। हरियाणा से अभी तक सबसे ज्यादा 350 प्रविष्टियां मिली है। इन खेलों में एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।

197 स्वर्ण पदक होंगे वितरित:
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के पहले संस्करण में कुल 197 स्वर्ण पदक वितरित किए जाएंगे। जिनमें एथलेटिक्स में 640 लड़के और लड़कियां 36 स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। तैराकी में 552 खिलाड़ी 35 स्वर्ण पदकों के लिए जद्दोजहद करेंगे। कुश्ती में कुल 480 पहलवान 30 स्वर्ण पदक और 400 मुक्केबाज 26 स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। वहीं जिमनास्टिक में कुल 86 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे।

पहले संस्करण का प्रमुख आकर्षण होंगे अनीश और जैरेमी लालरिनुंगा: 
विश्व जूनियर चैंपियन निशानेबाज अनीश भानवाला (हरियाण) और आईडब्ल्यूएफ विश्व वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले जैरेमी लालरिनुंगा (मिजोरम) 31 जनवरी से शुरू हो रहे पहले खेलो इंडिया स्कूल गेम्स के प्रमुख आकर्षण होंगे।
15 साल के अनीश ने पिछले साल जुलाई में जर्मनी के सुहल में आयोजित आईएसएसएफ जूनियर विश्व चैंपियनशिप की 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। मिजोरम के रहने वाले 15 साल के जैरेमी ने पिछले साल अप्रैल में बैंकॉक में आयोजित आईडब्ल्यूएफ वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में रजत पदक अपने नाम किया था। वह पुणे के आर्मी बॉयज स्पोर्ट्स कंपनी में अभ्यास करते हैं।

आंध्र प्रदेश के तीरंदाज बोम्मादेवारा धीरज इन खेलों में भाग लेने वाले बड़े नामों में से एक होंगे। धीरज ने पिछले महीने ही अहमदाबाद में आयोजित एसजीएफआई राष्ट्रीय स्पर्धा में पांच पदक अपने नाम किए थे। उन्होंने इससे पहले यूथ ओलंपिक गेम्स के लिए एशियाई उपमहाद्वीप के लिए आयोजित क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में रजत पदक जीता था।

“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” की प्रमुख बातें
खेलो इंडिया स्कूल गेम्स-2018 प्रतियोगिता में चयनित होने वाले राज्य के खिलाड़ियों को आठ साल तक बतौर स्कॉलरशिप पांच लाख रुपये मिलेंगे। इसके अलावा चयनित खिलाड़ियों को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटरों में बकायदा प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। कार्यक्रम के तहत 10 से 18 साल आयुवर्ग के करीब 20 करोड़ बच्चों को राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान में शामिल किया जाएगा। इससे ने केवल बच्चों की शारीरिक फिटनेस पर ध्यान दिया जाएगा बल्कि फिटनेस से संबंधित गतिविधियों को भी समर्थन मिलेगा। इसके अलावा इस कार्यक्रम का लक्ष्य देश में 20 विश्वविद्यालयों को खेल की उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में बढ़ावा देना है। इसके तहत प्रतिभाशाली एथलीट अपनी शिक्षा के साथ समझौता किए बिना प्रतियोगी खेलों में आगे बढ़ने में सक्षम हो पाएंगे।

कोचों के लिए राष्ट्रव्यापी पारदर्शी प्रणाली स्थापित करेगी सरकार                                                              “खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” के तहत सरकार ने स्कूल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक की प्रतिस्पर्धाओं के लिए योग्य प्रशिक्षकों की नियुक्ति की एक पारदर्शी प्रणाली स्थापित करने के उद्देश्य से ऑनलाइन राष्ट्रीय कोच बैंक की स्थापना करने का फैसला किया है।
इस कोच बैंक के जरिये पूरे देश में जो भी अपने को कोच समझते हैं या किसी न किसी स्तर पर कोचिंग देते हैं वह अपना रजिस्ट्रेशन इस बैंक में करा सकते हैं। इसके बाद सरकार दो या तीन हफ्तों का कोर्स आयोजित कराएगी। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की भी सहायता ली जाएगी।

कोर्स देश के अलावा विदेशों में भी आयोजित कराये जाएंगे। जो कोच राष्ट्रीय कोच बैंक में अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगे, उन सभी कोचों को एक राष्ट्रीय एजेंसी द्वारा सत्यापित कराकर उनको प्रशिक्षित कराया जाएगा इस तरह हमारे पास कोचों का डाटा जमा हो जाएगा। इससे हमें एक फायदा यह होगा कि जिसे भी कोचों की जरूरत होगी वह कोच बैंक पर जाकर सहायता ले सकता है।

“खेलो इंडिया स्कूल गेम्स” के अंतर्गत नगद प्रोत्साहन राशि योजना
इसके अलावा सरकार एक नगद प्रोत्साहन राशि योजना की भी शुरूआत करेगी। इस योजना के तहत अब सिर्फ पदक जीतने वाले खिलाड़ी और कोचों तक ही ईनामी राशि सीमित नहीं रहेगी। अब जब भी कोई खिलाड़ी राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और ओलंपिक में पदक जीतेगा तो उसके कोच को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का 20 प्रतिशत हिस्सा अब खिलाड़ी के साथ जमीनी स्तर पर काम करने वाले कोच को और उनके विकास में योगदान देने वाले दूसरे कोच को 30 फीसदी राशि दी जायेगी।

ग्रामीण लडकियों और महिलाओं के लिए अलग से प्रतियोगिताएं आयोजित कराने की योजना
इसके अलावा सरकार ग्रामीण लडकियों और महिलाओं के लिए भी अलग से प्रतियोगिताएं आयोजित कराने पर विचार कर रही है। सरकार का मानना है कि महिलाएं केवल रसोईघर और बच्चों की देखभाल में ही न लगी रहें, बल्कि वह मैदान पर भी आएं।

