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पचौरी यौन उत्पीड़न के मामले की मीडिया में रिपोर्टिंग पर रोक नहीं

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नई दिल्ली, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने पर्यावरणविद् और टेरी के पूर्व प्रमुख आरके पचौरी की उनके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न के मामले की मीडिया में रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी है। एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज सुमित दास ने अपने फैसले में सभी मीडिया संस्थानों को सलाह दी है कि वे खबर छापने से पहले पचौरी या उनके प्रतिनिधि का मत भी छापें और ये बताएं कि ये मामला कोर्ट में लंबित है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि रिपोर्टिंग करते समय गर्मी पैदा करने की बजाय रोशनी देनी चाहिए।

दरअसल पचौरी के खिलाफ फरवरी 2015 में उनके एक महिला सहकर्मी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। पचौरी ने मीडिया संस्थानों द्वारा इस केस की कवरेज पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा कि खबर छापने से पहले अगर पचौरी या उनके प्रतिनिधि अपना पक्ष नहीं रखते हैं तो खबर में ये लिखना जरुरी है कि उनका पक्ष लेने की कोशिश की गई थी।

इस मामले में मीडिया संस्थानों और सामाजिक कार्यकर्ता वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट से कहा कि उन्हें जनहित से जुड़ी खबरें छापने का हक है| ऐसा करने से रोका नहीं जा सकता है।

पचौरी ने अपनी याचिका में कहा था कि मीडिया में उनके खिलाफ अपमानजनक बातें की जा रही हैं| इससे उनकी छवि धूमिल हो सकती है। इसलिए मीडिया को इस मामले की रिपोर्टिंग करने पर रोक लगाई जानी चाहिए।

 

पहल: उत्तरकाशी ज़िला प्रशासन ने सरकारी दफ्तरों में की ये स्वच्छ पहल

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उत्तरकाशी जिले में प्रशासन की एक नई पहल ने स्वच्छ उत्तरकाशी की तरफ सफर शुरू कर दिया है। इस मुहिम के तहत सभी विभागों को प्लास्टिक फ्री ज़ोन बनाने के लिये इको फ्रेंडली रिगांल से बने डस्टबिन सभी कार्यालयों में लगाये गये हैं।

इस कवायद के लिए डीएम डॉ आशीष कुमार चौहान ने बताया कि, “पर्यावरण के लिए भी यह अच्छा संदेश है वहीं जब हम सब इसे अपने जीवन में पूरी तरह अपना लेंगे तो प्लास्टिक पर पूरी तरह बैन भी लग पाये।”

 WhatsApp Image 2018-02-14 at 10.24.35इसके लिये बांस परिषद के कर्मचारियों से मदद ली गई। बांस परिषद के कोऑर्डिनेटर विपिन पंवार ने न्यूजपोस्ट को  बताया, “उत्तरकाशी के भटवारी, डुंडा,मोरी  व पुरोला ब्लॉक में कम से कम 100-1200 काश्तकार हैं जो रिगांल से उत्पाद बनाते हैं। यह पहल उनके लिये भी अच्छी खबर है। रोज़गार के साथ साथ उन्हे पर्यावरण के लिये भी कुछ करने को मिलेगा।”

उत्तराखंड के जंगलों मे पाया जाने वाला रिंगाल एक ऐसा पेड़ है जो कि पारंपरिक रूप से स्थानियों लोगों द्वारा उपयोग में लाया जाता था, लेकिन प्लासटिक के आने से लोग इसे कुछ हद तक भुला चुके थे, लेकिन डीएम और बांस परिषद के प्रयासों से इस खोई कला को दोबारा से इस्तेमाल में लाया जा रहा है।

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इस काम के लिये दो तरह के डस्टबिन बनाये गये थे जिनमे से प्रशासन ने एक सैंपल को फाइनल किया। इस तैयार बिन की कीमत 180-200 रुपये के बीच है और फिलहाल करीब 150 ऐसे डस्टबिन बनाये जा रहे हैं। काश्तकारों को एक डस्टबिन बनाने में करीब 1-2 दिन का समय लगता है औऱ इन दिनों ये काम ज़ोरों पर चल रहा है।

