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मासूम का अपहरण करने वालों को जीआरपी ने पकड़ा

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हरिद्वार, चार वर्ष के मासूम बच्चे के अपहरण के आरोपी को लक्सर जीआरपी ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों के संबंध में भी जानकारी जुटा रही है। पुलिस ने बच्चे को बरामद करने के बाद उसकी मां के सुपुर्द कर दिया है।

लक्सर जीआरपी में ग्राम भेदली, जिला बागपत यूपी निवासी सपना ने अपने पुत्र अभिषेक के अपहरण का मुकद्मा दर्ज कराया था। पीड़िता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह अपने पति रणपाल से विवाद के चलते बेटे अभिषेक व बेटी तनु को लेकर घर से निकल गई थी, मेरठ रेलवे स्टेशन से एक अजनबी से उसकी मुलाकात हो गई। व्यक्ति ने महिला को अकेला देखकर उसको मदद का भरोसा दिलाया। इसी बीच उसके बेटे अभिशेक की तबीयत खराब हो गई। उक्त व्यक्ति महिला को उसके बेटे को लक्सर में किसी झाड़ फूंक करने वाले को दिखाने के बीत कहकर महिला को लक्सर ले आया। लक्सर आने के बाद युवक महिला के बेटे को लेकर गायब हो गया।

पुलिस ने महिला की शिकायत पर 23 जनवरी को मुकद्मा दर्ज कर अपहरणकर्ता की तलाश शुरू कर दी थी। पुलिस ने अपहर्त बच्चे को शुक्रवार को सकुशल बरामद कर लिया। किन्तु अपहरणकर्ता पुलिस के हाथ नहीं चढ़ा। कोशिश के बाद अपहरणकर्ता को भी पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। 

पंचेश्वर बांध प्रभावितों का सर्वे स्वैच्छिक संस्था से कराने की मांग

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पिथौरागढ़, महाकाली की आवाज जन संगठन ने पंचेश्वर बांध के कार्य से वाप्कोस कंपनी को हटाकर स्वैच्छिक संस्था से शीघ्र सर्वे कराने की मांग को लेकर जिलाधिकारी के माध्यम से पीएम को पत्र भेजा है।

संगठन के लोगों ने संयोजक शंकर खड़ायत के नेतृत्व में डीएम के माध्यम से पीएम और जल संसाधन मंत्री को पत्र भेजा है। इस दौरान संगठन के लोगों ने कहा कि वाप्कोस कंपनी ने पंचेश्वर बांध पर किए गए वायदे पर्यावरणीय, सामाजिक एवं डीपीआर में बहुत सारी कमियां है।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने धरातलीय स्तर पर किसी प्रकार का सर्वे नहीं किया है, जिस कारण डीपीआर में कई त्रुटियां है। पंचेश्वर बांध की डीपीआर में भारत और नेपाल सीमा के मध्य पड़ने वाले जौलजीबी पुल को डूब क्षेत्र में नहीं दिखाया गया है, जबकि इससे तीन किमी ऊपर गांवो को डूब क्षेत्र में दिखाया गया है। इसलिए उन्होंने वाप्कोस कंपनी को हटाकर स्वैछिक संस्था से सर्वे कराने की मांग की है।

अब एंबुलेंस का रास्ता रोका,तो खोना पड़ सकता है अपना लाइसेंस

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अब आपको सड़क पर चलते समय एक बात का ध्यान रखना पड़ेगा की कहीं आप किसी एंबुलेंस का रास्ता तो नहीं रोक रहे।उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस की एक और पहल ‘निरोग’ में एंबुलेंस का रास्ता रोकने वाले के ऊपर कड़ी कार्रवाई का प्रवधान किया जा रहा है।शहर में बढ़ते ट्रैफिक और लोगों के रवैये को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने यह कड़ा कदम उठाया है जिसमें जो कोई भी पीछे से आ रही एंबुलेंस को रास्ता नहीं देगा उसे अपने लाइसेंस से हाथ धोना पड़ेगा।

इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में न्यूजपोस्ट से बात करते हुए ट्रैफिक निदेशक केवल खुराना ने बताया कि ,”इस प्रोजेक्ट को शुरु करने का सबसे बड़ा कारण था कि लोग आगे या पीछे से आने वाली एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते हैं जिसकी वजह से किसी की जान जा सकती है, और यह मैने कई बार अपनी गाड़ी में सफर करते हुए खुद देखा है।इस समय देहरादून में 157 एंबुलेंस चल रहे हैं और एंबुलेंस में चल रहे मरीज़ के लिए एक-एक मिनट जरुरी हैं ।ऐसे में लोगों का एंबुलेंस को रास्ता नहीं देना किसी की जान ले सकता है, इसी सोच के साथ हमने ‘निरोग’ की पहल करी ताकि सड़क में चल रहे लोग एंबुलेंस को जगह दें और उसमें चल रहे मरीज़ को समय से इलाज मिल सके।”