अभिभावकों के लिए मोबाईल एप्लीकेशन
इसके अलावा सरकार अभिभावकों के लिए फिटनेस और खेलों पर एक मोबाईल एप्लीकेशन लाने के बारे में विचार कर रही है। इस एप के जरिये अभिभावक बच्चों के खेलों से संबंधित गतिविधियों को सरकार तक पहुचाएंगे। इसके बाद एक ई-कोच उन्हें उपलब्ध होगा, जो बच्चों को दिशानिर्देशित करेंगे। 
उल्लेखनीय है कि इससे पहले युवा प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए सरकार की स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च पोर्टल पहले से ही चलन में है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 28 अगस्त 2017 को इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्कूली बच्चों के बीच पोर्टल की शुरूआत की थी। इस पोर्टल के तहत कोई भी बच्चा या उसके माता-पिता, शिक्षक या कोच उसका बायोडाटा या वीडियो पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। इस पोर्टल के जरिए खेल मंत्रालय प्रतिभावान खिलाड़ियों को चुनेगा और उन्हें भारतीय खेल प्राधिकरण के केंद्रों में प्रशिक्षण देगा। 

थाईलैण्ड और उत्तराखण्ड व्यापार में बढ़ाएंगे हाथ

0

देहरादून, उत्तराखंड में निवेश आपसी सहयोग को लेकर थाईलैंड में दिलचस्पी दिखाने शुरू कर दी है उत्तराखंड मुख्य सचिव और थाईलैंड के राजदूत से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में थाईलैण्ड में भारत के राजदूत श्री भगवंत सिंह विश्नोई से मुलाकात करके उत्तराखंड और थाईलैंड की आपसे सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाया है।

श्री विश्नोई ने मुख्यमंत्री को बताया कि, “थाईलैण्ड और उत्तराखण्ड के मध्य आटो मोबाइल सेक्टर, फार्मा सेक्टर और वेलनेस सेक्टर के क्षेत्र में आपसी सहयोग और निवेश की व्यापक संभावनाएं है, उत्तराखण्ड उद्योग विभाग, सिडकुल और उद्योगपतियों के डेलीगेशन को थाईलैण्ड भ्रमण के लिये आमंत्रित भी किया।” मुख्यमंत्री ने कहा कि, “राज्य सरकार औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन के लिये प्रतिबद्ध है। उद्योगों की सुगमता के लिते यहां सिंगल विण्डो सिस्टम भी संचालित है। पहाड़ों में पर्यावरण के अनुकूल उद्योगों तथा लघु उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। सरकार द्वारा आगामी सितम्बर-अक्टूबर माह में एक मेगा इंवेस्टर्स मीट भी आयोजित की जायेगी।”

उन्होंने थाईलैण्ड के उद्योगपतियों को इस मीट में आमंत्रित करने हेतु उद्योग विभाग को निर्देशित भी किया। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड सड़क, रेल और हवाई नेटवर्क में जुड़ा हुआ है तथा दिल्ली के बेहद नजदीक है। उड़ान योजना के अन्तर्गत यहां हवाई कनेक्टिीविटी में भी तेजी से विस्तार होगा जिससे यहां पर्यटन और वेलनेस टूरिज्म के सेक्टर में निवेशकों हेतु काफी मौका होगा।

उन्होंने पंचायतों के ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित करने की सरकार की योजना बताते हुए कहा कि निवेशक लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिये भी विचार कर सकते हैं। उत्तराखण्ड कानून एवं व्यवस्था की दृष्टि से भी निवेशकों के लिये पहली पसन्द है। इस मौके पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार भी उपस्थित थे

मिसाल: रोजगार मेले में पहुंच आखिर क्यों लाइन में लगे योगी आदित्यनाथ के पिता

0

(हरिद्वार), उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रिश्तेदारों ने भी नौकरी की चाह में रोजगार मेले में अपना पंजीकरण करवाया। एक तरफ जहां आये दिन देशभर में वाआीपी नेताओं के नाते रिश्तेदारों के घमंड की कहानियां सामने आती हैं वहीं इस वाक्ये ने एक सुहाना पल ज़रूर दिया है।

हरिद्वार के रोजगार मेले में सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट अपनी नातिन लक्ष्मी रावत और पोती अर्चना बिष्ट के साथ पन्ना लाल भल्ला कालिज पहुंचे। जंहा पर दोनों छात्राओं ने रोजगार पाने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया। बता दें कि उत्तराखंड सरकार द्वारा यहां दो दिवसीय रोजगार मेले का आयोजन कर रही हैं।

एक मुख्यमंत्री के पिता अपनी पोतियों को रोजगार दिलाने के लिए बेरोजगारों की लाईन में लग कर प्रयास करते दिखाई दिए। प्रदेश सरकार के सेवायोजन विभाग द्वारा दो दिवसीय रोजगार मेले में योगी आदित्यनाथ के पिता अपनी पोती और नातिन के साथ पहुंचे और उनका पजीकरण कराया।

यही नहीं आनंद सिंह बिष्ट ने कहा कि उन्हें अपनी पोतियों को रोजगार दिलाने के लिए किसी तरह की सिफारिश की जरुरत नहीं हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की भांजी लक्ष्मी रावत ने कहा कि, “बिना सिफारिश के अपनी मेहनत से नौकरी पाने वाला योग्य होगा और अपने कार्य में दक्ष होगा।” जबकि भतीजी अर्चना ने कहा कि, “बिना सिफारिश से नौकरी पाने वाला कहीं ना कहीं देश और प्रदेश से भ्रष्टाचार को भी दूर करने में सहयोगी होगा।”