इसके अलावा प्रशासन द्वारा गंगोत्री और यमुनोत्री आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को मंदिर का प्रसाद भी रिंगाल से बनी टोकरियों में देने के बारे में विचार किया जा रहा है। अगर ऐसा होता है तो ये उत्तरकाशी और उत्तराखंड को स्वच्छ बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

चाय की प्याली से उठा उबाल अब किस और गिरेगा उत्तराखंड भाजपा संगठन 

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देहरादून, कहते हैं राजनीति में ना कोई दोस्त होता ना कोई दुश्मन। मजबूत होता है तो सिर्फ एक मौका, इस मौके का अगर किसी ने अच्छे से फायदा उठा लिया तो उसकी कुर्सी की पकड़ मजबूत होती जाती है। लेकिन जरा सी चूक सत्ता की कुर्सी के पाव को उखाड़ने में देर नहीं करती।

कुछ ऐसा ही नजारा है उत्तराखंड भाजपा के अंदर भी। प्रचंड बहुमत के बाद भी त्रिवेंद्र रावत सरकार कहीं ना कहीं अपनों से ही घिरती जा रही है। प्रदेश के मुखिया अपने कुनबे को सही ढंग से संभालने में कहीं ना कहीं चूक गए हैं ,जिसका नतीजा 11 महीने में ही उत्तराखंड में दिखने लगा है ।उत्तराखंड की राजनीति के दिग्गज कहीं ना कहीं उत्तराखंड में नेतृत्व के खिलाफ एकजुट होकर अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए तैयार बैठे हैं।

लगातार उपेक्षा अनदेखी और हठधर्मिता कहीं ना कहीं त्रिवेंद्र रावत के सामने अब चुनौती बन कर आ रही है ।कांग्रेस से आकर नए-नए भाजपाई बने नेता और हाशिए पर चले गए भाजपा के दिग्गज नेता और विधायक कहीं ना कहीं असंतोष से गुजर रहे हैं, जिसके चलते राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई है ।

सत्ता के गलियारों में हर रोज नई नई खबरें त्रिवेंद्र सरकार की मुसीबतों को बढ़ा दी जा रही है। हरभजन सिंह चीमा, बिशन सिंह चुफाल,प्रणव चैंपियन व मुन्ना सिंह चौहान सहित कई विधायक सरकार के रवैए से खफा है। चैंपियन की दिल्ली दरबार में दस्तक को भाजपा सरकार और संगठन पचा नहीं पा रहे हैं। अब अनुशासनहीनता के चलते नोटिस देने की बात कर रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का कहना है कि आखिर प्रदेश संगठन को दर किनारे करके प्रणव चैंपियन को किस वजह से दिल्ली जाना पड़ा?

अगर उत्तराखंड के सत्ता इतिहास को देखा जाए तो यहां अनदेखी के शिकार से कई बार सत्ता परिवर्तन हुए हैं ,इस बार भी चिंगारी उठी है जो दूर तलक जाएगी?

मोदी सरकार की नीतियों को लेकर उठाएंगे सवाल, समर्थन के लिए उत्तराखंड पहुंचे अन्ना

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ऋषिकेश, अपने जीवन को समाज के लिए समर्पित करने के उद्देश्य को सार्थक करने में जुटे अन्ना हजारे एक बार फिर रामलीला मैदान में गर्जना करेंगे, जिसके लिए अन्ना ने देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में अन्ना हजारे उत्तराखंड दौरे पर भी आए हैं।

उनका पहला प्रवास ऋषिकेश के गौहरीमाफी से शुरू हुआ। अन्ना हजारे ने 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में शुरू होने जा रहे आंदोलन के लिए उत्तराखंड में जनसमर्थन जुटाने की शुरुआत ऋषिकेश के प्राचीन सत्यनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ की।

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इसके बाद वह गौहरीमाफी ग्रामसभा में आयोजित जनसभा को संबोधित करने पहुंचे  जहा कहा कि, “केंद्र की मोदी सरकार भ्रष्टाचार रोकने में नाकाम रही है, केंद्र सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है। देश भर में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। क्योंकि किसानों को उपज का सही मूल्य नहीं मिलता इसलिए वह खुदकुशी कर रहे हैं। केंद्र सरकार के अभी तक के कार्य समाज हित में नहीं हैं। किसानों व शोषित वर्ग की समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। सरकार उद्योगपतियों को बढ़ाने के प्रयास में जुटी है, लेकिन अब सरकार के इस खेल को खत्म करना होगा। इसके लिए पूरा देश उनके साथ 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में देश का दूसरा सबसे बड़ा आंदोलन करने जा रहा है। इस बार देश के किसानों को कर्ज मुक्त बनाने और लोकपाल बिल,चुनाव पारित कराने की लड़ाई लड़ी जाएगी।”