इसके अलावा खुराना ने बताया कि आने वाले 10 फरवरी से यह ‘निरोग’ प्रोजेक्ट देहरादून में शुरु कर दिया जाएगा और फिर दूसरे जिलों में भी लागू किया जायेगा।

उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस आए दिन कुछ अलग हटकर कर रही है जिससे आम जनता को फायदा मिल सके।इससे पहले बीते रविवार यानि 28 जनवरी को ‘सुखद’ नाम से एक सुविधा दी गई जिसमें सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक महिलाओं को शहर में पिक-अप और ड्रॉप की सुविधा दी गई थी जिसको तकरीबन 1800 लोगों ने इस्तेमाल किया।

आने वाले 10 फरवरी से शुरु होने वाले ‘निरोग’ योजना के लिए प्रशासन ने तो कमर कस ली है। अगली बार से एंबुलेंस को रास्ता दें और मानवता की मिसाल पेश करें।

नगर निगम घोटाले की जांच पर कुंडली मारे बैठी सरकार 

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रुद्रपुर, नगर निगम में हुए घोटालों की जांच रिपोर्ट शासन स्तर पर दबी हुई है। हालांकि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक खुद यह कह चुके हैं कि जांच रिपोर्ट न्याय विभाग में हैं और कार्रवाई होगी, मगर सवाल यह उठ रहा है कि आखिर कब? क्या नगर निगम चुनाव से पहले सरकार कार्रवाई कर पाएगी।

गौरतलब है कि पूर्व में हुई शिकायतों के बाद नगर निगम में हुए घोटालों की जिला स्तर पर जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट में अनेक अनियमितताओं का खुलासा हुआ था और संबंधितों पर कार्रवाई के लिए शासन को जांच रिपोर्ट भेजी गई थी। जांच रिपोर्ट भेजे भी अरसा बीत चुका है, मगर दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई।

खुद शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक तकरीबन एक माह पहले इस बात का खुलासा कर चुके हैं कि नगर निगम रुद्रपुर में हुए घपलों की जांच रिपोर्ट पर न्याय विभाग से रिपोर्ट मांगी गई है। मामले में दोषियों पर कार्रवाई होगी। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर न्याय विभाग से रिपोर्ट मिलने में कितना वक्त लगेगा? क्या नगर निगम चुनाव से पहले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो पाएगी? सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट को शासन स्तर पर लंबित रखने की हर कोशिश की जा रही है। कहा जा रहा है कि यदि सरकार अभी कार्रवाई करती है तो उसका नगर निगम चुनाव में विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। शायद यही वजह है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

नियमानुसार जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ तत्कार सख्त कार्रवाई की जाती, ताकि उन्हें आगे घपले करने का मौका नहीं मिलता, मगर जांच रिपोर्ट पर लिए जाने वाले फैसले को लंबित रखा जा रहा है। यदि शहरी विकास मंत्रालय कार्रवाई करना चाहता तो न्याय विभाग से तत्काल रिपोर्ट मंगा कर कार्रवाई की जा सकती थी।

एसआईटी की विवेचना में 211 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश   

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रुद्रपुर, एनएच 74 घोटाले की विवेचना कर रहे सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह जेल में बंद 15 आरोपियों में 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए नैनीताल रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायालय में दो निलंबित पीसीएस अफसरों समेत 12 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की अभी तक की विवेचना में 211 करोड़ रुपये का घोटाला प्रकाश में आ चुका है।

एसएसपी डा. सदानंद शंकरराव दाते का कहना है कि, “घोटाले की विवेचना कर रहे सीओ सिटी ने जेल में बंद 12 आरोपियों के खिलाफ 5804 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है, जिसमें 77 गवाह हैं।”विवेचक श्री सिंह कोर्ट में चार्जशीट पेश करने के लिए नैनीताल रवाना हो गए अौर बताया ,कि” भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायालय में निलंबित पीसीएस अफसर डीपी सिंह व भगत सिंह फोनिया समेत 12 लोगों के खिलाफ आज ही आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। चार्जशीट में जसपुर, काशीपुर व सितारगंज में 173.14 करोड़ का घोटाला सामने आया है। बाजपुर के कुछ मामलों में लगभग 38 करोड़ का घपला प्रकाश में आया है।” यहां बता दें कि एनएच 74 घोटाले में तीन पीसीएस अफसरों समेत 15 लोग जेल में बंद हैं।