इसके लिए अन्ना  देश के 20 राज्यों में लोगों से मिल चुके हैं।,अभी वह संगठन को मजबूत कर रहे हैं। इस बार आंदोलन निर्णायक होगा, यह उनके जीवन की अंतिम लड़ाई होगी । उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार आमजन को भूलकर उद्योगपतियों की खिदमत में लगी है, उसे जनता की कोई फिक्र ही नहीं है।

अन्ना ने कहा कि देश में किसानों की आत्महत्या नहीं थम रही है, इसकी वजह सरकार की गलत नीतियां हैं। सभा में उमड़े जनसमुदाय से दिल्ली पहुंचने और पहुंचने में अक्षम लोगों से अपने गांव, तहसील और जिले में शांतिपूर्वक आंदोलन करने की अपील की।

केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 29 अप्रैल को खुलेंगे

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देहरादून ,विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ के धाम  2018 की यात्रा के लिए  29 अप्रैल  प्रातः  6:15 पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। परंपरा के अनुसार शिवरात्रि के दिन कपाट खुलने की तिथि  को तय किया जाता है।  श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि उखीमठ में विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि को पंचाग गणना के अनुसार तय की  जाती है।

श्री केदारनाथ जी के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में कपाट खुलने की तिथि निर्धारित किये जाने के लिये प्रात: 8 बजे से  कार्यक्रम शुरु हो गया था। कार्यक्रम में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति, हक-हकूक धारी, स्थानीय जनता एवं श्रद्धालु- दानीदाता शिरकत करेंगे। मंदिर समिति  द्वारा कार्यक्रम की तैयारियां की जा रही हैं।

श्री केदारनाथ मंदिर के  कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के साथ ही शीतकालीन पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ भगवान की चलविग्रह डोली के प्रस्थान की भी तिथि 26 अप्रैल तय हुई। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल ,मुख्यकार्याधिकारी बी.डी. सिंह, रावल भीमाशंकर लिंग उपस्थित रहे।

मीट कारोबारियों ने गंगा घाटों पर की सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग

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हरिद्वार। जन सेवा युवा समिति के अध्यक्ष विकास कुमार व उनकी टीम ने गंगा में बहाये जा रहे मांस के टुकड़ों को लेकर मीट कारोबारियों से ज्वालापुर के कस्साबान मौहल्ले में मंगलवार को बैठक कर विचार विमर्श किया। बैठक में मीट कारोबारियों ने भी गंगा में मिल रहे मांस के टुकड़ों पर हैरानी जताई जबकि जन सेवा युवा समिति के अध्यक्ष विकास कुमार ने मीट कारोबारियों से सुझाव लिये। इस अवसर पर अध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि लगातार गंदे नाले से गंगा मंे मीट के टुकड़े बहाये जा रहे हैं जिससे विवाद उत्पन्न हो रहा है। मीट कारोबारियों को जनमानस की भावनाओं का आदर सम्मान करना चाहिये। किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न नहीं होना चाहिये। एकता भाईचारा दिखाते हुए हमें सभी की भावनाओं का आदर सत्कार करना होगा। कहाकि गंगा में बहाये जा रहे मीट के टुकड़े डालने वालों को स्वयं मीट कारोबारियों को चिन्हित कर अंकुश लगाना चााहिये। जिससे शहर का माहौल शांत रहे तथा किसी भी प्रकार का विवाद उत्पन्न ना हो। बैठक में अब्दुल सत्तार ने मीट कारोबारियों से आग्रह किया कि गंगा में मीट के टुकड़े गंदे नाले से नहीं बहाएं। गंगा सभी धर्म समुदाय की आस्था का केन्द्र है। किसी भी रूप से भावनायें आहत नहीं होनी चाहिये। मीट कारोबारियों मीट की वेस्टेज को डम्प करने की व्यवस्था को दुरुस्त करें। साथ ही ऐसे कारोबारी को चिन्हित करें जो कि हरिद्वार की फिजा को खराब करने में लगे हुए हैं। मीट कारोबारी उस्मान, ईनाम, मेहरबान, वसीम, आमिर, आरिफ, शाहबाज, आसिफ, दानिश ने भी बैठक में अपने विचार रखे। कहा कि मीट कारोबारी अपनी दुकानों के आस पास नियमित रूप से सफाई रखते हैं। साथ ही गंगा में किसी भी प्रकार के मांस के लोथड़े कारोबारियों द्वारा नहीं बहाये जा रहे हैं लेकिन कुछ असमाजिक तत्व माहौल को खराब करने की नीयत से ऐसा काम कर रहे है। उन्होंने प्रशासन से भी ऐसे व्यक्ति को चिन्हित कर कार्यवाही की मांग की। मीट कारोबारियों ने एक सुर में कहा कि धार्मिक आयोजनों एवं अन्य पर्वों पर स्वयं ही कारोबारी अन्य धर्म समुदाय के लोगों की आस्था को देखते हुए मीट का कारोबार बंद कर देते हैं। विवाद के निस्तारण को लेकर शासन प्रशासन को गंगा घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगा देने चाहिये जिससे असमाजिक तत्वों पर रोक लगेगी साथ ही गंगा मंे मैला कुचैला एवं वेस्ट मांस के लोथड़े डालने वालों को भी चिन्हित किया जा सकेगा। बैठक में जन सेवा युवा समिति के सदस्यों में सचिन जोन, रजत वर्मा, सूरज भारती, करण क्षेत्री, विक्की राजपूत, सत्यम चैहान आदि उपस्थित रहे।

इलाज के लिए तय करनी पड़ रही 28 किमी की दूरी

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चकराता/विकासनगर। राजकीय एलोपेथिक अस्पताल मयरावना में तैनात स्टॉफ बीते एक सप्ताह से गायब हैं। अस्पताल पर ताला लटका हुआ है। लोगों को इलाज के लिए 28 किमी दूर चकराता और विकासनगर की दौड़ लगानी पड़ रही है।

अस्पताल में एक चिकित्सक, फार्मासिस्ट और वार्ड ब्वॉय की तैनाती की गई है। लेकिन तीनों ही बीते एक सपताह से गायब हैं। लोगों का कहना है कि अस्पताल पाटी, रावना, बुरास्वा, शिरबा, बगोती, टुंगरोली, मैपावटा, बेहमू, कोल्हा, डेरिया, कोटुवा, घण्ता गांव समेत 14 गांव का केंद्र बिंदु हैं। क्षेत्र में अस्पताल के सिवाए कोई दूसरा प्राइवेट और सरकार अस्पताल नहीं है। ऐसे में चिकित्सक और फार्मासिस्ट न होने से लोगों को अस्पताल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण केशरदास, टीकाराम, दौलत रावत, सरदार सिंह, मेहर सिंह आदि का कहना है कि डॉक्टर और अन्य स्टॉफ मनमर्जी से अस्पताल में आते हैं। जिसके चलते लोगों को अस्पताल का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कोई उच्चाधिकारी कभी अस्पताल का निरीक्षण भी नहीं करते।
सीएमओ डॉ. वाईएस थपलियाल ने कहा कि मामले में संबंधित डॉक्टरों और स्टॉफ का स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा। ड्यूटी में हीलाहवाली बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हरिद्वार को स्वच्छ और सुंदर बनाने में प्रशासन का सहयोग करे जनताः डीएम