एसएसपी ने बताया कि, “एसआईटी की अब तक की विवेचना में 211 करोड़ का घोटाला सामने आ चुका है जबकि विवेचना अभी चल रही है, यहां बता दें कि एनएच 74 के चौड़ीकरण में हुए भूमि अधिग्रहण के दौरान कृषि वाली जमीनों को बैक डेट में अकृषि कराकर कई गुना अधिक मुआवजा लेकर सरकार को भारी क्षति पहुंचाई गई थी। तत्कालीन मंडलायुक्त डी सेंथिल पांडियन की जांच में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था। उनकी जांच में तकरीबन तीन सौ करोड़ का घोटाला सामने आया था। अभी इस घोटाले में अन्य कई पीसीएस अफसरों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।

आजीवन सहयोग नीति पर बीजेपी साफ़ 

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ऋषिकेश, जहां एक और कांग्रेस, बीजेपी की आजीवन सहयोग निधि पर लगातार सवाल खड़े कर रही है तो वहीं बीजेपी ने साफ कर दिया है कि इस सहयोग नीति का फायदा आम जनता के लिए ही किया जाएगा। ऋषिकेश पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि, “आजीवन सहयोग निधि द्वारा पार्टी को लोगों से सहयोग मिल रहा है जिन का फायदा भविष्य में लोगों को ही होगा, कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि बीजेपी जिला अधिकारियों से सहयोग नीति ले रही है, अगर एक भी जिलाधिकारी यह बात कहता है तो वह राजनीती खुद छोड़ देंगे।”

 वहीं, राजस्थान उपचुनाव के नतीजे आने के बाद जहां एक और जीत से कांग्रेस जश्न मनाती दिख रही है तो वहीं हार के बावजूद बीजेपी के हौसले भी कायम बने हुए हैं। एक निजी कार्यक्रम में ऋषिकेश पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने राजस्थान उप चुनाव नतीजों पर बोलते हुए कहा कि, “चुनाव में हार जीत लगी रहती है और इस छोटी-सी हार से बीजेपी पर कोई असर नहीं होगा, राजस्थान में दुबारा बीजेपी कमल खिलाएगी और 2019 चुनाव भी BJP की शानदार जीत होगी।”
 

महाशिवरात्रि महोत्सव का आगाज, निकाली कलश यात्रा

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ऋषिकेश,  सोमेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि महोत्सव की धूम शुरू हो गई है। महाशिवरात्रि महोत्सव 2018 का आगाज मंदिर से निकली भव्य कलश यात्रा से हुआ।

तीर्थ नगरी में शुक्रवार की सुबह गंगा नगर स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर से महंत रामेश्वर गिरी महाराज के सानिध्य में धूमधाम के साथ कलश यात्रा निकाली गई। विभिन्न मार्गों से होते हुए कलश यात्रा त्रिवेणी घाट पहुंची जहां धार्मिक यात्रा में सम्मिलित तमाम श्रद्धालुओं ने महोत्सव की सफलता को लेकर मां गंगा से प्रार्थना की। बाद में वापिस मंदिर पहुंचकर कलश यात्रा का समापन हुआ।

इस वर्ष भी तीर्थनगरी के पौराणिक सोमेश्वर महादेव मंदिर में बेहद श्रद्धा और उल्लास के साथ महाशिवरात्रि महोत्सव मनाया जा रहा है। महोत्सव के दौरान मंदिर प्रांगण में 11 दिवसीय अभिषेकात्मक रूद्र महायज्ञ का आयोजन होना है। इसके अलावा मथुरा-वृंदावन के प्रसिद्ध कलाकारों के द्वारा रासलीला सहित महाशिवरात्रि मेला एवं शोभायात्रा भी महोत्सव के तहत धूमधाम के साथ निकाली जाएगी।

चारा घोटाला में फंसे लालू यादव को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत

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रांची, चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को अभी और दो सप्ताह तक जेल में ही काटना होगा।

शुक्रवार को लालू को झारखंड उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है। चारा घोटाला मामले में विशेष सीबीआई न्यायाधीश के फैसले को चुनौती देने वाली लालू यादव की याचिका पर शुक्रवार को झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह की बेंच में सुनवाई हुई। उन्होंने सीबीआई की विशेष अदालत से चारा घोटाला मामले में हुई सुनवाई और उसके फैसले की कॉपी मांगी है। इसके बाद मामले की सुनवाई को दो सप्ताह के लिए टाल दी।

लालू प्रसाद और उनके समर्थकों को यह उम्मीद थी कि हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल जाएगी, लेकिन कोर्ट के फैसले से सब निराश हो गए। देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके लाखों रुपये की निकासी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू समेत अन्य आरोपियों को सजा सुनायी थी ।