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हरिद्वार। महाशिवरात्रि के मौके पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने हरिद्वार की जनता से अपील की है कि अगर उनका साथ दें तो वो धर्मनगरी को अद्भुत, अकल्पनीय और अद्वितीय बनाना चाहते हैं। दीपक रावत चाहते हैं कि हरिद्वार को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए लोग जिला प्रशासन की मुहिम से जुड़ें।
अपने काम की वजह से चर्चाओं में रहने वाले दीपक रावत का कहना है कि उत्तराखंड का हर एक जिला अपने आप में अपनी कहानी कहता है। इससे पहले भी वह जिन जगहों पर रहे हैं, वह बेहद खूबसूरत है और वहां के लोग भी लेकिन हरिद्वार धर्म नगरी के साथ एक अलग शहर है। लिहाजा अकेले प्रशासन से कुछ नहीं होगा, इसके लिए हरिद्वार की जनता को भी आगे आना होगा।
दीपक रावत ने कहा कि हरिद्वार के लोग बड़े दिलवाले हैं और समझदार भी हैं इसलिए उन्होंने लोगों से अपील की है कि हरिद्वार को स्वच्छ बनाने की जो मुहिम जिला प्रशासन ने चलाई है, उसमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। दीपक रावत ने कहा कि बीते दिनों से हरिद्वार में चलाए जा रहे सफाई सर्वेक्षण में यहां की जनता ने प्रशासन का खूब साथ दिया है और उन्हें उम्मीद है कि जिला प्रशासन आगे जो भी कदम हरिद्वार को अलग पहचान दिलाने में उठाएगा जनता उनके साथ रहेगी।
पवित्र नगरी हरिद्वार के बारे में दीपक रावत ने अपनी राय देते हुए कहा कि प्रत्येक 12 साल में लगने वाले कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर राज्य सरकार जो कदम उठा रही है, वह हरिद्वार की जनता को बेहद पसंद आने वाले हैं। इस बार का कुंभ मेला पिछले कुंभ मेले के मुताबिक कुछ अलग होगा। राज्य सरकार इस बार हरिद्वार में कुंभ मेले को कुछ इस तरह से बसाना चाहती है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ हरिद्वार की जनता को ना केवल उसका लाभ मिल सके बल्कि किसी तरह की कोई भी दिक्कत लोगों को ना आए।
दीपक रावत ने कहा कि वह हरिद्वार में रहते हुए यहां के स्कूलों, कॉलेजों और दूसरे शिक्षा संस्थानों की हालत में सुधार ला पाएं। डीएम इसके लिए हरिद्वार के कई कॉलेजों को डिजिटल फॉर्मेट में लाना चाहते हैं। जिसके लिए उन्होंने कुछ स्कूलों को चुना भी है, जिसमें जल्द ही छात्रों को डिजिटल लाइब्रेरी के साथ-साथ इंटरनेट से मिलने वाली दूसरी सुविधाओं का भी लाभ मिलेगा। साथ ही अगर किस को उनकी जरूरत महसूस होती है, तो बेझिझक उन्हें कोई भी फोन कर सकता है। हर रोज अपने दफ्तर में वह लगभग 100 से डेढ़ सौ लोगों से मिलते हैं, जिनसे मिलकर उन्हें ना केवल अच्छा लगता है बल्कि यह भी लगता है कि अभी भी हरिद्वार में बहुत कुछ होना बाकी है। जिसके लिए वह निरंतर प्रयास कर रहे हैं और करते रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी में बजट के लिये मांगी लोगों की राय

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मुख्यमंत्री ने उत्तकाशी के गंगाणी में ’’आपकी राय-आपका बजट’’ कार्यक्रम के तहत क्षेत्र के किसानों से सीधा संवाद कर उनकी बाते सुनी। उन्होंने प्रदेश के आगामी बजट में गांवो के विकास एवं कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये किसानों के सुझाव लिये।
जनता का बजट जनता से पूछकर ही बनाया जायेगा-मुख्यमंत्री
इस पहल के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि, “आगामी बजट जनता से पूछकर बनाया जायेगा, यह पूरी तरह जनता का बजट होगा। हमनें एक नई शुरूआत की है। आम आदमी, गांववासियों, युवाओं , महिलाओं, सैनिकों, अनुसूचित जनजातियों सहित समाज के प्रत्येक वर्ग के सुझाव बजट में शामिल किये जायेंगे। केन्द्र सरकार द्वारा कृषि व सम्बिधत क्षेत्र के लिये 6000 करोड़ रूपये प्रदान किये गये है।”
यहां लोगों से बजट के लिये सुझाव लेते हुए मुख्यमंत्री ने अरनी सरकरा की तरफ से किसानों के लिये रोडमैप के बारे में बात की।
फूड प्रोसेसिंग से किसानों की उन्नति होगी 
मुख्यमंत्री ने किसानों से कहा कि, “फूड प्रोसेसिंग द्वारा कृषि उत्पादों की वैल्यू एडिशन होती है । किसानों को फूड प्रोसेसिंग व अच्छी पैकेजिंग पर ध्यान देना होगा। जहां विदेशों में कुल कृषि उत्पादों की 40 प्रतिशत तक फूड प्रोसेसिंग होती है हमारे देश में यह अभी मात्र 15 प्रतिशत ही है।”
इन्टिग्रेटेड फार्मिग को अपनाये किसान
किसानों को परम्परागत कृषि उत्पादों के अतिरिक्त मधुमक्खी पालन जैसे अन्य सम्बन्धित कार्यो पर भी ध्यान देना होगा। हमें इन्टिग्रेटेड फार्मिग की ओर आधिक प्रोत्साहित करना होगा।
इस कार्यक्रम में क्षेत्र के किसानों ने मुख्यमंत्री को कृषि से सम्बन्धित विभिन्न सुझाव दिये।अब देखना ये होगी कि किसानों से मिले ये सुझाव राज्य के बजट में अपने लिये कितनी जगह बना पातेहैं।

उत्तरकाशी लिंगानुपात के मामले में देश व दुनिया में ब्रांड एम्बेसडरः सीएम

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देहरादून। उत्तरकाशी जिले में 1000 पुरुषों पर 1097 महिलाएं हैं। उत्तरकाशी जिले ने बेटियों को सरंक्षण दिया है। यह देश व दुनिया के सामने एक उदाहरण है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को उत्तरकाशी जनपद के तहसील बडकोट के गंगाणी में पौराणिक, धार्मिक सांस्कृतिक बसंत मेले के शुभारंभ के मौके पर यह विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मात्र घोषणाएं करने में विश्वास नहीं है। वह शासनादेश के द्वारा कार्य करने में विश्वास करते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा यमुना वैली में पलायन नहीं हुआ है। यहां के लोग बागवानी करते है, खेती करते है व स्वरोजगार करते है। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल उत्पादन के अलावा खाद्य प्रसंस्करण व पैंकेजिंग पर ध्यान देना होगा। किसानों को सीधी मार्केटिंग पर भी विशेष बल देना होगा। किसान सहकारिता को अपनाएं। किसानों को प्रोफेशनल बनना होगा। चेन बनाकर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों की क्लबिंग की जाएगी ताकि बच्चो व शिक्षकों को लाभ हो। सरकार द्वारा 400 डॉक्टरों को भर्ती किया गया है ताकि दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाएं पहुचाईं जा सके। 900 नर्सो की भर्ती की जा रही है। नौगावं के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में टेलीमेडिसन व टेलीरेडियालोजी सेवा आरम्भ की जाएगी। 670 न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर के रूप में विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को 11 महीने पूरे होने जा रहे है। हमने कोशिश की भ्रष्ट्राचार को हर स्तर से समाप्त किया जाए। भ्रष्टाचार व निजी हितों से सामाजिक कार्यो में बाधा उत्पन्न होती है। शासन स्तर पर ऐसे अधिकारियों में जिम्मेदारी दी गयी है जिनके निजी हित विकास कार्यो में बाधा नही डालते। हम भ्रष्टाचारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार के पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्य नही कर रहे है। किसी को भी गरीब का पैसा हजम नही करने देंगे। भ्रष्टाचार से गरीब जनता को सबसे अधिक नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की पहलों को जनता को पूरा सहयोग मिल रहा है। हमने जो भी कदम उठाए उसमें जनता ने हमारा पूरा समर्थन किया। हमारी सरकार गरीब, मजदूरो व किसानों की सरकार है। केन्द्र सरकार के बजट में गांव के विकास का विशेष ध्यान रखा गया है। फरवरी से एलईडी का वितरण आरम्भ कर दिया जायेगा। यह जनता के लिये सस्ते दर पर उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विकास खण्ड मोरी के जखोल में निरीक्षण भवन के निमार्ण, मोरी नेटवाड़ साकरी 12 किमी मोटर मार्ग, मोरी ओसला बिनगोड़ा खड़ आरसीसी पुल का निर्माण, गंगाड़ पवाड़ी पैदल मार्ग की मरम्मत, सटूडी से शिवाडी खडड तक पैदल स्टील गार्डर सेतु के निमार्ण आदि विभिन्न निमार्ण कार्यो के शासनादेश निर्गत किये जाने की जानकारी दी।