घूसखोरी रोकने के लिए सब रजिस्ट्रार की अनोखी पहल

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रुद्रपुर, उपनिबंधक दफ्तर में अब घूसखोरी पर प्रतिबंध लगाने के लिए सब रजिस्ट्रार महेश द्विवेदी ने अनोखी पहल की है। उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए तहसील परिसर में लाउडस्पीकर लगवा दिया है, जिसके जरिए यह प्रचार किया जा रहा है कि रजिस्ट्री कराने वाले लोग दलालों के चक्कर में न पड़े, जो धनराशि दी जाए, उसकी रसीद जरूर लें। यदि कोई उनसे अतिरिक्त शुल्क की मांग करें तो उनसे सीधे संपर्क करें। सब रजिस्ट्रार की इस पहल से रिश्वतखोरों में हड़कंप मचा हुआ है।

गौरतलब है कि हाल में ही भ्रष्टाचार की विभिन्न शिकायतों के बाद सब रजिस्ट्रार शिव प्रसाद पांडेय को निलंबित किया गया है। उनके निलंबन के बाद सब रजिस्ट्रार के पद पर ईमानदार छवि के महेश द्विवेदी को तैनात किया गया है। श्री द्विवेदी ने सब रजिस्ट्रार दफ्तर के नाम से दलालों द्वारा ली जाने वाली घूस की रकम पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। उन्होंने अपनी आवाज में बाकायदा रिकार्डिंग की है कि रजिस्ट्री के नाम पर किसी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क न दिया जाए। यह भी स्पष्ट किया है कि रजिस्ट्री दफ्तर में अधिकतम कितनी फीस ली जाती है, कहा है कि रजिस्ट्री के लिए अनाधिकृत व्यक्तियों एवं दलालों के चक्कर में न पड़े तथा सही जानकारी व संपत्ति के सही फोटो ही लगाए जाएं। रिकार्डिंग में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टारलेंस नीति के तहत जिलाधिकारी से हुई वार्ता के क्रम में लोग सब रजिस्ट्रार दफ्तर में होने वाली किसी भी असुविधा के लिए उनसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। इस रिकार्डिंग को तहसील परिसर में बाकायदा लाउडस्पीकर लगा कर प्रचारित किया जा रहा है। यहां बता दें कि सब रजिस्ट्रार दफ्तर में दो प्रतिशत तक की घूस लिए जाने की शिकायतें पहले से ही आम हैं। घूसखोरी रोकने के लिए सब रजिस्ट्रार ने यह प्रभावी कदम उठाया है। सब रजिस्ट्रार के इस कदम से दलालों में हड़कंप मचा हुआ है। सब रजिस्ट्रार उन लोगों से भी बात कर रहे हैं जो रजिस्ट्री कराने उनके दफ्तर में आ रहे हैं। उनसे यह पूछा जा रहा है कि कहीं किसी ने उनसे ज्यादा शुल्क तो नहीं लिया। कहीं दफ्तर के खर्चे के नाम पर घूस की रकम तो नहीं वसूली जा रही है।

निलंबन पर भड़के कर्मचारी, कार्य बहिष्कार व धरना शुरू 

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रुद्रपुर/हल्द्वानी, उच्च शिक्षा निदेशक और दो प्राचार्यों समेत चार के निलंबन से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। कार्रवाई के विरोध में रुद्रपुर डिग्री कालेज के प्रोफेसरों ने कार्य बहिष्कार किया तो कर्मचारियों ने धरना दिया। वहीं हल्द्वानी में सभी कर्मचारियों ने आज और कल कार्य बहिष्कार का किया ऐलान कर दिया। उच्च शिक्षा निदेशालय और कॉलेज में कर्मचारी धरने पर बैठ गए।

कार्य बहिष्कार से छात्रों के प्रैक्टिकल के साथ ही सभी कार्य बाधित हो गए। कर्मचारियों ने पांच फरवरी से प्रदेश भर में अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी चेतावनी है। हल्द्वानी में उच्च शिक्षा निदेशक और प्राचार्य के निलंबन के विरोध में एनएसयूआई ने उच्च शिक्षा मंत्री का पुतला फूंक कर विरोध जताया।

गौरतलब है कि फेल छात्र छात्राओं को नियमों के विपरीत प्रवेश देने के मामले में सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए उच्च शिक्षा निदेशक बीसी मेलकानी, एमबीपीजी कालेज के प्राचार्य डा. जगदीश प्रसाद, देवीधुरा डिग्री कालेज के प्राचार्य डा. एसएस उनियाल समेत चार लोगों को निलंबित किया गया था। बताया जाता है कि हल्द्वानी में हुए छात्र संघ चुनाव में एनएसयूआई की प्रत्याशी मीमांसा आर्य को नियमों के खिलाफ प्रवेश देने का आरोप है। उच्च शिक्षा मंत्री की नाराजगी के बाद यह कार्रवाई की गई है। इसके विरोध में रुद्रपुर डिग्री कालेज में कर्मचारियों ने धरना दिया।